Story- " शुरुआत: एक अंत की ( एक इन्सेस्ट स्टोरी) "
Writer- Rekha Rani.
कहानी इन्सेस्ट रिलेशनशिप पर आधारित है और यह एक ऐसा विषय है जिससे लोग अक्सर बातें करने से कतराते हैं।
प्रकृति सिर्फ स्त्री और पुरुष पैदा करती है। आत्मा लिंग धारण नही करता। प्रकृति ने ये कभी तय नही किया कि कोई भी पुरुष या स्त्री किसी एक के साथ ही रहें। प्रेम , लोभ , क्रोध , मोह , लालच , द्वेष , संभोग की इच्छा यह सब भी मानव को प्रकृति प्रदत है। अगर इनको नियमन न किया जाए तो हम जानवर ही कहलायेंगे या उससे भी ज्यादा पतित।
इसलिए समय समय पर समाज इनके लिए कुछ नियम बनाता है। इनके लिए भी व्यक्ति और समाज के नियम भिन्न-भिन्न हो सकते है। कोई एक स्त्री से संभोग कर संतुष्ट रह सकता है तो कोई पचास विवाह करके भी संतुष्ट नही हो पाता।
जब मातृसता थी तो बहुपतित्व का प्रचलन था । लम्बे समय तक पितृसता थी तो बहुपत्नीत्व चलन मे था। अब बराबरी का जमाना है तो ये दोनो गलत सिद्ध होते है।
इन्सेस्ट समाज की सच्चाई है। परिपक्व परिवार के सदस्य जो यौवन तक पहुंच चुके है , ऐसे रिश्तों मे प्रवेश करते है। यह पुरी तरह से पारस्परिक सम्बन्ध है जो प्रत्येक पक्ष की सहमती से उत्पन्न होता है।
अपडेट के प्रारम्भ मे मुझे ऐसा लगा जैसे मै रेखा , मिथुन चक्रवर्ती , रति अग्निहोत्री , डैनी अभिनीत फिल्म ' मुझे इंसाफ दो ' पर आधारित कहानी और कोर्ट सीन्स पढ़ने को मिलेगा। शुरुआत बिल्कुल वैसी ही हुई थी। लेकिन बाद मे कहानी इन्सेस्टियस रिलेशनशिप पर केंद्रित हो गई।
कहानी का सबसे मजबूत पक्ष था आप की राइटिंग स्किल , सिडक्सन एवं डिटेल्ड वर्णन। देवनागिरी लिपि के कुछ शब्दों मे थोड़ी सी गलतियां थी।
कहानी के क्लाइमेक्स का मुझे पहले से अंदाजा हो गया था। क्योंकि एक गलत रिश्ते का अन्त दुखद तरीके से ही करना था।
बहुत ही शानदार लिखा है आपने रेखा जी।