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चैपटर-10 3 जनवरी 2002, गुरुवार, 15:50; न्यूयॉर्क बंदरगाह, अमेरिका !
“स्मिथ......! ‘सुप्रीम’ का कुछ पता चला ?“ रॉबर्ट ने कुर्सी पर बैठे-बैठे पूछा- “आज उसे गायब हुए 3 दिन बीत गये हैं।“
“नो सर......सुप्रीम की कोई रिपोर्ट नहीं मिल रही है। अंतिम समय जब उससे संबंध स्थापित हुआ था तो वह बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमय क्षेत्र में क्षेत्र में लगभग 80 नॉटिकल माइल तक प्रवेश कर गया था। फिर अचानक ना जाने क्या हुआ कि हमारा उससे संपर्क टूट गया और वह भी अन्य जहाजों की तरह बारामूडा त्रिकोण के खतरनाक अंधेरों में खो गया।“ स्मिथ ने कहा।
“हमारे लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हमारे बहुत से वी.आई.पी. लोग भी उस शिप में हैं, जिनके गायब होने का मतलब पूरे विश्व में तहलका मच जाना है। हम कब तक आखिर ये खबर मीडिया से छिपाए रखेंगे। आज नहीं, तो कल उन्हें पता चल ही जाएगा। कुछ करना होगा स्मिथ......? कुछ करना होगा ? यह समस्या हमारे हाथ पर हाथ रखने से हल नहीं होगी।“
“यस सर, बिल्कुल सही कह रहे हैं आप। और वैसे भी शिप जैसे ही अगले स्टापेज पर नहीं पहुंचेगा। वहां से पूरी दुनिया को पता ही चल जायेगा, पर यह समझ में नहीं आया सर कि आखिर शिप के लोगों ने शिप को जानबूझकर गलत दिशा में क्यों मोड़ा ?“ स्मिथ ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।
“तुम शायद भूल रहे हो स्मिथ कि इंटरपोल द्वारा हमें जो मैसेज मिला था। वह यह था कि जहाज पर कुछ अपराधी टाइप के व्यक्ति भी चढ़ गए हैं, जो शिप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह भी तो हो सकता है कि उन अपराधियों ने शिप के कंट्रोल रूम पर कब्जा कर लिया हो और वही शिप को गलत दिशा में ले जा रहे हों।“ राबर्ट ने अपने विचार व्यक्त किये।
“सॉरी सर, लेकिन यह बात मेरी समझ में नहीं आती। क्यों कि यदि अपराधियों ने शिप पर कब्जा किया होता तो पहली बात तो वो उसे बारामूडा त्रिकोण जैसे खतरनाक क्षेत्र में नहीं ले जाते और दूसरी बात वह हमसे संपर्क स्थापित कर, अपनी कोई मांग मनवाने की कोशिश करते।“ स्मिथ ने तर्क देते हुए कहा।
लेकिन इससे पहले कि राबर्ट और कुछ कह पाता, एक जूनियर अधिकारी फिंच ने कमरे में प्रवेश किया। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं।
“सर....सर.... वो..... वो.....!“ फिंच ने हकलाते हुए कहा।
“ये क्या वो...वो लगा रखा है?“ राबर्ट ने आने वाले को कसकर डांट लगाते हुए कहा- “साफ-साफ बताते क्यों नहीं ? क्या हुआ?“
“वो सर, एक आदमी बाहर खड़ा है और वह आपसे मिलने की जिद कर रहा है। कह रहा है कि आपसे कुछ विशेष बात करनी है?“ फिंच ने अपनी बात को घबराते हुए पूरा किया।
“तो इसमें इतना घबराने की क्या बात है? क्या नाम है उसका ?“ स्मिथ ने पूछा।
“सर.....वो अपना नाम असलम बता रहा है। कह रहा है कि वह “सुप्रीम” का सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन है।“ फिंच ने शब्दों का बम फोड़ते हुए कहा।
“सांय.....सांय.....सांय।“ राबर्ट और स्मिथ को ऐसा लगा जैसे किसी ने उनके सिर पर बम फोड़ दिया हो।
“क्या...........?“ राबर्ट उछलकर अपनी सीट से खड़ा हो गया- “भेजो..... जल्दी भेजो उसे। ‘सुप्रीम’ खतरे में है।“
आदेश मिलते ही फिंच तुरंत बाहर की ओर भागा।
“ये कैसे हो सकता है स्मिथ? अगर ये असलम है तो सुप्रीम पर सेकेंड असिस्टेंट बन करके जो व्यक्ति गया है, वह कौन है?“
“पता नहीं सर.......पर जो भी है। मुझे सुप्रीम बहुत खतरे में महसूस हो रहा है।“
स्मिथ भी सस्पेंस के झूले में झूल रहा था। तभी फिंच एक व्यक्ति को लेकर अंदर दाखिल हुआ। आने वाले के बाल बिखरे हुए थे। दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने पिछले 10 दिनों से दाढ़ी ना बनायी हो। उसके माथे पर एक सफेद पट्टी बंधी हुई थी।
“कौन हो तुम?“ राबर्ट की कड़कदार आवाज कमरे में गूंज उठी।
“मैं सुप्रीम का सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन असलम हूं।“ आने वाले आगन्तुक ने जवाब दिया।
“झूठ बोल रहे हो तुम। असलम तो सुप्रीम के साथ सफर पर जा चुका है। तुम कोई बहरूपिये हो ?“ स्मिथ ने भी गहरी निगाहों से असलम को घूरते हुए कहा।
“मेरी बात का विश्वास मानिए, मैं ही असली असलम हूं। जो भी व्यक्ति सुप्रीम पर असलम बनकर गया है, वह बहुरुपिया है।“ असलम ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा।
“तुम्हारे पास कोई प्रूफ है कि तुम ही असलम हो।“ राबर्ट ने विचलित शब्दों में पूछा।
“मेरे पास इस समय तो कोई प्रूफ नहीं है, लेकिन आप सर जेरार्ड को बुलाइये। उन्होंने ही मुझे सुप्रीम के लिए चुना था। वह मुझे जानते हैं।“
असलम के शब्दों में गजब का कॉन्फिडेंस था। असलम का कॉन्फिडेंस देख राबर्ट भी एक बार तो हिल गया।
फिर राबर्ट ने स्मिथ को गहरी निगाहों से देखते हुए इशारा किया। स्मिथ तुरंत टेलीफोन पर झपटा और सर जेरार्ड का इक्सटेंशन नम्बर डायल कर दिया। 2 रिंग के बाद ही दूसरी तरफ से फोन उठा लिया गया।
“हैलो सर! मैं स्मिथ बोल रहा हूं। क्या आप जरा देर के लिए तुरंत राबर्ट सर के केबिन में आ सकते हैं। कुछ इमर्जेन्सी है।“ स्मिथ ने रिक्वेस्ट भरे अंदाज में पूछा।
दूसरी तरफ से ‘हां ‘ बो लकर फोन रख दिया गया। स्मिथ ने राबर्ट को देखकर धीरे से ‘हां ‘ में सिर हिलाया।
थोड़ी देर के लिए कमरे में सन्नाटा छा गया। बामुश्किल 2 मिनट में ही जेरार्ड राबर्ट के कमरे में थे। जेरार्ड के आते ही सभी अपनी जगह से खड़े हो गये। जेरार्ड ने एक नजर कमरे में बैठे सभी लोगों पर मारी और फिर स्वयं एक चेयर पर बैठ गया।
“हां बोलिए मिस्टर स्मिथ, आपने मुझे क्यों बुलाया ?“ जेरार्ड ने स्मिथ को देखते हुए कहा।
“सर, आपको तो पता ही है कि सुप्रीम से कुछ दिन पहले हमारा सम्पर्क टूट गया था।“ स्मिथ ने बिना टाइम वेस्ट किये, बोलना शुरु कर दिया-
“और उसके बारे में हमें कोई न्यूज नहीं मिल पा रहा था। पर इतने दिनों के बाद आज ये एक महाशय यहां पर आये हैं और यह कह रहे हैं कि ये सुप्रीम के सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन असलम हैं। इनका कहना है कि ये यहां से शिप के साथ गये ही नहीं थे, जबकि शिप का पूरा स्टाफ यहां से अपने नियत समय पर जा चुका है। इन्होने ये भी कहा कि इनका सेलेक्शन आपने किया था और आप इन्हें पहचानते हैं।“
स्मिथ की बात सुन पहली बार जेरार्ड ने असलम को ध्यान से देखा।
“सर, आप तो मुझे पहचान रहे हैं ना।“ असलम ने जेरार्ड को याद दिलाते हुए कहा-
“मैं असलम......याद है इन्टरव्यू के दौरान मैंने आपके चश्मे के लिए एक सलाह दी थी।“
“यस...यस.....मिस्टर स्मिथ, ये आदमी सौ प्रतिशत असलम ही है।“ जेरार्ड ने याद करते हुए कहा-
“पर अगर ये यहां पर है.....तो असलम बनकर सुप्रीम पर कौन गया है?“
जेरार्ड की बात सुनकर राबर्ट ने अपना सिर पकड़ लिया।
“सॉरी सर पर इस बारे में हमें भी कुछ नहीं पता।“ स्मिथ ने हकबकाये स्वर में जवाब दिया।
“हां, अब आप बताइए मिस्टर असलम कि आप के साथ क्या हुआ जिससे आप इतने दिनों के बाद हमारे पास पहुंचे।“ राबर्ट ने असलम से पूछा।
“जिस दिन मुझे शिप पर अपना कार्ड लेकर, सबसे अपना परिचय कराने जाना था। उस दिन मैं सुबह अपने समय पर अपने घर से निकला। आगे दो-तीन मोड़ को पार करने के बाद एक सुनसान रोड जाती है, जिसके दूसरी तरफ एक भयानक झरना बहता है। मैं जब वहां पर पहुंचा, तो रोड के पास एक बाइक गिरी पड़ी थी और उसके पास एक आदमी पड़ा कराह रहा था। मैंने अपनी कार को किनारे लगाया और उतर कर उस आदमी के पास पहुंचा। जैसे ही मैं उसको देखने लगा, अचानक उसने मेरे ऊपर हमला कर दिया। उसने मेरे सिर पर पता नहीं किस चीज से दो-तीन चोट मारी। मैं थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया। मुझे जब होश आया तो मैंने अपने आपको एक बूढ़े की झोपड़ी में पाया।
उस बूढ़े ने मुझे बताया कि मैं उसे झरने के किनारे एक पत्थर से अटका हुआ मिला था। मैं लगभग 7 दिनों के बाद होश में आया था। फिर लगभग 3 दिन मुझे उठकर चलने-फिरने में लगे। मैं जैसे ही इस लायक हो गया कि थोड़ा चल-फिर सकूं, तुरंत भागकर आपके पास पहुंच गया।“
“इसका मतलब शिप पर यह पहचानने वाला कोई नहीं था कि असलम कौन है?“ स्मिथ ने पूछा।
“दरअसल इंटरव्यू में सेलेक्शन हो जाने के बाद, हमारे सारे डाक्यूमेंट्स जमा कर लिए गये और एक आई-कार्ड बना कर दे दिया गया। शिप के चलने के एक हफ्ते पहले उसका एक टेस्ट ड्राइव किया गया। उसी दिन शाम को शिप पर एक पार्टी रखी गयी। उस दिन शिप का एक अधिकारी, आई-कार्ड को चेक कर, सभी चालक दल का परिचय एक-दूसरे से कराने वाला था।“ असलम ने कहा।
“इसका मतलब उस अधिकारी ने फंक्शन वाले दिन, ठीक से डाक्यूमेंट चेक नहीं किये।“ जेरार्ड ने राबर्ट को घूरते हुए, खा जाने वाले अंदाज में कहा।
राबर्ट ने सटपटा कर दूसरी तरफ निगाह फेर ली। शायद उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था।
“मेरे होश में आने पर, मैंने सबसे पहले अपने कपड़ों के जेबें चेक कीं। परंतु कार्ड सहित मेरे सारे डॉक्यूमेंट वहां से गायब थे। हो सकता है जो मेरा नाम लेकर शिप में गया, उसने मेरी फोटो की जगह अपनी लगा कर किसी तरह से अधिकारियों को धो खा दे दिया हो।“ असलम ने जेरार्ड की तरफ देखते हुए कहा।
“यानि कि अब ये फाइनल हो गया कि जो व्यक्ति असलम बनकर शिप में गया है, वह नकली है।....... सर ये भी तो हो सकता है कि उसी ने शिप को जान बूझकर बारामूडा त्रिकोण के क्षेत्र में डाल दिया हो।“ स्मिथ ने राबर्ट को देखते हुए कहा।
“बारामूडा त्रिकोण के क्षेत्र में!“ असलम ने चैंकते हुए कहा।
“जी हां, इस समय ‘सुप्रीम’ बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमयी क्षेत्र में जाकर गायब हो चुका है।“ राबर्ट ने जवाब दिया। कहकर स्मिथ ने जितनी भी जानकारी उसके पास थी, वह सब असलम को बतादी।
“इसका मतलब हमारा पहला काम सुप्रीम को खोजकर उसे वास्तविक रूट पर वापस लाना है और शिप के कैप्टेन को नकली असलम से सावधान करना है।“ असलम ने जोश में आते हुए कहा।
“लेकिन कैसे?“ स्मिथ के शब्दों में बेचैनी भरी थी।
“मुझे अपने जान की बाजी लगानी होगी क्यों कि शिप में यात्रा कर रहे, सभी यात्रियों की जान मेरी जान से कहीं बहुत अधिक है।“ असलम अब भावुक लग रहा था।
“आपको अब और परेशान होने की जरुरत नहीं है मिस्टर असलम।“ जेरार्ड के शब्दों में अब भूकम्प जैसे भाव थे- “आप अभी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं। अभी आपको आराम करना चाहिए, रही बात सुप्रीम की तो यह जिम्मेदारी अब आप मुझ पर छोड़ दीजिए। इस मैटर को अब मैं पर्सनली हैण्डिल करुंगा। और हां, हमें इतनी जरुरी इंफार्मेशन देने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया “ इतना कहकर जेरार्ड अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।
जेरार्ड के खड़े होते ही बाकी सब भी उनके साथ खड़े हो गये। जेरार्ड के इशारे पर फिंच, असलम को हॉस्पिटल लेकर चला गया। जेरार्ड ने एक नजर राबर्ट और स्मिथ पर मारी और बोले-
“अब से ठीक दो घंटे बाद आप दोनो लोग मेरे रुम में मुझसे आकर मिलिए।“ इतना कहकर जेरार्ड तेजी से कमरे से बाहर निकल गये।
जारी रहेगा..........
Bahut hi gazab li update he
Raj_sharma Bhai,
Ye to ek aur dhamaka ho gaya...........
Nakli aslam ship par he............ho sakta akela aslam hi nahi ho uske sath uske aur bhi sathi ship par ho.........
Abhi to filhal supreme se koi sampark nahi ho pa raha he............lekin jab tak ye baat ship par pata chalegi, tab tak koi na koi bada kaand ho chuka hoga
Keep rocking Bro