Ajju Landwalia
Well-Known Member
- 3,561
- 13,952
- 159
#69.
तौफीक ने यह देख तुरंत चाकू को नीचे फेका और बिना अपनी जान की परवाह किये, भागकर शैफाली को उठाकर पेड़ से दूर चला गया। अब सभी भागकर शैफाली के करीब आ गये।
“तुम ठीक तो हो ना?" अल्बर्ट ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा।
“ग्रैंड अंकल, मेरी आँखो में बहुत तेज जलन हो रही है।" शैफाली ने अल्बर्ट की आवाज और उसके स्पर्श को पहचान लिया।
“धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलने की कोशिश करो। मैं तुम्हारी आँखें देखने के बाद ही बता पाऊंगा कि क्या परेशानी हुई है।" अल्बर्ट के शब्दो में प्यार और दर्द की साफ झलक मिल रही थी।
अल्बर्ट के शब्द सुन शैफाली ने धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलना शुरू कर दिया।
आँखें खुलने के बाद शैफाली ने फ़िर मिचमिचाकर अपनी आँखें बंद कर ली।
लेकिन तुरंत ही शैफाली ने अपनी आँखें दोबारा खोल दी। इसी के साथ वह खुशी से चीख पड़ी-
“ग्रैंड अंकल ... ग्रैंड अंकल ... मेरी आँखें ठीक हो गयी। मैं ... मैं अब देख सकती हू ... मुझे अब सबकुछ दिखाई दे रहा है।"
यह सुन सभी भोचक्के से खड़े रह गये।
“ये ... ये कैसे संभव है?" सुयश के स्वर में दुनियां भर का आश्चर्य दिख रहा था- 4a“जन्म से अंधे व्यक्ती की आँखें अपने आप कैसे आ सकती है?"
उधर शैफाली अल्बर्ट के गले लगी हुई ऐसे चारो तरफ का दृश्य देखने लगी मानो वह एक पल में दुनियां की हर चीज देख लेना चाहती हो।
शैफाली के चेहरे पर खुशी ही खुशी नजर आ रही थी। अब ब्रूनो भी शैफाली के पास आ गया था और प्यार से उसका हाथ चाट रहा था।
शैफाली ने खुशी से बारी-बारी सबको देखा और सूंघकर सबका नाम बताया। लगभग 10 मिनट तक यह खुशी का सेलिब्रेसन चलता रहा।
अब अल्बर्ट से ना रहा गया। वह धीरे-धीरे उस झाड़ीनुमा पेड़ के पास पहुंच गया।
सभी का ध्यान अब अल्बर्ट पर था। शैफाली भी पेड़ के पास पहुंच गयी।
कुछ सोचकर शैफाली ने एक कदम आगे बढ़ाया। शैफाली को पास आता देख पेड़ की लताएं पुनः हिली, पर इस बार उसने शैफाली को नहीं पकड़ा, बल्कि उसे प्यार से सहलाने लगी।
यह देख डरते-डरते अल्बर्ट ने भी अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाया, पर पेड़ ने अल्बर्ट को भी कुछ नहीं कहा। यह देख अल्बर्ट ने पेड़ से 2 फल तोड़ लिये।
“इस फल का क्या करेंगे प्रोफेसर?" ब्रेंडन ने अल्बर्ट से पूछा।
“मुझे भी अभी पता नहीं है।" अल्बर्ट ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा- “पर अगर मैं कभी भी अपनी दुनियां में वापस पहुंचा, तो सबको यह फल जरूर दिखाऊंगा और बताऊंगा की कैसे इस फल ने एक जन्म से अंधी लड़की की आँखें सही कर दी।"
“प्रोफेसर!" तौफीक ने आगे बढ़कर अल्बर्ट से पूछा- “क्या आपने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं सुना है?"
“नहीं!" अल्बर्ट ने जवाब दिया- “मैंने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं नहीं सुना। वैसे बच्चे की तरह रोने
वाला पेड़ तो अफ़्रीका में पाया जाता है, जिसे ‘मेंड्रेक’ कहते है। मगर इस पौधे से तो हंसने, रोने और चिल्लाने की भी आवाज आ नहीं थी और ऐसा पेड़ तो कभी नहीं सुना जो किसी जन्म से अंधे व्यक्ति को आँख दे सकता हो।"
“कैप्टन!" इस बार असलम ने कहा- “मुझे तो लगता है की यहां सबकुछ ‘अपग्रेडेड’ है। मतलब हमारी दुनियां से 10 गुना ज्यादा ताकतवर और विकसित।"
“तुम सही कह रहे हो असलम।" सुयश ने भी असलम की बात पर हामी भरते हुए कहा।
“कैप्टन ।" एलेक्स ने सुयश को देखते हुए कहा- “एक बात समझ में नही आयी की ब्रूनो ने शैफाली को रोका क्यों नहीं था? क्या उसे यह अहसास हो गया था की यह पेड़ शैफाली का कोई आहित नहीं करेगा।"
“हो सकता है।" सुयश ने ब्रूनो के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- “वैसे पहले भी ब्रूनो ने शैफाली की जान बचाई थी। वैसे शैफाली तुम यह बताओ कि सबके पुकारने पर भी तुम रुक क्यों नहीं रही थी?"
“अंकल, उस समय जब आप सभी लोग आपस में बात कर रहे थे, तभी मेरे कानो में एक अद्रस्य आवाज सुनाई दी थी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरे कानो में ‘नयनतारा’ शब्द बोला था। उसके बाद का मुझे कुछ याद नहीं है। इसके बाद मुझे होश तब आया, जब उस पेड़ ने मेरी आँखो में वह रसीला फल निचोड़ दिया था।" शैफाली ने कहा।
“नयनतारा!" सुयश ने बड़बड़ाते हुए यह शब्द दोहराया- “यह तो हिन्दी शब्द लग रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे मैंने इस शब्द को कहीं सुना हो?"
“हिन्दी शब्द! और वह भी सुना हुआ।" जेनिथ ने आश्चर्य से कहा- “आपने यह शब्द कहां सुना है कैप्टन? याद करने की कोशिश करें।"
“नयनतारा ..... नयनतारा ....।" सुयश ने अपने दिमाग पर जोर डालना शुरु कर दिया। अचानक वह खुशी से चीख उठा- “याद आया ...यह शब्द मैंने अपने दादाजी की कहानियो में, अपने बचपन में सुना था।
जब मैं छोटा था तो मेरे दादाजी मुझे ‘यति’ और ‘उड़ने वाले घोड़े’ की कहानियाँ सुनाते थे, उसी एक कहानी में उन्होंने मुझे इस नयनतारा पेड़ के बारे में बताया था कि यह पौधा ‘हिमालय’ की पहाड़ीयो में पाया जाता है, जो आँखो की किसी भी तरह की परेशानी को जड़ से ख़तम कर सकता है और इसीलिये इसका नाम नयनतारा रखा गया था क्यों कि हिन्दी में ‘नयन’ का मतलब ‘आँखे’ होती है और ‘तारा’ का मतलब ‘स्टार’ होता है।
अब अगर इस पौधे के फल के आकार पर ध्यान दिया जाये तो वह एक स्टार की ही आकृति का है और उसमें किसी की आँखो को सही करने की छमता भी है। इस हिसाब से इस पौधे का नाम इसके कार्य को देखते हुए बिल्कुल फिट बैठता है।"
“अब यहां पर 2 बातें निकल कर आ रही है कैप्टन।" क्रिस्टी ने कहा- “नंबर 1 कि हिमालय की पौराणिक कथाओ का पौधा यहां पर कैसे आया? और दूसरा कि शैफाली को बार-बार यह रहस्य कौन बता रहा है?"
काफ़ी देर सोचने के बाद भी किसी की कुछ समझ में नहीं आया, अंततः उन्होने फ़िर से आगे बढ़ने का निश्चय किया। और सुयश का इशारा देख फ़िर सब जंगल के अंदर की ओर चल दिये।
जोड़ीयाक-घड़ी (8 जनवरी 2002, मंगलवार, 11:00, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)
वेगा अपने फ्लैट में बैठा कंप्यूटर पर काम कर रहा था, तभी उसके मोबाइल की घंटी बज उठी।
वेगा ने एक बार अपने मोबाइल को देखा। कॉल वीनस का था। वीनस का कॉल देख वेगा के चेहरे पर
एक मुस्कान आ गयी।
उसने रिलेक्स होने के अंदाज से एक गहरी साँस भरी और वीनस का कॉल रिसीव कर लिया।
“हाय वेगा! कैसे हो?" दूसरी तरफ से वीनस का मधुर स्वर फोन पर गूंजा- “पुस्तकालय के बाद तो तुमने मुझे याद ही नहीं किया। ऐसा क्या लिख रहे हो अपने प्रोजेक्ट में जिसकी वजह से तुम्हें
अपने दोस्तों की याद ही नहीं आ रही है।"
“नहीं वीनस ... ऐसी कोई बात नहीं है।" वेगा ने सफाई देते हुए कहा- “मैं आज तुम्हें कॉल करने ही वाला था।"
“अरे वाह! पार्टी देने का इरादा है क्या?" वीनस ने खुश होते हुए कहा।
“पार्टी भी देंगे पर आज नहीं बल्की कल।" वेगा फोन को हाथ में लेते हुए वहीं बेड पर पसर गया-
“क्यों की कल मेरा जन्मदिन है।"
“वाह ... वाह! कल जन्मदिन है तुम्हारा। फ़िर तो पार्टी भी विशेष होनी चाहिए।" वीनस ने अपनी डिमांड रखते हुए कहा।
“हां-हां क्यों नहीं।" वेगा ने भी अपनी सहमित जताई- “बताओ क्या प्लान करें कल का?"
“ऊंऽऽऽऽऽ।" वीनस ने सोचते हुए कहा- “कल ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ चलते है, वहां पार्टी करने में मजा आयेगा। वहां पर बहुत सारे थीम एक साथ मिल जायेंगे।"
“ओ. के. तो कल के लिये ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ डन।" वेगा ने पार्टी पर मोहर लगाते हुए कहा।
“और कोई तो नहीं रहेगा ना पार्टी में?" वीनस ने शोखी बिखेरते हुए कहा।
“हम दो के बीच में किसी तीसरे का क्या काम?" वेगा ने वीनस को छेड़ते हुए कहा। लेकिन इसके
पहले कि वीनस और कुछ बोल पाती वेगा के कमरे की बेल बज उठी।
“लगता है कोई आया है? चलो कल सुबह की पार्टी पक्की। बाकी बातें बाद में करुंगा। बाय-बाय।" वेगा ने फोन को काटने वाले अंदाज में कहा।
“बाय-बाय वेगा! कल पार्क में मिलते है।" इतना कहकर वीनस ने फोन को काट दिया। फोन कटने के बाद वेगा बेड से उतरकर दरवाजे की ओर बढ़ गया।
वेगा ने दरवाजा खोलकर बाहर देखा। बाहर एक कूरियर वाला लड़का खड़ा था।
“आपका कूरियर है।" कूरियर वाले ने वेगा को एक छोटा सा पैकेट पकड़ाते हुए कहा।
वेगा ने वह पैकेट अपने हाथों में पकड़ लिया। कूरियर को देकर कूरियर वाला वहां से चला गया।
वेगा की नजर अब हाथ में पकड़े पैकेट पर थी। पैकेट पर भेजने वाले के नाम की जगह पर युगाका लिखा था। वेगा यह देखकर धीरे से मुस्कुरा दिया।
“कोई भी भूल जाए, पर भैया मेरा जन्म दिन कभी नहीं भूलते। लव यू भाई!" यह कहते हुए वेगा ने एक फ्लाइंग किस हवा में उछाला और पैकेट के सुनहरे रैपर को फाड़ने लगा-
“देखें तो इस बार भाई ने क्या भेजा है मेरे लिये?"
सुनहरे रैपर के नीचे एक शानदार धातु का डिब्बा था, जिस्में एक चमचमाती हुई गोल्डेन कलर की
स्मार्ट-वॉच रखी थी।
“वाह!" वेगा अपनी खुशी का इजहार करते हुए जोर से चिल्लाया-“ क्या शानदार वॉच है!“
वेगा ने ‘जोडियाक वॉच’ को ऑन कर लिया।
जोडियाक वॉच का डायल, साधारण वॉच से थोड़ा सा ज्यादा बड़ा था और उसकी स्क्रीन टच करने पर बदल रही थी। वेगा ने जल्दी- जल्दी जोडियाक वॉच के सारे वॉलपेपर को चेक कर लिया।
घड़ी में 12 वॉलपेपर थे और हर एक वॉलपेपर एक राशि का प्रतिनिधित्व कर रहा था। चूंकी वेगा की राशि ‘मकर’ थी इसिलये उसने ‘मकर’ राशि वाला वॉलपेपर वॉच पर लगा लिया।
उस वॉलपेपर पर एक मगरमच्छ मानव बना था जो कि किसी योद्धा कीतरह एक हाथ में तलवार पकड़े था। वेगा ने वॉलपेपर बदलने के बाद वॉच को अपनी कलाई पर बांध लिया।
जारी रहेगा_______![]()
Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,
Jaisa socha tha, vaisa hi hua........
Shaifali ki aankho ki roshni wapis aa gayai Nayantara ki madad se..........
Vega ko Yugaka ke dwara bheji gayi zodiac watch mil gayi..........
Abhi to vo use sirf ek common smart watch samajh raha...........lekin aane wale samay me vo iske bahut hi kaam ane wali he..........
Keep rocking Bro