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Thanks brother for your valuable review and supportBahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
Thanks brother for your valuable review and supportBahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
Thanks brother, agla update bhi post kar diya hai, padho aur Aanand loबहुत ही शानदार लाजवाब और अद्भुत रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
Thank you very much for your valuable review RajizexySuper suspenseful update, very interesting scene of fight in sea.
अदभुत लेखनी हर अपडेट में क्यूरियस बढ़ती जा रही है# 39 .
“कौन?.......कौन है वहां ?“ सुयश ने चीखकर पूछा।
पर उस साये की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। वह साया एकटक अब भी उन दोनों को देख रहा था। तभी ब्रैंडन रिवाल्वर निकाल कर पास आ गया।
“खबरदार! तुम जो भी हो, हिलना नहीं..... वरना गोली मार दूंगा।“ ब्रैंडन ने तेज आवाज में कहा। वह साया फिर भी चुपचाप खड़ा रहा।
“ब्रैंडन तुम यह रिवाल्वर मुझे दो, मैं इसे कवर करता हूं। तुम नीचे लोथार को देखो।“ सुयश ने उस साये से बिना नजरें हटाए, ब्रैंडन से रिवाल्वर मांगी।
ब्रैंडन को भी जैसे ही लोथार का ख्याल आया उसने अपनी रिवाल्वर सुयश को दे दी और भागकर रेलिंग के पास पहुंच गया।
“बचाओ.......कैप्टन बचाओ ....... मैं डूब रहा हूं।“ तभी वातावरण में लोथार की आवाज गूंजी। एक पल के लिए सुयश का ध्यान लोथार की तरफ गया। तभी वह साया उछलकर रेलिंग पर चढ़ने लगा।
“धांय!“ सुयश ने फुर्ती से आगे बढ़ते हुए, उस साये के पैरों पर एक फायर किया।
निशाना बिल्कुल सही था। गोली उस साये के दाहिने पैर पर लगी। साये को थोड़ा झटका अवश्य लगा। पर वह डेक की रेलिंग पर चढ़ने में सफल हो गया।
लेकिन इससे पहले कि वह पानी में कूद पाता। सुयश ने गजब की फुर्ती दिखाते हुए, छलांग लगाकर उसकी कॉलर पकड़ ली। लेकिन वह साया बिना इस बात की परवाह किए कि सुयश ने उसे पकड़ रखा है, वह पानी में कूद गया।
“चर्र......चर्र.....।“ उसकी शर्ट कॉलर का कुछ हिस्सा फाड़ती हुई, सुयश के हाथ में आ गई।
मगर वह साया पानी में कूदकर गायब होने में सफल हो गया। सुयश तुरंत उस फटे कपड़े को वहीं फेंककर लोथार की ओर भागा।
तब तक ब्रैंडन डेक पर मौजूद एक बहुत लंबा रस्सा उठा लाया और उसे रोल से खोलकर पानी में फेंकने की तैयारी करने लगा।
उधर फायर की आवाज सुनकर तौफीक व जेनिथ सहित कुछ अन्य लोग भी वहां भागकर पहुंच गए। अब सभी का ध्यान डूबते हुए लोथार पर था।
“मुझे बचा लीजिए कैप्टेन.....मैं डूब रहा हूं......मैं मर जाऊंगा।“ लोथार अपनी जान बचाने के लिए गिड़गिड़ा रहा था।
चांदनी रात होने की वजह से समुद्र की लहरें भी तेजी से उछल रहीं थीं।
“थोड़ी देर तैरने की कोशिश करो।“ सुयश ने पानी में रस्सा फेंकते हुए कहा- “मैं रस्सा फेंक रहा हूं।“
पहला निशाना गलत गया। रस्सा लोथार से बहुत दूर गिरा। यह देखकर तौफीक ने सुयश से रस्सा ले लिया- “मुझे दीजिए कैप्टेन, मैं ट्राई करता हूं।“
तौफीक ने रस्से का गोला बना कर बहुत तेजी से नचाया और निशाना लगाकर लोथार की ओर फेंका। अगर निशाना रिवाल्वर का होता तो तौफीक के चूकने का प्रश्न ही नहीं उठता था, पर वह रस्से से लगाया गया निशाना था। फिर भी वह निशाना इतना गलत नहीं था। वह रस्सा लोथार से थोड़ी दूरी पर जाकर गिरा।
“लोथार तैरकर रस्से को पकड़ने की कोशिश करो।“ तौफीक ने चिल्लाते हुए कहा- “वह तुमसे ज्यादा दूरी पर नहीं है।“
लोथार अपने हाथ पैर तो चला रहा था, पर जाने क्यों वह रस्से तक पहुंच नहीं पा रहा था।
“क्या बात है? क्या लोथार तैरना नहीं जानता ?“ सुयश ने झुंझला कर तौफीक से पूछा।
“उसे ज्यादा तैरना नहीं आता। वह अभी तैरना सीख रहा था।“ तौफीक ने सुयश को बिना देखे ही जवाब दिया- “लेकिन ऐसा भी नहीं है कि वह बिल्कुल अनाड़ी है।“
“फिर वह आगे बढ़कर रस्सा पकड़ क्यों नहीं पा रहा है?“ सुयश के चेहरे पर असमंजस के भाव थे। तभी लोथार गला फाड़कर चीख उठा-
“कैप्टेन मुझे बचाओ। वह पानी के नीचे है।......... उसने मेरा पैर पकड़ रखा है..... मैं तैर नहीं पा रहा हूं।.... मैं डूब जाऊंगा।“
सुयश यह सुनकर जैसे पागल हो गया। वह स्वयं पानी में कूदने के लिए रेलिंग पर चढ़ने लगा। यह देखकर तौफीक और ब्रैंडन समेत कई लोगों ने उसे पकड़ लिया।
“नहीं कैप्टेन, मैं आपको पानी में नहीं कूदने दूंगा।“ ब्रैंडन ने सुयश को रेलिंग से खींचते हुए कहा- “नीचे पानी में जान का खतरा है।“
“तो क्या करूं?“ सुयश के गले से चिंघाड़ सी निकली- “अपनी जान बचाने के लिए लोथार को ऐसे ही तड़प-तड़प कर मर जाने दूं। वहां पानी के नीचे वही कातिल है, जो सबको एक-एक करके मार रहा है। आज मैं उसे नहीं छोडूंगा।.....छोड़ दो .....जाने दो मुझे।“
तभी तौफीक समुद्र की ओर देखते हुए बोला- “रहने दीजिए कैप्टेन। अब हम किसी को नहीं बचा सकते। वह देखिए शार्को का एक झुंड चारों तरफ से इसी दिशा में आ रहा है। अब तो गोता-खोरों को भी नीचे भेजना बेकार है। अब दोनों में से कोई नहीं बच सकता।“
यह सुनकर सभी का ध्यान शिप के चारों तरफ पड़ रही सर्चलाइट की रोशनी में पानी में गया। बहुत सी शार्कों का एक झुंड उधर ही आता हुआ दिखायी दिया। जिनकी पूंछ पानी से बाहर दिख रहीं थीं।
वह बहुत तेजी से घेरा बना कर, इसी तरह आ रहीं थीं। शायद उन्हें इंसानो की खुशबू मिल गई थी। लोथार अब धीरे-धीरे डूब रहा था। वह बार-बार पानी के अंदर बाहर इस तरह से हो रहा था।
जैसे कोई उसे नीचे से बार-बार खींच रहा हो। कभी-कभी सफेद शर्ट में लिपटी हुई एक बांह पानी के नीचे से लोथार को पकड़े हुए दिख जाती थी। अब तो लोथार की चीखें भी बंद हो गई थीं। अब वह सिर्फ अपने हाथ-पैर चलाने की आखिरी कोशिश कर रहा था।
अब तक शिप की डेक पर असंख्य यात्रियों का जमावड़ा लग गया था। इन लोगों में बहुत से गार्ड भी शामिल थे। अब शार्कें लोथार से बहुत ज्यादा दूरी पर नहीं थीं। सुयश का खून इस सीन को देखकर बहुत तेजी से खोलने लगा, अचानक सुयश ने एक गार्ड के हाथ से मशीनगन खींचकर पास आ रही शार्कों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
“जब तक संभव हो सके लोथार को बचाने की कोशिश करो।“ सुयश गोलियां चलाते हुए चीखा- “शार्कों पर गोलियां चलाओ, उन्हें पास मत आने दो।“
यह सुनते ही वहां खड़े सभी गार्डों ने शार्कों पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी। “तड़...तड़.....तड़.....तड़.....तड़..।“ गोलियों की आवाज उस शांत वातावरण में बहुत दूर तक गूंज रहीं थीं।
उधर तौफीक ने लपककर ब्रैंडन से रिवाल्वर छीन ली। कोई और स्थिति होती तो शायद ब्रैंडन से तौफीक की हाथापाई हो रही होती। लेकिन ऐसी स्थिति में ब्रैंडन नॉर्मल रहा, क्यों कि अब उसे तौफीक के निशाने के बारे में मालूम हो चुका था।
तौफीक लगातार लोथार के शरीर पर चिपके उस हाथ को देख रहा था। थोड़ी देर तक देखते रहने के बाद तौफीक ने निशाना साधा और गोली चला दी।
“धांय!“ एक गोली उस रहस्यमय साये के हाथ की ओर झपटी , निशाना बिल्कुल अचूक था। गोली सीधा उस साये के हाथ पर लगी।
उस रहस्यमय साये को एक झटका लगा और लोथार उसकी हाथ की पकड़ से निकल गया। लोथार को जैसे ही अपने छूटने का अहसास हुआ, उसमें एक नई ताकत का संचार हो गया। वह तेजी से रस्सी की ओर झपटा।
अब लोथार उस रहस्यमय साये से अलग हो गया और रस्सी उसके हाथ में आ गई थी। कुछ लोगों ने तेजी से रस्सी को खींचना शुरू कर दिया।
उधर तौफीक ने लोथार को उस रहस्यमय साये से अलग होते देख, उस साये का निशाना बना कर गोलियों की बौछार कर दी। उस रहस्यमय साये को असंख्य गोलियां लग गयीं लेकिन उस साये ने फिर भी पानी में डुबकी लगाई और समुद्र की गहराइयों में ना जाने कहां खो गया।
उधर गार्ड लगातार गोलियां चलाकर शार्कों को रोकने की कोशिश कर रहे थे। पर कई शार्कों को गोलियां लगने से खून निकल आया था। जिसकी खुशबू पा कर वहां और सैकड़ों की तादाद में शार्क आ गईं। अब गार्डों के लिए इन शार्कों को रोक पाना बहुत मुश्किल था।
सभी शार्क अब घेरा बना कर, तेजी से लोथार की ओर बढ़ने लगीं। लोथार की दूरी अभी भी शिप से ज्यादा थी। आखिरकार हिंसक शार्कें लोथार पर तेजी से झपटीं। डर के कारण लोथार सहित कईयों की आंखें बंद हो गईं।
लेकिन अचानक एक अजीब सा चमत्कार हुआ। सारी शार्कें लोथार से लगभग 15 फुट की दूरी पर अचानक रुक गईं। सारे लोग अवाक होकर इस घटना को देखने लगे।
“ये क्या हुआ?“ तौफीक ने आश्चर्य भरे स्वर में कहा- “ये सारी शार्कें अचानक कैसे रुक गईं?“
“पता नहीं ! सुयश की आँखें भी आश्चर्य से फैल गयीं- “लेकिन मौका अच्छा है। लोथार को जल्दी खींचो।“
सुयश के इतना कहते ही लगभग 10-12 और लोग रस्सी पर झपटे। अब सभी तेजी से रस्सी खींचने लगे। लोथार के बचने की अब पूरी आशाएं हो गईं थीं।
तभी रस्सी एक जोरदार झटके से खिंचना बंद हो गई। सभी ने पूरी ताकत लगा कर देखी, पर रस्सी टस से मस नहीं हुई। सबकी निगाहें फिर लोथार पर गयीं।
अचानक लोथार के चेहरे के भाव दहशत में परिवर्तित हो गए। सभी को यह एहसास हो गया था कि पानी के नीचे कुछ तो है, शार्कें अपने आप नहीं रुकी थीं।
लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, लोथार ‘गुलुप‘ की आवाज के साथ पानी में समा गया।
चूंकि लोथार ने रस्सी छूट जाने के डर से, अपने हाथ में कसकर फंसा रखी थी, इसलिए वह रस्सी भी तेजी से पानी में खिंचती चली गई।
रस्सी के खिंचाव का झटका इतना तेज था कि यदि कोई उसे पकड़े होता, तो वह भी समुद्र में खिंच गया होता।
एक निस्तब्ध सन्नाटा माहौल में कायम हो गया। अब सभी शार्कें भी इधर-उधर हो गईं। शायद उन्हें भी यह एहसास हो गया था कि अब शिकार उनके हाथ नहीं लगने वाला।
“आखिर हम लोथार को मरने से नहीं बचा पाए।“ सुयश के चेहरे पर दुख ही दुख दिखाई दे रहा था।
“कैप्टन वैसे आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने माहौल को हल्का करने के उद्देश्य से टॉपिक चेंज करते हुए कहा- “वह रहस्यमय साया कौन हो सकता है? आपने तो उसको बहुत करीब से देखा था।“
“कुछ पक्के तौर पर कह नहीं सकता, क्यों कि उस जगह पर बहुत अंधेरा था।“ सुयश ने अपने दिमाग में उस घटना को याद करते हुए कहा- “लेकिन एक बात तो है, उस साये की ड्रेस देखकर यह लग रहा था कि जैसे वह अपने शिप का कोई स्टाफ का आदमी हो।“
“क्या बात कर रहे हैं कैप्टेन?“ ब्रैंडन ने आश्चर्य भरे स्वर में कहा- “ये कैसे संभव हो सकता है?“
“मैं बिल्कुल ठीक कह रहा हूं...... और हां उसके कंधे पर स्टार भी चमक रहे थे.....मुझे याद आ रहा है .....जब मैं उस पर झपटा तो उसकी शर्ट की कॉलर फट कर मेरे हाथ में आ गई थी।“
अचानक कुछ याद करके सुयश तेजी से उस तरफ भागा। जिधर उस रहस्यमय साये से उसकी हाथापाई हो रही थी। उस स्थान पर पहुंच कर सुयश ने अपनी नजरें इधर-उधर दौड़ाई। थोड़ी ही दूरी पर उसे वह फटी हुई कॉलर पड़ी दिखाई दी। सुयश ने आगे बढ़कर उस फटी हुई कॉलर को उठा लिया।
कॉलर के साथ कंधे पर लगे हुए 3 स्टार भी थे, जो यह बात साबित कर रहे थे कि वह रहस्यमय साया ऑफिसर रैंक का है। सुयश ने ध्यान से उस कपड़े को देखा। कॉलर के साथ शर्ट की बांई जेब भी थी। जो कि फट कर उस टुकड़े के साथ में आ गई थी।
उस नीम अंधेरे में भी जेब के ऊपर लगी नेम प्लेट साफ चमक रही थी। सुयश ने धड़कते दिल से उस बैच को उजाले में ला कर देखा।
उस पर जो नाम लिखा था, वो सुयश तो क्या, किसी के भी दिल की धड़कन रोकने के लिए पर्याप्त था______।
जारी रहेगा_________
Supreme per ek se badhkar ek rahasyamayi khel khele ja rahe hai, ab inke peeche kon hai, ye to samay hi batayega, Us saaye ka naam aslam to bilkul nahi hai bhai, iska parda agley update me hatt jayega, sath bane rahiye aur maja leejiye is mysterious jahaaj ke safar ka,Thanks for your valuable review and superb support bhaiबहुत ही जबरदस्त और खतरनाक रोमांचकारी अपडेट है भाई मजा आ गया
सुप्रीम पर जो वारदातें हो रही हैं उसके पिछे क्या बर्मुडा त्रिकोण के रहस्य हैं या कोई खतरनाक खुनी खेल
वैसे वो साया समुंदर में बिलकुल आसानी से अपना काम कर रहा था तो क्या वो रहस्यमय नहीं है
उस सायें के कपडों पर कही असलम नाम तों नहीं
खैर देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Sath bane rahiye madam, abhi to kahani suru hi hui haiAbhi se rahasyo se parda uthane ka to sawaal hi nahi uth-ta, Abhi to thoda dimaak ka dahi aur karenge, uske baad aapki baat per vichaar kiya jayega, kam se kam 10-12 update aur jhelo Thanks for your valuable review and supportअदभुत लेखनी हर अपडेट में क्यूरियस बढ़ती जा रही है
सोचते है इस बार कुछ रहस्य खुलेगा लेकिन रहस्य बढ़ जाता है और अपडेट एक नए क्यूरियस के साथ समाप्त हो जाता है,
मालूम ही नहीं पड़ता कब अपडेट खत्म हुआ और नए का इंतजार शुरू हो जाता है
Aapke update ki samikhsa thodi der baad tasalli se karenge sir' सम्राट ' शिप के स्टाफ ही संदिग्ध भुमिका मे नजर आ रहे हैं । पहले असलम और अब यह थ्री स्टार वर्दी धारक स्टाफ ।
पहले बात करते है हरे क्रीचर की । यह बिल्कुल जुरासिक पार्क के डायनासोर की याद दिला रहे हैं । वह डायनासोर जो साइज मे छोटे होते थे पर हमेशा झुंड मे होते थे ।
इन्ही क्रीचर मे एक की जान गई थी रिवाल्वर की गोली लगने से । यह जानने के बाद भी कैप्टन सुयश और उनके स्टाफ का वगैर ठोस तैयारी के उनके पीछे भागना बिल्कुल ही मूर्खतापूर्ण कदम था । वगैर सेक्योरिटीज और हथियार के इनका पीछा नही करना चाहिए था ।
और जहां तक क्रिस्टी पर शक की बात है , जब मौत सामने दिखाई देने लगता है , जब यमराज साक्षात आप के समक्ष खड़ा दिखाई पड़ते है तब एक कमजोर से कमजोर व्यक्ति की साहस भी दस गुणा बढ़ जाती है । आखिर जीवन और मरण का सवाल जो पैदा होता है ।
क्रिस्टी के साथ ऐसे ही परिस्थिति पैदा हुई होगी ।
प्रोफेसर अल्बर्ट साहब की पत्नी मारिया लापता है । शिप का सेक्योरिटीज अफसर लारा लापता है । लाॅरेन की हत्या हो चुकी है । कुछ स्टाफ या तो मारे गए हैं या गायब हो गए हैं । अब शिप का एक यात्री लौथार समंदर के गर्भ मे समा चुका है ।
कहते हैं जब तक किसी व्यक्ति का डेड बाॅडी बरामद न हो जाए तब तक उसके जिंदा होने की उम्मीद बनी रहती है ।
इसलिए फिलहाल हम तेल ही देख सकते हैं और तेल की धार ही देख सकते हैं ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।
बहुत ही खूबसूरत अपडेट ।
Ye kya ye update ekdam se hume ek sath bhoot pret aur supernatural power dono ki sair mein le kar chal pada??# 38 .
चैपटर-12
5 जनवरी 2002, शनिवार 19:00;
थोड़ी देर के बाद ब्रैंडन पुनः सुयश से आ मिला।
“कैप्टन मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और हर ग्रुप के एक मेंबर को वॉकी टॉकी सेट भी दिला दिया है। अब शिप पर जैसे ही कोई घटना घटेगी, हमें तुरंत पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से कहा।
“वेरी गुड! अब हमें भी चलकर उन कीड़ों को ढूंढना चाहिए।“ कहकर सुयश अगली गली में मुड़ गया।
“आपने उन हरे कीड़ों को इसी तरफ आते देखा था ना ?“ सुयश ने ऐलेक्स को देखते हुए पूछा।
“जी हाँ !“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।
“फिर वह सारे के सारे इतनी जल्दी कहां चले गए?“ ब्रेंडन बोल उठा।
“ऊपर वाले से दुआ करो कि वह सब जहां से आए थे, वहीं चले भी गए हों। वरना वास्तव में ही उनसे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।“ सुयश ने हाथ से चेहरे पर क्रॉस बनाते हुए, ईश्वर से प्रार्थना की।
“वैसे सर आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “क्या यह कीड़े स्वयं कहीं से आए हैं?“
“क्या मतलब?“ सुयश ने ठिठक कर रुकते हुए कहा।
“मतलब यह है सर, कि ऐसा भी तो हो सकता है कि कोई जानबूझकर इस शिप पर दहशत फैलाने के लिए, इन हरे कीड़ों को लेकर यहां आया हो ?“ ब्रैंडन ने अपनी बात को क्लियर करते हुए कहा।
“यह संभव नहीं है।“ ऐलेक्स ने तुरंत बोलते हुए कहा- “वह कीड़ा इतना
जहरीला और फुर्तीला है कि मुझे नहीं लगता कि कोई उस पर पार पा सकता है।“
"ऐलेक्स सही कह रहे हैं।“ सुयश ने भी ऐलेक्स के विचारों पर अपनी सहमति जताई।
“मैं भी आप लोगों की बातों से सहमत हूं। पर कुछ बातें हैं, जो मेरे दिल में खटक रहीं हैं।“ ब्रैंडन के शब्दों में शंका के भाव थे।
“कैसी बातें?“ सुयश ने पूछा।
“कैप्टन यह तो आप भी जानते हैं कि ये कीड़ा कितना फुर्तीला है....... जिस कीड़े ने गार्ड को बिना 1 सेकंड का समय दिए मार दिया हो, उसे हम फुर्तीला कह सकते हैं। पर ये बात मेरे समझ में नहीं आयी कि क्रिस्टी उस कीड़े से कैसे इतनी देर तक बचती रही ? क्रिस्टी ने ये भी कहा था कि उसने कीड़े को पैर मार दिया जिससे वह बेड के पीछे गिर गया। क्या यह संभव है कैप्टन कि जिस कीड़े ने गार्ड को, जो खतरा भांप कर बहुत सावधानी से चल रहा था, बिल्कुल समय नहीं दिया ? फिर उससे क्रिस्टी आखिर इतनी देर तक कैसे बचती रही ?“ ब्रैंडन ने कहा।
ब्रैंडन के शब्दों को सुनकर सुयश के चेहरे पर भी अब सोच के भाव आ गए, क्यों कि ब्रैंडन का तर्क वास्तव में जोरदार था।
“लेकिन अगर क्रिस्टी उन कीड़ों को शिप पर लाई होती, तो वह कीड़ों से स्वयं पर अटैक क्यों करवाती। और वैसे भी वह एक साधारण लड़की है, वह भला शिप पर दहशत क्यों फैलाना चाहेगी ?“ ऐलेक्स ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा।
“ये आप नहीं बोल रहे हैं मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेते हुए कहा- “आपका क्रिस्टी के प्रति प्यार बोल रहा है।“
ऐलेक्स ने एक क्षण के लिए अपना सिर झुका लिया। क्यों कि सुयश वास्तव में सही कह रहा था। तभी ब्रैंडन को फिर कुछ याद आया-
“कैप्टेन, एक बात और जो मैं आपसे बताना भूल गया था। जिस समय शैफाली अपने सपनों के बारे में बता रही थी, मैं भी वहीं पर था। आप लोगों का सारा ध्यान शैफाली पर था, इसलिए वहां पर घटी एक अजीब सी घटना पर आप लोगों ने ध्यान नहीं दिया था।“
“कैसी अजीब सी घटना ?“ शैफाली का नाम सुन सुयश ने हैरानी से ब्रैंडन की ओर देखा।
“जब शैफाली ने अपने सपनों के बारे में बताना शुरू किया तो उसके बगल बैठा ब्रूनो अचानक ‘कूं-कूं‘ करता हुआ उससे दूर हट गया था। जब तक शैफाली सपनों के बारे में बताती रही, वह डरा-डरा सा उससे दूर ही बैठा रहा। और जैसे ही शैफाली ने अपनी सपने वाली बात खत्म की, ब्रूनो फिर नॉर्मल हो कर शैफाली के पास आ गया था।“ ब्रैंडन ने कहा।
“मैं समझा नहीं ।“ सुयश की समझ में नहीं आया कि ब्रैंडन आखिर क्या कहना चाह रहा है?
“अब मैं आपको किस तरह से समझाऊं कि वहां उस समय कुछ ऐसा था, जिसे ब्रूनो जानवर होने की वजह से साफ-साफ देख रहा था।“ ब्रैंडन के शब्द रहस्य से भरे थे।
“आपका मतलब किसी आत्मा..... ..या किसी सुपर नेचुरल चीज से तो नहीं ?“ सुयश के चेहरे पर भी अब उलझन के भाव आ गये।
“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं इसी बारे में आपसे डिस्कस भी करना चाह रहा था, पर सारी घटनाएं इतनी तेजी से घटीं कि आप से बात करने का समय ही नहीं मिला।“ ब्रैंडन ने एक नजर रास्ते पर मारते हुए कहा।
“हूं......!“ सुयश ने एक गहरी सांस भरी और बोला- “बात चाहे जो कुछ भी हो, पर इतना जरूर है कि कोई विचित्र शक्ति, शैफाली के माध्यम से हमें कुछ बताना चाह रही है। लेकिन पहले इन कीड़ों को ढूंढकर खत्म करते हैं, वरना हम समय से पहले ही मौत के मुंह में चले जाएंगे। रही बात शैफाली के सपनों की तो हमें एक बार फिर शैफाली से मिलना पड़ेगा।“
इसके बाद तीनों ने सभी गैलरियां छान मारी, पर उन्हें कीड़े कहीं भी नजर नहीं आये।
“कैप्टेन, हमने आसपास की सारी गैलरियां देख लीं।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से पूछा-
“क्या अब हमें डेक पर चल कर देखना चाहिए?“ लेकिन इससे पहले कि सुयश कोई जवाब दे पाता,
डेक की ओर खुलने वाला दरवाजा ‘धड़ा ऽऽऽक‘ की आवाज के साथ खुला और एक साया सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ उनके सामने आकर गिरा। वह कोई और नहीं जॉनी था।
“क्या हुआ जॉनी ? क्या बात है?.... ... तुम इतना घबराए हुए क्यों हो?“ सुयश ने एक बार उस खुले दरवाजे को देखते हुए जॉनी को सहारा दिया।
“कैप्टन-कैप्टन.......ऊपर........ ऊपर!“ जॉनी ने घबराते हुए दरवाजे की ओर इशारा किया।
“क्या हुआ ऊपर? क्या ऊपर हरे कीड़े हैं?“ सुयश ने अपने शक के आधार पर जॉनी से पूछा।
“नहीं......!“ जॉनी ने थूक निगलते हुए, डरते हुए नहीं में सिर हिलाया-
“वो ऊपर...... लोथार. .....।“
“क्या हुआ लोथार को ?“ सुयश ने जॉनी की बात पूरी किए बिना ही जल्दी से पूछ लिया।
“ऊपर जल्दी जाइए कैप्टन........... वरना.......वरना वो उसे मार डालेगी।“
बस इससे ज्यादा जॉनी कुछ नहीं बोल सका। वह अपने होश खो बैठा।
“ऐलेक्स तुम इसे संभालो......और ब्रैंडन तुम मेरे साथ आओ।“ सुयश ने उठते हुए तेजी से आर्डर दनदनाया।
वह लपककर ब्रैंडन के साथ सीढ़ियां चढ़ता हुआ, दरवाजा खोलकर डेक पर आ गया। सामने उन्हें डेक की रेलिंग के पास लोथार खड़ा नजर आया, जो उस अंतहीन समुद्र में ना जाने क्या देख रहा था।
लोथार को सलामत देख सुयश ने चैन की सांस ली। लेकिन इससे पहले कि सुयश और कुछ सोच पाता, उसने देखा कि लोथार डेक की रेलिंग पर चढ़ रहा है। यह देखकर सुयश वहीं से चीख पड़ा-
“रुक जाओ लोथार.....! वरना तुम पानी में गिर जाओगे।“
सुयश की चीख सुन कर लोथार एक क्षण के लिए रुका और फिर उसने
पलटकर सुयश की ओर देखा।
“बेकार है कैप्टेन....।“ आपने आने में बहुत देर कर दी। वो मुझे बुला रही है।“ लोथार ने समुद्र की ओर अपनी तर्जनी उंगली से इशारा करते हुए कहा-
“अब मुझे उसके पास जाना ही होगा।“
“कौन....? कौन बुला रही है?“ सुयश का स्वर उलझा-उलझा सा था।
“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता। लेकिन हम उसे ‘लॉरेन‘ कह सकते हैं।“ लोथार के शब्दों में मौत की सी ठंडक थी।
“लॉरेन........!“ लोथार की बात सुन, सुयश और ब्रैंडन के दिमाग में धमाके से होने लगे। एक क्षण के लिए तो उनकी कुछ समझ में नहीं आया।
“लॉरेन?????? पर वो तो मर चुकी है।“ सुयश ने अटकते हुए स्वर में कहा-
“तुमने तो स्वयं उसकी लाश देखी थी।“
“मौत को भी भला आज तक कोई मार पाया है।“ लोथार के हर एक शब्द सुयश के दिमाग में किसी हथौड़े की तरह से चोट कर रहे थे-
“वो मुझे बुला रही है ......सुनो उसकी आवाज तुम्हें भी सुनाई देगी।“
एक क्षण के लिए लोथार पुनः समुद्र की ओर देखने लगा। मौके का फायदा उठाकर सुयश धीरे-धीरे लोथार की ओर बढ़ने लगा।
“वो.... आ गई।“ लोथार ने गहरे समुद्र के ओर देखते हुए कहा-
“वो... आ गई। मुझे अपने साथ ले जाने के लिए..........मुझे उसके साथ जाना ही होगा।“
उधर ब्रैंडन ने धीरे से वॉकी-टॉकी सेट निकाल कर शिप को रुकवाने के संकेत दे दिए। अब शिप की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी।
अब लोथार ने समुद्र की ओर देखते हुए अपना एक पैर रेलिंग की दूसरी साइड कर लिया। यह देखकर सुयश एक बार फिर चीख उठा-
“रुक जाओ लोथार....रुक जाओ।“
सुयश की आवाज सुनकर लोथार एक बार पुनः सुयश की ओर घूमकर बोला-
“क्या फायदा कैप्टेन! तुम मुझे रोक नहीं पाओगे। जब तुम इसे नहीं रोक पाए....... तो मुझे क्या रोकोगे.... ........हाऽऽऽहाऽऽऽहाऽऽऽ!“
इतना कहकर लोथार ने एक तरफ इशारा किया और तेजी से हंसकर समुद्र में कूद गया। वातावरण में ‘छपाक‘ की एक आवाज गूंज उठी।
तब तक ‘सुप्रीम’ भी रुक गया था।
सुयश और ब्रैंडन ने लोथार के शब्दों को समझ कर अपना चेहरा उस तरफ घुमाया, जिधर लोथार ने इशारा किया था और एक पल के लिए उनके रोंगटे खड़े हो गए।
उनसे लगभग 5 मीटर दूर अंधेरे में एक साया खड़ा था जिसकी आंखें अंधेरे में भी बहुत तेज चमक रहीं थीं।
उस जगह पर काफी अंधेरा होने के कारण उस साये का चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। पर उसकी सफेद पोशाक अंधेरे में भी साफ दिख रही थी।
जारी रहेगा_________
Well well well kaun hai saya itna to pata chal hi gaya aur next update mein name bhi pata chal hi jayega par Lothar ko sab bachane mein asafal rahe ek aur jahan shark se bach gaye par ek nayi musibat ki pani ke andar kya hai???# 39 .
“कौन?.......कौन है वहां ?“ सुयश ने चीखकर पूछा।
पर उस साये की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। वह साया एकटक अब भी उन दोनों को देख रहा था। तभी ब्रैंडन रिवाल्वर निकाल कर पास आ गया।
“खबरदार! तुम जो भी हो, हिलना नहीं..... वरना गोली मार दूंगा।“ ब्रैंडन ने तेज आवाज में कहा। वह साया फिर भी चुपचाप खड़ा रहा।
“ब्रैंडन तुम यह रिवाल्वर मुझे दो, मैं इसे कवर करता हूं। तुम नीचे लोथार को देखो।“ सुयश ने उस साये से बिना नजरें हटाए, ब्रैंडन से रिवाल्वर मांगी।
ब्रैंडन को भी जैसे ही लोथार का ख्याल आया उसने अपनी रिवाल्वर सुयश को दे दी और भागकर रेलिंग के पास पहुंच गया।
“बचाओ.......कैप्टन बचाओ ....... मैं डूब रहा हूं।“ तभी वातावरण में लोथार की आवाज गूंजी। एक पल के लिए सुयश का ध्यान लोथार की तरफ गया। तभी वह साया उछलकर रेलिंग पर चढ़ने लगा।
“धांय!“ सुयश ने फुर्ती से आगे बढ़ते हुए, उस साये के पैरों पर एक फायर किया।
निशाना बिल्कुल सही था। गोली उस साये के दाहिने पैर पर लगी। साये को थोड़ा झटका अवश्य लगा। पर वह डेक की रेलिंग पर चढ़ने में सफल हो गया।
लेकिन इससे पहले कि वह पानी में कूद पाता। सुयश ने गजब की फुर्ती दिखाते हुए, छलांग लगाकर उसकी कॉलर पकड़ ली। लेकिन वह साया बिना इस बात की परवाह किए कि सुयश ने उसे पकड़ रखा है, वह पानी में कूद गया।
“चर्र......चर्र.....।“ उसकी शर्ट कॉलर का कुछ हिस्सा फाड़ती हुई, सुयश के हाथ में आ गई।
मगर वह साया पानी में कूदकर गायब होने में सफल हो गया। सुयश तुरंत उस फटे कपड़े को वहीं फेंककर लोथार की ओर भागा।
तब तक ब्रैंडन डेक पर मौजूद एक बहुत लंबा रस्सा उठा लाया और उसे रोल से खोलकर पानी में फेंकने की तैयारी करने लगा।
उधर फायर की आवाज सुनकर तौफीक व जेनिथ सहित कुछ अन्य लोग भी वहां भागकर पहुंच गए। अब सभी का ध्यान डूबते हुए लोथार पर था।
“मुझे बचा लीजिए कैप्टेन.....मैं डूब रहा हूं......मैं मर जाऊंगा।“ लोथार अपनी जान बचाने के लिए गिड़गिड़ा रहा था।
चांदनी रात होने की वजह से समुद्र की लहरें भी तेजी से उछल रहीं थीं।
“थोड़ी देर तैरने की कोशिश करो।“ सुयश ने पानी में रस्सा फेंकते हुए कहा- “मैं रस्सा फेंक रहा हूं।“
पहला निशाना गलत गया। रस्सा लोथार से बहुत दूर गिरा। यह देखकर तौफीक ने सुयश से रस्सा ले लिया- “मुझे दीजिए कैप्टेन, मैं ट्राई करता हूं।“
तौफीक ने रस्से का गोला बना कर बहुत तेजी से नचाया और निशाना लगाकर लोथार की ओर फेंका। अगर निशाना रिवाल्वर का होता तो तौफीक के चूकने का प्रश्न ही नहीं उठता था, पर वह रस्से से लगाया गया निशाना था। फिर भी वह निशाना इतना गलत नहीं था। वह रस्सा लोथार से थोड़ी दूरी पर जाकर गिरा।
“लोथार तैरकर रस्से को पकड़ने की कोशिश करो।“ तौफीक ने चिल्लाते हुए कहा- “वह तुमसे ज्यादा दूरी पर नहीं है।“
लोथार अपने हाथ पैर तो चला रहा था, पर जाने क्यों वह रस्से तक पहुंच नहीं पा रहा था।
“क्या बात है? क्या लोथार तैरना नहीं जानता ?“ सुयश ने झुंझला कर तौफीक से पूछा।
“उसे ज्यादा तैरना नहीं आता। वह अभी तैरना सीख रहा था।“ तौफीक ने सुयश को बिना देखे ही जवाब दिया- “लेकिन ऐसा भी नहीं है कि वह बिल्कुल अनाड़ी है।“
“फिर वह आगे बढ़कर रस्सा पकड़ क्यों नहीं पा रहा है?“ सुयश के चेहरे पर असमंजस के भाव थे। तभी लोथार गला फाड़कर चीख उठा-
“कैप्टेन मुझे बचाओ। वह पानी के नीचे है।......... उसने मेरा पैर पकड़ रखा है..... मैं तैर नहीं पा रहा हूं।.... मैं डूब जाऊंगा।“
सुयश यह सुनकर जैसे पागल हो गया। वह स्वयं पानी में कूदने के लिए रेलिंग पर चढ़ने लगा। यह देखकर तौफीक और ब्रैंडन समेत कई लोगों ने उसे पकड़ लिया।
“नहीं कैप्टेन, मैं आपको पानी में नहीं कूदने दूंगा।“ ब्रैंडन ने सुयश को रेलिंग से खींचते हुए कहा- “नीचे पानी में जान का खतरा है।“
“तो क्या करूं?“ सुयश के गले से चिंघाड़ सी निकली- “अपनी जान बचाने के लिए लोथार को ऐसे ही तड़प-तड़प कर मर जाने दूं। वहां पानी के नीचे वही कातिल है, जो सबको एक-एक करके मार रहा है। आज मैं उसे नहीं छोडूंगा।.....छोड़ दो .....जाने दो मुझे।“
तभी तौफीक समुद्र की ओर देखते हुए बोला- “रहने दीजिए कैप्टेन। अब हम किसी को नहीं बचा सकते। वह देखिए शार्को का एक झुंड चारों तरफ से इसी दिशा में आ रहा है। अब तो गोता-खोरों को भी नीचे भेजना बेकार है। अब दोनों में से कोई नहीं बच सकता।“
यह सुनकर सभी का ध्यान शिप के चारों तरफ पड़ रही सर्चलाइट की रोशनी में पानी में गया। बहुत सी शार्कों का एक झुंड उधर ही आता हुआ दिखायी दिया। जिनकी पूंछ पानी से बाहर दिख रहीं थीं।
वह बहुत तेजी से घेरा बना कर, इसी तरह आ रहीं थीं। शायद उन्हें इंसानो की खुशबू मिल गई थी। लोथार अब धीरे-धीरे डूब रहा था। वह बार-बार पानी के अंदर बाहर इस तरह से हो रहा था।
जैसे कोई उसे नीचे से बार-बार खींच रहा हो। कभी-कभी सफेद शर्ट में लिपटी हुई एक बांह पानी के नीचे से लोथार को पकड़े हुए दिख जाती थी। अब तो लोथार की चीखें भी बंद हो गई थीं। अब वह सिर्फ अपने हाथ-पैर चलाने की आखिरी कोशिश कर रहा था।
अब तक शिप की डेक पर असंख्य यात्रियों का जमावड़ा लग गया था। इन लोगों में बहुत से गार्ड भी शामिल थे। अब शार्कें लोथार से बहुत ज्यादा दूरी पर नहीं थीं। सुयश का खून इस सीन को देखकर बहुत तेजी से खोलने लगा, अचानक सुयश ने एक गार्ड के हाथ से मशीनगन खींचकर पास आ रही शार्कों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
“जब तक संभव हो सके लोथार को बचाने की कोशिश करो।“ सुयश गोलियां चलाते हुए चीखा- “शार्कों पर गोलियां चलाओ, उन्हें पास मत आने दो।“
यह सुनते ही वहां खड़े सभी गार्डों ने शार्कों पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी। “तड़...तड़.....तड़.....तड़.....तड़..।“ गोलियों की आवाज उस शांत वातावरण में बहुत दूर तक गूंज रहीं थीं।
उधर तौफीक ने लपककर ब्रैंडन से रिवाल्वर छीन ली। कोई और स्थिति होती तो शायद ब्रैंडन से तौफीक की हाथापाई हो रही होती। लेकिन ऐसी स्थिति में ब्रैंडन नॉर्मल रहा, क्यों कि अब उसे तौफीक के निशाने के बारे में मालूम हो चुका था।
तौफीक लगातार लोथार के शरीर पर चिपके उस हाथ को देख रहा था। थोड़ी देर तक देखते रहने के बाद तौफीक ने निशाना साधा और गोली चला दी।
“धांय!“ एक गोली उस रहस्यमय साये के हाथ की ओर झपटी , निशाना बिल्कुल अचूक था। गोली सीधा उस साये के हाथ पर लगी।
उस रहस्यमय साये को एक झटका लगा और लोथार उसकी हाथ की पकड़ से निकल गया। लोथार को जैसे ही अपने छूटने का अहसास हुआ, उसमें एक नई ताकत का संचार हो गया। वह तेजी से रस्सी की ओर झपटा।
अब लोथार उस रहस्यमय साये से अलग हो गया और रस्सी उसके हाथ में आ गई थी। कुछ लोगों ने तेजी से रस्सी को खींचना शुरू कर दिया।
उधर तौफीक ने लोथार को उस रहस्यमय साये से अलग होते देख, उस साये का निशाना बना कर गोलियों की बौछार कर दी। उस रहस्यमय साये को असंख्य गोलियां लग गयीं लेकिन उस साये ने फिर भी पानी में डुबकी लगाई और समुद्र की गहराइयों में ना जाने कहां खो गया।
उधर गार्ड लगातार गोलियां चलाकर शार्कों को रोकने की कोशिश कर रहे थे। पर कई शार्कों को गोलियां लगने से खून निकल आया था। जिसकी खुशबू पा कर वहां और सैकड़ों की तादाद में शार्क आ गईं। अब गार्डों के लिए इन शार्कों को रोक पाना बहुत मुश्किल था।
सभी शार्क अब घेरा बना कर, तेजी से लोथार की ओर बढ़ने लगीं। लोथार की दूरी अभी भी शिप से ज्यादा थी। आखिरकार हिंसक शार्कें लोथार पर तेजी से झपटीं। डर के कारण लोथार सहित कईयों की आंखें बंद हो गईं।
लेकिन अचानक एक अजीब सा चमत्कार हुआ। सारी शार्कें लोथार से लगभग 15 फुट की दूरी पर अचानक रुक गईं। सारे लोग अवाक होकर इस घटना को देखने लगे।
“ये क्या हुआ?“ तौफीक ने आश्चर्य भरे स्वर में कहा- “ये सारी शार्कें अचानक कैसे रुक गईं?“
“पता नहीं ! सुयश की आँखें भी आश्चर्य से फैल गयीं- “लेकिन मौका अच्छा है। लोथार को जल्दी खींचो।“
सुयश के इतना कहते ही लगभग 10-12 और लोग रस्सी पर झपटे। अब सभी तेजी से रस्सी खींचने लगे। लोथार के बचने की अब पूरी आशाएं हो गईं थीं।
तभी रस्सी एक जोरदार झटके से खिंचना बंद हो गई। सभी ने पूरी ताकत लगा कर देखी, पर रस्सी टस से मस नहीं हुई। सबकी निगाहें फिर लोथार पर गयीं।
अचानक लोथार के चेहरे के भाव दहशत में परिवर्तित हो गए। सभी को यह एहसास हो गया था कि पानी के नीचे कुछ तो है, शार्कें अपने आप नहीं रुकी थीं।
लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, लोथार ‘गुलुप‘ की आवाज के साथ पानी में समा गया।
चूंकि लोथार ने रस्सी छूट जाने के डर से, अपने हाथ में कसकर फंसा रखी थी, इसलिए वह रस्सी भी तेजी से पानी में खिंचती चली गई।
रस्सी के खिंचाव का झटका इतना तेज था कि यदि कोई उसे पकड़े होता, तो वह भी समुद्र में खिंच गया होता।
एक निस्तब्ध सन्नाटा माहौल में कायम हो गया। अब सभी शार्कें भी इधर-उधर हो गईं। शायद उन्हें भी यह एहसास हो गया था कि अब शिकार उनके हाथ नहीं लगने वाला।
“आखिर हम लोथार को मरने से नहीं बचा पाए।“ सुयश के चेहरे पर दुख ही दुख दिखाई दे रहा था।
“कैप्टन वैसे आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने माहौल को हल्का करने के उद्देश्य से टॉपिक चेंज करते हुए कहा- “वह रहस्यमय साया कौन हो सकता है? आपने तो उसको बहुत करीब से देखा था।“
“कुछ पक्के तौर पर कह नहीं सकता, क्यों कि उस जगह पर बहुत अंधेरा था।“ सुयश ने अपने दिमाग में उस घटना को याद करते हुए कहा- “लेकिन एक बात तो है, उस साये की ड्रेस देखकर यह लग रहा था कि जैसे वह अपने शिप का कोई स्टाफ का आदमी हो।“
“क्या बात कर रहे हैं कैप्टेन?“ ब्रैंडन ने आश्चर्य भरे स्वर में कहा- “ये कैसे संभव हो सकता है?“
“मैं बिल्कुल ठीक कह रहा हूं...... और हां उसके कंधे पर स्टार भी चमक रहे थे.....मुझे याद आ रहा है .....जब मैं उस पर झपटा तो उसकी शर्ट की कॉलर फट कर मेरे हाथ में आ गई थी।“
अचानक कुछ याद करके सुयश तेजी से उस तरफ भागा। जिधर उस रहस्यमय साये से उसकी हाथापाई हो रही थी। उस स्थान पर पहुंच कर सुयश ने अपनी नजरें इधर-उधर दौड़ाई। थोड़ी ही दूरी पर उसे वह फटी हुई कॉलर पड़ी दिखाई दी। सुयश ने आगे बढ़कर उस फटी हुई कॉलर को उठा लिया।
कॉलर के साथ कंधे पर लगे हुए 3 स्टार भी थे, जो यह बात साबित कर रहे थे कि वह रहस्यमय साया ऑफिसर रैंक का है। सुयश ने ध्यान से उस कपड़े को देखा। कॉलर के साथ शर्ट की बांई जेब भी थी। जो कि फट कर उस टुकड़े के साथ में आ गई थी।
उस नीम अंधेरे में भी जेब के ऊपर लगी नेम प्लेट साफ चमक रही थी। सुयश ने धड़कते दिल से उस बैच को उजाले में ला कर देखा।
उस पर जो नाम लिखा था, वो सुयश तो क्या, किसी के भी दिल की धड़कन रोकने के लिए पर्याप्त था______।
जारी रहेगा_________