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Erotica सिमरन

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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प्यार का मतलब है पूर्ण समर्पण
 

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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मैं भी दी की बात सुनकर पागल हो उठा मैंने दी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके पूरे शरीर के हर एक अंग को चूमने लगा। दी का जिस्म जल रहा था. अब मैं दी के टांगो के बीच बैठ गया। मेरे सामने जन्नत का दरवाज़ा था. बिल्कुल भी बाल नहीं थे. दी ने सारे बाल हटा लिए थे. दो गहरे लाल होठों के बीच दी की पानी बहाती यम्मी चूत। मैं पागल हो उठा मेरा लंड इस चूत को फाड़ने के लिए मरे जा रहा था। मैं आगे बड़ा और अपनी जीभ से दी की चूत को चाट लिया। दी के पूरे जिस्म में करंट दौड़ गया। मैंने अपने कांपते होठों को दी की चूत के होठों से जोड़ दिया और दी की चूत चूसने लगा। फिर अपनी जीभ दी की चुत में घुसा कर मैं दी की चुत चूसने लगा। दी अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और बोली आआह्ह्ह्ह भाई चूस ले इसे बहुत बह रही है खा जा इसे इसने मुझे बहुत परेशान कर रखा है, कह रही है भाई का मूसल लंड चाहिए इसे। भाई इसे अपने लंड से एसा चोदना की रो रो कर तेरे लंड से बचने की भीख मांगे।
दी मुझे अब अपने ऊपर खींचने लगेगी। मैं भी उठा और अपना लंड दी के मुँह की तरफ करके 69 पोजीशन में आ गया। अब मैं दी की चूत कस कर चाट रहा था और अपनी जीभ अंदर तक घुसा रहा था। दी ने मेरा लंड हाथ में पकड़ा तो उसकी मोटाई देखकर उनके जिस्म में डर की लहर दौड़ गई। उनकी चूत मे इस डर की कुलबुलाहट मेने साफ महसूस की। मैं और जोर से उनकी चूत चाटने लगा। अब दी ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे लंड के टोपे की चाटा। मेरा हाल बुरा हो गया. मेरे लंड ने थोड़ा सा वीर्य निकाल दिया. दी ने जिभ से पूरा वीर्य चाट लिया। अब वो मेरे लंड के टोपे को मुँह में लेकर चूसने लगेगी। मैं जन्नत का आनंद लेते हुए दी की चूत चूस रहा था। अब दी ने थोड़ा लंड और मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी क्योंकि रात में मम्मी पापा का लंड चूस रही थी। बस मम्मी ने पापा का पूरा लंड मुँह में ले रखा था और दी मेरा थोड़ा लंड ही मुँह में ले रही थी। पर मैं तो पूरे आनंद में था। हम एक दूसरे को पूरे मजे से चूस रहे थे। अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं उठा और एक तकिया दी की गांड के नीचे लगया जिससे दी की चूत उभर कर सामने आ गई। दी मुझे ही देख रही थी. उनकी आंखों में हवस और डर साथ-साथ नजर आ रहे थे। मैंने अब उनकी दोनों टांगो को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया और अपने लंड के टोपे को दी की चूत पर रगड़ने लगा।
दी बोली भाई धीरे-धीरे डालना मैं कुंवारी हूँ और तेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है।
मैने कहा दी मैं बिल्कुल प्यार से डालूंगा पर दर्द तो होगा दी। क्या आप मेरे लिए दर्द सह लोगी? ये मैने बहुत प्यार से दी से पूछा था।
दी ने मेरे चेहरे की और देखा और प्यार से बोली अगर ये दर्द नहीं सहना होता तो इस तरह नंगी होकर तेरे निचे ना लेटी होती। पर तू बिल्कुल आराम से करना।
मैंने हा में सर हिलाया और लंड को चूत के मुँह पर लगा कर हल्का सा धक्का लगाया पर पहली बारी में लंड फिसल के नीचे चला गया। दी ने लंड को अपने हाथ में पकड़ के पहले अपनी चूत के दाने पे घिसाई की और फिर चूत के मुँह पे लगा दिया। दी ने अब मेरी आँखों में देखकर आगे बढ़ने का इशारा किया। मैने हल्का सा धक्का लगाया पर दी की कुंवारी चूत लंड को अंदर नहीं जाने दे रही थी। मैंने दी की आँखों में देखा उनमे अब डर दिख रहा था क्योंकि वो जान चुकी थी अब मैं तेज़ धक्का मारने वाला हूँ। उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और मेरे धक्के का इंतजार करने लगी। मैंने अपनी पूरी ताकत समेटी और एक करारा धक्का दी की चूत में लगा दिया। धक्के से मेरा आधा लंड दी कि चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर घुस गया। दी दर्द से चीख पडी. पूरा घर उनकी चीख से गूंज उठा। मैने झट से उनके होठों पर अपने होठों को रख दिया और उन्हें चूमने लगा। उनको मुम्में दबाने लगा. दी की आँखों से आंसू बहने लगे। वो मेरे नीचे छटपटाने लगी. अपने दोनों हाथों को बिस्तर पर मारने लगि। मैं भी दी के दर्द को महसूस कर रहा था इसलिए अगले 10-15 मिनट बिना कोई हरकत बस उन्हें चूमता रहा और उनकी चूचियां दबाता रहा। अब दी का दर्द थोड़ा कम हुआ. मैंने हल्के से लंड हिलाया और दी के चेहरे की और देखा तो उनकी आंखो में अब भी आंसू थे।
मैं - सॉरी दी इस दर्द के लिए। मैं आपको दर्द नहीं देना चाहता। मैं आपसे बेइंतहा मुहब्बत करता ही हूं, दी इस मोहब्बत को पूरा करने के लिए, आज इस दर्द से गुज़रना जरूरी है।
ये सुनकर दी ने मुझे गले लगा लिया और बोली मैं भी तुझसे बहुत प्यार करती हूं। तेरे लिए हर दर्द ख़ुशी ख़ुशी सह लुंगी। अब अगला धक्का मारके पूरा लंड डाल दे मेरी चूत में। मैं हमारे प्यार को पूरा करने के लिए ये दर्द भी सह लुंगी।
मेने दी के कान चूमते हुए पुछा दी हल्के हल्के धक्के लगाऊ या सच में पूरा एक बार मे डाल दू। आपको बहुत दर्द होगा।
दी बोली हमारे प्यार को पूरा करने के लिए ये दर्द तो मुझे सहना ही होगा ना। तुम मारो धक्का मैं तुम्हारे प्यार के लिए सह लुंगी। मेने दी के होठों से फिर से अपने होठ जोड़ दिए और हम बेताहाशा एक दूसरे को चुमने लगे। मैंने थोड़ी देर इंतजार किया जब तक कि दी इस डीप किस में खो जाए। जेसे ही हमारा चुम्बन अपने चरम पर पहुंचा मेने अपनी पूरी ताकत जुटाकर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड दी की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया और सीधा जाकर दी की बच्चेदानी पर टक्कर मारी। दी को बहुत दर्द हुआ उनकी आंखों से तुरंत आंसू बहने लगे पर उन्होंने किस करना जारी रखा। दी मुझे और ज्यादा जोर से किस करने लगी। मैंने दी को आराम आने तक ऐसे ही रुकने का सोचा पर दी नीचे से अपनी कमर हिलाकर मुझे धक्के लगाने का इशारा करने लगी। मैने भी हल्के हल्के धक्के मारना शुरू किया। 5-10 मिनट में हम दोनो अब चुदाई के फुल मजे लेने लगे। अब हम किस नही कर रहे थे। अब हमारे होंठ एक दूसरे के होठो के करीब कांप रहे थे।मेने अपना सिर दी के सिर से टच किया और दी की आँखों मे देखते हुए उनकी कुंवारी चूत मे अपना कुंवारा लंड डालकर उन्हे चोदकर अपना बनाने लगा। अब मैं अब थोड़ा तेज़ धक्के मारने लगा। दी भी मेरी आँखों मे देखते हुए अपनी चूत की मेरे मूसल लंड से पहली चुदाई का मजा लेने लगी। हम दोनों कुछ बोल नहीं रहे थे बस लगातार बिना पलके झुकाये अपनी पहली चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे। हमारी आँखों मे इतनी हवस थी मानो अब जिन्दगी भर हम चुदाई हि करते रहेंगे। अब मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और एक झटके में दी की चूत में डाल दिया। दी की आह पूरे घर में गूंजने लगी। दी मेरी आंखों में देखते हुए मुझसे चुदने लगी। मैने धक्को की स्पीड बढ़ा दी. अब दी मेरा पूरा साथ दे रही थी। 5 मिनट की चुदाई के बाद दी का शरीर बुरी तरह कांपने लगा। दी ने मुझे कस कर गले लगा लिया। अगले धक्के के साथ ही दी की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया। दी मेरे चेहरे और गले पर बेतहाशा चूमने लगी। पानी छोड़ने से अब लंड काफी आसान से चूत में अंदर बाहर हो रहा था। मेरे धक्के की रफ्तार बढ़ती जा रही थी। दी भी मुझे चूमे जा रही थी. 10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज़ कर दी। हर धक्के के साथ दी की आहह्ह्ह्ह्ह् पूरे घर मे गुंज जाती. मैं अपनी पहली चुदाई के चरम पर पहुंचने लगा। इसलिए अब मैंने अपने धक्के की स्पीड और बढ़ा दी। अब मैं बेतहाशा तेजी के साथ दी की चूत को चोदने में लग गया। दी भी फ़िर से अपने चरम की और बढ़ने लगि। मेरा पानी बस निकलने को आ गया इसिलिए मैं तूफान की रफ्तार से धक्के लगाने लगा। दी की आहे अब चीखो में बदल गई. मेने दी के कंधो के नीचे हाथ डालकर उन्हें पकड़ा और ताबड़तोड़ उनकी चूत में अपना लंड पेलने लगा। थोड़े धक्कों के बाद ही मैं दी की चूत की गहराइयों में झड़ने लगा। दी भी इस अहसास को सह नहीं पाई कि उसकी चूत की गहराई में उसका छोटा भाई अपना वीर्य डाल रहा है और दी फिर से झड़ गई। मैं काफी देर तक झड़ता रहा पर मैं अभी भी दी की चूत मे हलके हलके धक्के मारता रहा।
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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Interesting story
Keep it up dear
 
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Love4yummy

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मेरा लंड 1-2 मिनट धक्के लगाने के बाद फिर से दी की चूत में औकात पर आ गया। अब मैंने दी की घोड़ी बनाई और पीछे से अपना लंड फिर से उनकी चूत में डाल दिया। इस बार एक ही धक्के में पूरा लंड चूत की गहराई में उतार दिया। दी की चीख निकली पर दी पर भी हवस बेकाबू सवार थी वो अपने भाई के मोटे लंड से अपनी चूत की चुदाइ का मजा लेने लगी। अब मैंने अपने दोनों हाथ आगे बड़ा कर दी के दोनों मुम्में अपने हाथों में पकड़ लिए और जोरदार धक्के मारने लगा। अब मैंने अपनी चुप्पी तोड़ी और बोला: दी कल रात को पापा, ऐसे ही मम्मी को चोद रहे थे ना। दी ने कहा: तु पापा से भी ज्यादा जोरदार चुदाई कर रहा है। अगर एक बार मम्मी भी इसे ले ले तो पापा का भूल जाये। मै दी के मुँह से मम्मी की चुदाई की बत सुनकर और ज्यादा जोश मे आ गया। मेने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। दी चीखने लगी: जान लेगा क्या मेरी। धीरे कर मै तेरे हाथ जोड़ती हु, आराम से कर मै मर जाउंगी। मम्मी मुझे बचा लो आपके बेटे से। आअह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्हह्सह्ह्
पर मै जोरदार धक्के लगाता हुआ दी की चूत की धज्जियाँ उडाता रहा। खा। अब मेरी आंखो के सामने रात वाला सीन चल रहा था जब पापा मम्मी को घोड़ी बनाकर चोद रहे थे। मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ती हि जा रही थी और अब हर धक्के के साथ दी की चीख पूरे घर मे गूँजती। पर दी भी हवस के नशे मे मस्त होकर मेरा साथ देने लगी। दी हर धक्के के साथ अपनी गांड पीछे करती जिससे लंड पूरा चूत की गहराई मे जाकर चुदाई करता। 10-15 मिनट बाद मैं फिर से चरम पर पहुंच गया साथ हि दी के शरीर मे भी चरम की अनुभूति उठने लगी। वो अपना पानी मेरे लंड को पिलाने के लिए तैयार होने लगी। मेरे धक्के की स्पीड अब बहुत तेज़ हो गई है। दी मुश्किल से खुदको घोड़ी की पोजीशन में रख पा रही थी। 1-2 धक्कों के बाद मै और दी दोनो चीखते हुए झड़ने लगे। मेने फ़िर से अपने सारा वीर्य दी की चूत की गहराइयो में उड़ेल दिया। दी भी मेरे साथ फिर से झड़ कर बिस्तर पर गिर पड़ी। पक की आवाज़ के साथ मेरा लंड दी की चूत से बाहर आ गया। मेरा लंड अभी तक बैठा नहीं था बस पानी निकलने के कारण थोड़ा मुरझाया था। उस पर हम दोनो के पानी के साथ दी की चूत से निकला खून भी लगा हुआ था। अब मैंने बिस्तर पर दी को एक तरफ कर दिया और उनकी एक टांग उठाकर आगे कर दी। फिर अपना लंड उनकी चूत पर लगा कर एक धक्का मारा और फिर से लंड को दी की चूत की गहराइयों में उतार दिया। दी ने गर्दन घुमाकर मेरी तरफ देखा तो मैंने उनके होठों से अपने होठों को जोड़ दिया। हम फिर से डीप किस मै खो गए। मैं एक हाथ से दी के मुम्मे मसलने लगा और साथ ही दी की चूत में कसके धक्के मारने लगा। आज हम दोनों चुदाई का ऐसा नंगा नाच कर रहे हैं कि कामदेव भी हमें देखकर अपनी पत्नी रति से संभोग करने लग होंगे। यहां मैं अपनी रति को चोद रहा था और वहा वो अपनी रति से संभोग कर रहे होंगे। मै पहले हि 2 बार झाड़ चुका था तो जल्द हि मै फिर से चरम की और बढ़ने लगा। इसीलिए मेने अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी। मेरे तूफानी धक्को से दी की हालत खराब होने लगी। मेरी रफ़्तार ने दी की जान निकल ली थी। दी पहले ही 4 बार झड़ चुकी थी और ये उनका पहली बार था जब वो अपनी चूत में लंड ले रही थी वो भी इतना मोटा तगड़ा लंड अपने छोटे भाई का लंड। वो तड़प उठी। मैं भी उनके मुम्मों को बुरी तरह दबाने लगा, उन्हे चूमते हुए उनकी चूत में लगातार धक्के मारने लगा। वो अब थक चुकी थी। उन्होंने मेरी आंखों में देखा और आंखें ही आंखों में मुझे आने को कहने लगी। मैंने भी उनकी आँखों में देखा अपनी स्पीड और बढ़ा दी। एक हाथ से उनका सिर पकड़ के उनके चेहरे को अपने चेहरे से लगा लिया। हम दोनों की हालत ख़राब थी। दोनों की सांसे बहुत तेज़ चल रही थी। दी बोली प्लीज पतिदेव अब आ जाये ना. मैं तो अब हमेशा के लिए आपकी ही हूं आपकी प्यारी पत्नी।दी के मुंह से ये सुनकर मेरी उत्तेजना चरम पर पहुंच गई। अब मैं रॉकेट की स्पीड से धक्के लगाने लगा। दी की हालत ख़राब हो गई और उनकी प्यारी चूत की भी। अगले 2-3 धक्के के बाद मेने तीसरी बार अपना वीर्य दी की चूत की गहराइयो में डाल दिया। दी भी फिर से एक बार और झड़ गई। अब मेरी भी हालत खराब हो चुकी थी। मै दी के ऊपर हि लेट गया। अब मुझमे हिलने की ताकत भी नही बची। मेरा लंड अभी तक दी की चूत मे हि फसा हुआ था, तो मै लंड को दी चूत में ही रखकर उनसे लिपटकर सो गया। दी भी मेरे बालों में हाथ फिराते हुए अपनी सांसें थामने लगीं। थोड़ी देर में मेरा लंड ढीला होकर दी की चूत से बाहर आ गया। मेरा लंड बाहर निकलने के बाद अब दी की सूजी हुई चूत से हम दोनों का कामरस और दी की चूत फटने से निकला खून मिलकर बहने लगे।
 
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Love4yummy

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मुझे तो थकान से लेटते ही नींद आ गयी और थोड़ी देर मे दी भी नींद के आगोश मे चली गयी। मोबाइल बजने से दी की नींद खुली तो देखा मम्मी का कॉल था। दी ने कॉल उठाया मम्मी से बात की। फिर दी ने मुझे बगल मे लिटाया और उठकर बाथरूम जाने लगी। जैसे हि उन्होंने उठने की कोशिश की उनकी चूत मे इतना भयंकर दर्द हुआ की वो वापिस पलंग पर गिर पड़ी। उनकी आँखों मे आँसू आ गये। दी दीवार का सहारा लगाकर बैठी और अपनी चूत को देखा तो उनकी आँखे फटी की फटी रह गयी। पहली चुदाई मे ही उनके भाई ने उनकी चूत को बुरी तरह से फाड़ दिया था। चूत फुल कर पकोड़ा बन गयी। चूत के चारों तरफ नील पड़ चुकी थी। चूत से निकले खून ने दी की जांघो को भी लाल कर दिया। पलंग का चद्दर भी लाल खून मे रंगा हुआ था। दी के बूब्स पर जगह जगह दांतो से काटने के निशान बने हुए थे। निप्पल्स मे भी सूजन आ गयी थी। दी के गुप्तांग बहुत बुरी अवस्था मे थे। दी ने अपनी हालत देखकर मेरे चेहरे की ओर देखा। मै मस्त नींद मे सो रहा था। दी को मुझ पर गुस्सा आया वो धीमे से अपने आप से ही बोली देखो मेरी इतनी बुरी हालत करके कैसे मजे से सो रहा है। जानवर है ये पता नही इसकी बीवी का क्या होगा। मै तो अब इसे अपने हाथ भी नही लगाने दूंगी, चुदाई तो दूर की बात है। ये कहके दी ने मेरे सीने पर 2-4 मुक्के मारे। पर मै गहरी नींद मे था। अब मम्मी के आने का टाइम हो गया था तो दी जैसे तैसे उठी। दर्द की 2 गोलियां खायी और फिर बाथरूम जाकर गर्म पानी से नहायी। अब दी को थोड़ी राहत मिली। दी कपड़े पहनकर रूम से बाहर जाने लगी तो फिर उनकी नज़र मेरे चेहरे पर पड़ी। मै पूरी मासूमियत के साथ सो रहा था। दी फिर अपने आप से बोली देखो सोते हुए कितना मासूम लग रहा है। कोई कह सकता है अभी थोड़ी देर पहले इसने अभी बहन को इतनी बेरहमी के साथ जमकर चोदा है की उसकी चूत का एकबार मे हि भोसड़ा बना डाला। और तभी अचानक उनकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी जो पूरा तन कर छत की और देख रहा था। उसे देखते हि दी के मुह से अचानक निकला ये तो सोते हुए भी खड़ा है। मुझे पता है ये आज पूरी रात मेरी लेगा। मम्मी मुझे बचा लो इससे। और दी जल्दी से रूम से बाहर निकलकर किचन मे आ गयी। पर उनकी सांसे अभी तक उखड़ी हुयी थी। वो अपनी आँखे बंद करके किचन की स्लैब पर हाथ टिका कर साँसे सँभालने लगी। दी अचानक एकदम पलटी और जब उन्होंने देखा पीछे कोई नही है तो उनकी सांस मे सांस आयी। क्योकि दी जब दी अपनी आँखे बंद करके अपनी साँसे संभाल रही थी। अचानक उन्हे लगा की मैने पीछे से आकर उनका पाज़मा और चड्डी निचे की और उनकी चूत पर अपना मूसल लंड टिका दिया। इसीलिए दी अचानक से पलटी। अब उन्होंने शाम के खाने की तैयारी शुरु की। थोड़ी देर मे मम्मी आ गयी। दी ने आकर मुझे उठाया। मेने उन्हे अपने पास खींचने की कोशिश की तो उन्होंने गुस्से मे मुझे बोला मम्मी किचन मे है जल्दी नहा के कपड़े पहन ले। फिर वो किचन मे चाली गयी। मै उठा बाथरूम मे आया और नहाने लगा। आज मै सातवे आसमान पर था। मेरी इतनी बड़ी मुराद पूरी हुयी थी। आज मेने अपनी पहली चुदाई की, वो भी अपनी प्यारी सेक्सी हॉट दी के साथ और पहली बर मे हि लगातार तीन बार जबरदस्त तरीके से चोदा मेने दी को। ये सोचते ही मेरा लंड फुफ्कारने लगा। मेने अपने लंड से कहा थोड़ा सब्र रख पूरी रात तुझे दी की प्यारी चूत मे हि रखूँगा। पूरी रात प्यार कर करके चोदना दी की चूत को और अपना ढेर सारा पानी पिलाना दी की प्यासी चूत को। फिर मै नहाकर आया कपडे पहने और हाल मे आ गया। खाना बन चुका था। मम्मी ने मुझे खाना डाला। आज मेने ज़्यादा खाना खाया। मै मम्मी से बोला मम्मी मुझे आज भूख ज्यादा लगी है, दिन मे दी के साथ कम करके मै काफी ज्यादा थक गया। ये सुनते हि दी ने मेरी ओर आँखे दिखाते हुए गुस्से से देखा। मेने भी दी को आँख मार दी। मम्मी ने पूछा ऐसा क्या काम था दी का। मेने कहा मम्मी दी का साइंस प्रैक्टिकल था तो प्रैक्टिकल दी को समझाने मे काफी ज्यादा मेहनत लगी और दी को एक बार मे समझ भी नही आया तो मुझे तीन बार करना पड़ा। जिससे मे ज्यादा थक गया। मम्मी बोली कोई बात नही तु अच्छे से खा। मै बोला हाँ मम्मी अच्छे से तो खाना हि पड़ेगा अभी तो दी को पूरा समझ भी नही आया। अभी तो रात भर प्रैक्टिकल करना पड़ेगा दी के साथ। तब शायद दी को समझ आ जाये वो प्रैक्टिकल। दी की किचन मे बुरी हालत थी। वो बार बार ल मुझे गुस्से से देख रही थी और चुप रहने को बोल रही थी। उन्हे डर था की गलती से भी यदि मम्मी को जरा सा भी शक हो गया तो क्या होगा। मै पूरे मजे मे मम्मी को बता रहा था की मेने दी को दिन मे 3 बार चोदा है और अब पूरी रात जमकर चोंदूगा। दी की हालत पहले से खराब थी और तभी मम्मी ने दी से कहा प्रिया तेरा ध्यान कहा रहता है अब जब रात को भाई तेरे साथ प्रैक्टिकल करे तो पूरा ध्यान प्रैक्टिकल पर हि लगाना और ढंग से प्रैक्टिकल करना और बेटा तु जब तक दी को ढंग से प्रैक्टिकल समझ ना आये तब तक दी के साथ प्रैक्टिकल करते रहना। मेरे बच्चे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दो। अनजाने मे हि मम्मी ने दी को कह दिया की रात भर अपने भाई से जमकर चुदे। जितनी बार भाई चोदना चाहे उसे चोदने दे और हर चुदाई मे उसका पूरा साथ दे। दी की तो हालत खराब हो गयी वो शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी। अब वो मुझसे नज़र भी नही मिला रही थी। सबने खाना खाया। पापा मम्मी फिर सो गये। मै दी के कमरे मे आया। दी पलंग पर बैठकर किताब पढ़ रही थी। मै जाकर दी के पास बैठ गया। दी मुझसे नज़र नही मिला रही थी। उन्होंने मेरी और देखा भी नही। मेने उठकर रूम को लॉक कर लिया। दी की धड़कन तेज़ हो गयी। मै दी के पास आया और अपनी जेब से एक डिबिया निकालकर दी के हाथ मे रख दी। दी ने बिना मेरी तरफ देखे डिबिया खोली तो उसमे एक सुंदर नाक की बाली थी। मेने दी से कहा प्लीज दी इसे पहन के दिखाओ। दी उठी और अपनी ड्रेसिंग टेबल के सामने जाकर उन्होंने अपनी पहनी हुयी बाली निकाली और मेरी दि हुयी बाली पहन ली। फिर मेरी और मुड़ी। दी की नज़रे निचे जमीन की और थी। मेने कहा दी मेरी और देखो तभी तो चेहरा सही दिखेगा। दी ने नज़र उठायी पर मेरी बजायी मेरे पीछे पड़े टेडी बेयर को देखने लगी। दी पर ये बाली बहुत अच्छी लग रही थी। दी के सेक्सी चेहरे को और ज्यादा सेक्सी बना दिया इसने। मेने दी को अपने पास बुलाया। दी आकर मेरे पास बैठ गयी। मेने दी से कहा दी आज से हम अकेले मे पति पत्नी की तरह हि रहेंगे। आप मेरी सेक्सी हॉट पत्नी और मै आपका ताकतवर बड़े लंड वाला पति।ये सुनकर दी और शर्मा गयी। मेने दी से कहा पति पत्नी मे केसी शर्म। क्या मम्मी पापा से शर्माती है। देखा था ना हमने कैसे खुल कर मस्ती मे चुदती है मम्मी पापा से। अब से आप मेरी पत्नी हो और मै आपका पति तो अब आपको भी वैसे हि मस्ती मे मेरे साथ चुदाई करनी है। बोलो करोगी ना। दी ने नज़रे झुकाये हुए हि हम्म्म्म कहा । मेने दी का चेहरा ऊपर उठाते हुए कहा मेरी आँखों मे देखकर बोलो ऐसे नही। दी ने ना मे सिर हिलाया पर मेरे बार बार कहने पर दी ने नज़रे उठाकर मेरी और देखा। मै तो उनकी आँखों के नशे मे डूब गया। आज कितनी मादक लग रही थी दी की आँखे। लाज शर्म से भारी हुयी अपने नए पति को सम्भोग का निमंत्रण देती नशीली आँखे। दी ने मेरी आँखों मे देखते हुए कहा पतिदेव आज से आप मेरे स्वामी है। इसीलिए मै आपको पत्नी का हर सुख देने के लिए तैयार हु। ये कहकर दी मुझसे लिपट गयी। उनकी सांसे तूफानी रफ़्तार से चल रही थी। उन्होंने मेरे कान मे कहा सुनो अब शादी करके हमेशा के लिए मुझे अपना बना लो। अब मै आप के अलावा किसी और को अपना शरीर टच भी नही करने दूंगी। मै मर जाउंगी यदि आपने मुझे अपने से दूर किया तो। इतना कहके उन्होंने मुझे और ज्यादा जोर से जकड लिया। उनके बूब्स मेरे सीने मे दब रहे थे। पर अभी मेरे अंदर दिन वाली हवस नही थी बल्कि एक पति का पत्नी के प्रति होने वाला प्रेम था। मेने दी को अपने से अलग किया। मै पलंग से उठा और रूम से बाहर निकल गया। दी को कुछ समझ नही आया उनको लगा कही उन्होंने कुछ गलत तो नही बोल दिया। वो ये सोच हि रही थी की मै वापिस रूम मे आया और दरवाजा लॉक कर दिया। मै दी के पास आया और अपना हाथ दी के सामने किया। हाथ देखकर दी के चेहरे पर खुशी आ गयी। मेरे हाथ मे सिन्दूर की डिबिया रखी थी। मेने चुटकी मे सिन्दूर लिया और दी की मांग भर दी। फिर अपने गले से सोने की चैन निकालकर दी को पहना दी। दी ने खड़े होकर मुझे गले लगा लिया उनकी आँखों मे आंसु थे। अब मेने सिन्दूर की डिबिया साइड मे रखी और हम दोनो पलंग पर आ गये। मै पलंग के सहारे टिककर बैठ गया। दी मेरे सीने पर सिर लगाकर मुझसे लिपट गयी। हम दोनो बिना कुछ बोले बस ऐसे हि लिपटे रहे और पता नही कब हमे नींद आ गयी। सुबह अलार्म से हमारी नींद खुली। जागते हि हमने एक दूसरे को देखा और दी ने मेरे होंठो पर किस किया और नहाने चली गयी। मै भी उठकर अपने रूम मे आया और लेट गया। कुछ देर बाद मेरे चेहरे पर पानी की बौछार से मेरी नींद खुली। देखा मेरी प्यारी पत्नी अपने गीले बालों से मेरे चेहरे पर पानी गिरा रही थी। मेने उन्हे पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया। तो उन्होंने शर्माते हुए कहा प्लीज जाने दीजिये मुझे मम्मी ने देख लिया तो गजब हो जायेगा। मै भी जानता था इसिलिए उसके होंठो पर एक किस किया और उसे जाने दिया।
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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मैं भी दी की बात सुनकर पागल हो उठा मैंने दी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके पूरे शरीर के हर एक अंग को चूमने लगा। दी का जिस्म जल रहा था. अब मैं दी के टांगो के बीच बैठ गया। मेरे सामने जन्नत का दरवाज़ा था. बिल्कुल भी बाल नहीं थे. दी ने सारे बाल हटा लिए थे. दो गहरे लाल होठों के बीच दी की पानी बहाती यम्मी चूत। मैं पागल हो उठा मेरा लंड इस चूत को फाड़ने के लिए मरे जा रहा था। मैं आगे बड़ा और अपनी जीभ से दी की चूत को चाट लिया। दी के पूरे जिस्म में करंट दौड़ गया। मैंने अपने कांपते होठों को दी की चूत के होठों से जोड़ दिया और दी की चूत चूसने लगा। फिर अपनी जीभ दी की चुत में घुसा कर मैं दी की चुत चूसने लगा। दी अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और बोली आआह्ह्ह्ह भाई चूस ले इसे बहुत बह रही है खा जा इसे इसने मुझे बहुत परेशान कर रखा है, कह रही है भाई का मूसल लंड चाहिए इसे। भाई इसे अपने लंड से एसा चोदना की रो रो कर तेरे लंड से बचने की भीख मांगे।
दी मुझे अब अपने ऊपर खींचने लगेगी। मैं भी उठा और अपना लंड दी के मुँह की तरफ करके 69 पोजीशन में आ गया। अब मैं दी की चूत कस कर चाट रहा था और अपनी जीभ अंदर तक घुसा रहा था। दी ने मेरा लंड हाथ में पकड़ा तो उसकी मोटाई देखकर उनके जिस्म में डर की लहर दौड़ गई। उनकी चूत मे इस डर की कुलबुलाहट मेने साफ महसूस की। मैं और जोर से उनकी चूत चाटने लगा। अब दी ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे लंड के टोपे की चाटा। मेरा हाल बुरा हो गया. मेरे लंड ने थोड़ा सा वीर्य निकाल दिया. दी ने जिभ से पूरा वीर्य चाट लिया। अब वो मेरे लंड के टोपे को मुँह में लेकर चूसने लगेगी। मैं जन्नत का आनंद लेते हुए दी की चूत चूस रहा था। अब दी ने थोड़ा लंड और मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी क्योंकि रात में मम्मी पापा का लंड चूस रही थी। बस मम्मी ने पापा का पूरा लंड मुँह में ले रखा था और दी मेरा थोड़ा लंड ही मुँह में ले रही थी। पर मैं तो पूरे आनंद में था। हम एक दूसरे को पूरे मजे से चूस रहे थे। अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं उठा और एक तकिया दी की गांड के नीचे लगया जिससे दी की चूत उभर कर सामने आ गई। दी मुझे ही देख रही थी. उनकी आंखों में हवस और डर साथ-साथ नजर आ रहे थे। मैंने अब उनकी दोनों टांगो को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया और अपने लंड के टोपे को दी की चूत पर रगड़ने लगा।
दी बोली भाई धीरे-धीरे डालना मैं कुंवारी हूँ और तेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है।
मैने कहा दी मैं बिल्कुल प्यार से डालूंगा पर दर्द तो होगा दी। क्या आप मेरे लिए दर्द सह लोगी? ये मैने बहुत प्यार से दी से पूछा था।

दी ने मेरे चेहरे की और देखा और प्यार से बोली अगर ये दर्द नहीं सहना होता तो इस तरह नंगी होकर तेरे निचे ना लेटी होती। पर तू बिल्कुल आराम से करना।
मैंने हा में सर हिलाया और लंड को चूत के मुँह पर लगा कर हल्का सा धक्का लगाया पर पहली बारी में लंड फिसल के नीचे चला गया। दी ने लंड को अपने हाथ में पकड़ के पहले अपनी चूत के दाने पे घिसाई की और फिर चूत के मुँह पे लगा दिया। दी ने अब मेरी आँखों में देखकर आगे बढ़ने का इशारा किया। मैने हल्का सा धक्का लगाया पर दी की कुंवारी चूत लंड को अंदर नहीं जाने दे रही थी। मैंने दी की आँखों में देखा उनमे अब डर दिख रहा था क्योंकि वो जान चुकी थी अब मैं तेज़ धक्का मारने वाला हूँ। उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और मेरे धक्के का इंतजार करने लगी। मैंने अपनी पूरी ताकत समेटी और एक करारा धक्का दी की चूत में लगा दिया। धक्के से मेरा आधा लंड दी कि चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर घुस गया। दी दर्द से चीख पडी. पूरा घर उनकी चीख से गूंज उठा। मैने झट से उनके होठों पर अपने होठों को रख दिया और उन्हें चूमने लगा। उनको मुम्में दबाने लगा. दी की आँखों से आंसू बहने लगे। वो मेरे नीचे छटपटाने लगी. अपने दोनों हाथों को बिस्तर पर मारने लगि। मैं भी दी के दर्द को महसूस कर रहा था इसलिए अगले 10-15 मिनट बिना कोई हरकत बस उन्हें चूमता रहा और उनकी चूचियां दबाता रहा। अब दी का दर्द थोड़ा कम हुआ. मैंने हल्के से लंड हिलाया और दी के चेहरे की और देखा तो उनकी आंखो में अब भी आंसू थे।
मैं - सॉरी दी इस दर्द के लिए। मैं आपको दर्द नहीं देना चाहता। मैं आपसे बेइंतहा मुहब्बत करता ही हूं, दी इस मोहब्बत को पूरा करने के लिए, आज इस दर्द से गुज़रना जरूरी है।
ये सुनकर दी ने मुझे गले लगा लिया और बोली मैं भी तुझसे बहुत प्यार करती हूं। तेरे लिए हर दर्द ख़ुशी ख़ुशी सह लुंगी। अब अगला धक्का मारके पूरा लंड डाल दे मेरी चूत में। मैं हमारे प्यार को पूरा करने के लिए ये दर्द भी सह लुंगी।
मेने दी के कान चूमते हुए पुछा दी हल्के हल्के धक्के लगाऊ या सच में पूरा एक बार मे डाल दू। आपको बहुत दर्द होगा।
दी बोली हमारे प्यार को पूरा करने के लिए ये दर्द तो मुझे सहना ही होगा ना। तुम मारो धक्का मैं तुम्हारे प्यार के लिए सह लुंगी। मेने दी के होठों से फिर से अपने होठ जोड़ दिए और हम बेताहाशा एक दूसरे को चुमने लगे। मैंने थोड़ी देर इंतजार किया जब तक कि दी इस डीप किस में खो जाए। जेसे ही हमारा चुम्बन अपने चरम पर पहुंचा मेने अपनी पूरी ताकत जुटाकर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड दी की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया और सीधा जाकर दी की बच्चेदानी पर टक्कर मारी। दी को बहुत दर्द हुआ उनकी आंखों से तुरंत आंसू बहने लगे पर उन्होंने किस करना जारी रखा। दी मुझे और ज्यादा जोर से किस करने लगी। मैंने दी को आराम आने तक ऐसे ही रुकने का सोचा पर दी नीचे से अपनी कमर हिलाकर मुझे धक्के लगाने का इशारा करने लगी। मैने भी हल्के हल्के धक्के मारना शुरू किया। 5-10 मिनट में हम दोनो अब चुदाई के फुल मजे लेने लगे। अब हम किस नही कर रहे थे। अब हमारे होंठ एक दूसरे के होठो के करीब कांप रहे थे।मेने अपना सिर दी के सिर से टच किया और दी की आँखों मे देखते हुए उनकी कुंवारी चूत मे अपना कुंवारा लंड डालकर उन्हे चोदकर अपना बनाने लगा। अब मैं अब थोड़ा तेज़ धक्के मारने लगा। दी भी मेरी आँखों मे देखते हुए अपनी चूत की मेरे मूसल लंड से पहली चुदाई का मजा लेने लगी। हम दोनों कुछ बोल नहीं रहे थे बस लगातार बिना पलके झुकाये अपनी पहली चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे। हमारी आँखों मे इतनी हवस थी मानो अब जिन्दगी भर हम चुदाई हि करते रहेंगे। अब मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और एक झटके में दी की चूत में डाल दिया। दी की आह पूरे घर में गूंजने लगी। दी मेरी आंखों में देखते हुए मुझसे चुदने लगी। मैने धक्को की स्पीड बढ़ा दी. अब दी मेरा पूरा साथ दे रही थी। 5 मिनट की चुदाई के बाद दी का शरीर बुरी तरह कांपने लगा। दी ने मुझे कस कर गले लगा लिया। अगले धक्के के साथ ही दी की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया। दी मेरे चेहरे और गले पर बेतहाशा चूमने लगी। पानी छोड़ने से अब लंड काफी आसान से चूत में अंदर बाहर हो रहा था। मेरे धक्के की रफ्तार बढ़ती जा रही थी। दी भी मुझे चूमे जा रही थी. 10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज़ कर दी। हर धक्के के साथ दी की आहह्ह्ह्ह्ह् पूरे घर मे गुंज जाती. मैं अपनी पहली चुदाई के चरम पर पहुंचने लगा। इसलिए अब मैंने अपने धक्के की स्पीड और बढ़ा दी। अब मैं बेतहाशा तेजी के साथ दी की चूत को चोदने में लग गया। दी भी फ़िर से अपने चरम की और बढ़ने लगि। मेरा पानी बस निकलने को आ गया इसिलिए मैं तूफान की रफ्तार से धक्के लगाने लगा। दी की आहे अब चीखो में बदल गई. मेने दी के कंधो के नीचे हाथ डालकर उन्हें पकड़ा और ताबड़तोड़ उनकी चूत में अपना लंड पेलने लगा। थोड़े धक्कों के बाद ही मैं दी की चूत की गहराइयों में झड़ने लगा। दी भी इस अहसास को सह नहीं पाई कि उसकी चूत की गहराई में उसका छोटा भाई अपना वीर्य डाल रहा है और दी फिर से झड़ गई। मैं काफी देर तक झड़ता रहा पर मैं अभी भी दी की चूत मे हलके हलके धक्के मारता रहा।
Super hot erotic lovely update 💓 💓 🔥 🔥 🔥 🔥
 

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हम तैयार हुए नाश्ता किया मै स्कूल चला गया और दी कॉलेज। मेरा स्कूल मे बिल्कुल मन नही लग रहा था। मेने स्कूल ब्रेक मे हि बाइक उठायी और दी की कॉलेज की तरफ निकल गया। मै दी के कॉलेज पहुचा। अंदर चला गया। दी को फोन किया पर बताया नही की मै उनकी कॉलेज आया हु। मेने दी से पूछा की वो कहा है तो उन्होंने बताया की लाइब्रेरी मे हु। मै लाइब्रेरी की तरफ चला गया। देखा दी पढ़ रही थी। तभी एक लड़का वहा आया और उसने दी का हाथ पकड़ा और उन्हे अपने साथ ले जाने लगा। ये लड़का कोई और नही रानी दी का देवर अनिल था। वो दोनो लाइब्रेरी की ऊपरी मंजिल की और जाने लगे। मै भी छुपते हुए उनके पीछे गया। ऊपर लाइब्रेरी मे छोटे छोटे कम्पार्टमेंट टाइप बने हुए थे। जिसमे 3-4 लोग एकसाथ बैठकर पढ़ सकते थे। दी और वो लड़का सबसे लास्ट के कम्पार्टमेंट मे घुस गये। मै भी उनके पास वाले कम्पार्टमेंट मे घुस गया। थोड़ी दर बाद मुझे दी की आहे सुनाई देने लगी। मै अचम्भे मे आ गया। मेने बिच की दीवार मे छेद ढूढ़ने की कोशिश की पर नही मिला। फिर मुझे दिखा की एक जगह से तार एक कम्पार्टमेंट मे से दूसरे मे जा रहे है। वहा ढंग से देखने पर पता चला एक गोल बड़े छेद पर से ढक्कन टाइप मे हट सकता है। मेने उसे हटाया और छेद में आँखे लगाकर दूसरी ओर देखने लगा। वहा का नज़ारा देखकर मेरे तो होश हि उड़ गये। मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आया। अंदर प्रिया दी अनिल की गोद मे बैठी हुयी थी। दी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी। अनिल प्रिया दी के बूब्स को बुरी तरह निचोड़ रहा था और दोनो के होंठ एकदूसरे को खा जाने की कोशिश कर रहे थे। दी अपने बूब्स को मसालवाते हुए अनिल को बुरी तरह चूमे जा रही थी। अब अनिल ने किस तोड़ा और दी के एक बूब को अपने मुह मे भर लिया और चूसने लगा। एक हाथ से दूसरे बूब को मसलने लगा और दूसरा हाथ दी के पज़मे मे घुसा दिया। दी तड़प रही थी आहे भर रही थी। अनिल ने दी की चूत मे ऊँगली घुसा दी। दी के चेहरे की तड़प ये साफ दिखा रही थी। दी उसके सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी। अब अनिल ने दी को खड़ा किया और उनका पज़ामा और चड्डी उतर दिये। अब दी अनिल के सामने पूरी नंगी खड़ी थी। उसने दी को चेयर पर बैठाया और उनकी टांगे चौड़ी कर दी। दी की सुजी हुई चूत अनिल की आँखों के सामने थी। चूत की हालत देखकर अनिल ने जो बोला वो सुनकर मेरे पेरो के नीचे की जमीन खिसक गयी।
लड़का : जान समीर ने कितनी बुरी तरह चोदा है तेरी चूत को। अभी तक सुजी हुयी है।
दी : हा अनिल जानवर है समीर और उसका वो मूसल मोटा लंड। ऐसा चोदा है उसने मुझे की अब तक चूत का दर्द ख़त्म नही हुआ है और अभी तो घर जाते हि वो मुझे फिर से पटक के चोदेगा।
अनिल : मजे है यार समीर के तो। इतने जबरदस्त माल मिल रहा है चोदने के लिए। तु माल हि ऐसा है मेरी जान जिसको भी मिलेगी बेबी तुझे वो जमकर हि चोदेगा। इसमे तेरे भाई का दोष नही है। जिस दिन तु मुझे मोका देगी ना मै भी तुझे चोद चोद के रुला दूंगा मेरी जान। बोल ना कब लेगी मेरा लंड अपनी चूत मे। अब तो तूने समीर को अपनी कुंवारी चूत भी दे दी। अब तो मुझे भी लेने दे ना मजा।
दी : हाँ बेबी मेरी ये इच्छा पूरी हो गयी। अब ये चूत तुम्हारी हि है जब चाहे ले लो।
अनिल: बेबी सच कह रही हो। मन तो कर रहा है अभी हि ले लु। पर ये चूत आराम से लूंगा मै। मुझसे शादी करोगी ना बेबी।
दी: हाँ बेबी अगर शादी नही करनी होती तो तुम्हे हाथ भी ना लगाने देती अपने।
अनिल: बेबी पर थोड़ा ध्यान रखना कही शादी होने से पहले समीर तेरी चूत का भोसड़ा ना बना दे।
दी: वो तो बनाएगा भोसड़ा उसकी दी की चूत है। तुम्हे जैसी मिलेगी लेनी पड़ेगी।
अनिल: ठीक है मेरी जान तेरे प्यार मे ये भी कुबूल है। पर तुम घर कब आ रही हो। जल्दी आ जाओ। वही तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा।
दी: बेबी जल्दी हि आउंगी। मै कल हि मम्मी से बात करती हु।
अब अनिल ने अपनी जीभ दी की चूत पर लगा दी और चाटने लगा। दी भी मस्ती होकर अनिल से चूत चटवाने का मजा लेने लगी। दी अपने होंठ दांतो मे दबाकर अपनी आहे रोक रही थी। अनिल दी की चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। दी मस्ती मे तड़पने लगी। अब अनिल ने दी को अपनी गोद मे बिठाया और उनका एक बोबा अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा और दूसरे बूब के निप्पल को मुह मे लेकर चूसने लगा। अपने दूसरे हाथ की दो उंगुलियाँ उसने दी की चूत मे घुसा दी। प्रिया दी सेक्स के नशे मे तड़पने लगी। अब अनिल दी की चूत को अपनी ऊंगुलियों से चोदने लगा। दी मस्ती मे छटपटाने लगी। अनिल पागलों की तरह प्रिया दी के बोबो की निचोड़ रहा था चूस रहा था और चूत को अपनी अंगुलियों से बुरी तरह चोद रहा था। दी ज्यादा देर टिक नही पायी और उनकी चूत ने अनिल के हाथ पर अपना पानी छोड़ दिया और अनिल की बांहों मे गिर पड़ी। दी अपनी साँसे थामने लगी। अनिल अभी भी दी के बोबो से खेल रहा था। अब प्रिया दी ने अनिल को चेयर पर बिठा दिया और उसका पेंट और चड्डी निचे कर दिये। अब अनिल का लंड दी के सामने था। अनिल का लंड लगभग मेरे लंड जितना हि था। दी अनिल की आँखों मे देखती हुयी उसके लंड पर किस करने लगी। अनिल की आह निकल गयी। दी की आँखे थी हि इतनी सेक्सी की कोई भी पागल हो जाये। अब दी अनिल के लंड के टोपे पर गोल गोल जीभ घुमाने लगी। अनिल खुदको संभालने मे असमर्थ होता जा रहा था। दी अब उसके टोपे को चूसने लगती है। अनिल का लंड थोड़ा सा वीर्य निकल देता है। प्रिया दी उसकी आँखों मे देखती हुयी उसे चाट जाति है। वो फिर से टोपा मुह मे लेकर चूसने लगती है। अब धीरे धीरे दी अनिल का लंड अपने मुह मे लेने लगती है और देखते देखते अनिल का पूरा लंड दी के मुह मे गायब हो जाता है। दी अब अपना मुह ऊपर निचे करके अनिल का लंड चूसने लगती है। 10 मिनट चूसाई के बाद अनिल अपने चरम पर पहुंच जाता है और प्रिया दी का मुह अपने लंड पर दबाकर उनके मुह मे अपने वीर्य की धार छोड़ने लगता है। आखिरी धार छोड़कर वो प्रिया दी का सिर छोड़ देता है। प्रिया दी उसका सारा वीर्य पी गयी। तभी अनिल को कॉल आया। उसने कॉल उठाया। ये एक वीडियो कॉल था।
अनिल: हेल्लो भाई और भाभी ये देखो।
ये कहकर अनिल कैमरा अपने लंड पर करता है और फिर निचे नंगी बैठी प्रिया दी की तरफ कर देता है।
प्रिया दी: हेल्लो रानी दी और जीजू देखो आपके भाई ने क्या किया। मुझे अपना पूरा पानी पिला दिया।
ये बोलकर प्रिया दी खड़ी होकर अनिल की गोद मे बैठ गयी।
मै रानी दी का नाम सुनकर स्तब्ध रह गया की ये चल क्या रहा है।
रानी दी: देवर जी कोई कमी तो नही छोड़ी मेरी होने वाली देवरानी ने आपको खुश करने मे?
अनिल: भाभी कमी तो नही छोड़ी पर आप वाली बात नही है।
रानी दी: तो आ जाइये देवर जी आपको किसने रोका है। मेरी भी चूत तड़प रही है आपके लण्ड के लिए
जीजू: हाँ भाई आजा इसको तेरे से हि मजा आता है पर आते आते मेरी सेक्सी साली को लेते आना
प्रिया दी: जीजू चिंता मत करो जल्द हि आउंगी और देखना इतना प्यार करूंगी की आपको दी की जरूरत हि नही पड़ेगी।
इतने मे रानी दी की सास उनके कमरे का दरवाजा बजाती है तो रानी दी बाय बोलकर कॉल कट कर देती है। अब ये दोनो भी कपड़े पहनकर एक किस करते है और बाहर निकल जाते है। मै भी वहा से निकलकर घर आ जाता हु। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था ये क्या चल रहा है सब।
 
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लड़का : जान समीर ने कितनी बुरी तरह चोदा है तेरी चूत को। अभी तक सुजी हुयी है।
दी : हा अनिल जानवर है समीर और उसका वो मूसल मोटा लंड। ऐसा चोदा है उसने मुझे की अब तक चूत का दर्द ख़त्म नही हुआ है और अभी तो घर जाते हि वो मुझे फिर से पटक के चोदेगा।
अनिल : मजे है यार समीर के तो। इतने जबरदस्त माल मिल रहा है चोदने के लिए। तु माल हि ऐसा है मेरी जान जिसको भी मिलेगी बेबी तुझे वो जमकर हि चोदेगा। इसमे तेरे भाई का दोष नही है। जिस दिन तु मुझे मोका देगी ना मै भी तुझे चोद चोद के रुला दूंगा मेरी जान। बोल ना कब लेगी मेरा लंड अपनी चूत मे। अब तो तूने समीर को अपनी कुंवारी चूत भी दे दी। अब तो मुझे भी लेने दे ना मजा।
दी : हाँ बेबी मेरी ये इच्छा पूरी हो गयी। अब ये चूत तुम्हारी हि है जब चाहे ले लो।
अनिल: बेबी सच कह रही हो। मन तो कर रहा है अभी हि ले लु। पर ये चूत आराम से लूंगा मै। मुझसे शादी करोगी ना बेबी।
दी: हाँ बेबी अगर शादी नही करनी होती तो तुम्हे हाथ भी ना लगाने देती अपने।
अनिल: बेबी पर थोड़ा ध्यान रखना कही शादी होने से पहले समीर तेरी चूत का भोसड़ा ना बना दे।
दी: वो तो बनाएगा भोसड़ा उसकी दी की चूत है। तुम्हे जैसी मिलेगी लेनी पड़ेगी।
अनिल: ठीक है मेरी जान तेरे प्यार मे ये भी कुबूल है। पर तुम घर कब आ रही हो। जल्दी आ जाओ। वही तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा।
दी: बेबी जल्दी हि आउंगी। मै कल हि मम्मी से बात करती हु।
अब अनिल ने अपनी जीभ दी की चूत पर लगा दी और चाटने लगा। दी भी मस्ती होकर अनिल से चूत चटवाने का मजा लेने लगी। दी अपने होंठ दांतो मे दबाकर अपनी आहे रोक रही थी। अनिल दी की चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। दी मस्ती मे तड़पने लगी। अब अनिल ने दी को अपनी गोद मे बिठाया और उनका एक बोबा अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा और दूसरे बूब के निप्पल को मुह मे लेकर चूसने लगा। अपने दूसरे हाथ की दो उंगुलियाँ उसने दी की चूत मे घुसा दी। प्रिया दी सेक्स के नशे मे तड़पने लगी। अब अनिल दी की चूत को अपनी ऊंगुलियों से चोदने लगा। दी मस्ती मे छटपटाने लगी। अनिल पागलों की तरह प्रिया दी के बोबो की निचोड़ रहा था चूस रहा था और चूत को अपनी अंगुलियों से बुरी तरह चोद रहा था। दी ज्यादा देर टिक नही पायी और उनकी चूत ने अनिल के हाथ पर अपना पानी छोड़ दिया और अनिल की बांहों मे गिर पड़ी। दी अपनी साँसे थामने लगी। अनिल अभी भी दी के बोबो से खेल रहा था। अब प्रिया दी ने अनिल को चेयर पर बिठा दिया और उसका पेंट और चड्डी निचे कर दिये। अब अनिल का लंड दी के सामने था। अनिल का लंड लगभग मेरे लंड जितना हि था। दी अनिल की आँखों मे देखती हुयी उसके लंड पर किस करने लगी। अनिल की आह निकल गयी। दी की आँखे थी हि इतनी सेक्सी की कोई भी पागल हो जाये। अब दी अनिल के लंड के टोपे पर गोल गोल जीभ घुमाने लगी। अनिल खुदको संभालने मे असमर्थ होता जा रहा था। दी अब उसके टोपे को चूसने लगती है। अनिल का लंड थोड़ा सा वीर्य निकल देता है। प्रिया दी उसकी आँखों मे देखती हुयी उसे चाट जाति है। वो फिर से टोपा मुह मे लेकर चूसने लगती है। अब धीरे धीरे दी अनिल का लंड अपने मुह मे लेने लगती है और देखते देखते अनिल का पूरा लंड दी के मुह मे गायब हो जाता है। दी अब अपना मुह ऊपर निचे करके अनिल का लंड चूसने लगती है। 10 मिनट चूसाई के बाद अनिल अपने चरम पर पहुंच जाता है और प्रिया दी का मुह अपने लंड पर दबाकर उनके मुह मे अपने वीर्य की धार छोड़ने लगता है। आखिरी धार छोड़कर वो प्रिया दी का सिर छोड़ देता है। प्रिया दी उसका सारा वीर्य पी गयी। तभी अनिल को कॉल आया। उसने कॉल उठाया। ये एक वीडियो कॉल था।
अनिल: हेल्लो भाई और भाभी ये देखो।
ये कहकर अनिल कैमरा अपने लंड पर करता है और फिर निचे नंगी बैठी प्रिया दी की तरफ कर देता है।
प्रिया दी: हेल्लो रानी दी और जीजू देखो आपके भाई ने क्या किया। मुझे अपना पूरा पानी पिला दिया।
ये बोलकर प्रिया दी खड़ी होकर अनिल की गोद मे बैठ गयी।
मै रानी दी का नाम सुनकर स्तब्ध रह गया की ये चल क्या रहा है।
रानी दी: देवर जी कोई कमी तो नही छोड़ी मेरी होने वाली देवरानी ने आपको खुश करने मे?
अनिल: भाभी कमी तो नही छोड़ी पर आप वाली बात नही है।
रानी दी: तो आ जाइये देवर जी आपको किसने रोका है। मेरी भी चूत तड़प रही है आपके लण्ड के लिए
जीजू: हाँ भाई आजा इसको तेरे से हि मजा आता है पर आते आते मेरी सेक्सी साली को लेते आना
प्रिया दी: जीजू चिंता मत करो जल्द हि आउंगी और देखना इतना प्यार करूंगी की आपको दी की जरूरत हि नही पड़ेगी।
इतने मे रानी दी की सास उनके कमरे का दरवाजा बजाती है तो रानी दी बाय बोलकर कॉल कट कर देती है। अब ये दोनो भी कपड़े पहनकर एक किस करते है और बाहर निकल जाते है। मै भी वहा से निकलकर घर आ जाता हु। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था ये क्या चल रहा है सब।
ये भाईचोदी दीदी तो डबल्स ही नहीं ट्रिपल की तैयारी में है न
और रानी दीदी खसम देवर दोनों की रण्डी

मजेदार
 
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सिमरन को लेट आने दो इन्तज़ार कर लेंगे
अपडेट लेट मत करो इन्तज़ार नहीं होता
 
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