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Super hot erotic lovely updateमैं भी दी की बात सुनकर पागल हो उठा मैंने दी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके पूरे शरीर के हर एक अंग को चूमने लगा। दी का जिस्म जल रहा था. अब मैं दी के टांगो के बीच बैठ गया। मेरे सामने जन्नत का दरवाज़ा था. बिल्कुल भी बाल नहीं थे. दी ने सारे बाल हटा लिए थे. दो गहरे लाल होठों के बीच दी की पानी बहाती यम्मी चूत। मैं पागल हो उठा मेरा लंड इस चूत को फाड़ने के लिए मरे जा रहा था। मैं आगे बड़ा और अपनी जीभ से दी की चूत को चाट लिया। दी के पूरे जिस्म में करंट दौड़ गया। मैंने अपने कांपते होठों को दी की चूत के होठों से जोड़ दिया और दी की चूत चूसने लगा। फिर अपनी जीभ दी की चुत में घुसा कर मैं दी की चुत चूसने लगा। दी अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और बोली आआह्ह्ह्ह भाई चूस ले इसे बहुत बह रही है खा जा इसे इसने मुझे बहुत परेशान कर रखा है, कह रही है भाई का मूसल लंड चाहिए इसे। भाई इसे अपने लंड से एसा चोदना की रो रो कर तेरे लंड से बचने की भीख मांगे।
दी मुझे अब अपने ऊपर खींचने लगेगी। मैं भी उठा और अपना लंड दी के मुँह की तरफ करके 69 पोजीशन में आ गया। अब मैं दी की चूत कस कर चाट रहा था और अपनी जीभ अंदर तक घुसा रहा था। दी ने मेरा लंड हाथ में पकड़ा तो उसकी मोटाई देखकर उनके जिस्म में डर की लहर दौड़ गई। उनकी चूत मे इस डर की कुलबुलाहट मेने साफ महसूस की। मैं और जोर से उनकी चूत चाटने लगा। अब दी ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे लंड के टोपे की चाटा। मेरा हाल बुरा हो गया. मेरे लंड ने थोड़ा सा वीर्य निकाल दिया. दी ने जिभ से पूरा वीर्य चाट लिया। अब वो मेरे लंड के टोपे को मुँह में लेकर चूसने लगेगी। मैं जन्नत का आनंद लेते हुए दी की चूत चूस रहा था। अब दी ने थोड़ा लंड और मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी क्योंकि रात में मम्मी पापा का लंड चूस रही थी। बस मम्मी ने पापा का पूरा लंड मुँह में ले रखा था और दी मेरा थोड़ा लंड ही मुँह में ले रही थी। पर मैं तो पूरे आनंद में था। हम एक दूसरे को पूरे मजे से चूस रहे थे। अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं उठा और एक तकिया दी की गांड के नीचे लगया जिससे दी की चूत उभर कर सामने आ गई। दी मुझे ही देख रही थी. उनकी आंखों में हवस और डर साथ-साथ नजर आ रहे थे। मैंने अब उनकी दोनों टांगो को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया और अपने लंड के टोपे को दी की चूत पर रगड़ने लगा।
दी बोली भाई धीरे-धीरे डालना मैं कुंवारी हूँ और तेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है।
मैने कहा दी मैं बिल्कुल प्यार से डालूंगा पर दर्द तो होगा दी। क्या आप मेरे लिए दर्द सह लोगी? ये मैने बहुत प्यार से दी से पूछा था।
दी ने मेरे चेहरे की और देखा और प्यार से बोली अगर ये दर्द नहीं सहना होता तो इस तरह नंगी होकर तेरे निचे ना लेटी होती। पर तू बिल्कुल आराम से करना।
मैंने हा में सर हिलाया और लंड को चूत के मुँह पर लगा कर हल्का सा धक्का लगाया पर पहली बारी में लंड फिसल के नीचे चला गया। दी ने लंड को अपने हाथ में पकड़ के पहले अपनी चूत के दाने पे घिसाई की और फिर चूत के मुँह पे लगा दिया। दी ने अब मेरी आँखों में देखकर आगे बढ़ने का इशारा किया। मैने हल्का सा धक्का लगाया पर दी की कुंवारी चूत लंड को अंदर नहीं जाने दे रही थी। मैंने दी की आँखों में देखा उनमे अब डर दिख रहा था क्योंकि वो जान चुकी थी अब मैं तेज़ धक्का मारने वाला हूँ। उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और मेरे धक्के का इंतजार करने लगी। मैंने अपनी पूरी ताकत समेटी और एक करारा धक्का दी की चूत में लगा दिया। धक्के से मेरा आधा लंड दी कि चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर घुस गया। दी दर्द से चीख पडी. पूरा घर उनकी चीख से गूंज उठा। मैने झट से उनके होठों पर अपने होठों को रख दिया और उन्हें चूमने लगा। उनको मुम्में दबाने लगा. दी की आँखों से आंसू बहने लगे। वो मेरे नीचे छटपटाने लगी. अपने दोनों हाथों को बिस्तर पर मारने लगि। मैं भी दी के दर्द को महसूस कर रहा था इसलिए अगले 10-15 मिनट बिना कोई हरकत बस उन्हें चूमता रहा और उनकी चूचियां दबाता रहा। अब दी का दर्द थोड़ा कम हुआ. मैंने हल्के से लंड हिलाया और दी के चेहरे की और देखा तो उनकी आंखो में अब भी आंसू थे।
मैं - सॉरी दी इस दर्द के लिए। मैं आपको दर्द नहीं देना चाहता। मैं आपसे बेइंतहा मुहब्बत करता ही हूं, दी इस मोहब्बत को पूरा करने के लिए, आज इस दर्द से गुज़रना जरूरी है।
ये सुनकर दी ने मुझे गले लगा लिया और बोली मैं भी तुझसे बहुत प्यार करती हूं। तेरे लिए हर दर्द ख़ुशी ख़ुशी सह लुंगी। अब अगला धक्का मारके पूरा लंड डाल दे मेरी चूत में। मैं हमारे प्यार को पूरा करने के लिए ये दर्द भी सह लुंगी।
मेने दी के कान चूमते हुए पुछा दी हल्के हल्के धक्के लगाऊ या सच में पूरा एक बार मे डाल दू। आपको बहुत दर्द होगा।
दी बोली हमारे प्यार को पूरा करने के लिए ये दर्द तो मुझे सहना ही होगा ना। तुम मारो धक्का मैं तुम्हारे प्यार के लिए सह लुंगी। मेने दी के होठों से फिर से अपने होठ जोड़ दिए और हम बेताहाशा एक दूसरे को चुमने लगे। मैंने थोड़ी देर इंतजार किया जब तक कि दी इस डीप किस में खो जाए। जेसे ही हमारा चुम्बन अपने चरम पर पहुंचा मेने अपनी पूरी ताकत जुटाकर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड दी की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया और सीधा जाकर दी की बच्चेदानी पर टक्कर मारी। दी को बहुत दर्द हुआ उनकी आंखों से तुरंत आंसू बहने लगे पर उन्होंने किस करना जारी रखा। दी मुझे और ज्यादा जोर से किस करने लगी। मैंने दी को आराम आने तक ऐसे ही रुकने का सोचा पर दी नीचे से अपनी कमर हिलाकर मुझे धक्के लगाने का इशारा करने लगी। मैने भी हल्के हल्के धक्के मारना शुरू किया। 5-10 मिनट में हम दोनो अब चुदाई के फुल मजे लेने लगे। अब हम किस नही कर रहे थे। अब हमारे होंठ एक दूसरे के होठो के करीब कांप रहे थे।मेने अपना सिर दी के सिर से टच किया और दी की आँखों मे देखते हुए उनकी कुंवारी चूत मे अपना कुंवारा लंड डालकर उन्हे चोदकर अपना बनाने लगा। अब मैं अब थोड़ा तेज़ धक्के मारने लगा। दी भी मेरी आँखों मे देखते हुए अपनी चूत की मेरे मूसल लंड से पहली चुदाई का मजा लेने लगी। हम दोनों कुछ बोल नहीं रहे थे बस लगातार बिना पलके झुकाये अपनी पहली चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे। हमारी आँखों मे इतनी हवस थी मानो अब जिन्दगी भर हम चुदाई हि करते रहेंगे। अब मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और एक झटके में दी की चूत में डाल दिया। दी की आह पूरे घर में गूंजने लगी। दी मेरी आंखों में देखते हुए मुझसे चुदने लगी। मैने धक्को की स्पीड बढ़ा दी. अब दी मेरा पूरा साथ दे रही थी। 5 मिनट की चुदाई के बाद दी का शरीर बुरी तरह कांपने लगा। दी ने मुझे कस कर गले लगा लिया। अगले धक्के के साथ ही दी की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया। दी मेरे चेहरे और गले पर बेतहाशा चूमने लगी। पानी छोड़ने से अब लंड काफी आसान से चूत में अंदर बाहर हो रहा था। मेरे धक्के की रफ्तार बढ़ती जा रही थी। दी भी मुझे चूमे जा रही थी. 10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज़ कर दी। हर धक्के के साथ दी की आहह्ह्ह्ह्ह् पूरे घर मे गुंज जाती. मैं अपनी पहली चुदाई के चरम पर पहुंचने लगा। इसलिए अब मैंने अपने धक्के की स्पीड और बढ़ा दी। अब मैं बेतहाशा तेजी के साथ दी की चूत को चोदने में लग गया। दी भी फ़िर से अपने चरम की और बढ़ने लगि। मेरा पानी बस निकलने को आ गया इसिलिए मैं तूफान की रफ्तार से धक्के लगाने लगा। दी की आहे अब चीखो में बदल गई. मेने दी के कंधो के नीचे हाथ डालकर उन्हें पकड़ा और ताबड़तोड़ उनकी चूत में अपना लंड पेलने लगा। थोड़े धक्कों के बाद ही मैं दी की चूत की गहराइयों में झड़ने लगा। दी भी इस अहसास को सह नहीं पाई कि उसकी चूत की गहराई में उसका छोटा भाई अपना वीर्य डाल रहा है और दी फिर से झड़ गई। मैं काफी देर तक झड़ता रहा पर मैं अभी भी दी की चूत मे हलके हलके धक्के मारता रहा।
ये भाईचोदी दीदी तो डबल्स ही नहीं ट्रिपल की तैयारी में है नहम तैयार हुए नाश्ता किया मै स्कूल चला गया और दी कॉलेज। मेरा स्कूल मे बिल्कुल मन नही लग रहा था। मेने स्कूल ब्रेक मे हि बाइक उठायी और दी की कॉलेज की तरफ निकल गया। मै दी के कॉलेज पहुचा। अंदर चला गया। दी को फोन किया पर बताया नही की मै उनकी कॉलेज आया हु। मेने दी से पूछा की वो कहा है तो उन्होंने बताया की लाइब्रेरी मे हु। मै लाइब्रेरी की तरफ चला गया। देखा दी पढ़ रही थी। तभी एक लड़का वहा आया और उसने दी का हाथ पकड़ा और उन्हे अपने साथ ले जाने लगा। ये लड़का कोई और नही रानी दी का देवर अनिल था। वो दोनो लाइब्रेरी की ऊपरी मंजिल की और जाने लगे। मै भी छुपते हुए उनके पीछे गया। ऊपर लाइब्रेरी मे छोटे छोटे कम्पार्टमेंट टाइप बने हुए थे। जिसमे 3-4 लोग एकसाथ बैठकर पढ़ सकते थे। दी और वो लड़का सबसे लास्ट के कम्पार्टमेंट मे घुस गये। मै भी उनके पास वाले कम्पार्टमेंट मे घुस गया। थोड़ी दर बाद मुझे दी की आहे सुनाई देने लगी। मै अचम्भे मे आ गया। मेने बिच की दीवार मे छेद ढूढ़ने की कोशिश की पर नही मिला। फिर मुझे दिखा की एक जगह से तार एक कम्पार्टमेंट मे से दूसरे मे जा रहे है। वहा ढंग से देखने पर पता चला एक गोल बड़े छेद पर से ढक्कन टाइप मे हट सकता है। मेने उसे हटाया और छेद में आँखे लगाकर दूसरी ओर देखने लगा। वहा का नज़ारा देखकर मेरे तो होश हि उड़ गये। मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आया। अंदर प्रिया दी अनिल की गोद मे बैठी हुयी थी। दी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी। अनिल प्रिया दी के बूब्स को बुरी तरह निचोड़ रहा था और दोनो के होंठ एकदूसरे को खा जाने की कोशिश कर रहे थे। दी अपने बूब्स को मसालवाते हुए अनिल को बुरी तरह चूमे जा रही थी। अब अनिल ने किस तोड़ा और दी के एक बूब को अपने मुह मे भर लिया और चूसने लगा। एक हाथ से दूसरे बूब को मसलने लगा और दूसरा हाथ दी के पज़मे मे घुसा दिया। दी तड़प रही थी आहे भर रही थी। अनिल ने दी की चूत मे ऊँगली घुसा दी। दी के चेहरे की तड़प ये साफ दिखा रही थी। दी उसके सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी। अब अनिल ने दी को खड़ा किया और उनका पज़ामा और चड्डी उतर दिये। अब दी अनिल के सामने पूरी नंगी खड़ी थी। उसने दी को चेयर पर बैठाया और उनकी टांगे चौड़ी कर दी। दी की सुजी हुई चूत अनिल की आँखों के सामने थी। चूत की हालत देखकर अनिल ने जो बोला वो सुनकर मेरे पेरो के नीचे की जमीन खिसक गयी।
लड़का : जान समीर ने कितनी बुरी तरह चोदा है तेरी चूत को। अभी तक सुजी हुयी है।
दी : हा अनिल जानवर है समीर और उसका वो मूसल मोटा लंड। ऐसा चोदा है उसने मुझे की अब तक चूत का दर्द ख़त्म नही हुआ है और अभी तो घर जाते हि वो मुझे फिर से पटक के चोदेगा।
अनिल : मजे है यार समीर के तो। इतने जबरदस्त माल मिल रहा है चोदने के लिए। तु माल हि ऐसा है मेरी जान जिसको भी मिलेगी बेबी तुझे वो जमकर हि चोदेगा। इसमे तेरे भाई का दोष नही है। जिस दिन तु मुझे मोका देगी ना मै भी तुझे चोद चोद के रुला दूंगा मेरी जान। बोल ना कब लेगी मेरा लंड अपनी चूत मे। अब तो तूने समीर को अपनी कुंवारी चूत भी दे दी। अब तो मुझे भी लेने दे ना मजा।
दी : हाँ बेबी मेरी ये इच्छा पूरी हो गयी। अब ये चूत तुम्हारी हि है जब चाहे ले लो।
अनिल: बेबी सच कह रही हो। मन तो कर रहा है अभी हि ले लु। पर ये चूत आराम से लूंगा मै। मुझसे शादी करोगी ना बेबी।
दी: हाँ बेबी अगर शादी नही करनी होती तो तुम्हे हाथ भी ना लगाने देती अपने।
अनिल: बेबी पर थोड़ा ध्यान रखना कही शादी होने से पहले समीर तेरी चूत का भोसड़ा ना बना दे।
दी: वो तो बनाएगा भोसड़ा उसकी दी की चूत है। तुम्हे जैसी मिलेगी लेनी पड़ेगी।
अनिल: ठीक है मेरी जान तेरे प्यार मे ये भी कुबूल है। पर तुम घर कब आ रही हो। जल्दी आ जाओ। वही तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा।
दी: बेबी जल्दी हि आउंगी। मै कल हि मम्मी से बात करती हु।
अब अनिल ने अपनी जीभ दी की चूत पर लगा दी और चाटने लगा। दी भी मस्ती होकर अनिल से चूत चटवाने का मजा लेने लगी। दी अपने होंठ दांतो मे दबाकर अपनी आहे रोक रही थी। अनिल दी की चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। दी मस्ती मे तड़पने लगी। अब अनिल ने दी को अपनी गोद मे बिठाया और उनका एक बोबा अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा और दूसरे बूब के निप्पल को मुह मे लेकर चूसने लगा। अपने दूसरे हाथ की दो उंगुलियाँ उसने दी की चूत मे घुसा दी। प्रिया दी सेक्स के नशे मे तड़पने लगी। अब अनिल दी की चूत को अपनी ऊंगुलियों से चोदने लगा। दी मस्ती मे छटपटाने लगी। अनिल पागलों की तरह प्रिया दी के बोबो की निचोड़ रहा था चूस रहा था और चूत को अपनी अंगुलियों से बुरी तरह चोद रहा था। दी ज्यादा देर टिक नही पायी और उनकी चूत ने अनिल के हाथ पर अपना पानी छोड़ दिया और अनिल की बांहों मे गिर पड़ी। दी अपनी साँसे थामने लगी। अनिल अभी भी दी के बोबो से खेल रहा था। अब प्रिया दी ने अनिल को चेयर पर बिठा दिया और उसका पेंट और चड्डी निचे कर दिये। अब अनिल का लंड दी के सामने था। अनिल का लंड लगभग मेरे लंड जितना हि था। दी अनिल की आँखों मे देखती हुयी उसके लंड पर किस करने लगी। अनिल की आह निकल गयी। दी की आँखे थी हि इतनी सेक्सी की कोई भी पागल हो जाये। अब दी अनिल के लंड के टोपे पर गोल गोल जीभ घुमाने लगी। अनिल खुदको संभालने मे असमर्थ होता जा रहा था। दी अब उसके टोपे को चूसने लगती है। अनिल का लंड थोड़ा सा वीर्य निकल देता है। प्रिया दी उसकी आँखों मे देखती हुयी उसे चाट जाति है। वो फिर से टोपा मुह मे लेकर चूसने लगती है। अब धीरे धीरे दी अनिल का लंड अपने मुह मे लेने लगती है और देखते देखते अनिल का पूरा लंड दी के मुह मे गायब हो जाता है। दी अब अपना मुह ऊपर निचे करके अनिल का लंड चूसने लगती है। 10 मिनट चूसाई के बाद अनिल अपने चरम पर पहुंच जाता है और प्रिया दी का मुह अपने लंड पर दबाकर उनके मुह मे अपने वीर्य की धार छोड़ने लगता है। आखिरी धार छोड़कर वो प्रिया दी का सिर छोड़ देता है। प्रिया दी उसका सारा वीर्य पी गयी। तभी अनिल को कॉल आया। उसने कॉल उठाया। ये एक वीडियो कॉल था।
अनिल: हेल्लो भाई और भाभी ये देखो।
ये कहकर अनिल कैमरा अपने लंड पर करता है और फिर निचे नंगी बैठी प्रिया दी की तरफ कर देता है।
प्रिया दी: हेल्लो रानी दी और जीजू देखो आपके भाई ने क्या किया। मुझे अपना पूरा पानी पिला दिया।
ये बोलकर प्रिया दी खड़ी होकर अनिल की गोद मे बैठ गयी।
मै रानी दी का नाम सुनकर स्तब्ध रह गया की ये चल क्या रहा है।
रानी दी: देवर जी कोई कमी तो नही छोड़ी मेरी होने वाली देवरानी ने आपको खुश करने मे?
अनिल: भाभी कमी तो नही छोड़ी पर आप वाली बात नही है।
रानी दी: तो आ जाइये देवर जी आपको किसने रोका है। मेरी भी चूत तड़प रही है आपके लण्ड के लिए
जीजू: हाँ भाई आजा इसको तेरे से हि मजा आता है पर आते आते मेरी सेक्सी साली को लेते आना
प्रिया दी: जीजू चिंता मत करो जल्द हि आउंगी और देखना इतना प्यार करूंगी की आपको दी की जरूरत हि नही पड़ेगी।
इतने मे रानी दी की सास उनके कमरे का दरवाजा बजाती है तो रानी दी बाय बोलकर कॉल कट कर देती है। अब ये दोनो भी कपड़े पहनकर एक किस करते है और बाहर निकल जाते है। मै भी वहा से निकलकर घर आ जाता हु। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था ये क्या चल रहा है सब।
Simran late aayegiसिमरन तो कोई है नहीं अब तक?
सिमरन को लेट आने दो इन्तज़ार कर लेंगेSimran late aayegi