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Incest हुस्न की परियाँ

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सुमन

#masti_
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002: बर्थडे और सपने

रोहन और रूही बात करते हुए पहुंच गए। उन्होंने देखा की वहा कोई नही है।

उन्होंने देखा की उनके घर में कोई लाइट नही जल रही है। उनको बहुत ही डर लगने लगा।

खैर अभी इस इलाके में बिजली की सुविधा नही है। तो ये लोग मोमबत्ती और लालटेन ही जलते थे।

रोहन: क्या हुआ नेहा तो घर ही आने वाली थी ना?

रूही: हा उसके पास चाभी भी थी घर की। पता नही कहा है?

रोहन: पहले घर चलकर ही देखते है। कही कुछ हुआ तो नही उसे?

रूही और रोहन दोनो गेट खोलकर अंदर घुसते है। अंदर बहुत ही अंधेरा था। जैसे ही अंदर घुसते है। एकाएक मोंबतिया जलने लगती है। उन्होंने देखा की नेहा के साथ उसकी सहेली रिया, नीतू और काजल भी आई हुई है। साथ ही साथ रूही की सहेली मीना, कुमुद और प्रीति भी है। उन्होंने पूरा हाल को सजा रखा है।

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[एक बात बता देता हु! रोहन रूही और नेहा का जन्म एक ही दिन हुआ था।]

रोहन और रूही घर की सजावट देख कर चौक गए तब उन्हे याद आया की आज तो इन तीनों का जन्म दिन है। पिछले तीन साल से उन्होंने जन्म दिन भी अच्छे से नही मनाया था। उनका रोज का काम उन्हे थका कर रख देता था। इस वजह से कभी उन्होंने कोशिश ही नही की।

आज घर को ऐसे सजे देख उनकी आंखों से आंसू आ गए। नेहा दौड़ कर रूही के पास आई। और गले लग कर बोली।

नेहा: हैप्पी बर्थडे दी।

रूही: हैप्पी बर्थडे माय प्रिंसेस।

रोहन भी दोनो को गले लगा लेता है।

रोहन: हैप्पी बर्थडे बोथ ऑफ माय एंजल्स!

रूही और नेहा: हैप्पी बर्थडे भाई।

फिर सभी एक एक कर के तीनो को बर्थडे विश करते है।

रिया: चलो अब केक काटो। मुझे तो केक देखकर मुंह में पानी आ रही है।

रिया को बात सुनकर सभी हसने लगे और माहौल खुशनुमा हो गया। पहले नेहा केक कटकर रोहन और रूही को खिलाती है उसके बाद रूही और रोहन केक काटते है।

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रूही और नेहा सभी को केक खिलाते है। जब सब कुछ खत्म हो गया तो सभी ने मिलकर हॉल को साफ कर दिया। रोहन खाना बनाने का बोलकर किचेन में चला जाता है।

वही रोहन के जाते ही अब वहा केवल लड़किया ही बच जाती है। रिया अपने साथ एलेक्सा लेकर आई हुई थी। उसने उसे मोबाइल से कनेक्ट कर के गाना लगा दिया। मोमबत्ती की मद्धिम रोशनी में हॉल एकदम किसी डीजे की तरह लग रहा था सभी डांस करने लगे।

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रोहन इधर किचन में आकर देखता है। फिर सोचने लगता है क्या बनाए। उसे किचन में चावल और आलू ही दिख रहे थे। उसने और सब कुछ खंगालना शुरू किया। उसने देखा की इन सभी समान से पुलाव और आलू की सब्जी बन सकती है।

उसने सभी समान निकले और पुलाव बनाना शुरू किया। अगर वहा कोई और होता तो रोहन को तेजी देख कर हैरान हो जाता। क्योंकि रोहन इस समय कोई शेफ की तरफ काम कर रहा था। एकदम तेज और सटीक।

करीब पैतालीस मिनट में सब कुछ बनकर रेडी हो गया था।

इधर आधे घंटे तक डांस करने के बाद जब सबकोई थक गया तो रूही ने फिर से हॉल को साफ किया साथ सभी ने मदद की। फिर उन्होंने टेबल और कुर्सी लगा दिया था।

वे लोग बैठकर गप्पे मार रहे थे। वैसे भी यह पर बता दे की नेहा की सहेलियां रिया नीतू और काजल मिडिल क्लास के परिवार से आती है। वे लोग पास ही के मुहल्ले में रहते थे। वहा अक्सर मिडल क्लास के परिवार के लोग रहा करते थे। वही पर मीना कुमुद और प्रीति उन्ही की बस्ती में रहती है।

रोहन रूही को आवाज देता है।

रोहन: दी आ जाओ खाना लेकर चलो।

रूही रोहन की आवाज सुनकर मीना और कुमुद के साथ साथ किचन में आ जाती है। वह रूही के घर से बहुत अच्छे तरीके से जानती थी। वे लोग एक ही मुहल्ले में रहते थे। आना जाना लगा रहता था।

चारो मिलकर खाना और प्लेट ले आए। खाने की खुशबू सूंघकर तो सभी के मुंह में पानी आने लगे थे। खाना रखते ही उन्होंने अपना हाथ चलाना शुरू कर दिया। सभी खुद से निकल कर खाने पर टूट पड़े। रोहन ने खाना थोड़ा अधिक ही बनाया था। उन्होंने पूरे बीस मिनट में पूरा खाना चट कर दिया।

उसके बाद सभी हाथ मुंह धोकर आकार फिर बैठ गए। इस बार रोहन भी उनके साथ था।

रोहन: अच्छा अब तो सबका दसवी का एग्जाम आने वाला है। तो सबने आगे का क्या सोचा है?

रिया: रोहन भैया आप क्या कहना चाह रहे हो?

रोहन: मतलब की इंटर में कौन सा कोर्स लेने वाले हो तुमलोग। साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स या और कुछ।

रिया: भैया मैं तो आर्ट्स लूंगी। साथ में म्यूजिक। मुझे गिटार बजाना बहुत पसंद है।

नीतू: मैं तो साइंस लूंगी, वो भी बायोलॉजी। मुझे डॉक्टर बनना है।

मीना: मैं तो कॉमर्स लूंगी। मुझे अकाउंटेंट बनना है।

कुमुद: मैं भी साइंस लूंगी। आगे का मैने सोचा नहीं है।

सभी: ओह।

काजल: मैं आर्ट्स लूंगी। साथ में मुझे डांस भी पसंद है।

प्रीति: मुझे पता नही है। लेकिन मैं साइंस ही लूंगी मैथ्स से।

नेहा: मैं तो हैकर बनना है। मैं तो साइंस ही लूंगी।

रूही: मुझे एमबीए करना है। मैं साइंस से ही पढूंगी।

रोहन: मैं साइंस लूंगा, बायोलॉजी और मैथ्स दोनो।

रोहन: अच्छा तो कौन कहा जाना चाहता है। वैसे कोई भी मुजफ्फरपुर में रहकर तो पढ़ने का नही सोच रहा न?

सभी: नही!

ऐसे ही सभी कुछ देर पढ़ाई की बात करते रहते है। उसके बाद मस्ती करने लगते है।

रोहन को कुछ याद आता है। वह रिया से पूछता है।

रोहन: रिया यहां कोई ऐसी पार्क है जो सुबह में ओपन रहती है लोगो केलिए। चार - पांच बजे से।

मीना: रोहन तुम करना क्या चाहते हो?

रोहन: कल से मैं रूही और रिया के साथ दौड़ने जाऊंगा चार से पांच बजे तक।

रिया: रोहन भैया हमारी कम्युनिटी के बगल में एक पार्क है वहा रोज सुबह बहुत सारे लोग वहा जाते है।

काजल: क्या मैं भी आ सकती हूं?

रिया: आ जाना! वैसे भी तेरे घर से पास ही है।

बाकी सब: तब तो मैं भी आऊंगी।

रूही: हा अगर हम लोग रोज एक्सरसाइज करेंगे तो फ्रेश रहेंगे।

रात के दस बज चुके थे। अब सब को घर जाना था। रोहन सभी को लेकर घर निकल जाता है। इधर रूही और नेहा घर को साफ करने लगते है।

नेहा: दीदी! आप एमबीए क्यों करना चाहती है।

नेहा को यह बात बहुत खटक रही थी। रूही हमेशा से एक साइंस में इंटरेस्ट था। लेकिन अब वह एमबीए करना चाहती थी।

रूही: नेहा! मैं पापा की कंपनी फिर से हासिल करना चाहती हू। हम बारहवीं केलिए पटना जा रहे है। उसके बाद आगे की पढ़ाई मुंबई में करेंगे।

नेहा: दीदी पापा की कंपनी तो दिल्ली में थी ना?

रूही नेहा को गले लगाकर कहती है: माय लिटिल प्रिंसेस। अगर हम बिना कुछ बने दिल्ली पहुंचे तो हमारे दुश्मन हमे कच्चा चबा जायेंगे।

नेहा: ओह अच्छा। दीदी क्या मैं आपके साथ अपने दुकान पर चल सकती हूं।

रूही: क्यों क्या हुआ? रिया के घर कुछ हुआ क्या?

रूही और रोहन नही चाहती थी की नेहा दुकान पर जाए। नेहा हमेशा से उनकी नजरों में एक बच्ची के जैसी थी। वे नही चाहते थे की समाज की गंदगी उसको देखनी पड़े।

नेहा: दी, रिया के मम्मी और पापा के बीच बनती नही है। वे हमेशा एक दूसरे से झगड़ा करते रहते है। मैं नही चाहती थी की उनके झगड़े के बीच में आऊं।

रूही: ओह! नीतू और काजल के घर?

नेहा: दी नीतू के घर भी वही है। नीतू के पापा हमेशा शराब पीकर आते है और उसकी मां से झगड़ा करते है।

रूही: और काजल के घर? उसके मम्मी पापा तो नही है न?

नेहा: दी काजल के तो मम्मी पापा नही है लेकिन उसका भाई बहुत बड़ा ठड़की है। बहुत ही गंदी नजरो से देखता है।

रूही उसकी बात सुनकर सोच में पर जाती है। ऐसे तो वह नेहा को नहीं लाना चाहती थी अपने साथ दुकान पर लेकिन फिर उसने मन बना लिया की वह रिया को कल से साथ ही ले जायेगी।

रूही: अच्छा बाबा। अब तुमने मन बना लिया है तो मैं तुम्हे ले चलूंगी। लेकिन तुम जाकर करोगी क्या?

नेहा भी सोच में पड़ जाती है उसे खाना बनाना तो आता नही था। तो वह करेगी क्या?

नेहा: दी मैं आप लोगो का अकाउंट मैनेज कर लूंगी। वैसे भी मेरी जैसी सुंदर लड़की को देखकर तो और भी भीड़ इकट्ठी होगी ना?

नेहा यह कहकर हंस देती है। रूही उसकी बात सुनकर मुस्कुरा देती है। रूही को पता था की नेहा बहुत ही शरारती है। उसे यह सब सीखने की भी जरूरत नहीं पड़ती।

रूही: ये सब तुमको किसने बताया।

नेहा: मेरी स्कूल में एक कैंटीन है उसकी मैनेजर एक लड़की है जो सबका ऑर्डर लेती है। मैने लडको के मुंह से सुना है की आधे से ज्यादा लड़के तो उस लड़की को देखने जाते है। वह लड़की भी बहुत ही सेक्सी है।

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रूही: ओह! अच्छा, तो तुम स्कूल में यही सब सीखने जाती हो क्या?

रूही की बात सुनकर नेहा एक पोज मरते हुए बोलती है।

नेहा: ओह! दी, आप कौन से जमाने में जी रही हो यह सब भी कोई सीखने वाली चीज है। ऐसी बात सिखाई नही जाती खुद आ जाती है।

रूही: ओह अच्छा?

नेहा: बुरी बात बहुत जल्दी समझ में आती है दीदी।

रूही: अच्छा मेरी मां! और कुछ भी कहना है तुझे? अगर तुझे इतना ही कहना होता तो कह कर चली गई होती।

नेहा (शरमाते हुए): ओ दी! मैं भाई से बहुत प्यार करती हूं।

नेहा की शर्माना देख रूही समझ गई की नेहा रोहन को भाई बहन से भी ज्यादा प्यार करती है। रूही को इसपर कोई आपत्ति नहीं थी। वह भी रोहन से भाई बहन से भी ज्यादा प्यार करती थी। यह भी जानती थी की नेहा रोहन से प्यार करती है।

रूही(नासमझी में): हा तो! ओ तो मैं भी करती हु।

नेहा (पैर पटकते हुए): दी मैं भाई बहन वाला प्यार नही। एक लड़की लड़के वाला प्यार करती हु!

रूही: ओह!

रूही को ऐसे बिना कोई जवाब देते देख नेहा को कुछ समझ नहीं आता की उसकी दी नाराज है या नही?

नेहा: दी आपने कुछ बोला नहीं!

दोनो ने अबतक बर्तन साफ कर लिए थे और घर की सफाई भी हो गई थी। रूही बेडरूम में आकर बेड पर बैठ गई। वही नेहा उसकी गोद में जाकर सो गई। रूही नेहा का सिर सहलात हुए कहती है।

रूही: नेहा, मैं तुमसे बिल्कुल भी नाराज नही हू। सच कहूं तो मैं भी भाई से प्यार करती हु। लेकिन मुझे समझ नहीं आता की रोहन हमारे बारे में क्या सोचता है?

नेहा रूही की बात सुनकर आवक भी थी और खुश भी। क्योंकि अब उसे अपनी दी से कोई प्रोब्लम नही थी। नेहा अब आराम से रूही की गोद में लेटी हुई थी।

नेहा को रूही का यूं सर सहलाना भी अच्छा लग रहा था। वह वैसे ही लेटी लेटी रूही की कमर में हाथ डाल कर सोने लगती है। कुछ देर पहले डांस करने से वह बहुत थक चुकी थी इसीलिए वह कुछ देर में ही सो जाती है।

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रोहन को बाकी सब लोगो को छोड़ कर आने में करीब पंद्रह मिनट लग जाते है। वह जब घर को लौटा तो उसने खुद की चाभी से घर खोल कर अंदर आया। जब वह बेडरूम में आया तो उसने देखा की नेहा और रूही सो चुके है।

नेहा का सिर रूही की गोद में है और रूही उसके बालो में हाथ फेरते हुए सो गई है। रोहन उनको ऐसे देखकर मुस्कुरा देता है। उसे बचपन की बात याद आ जाती है जब मां तीनों को लेकर ऐसे ही सो जाया करती थी। रोहन को यह सब याद करते हुए आंखो से आंसू आने लगते है।

रोहन जल्द ही अपने अंशुओ को छिपा लेता है। वह जाकर मुंह हाथ धोता है और फिर कपड़े बदल कर सोने के लिए बेडरूम में आ जाता है।

वह आकर रूही और नेहा को सही से सुलाता है। दोनो के माथे पर किस कर के बगल में लेट जाता है।

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WORD COUNT: 1998
THE END
 
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