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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Badhiya update
Jony sirf jenith ko kiss karne ke liye to itna kand nahi karega sab captain wagera ne jony ir jack per najar rakhi hui ha plan bhi pata ha uska magar koi teesra bich me kan kar gaya to jaise pichhle update me brandan or arthar ki bate kisi teesre admi ne bhi sun li thi
Bilkul bhai, sab ki soch se hat kar hua hai, Thank you very much for your wonderful review and support bhai dev61901
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Waiting for next update …
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Waiting for next update …
Kya bhai bohot fast nikle, saare update padh liye itni jaldi, agla update 1 din bad aaega bhi :declare:
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Kya bhai bohot fast nikle, saare update padh liye itni jaldi, agla update 1 din bad aaega bhi :declare:
Bhai itni jabardast story hai ek baar shuru karne ke baad ruka hee nahin jata hai ….
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Bahut hee gajab likhte hai aap !
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Bahut hee gajab likhte hai aap !
Thanks brother for your words , :hug: Its mean a lot for me, but mujh se ache bhi bohot se writer hai idhar, aapki baat sunkar ek update to aaj raat ko hi de deta hu👍
 

sunoanuj

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Thanks brother for your words , :hug: Its mean a lot for me, but mujh se ache bhi bohot se writer hai idhar, aapki baat sunkar ek update to aaj raat ko hi de deta hu👍
Jarur waiting for next blockbuster update…
 

sunoanuj

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Thanks brother for your words , :hug: Its mean a lot for me, but mujh se ache bhi bohot se writer hai idhar, aapki baat sunkar ek update to aaj raat ko hi de deta hu👍
Jarur waiting for next blockbuster update…
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Bhai itni jabardast story hai ek baar shuru karne ke baad ruka hee nahin jata hai ….
Rukna bhi mat aage ke update or bhi romanchak hone wale hai bhai :declare:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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# 13.

“ये था तुम्हारे सवाल का जवाब।“ सुयश ने लारा के सामने लॉकेट को लहराते हुए कहा-
“इस लॉकेट में रेडियम लगा हुआ है, जिसकी वजह से कातिल ने अंधेरे में भी इतना सटीक निशाना लगा लिया। और इससे एक बात यह भी साफ हो गई, कि कातिल का निशाना कोई और नहीं लॉरेन ही थी।“

“लेकिन इससे एक बात और समझ में आयी सर।“ ब्रैंडेन ने लॉकेट को देखते हुए कहा-

“कि कातिल लॉरेन से अच्छी तरह परिचित था और हो ना हो यह लॉकेट भी उसी ने लॉरेन को गिफ्ट किया होगा। क्यों कि लॉरेन किसी अंजान से लिया गया लॉकेट अपने गले में भला क्यों डालेगी “

“अब इसके बारे में तो हमें जेनिथ ही बता सकती है।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि वह लॉरेन की रुम पार्टनर थी।“

सुयश यह कहकर पुनः ध्यान से उस लॉकेट को देखने लगा कि शायद उसे, उसमें कोई और क्लू मिल जाए । लेकिन रेडियम पॉलिश के अलावा उस लॉकेट में और कुछ भी खास नहीं था। काफी देर तक देखने के बाद, सुयश ने उसे अपनी जेब में डाल लिया।

“लारा, अब तुम जरा 3-4 आदमी बुलवालो। जो इस लाश को कोल्ड स्टोर रूम में रख सकें। अगले स्टापेज पर सोचेंगे कि इसका क्या करना है?“ सुयश ने कहा।

लारा ने तुरंत फोन करके चार आदमी बुलवा लिए। वह सभी लॉरेन की लाश को, एक बड़ी सी पॉलीथिन में पैक करने लगे। लॉरेन की लाश को पैक हो जाने के बाद, सुयश ने लारा को लाश ले जाने का इशारा किया। हॉल से निकलते हुए लारा ने ब्रैंडन को भी साथ आने का इशारा किया। सबके जाने के बाद सुयश ने भी पहले एक नजर स्टेज की ओर दौड़ाई और फिर सिर को झटक कर थके कदमों से अपने केबिन की ओर चल दिया।

1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:00;
सुयश इस समय अपने केबिन में था। रात के लगभग 2:00 बज रहे थे। लेकिन सुप्रीम पर मर्डर हो जाने के कारण, किसी की भी आंख में नींद का नामो निशान नहीं था। सुयश के सामने, वह सभी सिक्योरिटी के आदमी लाइन से खड़े थे, जिन्हें लारा ने, निशानेबाजी के सभी 28 प्रतियोगियों के रूम चेक करने के लिए भेजा था।

“क्या अब सभी लोग यहां पर आ चुके हैं?“ सुयश ने लारा से पूछा- “या फिर अभी कोई आना बाकी है?“

“यस सर!“ लारा ने तसल्ली से सभी को देखते हुए जवाब दिया- “अब कोई भी आना बाकी नहीं है।“

“हां ! तो अब आप लोग बताइए।“ सुयश ने इस बार सभी को देखते हुए पूछा- “क्या किसी को तलाशी में कोई गड़बड़ चीज दिखाई दी ? ये ध्यान रहे कि छोटी से छोटी चीज भी, अगर तुम्हें विचित्र लगी हो, तो उसके भी बारे में बता देना।“

“नहीं !“ सभी का समवेत स्वर गूंजा- “हमें तलाशी में कोई भी ऐसी चीज नहीं दिखी, जिससे हमें किसी पर शक हो।“

“1 मिनट कैप्टन!“ सिक्योरिटी के एक आदमी ने लाइन से बाहर निकलते हुए सुयश से कहा-

“मुझे जैक का रुम चेक करने के लिए भेजा गया था। मैं उसका रूम चेक कर रहा था लेकिन अभी मैं आधा रूम ही चेक कर पाया था कि तभी मुझे बगल वाले रूम से कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई दीं । मुझे मालूम था कि इस समय सारे यात्री हॉल में है। इसलिए मैं उन अजीब सी आवाजों को सुनकर आश्चर्य में पड़ गया। मैंने कान लगा कर, दूसरे रूम से आती हुई आवाजों को सुनने की कोशिश की। पर मैं यह नहीं समझ पाया की ये आवाजें कैसी हैं?“

“कैसी आवाजें थीं वह?“ सुयश ने लगभग आतुर स्वर में पूछा।

“ठीक से तो नहीं कह सकता सर, पर वो आवाजें ऐसी लग रही थीं, जैसे कोई किसी चीज को खुरच रहा हो।“ सिक्योरिटी मैन ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।

“तुरंत मेरे साथ चलो।“ सुयश ने बाहर निकलते हुए कहा। अब उसकी आंखों में ठीक वैसी ही चमक थी, जैसी एक इनामी अपराधी को पकड़ते समय इंस्पेक्टर के चेहरे पर होती है। लारा , ब्रैंडन सहित सभी लोग तेजी से सुयश के पीछे-पीछे बाहर निकल गए।

1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:30;

“मॉम-डैड, अब मेरा अगला सवाल सुनिये।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।

“अरे बेटा ! अब सो जाओ, रात के 2:30 बज रहे हैं।“ माइकल ने प्यार से शैफाली को समझाते हुए कहा।

“बस डैड! ये अंतिम प्रश्न है। उसके बाद और नहीं पूछूंगी।“ और फिर शैफाली ने बिना उनकी हां इंतजार किए, अपने सवाल का गोला दाग दिया –

“एक मेज पर, एक प्लेट में, तीन अंडे रखे हैं, जबकि खाने वाले चार हैं। बताइए वह इसे कैसे खायेंगे? जबकि शर्त यह है, कि अंडों को काटना नहीं है। और सभी को एक-एक खाना है।“

“यह कैसे संभव है?“ मारथा ने अपना सिर खुजाते हुए, माइकल की ओर देखते हुए कहा-
“अंडे तीन हैं और खाने वाले चार हैं। फिर वह पूरा-पूरा कैसे खा पाएंगे।“ माइकल ने भी ना समझ में आने वाले अंदाज में सिर हिला दिया।

“यह संभव है। अगर आप लोग अपनी हार मानें और मेरे लिए चॉकलेट का पैकेट व ब्रूनो के लिए बिस्किट लाने का वादा करें। तो मैं इसका उत्तर आपको बता सकती हूं।“ शैफाली ने दोनों को अपने गले से लगाते हुए, शरारत भरे स्वर में कहा। माइकल ने पहले मारथा को देखा और फिर हारे हुए स्वर में कहा-

“अच्छा मेरी माँ ! चॉकलेट लाना तो मंजूर। पर ब्रूनो का फेवरेट बिस्किट तो जितना स्टॉक में है। अभी उसी से काम चलाना पड़ेगा। क्यों कि वह इस शिप पर नहीं मिलता .......अब तो उत्तर बता दो।“

“मैं यह कहां कह रही हूं, कि अंडे 3 हैं, अंडे तो चार हैं।“ शैफाली ने अपनी नीली-नीली आंखें, गोल-गोल नचाते हुए कहा-

“एक मेज पर है और बाकी के तीन प्लेट में। तो फिर आप ही बताइए चारों लोग एक-एक अंडा खा सकते हैं या नहीं।“ माइकल ने शैफाली के प्रश्न को एक बार फिर अपने दिमाग में दोहराया और शैफाली का आशय समझ उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। मारथा भी अब मुस्कुराने लगी थी।

“अच्छा ! अब तो सो जाओ। अब तो तुम्हारे सारे प्रश्न कम्प्लीट हो गए।“ माइकल ने प्यार से शैफाली के गालों पर थपकी देते हुए कहा।

लेकिन इससे पहले कि माइकल, शैफाली को और कुछ कह पाता। बाहर लगी डोर बेल, मधुर संगीत बिखेरती हुई बज उठी।

“यह इतनी रात गए, दरवाजे पर कौन हो सकता है?“ माइकल के चेहरे पर असमंजस के भाव आ गये। माइकल ने तुरंत शैफाली को, ब्रूनो को अंदर ले जाने के लिए कहा।

“कौन?“ माइकल ने दरवाजे के पास पहुंचकर तेज आवाज में पूछा।

“सिक्योरिटी मैन!......हमें आपसे कुछ काम है? दरवाजा खोलिए।“

बाहर से आवाज आई। माइकल ने धीरे से एक नजर पीछे मारने के बाद, आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया। बाहर सुयश, ब्रैंडन व लारा सहित, कई सिक्योरिटी के आदमी खड़े नजर आये। दरवाजा खोलते ही सभी तेजी से अंदर आ गए।

“क्या बात है कैप्टन? आप इतनी रात गए। हमारे केबिन में क्या करने आए हैं?“ माइकल के चेहरे पर, अभी तक सोच के भाव थे। सुयश भी माइकल को देख हैरान हो गया।

“यह आपका कमरा है मिस्टर माइकल? सुयश ने आश्चर्य से कहा। उधर ब्रैंडन, सुयश को इस तरह बात करते देख, यह जान गया था, कि सुयश, माइकल से पहले से ही परिचित है।

“क्या बात है कैप्टन कोई परेशानी है? माइकल ने अपने शब्दों को दोबारा से दोहराया-“इतनी रात गए, आप हमारे रूम का दरवाजा क्यों नॉक कर रहे हैं?“

“सॉरी, मिस्टर माइकल, एक्चुली हमारे सिक्योरिटी के कुछ आदमि यों को, आपके रूम से, कुछ अजीब सी आवाज आती हुई सुनाई दी थीं। जिसकी वजह से उन्हें कुछ कनफ्यूजन हो गया था। इसलिए हम सभी आपके कमरे तक आए थे।“ सुयश ने अपनी बात क्लीयर करते हुए कहा।

“कैसी आवाजें?“ माइकल ने पूछा।

“ऐसा लग रहा था जैसे को ई कुछ खुरच रहा हो।“ अपनी बात कहते-कहते अचानक सुयश को कुछ याद आया-
"ब्रूनो कहां है मिस्टर माइकल?“ तभी शैफाली दूसरे रूम से, ब्रूनो को लिए हुए, उस कमरे में दाखिल हुई-
“यह रहा ब्रूनो, कैप्टेन अंकल। यह दूसरे कमरे में मेरे साथ था।“

“अब मैं समझ गया।“ सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा- “शायद मेरे सिक्योरिटी वाले लोगों को ब्रूनो की ही आवाज सुनाई दी होगी।“

“हो सकता है।“ माइकल ने जवाब दिया - “क्यों कि हममें से जब कोई भी ब्रूनो के साथ नहीं रहता है, तो वह अकेला कभी-कभी दरवाजे पर खरोंच मारता है। हो सकता है, वही आवाज सिक्योरिटी के लोगों ने सुनी हो और आपको जा कर बता दी हो।“ बैंडन, आश्चर्य से ब्रूनो को देख रहा था।

“सॉरी मिस्टर माइकल ! इतनी रात में आपको डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी।“ सुयश ने माइकल से माफी मांगते हुए कहा-

“मैं चलता हूं। आप ब्रूनो को कमरे में ही रखिएगा। नहीं तो बाकी के यात्री इसे देखकर डर जाएंगे।“

“ब्रूनो ! कैप्टन अंकल को थैंक यू बोलो।“ शैफाली ने ब्रूनो को इशारा करते हुए कहा- “इन्होंने तुम्हारे लिए इस शिप पर विशेष व्यवस्था की है।“

“भौं-भौं !“ इतना सुनते ही ब्रूनो ने, कि सी सर्कस के जानवर की तरह, दो पैरों पर खड़े हो कर, सुयश को अपनी भाषा में थैंक्यू कहा। उसकी यह हरकत देख, एक बार तो सुयश सहित सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली, और पलटकर दरवाजे की ओर बढ़ने लगा।

“1 मिनट रुकिये कैप्टेन अंकल।“ शैफाली की आवाज ने एकाएक ही सुयश के कदमों पर ब्रेक लगा दिया। वह रुककर पुनः शैफा ली की तरफ देखने लगा ।

“कैप्टेन अंकल! मैं आपको हॉल में हुए मर्डर के बारे में कुछ बताना चाहती हूं।“ शैफाली ने कहा।

“मर्डर के बारे में.......!“ सुयश के चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभर आए- “मर्डर के बारे में तुम क्या बताना चाहती हो। तुम तो अंधी हो, फिर तुम मर्डर के बारे में क्या बता सकती हो।“

“अंकल! मैं बचपन से अंधी जरूर हूं। पर मेरी सुनने की शक्ति बहुत तेज है। हॉल में जिस समय मर्डर हुआ, उस समय लाइट ऑफ थी। इसलिए कोई कुछ नहीं देख पाया कि मर्डर किसने किया ? पर मैंने अपने कानों से जो कुछ सुना। मैं आपको वह बताना चाहती हूं।“
अब सुयश, शैफाली की बात सुनकर वापस कमरे में आ गया और उत्सुकता से शैफाली की ओर देखने लगा।

“सबसे पहले मैं आपको यह बता दूं कि हॉल में गोली एक नहीं, बल्कि दो चली थीं।“ शैफाली ने बिल्कुल गंभीर स्वर में कहा।

“व्हाट!“ सुयश आश्चर्य से भर उठा। सुयश सहित सभी के लिए यह शब्द किसी धमाके से कम नहीं थे।

“यह तुम क्या कह रही हो ? गोली तो एक ही चली थी, जो कि लॉरेन के लगी।“ सुयश के शब्दों में आश्चर्य के भाव थे।

“आप लोग नहीं जानते। गोली एक नहीं दो चलीं थीं, और दोनों ही अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा चलाई गई थीं। लेकिन दोनों गोलियां एक ही समय चलने के कारण, और हॉल में अधिक शोर-शराबा होने के कारण, आप लोग यह बात जान नहीं पाए।“ शैफाली बड़े ही निश्चिंत भाव से रुक-रुक कर बोल रही थी-

“अगर आपको मेरी बात का विश्वास ना हो तो हॉल में आप लोग ध्यान से देखिए। कहीं ना कहीं दूसरी गोली लकड़ी में धंसी हुई आपको जरूर मिल जाएगी।“

शैफाली की बात सुनकर, अब सुयश के चेहरे पर उलझन के भाव थे। क्यों कि वह अभी एक ही गोली का रहस्य सुलझा नहीं पाया था। अब दूसरी गोली की बात सुनकर वह और भी परेशान हो गया।

“हम लोगों से गलती हो गई लारा।“ सुयश ने लारा की ओर देखते हुए कहा- “यदि शैफाली सही कह रही है, तो हमें उस समय तलाशी के दौरान सबके रिवाल्वर भी चेक करने चाहिए थे। लेकिन हम समझे कि गोली एक ही चली है और एक रिवाल्वर हमें मिल भी गई। इसलिए तलाशी में हमने रिवाल्वर की ओर तो ध्यान ही नहीं दिया। अब तो हमें विश्वास हो रहा है, कि जो रिवाल्वर हमें मिली, उससे लॉरेन का मर्डर नहीं हुआ है। अपराधी हद से ज्यादा चालाक निकला। उसने योजना बना कर यह मर्डर किया और हम लोग मिली हुई रिवाल्वर में ही उलझे रहे। लेकिन इससे एक बात तो कंफर्म हो गई कि अपराधी एक नहीं कई हैं। और वह सभी अलग-अलग रह रहे हैं।“ इतना कहकर सुयश पुनः शैफाली की तरफ घूमा -

“तुम कुछ और बताना चाहती हो ?“

“जी हाँ अंकल!“ शैफाली ने अंदाजे से सुयश की ओर मुंह करते हुए कहा-

“पहली गोली मैं जहां खड़ी थी, उसके 6 मीटर पीछे से किसी ने चलाई थी और दूसरी गोली, मेरे बांए तरफ से 8.5 मीटर की दूरी से किसी ने चलाई थी। अब यह सोचना आपका काम है। कि मेरे 6 मीटर पीछे और 8.5 मीटर बाएं कौन खड़ा था ?” शैफाली की बात सुनकर, माइकल व मारथा को छोड़कर, वहां खड़े सभी लोग हक्का-बक्का रह गए। लारा तो शैफाली को ऐसे देख रहा था, मानो विश्व का आठवां आश्चर्य उसके सामने खड़ा हो।

“लेकिन यह कैसे पता चलेगा कि तुम कहां खड़ी थी ? क्यों कि बिना तुम्हारी स्थिति जाने हुए, हम अगल-बगल खड़े लोगों का अंदाजा कैसे लगाएंगे?“ सुयश ने दिमाग लगाते हुए कहा।

“कैप्टेन अंकल, आप जब स्टेज पर खड़े होकर अनाउंसमेंट कर रहे थे, तो आपकी आवाज एक ही जगह से आ रही थी। इसका साफ मतलब निकलता है कि स्टेज पर जो माइक लगा है, वह एक ही जगह पर फिक्स है। मैं आपकी आवाज उस समय ध्यान से सुन रही थी। अतः आप अगर वापस स्टेज पर जाकर बोलना शुरू करेंगे, तो मैं जिस जगह खड़ी थी, उस जगह पर वापस जा कर खड़ी हो सकती हूं। जिससे आप मेरी जगह के बारे में जान सकते हैं। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा। क्यों कि अपराधी ने फायर के तुरंत बाद, अपनी वास्तविक स्थिति से जगह चेंज कर दी होगी ।“ सुयश भी शैफाली के तर्कों को सुन, उसके दिमाग का लोहा मान गया।

“बेटे, अगर ये सारी बातें, तुमने उसी समय बता दी होतीं, तो शायद कातिल अब तक हमारे शिकंजे में होता।“ ब्रैंडन ने आगे बढ़ते हुए कहा।

“आप क्या मुझे इतना बेवकूफ समझते हैं?“ शैफाली के शब्दों में इस बार थोड़ी तल्खी उभर आई-

“जो मैं इतनी भीड़ में, सबके सामने कातिल का नाम बताती। और वैसे भी असली कातिल के पास उस समय तक रिवाल्वर थी। क्या पता उसका अगला निशाना मैं ही बन जाती ? और उसका निशाना तो आप लोग देख ही चुके हैं।“ ब्रैंडन ने भी हालात को समझ कर सिर हिलाया।

“वैसे आप उस समय कहां थे?“ शैफाली का इशारा, इस बार सीधे ब्रैंडन की ओर था।

“मैं......मैं......तो उस समय सिक्योरिटी के आदमियों के साथ था।“ एकाएक पूछे गए प्रश्न से ब्रैंडन एकदम हड़बड़ा सा गया उसकी हालत का अंदाजा लगाकर, शैफाली के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

“उसको छोड़ो।“ सुयश किसी मचलते बच्चे की तरह बोला – “तुम मुझे यह बताओ, कि क्या तुम मुझे कातिल के बारे में भी कुछ बता सकती हो ?“





जारी रहेगा.....….✍️
 
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