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Incest सुनैना

story kesi he


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juhi gupta

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सुधीर ने मुझे ज़िंदगी के वो मजे दिए थे जिसकी में कल्पना भी नहीं कर सकती थी , उसने मुझे फिर जवां कर दिया था अब में उसके पापा से ज्यादा उसका इंतजार करती थी हालाँकि बीच बीच में मेने और भी नोजवानो का लंड नाप लिया था लेकिन जो मजा सुधीर में था वो किसी में नहीं था , में उसमे अब अपने बेटे की नहीं बल्कि अपने युवा प्रेमी की झलक देखा करती थी ,सही कहते हे जब कोई स्त्री अपने पति के आलावा दूसरे चुदती हे तो उसका चरित्र सब हवा हो जाता हे ,उसकी भाषा में बाजारूपन आ जाता हे तब उसको लंड के सिवा कुछ नहीं दीखता। मेरा भी ये ही हाल था
अब उस दिन में घर में अकेले थी और मेरा मन चुदने को हो रहा था लेकिन सुधीर घर से बाहर था में स्विमिंग पूल में स्विमिंग कर रही थी अचानक सुधीर आ गया उस दिन सुधीर को ना जाने क्या हुआ मुझे पकड़ कर पूल के अन्दर ले गया और मेरे जिस्म को पूल के किनारे सट कर लगा दिया। फिर मेरी लुभाती चूत को पाने के लिए अपनी मजबूत बाहों से उसे ऊपर उठा कर अपनी उंगलियों से बिकीनी की जाँघिया की इलास्टिक को वहशियों जैसे, लगभग उसे चीरते हुए, खींच कर उसके बदन से उतार दिया। जैसे ही चूत बेपर्दा हुई, उसने अपनी चौड़ी हथेली से चूत के भाग को धीमे से दबाया और उसकी एक उंगली मेरी टपकती गर्मा-गरम चूत के अन्दर फिसल कर पहुंच गयी।

सुधीर की इस हरकत ने मुझे विभोर कर दिया। में सकुचा कर फुसफुसाती हुई सुधीर से बोली।
“ सुधीर चोद दो मुझे। इसी वक़्त ! यहीं पर! तुम नहीं जानते मैं सुबह से कितना तड़प रहीं हूं।” मेने अपनी बहें सुधीर के मजबूत कन्धों पर डालीं और टांगों को फैला कर घुटने ऊँचे उठा कर अपना यौवन को सुधीर को पेश किया।

“मैं क्या कम तड़पा हूं। आज तुझे इतना चोदूंगा कि तू और से चुदना भूल जाएगी !” अपनी स्विमिंग ट्रन्क को उतारता हुआ सुधीर गुर्राया।

सुधीर ने एक मजबूत हाथ मेरी गाँड पर जमाया और दूसरे से अपने तने हुए, धड़कते लन्ड को सम्भाला। वो इतना उतावला हो रहा था कि आव देखा ना ताव, मेरी चूत पर लन्ड को टेक कर लगा अन्दर ठेलने। पर मेरी चूत पर लन्ड का निशाना चूत के मुंह पर ठीक से नहीं लगा था। पर मेने थोड़ा बहुत ऐंठ-ऊंठ कर लन्ड को अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया। अपने सुपाड़े पर चूत के मुंह का एहसास होते ही सुधीर और दम लगाकर लन्ड को अन्दर घुसाने लगा। एक - एक इन्च कर के उसने अपना बम्बू मेरी रिसती चूत में ठूसा।

“ऊंघ्ह्ह! खुदा की कसम! मॉम अभी भी बड़ी टाइट है!” मेरी चूत में आहिस्ता से अपने लम्बे लन्ड को जमाता हुआ जानवरों सा हुंकारता बोला सुधीर ।

“रन्डी की चूत इतनी टाइट है की किसी भी 16 साल की लोंड़िया को मात कर दे !” सुधीर मन में अपने खौफ़नाक इरादों के लिए में स्कीम बना रहा था। इस खयाल ने उसके लन्ड को और मोटा कर दिया। अब उसका लम्बा लोढ़ा हाँफ़तीमेरी कसी हुई चूत में अन्दर सरक पा रहा था।
सुधीर के हाथ अब मेरे चूतड़ों पर थे। वो मेरी चिकनी गोल गाँड के माँस को निचोड़ कर दबाने का मजा वो ले रहा था। । अपनी माँ की मटकेदार गाँड को हाथों में भर कर अपने तने लन्ड को उनकी चूत पर ठेलते हुए उसके जिस्म में जानवरों सी सैक्सोत्तेजना जाग रहीं थी।

गाँड़ पर सुधीर के हाथ पाकर मेरे मुँह से दबी सी चीख निकल गई और में स्विमिंग पूल से बाहरगद्दे पर निकलकर लेट गयी जैसे ही मेरे तलुवे बिस्तर के किनारे को छुए तो में पीठ के बल बिस्तर पर गिर पड़ी और सुधीर को अपनी देह के करीब झुकाते हुए नीचे को खींच दिया। औरत जैसे ही ताकतवर पुरुष को जांगों के बीच पाती है तो खुद-ब-खुद टांगें खोल देती है। लिहाजा बेटे के लियेमेने मचलते हुए जाँघों को चौड़ा कर चूत के कपाट का ताला सुधीर के दनदनाते लन्ड के लिये खोल दिया।

सुधीर ने गर्व से अपने विशाल लन्ड के साये में अपनी माँ के मचलते जिस्म को, जिसे उसके लन्ड ने कई बार फ़तह किया था, एक नज़र देखा। अपने सर को माँम की बूब्स पर झुका कर निप्पलों को चूसता हुआ मातृ प्रेम का रसास्वादन करने लगा। । “ओह ! सुधीर चूस ले मम्मी के स्तन। मुझे निहाल कर दे मेरे लाल ।”मेने जंगली लहजे में अपने कुल्हों को बेटे के घोड़े जैसे लन्ड पर रगड़ते हुए कहा।

सुधीर का लन्ड ने साँप की तरह अपने बिल की टोह खुद ही ले रहा था। और इस बार लन्ड से चूत के अलौकिक स्पर्श के दैवी आनन्द ने कामोत्तेजित सुधीर के सब्र का बाँध ही तोड़ दिया। वो मेरी चूत पर दे लगा मारने अपना लन्ड। मेने अपनी चूत के चोचले पर अपने बेटे के शक्तिशाली लन्ड के प्रहारों को पड़ते हुए महसुस्स किया।

“मादरचोद ने बैल जैसा ताकत्वार लन्ड पाया है! चूत को चीर कर जैसे अभी चूत में घुसा जाता है !” इस बेहयाई से भरे खयाल ने उसके सब्र के बाँध को भी तोड़ दिया।
“ऊह्ह सुधीर !!” अपनी चूत की गहरयीं मे अब मस्ती की लहरें उछलती महसूस कर रही थी।
“ सुधीर बेटे! हे ईश्वर! मैं तो ..! सुधीर ! मम्मी अब झड़ रही है
सुधीर ने अबमुझे बदस्तूर चोदना चालू किया। अपने ताकतवर शरीर का भार कोहनी पर टेक कर अपने कुल्हे आगे पीछे चलाने लगा, पहले तो साधारण गति में और फिर जैसे-जैसे मेरी चूत के तरल मादा-द्रवों से लंड और चूत का संगम स्थल चिकना होता चला गया, तो अधिक गति से।
। सुधीर अपने लंड को दनादन बलपूर्वक अंदर मेरी चूत में मारता और बाहर खिंचता। सुधीर की सैक्स-क्रीड़ा में वो ऊर्जा थी की में सिसकियाँ लेने लगीं - मालूम नहीं मारे लज्जा के या मारे आनन्द के। जगली बिल्लि जैसे पंजों से बिस्तर की चादर को मुट्ठी में भिंचने लगीं। अपने चूतड़ों को ऊपर उठा कर सुधीर के लंड के हर बलशाली झटके को उतने ही प्रबल ममता भाव से ग्रहण करतीं। में उन्माद से सर को पीट रहीं थीं चिल्ला रही थी दर्द भी हो रहा है.......मीठा सा एहसास भी.......अहह....मन तो कर रहा है इस लॅंड को पूरी जिंदगी अपने अंदर लेकर लेटि रहूं .......अहह........ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स............... अब तोड़ा ज़ोर से करो ना.......अहह.... मुझे झटके मारो......जैसा ब्लू फ़िल्मो मे होता है..में चिल्ला रही थी
हाय हाय फट गई मेरी ! फाड़ दी मेरी चूत ! आह अह चोद साले ! मुझे चोद दिलभर के चोद ! चाहे फट जाए ! सुधीर मेरे अंगूर चूस ! इनको दबा ! इनका रस पी ! मुझे तृप्ति दे दो मिल कर ! मेरी प्यास बुझा दो राजा !

चूत की बाहरी संवेदनशील त्वचा पर सुधीर के मोटे लंड की घर्ष क्रिया से उत्पन्न अनुभूतियों में मेरा सर झूम रहा था। गाँड तो ऐसे चक्कर मार रही थी जैसे गन्ने का रस निकालने वालि मशीन। अपने उन्माद में मुझे इस बात का बिल्कुल खयाल नहीं था कि सुधीर उनकी काम-क्रीड़ा में सहभागी है।

* मादरचोद सुधीर माँ का दूध पिया है तो चोद अपने काले मोटे लन्ड से मॉम की चूत !”तुम्हारा यह बहुत बड़ा है.....बहुत मोटा है.......लंबा भी खूब है......" मेने दाँत भींचते हुए नागिन सा फुफकारा।।



कराहते और हुंकारते हुए मेने अपनी टांगें ऊपर को उठा कर अपने घुटने छाती से लगाये और सुधीर के लोड़े
से अपने जननांगों के संगम स्थल को और तंग भींच दिया। मुझे पता था स्त्री जब अपनी टांगें ऊपर को उठा कर घुटनों को स्तनों पर भींचती है तो चूत सबसे अधिक फैली होती है। चूत के अति संवेदनशील शिरा भाग के पुरुष की हड्डी के ऐन नीचे होने से स्त्री को भी अत्यंत आनन्द मिलता है। सुधीर के झूलते उदर का सीधा प्रहार उसकी टंगों के द्वारा अब मेरी छाती पर हो रहा था हाँफ़ते हुए में सुधीर से बोली

“कुतिया की औलाद! चोद अपनी माँ का भोंसड़ा! देखें कितना जोर है !” “साले पिल्ले अपनी छाती से तुझे दूध पिलाया था इसी दिन के लिये !” आज तेरे टट्टे नहीं सुखा दिये तो कुत्ते का सड़का पियूँगी !” हरामजादे एक सैकन्ड भी रुका तो गाँड फाड़ दूंगी।” बाहर क्या हिला रहा है ? और अंदर घुसा !” मादरचोद ।” उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ! आउच! उन्घ्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह” ! देख तेरा बेटा तुझे चोद रहा है!”

मॉम ! मेरा लन्ड आपकी चूत में बहने वाला है !”सुधीर बोला * इंह आह ! इंह आह्ह! इंह आह !” ऊह्ह्ह! सुधीर बेटा! उडेल दे अपने टट्टों का तेल मेरी चूत में! मेरी चूत तेरे गरम वीर्य की प्यासी है! बस बेटा ऐसे ही! अब झड़ने ही वाली हूं! और जोर से! ओह मादरचोद !” अपने बुरी तरह से चुदती हुई चूत की गहराईयों से अगले ऑरगैसम की उमड़ती गर्माहट ने मेरे होंठों से एक सिसकी निकाल दी थी। बेटे के चेहरे की तरफ़ पलके फड़का कर जब मेने अपनी आँखें खोली तो पाया कि सुधीर की भी आँखों में वैस ही शुरूर था। जाहिर था कि वो भी अब झड़ने ही वाला था।

“ऊउंह! चोद! ओओओओ, चोद डाल मॉम को! हाय ! मैं छूटने वाली हूँ ! तेज़ी से कर ! ओह्ह्ह गॉडडडडड........ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्............पेलो......कस कस कर अपना लण्ड पेलो। ऊऊफ़्फ़फ़्फ़ ऐसे ही चुदवाने के लिए में तड़फती थी। और ज़ोर से......और ज़ोर से......हाययययययय......ऊउन्ननगहह्ह्ह् मेरी चूत.....मेरी चूत......चोदो मुझेमैं तो झड़ी !” में चीखीं। काम -संतुष्टी की लहरें मेरी धमकती ऐंठती चूत के हिरोबिन्दु से बाहर पुरे बदन पर उमड़-उमड़ कर फैल रहीं थीं।

मेरी वासना भरी बेशरम चीखें सुन कर सुधीर और अधिक उतावला हुआ और मुझे और बल से चोदने लगा। उसके कूल्हे दे पटक पटक ऊपर-नीचे हरकत कर रहे थे। । काम क्रीड़ा के परमानन्द के अन्तिम पलों में मेरा पूरा बदन थरथरा उठा।
अपनी वासना लिप्त माँ के मादा जानवर जैसे ऐंठते तन को देख कर सुधीर के सब्र का बाँध टूट पड़ा। हाँफ़ता हुआ, साँड सा हुंकारता हुआ, अपने सर को पिच्छे कि तरफ़ फेंकता हुआ अपने गरम, खौलते वीर्य की लबालब बौछारें माँ कि योनि की गहराईयों मे उडेलने लगा। पुत्र के वीर्य की फुहार ने मेरी चूत में उन्माद की कईं फड़कती थरथराहटें पैदा कर दी। चूत के जकड़ाव - फैलाव की तीव्रता और बढ़ गई। वीर्य स्खलन के आवेग में सुधीर के हाथ ने मेरे दोनों बोबों को पकड़ लिया और उनकी मसला-मसली शुरू कर दी. मेरी गांड में उसकी झांटों के बल चुभ रहे थे जो मेरी गांड को अनूठा मजा दे रहे थे. मेरी चूत अब वीर्य को तरस रही थी ,मैंने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और उत्तेजनावश जोर-जोर से चिल्लाने लगी- छोड़, मादरचोद छोड़! अब अपना पानी छोड! अब मत तरसा! मत तरसा मादरचोद! जो तू कहेगा वो ही मैं करूँगी! अपनी सब सहेलियों की चूत में तेरा लौड़ा डलवाऊँगी, तेरे लौड़े की हमेशा पूजा करूँगी! तू जब कहेगा तेरा लौड़ा खाने आ जाऊँगी!साथ हीसुधीर अपने पौरुष के पिघलते मलाईदार वीर्य से मेरी चूत को लबालब भर दिया । कितना उत्तेजक था यह कृत्य! जैसे ही सुधीर के -वीर्य की पहली बौछार का अनुभव हुआ मेने सुधीर के फौव्वारे से लण्ड को कस के भींच लिया था, मेरे जवान बेटे के उपजाऊ वीर्य की एक भी बूंद व्यर्थ न हो जाए। बेटे सुधीर को और उकसाते हुए में बोलीं

* शाबाश बेटा सुधीर ! उडेल दे सारा जूस मम्मी की गरम चूत में !” ।
हरामी कैसे चूस चूस कर निप्पल से दूध पीता था! अब वैसे ही तेरे लन्ड को निचोड़ दूगी !” ऐसे ही! चोद मुझे ! रहम मेरे खुदा! कस के चोद! मैं तेरी गुनहगार हूं! लगा के चोद !”
सूअर ! दम नहीं क्या लन्ड में ? ! मेरी चूत इतनी ढीली नहीं! तेरा लन्ड थक जायेगा बहनचोद ! रुका क्यों ? टट्टे सूख गये क्या !” ।

देखें कितने लीटर स्टोर कर रखा था टट्टों में !” * मेरी कोख़ लबालब कर दे मेरे लाल !”और सुधीर ने 2 -3 धक्के जोर से लगाए और कहा बहन की लौड़ी, अब से तू मेरी कुतिया है !फिर

मेरी चूत को लबालब अपने वीर्य से भर दी
सुधीर मुझसे चिपक कर लेता हुआ था और में फिर से सोच रही थी की अगर होटल में उस रात लाइट नहीं जाती तो ये सुख मुझको नहीं मिलता
 
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juhi gupta

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घर में अब सुधीर और में पति पत्नी की तरह ही रहने लगे थे ,जब तब सुधीर के पापा घर पर होते तो हम दोनों को दिक्कत होती लेकिन अब उनका टूर टाइम भी काफी बढ़ गया था और वो महीने में 20 -22 दिन बाहर ही रहने लगे थे।
सुधीर और में घर में जब होते तो नंगे ही रहते थे ,सुधीर का जब मूड होता वो मेरे बूब्स दबा देता कभी चूत में अंगुली कर झनझना देता कभी चूतड़ों पर थप मरता रहता तो कभी गांड में अंगुली कर देता मुझे हर कंही लिटा कर मेरी चूत चाटने लग जाता ,इतनी चूसता की मेरा पानी निकल जाता ,में भी उसका लोडा पकड़कर हिला देती उसको दबा देती उसको चूस लेती ,यानि हम दोनों क्वालिटी टाइम पास कर रहे थे।
एक और बात हम दोनों ने कर ली थी हम दोनों एक दूसरे को अब सुनैना और सुधीर कहकर बुलाने लगे थे जब चुदाई करते तब जरूर मॉम या बेटे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे।
मेरी तो जवानी जैसे लौट आयी थी ,में जो चुदाई सुख को लगभग भूल ही चुकी थी उसे मेरे बेटे सुधीर ने वापस दे दिया था ,सही कहु शादी के बाद 2 साल में मेरा जितना पानी मेरे पति ने नहीं निकला था जितना सुधीर ने निकाल दिया था। वो मेरे लिए नयी नयी ब्रा और पेन्टिया लाने लगा था जिन्हे पहनकर में षोडसी की तरह महसूस करती थी।
अब हम दोनों एक ही बैडरूम में सोने लगे थे ,जब कभी सुधीर बाहर चला जाता तो मेरी रात गुजरना मुश्किल हो जाती थी ,इस साली चूत की यही दिक्कत होती हे जब तक कोई इसको जमकर नहीं चोदता तब तक ये सुखी पड़ी रहती हे और जब इसकी जमकर कुटाई होती हे तब इसमें से हमेशा पानी निकलता ही रहता हे। जब सुधीर और पतिदेव घर नहीं होते तब में डिलडो डाल कर खुद को शांत कर लेती हूँ और चूत का पानी निकाल देती हूँ. ऐसी कोई रात नहीं जाती, जब मैं चुदाई का मजा नहीं लेती हूँ.
अब उस दिन की बात हे मेरी चूत में सुबह से खुजली हो रही थी ,पतिदेव के एक दोस्त राजा अचानक घर आ गए ,कहने लगे इधर से गुजर रहा था सोचा आपसे मिलता चलू ,राजा एक आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक थे ,अब ये समझिये मेरा मन भी चुदाई का था और राजा ने भी जैसे मेरे मन को ताड लिया उसने मुझे पीछे से बांहों में भर लिया और मेरी गर्दन पर किस करने लगे. मैं छटपटाने लगी और वो मेरे पैरों पर हाथ फिराने लगा. अब मैं अपना कंट्रोल खोती जा रही थी
राजा ने मेरी गर्दन पर किस किया और मुझे अपने दोनों हाथों से पूरा दबा लिया.

वो मुझे किस करने लगा, मेरी पूरी गर्दन पर किस करने लगा और चूसने, चाटने लगा.

मुझे भी सेक्स चढ़ने लगा और बहुत मज़ा आने लगा. फिर उसने मुझे होंठों पर किस किया और अब वो मेरे गुलाबी होंठों को चूसे जा रहा था.फिर उसने मुझे खड़ी करके अपने गले से लगा लिया, मेरी चूचियों को अपने सीने में रगड़ कर किस करने लगा और मेरी गांड पर अपना हाथ घुमाने लगा.
मैं भी उसे किस करने लगी.

उसने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया, मेरीचूत में एक अजीब जंगली अनुभूति होने लगी।
उसने मुझे चुम लिया लिया।

मेरी चूचियाँ उसके बाल वाले सीने से रगड़ खा रही थीं। मेरी बड़ी गांड वाले बदन को उसने आसानी से सँभाले हुए बिस्तर के क़रीब ले आया।
फिर शाही बिस्तर पर फेंक कर खुद भी उस पर कूद गया…

तभी राजा मुझसे बोला कि भाभी कुछ बोलो, मुझे पता है कि तुम्हे चुदते हुए गंदा बोलना बहुत अच्छा लगता है. तो मैंने कहा कि हाँ राजा, तू आज फाड़ दे मेरी चूत अपने लंड से, में तेरी रंडी हूँ और मुझे भाभी नहीं बल्कि रंडी बोल, मुझे गालियाँ दे, अपनी कुतिया बनाकर मुझे चोद,


उसने मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चुत पर हाथ रखा और मसलते हुए घुमाने लगा. मेरी चुत से पानी निकलने लगा.


वो मुझे चूमते हुए बोला- साली रंडी, तेरी चूत से तो बिना लंड के पानी निकल गया.

मैंने कहा- मैं बहुत चुदासी हूँ राजा … आज तुम मुझे अपने बड़े लंड से जल्दी से चोद दो.

ये सुनते ही उसने मेरी टी-शर्ट निकाल दी.मुझे ब्रा में देख कर पागल हो गया.
राजा - क्या बूब्स है तेरे रंडी … साली मादरचोद मस्त माल है तू!

वो मुझे गालियां देने लगा और मेरे मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.

राजा मेरे ऊपर आ गया, उसका भारी शरीर मुझे कुचल रहा था। उसने दोनों चूचियाँ चूमीं और बारी-बारी से दोनों तने हुए बड़े, गोल और भूरे चूचक को चूसने लगा।
फिर उसने मेरी ब्रा निकाल कर मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और मेरे एक बोबे को चूसने लगा.

मुझे अपने बोब्ब्स चुसवाने में मजा आने लगा..

वो भी एकदम पागाल होकर मेरे दूध चूस रहा था और कहे जा रहा था- कुतिया क्या बूब्स हैं तेरे … मस्त पिंक निप्पल.

वो मेरे बूब्स को ऐसे चूस रहा था और काट रहा था, जैसे वो मेरे मम्मों को खा ही जाने वाला हो. मैं भी उसके मुँह को मेरे मम्मों पर दबाने लगी

मैंने उसके सर को अपनी चूचियों की तरफ दबाया, उसके सर के बाल मेरी नाक में गुदगुदी कर रहे थे।

उसका बड़ा लण्ड चूत को रगड़ने लगा।
मैंने उसके विशाल लण्ड को छुआ और पहली बार हाथों में पकड़ा।

फिर मैंने उसके साथ खेलना शुरू कर दिया, सहलाते हुए उसके बड़े लण्ड के गेंदों के साथ भी खेली मैं।

उसका लण्ड और भी विशाल हो गया

उसने कहा- कुतिया! जी करता है कि लण्ड मुंह में डाल दूँ!

राजा तुम्हारा लण्ड… वास्तव में एक घोड़े की तरह है…’ मैं उसके कान में फिर फुसफुसाई।
‘इसका स्वाद चाहिए?’ राजा ने पूछा।
मैंने निचले होठों को काटते हुए हाँ कहा

अब वह अपने बिस्तर पर घुटनों के बल बैठ गया और गर्व से अपने विशाल लण्ड को पकड़ कर हिलाने लगा।

मैं अब लण्ड का स्वाद चाहती थी, मैं अपने हाथों और घुटनों पर कुतिया की तरह बिस्तर पर खड़ी होकर हो गई, मेरी बड़ी चूचियाँ बड़े बेलफ़ल की तरह लटक रही थीं।

मैंने प्यासी नज़रों से उसके मोटे और तने हुए विशाल लण्ड को देखा।

अति-उत्तेजना के कारण उसके लण्ड से रस की बूंदें टपक रही थीं।

उसने लण्ड मेरी नाक पर छुआया, फिर मेरे मुँह पर!

मैं उसे जीभ से चाट कर आनन्द लेने लगी। फिर मैं उसे पकड़ कर मुंह में डालने की कोशिश करने लगी पर वह लण्ड मेरे लिए बहुत बड़ा था, पूरी तरह से मुंह में लेने में असमर्थ थी मैं!

उसने कहा- ले खा ले मेरा लण्ड मेरी कुतिया।
उसने लंड हिला कर कहा- चल रंडी, मुँह में लेकर चूस!
मैं उसका लंड चूसने लगी.

मैं राजा के लण्ड में लटक गई। उसके लण्ड और अंडकोषों को जीभ से देर तक चाटा। काफी मजा आ रहा था।
उसका मोटा लंड मेरे मुँह में भी नहीं जा पा रहा था … बस उसका टोपा ही मुँह में जा पाया था.

वो मेरे मुँह को चोदने लगा, अपने लंड आगे पीछे करने लगा.
कुछ ही देर में उसका लंड और कड़क हो गया.
मैं बड़ी शिद्दत से हपर हपर करके उसका लौड़ा अपने मुँह में गले की गहराई तक लेकर चूसने लगी। मैं उसकी दोनों गोलियों को भी मुँह में लेकर चूस रही थी। राजा का लौड़ा खूब मोटा और खूब लम्बा था। मैं मजे से वो चूस रही थी। मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ राजा के लौड़े पर फिसल रहें थे। उसका सुपाड़ा बहुत बड़ा, बहुत गुलाबी और बहुत सुंदर तक। बड़ी देर तक मैं राजा का लंड चुस्ती रही।फिर मैंने उसके बड़े लण्ड को झटके से पकड़ कर लण्ड की भूखी, तरसती औरत की तरह चाटना और चूसना शुरू कर दिया।

अब राजा ने मेरेे दोनों हाथ पकड़ लिए और मेरे होटों को एक वेश्या की चुत की तरह चोदना शुरू कर दिया। मैं एक गंदी, सस्ती, फूहड़ रण्डी की तरह महसूस कर रही थी। उसके अंडकोष मेरी ठुड्डी से ज़ोर से टकरा रहे थे और मेरे स्तन राजा के धक्कों की वजह से ऊपर और नीचे उछल रहे थे,

फिर उसने अपना लौड़ा लिया और मेरे दोनों मस्त मस्त गोल गोल दूध के बीच के रख दिया। दोनों मम्मों को उसके आपस में जोर से दबा लिया और अपने बड़े से लौड़े से वो मेरी दोनों छातियों को चोदने लगा। मैं सुख सागर में डूब गयी। मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। ऐसा सुख मुझे कभी प्राप्त नही हुआ था। करीब आधे घंटे तक राजा मेरी दोनों छातियों को चोदता रहा। उसके बाद वो मेरे मखमली गोरे गोरे उजले पेट को चूमने लगा। फिर उसने मेरी नाभि चूम ली। अब राजा मेरी चूत पर आ गया। मेरी चूत बड़ी मस्त थी। राजा ने अपनी दोनों उँगलियों से मेरे भोसड़े को खोला तो वो मेरी चिकनी चुत को बस देखता ही रह गया.

राजा- साली रंडी, तेरी चूत कितनी मस्त है.
मेरी चूत पिंक कलर की है.

फिर उसने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
मेरे मुँह से ‘आह आह आह …’ की आवाज निकलने लगी.
वो मेरी चूत को बहुत ही मस्ती से चूस रहा था.


मैं बुरी तरह से वासना में तड़प रही थी.
वो मेरी चूत को चूस रहा था, काट रहा था.

वो मजे से मेरी चूत पीने लगा। अपनी खुदरी जीभ से राजा मेरे भोसड़े को पी रहा था। मैं मचल रही थी। मुझको तो जैसे जन्नत मिल रही थी। राजा ने दोनों अंगूठे से मेरा भोसड़े की एक एक कलि खोल दी थी और मेरी चूत को वो खा रहा था। मैं आनंद के सुख सागर में डूब गयी थी। बड़ी देर तक राजा मेरा भोसड़ा पीता रहा। फिर वो मेरी चूत पीने लगा।

राजा जोर जोर से मेरी चूत अपनी ३ उँगलियों से मथ रहा था। मुझे बड़ी तेज मेरे भोसड़े में सनसनी हो रही थी। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। इसके साथ ही बड़ी जोर की उत्तेजना भी हो रही थी। राजा बड़ी उत्तेजना ने मेरी बुर अपनी उँगलियों से मथ रहा था। मैं जन्नत के मजे ले रही थी। मेरी बुर से पनीली फच फच की आवाज आ रही थी और पुरे कमरे में गूंज रही थी। मैं कांपने लगी। वो मथता रहा, फिर बड़ी देर बाद मेरी बुर से गरम गरम सफ़ेद रंग की क्रीम निकली। वो मेरी चूत का पानी था।

राजा ने तुरंत अपना मुँह मेरे भोसड़े पर लगा दिया और मेरी चूत से निकले मीठे गरम पानी को वो पी गया। मैं आनंद सागर में डूब गयी।

फिर उसने थोड़ी कठोरता से मेरी चूत को थप्पड़ मारा… फिर मुझे उलट कर मेरे बड़े कूल्हों पर थप्पड़ मारा और कहा- एक विशाल और मस्त गांड है तेरी कुतिया! इस गांड को भी ज़रूर चोदूंगा।

मैंने कहा- पहले चोद तो ले भड़वे

वह अब चोदने को तैयार था।

मैं बिस्तर पर पड़ी अपनी दोनों जांघों को फैला कर अपनी चूत को सहलाते हुए बोली- ले चोद साले! देखती हूँ क्या बिगाड़ लेगा तुम्हारा लण्ड मेरी चूत का।

राजा अपना मोटा तगड़ा और भारी लण्ड मेरी गर्म और गीली चूत पर रख कर बोला- अब इस चूत को मेरा तगड़ा लण्ड चाहिए! बोल मेरी रण्डी! डाल दूँ?
मैं हँसते हुए अदा से बोली- हिम्मत है डाल दो न!

तब राजा अपने हाथ में लोहे जैसे 10 इंच के घोड़े लण्ड को पकड़ मेरे चूत की गुलाबी गीली छेद पर रगड़ा। मेरी चूत उसके लण्ड के लिए फड़फड़ाने लगी।

हम दोनों ने एक दूसरे को देखा।
मैंने गर्म आहें भरकर कहा- देखते क्या हो? चोद दो… राजा
उसने कहा कहा- कहो… प्लीज़ मुझे चोदो… मैं एक चुदासी रण्डी हूँ।
मैंने कहा- मैं रण्डी हूँ! मेरी तड़पती, प्यासी चूत को चोद दो प्लीज़! प्लीज़!!

मेरी चूत में राजा ने अपना बड़ा सुपाड़ा घुसेड़ा तो मैं चिल्ला उठी- नहीं… धीरे से


लंड बहुत मोटा था, तो पहले उसका टोपा ही अन्दर गया.
मुझे थोड़ा दर्द हुआ. मेरे मुँह से ‘आह … मर गई …’ निकल गया.

तभी उसने दूसरा झटका दे मारा.
मैं चिल्ला दी- अहह फाड़ दी मेरी चूत … धीरे चोद हरामी

तेरा बड़ा और भारी लण्ड मेरी चूत के काबिल है, तू इस चूत का मालिक है अब… मुझे अपने रण्डी बना ले, चोद…!

उसने लण्ड और अंदर डाला।
मैं चिल्लाई- नहींईईई… ओह… धीरे से डाल!
उसका लण्ड मेरे योनि के लिए काफी बड़ा था, मैं थोड़ा डर गई थी।

उसका बड़ा हथौड़ा लण्ड मेरी योनि फाड़ रहा था, वास्तव में थोड़ा मीठा दर्द हो रहा था। ऐसा लगा जैसे सच में मैं पहली बार चुद रही थी।

वह वास्तव में एक जानवर, एक असली जंगली आदमी था…! वह साण्ड अपने 90 किलो वजन के साथ मुझे कुचल रहा था। उसने अपना लण्ड मेरे चूत की गहराई में घुसेड़ दिया और अपनी बड़ी कमर को ऊपर नीचे कर के चूत को चोदने लगा।

मैंने सोचा नहीं था की मेरी चूत इतनी जल्दी उसके तगड़े जंगली लण्ड के ज़ोरदार धक्कों का आनन्द लेनी लगेगी।

‘आअह्हह्हह..’ मैं फुसफुसाई-…मुझे अपनी कुतिया बना लो… चुदासी हूँ मैं… आह यह बहुत अच्छा लग रहा है… हाँ जोर से… और ज़ोर से चोद।

मैं उसे उकसाने लगी- मेरे साण्ड? और ज़ोर लगाओ राजा जानू! ओह्ह्ह्ह्ह म्म्म्म्म्म!!’

जोश से भरकर उसने मेरे बड़े बड़े चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ा और अपने घोड़े जैसे लण्ड को मेरी योनि की गहरी गुफा में अंदर तक दफन कर दिया!

वो मेरी बड़ी चूचियों को बुरी तरह मसलते हुए उछल उछल कर मेरी चुदाई करने लगा।

शुक्र है कि मेरी गद्देदार कुशन जैसी चूत है जो उसके लण्ड के ज़बरदस्त धक्कों को मज़े से स्प्रिंग की तरह समायोजित कर रही थी।

मेरी चूत रस से लबालब भर गई थी। राजा के लण्ड प्रहार से चूत में से ‘फच-फच’ की आवाज़ आ रही थी जिसे सुनने में मुझे आनन्द आ रहा था। चूत की खुशबू पूरे कमरे में भर गई थी। राजा ने अपने लण्ड को चूत से बाहर खींच लिया

मैंने चिढ़ते हुए कहा- ओह्ह्ह्ह्ह! कितना मजा आ रहा था। क्यों रोका जानू?
राजा ने कहा- थोड़ा सुस्ताएगी नहीं रण्डी, चुदैल कुतिया!’

मैं मदहोश जांघों को फ़ैलाए चूत रगड़ रही थी, राजा ने फिर से अपने गधे जैसे सख्त लण्ड डाल दिया, फिर मेरे बड़े स्तन चूमते हुए मुंह में लेने की कोशिश करने लगा।

चूची काफी बड़ी थी इसलिए वो मुँह में पूरा न ले सका और निराशा में चूची पर दांत काट खाया और दूसरी चूची को ज़ोर से निचोड़ा डाला… फिर बड़ी और भूरी, तने चुचूकों को चाटने और काटने लगा।

मैं सिसक कर बोली- कमीने! कभी चूचियाँ नहीं चूसीं क्या?
राजा ने कहा- ऐसी बड़ी और इतनी कसी चूचियाँ सच में नहीं चूसी छिनाल!

मेरी चूत ने राजा के लण्ड को कस की जकड़ रखा था, वह धीरे-धीरे लण्ड ऊपर नीचे करने लगा।

वो फटा फट मेरी चूत मारने लगा। ‘चोद चोद!! मेरे आशिक मुझे अच्छे से सच्चे मन से चोद!’ मैंने कहा। राजा और जोश में आ गया और जोर जोर से फटर फटर करके मुझे खाने लगा।

मेरी चूत के सुराग में उसका मोटा लौड़ा अच्छे से कायदे से अंदर तक जा रहा था। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। वो गचागच मुझे चोदने लगा। मेरी दोनों बड़ी बड़ी छातियाँ हिलने लगी।

राजा ने चुदाई करते हुए मेरे हाथों को अपने हाथों में लिया और मेरे सर के ऊपर ले गया। फिर लण्ड को चूत में गहरा पेलते हुए मेरी चिकनी काखों को बारी-बारी से चाटने लगा।

मैं मदमस्त थी, अपने ऊपर चढ़े राजा को मैंने अपनी गाण्ड से ज़ोर लगा कर उसके लण्ड की तरफ दे मारा। राजा समझ गया कि मुझे और ज़ोर से चुदाई चाहिए, वो लण्ड को पूरी ताक़त से मेरी गर्म चूत में घुसेड़ने लगा। ज़ोर से झटके मारते वक़्त उसका लण्ड चूत से निकल गया।

मेरा गिरने वाला है…’ मैं चिल्लाई
राजा ने कहा- रुक रण्डी! अभी मत गिरा!!

मैं सिसक रही थी- आह… ओह्ह्ह्ह… म्म्म्म्म्म… चोद… मुझे रण्डी की तरह चोद… कुतिया के जैसे…
मैंने अपने शरीर के अंदर एक आनन्द के सागर को महसूस किया… चूत में जैसे बाढ़ आने वाली थी।

मैंने अपनी जांघों को राजा की कमर से ज़ोरों से लपेटते हुए कहा- ओह राजा रण्डी की चूत झड़ने वाली है… आय एम कमिंग!! और ज़ोर से चोद… फाड़ मेरी चूत अपने घोड़े लण्ड से कमीने!

राजा अपने हथौड़े लण्ड से मेरी चूत कूटने लगा।
मेरी आअह्हह… आउच… ओह्ह्ह से कमरा गूंज रहा था।

मेरी चूत में राजा का लण्ड फड़फड़ाने लगा, उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया।मैं अपनी चूचियों को भी अपने हाथ से मसल रही थी और चुदवा चुदवा के पसीने पसीने हो गयी, आखर कार राजा के लण्ड से पिचकारी सी अंदर महसूस हुआ, और मेरा चूत राजा के वीर्य से लबालाव हो गया,
मैंने भी अपने बड़े नाख़ून कस कर उसकी पीठ में दबा दिये।

हम दोनों एक साथ झड़ रहे थे, हमारा पानी ऐसे गिर रहा था जैसे सुनामी आ गई हो, सफेद तरल पदार्थ लाल रेशमी चादर को भिगोने लगा!

फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और 5 मिनट तक चूस चूसकर पूरा साफ कर दिया.

तूफान खत्म हो गया था।

मैंने राजा से कहा- आज तुमने … एक रण्डी की तरह मेरी चुदाई की। मेरे चूत में दर्द हो रहा है लेकिन आज इसने जन्नत भी देख ली, मैंने बहुत आनन्द लिया… चुदाई का।

फिर अपनी चूत देखते हुए राजा से कहा- देखो! कितनी सूज़ गई है यह तुम्हारी चुदाई से!
राजा ने कहा- हाँ! देखो तुम्हारी चूत की छेद भी कली से कमल का फूल हो गई है। तुम्हारी चूत को मेरे लण्ड ने भोसड़ा बना दिया है

मैंने देखा, सच में चूत की छेद बड़ी हो गई थी और उसमें राजा
के लण्ड का सफ़ेद गाढ़ा पानी भरा हुआ था और बिस्तर पर गिरता जा रहा था।

राजा ने एक उंगली वीर्य से भरी चूत में डाल कर मेरे मुंह की तरफ लाया।
मैं मुस्कराई और उसकी उंगली चाटने लगी।

फिर उसने चूत के ऊपर का वीर्य हाथों से पौंछा और मेरी चूची की उससे मालिश करने लगा और उसे चूमने चाटने लगा।
 
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juhi gupta

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में कई बार जब अकेले में होती तो सोचती ईश्वर की मेरे उप्पर कितनी कृपा हे की सेक्स के लिए मुझे इधर उधर मुँह नहीं मारना पड़ता मेरा गबरू जवान बेटा सुधीर ही मेरी इच्छा पूरी कर देता हे।
मेरे जिस जेठ के लड़के की शादी में सुधीर ने मेरी चुदाई की थी में उसको कैसे भूल सकती हु उस शादी की रात ही तो सुधीर ने मुझे जमकर चोदा था और हम दोनों के बीच माँ बेटे की दिवार गिर गयी थी और हम दोनों प्रेमी प्रेमिका बन गए थे।
अगर किसी औरत को इस उम्र में जवान लोडा खाने को मिल जाये तो उसकी तो पो बारह हो जाती हे ये ही मेरा हाल था ,में अब पहली वाली सुनैना नहीं रही थी जिस्म पर ढाया देने लगी थी ,चूत को बिलकुल सफाचट रखती थीबूब्स की हलकी मालिश करने लगी थी ,ब्रा और पेंटी आधुनिक किस्म की पहने लगी थी ,कोई मुझे देखकर ये नहीं कह सकता था की में 40 साल की हु और मेरा 20 साल का बेटा भी हे ,बस 32 -33 साल की लगती थी में।
मेरे पति तो शराब और मधुमेह के चलते खल्लास हो चुके थे और अब सुधीर ही मेरी चूत का पालनहार था। में कई बार सोचती थी की सुधीर को अभी तो मेरे साथ मजा आ रहा हे लेकिन उसकी जिंदगी में अगर कभी कोई लड़की आ जाएगी तो उसकी जवान चूत के आगे में कब टिक पाऊँगी ,इसलिए मुझे स्वार्थी न बनकर सुधीर के लिए जवान चूत का भी बंदोबस्त करते रहना चाहिए ताकि हम दोनों के बीच जो सेक्स लाइफ चल रही हे वो चलती रहे।
मुझे पता चला की मेरे जिस जेठ के लड़के रोहित जिस की गत वर्ष शादी हुई थी वो अपनी बीबी पूजा के साथ मुंबई आ रहा हे मेने रोहित को फ़ोन किया की वो और पूजा घर पर ही रुके ,उन्होंने मेरी बात मान ली और वो अपनी पत्नी पूजा के साथ हमारे यंहा ही रुका ,सुधीर के पापा तो टूर पर गए हुए थे और घर पर में और सुधीर ही थे
रोहित कोई ज्यादा स्मार्ट नहीं था लेकिन पूजा गजब सेक्सी और सुन्दर औरत थी उसे देखते ही सुधीर की आँखों में चमक आ गयी जिसे मेने ताड लिया मेने सोच अगर पूजा सुधीर से किसी तरह चुद जाये तो मेरा काम बन जाये ,अगले दिन रोहित को किसी काम से ४-५ घंटे के लिए जाना था तो वो सुधीर को लेकर चला गया घर में में और पूजा ही रह गए ,मेने नेटफ्लिक्स पर 1 वेब सीरीज सेक्स लाइफ लगा दी जिसमे सेक्स सीन की भरमार थी और उसकी महिला कलाकार महा चुदकड़ थी ,वो अपने पति के साथ रहते हुए भी अपने एक्स प्रेमी के बारे में सोचा करती थी ,मेने देखा पूजा वो वेब सीरीज देखते देखते गरम होने लगी थी ,मेने उससे कहा पूजा तुम कहो तो इसे हटा दू ,पूजा ने कहा नहीं चाची चलने दे ,मेने सोचा अब हथोड़ा गरम हे मेने कहा पूजा तुम मुझे अपना दोस्त ही समझो और कोई भी बात शेयर करनी हो तो कर सकती हो।
पूजा ने कहा चाची में तो आपको अपने फ्रेंड की तरह ही मानती हु आपका नेचर इतना अच्छा हे की आप से में दोस्तों जैसी ही बात कर सकती हु वेब सीरीज में एक सीन आता हे जिसमे नायिका बिल्ली का पति उसकी चुदाई करता हे और वो पहले ही खल्लास हो जाता हे तब बिल्ली उससे वाइब्रेटर लेन को कहती हे और अपनी चूत का पानी निकलती हे ,मेने देखा ये सीन के बाद पूजा कुछ उदास हो जाती हे मेने पूजा से कहा तुम बताओ तुम्हारी किसी गुजर रही हे रोहित केसाथ ?
पूजा ने ठंडी आह भरकर कहा चाची बस चल रही हे मेने कहा ऐसे क्यू कह रही हो उसने कहा चाची शादी से पहले मेरा किसी से अफेयर था और मुझे तो बड़े लंडो से ही चुदना पसंद है , मोटे मोटे बड़े लंड से | ऐसे लंड का क्या फायदा जो आधी चूत की भी ठीक से न चोद पाए | बड़ा लंड अन्दर तक जब जाता है चूत को गहराई तक चीरता हुआ तो मजा आ जाता है |लेकिन रोहित का लोडा ऐसा नहीं हे कई बार वो कोशिश करता हे लेकिन वो कर नहीं पाता तो मुझे कहना ही पड़ता हे अगर मुझे चोदना है तो जरा ठीक से अपने लंडो को खड़ा करो, एक काम करो तेज तेज मुठियाओ, अभी तुमारे लंड में इतनी अकडन नहीं है की मेरी चूत की अन्दर तक चीर सके |मेरी भी चूत और गांड जब भी खुजलाने लगते हैं. वैसे तो मैं इसके लिए अपने साथ एक डिल्डो रखती हूँ, पर आज सोच रही हूँ की आपकी बहु होने का लाभ उठाऊँ."
मेने पूजा को अपने गले लगाया और उसे उसकी शादी में सुधीर और मेरे बीच बने सम्बन्धो के बारे में बताया और कहा की पूजा सबको अपनी इच्छा पूरी करने का हक़ हे में इसे गलत नहीं मानती आखिर लंड ही तो हैं लंड चूत में ही तो जायेगा | क्या घट जायेगा मेरी चूत का अगर कुछ देर ये मुझे चोदलेता हे मेने कहा सुधीर तो चुदाई में मेरी इतनी तारीफ करता हे और कहता हेतुमारी चिकनी गुलाबी चूत जब चोदना शुरू करता हूँ, तो कुंवारी चूत जैसी फीलिंग करा देती है अआह्ह और फिर जब तुम्हे चोदते चोदते, चुदाई की ठरक इतनी तगड़ी हो जाती है की लंड न मुरझाने का नाम लेता है और न झड़ने का | तुमारी जवानी की गंध इतनी तेज है मेरा लंड मदहोश हो जाता है , ओह्ह्ह ह्ह्ह्हह तुमारे कोमल नाजुक बदन का जादू इस कदर मेरे दिलो दिमाग पर नशे की तरह चढ़ जाता है की कुछ याद ही नहीं रहता | तुम साक्षात् वासना की देवी लगने लगती हो | अब जिसके पास हवस की देवी खुद ही उसकी हवस की आग बढ़ाने के लिए मौजूद हो वो भला क्या थकेगा क्या रुकेगा |,पूजा सुधीर की मेरे से चुदाई और शायद उसके लोडे की कल्पना कर सुधीर से प्रभावित हो गयी थी ,मेने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की अगर वो चाहे तो में सुधीर से बात कर सकती हु ,पूजा ने कहा लेकिन रोहित की मौजूदगी में कैसे संभव होगा मेने कहा में रोहित की शराब में नींद की गोली मिला दूंगी फिर तुम सुधीर के रूम में चले जाना ,पूजा ने कहा ठीक हे आप सुधीर से बात कर लेना में तैयार हु ,फिर उसने कहा चाची अगर आप भी मेरे साथ रहो तो मुझे आसानी हो जाएगी। मेने कहा ठीक हे में सोचती हु।
शाम को जब सुधीर घर आया तो मेने उसे पूजा के बारे में बताया ,सुधीर खुश हो गया और मुझे गले लगाते हुए मेरे चूतड़ों को मसलते हुए बोलै आप कितनी अच्छी हो मॉम जो मेरा इतना ख्याल रखती हो।
पूजा रोहित के साथ जल्दी ही रूम में चली गयी ,पूजा ने दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं किया था ,मेने दरवाजे की झिर्री में से देखा रोहित ने पूजा को अपनी बांहो में कसकर पकड़ रहा था और वो खड़े खड़े ही उसकी चूत में लोडा डालने की कोशिश कर रहा था लेकिन लोडा पूजा की चूत में जा नहीं प् रहा था पूजा ने कहा मै तुमारे लंडो को चूस चूस कर टनाटन कर देती हूँ फिर आराम से जन्नत की सैर कराती हूँ | ऐसे खड़े खड़े न तुम ठीक से मुझे छोड़ पावोगे न मै ठीक से चुद पाउंगी ,मै जमीं पर लेट जाती हूँ और तुम आराम से मेरी चूत में अपना लोडा कुटना | आराम से तुमारा बाद लंड अपनी चूत में लूंगी और तुम्हे भी बहुत मजा आएगा लेकिन रोहित मान ही नहीं रहा था वो खड़े खड़े ही पूजा को चोदने के चक्कर में था पूजा ने फिर कहा रोहित अगर तू मुझे चोदना ही चाहता है तो ठीक है चोद ले, लेकिन ऐसे खड़े खड़े कैसे तू मेरी चूत चोद पायेगामै आराम से जमीं पर लेट जाऊँगी | फिर मुझे हचक हचक कर छोड़ लेना | तुझे भी बहुत मजा आएगा | इससे ज्यादा मै तेर लिए कुछ नहीं कर सकती |
लेकिन रोहित नहीं मान रहा था,उसका लण्ड भी खड़ा नहीं हो प् रहा था अन्तत वो नीचे लेट गया पूजा भी उसके साथ लेट गयी रोहित का लण्ड अब भी खड़ा हुआ तो वो उसे मसलने लगा पूजा गुस्से में बोली अबे भोसड़ी के सामने गुलाबी कमसिन गुलाबी चिकनी चूत खुली पड़ी है और तू भोसड़ी के जो है अपने लंड को मसल रहा है कम से कम साला अपने मुंह लगाकर इसको चाट कर तो देख लेकिन शायद शराब के साथ नींद की गोली का असर होने लगा था और रोहित को नींद आ गयी
उसके सोते ही पूजा बाहर आ गयी में उसे लेकर सुधीर के रूम में घुस गयी ,सुधीर बिलकुल नंगा अपने बेड पर लेता हुआ था और शायद पूजा की चूत के ख्याल से उसका लोडा खड़ा हुआ था ,सुधीर ने पूजा को कहा आओ भाभी अपने देवर का लोडा लेलो अपनी चूत में ,पूजा के तो आग लगी हुई थी उसने जल्दी ही अपने कपडे उतार दिए उसकी कमसिन चूत देखकर सुधीर बोला इतनी साफ़ सुथरी चिकनी मखमली गुलाबी चूत बड़े किस्मत वालो की मिलती है ये कहते हुए उसने पूजा को अपनी बांहो में भर लिया ,और उसे किस पर किस करने लगा सुधीर भी बेसब्र हो रहा था और पूजा भी
उसनेपूजा की दोनो टांगे पर फैला दी थी और पूजा की दोनों टांगों के बीच में काफी फासला था और उसके बीच में वह लेटा हुआ था... और वह जी भर के उसके साथ चुम्मा-चाटी कर रहा था…पूजा ने उसको धकेलकर हटाने की कोशिश की लेकिन उसके शरीर को मानो लकवा मार गया था...

न जाने कितनी देर तक वह पूजा को चूमता रहा... चाटता रहा....उसके दोनों स्तनों को जी भर के दबा- दबा कर मज़े लेता रहा... उसके चूचियों को चूस -चूस कर मानो मेरी पूरी जवानी का रास पी जाने सजेड उसने ठान ली थी... उसके बाद उसने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया| वो दर्द से चीख उठी लेकिन उसने पूजा के मुंह पर हाथ रख करउसकी आवाज़ को दबा दिया... और फिर बढ़े ही जोश के साथ उसने पूजा को चोदना शुरू किया...

एक तो उसका लोडा इतना बढ़ा और मोटा था और उसके ऊपर से ना जाने कहाँ से उसके अंदर इतनी ताक़त आ गई थी... वह रुका नही... बस अपना काम जारी रखता गया... पूजा चिल्लाई मर गई आआ अम्मा फट गई मेरी चूत आआ निकालो लण्ड मेरी चूत से आआ. आ आ आआ अउ अउ अउ पर सुधीर नहीं रुका वो तो रेल बन गया पूजा अब कहने लगी पेलो जोर से चोदो आ आ मज़ा आ रहा है पूरा लण्ड डाल दो मेरी चूत में राजा आ
सुधीर भी उसकी बाते सुनकर जोश में आ गया और कहने लगा ले कुतिया ले खा ले अपनी चाची के यार का लण्ड बन जा मेरी राँड ले राँड ले मेरी छोटी रंडी ले .में हतप्रभ होकर दोनों की चुदाई देखने लगी और उनकी बाते सुनने लगी पूजा चीख रही थी हा राजा में आप की रंडी हूँ जैसे मेरी चाची आप की रंडी है मार लो अपनी छोटी रंडी की चूत मार लो आ आ पेलो मेरी चूत में अपना लण्ड. सुधीर भी दनादन धक्के लगा रहा था ले राँड ले साली तू तो अपनी चाची से भी बड़ी रंडी है खा ले मेरा लण्ड अपनी चूत में.तेरी चूत से माल निकलने वाला है ले राँड ले लण्ड ले मेरी छोटी राँड आ क्या गरम चूत है तेरी रंडी तू तो अपनी चाची से भी बड़ी रंडी बनेगी ले राँड का मेरा लण्ड अपनी चूत में आ आ आ मेंरा निकलने वाला है रंडी तेरी चूत बड़ी गरम है आ आ.अउ आ आआ पूजा कुत्ते कमीने हरामी आ आए मार डाला आए आआ साले थोड़ा थूक तो लगा लेता मादरचोद निकालो बहुत दर्द हो रहा है,
दोनों की चुदाई देख और बातें सुन मेरी चूत भी रिसने लगी मेने सुधीर से कहा सुधीर मेरा नंबर कब आएगा सुधीर बोला चुप साली राँड़ हरामिन -- साल से रोज लण्ड खा रही है, साली रोज गांड मारती है, देखो कुतिया के साली तेरी चूत और गांड में तो घोड़े के लण्ड भी आराम से चले जायेगे, साली--1 साल की बात हो गई लेकिन रोज लण्ड खये बिना नींद नहीं आती,इधर पूजा सुधीर के साथ शुरू थी मेरी चूची को चूसो और मेरा दूध निकाल दो. आज मेरी चूत का भोसड़ा बना ,साले मादरचोद लंड है या फिर हथोड़ा, आह और तेज़ मादरचोद.. अहह प्लीज़ फाड़ दो मेरी छूट को.. और अन्दर तक डाल फाड़ दे आज.. मेरी बुर.. आह.. मज़ा आ रहा है.. चोद अपनी रंडी को.. और चोद मादरचोद.. और तेज़ से चोद..चोदो.. .. मैं .. कब से मोटे लंड से चुदवाना चाह रही थी.. .. ऊऊ.. एया या.. ऊ ऊओ.. मार.. गैइ इ.. चुद गई.. चूत .. मेरी.. फट.. गई..आ आह ह ऊऊ.. आ आहह.. आ आ.. चोदो.. .. चोदो.. अपनी घोड़ी को.. चूत.. को मज़े से भर दो.. .. मोटा लंड मस त्टत्त.. है.. चोदो.. .. आ आ अह ह.. चोद.. .. आ आ अहह.. मेरे.. घोड़े.. घोड़ी.. को.. ऊपर.. चढ़ कर.. चोदो.. .. घोड़ी की चूत मा आरू.. .. अया.. हम म्म्म.. ऊ ऊ . रीई ए.. मार.. गई.. ऊ ऊ ओ.. आ आ आ.. चूत.. मस्त हो गई.. ..मज़ा आ रहा है एये ए आहा आ हा.. चोदो.. चोदो.. और चोदो.. चूत को फाड़ दो.. आहा ऊओ.. उई मा आ.. ओहो ऊवू हा अ.. चोदो.. मज़ा आ रहा है.. .. ज़ोर.. से चोदो.. ओ.. ऊ..सुधीर बोला चोद तो रहा हूँ साली रंडी की औलाद | क्या रंडी की चूत लेकर पैदा हुई है साली, इतना कसकर चोद रहा हूँ, फिर भी मरी जा रही है लंड के लिए साली हरामन कुतिया | कितना भी चोदो भूखी की भूखी ही रहती है | साली आधा घंटा हो गया है अपने मुसल लंड से तेरी चूत कूटते कूटते मसलते मसलते, इसकी चुदास अभी भी उतनी ही बरक़रार है |झड साली रंडी की औलाद आज तुझे रात पर बरसाऊंगा, रात पर ऐसे ही टप टप कर तेरी चूत बहेगी और तू ऐसे ही कांप काँप कर झाड़ेगी |तुझे अपनी रानी बना लूंगा, तुझे पूरी की पूरी रंडी बना दूगा, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान, बस ऐसे ही चुदती रह तू |
पूजा बोली इस रंडी की चूत को कैसे चोदकर झड़ना चाहोगे सुधीर बोला हरामजादी कुतिया, साली अभी नहीं झड़ने वाला हूँ रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, अभी तो मुहँ मे ले लंडखोर बुरचोदी, कुतिया बनाकर चोदूगा साली रंडी की चूत | पूजा का शरीर अकड़ने लगा, जांघे अपने आप हिलने लगी | उसके चूतड़ थरथराने लगे | कमर में अपने आप झटके लगने लगे | चूत की दीवारों में हो रही सनसनाहट अब फडफडाहट में बदल गयी | उसकी चूत झरने लगी | उसका सारा शरीर कांपने लगा | वो खुद को संभाल नहीं पायी और उसकी कोहनियाँ मुड़ गयी वो बिस्तर पर धड़ाम हो गयी,उसके शरीर का सारा नियंत्रण ख़त्म हो गया | उसका शरीर जोर से कांपा और थम गया | पूजा चरम सुख की गहरी लहरों में गोते लगाते लगाते वासना के चरमसुख के आनंद के गहरे सागर में डुबकी लगाने लगी | पूजा झर झर के थमने लगी, उसने अपना चरम सुख हासिल कर दिया | शुरू से अब तक न जाने कितनी बार कांपी, कितनी बार झरी लेकिन ये ओरागास्म सबसे लम्बा था, सबसे प्रचंड था, सबसे सुखदायी था | उसके चूतड़ हवा में थे, सर बिस्तर में घुसा था और वो किसी त्रिकोण की तरफ बेड पर टिकी हुई थी | उसके हाथ पाँव सब शिथिल हो चुके थे |
सुधीर में मुझसे कहा इसे थोड़ा आराम करने दो तब तक आप आ जाओ मॉम जब तक में आपकी चूत को चोदता हु सुधीर ने मुझे पूजा के पास लिटाया और अपना लोडा मेरी चूत में डाल दिया में जो गरम की इंतिहा तक पहुंच चुकी थी मेने कहा फाड़ दे मेरे बेटे इसे इसकी साडी ठरक निकल दे सुधीर बोला चुप कर हरामजादी कुतिया, साली अभी अभी तो झड़ा हूँ लण्ड खाने वाली चूत चोद , रंडी की चूत, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर, कितनी खुजली है तेरी चूत में माँ की लौंडी, ये कहकर सुधीर ने अपना लंड मेरी चूत से निकल लिया और मेरी गांड में डाल दिया और मेरी गांड मारने लगा "क्यों मॉम मजा आ रहा है. कैसा लग रहा है मेरा लौड़ा अपनी गांड में लेकर?"
"तुम जानते हो की मुझे गांड मरवाना कितना अच्छा लगता है तो पूछ क्यों रहा है. अपनी ताकत बातों में मत ख़राब कर, मेरी गांड पर ध्यान दे मादरचोद."
"वो तो मैं हूँ. मादरचोद. ." सुधीर ने मेरी बात मानी और अब अपने पूरे जोश से गांड का माल हिलाने में लग गया.मेने कहा गांड फाड़ने में तुझे मजा आया?"
"अरे मॉम , तुम्हारी गांड तो ऐसी ही कि हर समय अपने लौड़े को इसी में डाले रखूँ."सुधीर ने गांड में से फिर लंड निकल दिया और मेरी चूत में डाल दिया पूजा हम दोनों को देख रही थी उसने कहा सुधीर ने मुझे चोदा तो मुझे ऐसा अनुभव हुआ जो अनुपम था. उसने मेरी चूत को जिस अंदाज में चोदा उससे ये विश्वास हो गया की इतना सामर्थ्य बिना घरेलू प्रशिक्षण के नहीं आ सकता. उसके बाद जब उसने आपकी गांड मारी तो सच बताऊँ मुझे लगा उसे कितनी महारत हे . क्या चोदता है, अभी भी यह सोचकर मेरी चूत और गांड में खुजली हो रही है."मेने कहा सबर रखो सुधीर तेरी गांड का भी बाजा बजायेगा ,
 
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