पंडित जी , आप तो गुदड़ी के लाल निकले ! अब तक तीन कहानी लिखा और तीनों कहानी अलग-अलग विधा मे । और सबसे बड़ी बात कि आप की सभी कहानियाँ बेहतरीन थी ।
इस कहानी मे आपने एक नया थीम पेश किया है जो थ्रिल और ट्विस्ट से भरपूर एक इंग्लिश मूवीज की तरह लग रही है । ऐसा प्रतीत होता है जैसे वास्तव मे हम हाॅलीवुड की मूवीज देख रहे हैं ।
आप की राइटिंग स्किल एक प्रोफेशनल राइटर की तरह शनैः शनैः डेवलप कर रहा है । ऐसी कहानी अधिकांशतः
अगर किरदारों के वार्तालाप के जरिए लिखा जाए और साथ मे किरदारों के मनोभाव और चरित्र पर भी प्रकाश पड़ रहा हो तब वह कहानी बहुत ही सुंदर हो जाती है ।
और इसमे कोई संदेह नही कि आप की इस कहानी की रचना शैली सजीव और प्रभावोत्पादक है ।
फिलहाल तो हम टाइटैनिक जैसी ही एक और खुबसूरत शीप के जर्नी का लुत्फ उठा रहे हैं लेकिन डर यह भी है कि इस शीप का अंजाम टाइटैनिक की तरह ही न हो जाए ।
पहले अपडेट की बात करें तो मुझे लगता है जो व्यक्ति जन्म से अंधा होता है वह भी सोते समय स्वप्न देख सकता है । वो स्वप्न मे पानी , घांस , पहाड़ , पर्वत , नदियाँ , मिट्टी , पत्ते , फूल वगैरह भले ही न देखता हो पर दैनिक जीवन मे उनका जो स्पर्श , स्वाद , सुनना से सम्बंधित जो गहनता अनुभव होता है वो अपने सरल रूप मे सपने मे देख सकता है । कुल मिलाकर वह स्वप्न देख सकता है ।
और यहां जो स्वप्न शैफाली ने देखा वह भविष्य मे आने वाले खतरे को इंगित कर रहा है ।
माइकल , मारथा , ऐलेक्स , क्रिस्टी , लाॅरेन , जेनिथ , सुयश , रोजर , लारा , जैक , जाॅनी और ब्रूनो ( सारमेय ) जैसे अनेक किरदारों से सजी इस टाइटैनिक का " रोज एंड जैक " कौन है , यह अब तक स्पष्ट नही है ।
खुबसूरत अपडेट पंडित जी । जगमग जगमग अपडेट ।