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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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# 31 .

“यह तुम बार-बार अपने किस काम की बात करते हो ?“ जेनिथ ने कहा।

“मैं यह बात तुम्हें अभी नहीं बता सकता, पर समय आने पर तुम्हें खुद-बा-खुद पता चल जाएगा।“ तौफीक की आंखों में, इस बार कठोरता के भाव थे।

“तौफीक.......!“ जेनिथ के इन शब्दों में थोड़ी थिरकन थी- “जाने क्यों आज मुझे बहुत डर लग रहा है?“

“डर......! डर किस बात का ?“ यह कहते हुए तौफीक ने, धीरे से जेनिथ के दाहिने हाथ को, अपने दोनों हाथों में ले लिया और प्यार से उसे सहलाते हुए बोला-

“मैं हूं ना तुम्हारे साथ। फिर भला तुम क्यों डरती हो ? और अगर कभी ज्यादा डर लगे, तो मेरा नाम अपने मन में तीन बार दोहराना, सारा डर अपने आप खत्म हो जाएगा।“

“वो.....कैसे भला ?“ जेनिथ ने तौफीक की आंखों में आंखें डालते हुए पूछा।

“मैं जब बहुत छोटा था। तभी मेरे अब्बा गुजर गए थे। फिर भी उनकी कुछ बातें मुझे आज भी याद हैं।“ तौफीक ने अतीत के समुंदर में छलांग लगाते हुए कहा-

“जब कभी मैं डर जाया करता था, तो मेरे अब्बा मुझे मेरा ही नाम तीन बार पुकारने को कहते थे। क्यों कि यह नाम अब्बा का ही रखा हुआ था। वो कहते थे कि तौफीक नाम का अर्थ उर्दू में बहादुर होता है और वास्तव में जब मैं अपना नाम पुकारता था, तो मेरा डर बिल्कुल खत्म हो जाता था।“

यह सुनकर जेनिथ ने धीरे से आंख बंद कर लिया।

“क्या हुआ?“ तौफीक ने जेनिथ को देखते हुए कहा।

“कुछ नहीं। मन में तुम्हारा नाम ले रही हूं।“ यह कहकर जेनिथ धीरे से तौफीक की ओर थोड़ा और खिसक गई।

“तौफीक, क्या आज मेरी एक इच्छा पूरी करोगे? जेनिथ के शब्दों में ख्वाहिश साफ झलक रही थी।

“क्या ?“ तौफीक ने पूछा।

“मुझे एक बार अपनी बाहों में भर लो।“

तौफीक अब लगातार जेनिथ की आंखों में देख रहा था। जहां उसे प्यार का अथाह सागर अठखेलियां करता हुआ साफ नजर आ रहा था।

“पता नहीं कब मौत का बुलावा आ जाए? क्या तुम इसे मेरी आखिरी इच्छा समझकर पूरी नहीं कर सकते?“ जेनिथ की आवाज में दुनिया भर का दर्द समाया हुआ था।

तौफीक कुछ देर सोचता रहा और फिर अपने दोनो बाजू किसी परिंदे के समान फैला दिये। जेनिथ किसी नन्हीं कली की तरह उसके बाजुओं में समा गयी। खुशी के मारे उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो इस एक पल में, उसे दुनिया की सारी खुशियां मिल गई हों। एक नन्ही कली शाख से इस तरह चिपक गयी, मानो कोई उसे तोड़ ले जाना चाहता हो। लेकिन उसे स्वयं नहीं पता था कि वह खुद टूट कर बिखर रही है। वह तो जैसे इस बिखरते हुए एक पल में अपनी पूरी जिंदगी जी लेना चाहती थी।

3 जनवरी 2002, गुरुवार, 14:20;

ऐलेक्स गुमसुम सा डेक के एक कोने पर बैठा था। कभी वह अपनी इस बकवास सी जिंदगी के बारे में सोच रहा था। तो कभी उसे क्रिस्टी का भी ख्याल आ जाता था। लेकिन क्रिस्टी का अब वह अपनी सोचों से निकालकर फेंक देना चाहता था। ऐलेक्स को अब मालूम हो गया था कि क्रिस्टी एक ऐसा आसमान पर चमकता हुआ सितारा है, जिसे वह देख तो सकता है, पर चाहकर भी छू नहीं सकता।

लॉरेन के बारे में सोच-सोच कर उसे गुस्सा आ रहा था कि आखिर उसने लॉरेन की बात क्यों मानी ? उसी के कारण क्रिस्टी और नाराज हो गई। इन्हीं विचारों में गुम वह बैठा था। तभी एक वेटर एक खूबसूरत सा लाल रंग का गुलाब का फूल लेकर आया और ऐलेक्स की तरफ बढ़ाते हुए बोला-

“दिस इज फॉर यू मिस्टर ऐलेक्स।“

ऐलेक्स ने ना समझते हुए भी फूल को हाथों में ले लिया। ऐलेक्स ने पहले इधर-उधर देखा पर उसे दूर-दूर तक कोई ऐसा नहीं दिखाई दिया, जिसने कि उसे फूल भिजवाया हो। अब उसकी नजर फूल पर पड़ी। वह एक ताजा अधखिली कली थी, जिसकी 6 इंच लम्बी डंडी में दो छोटे-छोटे पत्ते भी लगे हुए थे।

ध्यान से देखने पर ऐलेक्स को यह महसूस हुआ कि पत्तों पर कुछ लिखा है? वह फूल को अपने चेहरे के और पास लाकर, पत्ती पर लिखी लिखावट को पढ़ने की कोशिश करने लगा।

दोनो ही पत्तियों पर ‘सॉरी ‘ लिखा हुआ था। “सॉरी !“ वह होंठों ही होठों में बुदबुदाया- “यह मुझे सॉरी कहने वाला यहां पर कौन आ गया ? ....... कहीं क्रिस्टी तो नहीं ? ... ....नहीं.....नहीं, क्रिस्टी नहीं हो सकती। वह भला मुझे सॉरी क्यों बोलेगी ? फिर...... कौन हो सकता है?“

अभी ऐलेक्स अपने विचारों में ही उलझा हुआ था कि तभी एक मधुर स्वर लहरी वातावरण में गूंज उठी।

“क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?“ ऐलेक्स ने आवाज को सुन अपना सिर ऊपर उठाया।

पिंक कलर की चुस्त टी.शर्ट और ब्लैक जींस पहने जो सुंदरता की मूरत खड़ी थी, वह यकीनन क्रिस्टी ही थी, ऐलेक्स को एक बार तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि वह जाग रहा है या सपना देख रहा है। ऐलेक्स को कुछ सोचता हुआ देख, क्रिस्टी ने पुनः मुस्कुराते हुए पूछ लिया-
“क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?“

“यस.... यस..... व्हाई नाट?“ ऐलेक्स ने घबरा कर कहा।

क्रिस्टी सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी। उसे इतना पास में बैठते देख ऐलेक्स घबराहट के मारे खड़ा हो गया।

“क्या आप कहीं जा रहे हैं?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स को खड़ा होते देख पूछ लिया।

“जी..... नहीं तो !“ ऐलेक्स अभी भी सामान्य नहीं हो पाया था।

“तो फिर आप खड़े क्यों हो गये? बैठिए ना।“ क्रिस्टी ने इठलाते हुए ऐलेक्स की घबराहट का मजा लिया।

“जी..... जी हां !“ यह कहकर ऐलेक्स धीरे से अपनी कुर्सी पर बैठ गया।

पर घबराहट अभी भी पूरी तरह से उसके ऊपर हावी थी ।जिसके कारण उसके हाथ कांप रहे थे।
क्रिस्टी ने धीरे से अपना हाथ बढ़ाकर, ऐलेक्स का कांपता हुआ हाथ, अपने हाथों में ले लिया।

“क्या बात है? आपके हाथ क्यों कांप रहे हैं? आपकी तबियत तो ठीक है ना ?“ क्रिस्टी के होंठों से निकलते हर एक शब्द में शोखी झलक रही थी।

“जी.... हां..... तबियत तो बिल्कुल ठीक है।“ क्रिस्टी के हाथ रखने पर ऐलेक्स के हाथों का कांपना और बढ़ गया- “बस......वो थोड़ी ठंडक आज ज्यादा है ना इसीलिए।“

“आपको मेरा भेजा हुआ फूल कैसा लगा ?“ क्रिस्टी ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा।

“जी....... अच्छा था ।“ ऐलेक्स के मुंह से बड़ी मुश्किल से बोल फूट रहे थे।

ऐलेक्स इस तरह बार-बार इधर-उधर देख रहा था, जैसे किसी चोर को कोहिनूर के पास बैठा दिया गया हो।

“फूल के पत्तियों पर कुछ लिखा भी हुआ था ? आपने वह पढ़ा कि नहीं?“ क्रिस्टी ने बड़ी शाइस्तगी से फुसफुसा कर कहा।

“जी.... पढ़ा।“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“मैं आपसे माफी मांगती हूं। कल सबके सामने मैंने आपका नाम ले लिया। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।“ कहते कहते झुककर क्रिस्टी ऐलेक्स के काफी पास आ गई।

“क....क......कोई बात नहीं। आपने फि...र मुझे बचा भी .....तो लिया था।“

क्रिस्टी को इतना पास देखकर अब ऐलेक्स के दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई।

“तो क्या आपने मुझे माफ कर दिया?“ क्रिस्टी अब ऐलेक्स के और पास आ गई।

“ज....जी.....जी हाँ।“ ऐलेक्स ने घबरा कर अपनी कुर्सी को थोड़ा पीछे की ओर झुकाया।

“वैसे मुझे आपसे एक बात और करनी थी।“ क्रिस्टी ने सस्पेंस भरे स्वर में फुसफुसा कर कहा।

“क्....क्या ?“

क्रिस्टी का चेहरा अब बिल्कुल ऐलेक्स के चेहरे के पास था।
ऐलेक्स लगातार अपनी कुर्सी पीछे झुकाता जा रहा था। तभी एक झटके से आगे बढ़कर क्रिस्टी ने ऐलेक्स के होंठों को चूम लिया।

“आई लव यू!“

घबराहट की अधिकता के कारण ऐलेक्स इतना पीछे हटा कि वह कुर्सी सहित वहीं जमीन पर ढेर हो गया। उधर क्रिस्टी अपने प्यार का इजहार कर तेजी से उठी और ऐलेक्स को गिरता देख, खिलखिलाती हुई, भागते कदमों से ऐलेक्स से दूर चली गई।

ऐलेक्स हक्का-बक्का सा वहीं गिरा पड़ा रहा। उसके कानों में क्रिस्टी की खिलखिलाहट गूंज रही थी।

“बड़ी______खतरनाक बला है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर आये पसीने को धीरे से पोंछते हुए कहा।






जारी रहेगा.........✍️
Haath kapenge hi ...😂
Or kristi darling alex ki ungli karne pe tuli hui hai, sochne wali baat ye hai ki kya wo uske maze le rahi hai? Ya sach me use chahne lagi hai? Comedy with romance 👌🏻 maja aaya, awesome update tha Raj sir, gajab :roflbow: :roflbow: jaadui kalam:claps:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Haath kapenge hi ...😂
Or kristi darling alex ki ungli karne pe tuli hui hai, sochne wali baat ye hai ki kya wo uske maze le rahi hai? Ya sach me use chahne lagi hai? Comedy with romance 👌🏻 maja aaya, awesome update tha Raj sir, gajab :roflbow: :roflbow: jaadui kalam:claps:
Thanks man for your wonderful review and superb support :thanx:
 

Raj_sharma

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RANSA kidhar busy ho mitra??
 

Raj_sharma

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मैं कतरा हो के भी दरिया से जंग लड़ता हूं,
मुझे बचाना समन्दर की ज़िम्मेदारी है,
ये 'सुप्रीम' मेरी नही, आप सब मित्रों की कहानी है,
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ,
ये चराग कई आंधियों पे भारी है ।
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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# 32 .
चैपटर-10 3 जनवरी 2002, गुरुवार, 15:50; न्यूयॉर्क बंदरगाह, अमेरिका !

“स्मिथ......! ‘सुप्रीम’ का कुछ पता चला ?“ रॉबर्ट ने कुर्सी पर बैठे-बैठे पूछा- “आज उसे गायब हुए 3 दिन बीत गये हैं।“

“नो सर......सुप्रीम की कोई रिपोर्ट नहीं मिल रही है। अंतिम समय जब उससे संबंध स्थापित हुआ था तो वह बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमय क्षेत्र में क्षेत्र में लगभग 80 नॉटिकल माइल तक प्रवेश कर गया था। फिर अचानक ना जाने क्या हुआ कि हमारा उससे संपर्क टूट गया और वह भी अन्य जहाजों की तरह बारामूडा त्रिकोण के खतरनाक अंधेरों में खो गया।“ स्मिथ ने कहा।

“हमारे लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हमारे बहुत से वी.आई.पी. लोग भी उस शिप में हैं, जिनके गायब होने का मतलब पूरे विश्व में तहलका मच जाना है। हम कब तक आखिर ये खबर मीडिया से छिपाए रखेंगे। आज नहीं, तो कल उन्हें पता चल ही जाएगा। कुछ करना होगा स्मिथ......? कुछ करना होगा ? यह समस्या हमारे हाथ पर हाथ रखने से हल नहीं होगी।“

“यस सर, बिल्कुल सही कह रहे हैं आप। और वैसे भी शिप जैसे ही अगले स्टापेज पर नहीं पहुंचेगा। वहां से पूरी दुनिया को पता ही चल जायेगा, पर यह समझ में नहीं आया सर कि आखिर शिप के लोगों ने शिप को जानबूझकर गलत दिशा में क्यों मोड़ा ?“ स्मिथ ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।

“तुम शायद भूल रहे हो स्मिथ कि इंटरपोल द्वारा हमें जो मैसेज मिला था। वह यह था कि जहाज पर कुछ अपराधी टाइप के व्यक्ति भी चढ़ गए हैं, जो शिप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह भी तो हो सकता है कि उन अपराधियों ने शिप के कंट्रोल रूम पर कब्जा कर लिया हो और वही शिप को गलत दिशा में ले जा रहे हों।“ राबर्ट ने अपने विचार व्यक्त किये।

“सॉरी सर, लेकिन यह बात मेरी समझ में नहीं आती। क्यों कि यदि अपराधियों ने शिप पर कब्जा किया होता तो पहली बात तो वो उसे बारामूडा त्रिकोण जैसे खतरनाक क्षेत्र में नहीं ले जाते और दूसरी बात वह हमसे संपर्क स्थापित कर, अपनी कोई मांग मनवाने की कोशिश करते।“ स्मिथ ने तर्क देते हुए कहा।

लेकिन इससे पहले कि राबर्ट और कुछ कह पाता, एक जूनियर अधिकारी फिंच ने कमरे में प्रवेश किया। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं।

“सर....सर.... वो..... वो.....!“ फिंच ने हकलाते हुए कहा।

“ये क्या वो...वो लगा रखा है?“ राबर्ट ने आने वाले को कसकर डांट लगाते हुए कहा- “साफ-साफ बताते क्यों नहीं ? क्या हुआ?“

“वो सर, एक आदमी बाहर खड़ा है और वह आपसे मिलने की जिद कर रहा है। कह रहा है कि आपसे कुछ विशेष बात करनी है?“ फिंच ने अपनी बात को घबराते हुए पूरा किया।

“तो इसमें इतना घबराने की क्या बात है? क्या नाम है उसका ?“ स्मिथ ने पूछा।

“सर.....वो अपना नाम असलम बता रहा है। कह रहा है कि वह “सुप्रीम” का सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन है।“ फिंच ने शब्दों का बम फोड़ते हुए कहा।


“सांय.....सांय.....सांय।“ राबर्ट और स्मिथ को ऐसा लगा जैसे किसी ने उनके सिर पर बम फोड़ दिया हो।

“क्या...........?“ राबर्ट उछलकर अपनी सीट से खड़ा हो गया- “भेजो..... जल्दी भेजो उसे। ‘सुप्रीम’ खतरे में है।“

आदेश मिलते ही फिंच तुरंत बाहर की ओर भागा।

“ये कैसे हो सकता है स्मिथ? अगर ये असलम है तो सुप्रीम पर सेकेंड असिस्टेंट बन करके जो व्यक्ति गया है, वह कौन है?“

“पता नहीं सर.......पर जो भी है। मुझे सुप्रीम बहुत खतरे में महसूस हो रहा है।“

स्मिथ भी सस्पेंस के झूले में झूल रहा था। तभी फिंच एक व्यक्ति को लेकर अंदर दाखिल हुआ। आने वाले के बाल बिखरे हुए थे। दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने पिछले 10 दिनों से दाढ़ी ना बनायी हो। उसके माथे पर एक सफेद पट्टी बंधी हुई थी।

“कौन हो तुम?“ राबर्ट की कड़कदार आवाज कमरे में गूंज उठी।

“मैं सुप्रीम का सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन असलम हूं।“ आने वाले आगन्तुक ने जवाब दिया।

“झूठ बोल रहे हो तुम। असलम तो सुप्रीम के साथ सफर पर जा चुका है। तुम कोई बहरूपिये हो ?“ स्मिथ ने भी गहरी निगाहों से असलम को घूरते हुए कहा।

“मेरी बात का विश्वास मानिए, मैं ही असली असलम हूं। जो भी व्यक्ति सुप्रीम पर असलम बनकर गया है, वह बहुरुपिया है।“ असलम ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा।

“तुम्हारे पास कोई प्रूफ है कि तुम ही असलम हो।“ राबर्ट ने विचलित शब्दों में पूछा।

“मेरे पास इस समय तो कोई प्रूफ नहीं है, लेकिन आप सर जेरार्ड को बुलाइये। उन्होंने ही मुझे सुप्रीम के लिए चुना था। वह मुझे जानते हैं।“

असलम के शब्दों में गजब का कॉन्फिडेंस था। असलम का कॉन्फिडेंस देख राबर्ट भी एक बार तो हिल गया।

फिर राबर्ट ने स्मिथ को गहरी निगाहों से देखते हुए इशारा किया। स्मिथ तुरंत टेलीफोन पर झपटा और सर जेरार्ड का इक्सटेंशन नम्बर डायल कर दिया। 2 रिंग के बाद ही दूसरी तरफ से फोन उठा लिया गया।

“हैलो सर! मैं स्मिथ बोल रहा हूं। क्या आप जरा देर के लिए तुरंत राबर्ट सर के केबिन में आ सकते हैं। कुछ इमर्जेन्सी है।“ स्मिथ ने रिक्वेस्ट भरे अंदाज में पूछा।

दूसरी तरफ से ‘हां ‘ बो लकर फोन रख दिया गया। स्मिथ ने राबर्ट को देखकर धीरे से ‘हां ‘ में सिर हिलाया।

थोड़ी देर के लिए कमरे में सन्नाटा छा गया। बामुश्किल 2 मिनट में ही जेरार्ड राबर्ट के कमरे में थे। जेरार्ड के आते ही सभी अपनी जगह से खड़े हो गये। जेरार्ड ने एक नजर कमरे में बैठे सभी लोगों पर मारी और फिर स्वयं एक चेयर पर बैठ गया।

“हां बोलिए मिस्टर स्मिथ, आपने मुझे क्यों बुलाया ?“ जेरार्ड ने स्मिथ को देखते हुए कहा।

“सर, आपको तो पता ही है कि सुप्रीम से कुछ दिन पहले हमारा सम्पर्क टूट गया था।“ स्मिथ ने बिना टाइम वेस्ट किये, बोलना शुरु कर दिया-
“और उसके बारे में हमें कोई न्यूज नहीं मिल पा रहा था। पर इतने दिनों के बाद आज ये एक महाशय यहां पर आये हैं और यह कह रहे हैं कि ये सुप्रीम के सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन असलम हैं। इनका कहना है कि ये यहां से शिप के साथ गये ही नहीं थे, जबकि शिप का पूरा स्टाफ यहां से अपने नियत समय पर जा चुका है। इन्होने ये भी कहा कि इनका सेलेक्शन आपने किया था और आप इन्हें पहचानते हैं।“

स्मिथ की बात सुन पहली बार जेरार्ड ने असलम को ध्यान से देखा।

“सर, आप तो मुझे पहचान रहे हैं ना।“ असलम ने जेरार्ड को याद दिलाते हुए कहा-
“मैं असलम......याद है इन्टरव्यू के दौरान मैंने आपके चश्मे के लिए एक सलाह दी थी।“

“यस...यस.....मिस्टर स्मिथ, ये आदमी सौ प्रतिशत असलम ही है।“ जेरार्ड ने याद करते हुए कहा-
“पर अगर ये यहां पर है.....तो असलम बनकर सुप्रीम पर कौन गया है?“

जेरार्ड की बात सुनकर राबर्ट ने अपना सिर पकड़ लिया।

“सॉरी सर पर इस बारे में हमें भी कुछ नहीं पता।“ स्मिथ ने हकबकाये स्वर में जवाब दिया।

“हां, अब आप बताइए मिस्टर असलम कि आप के साथ क्या हुआ जिससे आप इतने दिनों के बाद हमारे पास पहुंचे।“ राबर्ट ने असलम से पूछा।

“जिस दिन मुझे शिप पर अपना कार्ड लेकर, सबसे अपना परिचय कराने जाना था। उस दिन मैं सुबह अपने समय पर अपने घर से निकला। आगे दो-तीन मोड़ को पार करने के बाद एक सुनसान रोड जाती है, जिसके दूसरी तरफ एक भयानक झरना बहता है। मैं जब वहां पर पहुंचा, तो रोड के पास एक बाइक गिरी पड़ी थी और उसके पास एक आदमी पड़ा कराह रहा था। मैंने अपनी कार को किनारे लगाया और उतर कर उस आदमी के पास पहुंचा। जैसे ही मैं उसको देखने लगा, अचानक उसने मेरे ऊपर हमला कर दिया। उसने मेरे सिर पर पता नहीं किस चीज से दो-तीन चोट मारी। मैं थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया। मुझे जब होश आया तो मैंने अपने आपको एक बूढ़े की झोपड़ी में पाया।
उस बूढ़े ने मुझे बताया कि मैं उसे झरने के किनारे एक पत्थर से अटका हुआ मिला था। मैं लगभग 7 दिनों के बाद होश में आया था। फिर लगभग 3 दिन मुझे उठकर चलने-फिरने में लगे। मैं जैसे ही इस लायक हो गया कि थोड़ा चल-फिर सकूं, तुरंत भागकर आपके पास पहुंच गया।“

“इसका मतलब शिप पर यह पहचानने वाला कोई नहीं था कि असलम कौन है?“ स्मिथ ने पूछा।

“दरअसल इंटरव्यू में सेलेक्शन हो जाने के बाद, हमारे सारे डाक्यूमेंट्स जमा कर लिए गये और एक आई-कार्ड बना कर दे दिया गया। शिप के चलने के एक हफ्ते पहले उसका एक टेस्ट ड्राइव किया गया। उसी दिन शाम को शिप पर एक पार्टी रखी गयी। उस दिन शिप का एक अधिकारी, आई-कार्ड को चेक कर, सभी चालक दल का परिचय एक-दूसरे से कराने वाला था।“ असलम ने कहा।

“इसका मतलब उस अधिकारी ने फंक्शन वाले दिन, ठीक से डाक्यूमेंट चेक नहीं किये।“ जेरार्ड ने राबर्ट को घूरते हुए, खा जाने वाले अंदाज में कहा।

राबर्ट ने सटपटा कर दूसरी तरफ निगाह फेर ली। शायद उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था।

“मेरे होश में आने पर, मैंने सबसे पहले अपने कपड़ों के जेबें चेक कीं। परंतु कार्ड सहित मेरे सारे डॉक्यूमेंट वहां से गायब थे। हो सकता है जो मेरा नाम लेकर शिप में गया, उसने मेरी फोटो की जगह अपनी लगा कर किसी तरह से अधिकारियों को धो खा दे दिया हो।“ असलम ने जेरार्ड की तरफ देखते हुए कहा।

“यानि कि अब ये फाइनल हो गया कि जो व्यक्ति असलम बनकर शिप में गया है, वह नकली है।....... सर ये भी तो हो सकता है कि उसी ने शिप को जान बूझकर बारामूडा त्रिकोण के क्षेत्र में डाल दिया हो।“ स्मिथ ने राबर्ट को देखते हुए कहा।

“बारामूडा त्रिकोण के क्षेत्र में!“ असलम ने चैंकते हुए कहा।

“जी हां, इस समय ‘सुप्रीम’ बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमयी क्षेत्र में जाकर गायब हो चुका है।“ राबर्ट ने जवाब दिया। कहकर स्मिथ ने जितनी भी जानकारी उसके पास थी, वह सब असलम को बतादी।

“इसका मतलब हमारा पहला काम सुप्रीम को खोजकर उसे वास्तविक रूट पर वापस लाना है और शिप के कैप्टेन को नकली असलम से सावधान करना है।“ असलम ने जोश में आते हुए कहा।

“लेकिन कैसे?“ स्मिथ के शब्दों में बेचैनी भरी थी।

“मुझे अपने जान की बाजी लगानी होगी क्यों कि शिप में यात्रा कर रहे, सभी यात्रियों की जान मेरी जान से कहीं बहुत अधिक है।“ असलम अब भावुक लग रहा था।

“आपको अब और परेशान होने की जरुरत नहीं है मिस्टर असलम।“ जेरार्ड के शब्दों में अब भूकम्प जैसे भाव थे- “आप अभी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं। अभी आपको आराम करना चाहिए, रही बात सुप्रीम की तो यह जिम्मेदारी अब आप मुझ पर छोड़ दीजिए। इस मैटर को अब मैं पर्सनली हैण्डिल करुंगा। और हां, हमें इतनी जरुरी इंफार्मेशन देने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया “ इतना कहकर जेरार्ड अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।

जेरार्ड के खड़े होते ही बाकी सब भी उनके साथ खड़े हो गये। जेरार्ड के इशारे पर फिंच, असलम को हॉस्पिटल लेकर चला गया। जेरार्ड ने एक नजर राबर्ट और स्मिथ पर मारी और बोले-

“अब से ठीक दो घंटे बाद आप दोनो लोग मेरे रुम में मुझसे आकर मिलिए।“ इतना कहकर जेरार्ड तेजी से कमरे से बाहर निकल गये।





जारी रहेगा..........✍️
 

Raj_sharma

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Shetan
DEVIL MAXIMUM
ऐसा लग रहा है जैसे। वेद प्रकाश शर्मा जी का कोई थ्रिलर पढ़ रहें हैं !

New update

Bhai Suyash par hi nisana laga hi do wo bechara ab tak shak ke dayre mein nahi aaya hai ??
Yahan itne log hain aur kisi ko nahi pata hai ki Lauren ka boyfriend Taufiq hai.

Gun se shoot karne ke baad dhuwan ko phunk kar udane ki aadat Taufiq ki hai ye Suyash ko pata hai phir bhi Suyash ne abhi tak ye baat Taufiq se nahi puchha hai.

Ab to ye bhi ho sakta hai ki ek sath is murder mein ek se jayada log shamil ho sakte hain.

Bechara Alex pehle kisi ka ex boyfriend ban gaya aur fir Kristy ne uspe sawalon ke bauchar dhag de😂😂

Koi bhi nervous ho jaayega. Kristy bhi simple nhi hai...

Nice update💙... fantasy nhi yeh thriller hai par🙃

2 Interpol ke bhagode to expose ho gaye ab bache huay bhi in dono ki harkato se na expose ho jaye isi liye kaha jata hai bhai utni piyo jitni pach jaye

सवालों का जंगल है जिसमें जवाबों के खरगोश कहीं छुपे बैठे हैं
समन्दर से किसी के जहाज के केबिन की खिड़की में घुसना तो सम्भव नहीं लगता
लेकिन
ऊपर के डेक से रस्सी के सहारे उतरना मुश्किल जरुर है, असंभव नहीं
यहां जो कुछ भी हो रहा है प्राकृतिक नहीं इन्सानी साजिश है

Intzar hai

Awesome update

Awesome update
इतने खतरनाक माहोल में दो दो लव स्टोरी शुरू हो गई,
रोमांटिक पल बहुत खूबसूरत लगे इतने सारे रहस्य भरे अपडेट के। बाद
रिफ्रेशमेंट जैसे

Kuch to gadbad hai re बाबा


Aise kaise krishti अलेक्स ko purpose kar gyi ???



Ya wo marne se pahle kuch enjoy karna chahati hai 😂😂😂😂😂😂


Qki supreme par mout ka koi fix nahi h kab kiski aa jaye ???

सभी सहपाठक भाई जान लें कि मैंने राज भाई को उनके PM में जा कर कोई धमकी नहीं दी है। 😂

दो तीन अपडेट पर मिला कर अपना रिएक्शन इसलिए देता हूँ कि मुझे अटकलें कम लगानी पड़ें। वैसे भी राज भाई जिस गति से अपडेट्स देते हैं, कोई पाठक उनसे इस मामले में कोई शिकायत नहीं कर सकता।

पहले लगा कि तौफ़ीक़ ही लॉरेन का बॉयफ्रेंड है - अभी भी यही लगता है। एक्चुअली अब पक्का लग रहा है। लॉरेन ने क्रिस्टी से कहा था कि उसके बॉयफ्रेंड के पीछे कुछ दुश्मन पड़े हैं। और तौफ़ीक़ ने भी ज़ेनिथ से बात करते हुए आर्मी और दुश्मनों की बात करी। ज़ेनिथ इस तरह से क्यूँ बिख़र रही है, उसका कोई कारण समझ नहीं आ रहा है।

हाँ ठीक है कि अपने क़रीबी सहेली की मृत्यु पर दुःख हो सकता है, लेकिन इतना! क्या पता -- मैं आदमी हूँ और थोड़ा कठोर दिल वाला भी। कुछ लड़कियों का दिल डालडा से बना हुआ हो सकता है। कम से कम तौफ़ीक़ अपनी गर्लफ्रेंड की मृत्यु के इतने कम समय बाद किसी अन्य लड़की के चक्कर में नहीं पड़ेगा... नहीं पड़ना चाहिए।

उधर अलेक्स और क्रिस्टी की रिलेशनशिप बनती हुई दिख रही है। लेकिन इतनी जल्दी? ऐसे कैसे? यह सब कहीं इसलिए तो नहीं कि जहाज़ पर एक हत्या हो चुकी है और जहाज़ भी अपने अनजान गंतव्य की तरफ़ बढ़ रहा है? जब ज़िन्दगी का कोई ठिकाना नहीं हो, तो “जी लो!”. लेकिन इस फ़िलॉसोफ़ी से पक्के सम्बन्ध नहीं बनते। आधे अधूरे बनते हैं। क्योंकि लोग डर के या आशंका के कारण सम्बन्ध बनाते हैं।

खैर अच्छा लगा -- कम से कम अगाथा क्रिस्टी वाले मोड से निकल कर कहानी थोड़ा आगे बढ़ी है इन दोनों अपडेट्स में!
हमेशा की ही तरह बहुत बढ़िया अपडेट्स!

जासूसी उपन्यास , मर्डर मिस्ट्री सस्पेंस कहानी या किसी खास सब्जेक्ट पर आधारित थ्रिलर स्टोरी धीमे आंच मे ही परवान चढ़ती है । इन कहानियों मे एक ठहराव सा होता है । छोटी से छोटी घटना का काफी ख्याल रखना पड़ता है । एक छोटी सी घटना बाद मे सस्पेंस पर से पर्दा उठा देती है । सस्पेक्ट की एक छोटी सी गलत बयान जो गौर करने भी लायक नही होती है , उसे सलाखों के पीछे पहुंचा देती है । और जहां तक थ्रिलर की बात है तो जब तक घटना का डिटेल मे वर्णन न हो तब तक थ्रिल का एहसास नही होता ।
इस हिसाब से शर्मा जी ने अब तक बहुत ही बेहतरीन लिखा है बल्कि यूं कहा जाए कि वह पुरे सौ प्रतिशत अंक से पास है ।

इस अपडेट मे पहली बार रोमांस का ताड़का लगाया गया और वहभी डबल ताड़का । जेनिथ के साथ तौफिक हमदर्दी से पेश आए तो वहीं जेनिथ के अरमानो को पंख लगा ।
ऐलेक्स को भी इटेलियन हसीना क्रिस्टी से नव वर्ष का आश्चर्यजनक उपहार प्राप्त हुआ ।
इस सब का कारण वास्तव मे आकर्षण था या फिर शिप पर हुई बदली तस्वीर , यह हमे बाद मे ही पता चलना है ।

बहुत ही खूबसूरत अपडेट और उतनी ही खूबसूरत कहानी शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।

Bahut hi umda update he Raj_sharma Bhai,

Kai dino ke khun kharabe, bhaga daudi aur shaq aur tanav se bhare samay ke baad ek sukhad si update mili

Taufiq har baar bolta he ki kaam khatam karke hi vo chain se rah sakta he............

Shayad use pata he ki uske dushman bhi isi ship par he..............aur taufiq ke sath sath unhe bhi bas sahi mauke ki talash he

Christi aur Alex ki love story thodi to aage badhi..............

Keep rocking Bro

Shandar update Bhai
Kafi time baad kuch romantic seen dekhne ko mila
Bichare alex ki to baat karne me hi halat kharab ho gayi

Bada hi romantic update tha

Do love story shuru hui ha toffik or jenith ka to fir bhi theek ha lekin alex ko aise achanak se kristy propose kar de ye kuchh jyada hi jaldi nahi ho gaya ya fir kahin kuchh gadbad ha kahin kristi alex ki jindagi me halchal na macha de

क्या एलेक्स या जेनिथ की ओर मौत बढ़ रही है?

मुझे ऐसा लग रहा है, पर क्यों?

वैसे इस कहानी की मुख्य हीरोइन का कई कई अपडेट्स से गायब रहना अच्छी बात नहीं। वो होगी तो और खुलासे होंगे। वो नहीं होगी तो और उलझने बढ़ेंगी।

फिलहाल, जैसा इंटरपोल की चेतावनी थी, उस हिसाब से मुझे वो मंझे हुए क्रिमिनल्स इंटेलेक्चुअल भेस भूसा में दिख रहे हैं इस जहाज पर।

Haath kapenge hi ...😂
Or kristi darling alex ki ungli karne pe tuli hui hai, sochne wali baat ye hai ki kya wo uske maze le rahi hai? Ya sach me use chahne lagi hai? Comedy with romance 👌🏻 maja aaya, awesome update tha Raj sir, gajab :roflbow: :roflbow: jaadui kalam:claps:

Besabari se intezaar kar rahe hai next update ka Raj_sharma bhai....


Update posted friends :declare:
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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Badhiya update

To supreme per jo aslam ha wo nakli ha tabhi to wo aslam hi tha jisne sab chalak dal ko sharab pila di thi or ship ko barmuda triangle me la diya tha or lagta ha wo aslam hi tha jisne ab tak sabko gumrah karke rakha ha lagta ha iski puri gang mili hui ha kher supreme se wapas connection bitha jerrad ke liye bhi lagbhag namumkin hi ha kahan wo barmuda triangle me bhatke hue supreme se sampark bitha payega jahan khud supreme ke signal nahi aa rahe ya to use khud supreme ke pas jana hoga tabhi kam ho sakta ha
 
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