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ट्विस्ट के साथ ये कहानी हैप्पी एंडिंग पर सम्पूर्ण हुईसामने राजीव था। राजीव मिताली को अंदर लेकर आया और उसे चुप करने लगा। मिताली उससे पूछने लगी की तुम ठीक तो हो ना, तुम्हे इतनी देर कैसे लग गयी, मेने तो आसपास के सब हॉस्पिटल मे पूछा पर कही भी एक्सीडेंट का केस आया हि नही तो तुम अपने दोस्तों को कहा लेकर गये? राजेव के पास मिताली के किसी सवाल को कोई जवाब नही था क्योंकि ऐसा कुछ हुआ हि नही था। जो उसने किया वो मिताली को बता नही सकता था तो उसने कहा मिताली मेने अपने दोस्तों का इलाज पास के शहर मे करवाया इसीलिए मुझे समय लग गया। पर अब वो ठीक है। तुम हमेशा घर जाने की जिद करती थी ना आज हम यहा से सीधा अपने घर हि चलेंगे। घरवाले भी अपने पोता/पोती की खुशी पाकर खुश हो जाएंगे। मिताली ये बात सुनकर अपनी सब परेशानी भूलकर खुश हो गयी। राजीव मिताली को लेकर घर आ गया। घर मे सबने मिताली का अच्छे से स्वागत किया।
पर ऐसा हुआ कैसे?.............चलिए जानते है पर इसके लिए हमे थोड़ा फ़्लैशबैक मे जाना पड़ेगा...
........अब कहानी थोड़ा फ़्लैशबैक में...........
राजेंद्र ने मिताली को तलाक़ देकर राजीव के साथ शादी करके जीवन आगे बढ़ाने का मौका दे दिया पर कही ना कही दिल मे वो मिताली को चाहने लगा था। इसीलिए उसे दुख हुआ पर वो मिताली के लिए खुश था। पर उसे डर था तो राजीव के गलत मंसूबों से। वो जानता था मिताली राजीव से बेइंतहा प्यार करती है वो राजीव के दिये धोखे को सह नही पायेगी। मिताली की खुशी के लिए राजेंद्र ने अपनी सहकर्मी शिखा का सहारा लिया, जो उसी के साथ कॉलेज मे पढ़ाती है और राजीव की बड़ी बहन है। उनमे काफी अच्छी दोस्ती थी। राजेंद्र ने शिखा को पूरी बात बताई। शिखा अपने भाई राजीव की हरकतों को जानती थी पर वो अपने भाई से प्यार भी बहुत करती थी। तो वो राजीव के फ्यूचर को लेकर काफी चिंतित रहती थी की ऐसे हि अपने फ्यूचर के बारे मे बिना सोचे वो कब तक भटकता रहेगा। शिखा राजेंद्र की काफी इज्जत करती थी क्योंकि राजेंद्र हमेशा से हि एक सुलझा हुआ और सबकी मदद करने वाला इंसान था। कही ना कही शिखा के दिमाग़ मे जो जीवनसाथी का चित्र था वो भी राजेंद्र से काफी मिलता जुलता था। जब राजेंद्र ने शिखा को सब बात बताई तो उसने राजीव के बेस्टफ्रेंड से इसका कन्फर्मेशन किया और उसे पता चला की ये बात पूरी तरह सही है। शिखा ने राजीव को दोस्त को बोल दिया की वो राजीव की हर बात उसे आकर बताएगा पर इस बारे मे राजीव को कुछ पता नही चलना चाहिए वरना उसका कॉलेज और करियर सब पर आंच आ सकती है। राजीव के दोस्त के पास कोई और रास्ता नही था वो राजेंद्र और शिखा की बात मान गया और उन्हे राजीव की हर बात बताने लगा। अभी चुंकि राजीव मिताली को सही ढंग से घर पर रख रहा था तो उन्होंने राजीव से इस बारे मे बात नही की। वो बस उस पर पूरा ध्यान रखे हुए थे। फिर उन्हे मिताली के गर्भवती होने की खबर मिली तो वो दोनो भी खुश हो गये की अब तो राजीव मिताली के साथ पूरा जीवन रहेगा। इस दौरान शिखा और राजेंद्र भी करीब आने लगे। दोनो को जीवनसाथी के रूप मे जैसे सुलझे और समझदार इंसान की तलाश थी, वो एक दूसरे मे ख़त्म होती दिख रही थी। फिर एक दिन राजीव के दोस्त ने उन्हे को राजीव और मिताली के शिमला घूमने जाने के बारे मे बताया। शिखा उनके लिए खुश हो गयी पर राजेंद्र अभी भी राजीव पर पूरा विश्वास नही कर पा रहा था। उसने राजीव के दोस्त पर जोर डालकर थोड़ा फैल करने का डर दिखाकर पूछा तो उसने राजीव के पूरे प्लान के बारे मे बताया। राजीव का प्लान सुनकर शिखा का दिल टूट गया। वो अपने भाई से कभी इतनी नाराज नही हुई थी जितनी आज थी। उसने अभी तक अपने माता पिता को कुछ नही बताया था पर अब वो अपने भाई की हरकत पर हैरान थी कि वो अपने होने वाले बच्चे के बारे मे भी नही सोच रहा कि उसकी इस हरकत के बाद उसको क्या जीवन मिलेगा। उसका बच्चा या तो इस दुनिया मे आने से पहले हि दम तोड़ देगा या अगर मिताली दुनिया से संघर्ष करके उसे जन्म दे भी पायी तो वो कितनी विषमताओं मे जीवन जियेगा। इस बात पर उसे अपने भाई से नफरत सी होने लगी। उसने अपने माता पिता को राजीव की सब हरकत बता दी। उनको भी राजीव की हरकतें पता थी पर उन्हे लगता था की जवानी का जोश है थोड़ा भटकेगा फिर रास्ते पर लौट आएगा पर राजीव किसी लड़की की जिंदगी के साथ इतना खिलवाड़ करेगा ये उनकी सोच से भी परे था। उन्हे भी अपने बेटे की हरकतों पर गुस्सा आया। सब ने राजीव से बात करने की सोची पर राजेंद्र ने अभी सब को रोक दिया। उसने कहा की पहले हमे देखना चाहिए की क्या सच मे राजीव ये करता भी है या अपने बच्चे और मिताली के प्रति लगाव उसे रोक लेता है। हमे राजीव को पहले पूरा मौका देना चाहिए यदि वो गलत करता है तो हम उसे बाद मे सबक सिखाएंगे। सबने राजेंद्र की बात मानी और बस राजीव की हरकतों पर नज़र रखने लगे। राजीव ने घर पर बताया की वो अपने दोस्तों के साथ शिमला घूमने जा रहा है। घर वालों ने उसकी बात सुन ली और इजाजत दे दी कोई रियेक्ट नही किया। राजीव मिताली को शिमला लेकर गया और वहा अकेला छोड़कर लौट आया। सबको पता चल गया की राजीव मिताली को वहा अकेला छोड़ आया है तो उन्हे राजीव पर बहुत गुस्सा आया। घर आने पर राजीव से शिखा ने पूछा: राजीव तेरा शिमला ट्रिप कैसा रहा?
राजीव ने बताया की उसने और उसके दोस्तों ने खूब एन्जॉय किया। उसकी इस बात पर शिखा का गुस्सा फुट पड़ा और उसने राजीव को एक थप्पड़ मारा और बोला: राजीव मुझे शर्म आती है तुझे अपना भाई कहते हुए। तु इतना निचे गिर गया की एक लड़की को अपने प्यार के जाल मे फसाकर झूटी शादी का नाटक किया और अब जब वो तेरे बच्चे की माँ बनने वाली है तो उसे अनजान शहर मे अकेली छोड़कर यहां भाग आया। अभी से मेरे लिए मेरा भाई मर गया। अब हमारा कोई रिश्ता नही है। उसके माता पिता ने भी उसे खूब सुनाया। राजीव अपने घरवालों और स्पेशली अपनी बड़ी बहन शिखा से बहुत प्यार करता था। शिखा ने बचपन से उसको हर बात पर साथ दिया हमेशा उसे बचाया था। आज उससे रिश्ता टूटने की बात सुनकर उसके पैरों के निचे की जमीन खिसक गयी। वो एकदम हिल गया। उसके घरवालों को सब पता चल गया था और वो उससे अपने सारे रिश्ते तोड़ रहे थे। राजीव अपनी बहन और माता पिता से पेरों मे गिरकर माफ़ी माँगने लगा। उसने वादा भी किया कि वो मिताली को वापिस ले आएगा और सारा जीवन उसके साथ बिताएगा। अब इन सब हरकतों से दूर रहेगा। सब घरवाले उसकी इस बात पर उसे माफ़ करने को राज़ी हो गये। पर शिखा ने राजीव को कहा की एक बात और तुझे माननी पड़ेगी की तु अभी मिताली को ये नही बताएगा की तु उसे ऐसे छोड़कर आ गया है और हमारे समझने पर उसे लेने वापिस आया है क्योंकि वो लड़की इस बात से टूट जाएगी और कभी तुम साथ मे अच्छा जीवन नही बिता पाओगे। आगे कभी सही समय देखकर तु मिताली को सच बताना पर अभी नही। राजीव ने हाँ कहा और वापिस मिताली को लेने के लिए निकल पड़ा।
प्रिया समीर का किस्सा प्रिया ने खत्म कियाप्रिया ने पूरी कहानी सुनी। उसकी मन में राजीव के लिए गुस्सा था और राजेंद्र के लिए प्रेम और सम्मान। उसने सामने सीट पर बैठे अंकल को देखा। प्रिया की आँखों मे अपने लिए गुस्सा देखते हि उन्होंने कान पकड़ के माफ़ी मांगी। आंटी बोली: प्रिया इसीलिए जीवन मे चुनाव काफी सोच समझ कर करने चाहिए। गलत विकल्प ज्यादा तैयारी के साथ हमारे सामने आता है और अपने को सही दिखाने का हरसंभव प्रयास करता है जिससे कि हम उसी का चुनाव करे और ज्यादातर हम नासमझी मे गलत विकल्प को सही मानकर उसी का चुनाव कर लेते है। सही विकल्प जो है वैसे हि हमारे जीवन मे आता है। कई बार हमे वो गलत भी लगता है चुंकि वो कभी आपके अनुसार बदलता नही है।
प्रिया मिताली आंटी की बाते सुन रही थी और समझने का प्रयास भी कर रही थी। अब उसे ये तो समझ आ गया था की समीर के साथ तो उसका रिश्ता सिर्फ शरीर के आकर्षण तक सिमित है। वो थोड़ा समय और बातचीत करते रहे। इतने मे उनके स्टेशन आने का समय हो गया। प्रिया ने सब सामान समेटा और समीर को जगाया। समीर उठा और जैसे हि निचे उतरा सामने अंकल आंटी की नज़रे मिलते हि फिर से उसे बेइज्जती फील हुयी और वो गुस्से मे प्रिया को देखकर सामान लेकर गेट की तरफ चला गया। प्रिया भी अंकल आंटी को बाय बोलकर गेट पर आ गयी। ट्रेन रुकी और वो स्टेशन पर उतर गये। बाहर आते हि अमन भैया दिख गये। वो उनकी कार से घर आ गये। घर पर सब उनसे मिलकर खुशी हुए। सुनीता मामी ने समीर को गले लगा लिया। दोनो फ्रेश हुए फिर खाना खाया। प्रिया काव्या के रूम मे उसके साथ शिफ्ट हो गयी। समीर को अमन भैया के पास वाला रूम मिला। पूरा दिन गपशप मे निकल गया। शाम को समीर छत पर टहलने गया तो वहा उसे प्रिया फोन पर बात करती दिखी। समीर ने छुपके से जाकर प्रिया को पीछे से पकड़ लिया। प्रिया ने मुड़कर उसे देखा और बोली समीर दूर हटो और चुपचाप खड़े रहो। ये बोलकर वो फिर से बात करने लगी। समीर को समझ नही आया की उसकी दी को क्या हुआ वो उसे अपने से दूर क्यू कर रही है वो भी इतनी बेरुखी से। वो छत पर टहलने लगा। थोड़ी देर मे प्रिया ने कॉल कट किया और निचे जाने लगी तो समीर ने हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया।
समीर: दी क्या हुआ आप मेरे साथ ऐसा बर्ताव क्यू कर रही है?
प्रिया: क्यूंकि अब हमारे बीच जो अलग रिश्ता बना था वो ख़त्म हो गया है।
समीर: पर क्यू दी? अचानक से क्या हो गया?
प्रिया: अचानक से नही पूरा सोच समझ के मेने ये फैसला लिया है।
समीर: क्या आप मुझसे नाराज हो? मुझसे कोई गलती हुयी है तो मै माफ़ी मांगता हु।
प्रिया: नही माफ़ी की जरूरत नही है, बस तु अब उस रिश्ते को भूल जा और आगे बढ़।
समीर: पर दी कारण तो बताओ।
प्रिया: कारण वो है जो ट्रेन मे हुआ।
और ये कहकर प्रिया निचे चली गयी। समीर सोचने लगा की ट्रेन मे क्या हुआ था। तो उसे याद आया उसने कैसे प्रिया दी पर गुस्सा किया था। उसने तय किया की वो प्रिया दी से उस गुस्से के लिए माफ़ी मांग लेगा। तभी उसे वो पुलिस वाली याद आ गयी। काफी कड़क माल थी वो भी। उसका चेहरा याद आते हि समीर के लंड ने अंगड़ाई ले ली । समीर ने लंड को पज़ामे से बाहर निकाला और ऊपर निचे करने लगा। समीर ने 2-5 मिनट लंड हिलाया पर अब उसे चूत का चस्का लग चुका था। उसे लंड हिलाने मे मज़ा नही आया तो उसने लंड पज़ामे मे वापिस डालकर उसे सेट किया और निचे आ गया। निचे सब बैठकर बातें कर रहे थे। समीर भी बातचीत मे शामिल हो गया पर एक इंसान की नज़रें लगातार उसे घूरे जा रही थी। समीर ने नज़रों का पीछा किया तो वो नित्या थी। दोनो की नज़रें मिली तो नित्या बोली: चाची वैसे समीर अब बड़ा हो गया है। आप उससे अभी भी बच्चे की तरह प्यार कर रही है।
सुनीता: ये कितना भी बड़ा हो जाये मेरे लिए तो मेरा प्यारा बच्चा हि रहेगा।
ये कहकर सुनीता ने समीर को गले लगा लिया। सभी मे हसी मजाक चल रही थी। अब सब बड़े सोने चले गये थे। अमन भैया और भाभी भी सोने चले गये। रात मे थोड़ी सर्दी हो गयी थी तो सब कम्बल ओढ़ कर बैठे थे। डबल बेड पर सब बैठे थे। नित्या, समीर और निया बेड के सिरहाने पर टिक कर बैठे थे और काव्या, प्रिया और लीना सामने बैठे थे। नित्या दीवार की ओर फिर समीर बिच मे और लास्ट मे निया बैठी थी। थोड़ी देर बाद समीर ने महसूस किया की उसके लंड पर पज़ामे के ऊपर एक हाथ सहला रहा है। वो एकदम चौंक उठा। उसने मुड़कर नित्या दी की ओर देखा तो उसने समीर को आँख मार दी। समीर समझ गया ये हाथ नित्या दी का है। तो क्या नित्या दी मुझसे चुदाई करना चाहती है? ये सोचते हि समीर के लंड ने अंगड़ाई ली तो नित्या ने उसे कसकर दबा दिया। समीर की आँखे मजे और दर्द के मिलेज़ुले अहसास से बंद हो गयी। सब बातों मे मशगूल थे पर प्रिया दोनो की इशारों मे हो रही बात समझ चुकी थी। अब उसे समीर पर गुस्सा आ गया की समीर बस जिस्म का भूखा है वो नही तो नित्या सही। उसने उस तरफ से ध्यान हटाया और बातों मे ध्यान लगाने लगी। अब समीर ने अपना हाथ बढ़ाया और नित्या के बोबे सहलाने लगा। नित्या ने उसका हाथ पकड़ कर अपने कुर्ते के अंदर डाल दिया। समीर नित्या के बोबो का स्पर्श पाकर कांपने लगा। उसके शरीर मे एक करंट सा दौड़ गया। लंड तनकर लोहे की रोड हो गया। समीर का लंड काम की आग मे जलने लगा। नित्या ने जब लंड की अकड़ महसूस की तो अपना हाथ समीर के पज़ामे और चड्डी के अंदर डाल दिया और समीर का लंड पकड़ लिया। अब हालत ये थी की समीर का लंड नित्या के हाथों मे था वो उसे सहला रही थी और नित्या के बोबे समीर के हाथो मे मसले जा रहे थे। दोनो काम की आग मे जलते हुए एक दूसरे को तड़पा रहे थे। समीर हाथ निचे ले जाकर नित्या के सलवार का नाड़ा खोलने लगा। एक हाथ से वो नाड़ा खोल नही पा रहा था। नित्या ने अपने हाथ से नाड़ा खोल दिया। अब समीर ने अपना हाथ नित्या की सलवार और चड्डी के अंदर डाल दिया और उसकी चूत के होठों पर हाथ फिराने लगा। नित्या की हालत खराब होने लगी। उसने समीर के लंड को बुरी तरह से जकड लिया और उसे मसलने लगी। नित्या अपने चेहरे पर आ रहे भाव मुश्किल से छुपा रही थी। जब उससे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया तो एकदम वो बोली: चलो रात काफी हो गयी है अब सो जाते है। ये काव्या का कमरा था, जिसमे काव्या और प्रिया सो गये। इसके बगल मे निया और लीना का रूम था। ऊपर वाली मंजिल पर सुनीता का रूम फिर अमन भैया का रूम। उसके बगल का रूम समीर को दिया गया है और फिर नित्या दी का रूम। सब सोने चले गये। समीर और नित्या ऊपर आये और जैसे हि समीर अपने रूम की और जाने लगा, नित्या उसे खींचकर अपने रूम मे ले गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया।
प्रिया का बाकी हैप्रिया समीर का किस्सा प्रिया ने खत्म किया
समीर को नयी दीदी नित्या मिल गई
Dharmpatni par bhi abhi baki haiप्रिया का बाकी है
जल्द हीDharmpatni par bhi abhi baki hai
Jaldi update dena
Shaandar super hot Kamuk Updateप्रिया ने पूरी कहानी सुनी। उसकी मन में राजीव के लिए गुस्सा था और राजेंद्र के लिए प्रेम और सम्मान। उसने सामने सीट पर बैठे अंकल को देखा। प्रिया की आँखों मे अपने लिए गुस्सा देखते हि उन्होंने कान पकड़ के माफ़ी मांगी। आंटी बोली: प्रिया इसीलिए जीवन मे चुनाव काफी सोच समझ कर करने चाहिए। गलत विकल्प ज्यादा तैयारी के साथ हमारे सामने आता है और अपने को सही दिखाने का हरसंभव प्रयास करता है जिससे कि हम उसी का चुनाव करे और ज्यादातर हम नासमझी मे गलत विकल्प को सही मानकर उसी का चुनाव कर लेते है। सही विकल्प जो है वैसे हि हमारे जीवन मे आता है। कई बार हमे वो गलत भी लगता है चुंकि वो कभी आपके अनुसार बदलता नही है।
प्रिया मिताली आंटी की बाते सुन रही थी और समझने का प्रयास भी कर रही थी। अब उसे ये तो समझ आ गया था की समीर के साथ तो उसका रिश्ता सिर्फ शरीर के आकर्षण तक सिमित है। वो थोड़ा समय और बातचीत करते रहे। इतने मे उनके स्टेशन आने का समय हो गया। प्रिया ने सब सामान समेटा और समीर को जगाया। समीर उठा और जैसे हि निचे उतरा सामने अंकल आंटी की नज़रे मिलते हि फिर से उसे बेइज्जती फील हुयी और वो गुस्से मे प्रिया को देखकर सामान लेकर गेट की तरफ चला गया। प्रिया भी अंकल आंटी को बाय बोलकर गेट पर आ गयी। ट्रेन रुकी और वो स्टेशन पर उतर गये। बाहर आते हि अमन भैया दिख गये। वो उनकी कार से घर आ गये। घर पर सब उनसे मिलकर खुशी हुए। सुनीता मामी ने समीर को गले लगा लिया। दोनो फ्रेश हुए फिर खाना खाया। प्रिया काव्या के रूम मे उसके साथ शिफ्ट हो गयी। समीर को अमन भैया के पास वाला रूम मिला। पूरा दिन गपशप मे निकल गया। शाम को समीर छत पर टहलने गया तो वहा उसे प्रिया फोन पर बात करती दिखी। समीर ने छुपके से जाकर प्रिया को पीछे से पकड़ लिया। प्रिया ने मुड़कर उसे देखा और बोली समीर दूर हटो और चुपचाप खड़े रहो। ये बोलकर वो फिर से बात करने लगी। समीर को समझ नही आया की उसकी दी को क्या हुआ वो उसे अपने से दूर क्यू कर रही है वो भी इतनी बेरुखी से। वो छत पर टहलने लगा। थोड़ी देर मे प्रिया ने कॉल कट किया और निचे जाने लगी तो समीर ने हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया।
समीर: दी क्या हुआ आप मेरे साथ ऐसा बर्ताव क्यू कर रही है?
प्रिया: क्यूंकि अब हमारे बीच जो अलग रिश्ता बना था वो ख़त्म हो गया है।
समीर: पर क्यू दी? अचानक से क्या हो गया?
प्रिया: अचानक से नही पूरा सोच समझ के मेने ये फैसला लिया है।
समीर: क्या आप मुझसे नाराज हो? मुझसे कोई गलती हुयी है तो मै माफ़ी मांगता हु।
प्रिया: नही माफ़ी की जरूरत नही है, बस तु अब उस रिश्ते को भूल जा और आगे बढ़।
समीर: पर दी कारण तो बताओ।
प्रिया: कारण वो है जो ट्रेन मे हुआ।
और ये कहकर प्रिया निचे चली गयी। समीर सोचने लगा की ट्रेन मे क्या हुआ था। तो उसे याद आया उसने कैसे प्रिया दी पर गुस्सा किया था। उसने तय किया की वो प्रिया दी से उस गुस्से के लिए माफ़ी मांग लेगा। तभी उसे वो पुलिस वाली याद आ गयी। काफी कड़क माल थी वो भी। उसका चेहरा याद आते हि समीर के लंड ने अंगड़ाई ले ली । समीर ने लंड को पज़ामे से बाहर निकाला और ऊपर निचे करने लगा। समीर ने 2-5 मिनट लंड हिलाया पर अब उसे चूत का चस्का लग चुका था। उसे लंड हिलाने मे मज़ा नही आया तो उसने लंड पज़ामे मे वापिस डालकर उसे सेट किया और निचे आ गया। निचे सब बैठकर बातें कर रहे थे। समीर भी बातचीत मे शामिल हो गया पर एक इंसान की नज़रें लगातार उसे घूरे जा रही थी। समीर ने नज़रों का पीछा किया तो वो नित्या थी। दोनो की नज़रें मिली तो नित्या बोली: चाची वैसे समीर अब बड़ा हो गया है। आप उससे अभी भी बच्चे की तरह प्यार कर रही है।
सुनीता: ये कितना भी बड़ा हो जाये मेरे लिए तो मेरा प्यारा बच्चा हि रहेगा।
ये कहकर सुनीता ने समीर को गले लगा लिया। सभी मे हसी मजाक चल रही थी। अब सब बड़े सोने चले गये थे। अमन भैया और भाभी भी सोने चले गये। रात मे थोड़ी सर्दी हो गयी थी तो सब कम्बल ओढ़ कर बैठे थे। डबल बेड पर सब बैठे थे। नित्या, समीर और निया बेड के सिरहाने पर टिक कर बैठे थे और काव्या, प्रिया और लीना सामने बैठे थे। नित्या दीवार की ओर फिर समीर बिच मे और लास्ट मे निया बैठी थी। थोड़ी देर बाद समीर ने महसूस किया की उसके लंड पर पज़ामे के ऊपर एक हाथ सहला रहा है। वो एकदम चौंक उठा। उसने मुड़कर नित्या दी की ओर देखा तो उसने समीर को आँख मार दी। समीर समझ गया ये हाथ नित्या दी का है। तो क्या नित्या दी मुझसे चुदाई करना चाहती है? ये सोचते हि समीर के लंड ने अंगड़ाई ली तो नित्या ने उसे कसकर दबा दिया। समीर की आँखे मजे और दर्द के मिलेज़ुले अहसास से बंद हो गयी। सब बातों मे मशगूल थे पर प्रिया दोनो की इशारों मे हो रही बात समझ चुकी थी। अब उसे समीर पर गुस्सा आ गया की समीर बस जिस्म का भूखा है वो नही तो नित्या सही। उसने उस तरफ से ध्यान हटाया और बातों मे ध्यान लगाने लगी। अब समीर ने अपना हाथ बढ़ाया और नित्या के बोबे सहलाने लगा। नित्या ने उसका हाथ पकड़ कर अपने कुर्ते के अंदर डाल दिया। समीर नित्या के बोबो का स्पर्श पाकर कांपने लगा। उसके शरीर मे एक करंट सा दौड़ गया। लंड तनकर लोहे की रोड हो गया। समीर का लंड काम की आग मे जलने लगा। नित्या ने जब लंड की अकड़ महसूस की तो अपना हाथ समीर के पज़ामे और चड्डी के अंदर डाल दिया और समीर का लंड पकड़ लिया। अब हालत ये थी की समीर का लंड नित्या के हाथों मे था वो उसे सहला रही थी और नित्या के बोबे समीर के हाथो मे मसले जा रहे थे। दोनो काम की आग मे जलते हुए एक दूसरे को तड़पा रहे थे। समीर हाथ निचे ले जाकर नित्या के सलवार का नाड़ा खोलने लगा। एक हाथ से वो नाड़ा खोल नही पा रहा था। नित्या ने अपने हाथ से नाड़ा खोल दिया। अब समीर ने अपना हाथ नित्या की सलवार और चड्डी के अंदर डाल दिया और उसकी चूत के होठों पर हाथ फिराने लगा। नित्या की हालत खराब होने लगी। उसने समीर के लंड को बुरी तरह से जकड लिया और उसे मसलने लगी। नित्या अपने चेहरे पर आ रहे भाव मुश्किल से छुपा रही थी। जब उससे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया तो एकदम वो बोली: चलो रात काफी हो गयी है अब सो जाते है। ये काव्या का कमरा था, जिसमे काव्या और प्रिया सो गये। इसके बगल मे निया और लीना का रूम था। ऊपर वाली मंजिल पर सुनीता का रूम फिर अमन भैया का रूम। उसके बगल का रूम समीर को दिया गया है और फिर नित्या दी का रूम। सब सोने चले गये। समीर और नित्या ऊपर आये और जैसे हि समीर अपने रूम की और जाने लगा, नित्या उसे खींचकर अपने रूम मे ले गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया।