• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

ak143

Member
232
392
78
#167.

समुद्री हमला:
(17.01.02, गुरुवार, 08:00, वॉशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

धरा और मयूर को गये हुए आज 4 दिन बीत गये थे।

वीनस पिछले 4 दिन से वेगा के घर पर ही रह रही थी, उसे अब अपने भाई लुफासा का भी डर नहीं था, वह अब खुलकर अपनी जिंदगी जीना चाहती थी, भले ही बाद में अंजाम कुछ भी हो।

इस समय सुबह के 8 बज रहे थे। वेगा और वीनस दोनों ही बेडरुम में सो रहे थे कि तभी ‘खट्-खट्’
की हल्की आवाज ने वीनस की नींद खोल दी।

वीनस ने अपने बगल में सो रहे वेगा को देखा और फिर उसके माथे को चूम लिया।

तभी वीनस को फिर वही खट्-खट् की आवाज सुनाई दी। अब वीनस ने अपनी नजरें आवाज की दिशा में घुमाई। वह आवाज बेडरुम की खिड़की से आ रही थी।

वीनस अपने बेड से उठी और पर्दे को हटा कर बंद पड़ी खिड़की की ओर देखने लगी।

तभी उसे खिड़की से बाहर एक नन्हीं चिड़िया, खिड़की के शीशे पर अपनी चोंच मारती हुई दिखाई दी। वह खट्-खट् की आवाज उसी वजह से हो रही थी।

वीनस को वह रंग-बिरंगी नन्हीं चिड़िया बहुत अच्छी लगी, इसलिये उसने खिड़की के शीशे को खोल दिया।

जैसे ही वीनस ने खिड़की का शीशा हटाया, वह चिड़िया कमरे में आ गई और चीं-चीं कर पूरे कमरे में चक्कर लगाने लगी।

यह देख वीनस मुस्कुरा कर चिड़िया की ओर चल दी- “अरे नन्हीं चिड़िया ये तुम्हारा घर नहीं है। यहां कहां से आ गई?”

पर वह चिड़िया अभी भी खुली खिड़की से बाहर जाने का नाम नहीं ले रही थी।

अब वीनस को वह चिड़िया थोड़ी परेशान दिखाई दी।

उसे परेशान देख वीनस ने उस चिड़िया की आवाज में ही उससे पूछा- “क्या हुआ नन्हीं चिड़िया? तुम कुछ परेशान दिख रही हो?”

अब चिड़िया हैरानी से वीनस की ओर देखने लगी, शायद उसने कभी किसी इंसान को अपनी आवाज में बोलते नहीं देखा था।

पर वह वीनस से कुछ कहने की जगह डरकर एक पर्दे के पीछे छिप गई।

अब वीनस को शक होने लगा कि कहीं यह लुफासा तो नहीं? जो कि चिड़िया का रुप धरकर यहां आ गया हो।

इसलिये वीनस धीरे-धीरे पर्दे के पीछे बैठी, उस चिड़िया की ओर बढ़ने लगी।

चिड़िया को बाहर निकालने के चक्कर में, वीनस ने खिड़की को अभी बंद नहीं किया था। तभी खिड़की से अनगिनत चिड़िया और कौए कमरे में घुसने लगे।

यह देख वीनस घबरा गई, वह उस चिड़िया को छोड़ जल्दी से खिड़की के बंद करने के पीछे भागी।

कमरे में चारो ओर चिड़ियों और कौओं का शोर गूंजने लगा। इस शोर को सुनकर वेगा भी घबरा कर उठ गया। उठते ही वेगा की नजर कमरे में घूम रहे, दर्जनों पक्षियों पर पड़ी।

उन पक्षियों को देखकर वह चिल्लाने लगा- “मैंने पहले ही कहा था कि लुफासा खाली नहीं बैठेगा, लो वह आ गया अपने सब दोस्तों को लेकर, मुझसे बदला लेने।”

तभी वेगा की नजर वीनस पर पड़ी, जो कि लगातार खिड़की खोले बाहर की ओर देख रही थी।

वेगा को वीनस का इस प्रकार खिड़की पर खड़े होना, थोड़ा आश्चर्यजनक सा लगा, इसलिये वह तुरंत बिस्तर से कूदकर वीनस के पास आ गया।

वेगा की नजर उस ओर गई, जिधर वीनस देख रही थी, इसी के साथ वेगा आश्चर्य से भर गया।

पूरे वॉशिंगटन डी.सी. की सड़कें, मरे हुए पक्षियों से भरी हुई थी।

कुछ पक्षी तड़प रहे थे, तो कुछ मर चुके थे। पर अभी भी आसमान से पक्षियों का गिरना रुका नहीं था।

“ये सब क्या हो रहा है? ये पक्षी कैसे मर रहें हैं?” वेगा ने वीनस से सवाल कर दिया। कुछ देर के लिये वेगा अपने कमरे में घूम रहे पक्षियों को भूल गया।

“मुझे भी नहीं पता, पर जो कुछ भी हो रहा है, वह ठीक नहीं लग रहा।” वीनस ने कहा- “पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है कि जैसे कुछ बहुत बुरा होने वाला है?”

अब आसमान से पक्षियों का गिरना बंद हो गया था, जिसका साफ मतलब था कि या तो आसमान में पक्षी ही खत्म हो गये थे या फिर वह अंजानी मुसीबत चली गई थी।

अब वीनस का ध्यान कमरे के अंदर के पक्षियों पर गया। कमरे के अंदर के सारे पक्षी अब उड़ना छोड़, इधर-उधर कमरे में ही छिप गये थे।

यह देख वीनस की नजर एक कबूतर पर गई, जो कि एक टेबल के पीछे छिपा था। वह दूसरों से उम्र में कुछ बड़ा दिख रहा था और थोड़ा सा बेहतर भी महसूस हो रहा था।

वीनस ने कबूतर को देखते हुए उसकी जुबान में कहा- “मुझसे डरो नहीं, मैं तुम्हारी दोस्त हूं, मुझे बताओ कि बाहर क्या हुआ था?”

वीनस को अपनी भाषा में बोलता देख कबूतर टेबल की ओट से बाहर आ गया।

“तुम हमारी भाषा कैसे बोल लेती हो?” कबूतर ने पूछा।

“क्यों कि मैं तुम्हारी दोस्त हूं, इसलिये तुम्हारी भाषा समझ सकती हूं। तुम मुझे बताओ कि बाहर क्या हुआ था?”

“मैं बाहर आसमान में अपनी रोटी लेकर उड़ रहा था कि तभी एक दूसरे कबूतर ने मेरी रोटी छीनने की कोशिश की, मैं अपनी रोटी बचा कर भागा कि तभी पता नहीं मेरे पीछे वाले कबूतर ने कौन सा जादू किया, कि आसमान में मेरे साथ उड़ रहे सभी पक्षियों का दम घुटने लगा और हम नीचे गिरने लगे। वह कोई बहुत बड़ा जादूगर कबूतर था।” उस समझदार कबूतर ने अपनी समझदारी का परिचय देते हुए कहा।

कोई और समय होता, तो वीनस को उस कबूतर की समझदारी पर बहुत तेज हंसी आती, पर यह समय कुछ और था, इसलिये वीनस उस कबूतर को छोड़ दूसरे पक्षियों की ओर देखने लगी।

तभी एक छोटा सा कौआ कमरे की ओट से निकलकर बाहर आ गया और वीनस को देखते हुए बोला- “यह कबूतर तो मूर्ख है, मैं आपको बताता हूं कि क्या हुआ?” मैं उस समय एक ऊंची सी छत पर बैठा था कि तभी एक विचित्र सा जीव आसमान में उड़ता हुआ आया। उसके हाथ में कोई यंत्र था, उसने आसमान में चारो ओर उस यंत्र से कुछ फैला दिया। उसने जो भी चीज आसमान में फैलाई थी, वह दिखाई नहीं दे रही थी, पर उस अदृश्य चीज ने सबको मारा है, मैं भी अगर इस कमरे में नहीं आता, तो मै भी मारा जाता।”

“उसके बाद वह जीव किधर गया?” वीनस ने कौए से पूछा।

“मैंने उसे आखिर में समुद्र की ओर जाते हुए देखा था।” कौए ने कहा।

“बहुत अच्छे, तुम इन सबसे ज्यादा समझदार हो।” वीनस ने उस कौए की तारीफ करते हुए कहा।
कौआ अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया।

“क्या कहा इन पक्षियों ने? क्या इनमें से किसी को पता है कि यह परेशानी कैसे उत्पन्न हुई?” वेगा ने वीनस से पूछा।

वीनस ने कौए की सारी बातें वेगा को बता दीं। पर इससे पहले कि वेगा कुछ और पूछ पाता कि तभी बाहर से शोर की आवाज सुनाई दी।

शोर सुनकर वेगा और वीनस दोनों ही भाग कर खिड़की के पास पहुंच गये।

वह लोग जो कुछ देर पहले अपने घरों से निकलकर पक्षियों की फोटो खींच रहे थे, अब वह चीखकर भाग रहे थे।

कुछ ही देर में वेगा और वीनस को उनके चीखने का कारण पता चल गया, उन लोगों के पीछे समुद्र के कुछ विचित्र जीव दौड़ रहे थे।

“अरे, यह जीव कैसे हैं?” वीनस ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा- “वेगा जरा इन्हें ध्यान से देखो, इनमें से कुछ शार्क जैसे लग रहे हैं और कुछ दूसरी बड़ी और छोटी मछलियों के जैसे। पर यह समुद्री जीव विकृत
होकर पानी से बाहर कैसे आ गये? और ये पानी के बाहर साँस कैसे ले रहे हैं? कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है ...पर हमें सभी लोगों को इन जीवों से बचाना होगा।”

“पर कैसे वीनस, हममें से अगर किसी ने भी बाहर जाकर, अपनी शक्तियों से सब लोगों को बचाने की कोशिश की, तो सभी हमें पहचान लेंगे और फिर बाद में हमें सबके सवालों के जवाब देने पड़ेंगे, जो कि हम नहीं दे सकते।” वेगा ने अपनी लाचारी प्रकट करते हुए कहा।

“हम इतनी शक्तियां होते हुए भी ऐसे घर में बैठे नहीं रह सकते वेगा।” यह कहकर वीनस ने अलमारी से कैंची निकाली और एक पर्दे को काट जल्दी से उसमें आँखों के देखने भर की जगह काट कर निकाल दी
और ऐसा करके 2 मास्क तैयार कर दिये।

वीनस ने एक मास्क अपने चेहरे पर कसकर बांधा और दूसरा मास्क वेगा के चेहरे पर। अब उन दोनों के चेहरे छिप गये थे, बस आँख की जगह 2 छेद दिखाई दे रहे थे।

यह करके दोनों अपने घर से निकलकर बाहर की ओर आ गये।

इस समय चारो ओर शोर-शराबा होने की वजह से किसी ने उन पर ध्यान नहीं दिया। वेगा ने बाहर निकलते समय अपनी जोडियाक वॉच पहनना नहीं भूला था।

बाहर निकलते ही वीनस को एक बड़ी सी मछली, एक 1xxx2 वर्षीय ब..च्चे के पीछे भागती दिखाई दी।
वीनस ने उछलते हुए अपने पास रखा एक ड्रम उस मछली की ओर फेंक दिया।

मछली का सारा ध्यान इस समय ब..च्चे की ओर था। इसलिये वह ड्रम का वार झेल नहीं पायी और लड़खड़ा गयी।

इतनी देर में वीनस ने उस बच्चे को पकड़ अपनी ओर खींच लिया।

उधर वेगा ने अपनी जोडियाक वॉच पर सिंह राशि को सेट कर दिया। ऐसा करते ही वेगा के सामने, एक विचित्र जीव प्रकट हो गया, जिसका सिर शेर का और शरीर किसी ताकतवर इंसान की तरह था।

उस सिंहमानव ने एक सुनहरी धातु का कवच अपने सीने पर पहन रखा था। अचानक उसके हाथ के नाखून बहुत लंबे और स्टील की तरह पैने दिखने लगे।

अब उस सिंहमानव ने अपने हाथों से सामने से आ रही मछलियों को चीरना-फाड़ना शुरु कर दिया।
एक नजर में वह नर…सिंह का अवतार दिखाई दे रहा था।

“अरे वाह, अब तो मुझे कुछ करने की जरुरत ही नहीं है, यह सिंहमानव ही अकेले सबको निपटा देगा।” वेगा खुश होते हुए एक स्थान पर बैठ गया।

तभी उसकी नजर वीनस पर पड़ी, जो कि जमीन से कुछ ना कुछ उठा कर, उन जीवों पर फेंक रही थी और उनसे बचने की कोशिश भी कर रही थी।

यह देख वेगा सटपटा गया और उठकर वीनस की ओर भागा।

“तुम इधर क्यों आ गये? उधर जाकर बैठकर आराम करो, मैं अकेले ही इनसे निपट लूंगी।” वीनस की बात सुन वेगा समझ गया कि वीनस ने उसे बैठे देख लिया था।

“वो ये तुम्हारा बनाया मास्क मेरी आँखों पर आ गया था, उसी को बैठकर एडजेस्ट कर रहा था।” वेगा ने सफाई देते हुए कहा।

“चल झूठे, शर्म नहीं आती झूठ बोलते।” वीनस ने अपने हाथ में पकड़ी कैंची को एक ऑक्टोपस की आँखों में मारते हुए कहा।

“अरे बाप रे, तुम अभी तक आँख मारती थी, अब आँख फोड़ने भी लगी।” वेगा अभी भी आराम से खड़ा होकर शरारतें कर रहा था।

तभी ऑक्टोपस ने अपने एक हाथ से वीनस की गर्दन पकड़ ली। वीनस की साँसें अब घुटने लगीं। कैंची भी उसके हाथ से छूटकर नीचे गिर गई।

यह देख वेगा ने पास पड़े पानी के पाइप से पानी की फुहार, ऑक्टोपस के चेहरे पर मारने लगा।

“अरे बेवकूफ, तुम उसकी ओर हो या मेरी ओर।” वीनस ने अपना गला छुड़ाते हुए कहा- “वह पानी का ही जीव है और तुम उस पर पानी मार रहे हो ।”

वेगा को अपनी गलती का अहसास हो गया, पर तब तक वह ऑक्टोपस आकार में और बड़ा हो गया।

तभी सिंहमानव बाकी जीवों को अपने पंजो से नोचता हुआ उधर आ गया, उसने बिना उस ऑक्टोपस को मौका दिये, उसका पूरा पेट अपने पंजे से फाड़ दिया।

यह देख वीनस डरकर वेगा की ओर आ गई। सिंहमानव अब बाकियों का काल बनकर आगे बढ़ गया।

तभी अचानक पता नहीं कहां से सैकड़ों समुद्री जीवों ने सिंहमानव पर हमला कर दिया।

एकसाथ इतने जीवों से लड़ना सिंहमानव के बस की भी बात नहीं थी, अब वह सभी जीव मिलकर सिंहमानव को काटने लगे।

यह देख वेगा ने अपनी घड़ी के वॉलपेपर को बदलकर ‘सिंह’ से ‘धनु’ कर लिया।

अब वह सिंहमानव अपनी जगह से गायब हो गया और उसकी जगह एक अश्वमानव दिखाई देने लगा।

अश्वमानव के हाथ में तीर और धनुष था। अश्वमानव ने बिना किसी को मौका दिये दूर से ही सबको तीरों से
बेधना शुरु कर दिया।

अश्वमानव के तीर चलाने के गति इतनी अधिक थी, कि कोई जलीय जंतु उसके पास ही नहीं आ पा रहा था।

वह एक साथ अपने धनुष पर 5 तीर चढ़ाकर सबको मार रहा था। सबसे विशेष बात थी कि उसके तरकश से तीर खत्म ही नहीं हो रहे थे।

वेगा और वीनस अब मात्र दर्शक बने उस अश्वमानव को युद्ध करते देख रहे थे।

“क्या ये जलीय जीव तुम्हारा कहना नहीं मान रहे थे?” वेगा ने वीनस से पूछा।

“नहीं, इनका मस्तिष्क इनके बस में नहीं है और ऐसी स्थिति में यह मेरा कहना नहीं मान सकते।” वीनस ने कहा।

तभी पता नहीं कहां से एक ईल मछली आकर वेगा के गले से लिपट गई। यह देख वीनस ने अश्वमानव की ओर देखा, अश्वमानव अभी भी सभी से युद्ध कर रहा था।

वीनस समझ गई कि एक पल की भी देरी वेगा के लि ये घातक हो सकती है, पर परेशानी ये थी कि वीनस उस ईल को अपने हाथों से नहीं छुड़ा सकती थी।

तभी वीनस की नजर सामने एक शेड पर बैठे बाज की ओर गई। बाज को देखते ही वीनस के मुंह से एक विचित्र सी आवाज उभरी।

उस आवाज को सुन बाज तेजी से उस ओर आया और वेगा के गले में फंसी ईल को एक झटके से ले हवा में उड़ गया।

यह देख वीनस ने भागकर वेगा को थामा। गला घुटने की वजह से वेगा की आँखों के आगे अंधेरा छा गया था। पर साँस आते ही वेगा ठीक हो गया।

“मैं भी सोच रही थी कि उस ईल के मुंह पर पानी मार दूं, पर आसपास कहीं पानी था ही नहीं, इसलिये बाज के द्वारा उस ईल को पास के तालाब तक भिजवा दिया है।” वीनस ने मुस्कुराते हुए कहा।

वेगा ने घूरकर वीनस की ओर देखा पर कुछ कहा नहीं। उधर तब तक अश्वमानव ने सभी जलीय जीवों का सफाया कर दिया था।

“सारे जीव खत्म हो गये हैं, पर अब अपने घर कैसे चलें? आसपास के सारे लोग खिड़की से हमें ही देख रहे हैं।” वीनस ने दबी आवाज में कहा।

“तो फिर अभी घर की जगह कहीं और चलो, कुछ देर बाद हम वापस आ जायेंगे।“

यह कह वेगा ने अश्वमानव को गायब किया और चुपचाप अपने घर की विपरीत दिशा में वीनस के साथ दौड़ पड़ा।

आज इन दोनों का एक सुपरहीरो की तरह पहला युद्ध था, लेकिन इस पहले युद्ध ने ही इन्हें बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया था।


जारी रहेगा______✍️
Superb 🔥🔥
 
Top