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Erotica सिमरन

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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प्यार का मतलब है पूर्ण समर्पण
 

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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मेरा नाम समीर है। मै अजबपुर शहर मे अपने परिवार के साथ रहता हु। मेरे परिवार मे हम 5 लोग है।
पापा: रमेश
मम्मी: गीता
बहने : रानी, प्रिया
और मै समीर
मै अपने मम्मी का लाडला हु पर पापा से डरता हु। मै थोड़ा अपने मे गुम रहने वाला इंसान हु। घर से बाहर की दुनिया से मुझे ज्यादा मतलब नही रहता। मै अपनी बहनो के साथ हि खेलता हु। पापा की कपड़ो की दुकान है। घर मे सब सुख सुविधाएं है। मम्मी भी पापा के साथ दुकान पर बैठती है। घर मे तीन कमरे, हॉल, किचन और एक गेस्ट के लिए कमरा है। एक कमरा मम्मी पापा का है। एक मेरा और एक दोनो दीदी का। मेरे रूम मे कम्प्यूटर लगा हुआ है। मेरी दोनो बहने मुझसे बड़ी है। रानी दी मुझसे 5 साल बड़ी है और प्रिया दी 2 साल बड़ी है। मै बहनो के साथ उनके हि खेल खेलता था। हमारा पसंदीदा खेल था घर-घर, जिसमे रानी दी मेरी माँ बनती और प्रिया दी मेरी पत्नी। प्रिया दी मेरी पत्नी बनकर हमारी सेवा करती। हमे इस खेल मे बहुत मजा आता था। जब मैन 9वी क्लास मे आया तब स्कूल मे साथियों से मुझे पोर्न मूवीज के बारे मे पता चला। अब मै रोज़ रात को अपने कम्प्यूटर पर पोर्न मूवी देखता और मुठ मारता। ये मेरा रोज़ का काम बन गया। कभी कभी तो रात मे 2-3 बार भी हो जाता। इसी तरह समय गुज़रता गया और मेरे अंदर हवस की आग बढ़ती चाली गयी। अब मै 12वी मै आ गया। इस समय रानी दी एक ब्यूटीपार्लर मे काम करने लगी जो पापा की दुकान के बगल मे हि है। दुकान घर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है। पापा सुबह 9बजे दुकान निकल जाते। मेरा स्कूल सुबह 7 से 1 बजे तक रहता और प्रिया दी का कॉलेज सुबह 8 से 12 रहता। मम्मी और रानी दी सुबह 11 बजे घर का सब काम निपटा कर दुकान जाते। रानी दी शाम को 4 बजे तक वापिस घर आ जाती। मम्मी 7 बजे तक घर आती और पापा को तो रात के 10-11 बज जाते। अब मै मम्मी और बहनो के बारे मे बता दु। मम्मी और रानी दी का रंग दूध जैसा गोरा है। प्रिया दी और मै संवाले रंग के है। मम्मी के मुम्मे कम से कम 38 होंगे। गांड 44 होगी। पापा का लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। वो आज भी मम्मी की चीखे निकाल देते है। आज भी लगभग हर रात वो मम्मी को जमकर चोदते है। मम्मी हमेशा साड़ी हि पहनती है। ब्लाउज मे से उनके आधे मुम्मे बाहर निकले रहते है। मम्मी इस पर ज्यादा ध्यान नही देती। पर मै अब इन मुम्मो को दबाने चूसने हुए इनसे खेलने के लिए मरा जा रहा हु। दूसरी मेरी रानी दी लम्बा प्यारा चेहरा ऐसा की कोई भी पागल हो जाये। मुम्मे 32 के गांड 34 की। फिगर पूरा मेन्टेन किया हुआ है। कही एक इंच भी ज्यादा चर्बी नही है। अभी तक सब कुछ पैक रखा हुआ है। पार्लर जाने के कारण थोड़ा मैकअप करती है। ज्यादातर सूट हि पहनती है। पूरा शादी मटेरियल है। मेरी प्रिया दी एकदम मस्त। किसी चीज़ से ज्यादा मतलब नही ना सजना ना संवरना।ज्यादातर मेरे हि कपड़े पहनती है। इसमे शरीर मे माँ का गुण है। मुम्मे 34 के गांड 36 की। पूरा भरा हुआ शरीर। गोल चेहरा। घर-घर के खेल मे हम पति-पत्नी बनते थे इसीलिए मै अभी भी कभी कभी इसे बीवी कह देता हु और दी भी प्यार से मुझे सुनो जी जैसे बुलाती है। मेरी पोर्न मूवीज देख देखकर सोच बदल चुकी थी। अब मुझे चूत चाहिए थी। लड़कियों से बात करने मे मै फट्टू हु। इसीलिए मै अब मम्मी के मुम्मे दखता और रात मे पापा मम्मी की चुदाई देखकर मुठ मारने लगा। अब मेरी हवस बेकाबू होती जा रही थी। एक दिन मै स्कूल से आया। घर का दरवाजा खोला अंदर गया। अपना बैग रखा और प्रिया दी के कमरे मे गया। कमरे मे जाते हि मै बूत जैसा बन गया। सामने प्रिया दी कपड़े बदल रही थी। उन्होंने नीचे निकर डाला हुआ था और उप्पर टॉप पहन रही थी। इस समय उनके हाथ उपर थे और हाथो मे टॉप चेहरे के सामने फसा हुआ था। वो उसे नीचे करने की कोशिश कर रही थी पर वो अटक गया था। मेरे सामने दी के 34 साइज के मुम्मे ब्रा मे कसे हुए तने खड़े थे। बिल्कुल टाइट यम्मी यम्मी बूब्स। मन कर रहा था जाके निचोड़ लु इनको पर मुझे डर भी लग रहा था। पर मेरा लंड तो तन कर फटा जा रहा था। मेने सोचा जो होगा देखा जायेगा आगे तो बढ़ता हु।
मै: क्या हुआ बीवी टॉप फस गया क्या। खो तो मैन मदद करू।
दी पहले तो थोड़ा सकपका गयी पर फिर बोली
दी: क्यो नही जी आप नही करेंगे तो कोन करेगा
और ये कहकर वो खिलखिला उठी। मै उनके बूब्स को खा जाने वाली नज़रों से देखते हुए आगे बड़ा और उनका टॉप पहनने मे मदद की। इस दौरान मेने उनके बूब्स एक दो बार टच भी किये। उन्होंने इस पर ध्यान नही दिया पर मेरी हालत खराब हो गयी। मै भागकर बाथरूम गया उनके नाम की मुट्ठी मारी तब मुझे चैन मिला। हमने खाना खाया। दी सोने चाली गयी पर मेरी नींद हराम कर गयी। अब बस मुझे कैसे भी दी को चोदना है बिल्कुल वैसे हि जैसे पापा मम्मी को चोदते है। मै बस सोचे जा रहा था क्या करू कैसे करू। इधर रानी दी के रिश्ते की बात चल रही थी।
 
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कुछ दिन इसी उधेड़बुन मे गुज़रते गये। अब मै प्रिया दी को ज्यादातर अकेले मे बीवी कहकर बुलाता। वो भी मेरा साथ देती। मै उनके साथ मस्ती भी करता और मस्ती मस्ती मे उनके बदन के भी मजे लेता। उन्होंने कभी इस पर गौर नही किया। आज रानी दी का रिश्ता तय हो गया। 2 महीने बाद उनकी शादी की डेट फिक्स हुई। घर मे तैयारियों का माहौल सुरु हो गया। अपनी शादी मे रानी दी ने प्रिया दी का भी पार्लर मे मैकअप करवाया। शादी के दिन तो प्रिया दी ने गार्डन मे बॉम्ब गिराए। पता नही कितने लोगो ने घर जाकर उनके नाम की मुठ मारी। मेने उस रात गार्डन के टॉयलेट मे कम से कम 5 बार मुठ मारी। अब तो मै पागल हो उठा की कैसे भी अब तो दी को चोदना हि है।
 
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अब मै रोज़ यही प्लान बनाने लगा की प्रिया दी को कैसे चोदु। रानी दी अपने ससुराल चली गयी। अब दिन भर घर मे मै और प्रिया दी अकेले रहते। मुझे कोई प्लान नही सुझा तो मेने पुराना दांव ही खेला। खाना खाकर जैसे हि दी सोने जाने लगी। मेने उनसे कहा की दी बहुत दिन हो गये क्या आज हम घर-घर खेले। दी बोली आज क्या हुआ अचानक तुझे घर-घर क्यू याद आ गया। मेने खा वैसे हि दी। चलो खेलते है ना। दी तैयार हो गयी। मै जाकर हॉल मे सोफे पर बैठ गया। दी सिर पर दुपट्टा रख कर आयी और बोली सुनो जी मै सोने जा रही हु, कोई काम हो तो जगा देना। मेने कहा ठीक है। इतना सुनकर दी सोने चली गयी। 5 मिनट बाद मै भी दी के रूम मै आया तो देखा दी कम्बल ओढ़ कर सो रही है। मै भी उसी कम्बल मै घुसकर लेट गया और दी को पीछे से अपनी बाहों मे जकड लिया। दी बोली क्या करते हो जी सोने दो ना। मै बोला मै क्या कर रहा हु, मै भी तो सो हि रहा हु। इतना कहकर मेने अपना हाथ से दी को बूब्स के नीचे से पकड़ लिया और सोने का नाटक करने लगा। दी भी मेरे साथ सो गयी। मेरा लंड अपने विकराल रूप मे आ चुका था। वो दी की गांड की दरार मे फसा हुआ था। अब मेने अपनी हथेली से दी के एक बूब को सहलाया। दी ने कोई हलचल नही की। मेरा हौसला बड़ गया। मेने हलके से दी का बुबु दबाया। दी थोड़ी हिली पर फिर सो गयी। अब मै धीरे धीरे बूब दबाने लगा और लंड को दी की गांड की दरार मे रगड़ने लगा। दी हलका हलका कसमशा रही थी पर उनकी नींद गहरी थी। दी ने इस समय एक ढीला सा टॉप और लेगिंग पहन रखे थे। मेने अपना हाथ का दबाव दी के बूब पर बड़ा दिया। दी को हलका सा दर्द हुआ तो उनकी नींद खुल गयी। वो बोली क्या कर रहा है सोने दे ना। मेने कहा दी अभी हम घर घर खेल रहे है मैन आपका पति हु। आप मुझसे ऐसे बात कर रही हो। दी बोली अरे मै तो भूल हि गयी।पर आप मुझे सोने क्यो नही दे रहे। मुझे छेड़ क्यू रहे है। मेने कहा मेरा हक है अपनी पत्नी को छेड़ना। और मुझे आप के साथ सोना है वैसे हि जैसे सब पति-पत्नी सोते है। दी मेरी तरफ पलटी और बोली
दी- बताओ जरा कैसे सोते है पति-पत्नी।
मै- तुम्हे नही पता क्या?
दी - नही।
मै - ठीक है आज रात हम मम्मी पापा को देखेंगे वो कैसे सोते है।
दी - उनका तो रूम बंद रहता है। आज क्या हम मम्मी पापा के रूम मे सोयेंगे?
मै - नही बीवी हम तो उन्हे खिड़की से देखेंगे।
दी - ठीक है पर प्लीज अभी मुझे सोने दीजिये।
मै वहा से उठकर अपने रूम मे आ गया। और भगवान से प्रार्थना करने लगा की आज रात पापा मम्मी को जबरदस्त तरीके से चोद दे, जिससे दी को वो दिखा कर मै तैयार कर सकू। मै भी यही सोचते हुए सो गया। शाम हुयी मम्मी आ गयी। खाना बना। सबने खाना खाया। पापा आये। पापा ने खाना खाया। फिर थोड़ा टीवी देखकर सोने चले गये। मम्मी भी सब कम निपटाकर कमरे मे चाली गयी। दी अपने रूम मै मोबाइल पर मूवी देख रही थी। थोड़ी देर बाद मै पीछे के बरामदे मे गया, जहा मम्मी के रूम की खिड़की थी। अंदर झाँका तो पापा मम्मी को चूम रहे थे। मुझे मजा आ गया की आज मम्मी चुदने वाली है। मै जल्दी से दी के रूम मै गया।
मै - बीवी चलो।
दी - कहा चलना है जी इतनी रात को।
मै - भूल गई मेने कहा था आपको दिखूंगा पति-पत्नी कैसे सोते है।
दी - सॉरी याद आ गया, चलो।
मै दी को लेकर पीछे बरामदे मे खिड़की के पास ले आया। दी को आगे खड़ा किया और मै दी के पीछे चिपक कर खड़ा हो गया। अब हम अंदर का न्नज़ारा देखने लगे।
 
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अंदर मम्मी पलंग पे आगे की ओर झुकी हुई थी उनके ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और साथ ही पेटीकोट भी ऊपर पीठ तक उठा हुआ था और पैंटी नीचे घुटनो तक गिरी हुई थी। पापा मम्मी के पीछे खड़े हुए थे और अपना लंड मम्मी की चूत में डालकर आगे पीछे कर रहे थे। पापा के लंड ने मम्मी की चूत को फाड़ कर रखा हुआ था। फिर भी मम्मी पापा को और तेज झटके मारने को बोल रही थी
मम्मी - अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाँ मेरे राजा ऐसे ही चोदो, डाल दो अपना पूरा लंड मेरी चुत मे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
दी ये देख कर हैरान थी कि इतना बड़ा लंड चूत में गया है लेकिन फिर भी मम्मी और लंड मांगे जा रही है और स्पीड तेज करने को बोल रही ह
तभी पापा ने लंड चूत से बहार निकाला और मम्मी के मुँह के पास ले गये। मम्मी ने लंड को मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। वो लंड इतना बड़ा और मोटा था कि दी हैरान हो गई है मम्मी ने इसे इतनी आसानी से अपने मुँह में ले लिया और बड़े आराम से चूस भी रही है। फिर 2 मिनट तक चूसने के बाद मम्मी ने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया। अब पापा ने दोबारा अपना लंड मम्मी की चूत में डाल दिया। पापा ने थोड़ा थोड़ा करके नहीं बल्कि एक ही झटके में पूरा लंड मम्मी की चूत में उतार दिया। मम्मी की चीख निकल गई लेकिन मम्मी इतने हल्के से चिल्लाई थी कि उसकी आवाज हम तक ही पहुंच पाई। अब पापा ने लंड पूरा स्पीड से जोरदार झटको के साथ मम्मी की चूत में डालना जारी रखा मम्मी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करते हुए मजा ले रही थी साथ ही और तेज स्पीड करने को बोल रही थी। फिर पापा ने अपने हाथ मम्मी के बूब्स पर रखे और उनको जोर से दबाने और मसलने लगे। और फिर बूब्स पर अपनी पकड़ मजबूत करके लंड को चूत में और तेजी से पेलने लगे।
मम्मी - आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह ऐसे हि आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हांहान्हन्न्हान्हान्हान् मेरे राजाएसे हि चोदो अपनी रानी को आअह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह फाड़ दो मेरी चूत को हां ऐसे हि चोदो पूरी ताकत से जमकर चोदो मुझे आह्ह्ह्हह
दी ने पहली बार मम्मी के मुंह से ऐसी बात सुनी थी वो हैरान थी कि जो औरत इतनी मासूम या भोली-भाली दिखती है वो चुदते हुए इतनी गंदी भाषा भी इस्तेमाल कर सकती है।
मैं मम्मी का नंगी बदन देख रहा था। पूरी तरह से नहीं लेकिन मम्मी लगभग नंगी ही थी मम्मी का गोरा नंगा बदन देख कर मुझे भी कुछ कुछ होने लगा। मम्मी के बड़े बड़े बूब्स हवा में लटके रहे थे और हर एक झटके के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे। पापा मम्मी के बूब्स को जानवरो की तरह मसल रहे थे और बीच बीच में उनको छोड़ कर अपने हाथों को माँ के बड़ी गांड पे रख देते और फिर जबरदस्त पकड़ बना कर लंड पेलने की स्पीड तेज कर देते।मम्मी की हालत बहुत खराब थी और साथ ही हम दोनों की भी। मेने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ा कर दी के दोनो बूब्स जकड़ लिए। उन्हें मसलने लगा। दी की भी हालत खराब थी। दी पहली बार चुदाई देख रही थी वो भी अपने मम्मी पापा की। उनकी चूत पानी बहाने लगी थी। उन्होंने अपना हाथ लेगिंग में डाला और चूत में उंगली करने लगी। उनको मेरा बूब्स मसलना भी मजे दे रहा था। उधर मम्मी भी बहुत मजा कर रही थी पापा के बड़े मूसल लंड को अपनी चूत में लेके, अब मेने अपना पजामा और चड्डी निचे कर दिये और मेरा लंड बाहर आ गया। मै दी का दूसरा हाथ अपने लंड पे ले गया. दी ने झट से अपना हाथ हटा लिया और पीछे मुड़कर देखा। उनकी आंखों के सामने मेरा लंड था जो पहले से ही अपनी औकात में सर उठा कर खड़ा हुआ था। मेरा लंड 7' लंबा और बहुत मोटा था। दी की आँखे फटी रह गयी. वो बस मेरे लंड को देखे जा रही थी. मैंने उनके हाथ में फिर से अपना लंड पकड़ा दिया. उन्होंने पहले मेरी आँखों में देखा फिर मेरे लंड को देखा और फिर से मेरी आँखों में देखा। उनकी आंखों में डर साफ दिख रहा था। ये डर बता रहा था कि वो जान चुकी थी कि मैं ये लंड उनकी चूत में पेलने वाला हूं। इसलिए उनकी आंखों में डर मुझे साफ दिख रहा था। मै उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड को हिलाने लगा. वो मेरी आँखों में देखकर सर को ना में हिला रही थी। तो मैंने भी इशारे से उनको बता दिया कि ये लंड आपको लेना ही है। अब दी अपने हाथ से मेरे लंड को खुद सहलाने लगी। मेने उन्हें वापस खिड़की की तरफ घुमा दिया। अब दी के हाथ में मेरा लंड था. मैंने अपना एक हाथ दी के टॉप में डाला और उनके बूब्स मसलने लगा और दूसरा हाथ उनकी लेगिंग के अंदर डाल दिया। दी की चूत पूरी पानी पानी हो रखी थी. दी की चूत पर हाथ रखते ही लगा जैसे गरम भट्टी पर हाथ रख दिया हो। मतलब लंड लेने के लिए दी भी तैयार है पर इतने बड़े लंड से डर रही है। अब मैंने अपनी एक अंगुली दी की चूत में घुसा दी। दी की चूत फुल टाइट थी. अंगुली भी कस कस कर अंदर बाहर हो रही थी। अंगुली अंदर जाते ही दी भी कसमशा गई। पर अब उन पर भी वासना हावी हो चुकी थी। तो हम मम्मी पापा की जबरदस्त चुदाई देखते हुए एक दूसरे को मजे देने लगे। उधर पापा ने अपनी स्पीड ओर तेज कर दी ओर इधर दी का हाथ भी मेरे लंड पर और दी की चूत में मेरी उंगली पूरी रफ्तार से चलने लगी। हम दोनों धीरे-धीरे आहे भर रहे थे पर अब मम्मी की आवाज थोड़ी तेज होने लगी।
मम्मी - आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह ऐसे हि आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हांहान्हन्न्हान्हान्हान् और तेज़ और तेज़ फाड़ दो मिटा दो सारी प्यास आअह्ह्ह्हह्ह
करीब 15-20 मिनट बाद पापा ने मम्मी की कमर को कसके पकड़ा और तेज़ तेज़ धक्के मारने लगे। मम्मी भी पापा के हर धक्के के साथ अपनी गांड पीछे करती जिससे लंड अंदर तक जाये। इधर हम दोनों भी अपने-अपने हाथों को तेज चलाने लगे। कुछ ही देर में पापा ने एक तेज आवाज के साथ पानी मम्मी की चूत में छोड़ दिया। मम्मी की चूत पापा के पानी से लबालब भर गई। मम्मी ने भी अपना पानी छोड़ दिया। पर अभी पापा ने अपना लंड बाहर नहीं निकाला। पापा 2 मिनट ऐसे ही रुके और फिर जब पापा ने अपना लंड बाहर निकाला तो मम्मी की चूत से बहुत सारा पानी निकला। पापा ने लंड निकाल कर मम्मी के मुँह से पास कर दिया। मम्मी लंड को अच्छी तरह से चाटने लगी और चाट चाट कर उसे पूरा साफ कर दिया। इधर दी का शरीर भी मे भी ऐठन आने लगी, दी का शरीर काम्पने लगा। इस दौरान उनके हाथ की स्पीड मेरे लंड पर बहुत तेज़ हो गई है। उधर दी ने मेरे हाथ पर अपना पानी छोड़ा इधर मेरे लंड ने दी के हाथ में अपना वीर्य गिरा दिया। दी बेसुध होकर मुझ पर गिर गई। मैंने उन्हें संभाला और उन्हे गोद मे उठाकर रूम में ले आया। फ़िर दी को बिस्तर पर लिटा दिया। मै भी दी के पास लेट गया। दी अभी भी आंखें बंद करके अपनी सांसे संभाल रही थी।
 
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Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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जब दी ने आँखे खोली तो मै उन्हे चूमने के लिए आगे बढ़ा तो दी ने मुझे रोक दिया और बोली अभी मै थक गयी हु बहुत नींद आ रही है। मै भी सो रही हु तु भी अपने रूम मै जाकर सो जा। मेरे पास कोई चारा नही था। मम्मी पापा घर पर हि थे इसीलिए मै रूम मे आकर अपनी किस्मत को कोसते हुए सो गया। अगले दिन दी भी कॉलेज चली गयी और मैन भी स्कूल चला गया। स्कूल मे भी मन नही लगा। जल्दी से घर आया। दी ने खाना डाल के दिया। हमने खाना खाया और दी सोने चली गयी। मै थोड़ा रूककर दी के रूम की तरफ गया। दरवाजा खोलने लगा तो दरवाजा
अंदर से लॉक था। मेने दी को आवाज़ दी पर कोई जवाब नही आया। मै मन मसोस कर अपने रूम मे जाकर पलंग पर लेट गया और मोबाइल चलाने लगा। थोड़ी देर बाद मुझे दी के रूम का दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी। मै जल्दी से उठकर बाहर आया पर वहा दी तो नही थी। उनके रूम का दरवाजा भी बंद था। मै वापिस निराश होकर रूम मे आने लगा पर मेरा लंड नही मन रहा था। वो कह रहा था एक बर और कोशिश कर हो सकता है इस बार दरवाजा खुल जाये। मै दी के रूम के पास आया दरवाजे को खोलने की कोशिश की तो इस बर दरवाजा खुल गया। मै खुश हो गया और अंदर दाखिल हुआ। सामने का नज़ारा देखकर मेरे मन मे लड्डू फूटने लगे।
 
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sunoanuj

Well-Known Member
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कहानी बहुत अच्छी है लेकिन फोंट बहुत छोटे है मित्र !

यह फोंट जल्दी ही चश्मा लगा देंगे कृप्या फोंट को थोडा बड़ा कर दीजिए!
 

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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कहानी बहुत अच्छी है लेकिन फोंट बहुत छोटे है मित्र !

यह फोंट जल्दी ही चश्मा लगा देंगे कृप्या फोंट को थोडा बड़ा कर दीजिए!
Theek hai
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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112,401
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Shमेरा नाम समीर है। मै अजबपुर शहर मे अपने परिवार के साथ रहता हु। मेरे परिवार मे हम 5 लोग है।
पापा: रमेश
मम्मी: प्रमिला
बहने : रानी, प्रिया
और मै समीर
मै अपने मम्मी का लाडला हु पर पापा से डरता हु। मै थोड़ा अपने मे गुम रहने वाला इंसान हु। घर से बाहर की दुनिया से मुझे ज्यादा मतलब नही रहता। मै अपनी बहनो के साथ हि खेलता हु। पापा की कपड़ो की दुकान है। घर मे सब सुख सुविधाएं है। मम्मी भी पापा के साथ दुकान पर बैठती है। घर मे तीन कमरे, हॉल, किचन और एक गेस्ट के लिए कमरा है। एक कमरा मम्मी पापा का है। एक मेरा और एक दोनो दीदी का। मेरे रूम मे कम्प्यूटर लगा हुआ है। मेरी दोनो बहने मुझसे बड़ी है। रानी दी मुझसे 5 साल बड़ी है और प्रिया दी 2 साल बड़ी है। मै बहनो के साथ उनके हि खेल खेलता था। हमारा पसंदीदा खेल था घर-घर, जिसमे रानी दी मेरी माँ बनती और प्रिया दी मेरी पत्नी। प्रिया दी मेरी पत्नी बनकर हमारी सेवा करती। हमे इस खेल मे बहुत मजा आता था। जब मैन 9वी क्लास मे आया तब स्कूल मे साथियों से मुझे पोर्न मूवीज के बारे मे पता चला। अब मै रोज़ रात को अपने कम्प्यूटर पर पोर्न मूवी देखता और मुठ मारता। ये मेरा रोज़ का काम बन गया। कभी कभी तो रात मे 2-3 बार भी हो जाता। इसी तरह समय गुज़रता गया और मेरे अंदर हवस की आग बढ़ती चाली गयी। अब मै 12वी मै आ गया। इस समय रानी दी एक ब्यूटीपार्लर मे काम करने लगी जो पापा की दुकान के बगल मे हि है। दुकान घर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है। पापा सुबह 9बजे दुकान निकल जाते। मेरा स्कूल सुबह 7 से 1 बजे तक रहता और प्रिया दी का कॉलेज सुबह 8 से 12 रहता। मम्मी और रानी दी सुबह 11 बजे घर का सब काम निपटा कर दुकान जाते। रानी दी शाम को 4 बजे तक वापिस घर आ जाती। मम्मी 7 बजे तक घर आती और पापा को तो रात के 10-11 बज जाते। अब मै मम्मी और बहनो के बारे मे बता दु। मम्मी और रानी दी का रंग दूध जैसा गोरा है। प्रिया दी और मै संवाले रंग के है। मम्मी के मुम्मे कम से कम 38 होंगे। गांड 44 होगी। पापा का लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। वो आज भी मम्मी की चीखे निकाल देते है। आज भी लगभग हर रात वो मम्मी को जमकर चोदते है। मम्मी हमेशा साड़ी हि पहनती है। ब्लाउज मे से उनके आधे मुम्मे बाहर निकले रहते है। मम्मी इस पर ज्यादा ध्यान नही देती। पर मै अब इन मुम्मो को दबाने चूसने हुए इनसे खेलने के लिए मरा जा रहा हु। दूसरी मेरी रानी दी लम्बा प्यारा चेहरा ऐसा की कोई भी पागल हो जाये। मुम्मे 32 के गांड 34 की। फिगर पूरा मेन्टेन किया हुआ है। कही एक इंच भी ज्यादा चर्बी नही है। अभी तक सब कुछ पैक रखा हुआ है। पार्लर जाने के कारण थोड़ा मैकअप करती है। ज्यादातर सूट हि पहनती है। पूरा शादी मटेरियल है। मेरी प्रिया दी एकदम मस्त। किसी चीज़ से ज्यादा मतलब नही ना सजना ना संवरना।ज्यादातर मेरे हि कपड़े पहनती है। इसमे शरीर मे माँ का गुण है। मुम्मे 34 के गांड 36 की। पूरा भरा हुआ शरीर। गोल चेहरा। घर-घर के खेल मे हम पति-पत्नी बनते थे इसीलिए मै अभी भी कभी कभी इसे बीवी कह देता हु और दी भी प्यार से मुझे सुनो जी जैसे बुलाती है। मेरी पोर्न मूवीज देख देखकर सोच बदल चुकी थी। अब मुझे चूत चाहिए थी। लड़कियों से बात करने मे मै फट्टू हु। इसीलिए मै अब मम्मी के मुम्मे दखता और रात मे पापा मम्मी की चुदाई देखकर मुठ मारने लगा। अब मेरी हवस बेकाबू होती जा रही थी। एक दिन मै स्कूल से आया। घर का दरवाजा खोला अंदर गया। अपना बैग रखा और प्रिया दी के कमरे मे गया। कमरे मे जाते हि मै बूत जैसा बन गया। सामने प्रिया दी कपड़े बदल रही थी। उन्होंने नीचे निकर डाला हुआ था और उप्पर टॉप पहन रही थी। इस समय उनके हाथ उपर थे और हाथो मे टॉप चेहरे के सामने फसा हुआ था। वो उसे नीचे करने की कोशिश कर रही थी पर वो अटक गया था। मेरे सामने दी के 34 साइज के मुम्मे ब्रा मे कसे हुए तने खड़े थे। बिल्कुल टाइट यम्मी यम्मी बूब्स। मन कर रहा था जाके निचोड़ लु इनको पर मुझे डर भी लग रहा था। पर मेरा लंड तो तन कर फटा जा रहा था। मेने सोचा जो होगा देखा जायेगा आगे तो बढ़ता हु।
मै: क्या हुआ बीवी टॉप फस गया क्या। खो तो मैन मदद करू।
दी पहले तो थोड़ा सकपका गयी पर फिर बोली
दी: क्यो नही जी आप नही करेंगे तो कोन करेगा
और ये कहकर वो खिलखिला उठी। मै उनके बूब्स को खा जाने वाली नज़रों से देखते हुए आगे बड़ा और उनका टॉप पहनने मे मदद की। इस दौरान मेने उनके बूब्स एक दो बार टच भी किये। उन्होंने इस पर ध्यान नही दिया पर मेरी हालत खराब हो गयी। मै भागकर बाथरूम गया उनके नाम की मुट्ठी मारी तब मुझे चैन मिला। हमने खाना खाया। दी सोने चाली गयी पर मेरी नींद हराम कर गयी। अब बस मुझे कैसे भी दी को चोदना है बिल्कुल वैसे हि जैसे पापा मम्मी को चोदते है। मै बस सोचे जा रहा था क्या करू कैसे करू। इधर रानी दी के रिश्ते की बात चल रही थी।
जब दी ने आँखे खोली तो मै उन्हे चूमने के लिए आगे बढ़ा तो दी ने मुझे रोक दिया और बोली अभी मै थक गयी हु बहुत नींद आ रही है। मै भी सो रही हु तु भी अपने रूम मै जाकर सो जा। मेरे पास कोई चारा नही था। मम्मी पापा घर पर हि थे इसीलिए मै रूम मे आकर अपनी किस्मत को कोसते हुए सो गया। अगले दिन दी भी कॉलेज चली गयी और मैन भी स्कूल चला गया। स्कूल मे भी मन नही लगा। जल्दी से घर आया। दी ने खाना डाल के दिया। हमने खाना खाया और दी सोने चली गयी। मै थोड़ा रूककर दी के रूम की तरफ गया। दरवाजा खोलने लगा तो दरवाजा
अंदर से लॉक था। मेने दी को आवाज़ दी पर कोई जवाब नही आया। मै मन मसोस कर अपने रूम मे जाकर पलंग पर लेट गया और मोबाइल चलाने लगा। थोड़ी देर बाद मुझे दी के रूम का दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी। मै जल्दी से उठकर बाहर आया पर वहा दी तो नही थी। उनके रूम का दरवाजा भी बंद था। मै वापिस निराश होकर रूम मे आने लगा पर मेरा लंड नही मन रहा था। वो कह रहा था एक बर और कोशिश कर हो सकता है इस बार दरवाजा खुल जाये। मै दी के रूम के पास आया दरवाजे को खोलने की कोशिश की तो इस बर दरवाजा खुल गया। मै खुश हो गया और अंदर दाखिल हुआ। सामने का नज़ारा देखकर मेरे मन मे लड्डू फूटने लगे।
Shaandar super hot update 🔥 🔥 🔥
 

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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सामने दी लाल लहंगे ब्लाउज में थी. वो खिड़की की तरफ मुँह करके बाहर देख रही थी। मेरी तरफ उनकी पीठ थी. ब्लाउज बैकलेस था तो उनकी पूरी नंगी पीठ मेरी आँखों के सामने थी साथ में उनकी कमसिन कमर और बड़ी गांड मुझे दिख रही थी। मेरा लंड ये देख कर एकदम तनकर खड़ा हो गया। मेने पीछे से जाके दी को अपने बाहों में जकड़ लिया।दी अह्ह्ह्हह्ह की सिसक के साथ सहम गई। मै अपना हाथ धीरे-धीरे दी के पेट पे फिराने लगा। दी अपने बदन को ढीला छोड़ दिया। वो चाहती थी की हर काम मैं हि करू। वो आज बस खुल के मजे लेना चाहती थी।मेने अपनी जकड़ दी के पेट पर बढ़ाई और दी के कान और गर्दन पर चूमने लगा।फिर मेने दी को अपनी और घुमाया तो दी बला की खुबसूरत लग रही थी। आंखों में काजल, माथे पर छोटी सी बिंदी, नाक में गोल बाली, कानों में लटकन, होठों पर गहरी लाल रंग की लिपस्टिक और गले में सोने की चेन जिसके नीचे ब्लाउज में उनके दो बूब्स और उनके बीच की गहरी घाटी। ब्लाउज भी स्लीवलेस और डीप नेक जिससे दी के बूब्स बहुत प्यारे लग रहे थे और दी का काफी डीप क्लीवेज भी दिख रहा था। और ब्लाउज़ भी इतना छोटा था कि बूब्स का निचला हिसा भी ब्लाउज़ से बाहर ही आ रहा था। नीचे दी का यम्मी गदराया पेट जिसके बीचो बिच गहरी नाभि। दी ने नाभि में भी लटकन पहन रखी थी जो उनके पेट को और सेक्सी बन रही थी। नाभि से नीचे बंधा हुआ लहंगा। ये वही ड्रेस थी जो दी ने रानी दी की शादी के दिन पहनी थी. उफ्फ दी पूरी कामदेवी लग रही थी. जिन्हे देखकर मेरा लंड फटने लगा। अब मेने दी को अपनी ओर खिंचा और उनके गोल गोल मोटे नरम बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से हि चूमने लगा। दी भी पूरे मजे मे आ गयी।
दी - अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माआआ भाई पीजा इनको पूरा आआह्ह्ह्ह मुझे आज वो मिली थी जिसे मैं कबसे पाना चाहता था। इसिलिये मैं बिल्कुल भी जल्दी बाजी में नहीं था। मैं दोनों हाथों से दी के चूचे मसलने लगा।कड़क हाथों में आते ही दी के नाज़ुक चूचे बिल्कुल मक्खन के तरह पिघलने लगे।मैं दी की आंखों में देखने लगा। हम दोनों के धड़कने तेज़ चल रही हैं। मेने नीचे बैठ के दी के गदराए पेट पे अपनी जीभ फिरायी और उसे चाटने लगा। दी तड़प के रह गई। दी का शरीर गरम हो चुका था और चूत तो आग के भट्टी की तरह तप रही थी। दी ने पहली बार अपनी जुबान खोली।
दी - अह्ह्ह्हह्ह भाई अब जल्दी से घुसा दे अपना मूसल जैसा लंड मेरी चूत में, अब नहीं रहा जाता अह्ह्ह्हह्ह
अब मैंने दी को बिस्तर पे बैठा दिया और दोनों चुचियों को अपने पंजो में भर कर ऐसे मसलने लगा जैसे कोई आटा गुंध रहा हो। दी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बस कर अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी और फिर अचानक दी ने मुझे पीछे ढकेला जिससे मैं पीछे बिस्तर पर गिर गया। दी हंसते हुए मेरी तरफ देखने लगी और बोली - बस निचोड़ेंगा हि या चुसेगा भी। मैं ये सुनकर दी पर टूट पड़ा उनके जिस्म के हर हिस्से को मसलते हुए उनके मुंह में अपनी जीभ डालकर उनके होठों और जीभ को चूमने चूसने लगा। अब हम दोनों रास लीला के उस मुकाम तक आ चुके थे जहां से लौटना नामुम्किन था। मैं दी के पीछे हाथ डालकर उनका ब्लाउज खोलने लगा। असानी से मेने ब्लाउज की दोनों डोरियां खोल दी। अब दी का ब्लाउज खुला हुआ उनकी चूचियों पर अटका हुआ था। ब्लाउज़ पैडेड था इसलिए दी ने अंदर ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी। मेने ब्लाउज़ दी कि चूचियों पर से उठाया और बिस्तर से नीचे फेंक दिया। अब दी की बड़ी मोटी मुलायम चूचियाँ मेरे सामने नंगी थी। चूचियों में फुल कसावत थी और साथ ही मुलायम और यम्मी भी दिख रही थी।
अब मैंने दोनों हाथों से दी के मोटे मोटे चुन्चियों को मसलते हुए कहा दी आज इन चूचियों का सारा रस पिला दो मुझे अह्ह्ह्हह्ह
दी बोली पी ले पूरा रस पी ले किसने रोका है तुझे आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भाई बस अब और तड़पा मत, मिटा दे मेरी प्यास।
ये सुनकर मै और मजे मे आ गया. मेने अपने सारे कपडे उतार फेंके और दी की चूचियों को दबाने लगा। दी की सांवली रंग की चूचियाँ और उन पर थोड़े ज्यादा बड़े भूरे लाल निपल्स। दी के निपल्स काफ़ी बड़े हैं। मेने एक निपल दो अंगुलियों के बीच पकड़ा और खिंचने लगा। दूसरे निपल पर मैने अपनी जीभ से चाटा। दी सिहार उठी। दी आह्ह्ह्हह करते हुए मेरा सर अपनी चूचियों पर दबाने लगी। अब मैं एक चूची को चूसने लगा और दूसरे चूची के निपल को मसलने लगा। दी ताड़पने लगी। अब मैंने दूसरे चूची को चूसना शुरू कर दिया और पहली चूची को दबाने लगा। इस तरह मै बारी बारी से दी की चूचियों से मजे ले रहा था। दी हवस की आग में पागल होने लगी। दी ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसके टोपे पर अपने अंगुठे को रगड़ने लगी। दी के इस वार से मेरा हाल बुरा हो गया। मेरी कमोत्तेजना मेरे सर मे चढ़ने लगी. अब मैं दी की चूचियों को जोर जोर से चूसने लगा और निप्पल्स पर काटने लगा।
दी बोले जा रही थी आअह्ह्ह्ह भाई ऐसे ही चूसो और तेज़ इनको पूरा निचोड़ ले आज। मिटा दे मेरे अंग अंग की तड़प. इस जिस्म की आग से मैं मर जाऊंगी भाई इस आग को बुझा दे चोद दे मुझे जैसे कल रात को पापा अपने मूसल लंड से मम्मी को चोद रहे थे।
 
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