यह मेरी नई कहानी है यह पूर्णतः काल्पनिक हैं और इसका असल जिंदगी से कोई लेना देना नहीं है यह केवल मनोरंजन के लिए है तो अपने विचारों पर काबू रखे और सिर्फ कहानी समझ कर पढे
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मेरा नाम शाहिद है और मै अपने परिवार के साथ यूपी के लखनऊ में रहता हू मेरी फैमिली बहुत पढी लिखी फैमिली है और सब अच्छे पढे लिखे हैं मेरी परिवार में 6 लोग है
दादी- रिहाना बेगम उम्र 60 साल
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डैड - फरहान डाक्टर है उम्र 46
अम्मी - मुस्कान यह भी डाक्टर है देखने मे बहुत सुन्दर है उम्र 44
जन्नत- बडी बहन उम्र- 23 कंपनी मे जाब करती है
फिजा- छोटी बहन उम्र 18 स्कूल मे है
मै- शाहिद मै भी मेडिकल कर रहा हूँ उम्र 21
तो कहानी को शुरू करते है हमारे घर मे सब ठीक ठाक चल रहा था
सुबह
अम्मी- जन्नत तैयार हो गई जल्दी आ तेरा टिफ़िन रैंडी है
जन्नत- यश अम्मी आई
फिजा- अम्मी मेरा टिफ़िन स्कूल के लिए लेट हो रही हू
अम्मी - यह ले खुद लेट करती है और तेरे कारण मुझे भी हास्पीटल के लिए लेट हो जाता है और पढाई पर ध्यान दे अगले साल मेडिकल एंट्रेंस के लिए तैयारी भी करनी है
फिजा- जी अम्मी
फिर मै आया
मै - गुड मार्निग अम्मी
अम्मी- गुड मार्निग बेटा
मै - डैड कहा है
अम्मी- वो तो सुबह ही हॉस्पिटल चले गए एक इमरजेन्सी थी तू नाश्ता कर तुझे भी लेट हो रहा होगा
फिजा- अब भाई को नही बोलोगी की लेट करता है वो तो सगा बेटा है न हमे तो उठा के लाई हो
अम्मी- चल चुप वो रात में पढ रहा था इसलिए लेट हुआ और तू मोबाइल चला रही थी तुझे क्या लगा मुझे पता नही मा हू तुम लोगों की
मै- अम्मी कल आपकी और डेड की सालगिरह है न तो पार्टी का क्या है
अम्मी- तेरे डेड ने रखी तो है
मै - दादी कहा है
अम्मी- जानता तो है उन्हें मौलवी के पास गई है दुआ करवाने और इन्वाइट करने कल के लिए
मै- वो भी न ज्यादा इन सब मे रहती है क्या जरूरत है उन लोगों खो बुलाने की
अम्मी- क्या करे तेरे डेड मै कई बार कहा पर वो कहा मानती है चल रहने दे
मै- वो मेरे कई दोस्त भी आएंगे जो अलग है
अम्मी- मेरे भी तो सब अलग है पर क्या करे बडी है वो और थोडा कौम को भी देखना पडता बरना बेटीओ की शादी कैसे होगी और भी चीजे है
फिर मै कालेज और फिजा स्कूल चली गई और अम्मी और आपा अपने काम पर