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Samar_Singh bina tag kiye review nahi dega kya man?

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Are kitni kahaniya padhu....upar se maine bhi ek kahani shuru kar di hai.Samar_Singh bina tag kiye review nahi dega kya man?![]()
मंथर गति
OkayAre kitni kahaniya padhu....upar se maine bhi ek kahani shuru kar di hai.
Update dete raho kisi din ek reading me hi nipta dunga...![]()
Thanksशब्दचयन अच्छा किया है
# 6.
25 दिसम्बर 2001, मंगलवार, 19:00 “सुप्रीम”
आज क्रिसमस का दिन था । सुबह से ही सारे लोग एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे थे। पूरे शिप पर एक त्यौहार का माहौल था। सुयश ने भी विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया हुआ था। पूरे दिन भर लोगों ने एक बड़ी संख्या में, इन विभिन्न प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। शिप के हॉल को भी दुल्हन की तरह सजाया गया था।
धीरे-धीरे शाम हो चली थी । शिप के लगभग सभी व्यक्ति, उस विशालकाय हॉल में एकत्रित थे। हमेशा की तरह इस बार भी सुयश ने स्टेज पर चढ़कर, सबसे पहले सभी को अभिवादन किया, और फिर एक गहरी निगाह उस विशालकाय भीड़ पर डाली । हॉल में इतने सारे लोगों के होने के बाद भी, इस समय बिल्कुल सन्नाटा था । सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ सुयश पर थीं। सुयश ने सब पर एक नजर डालने के बाद धीरे से माइक संभाला ।
“दोस्तों ! जैसा कि आप जानते हैं, कि आज क्रिसमस का त्यौहार है।“ सुयश की आवाज पूरे हॉल में गूंज रही थी-
“यह त्यौहार पूरे विश्व भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ।इसलिए हमने भी अपने शिप पर मौजूद सभी यात्रियों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा। उनको जरूरत की लगभग हर चीज उपलब्ध कराई और इस त्यौहार को खुशी का नया रंग देने के लिए, मैंने शिप पर कुछ प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया। मुझे बड़ी खुशी हुई कि अधिक से अधिक लोगों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। अब मैं उन प्रतियोगियों के नाम बताऊंगा, जिन्होंने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेकर सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है।
सुयश ने कुछ क्षण रुककर रोजर के हाथ से, कागज का एक पन्ना लिया और उसे खोल कर देखने के बाद फिर बोलना शुरु कर दिया-
“सबसे पहले मैं अपनी सबसे शानदार प्रतियोगिता, निशानेबाजी में भाग लेने वाले उन सभी 28 प्रतियोगियों को धन्यवाद देना चा हूंगा, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में खुले दिल से भाग लिया और अपनी निशानेबाजी का हुनर दिखा कर, सभी का मनोरंजन किया। अब मैं इस प्रति योगिता में प्रथम, द्वित्तीय और तृतीय आए लोगों के नाम एनाउंस करुंगा, जिनके खूबसूरत और अचूक निशाने को देखकर, आपने भी अपने दांतो तले उंगली दबाली।“
“तो निशानेबाजी का प्रथम पुरस्कार जाता है, मिस्टर तौफीक के नाम पर, जिन्होंने अपने निशाने से, पहले दिए गए सभी लक्ष्यों को भेदा, फिर एक ही गोली से एक कतार में रखी 6 जलती हुई मोमबत्तियों को बुझाया और उसके बाद अभेद्य समझे जाने वाले, 6 सिक्कों को हवा में उछाल कर, जमीन पर गिरने से पहले ही निशाना बनाया ।“
सुयश लगातार बोल रहा था- “अतः मैं मिस्टर तौफीक से आग्रह करूंगा कि वह स्टेज पर आकर अपना मेडल प्राप्त करें।“ सुयश के इतना कहते ही, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।
इन तालियों में एक ताली की आवाज ऐसी थी, जिसमें खुशी की गूंज भी थी और प्यार का इजहार भी। और वह ताली थी जेनिथ की, जो हॉल में एक स्थान पर लॉरेन के साथ बैठी थी। तौफीक इन दोनों से कुछ ही दूरी पर बैठा था। उसने अपना नाम एनाउंस होते देख, एक नजर जेनिथ पर डाली और फिर धीरे धीरे चलता हुआ स्टेज पर जा पहुंचा। अब वह सुयश के सामने था । सुयश ने एक बार बड़े ही गौर से तौफीक को ऊपर से नीचे तक देखा और फिर आगे बढ़कर तौफीक से हाथ मिलाते हुए, बगल में खड़े रोजर से मेडल लेकर तौफीक के सीने पर टांक दिया। पूरा हॉल एक बार फिर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।
तौफीक के सीने पर चमचमाता हुआ मेडल देख, जेनिथ खुशी से फूली नहीं समा रही थी । उधर मेडल तौफीक के सीने पर टांकने के बाद सुयश ने माइक के सामने जाकर, तौफीक को माइक पर आने का इशारा किया। एक पल के लिए तौफीक ठिठका और फिर कुछ सोचकर धीरे से माइक के सामने जा पहुंचा। उसके माइक पर पहुंचते ही, सुयश ने तौफीक को संबोधित करते हुए कहा –
“अब मैं मिस्टर तौफीक से उनकी इस शानदार निशानेबाजी का राज पूछना चाहूंगा । मैं चाहूंगा कि वे सबके सामने अपने इस शानदार हुनर का कारण बताएं।“ यह कहकर सुयश शांत हो कर तौफीक के चेहरे को इस तरह देखने लगा जैसे कि उस पर लिखा हो, कि वही अपराधी है। तौफीक ने एक नजर पहले वहां बैठे सभी दर्शकों पर मारी, फिर जेनिथ पर और फिर बिल्कुल शांत भाव से बोलना शुरू किया-
“दोस्तों ! मेरा नाम तौफीक है। मैं वैसे तो मूलतः मिश्र का रहने वाला हूं, पर फ्रांस में रहने के कारण, मुझे वहां की नागरिकता प्राप्त है। मैं वहां की आर्मी फोर्स में मेजर के पद पर कार्य करता हूं। यही कारण है कि मेरा निशाना इतना अचूक है। वैसे तो मैं आमतौर पर इस तरह की, किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेता, पर आज किसी के कहने पर मैंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया । इसलिए ये मेडल उसी के नाम पर।“ यह कहते समय तौफीक की नजर जेनिथ पर जा कर टिक गई, जो अपलक उसी को देख रही थी । तत्क्षण उसकी नजरें पुनः पूरे हॉल में सरसरी तौर पर घूमी और फिर वह बोला-
“बस दोस्तों ! इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहना चाहूंगा ।“ यह कहकर तौफीक स्टेज से उतरता हुआ धीरे-धीरे अपने स्थान की ओर बढ़ गया। सुयश ने तौफीक को जाते देख पुनः आकर माइक संभाल लिया ।
“अब मैं निशानेबाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पाने वाले, उस प्रतियोगी को स्टेज पर बुलाना चाहूंगा, जिन्होंने बाकी सभी जगहों पर तौफीक को बराबरी की टक्कर दी, परंतु अंतिम राउंड में हार गए। उनका नाम है मिस्टर लोथार।“
तालियों की गूंज के बीच, लोथार स्टेज पर आया। सुयश ने लोथार को एक छोटी सी शील्ड प्रदान की, और फिर उसे भी माइक पर बुलाया ।
“दोस्तों ! मेरा नाम लोथार है। मैं साऊथ अफ्रीका का रहने वाला हूं। मुझे बचपन से ही निशानेबाजी का शौक था । इसलिए मैंने साऊथ अफ्रीका की जानी मानी ‘टारगेट शूटर्स‘ ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण लिया। जिसकी वजह से मैं आज यहां इस मुकाम तक पहुंचा हूं।“
इतना कहकर लोथार ने अपने दाहिने हाथ से अपने होठों को चूम कर, एक फ्लाइंग किस हवा में उछाला और एक हाथ हिलाते हुए, विदाई की मुद्रा में स्टेज से उतर गया।
“अब मैं इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहे, मिस्टर जैक को स्टेज पर बुलाना चाहूंगा।“ सुयश ने पुनः माइक संभालते हुए कहा-
“इन्होंने भी इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया।“ जैक, सुयश से नजरें चुराता, सिर झुकाए स्टेज पर आया और इससे पहले कि सुयश उसे माइक पर बुला पाता, तेजी से अपनी शील्ड लेकर बिना कुछ बोले स्टेज से उतर गया। सुयश की तीखी निगाहें अंत तक जैक पर थीं। फिर वह अन्य प्रतियोगिताओं के विनर्स का नाम घोषित करने में लग गया। इस प्रकार उस शाम का अंत, सेलिब्रेट करते हुए, शोर- शराबे के बीच बीता।
25 दिसम्बर 2001, मंगलवार, 19:00; “सुप्रीम” मीटिंग रुम :
“हम लोगों का प्लान व प्रतियोगिता का आयोजन तो शानदार रहा।“ सुयश ने रोजर व लारा को बारी-बारी से देखते हुए कहा-
“लेकिन असली चुनौती तो अब शुरू होगी। क्यों कि अब हमें इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उन सभी 28 प्रतियोगियों के कमरे चेक करने होंगे। जिससे हमें अपराधियों का कुछ सुराग लग सके।“
“कैप्टन!“ रोजर ने सुयश की बात पूरी होते ही पूछा- “वैसे आपने इन सभी 28 प्रतियोगियों को देखा। आपकी समझ से इनमें अपराधी कौन हो सकता है?“ रोजर की बात सुनते ही तुरंत सुयश की आंखों के सामने जैक का चेहरा घूम गया।
“वैसे तो अभी किसी के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।“ सुयश ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा-
“लेकिन फिर भी मुझे सबसे ज्यादा शक जैक पर हो रहा है। क्यों कि कुछ तो उसकी हरकतें भी अपराधियों के जैसी हैं, और फिर तुम लोगों ने देखा, कि कैसे वह स्टेज पर आकर, बिना कुछ बोले ही चला गया। यहां तक कि उसने यह भी नहीं बताया, कि उसने इतनी अच्छी निशानेबाजी कहां से सीखी ?“
“आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, कैप्टन।“ लारा ने भी कैप्टन सुयश की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा-
“मुझे भी वह आदमी कुछ अजीब सा लगा।“
“अच्छा ! अब यह सोचो ।“ रोजर ने लारा की तरह देखते हुए कहा- “कि इन लोगों का कमरा, चेक कब और कैसे करना है? क्यों कि किसी-किसी के साथ तो दो या तीन लोग रहते हैं, और जरूरी नहीं कि सारे लोग एक साथ कमरे से बाहर जाएं। ये भी हो सकता है कि वह लोग जल्दी ही कमरे में वापस आ जाएं। जबकि हमें कमरे चेक करने के लिए समय चाहिए होगा।“
“रोजर बिल्कुल सही कह रहा है।“ सुयश ने लारा की तरफ देखते हुए कहा-
“हमें तलाशी चुपचाप ही लेनी होगी। यदि किसी को इस बारे में पता चल गया तो शिप की बदनामी तो होगी ही, बल्कि समय से पहले अपराधी भी सतर्क हो जाएगा।“
“तो फिर तलाशी के लिए हमें एक महोत्सव फिर से करना पड़ेगा।“ लारा ने सुयश की ओर देखते हुए कहा- “और इस महोत्सव में यह कोशिश करनी होगी कि अधिक से अधिक यात्री, इस में सम्मिलित हों।“
“उसकी जरूरत नहीं है। 5 दिन के बाद नया साल आने वाला है। उसकी पार्टी में तो वैसे भी सारे आदमी हॉल में रहेंगे। यह हमारे लिए सबसे अच्छा मौका रहेगा । हम उसी समय उन सभी के कमरे चेक करेंगे।“ सुयश ने पास रखे पेन को हाथ की उंगलियों में फंसाकर नचाते हुए कहा।
“ठीक है कैप्टन!“ लारा ने जोश में आते हुए जवाब दिया -
“मैं अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को एलर्ट करके, उस दिन के बारे में बता दूंगा, और यह 28 प्रतियोगियों की लिस्ट भी, उनके रुम नंबर सहित उनके हवाले कर दूंगा।“
“हाँ ! लेकिन एक बात का ख्याल रहे, तलाशी लेते समय यात्रियों के सामानों के साथ, इस तरह की छेड़छाड़ न की जाए, कि उन्हें बाद में पता चल जाए कि उनके रुम की तलाशी ली गई है।“ सुयश ने कहा।
“ठीक है सर! मैं ऐसा अपनी सिक्योरिटी के आदमियों को बता दूंगा।“ इतना कहकर लारा ने सुयश की ओर जाने की आज्ञा लेने वाली दृष्टि से देखा । सुयश ने यह देख लारा को जाने का इशारा कर दिया। लारा के जाने के बाद सुयश, रोजर की तरफ घूमा-
“रोजर वैसे तो हमारा प्लान बहुत अच्छा है, पर अगर हमें इसके द्वारा सफलता ना मिली तो ?“
“इसके लिए हमें पहले से ही कुछ और प्लान भी करना पड़ेगा।“ रोजर ने शांत स्वर में कहा-
“लेकिन आप चिंता ना करें कैप्टेन, मैं कोई ना कोई प्लान और बना ही लूंगा।“
“ठीक है, फिर आगे की बातें हम बाद में ही करेंगे।“ सुयश ने मीटिंग खत्म करने वाले अंदाज में कहा , और उठकर खड़ा हो गया । रोजर भी उठ कर खड़ा हो गया और सुयश से विदा लेकर केबिन से बाहर निकल गया।
जारी रहेगा….....![]()
Bhai terrorists ka pata lagana itna aasaan thodi hota hai?Bahut hi badhiya update he Raj_sharma Bhai,
Pratiyogita me aisa khas kuch pata nahi chal paya...............
Haalnki Jack par shaq jata he, lekin mujhe nahi lagta ki vo terrorist group ka hoga..............
Agli update ka intezar rahega Bhai
Agley updates me clear ho jayega bhai bas aise hi sath banaye rakhnaBhut hi badhiya update Bhai
Dekte hai ki captain suyash and rozar ka plan kesa jata hai