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Incest हलाला - बेटे के साथ

Story sirf mom son ke bich ho ya or bhi shadi ho

  • Sirf mom son

    Votes: 234 86.0%
  • Jannat or dad ki shaadi

    Votes: 36 13.2%
  • Dadi or dad ki shaadi

    Votes: 37 13.6%

  • Total voters
    272
  • Poll closed .

Sauravb

Victory 💯
8,103
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174
One suggestion bro tum hero ki bua ko bhi story me add karo
 

Nasn

Well-Known Member
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158
ज़न्नत का मज़ा आ रहा है थ्रेड में.....
 

Nasn

Well-Known Member
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हलाला मा बेटे का हो
बाप अपनी बेटी ज़न्नत की
ज़न्नत लूटे.....
 
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Reactions: Justdo
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218
जैसा कि स्टोरी का टाइटल है , मुस्कान को अपने पति से तलाक लेकर किसी दूसरे इंसान से निकाह करना होगा और वो इंसान और कोई नहीं बल्कि उसका बेटा ही होगा ।
इसके बाद वो अपने बेटे से तलाक लेकर अपने पूर्व पति से निकाह कर सकती है ।
हलाला के बाद मुस्कान का रिलेशन सभी के साथ बदलने वाला ही लगता है । अपने पति के साथ , अपने पुत्र के साथ , अपनी बेटियों के साथ .... रिश्ते नाते सब कुछ बदल जाने वाले हैं ।

बढ़िया लिख रहे हैं आप । किसी रीडर्स के फरमाइश पर ध्यान न देकर आप अपने सोच के अनुसार इसे लिखें । स्टोरी में इरोटिका और वासना का काफी स्कोप है ।

आउटस्टैंडिंग अपडेट ब्रदर ।
 

Justdo

Member
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1,050
93
Update 5



फिर दादी ने कहा कल सुबह बात करते है तो अम्मी डेड अपने कमरे मे जाने लगे तो दादी ने कहा देखो अब तुम दोनों का तलाक हो गया है तो अब तुम्हारा एक कमरे मे रहना मुनासिब नहीं है मुस्कान तुम फिजा के कमरे मे जाकर सो जाओ
फिर अम्मी फिजा के कमरे मे चली गई और डेड अपने कमरे में मगर नींद किसी को नही आ रही थी
तो फिजा ने अम्मी से पूछा
अम्मी क्या हुआ है यह क्या कह रहे थे की तलाक हो गया है आप दोनों का
उतने मे मै और आपा भी आ गए
आपा - अम्मी यह सब क्या है और ऐसे थोड़ी न तलाक हो जाता है कुछ भी अंधविश्वास लगा रखा है
मै- हा अम्मी मै तो पहले ही कहता था की इन सब के चक्कर मे न पडोसी मगर दादी के कारण
इतने मै अम्मी थोडा उदास भाव से - क्या कर सकते है जो लिखा है वो तो होगा ही अब कोई रास्ता भी नही है आखिर दो बेटियों की मा हू अगर फैसला माना नही तो इनकी जिंदगी भी तवाह हो जाएगी
आपा - पर क्यू आप डाक्टर होकर ऐसी अंधविश्वासों को मान रही हो
अम्मी- परिवार के कारण करना पडेगा बेटा
फिजा - तो अम्मी क्या आप हमे छोडकर चली जाओगी
यह सुनकर अम्मी रोने लगी और मैंने उनको चुप कराया
अम्मी- तुम लोग फिक्र मत करो कोई रास्ता निकालेगा तेरे डेड तुम लोग जाकर सो जाओ कल तुम लोगों को स्कूल कालेज और आफिस भी जाना है
फिर हम अपने कमरे मे चले गए और अम्मी ने फिजा को भी सुला दिया
वहा डेड अपने कमरे मे मे टेंशन में बैठे थे
डेड- (मन मे) यह गुस्से में मैंने क्या कर दिया पूरा परिवार बिखर जाएगा मेरा जिससे इतना प्यार करता था उसे ही तलाक क्या हो गया मुझसे
उतने मे दादी डेड के पास आई
दादी- बेटा सोया नही
डेड- रोते हुए कैसे सोऊँ अम्मी मेरे से यह क्या गुनाह हो गया मेरे गुस्से के कारण मेरा परिवार बिखर गया है और मुस्कान को भी यह सब झूलना पडेगा वो तो टूट ही जाएगी
दादी- अब जो हो गया उसे बदल तो नही सकते मगर जो हो सकता है वो तो कर ही सकते है अब हमे मुस्कान का हलाला कराकर फिर उसका तलाक कराकर तेरे साथ फिर से निकाह कराना होगा
डेड- पर कैसे अम्मी किसी और से निकाह मतलब की वो किसी और की बीबी बन जाएगी और उसे कुछ दिन उसकी बीबी बनकर रहना होगा और उसे पूरी तरह से बीबी का फर्ज निभाना होगा इससे तो मुस्कान टूट जाएगी और कोई अगर धोखा दे दे और तलाक न दे तो फिर क्या मुस्कान के साथ हमारा परिवार भी बरबाद हो जाएगा
दादी- हा बेटा यह तो है मगर क्या करे हमारे घर मे तेरा कोई भाई भी नही है जिसमें भरोसा कर सके और कोई बिना शादी शुदा मर्द भी नही है पहचान मे जो बिल्कुल ही भरोसेमंद हो
डेड- हा वही तो और मुझे मुस्कान की बहुत परवाह है अगर जो राजी हुआ और बाद मे उसपर जुल्म किया तो और तलाक नही दिया तो
दादी- तो वो बडे मौलवी साहब
डेड- अम्मी मैंने उनके बारे मे सुना है की वो कोई खूबसूरत औरत ढूढ रहे है शादी के लिए मै उन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं कर सकता
दादी- तो कुछ सोच कल का वक्त है हमारे पास वरना मुस्कान को घर छोडकर जाना ही होगा क्यूकि कल सबको पता चल जाएगा समाज मे खी तुम्हारा तलाक हो गया है
डेड- ठीक है मै सोचता हूँ
दादी- जो भी सोचना मगर के बारे मे सोचना
फिर दादी अपने कमरे मे जाकर सो गई और डेड सोचते हुए पता नही कब सो गए
ऐसे ही सुबह हो गई है सब उठ गए और अम्मी रोज की तरह किचिन मे खाना बनाने लगी और हमारा टिफ़िन लगाने लगी मगर वो बहुत उदास थी दादी भी हाल मे बैठकर सोच मे डूबी थी
डेड भी आज हॉस्पिटल नहो गए थे और टेंशन में थे
आपा अम्मी के पास किचिन मे गई
आपा- आप ठीक तो हो न अम्मी
अम्मी- मै ठीक हू
आपा आप कहो तो मै आज छुट्टी ले लेती हू
अम्मी- नही तू जा अपना नुकसान नहीं कर मेरे कारण और तू यहा रहकर क्या कर लेगी सब सोच तो रहे ही है फिर आपा टिफ़िन लेकर आफिस चली गई और फिजा भी स्कूल चली गई
मै- अम्मी मै रूक जाता मगर मेरे एक्साम शुरू होने वाले है और आज से प्रक्टिकल शुरू हो रहे है मगर आप फिक्र मत करो मे जल्दी आ जाऊंगा
अम्मी- तू जा और पढाई पर ध्यान दे
फिर मै डेड और दादी से मिलकर कालेज चला गया
फिर अम्मी बाहर हाल मे आई तो उनकः चेहरे पर एक उदासी थी

images-18

दादी- कुछ सोचा तुमने बेटा क्या करना है
डेड- क्या सोचू कुछ समझ नही आ रहा है मुस्कान सारी मेरे कारण तुम्हें यह सब फेस करना पड रहा है
अम्मी- गलती मेरी भी है अगर मे ही अपने गुस्से को काबू कर लेती तो बात इतनी आगे बढती ही नही
दादी- अब क्या करे ये सोचो क्यू की अब एक ही रास्ता बचा है हलाला
डेड- पर मुस्कान का क्या
अम्मी- अब क्या करे मै अपने बच्चों को और परिवार को नही टूटने दे सकती मै राजी तो नही हू मगर भारी मन से मै अपने परिवार के लिए यह भी कर लूंगी
दादी- मुस्कान तुम बहुत परिवार परस्त हो मुझे बहुत नाजुक है तुम पर
डेड- पर मुस्कान
अम्मी- अब क्या करे जो किया है उसे तो भुगतान ही पडेगा
डेड- पर कौन राजी होगा और कोई भरोसेमंद भी नही है आम तौर पर हलाला घर के ही किसी मर्द के साथ होता है मगर हमारे गर मे मेरा कोई भाई है ही नही यहा तक की को ई चचेरा भाई भी नही है
दादी- कुछ तो करना ही पडेगा आज बस का वक्त है हमारे पास
इतने मे नानी नाना और मामा मामी भी आ गए
नानी - बेटी यह क्या हो गया
नानी को देखकर अम्मी उनके गले लग गई और रोने लगी तो मामी और मामा उन्हें शांत कराने लगे फिर सब बैठ गए
नाना - दामाद जी यह क्या कर दिया आपने
दादी- आपको कैसे पता चला
नानी- हमे क्या पूरे समाज को पता चल गया है आपने ये क्यू किया
डेड- वो लडाई मे गुस्से में निकल गया
मामा - जीजाजी आपने यह सही नही किया अब मेरी बहन का क्या होगा
दादी- एक रास्ता है
नाना- मैने भी मौलवी साहब से पूछा है की एक रास्ता
है हलाला
दादी- हा पर कोई हो तो भरोसेमंद
नानी- आपके गर मे कोई दामाद जी का कुंवारा या तलकशुदा भाई नही है
दादी- नही है मौलवी जी ने बडे मौलवी साहब का नाम सुझाया है मगर यह कह रहा है की वो भरोसेमंद नही है
मामा- तो फिर क्या करे
नानी- तो मुस्कान को हम अपने साथ ले छाते है और सोचो किसी और से निकाह करके उसकी बीबी बनना और उसके साथ लगातार हमबिस्तर स
होना कितना दर्ददायक होगा मुस्काने तन और मन दोनों के लिए वो तो टूट ही जाएगी
नाना- पर इसका परिवार है दो बेटियां है एक बेटा है उसका क्या
अम्मी- आप रहने दो अम्मी अब जो गुनाह किया है उसकी सजा तो भुगतनी ही पडेगी
मामा- पर बहन
नानी- तो कोई हो भी तो ऐसा जिस पर भरोसा कर सके
फिर सब सोचने लगे उतने मे बुआ फूफा भी आ गए
बुआ - अम्मी यह क्या हो गया है भाई जान ने यह क्या कर दिया
फूफा - भाई जान यह गलत किया आपने मुस्कान बहन के साथ
फिर दादी ने उन्हें सब समझाया फिर सबने तय किया की शाम को कुछ सोचकर तय करेगे की क्या कर ना है और सब अपने अपने कमरे मे चले गए
 

Alka Sharma

New Member
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Update 5



फिर दादी ने कहा कल सुबह बात करते है तो अम्मी डेड अपने कमरे मे जाने लगे तो दादी ने कहा देखो अब तुम दोनों का तलाक हो गया है तो अब तुम्हारा एक कमरे मे रहना मुनासिब नहीं है मुस्कान तुम फिजा के कमरे मे जाकर सो जाओ
फिर अम्मी फिजा के कमरे मे चली गई और डेड अपने कमरे में मगर नींद किसी को नही आ रही थी
तो फिजा ने अम्मी से पूछा
अम्मी क्या हुआ है यह क्या कह रहे थे की तलाक हो गया है आप दोनों का
उतने मे मै और आपा भी आ गए
आपा - अम्मी यह सब क्या है और ऐसे थोड़ी न तलाक हो जाता है कुछ भी अंधविश्वास लगा रखा है
मै- हा अम्मी मै तो पहले ही कहता था की इन सब के चक्कर मे न पडोसी मगर दादी के कारण
इतने मै अम्मी थोडा उदास भाव से - क्या कर सकते है जो लिखा है वो तो होगा ही अब कोई रास्ता भी नही है आखिर दो बेटियों की मा हू अगर फैसला माना नही तो इनकी जिंदगी भी तवाह हो जाएगी
आपा - पर क्यू आप डाक्टर होकर ऐसी अंधविश्वासों को मान रही हो
अम्मी- परिवार के कारण करना पडेगा बेटा
फिजा - तो अम्मी क्या आप हमे छोडकर चली जाओगी
यह सुनकर अम्मी रोने लगी और मैंने उनको चुप कराया
अम्मी- तुम लोग फिक्र मत करो कोई रास्ता निकालेगा तेरे डेड तुम लोग जाकर सो जाओ कल तुम लोगों को स्कूल कालेज और आफिस भी जाना है
फिर हम अपने कमरे मे चले गए और अम्मी ने फिजा को भी सुला दिया
वहा डेड अपने कमरे मे मे टेंशन में बैठे थे
डेड- (मन मे) यह गुस्से में मैंने क्या कर दिया पूरा परिवार बिखर जाएगा मेरा जिससे इतना प्यार करता था उसे ही तलाक क्या हो गया मुझसे
उतने मे दादी डेड के पास आई
दादी- बेटा सोया नही
डेड- रोते हुए कैसे सोऊँ अम्मी मेरे से यह क्या गुनाह हो गया मेरे गुस्से के कारण मेरा परिवार बिखर गया है और मुस्कान को भी यह सब झूलना पडेगा वो तो टूट ही जाएगी
दादी- अब जो हो गया उसे बदल तो नही सकते मगर जो हो सकता है वो तो कर ही सकते है अब हमे मुस्कान का हलाला कराकर फिर उसका तलाक कराकर तेरे साथ फिर से निकाह कराना होगा
डेड- पर कैसे अम्मी किसी और से निकाह मतलब की वो किसी और की बीबी बन जाएगी और उसे कुछ दिन उसकी बीबी बनकर रहना होगा और उसे पूरी तरह से बीबी का फर्ज निभाना होगा इससे तो मुस्कान टूट जाएगी और कोई अगर धोखा दे दे और तलाक न दे तो फिर क्या मुस्कान के साथ हमारा परिवार भी बरबाद हो जाएगा
दादी- हा बेटा यह तो है मगर क्या करे हमारे घर मे तेरा कोई भाई भी नही है जिसमें भरोसा कर सके और कोई बिना शादी शुदा मर्द भी नही है पहचान मे जो बिल्कुल ही भरोसेमंद हो
डेड- हा वही तो और मुझे मुस्कान की बहुत परवाह है अगर जो राजी हुआ और बाद मे उसपर जुल्म किया तो और तलाक नही दिया तो
दादी- तो वो बडे मौलवी साहब
डेड- अम्मी मैंने उनके बारे मे सुना है की वो कोई खूबसूरत औरत ढूढ रहे है शादी के लिए मै उन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं कर सकता
दादी- तो कुछ सोच कल का वक्त है हमारे पास वरना मुस्कान को घर छोडकर जाना ही होगा क्यूकि कल सबको पता चल जाएगा समाज मे खी तुम्हारा तलाक हो गया है
डेड- ठीक है मै सोचता हूँ
दादी- जो भी सोचना मगर के बारे मे सोचना
फिर दादी अपने कमरे मे जाकर सो गई और डेड सोचते हुए पता नही कब सो गए
ऐसे ही सुबह हो गई है सब उठ गए और अम्मी रोज की तरह किचिन मे खाना बनाने लगी और हमारा टिफ़िन लगाने लगी मगर वो बहुत उदास थी दादी भी हाल मे बैठकर सोच मे डूबी थी
डेड भी आज हॉस्पिटल नहो गए थे और टेंशन में थे
आपा अम्मी के पास किचिन मे गई
आपा- आप ठीक तो हो न अम्मी
अम्मी- मै ठीक हू
आपा आप कहो तो मै आज छुट्टी ले लेती हू
अम्मी- नही तू जा अपना नुकसान नहीं कर मेरे कारण और तू यहा रहकर क्या कर लेगी सब सोच तो रहे ही है फिर आपा टिफ़िन लेकर आफिस चली गई और फिजा भी स्कूल चली गई
मै- अम्मी मै रूक जाता मगर मेरे एक्साम शुरू होने वाले है और आज से प्रक्टिकल शुरू हो रहे है मगर आप फिक्र मत करो मे जल्दी आ जाऊंगा
अम्मी- तू जा और पढाई पर ध्यान दे
फिर मै डेड और दादी से मिलकर कालेज चला गया
फिर अम्मी बाहर हाल मे आई तो उनकः चेहरे पर एक उदासी थी

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दादी- कुछ सोचा तुमने बेटा क्या करना है
डेड- क्या सोचू कुछ समझ नही आ रहा है मुस्कान सारी मेरे कारण तुम्हें यह सब फेस करना पड रहा है
अम्मी- गलती मेरी भी है अगर मे ही अपने गुस्से को काबू कर लेती तो बात इतनी आगे बढती ही नही
दादी- अब क्या करे ये सोचो क्यू की अब एक ही रास्ता बचा है हलाला
डेड- पर मुस्कान का क्या
अम्मी- अब क्या करे मै अपने बच्चों को और परिवार को नही टूटने दे सकती मै राजी तो नही हू मगर भारी मन से मै अपने परिवार के लिए यह भी कर लूंगी
दादी- मुस्कान तुम बहुत परिवार परस्त हो मुझे बहुत नाजुक है तुम पर
डेड- पर मुस्कान
अम्मी- अब क्या करे जो किया है उसे तो भुगतान ही पडेगा
डेड- पर कौन राजी होगा और कोई भरोसेमंद भी नही है आम तौर पर हलाला घर के ही किसी मर्द के साथ होता है मगर हमारे गर मे मेरा कोई भाई है ही नही यहा तक की को ई चचेरा भाई भी नही है
दादी- कुछ तो करना ही पडेगा आज बस का वक्त है हमारे पास
इतने मे नानी नाना और मामा मामी भी आ गए
नानी - बेटी यह क्या हो गया
नानी को देखकर अम्मी उनके गले लग गई और रोने लगी तो मामी और मामा उन्हें शांत कराने लगे फिर सब बैठ गए
नाना - दामाद जी यह क्या कर दिया आपने
दादी- आपको कैसे पता चला
नानी- हमे क्या पूरे समाज को पता चल गया है आपने ये क्यू किया
डेड- वो लडाई मे गुस्से में निकल गया
मामा - जीजाजी आपने यह सही नही किया अब मेरी बहन का क्या होगा
दादी- एक रास्ता है
नाना- मैने भी मौलवी साहब से पूछा है की एक रास्ता
है हलाला
दादी- हा पर कोई हो तो भरोसेमंद
नानी- आपके गर मे कोई दामाद जी का कुंवारा या तलकशुदा भाई नही है
दादी- नही है मौलवी जी ने बडे मौलवी साहब का नाम सुझाया है मगर यह कह रहा है की वो भरोसेमंद नही है
मामा- तो फिर क्या करे
नानी- तो मुस्कान को हम अपने साथ ले छाते है और सोचो किसी और से निकाह करके उसकी बीबी बनना और उसके साथ लगातार हमबिस्तर स
होना कितना दर्ददायक होगा मुस्काने तन और मन दोनों के लिए वो तो टूट ही जाएगी
नाना- पर इसका परिवार है दो बेटियां है एक बेटा है उसका क्या
अम्मी- आप रहने दो अम्मी अब जो गुनाह किया है उसकी सजा तो भुगतनी ही पडेगी
मामा- पर बहन
नानी- तो कोई हो भी तो ऐसा जिस पर भरोसा कर सके
फिर सब सोचने लगे उतने मे बुआ फूफा भी आ गए
बुआ - अम्मी यह क्या हो गया है भाई जान ने यह क्या कर दिया
फूफा - भाई जान यह गलत किया आपने मुस्कान बहन के साथ
फिर दादी ने उन्हें सब समझाया फिर सबने तय किया की शाम को कुछ सोचकर तय करेगे की क्या कर ना है और सब अपने अपने कमरे मे चले गए
Nice👌
 
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फिर दादी ने कहा कल सुबह बात करते है तो अम्मी डेड अपने कमरे मे जाने लगे तो दादी ने कहा देखो अब तुम दोनों का तलाक हो गया है तो अब तुम्हारा एक कमरे मे रहना मुनासिब नहीं है मुस्कान तुम फिजा के कमरे मे जाकर सो जाओ
फिर अम्मी फिजा के कमरे मे चली गई और डेड अपने कमरे में मगर नींद किसी को नही आ रही थी
तो फिजा ने अम्मी से पूछा
अम्मी क्या हुआ है यह क्या कह रहे थे की तलाक हो गया है आप दोनों का
उतने मे मै और आपा भी आ गए
आपा - अम्मी यह सब क्या है और ऐसे थोड़ी न तलाक हो जाता है कुछ भी अंधविश्वास लगा रखा है
मै- हा अम्मी मै तो पहले ही कहता था की इन सब के चक्कर मे न पडोसी मगर दादी के कारण
इतने मै अम्मी थोडा उदास भाव से - क्या कर सकते है जो लिखा है वो तो होगा ही अब कोई रास्ता भी नही है आखिर दो बेटियों की मा हू अगर फैसला माना नही तो इनकी जिंदगी भी तवाह हो जाएगी
आपा - पर क्यू आप डाक्टर होकर ऐसी अंधविश्वासों को मान रही हो
अम्मी- परिवार के कारण करना पडेगा बेटा
फिजा - तो अम्मी क्या आप हमे छोडकर चली जाओगी
यह सुनकर अम्मी रोने लगी और मैंने उनको चुप कराया
अम्मी- तुम लोग फिक्र मत करो कोई रास्ता निकालेगा तेरे डेड तुम लोग जाकर सो जाओ कल तुम लोगों को स्कूल कालेज और आफिस भी जाना है
फिर हम अपने कमरे मे चले गए और अम्मी ने फिजा को भी सुला दिया
वहा डेड अपने कमरे मे मे टेंशन में बैठे थे
डेड- (मन मे) यह गुस्से में मैंने क्या कर दिया पूरा परिवार बिखर जाएगा मेरा जिससे इतना प्यार करता था उसे ही तलाक क्या हो गया मुझसे
उतने मे दादी डेड के पास आई
दादी- बेटा सोया नही
डेड- रोते हुए कैसे सोऊँ अम्मी मेरे से यह क्या गुनाह हो गया मेरे गुस्से के कारण मेरा परिवार बिखर गया है और मुस्कान को भी यह सब झूलना पडेगा वो तो टूट ही जाएगी
दादी- अब जो हो गया उसे बदल तो नही सकते मगर जो हो सकता है वो तो कर ही सकते है अब हमे मुस्कान का हलाला कराकर फिर उसका तलाक कराकर तेरे साथ फिर से निकाह कराना होगा
डेड- पर कैसे अम्मी किसी और से निकाह मतलब की वो किसी और की बीबी बन जाएगी और उसे कुछ दिन उसकी बीबी बनकर रहना होगा और उसे पूरी तरह से बीबी का फर्ज निभाना होगा इससे तो मुस्कान टूट जाएगी और कोई अगर धोखा दे दे और तलाक न दे तो फिर क्या मुस्कान के साथ हमारा परिवार भी बरबाद हो जाएगा
दादी- हा बेटा यह तो है मगर क्या करे हमारे घर मे तेरा कोई भाई भी नही है जिसमें भरोसा कर सके और कोई बिना शादी शुदा मर्द भी नही है पहचान मे जो बिल्कुल ही भरोसेमंद हो
डेड- हा वही तो और मुझे मुस्कान की बहुत परवाह है अगर जो राजी हुआ और बाद मे उसपर जुल्म किया तो और तलाक नही दिया तो
दादी- तो वो बडे मौलवी साहब
डेड- अम्मी मैंने उनके बारे मे सुना है की वो कोई खूबसूरत औरत ढूढ रहे है शादी के लिए मै उन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं कर सकता
दादी- तो कुछ सोच कल का वक्त है हमारे पास वरना मुस्कान को घर छोडकर जाना ही होगा क्यूकि कल सबको पता चल जाएगा समाज मे खी तुम्हारा तलाक हो गया है
डेड- ठीक है मै सोचता हूँ
दादी- जो भी सोचना मगर के बारे मे सोचना
फिर दादी अपने कमरे मे जाकर सो गई और डेड सोचते हुए पता नही कब सो गए
ऐसे ही सुबह हो गई है सब उठ गए और अम्मी रोज की तरह किचिन मे खाना बनाने लगी और हमारा टिफ़िन लगाने लगी मगर वो बहुत उदास थी दादी भी हाल मे बैठकर सोच मे डूबी थी
डेड भी आज हॉस्पिटल नहो गए थे और टेंशन में थे
आपा अम्मी के पास किचिन मे गई
आपा- आप ठीक तो हो न अम्मी
अम्मी- मै ठीक हू
आपा आप कहो तो मै आज छुट्टी ले लेती हू
अम्मी- नही तू जा अपना नुकसान नहीं कर मेरे कारण और तू यहा रहकर क्या कर लेगी सब सोच तो रहे ही है फिर आपा टिफ़िन लेकर आफिस चली गई और फिजा भी स्कूल चली गई
मै- अम्मी मै रूक जाता मगर मेरे एक्साम शुरू होने वाले है और आज से प्रक्टिकल शुरू हो रहे है मगर आप फिक्र मत करो मे जल्दी आ जाऊंगा
अम्मी- तू जा और पढाई पर ध्यान दे
फिर मै डेड और दादी से मिलकर कालेज चला गया
फिर अम्मी बाहर हाल मे आई तो उनकः चेहरे पर एक उदासी थी

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दादी- कुछ सोचा तुमने बेटा क्या करना है
डेड- क्या सोचू कुछ समझ नही आ रहा है मुस्कान सारी मेरे कारण तुम्हें यह सब फेस करना पड रहा है
अम्मी- गलती मेरी भी है अगर मे ही अपने गुस्से को काबू कर लेती तो बात इतनी आगे बढती ही नही
दादी- अब क्या करे ये सोचो क्यू की अब एक ही रास्ता बचा है हलाला
डेड- पर मुस्कान का क्या
अम्मी- अब क्या करे मै अपने बच्चों को और परिवार को नही टूटने दे सकती मै राजी तो नही हू मगर भारी मन से मै अपने परिवार के लिए यह भी कर लूंगी
दादी- मुस्कान तुम बहुत परिवार परस्त हो मुझे बहुत नाजुक है तुम पर
डेड- पर मुस्कान
अम्मी- अब क्या करे जो किया है उसे तो भुगतान ही पडेगा
डेड- पर कौन राजी होगा और कोई भरोसेमंद भी नही है आम तौर पर हलाला घर के ही किसी मर्द के साथ होता है मगर हमारे गर मे मेरा कोई भाई है ही नही यहा तक की को ई चचेरा भाई भी नही है
दादी- कुछ तो करना ही पडेगा आज बस का वक्त है हमारे पास
इतने मे नानी नाना और मामा मामी भी आ गए
नानी - बेटी यह क्या हो गया
नानी को देखकर अम्मी उनके गले लग गई और रोने लगी तो मामी और मामा उन्हें शांत कराने लगे फिर सब बैठ गए
नाना - दामाद जी यह क्या कर दिया आपने
दादी- आपको कैसे पता चला
नानी- हमे क्या पूरे समाज को पता चल गया है आपने ये क्यू किया
डेड- वो लडाई मे गुस्से में निकल गया
मामा - जीजाजी आपने यह सही नही किया अब मेरी बहन का क्या होगा
दादी- एक रास्ता है
नाना- मैने भी मौलवी साहब से पूछा है की एक रास्ता
है हलाला
दादी- हा पर कोई हो तो भरोसेमंद
नानी- आपके गर मे कोई दामाद जी का कुंवारा या तलकशुदा भाई नही है
दादी- नही है मौलवी जी ने बडे मौलवी साहब का नाम सुझाया है मगर यह कह रहा है की वो भरोसेमंद नही है
मामा- तो फिर क्या करे
नानी- तो मुस्कान को हम अपने साथ ले छाते है और सोचो किसी और से निकाह करके उसकी बीबी बनना और उसके साथ लगातार हमबिस्तर स
होना कितना दर्ददायक होगा मुस्काने तन और मन दोनों के लिए वो तो टूट ही जाएगी
नाना- पर इसका परिवार है दो बेटियां है एक बेटा है उसका क्या
अम्मी- आप रहने दो अम्मी अब जो गुनाह किया है उसकी सजा तो भुगतनी ही पडेगी
मामा- पर बहन
नानी- तो कोई हो भी तो ऐसा जिस पर भरोसा कर सके
फिर सब सोचने लगे उतने मे बुआ फूफा भी आ गए
बुआ - अम्मी यह क्या हो गया है भाई जान ने यह क्या कर दिया
फूफा - भाई जान यह गलत किया आपने मुस्कान बहन के साथ
फिर दादी ने उन्हें सब समझाया फिर सबने तय किया की शाम को कुछ सोचकर तय करेगे की क्या कर ना है और सब अपने अपने कमरे मे चले गए
Bahut khoob bhai maza agaya 😍😍😍😍
 
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