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देवा और पप्पू बात करते है।
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Gifअपडेट 2
देवा;जब घर पहुंचा तो शाम के 5 बज रहे थे।
समने चारपाई पे देवा की माँ रत्ना और एक औरत जिसकी पीठ दरवाज़े के तरफ थी बैठी हुए थे।
देवा;उनके पास जाता है।
रत्ना;आ गये बेटा हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाके लाती हूँ।
वो औरत जो सेठ हिम्मत राव के घर की नौकरानी पदमा थी।
सर घुमा के देवा की तरफ देखती है।
गोरा चिट्टा भरा भरा बदन।
पदमा;देवा मुझे जागिरदार साहब ने भेजा है तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए । कुछ काम है सेठ को शायद तुमसे।
देवा;ठीक है काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।
पदमा की नज़रें किसी एक्स रे मशीन की तरह थी वो देवा को पहली नज़र में ही पहचान गई थी के लौंडा काम का है।
देवा घर में चला जाता है।
रत्ना;उसके पीछे पीछे अंदर आ जाती है।
क्या बात है देवा जागिरदार साहब को क्या काम आ गया तुझसे।
देवा;पता नहीं माँ देख के आता हूँ तभी पता चलेंगा ना।
रत्ना;मुझे तो वो हवेली और वहां के लोगों से बड़ा डर लगता है बडी गंदी नज़र हैं उन लोगों की तू जल्दी घर आ जाना बेटा।
देवा;अपनी माँ रत्ना के तरफ देखता है ।
सफेद साडी में उसके ब्रैस्ट सामने की तरफ तने हुए थे
पेट एकदम गोरा गोरा और उसमें क़यामत मचाते हुए उसकी नाभी।
देवा;की नियत आज कल हर किसी पे इसी तरह ख़राब हो जाती थी वो ये भी नहीं सोचता की सामने उसकी माँ खडी है।