कहानी-ट्रिप टू धारकोड
रचनाकार- Niks77kill जी
ये लड़की का चक्कर है बाबू भैया लड़की का चक्कर।
लड़की चीज ही ऐसी है जिसके चक्कर में अच्छी अच्छी और सच्ची दोस्ती भी टूट जाती है। एक लड़की के चक्कर में कितने लड़के बरबाद हो गए। अमन और करण दोनो दोस्त हैं लेकिन जब से रिया ने करण के प्यार को स्वीकार किया तब से अमन करण से ईर्ष्या करने लगा है। इसी ईर्ष्या के चक्कर में उसने करण को जान से मरने की साजिश रच डाली।
लॉकडाउन में दोनो दोस्त धारकोड घूमने का कार्यक्रम बनाते हैं जहां पर अमन ने करण की हत्या कर दी। लेकिन एक बात समझ में नहीं आई जो आपने कहानी के आखिर में लिखी है कि दोनों मर चुके हैं, अगर ऐसा है तो अमन जिंदा कैसे है, करण जिंदा कैसे है। क्या छुपाया जा रहा है हम जैसे मासूम पाठकों से।



कहानी अच्छी है बस एक दो जगह वर्तनी की त्रुटियां हैं जिसमे सुधार की जरूरत है।
रचनाकार- Niks77kill जी
ये लड़की का चक्कर है बाबू भैया लड़की का चक्कर।
लड़की चीज ही ऐसी है जिसके चक्कर में अच्छी अच्छी और सच्ची दोस्ती भी टूट जाती है। एक लड़की के चक्कर में कितने लड़के बरबाद हो गए। अमन और करण दोनो दोस्त हैं लेकिन जब से रिया ने करण के प्यार को स्वीकार किया तब से अमन करण से ईर्ष्या करने लगा है। इसी ईर्ष्या के चक्कर में उसने करण को जान से मरने की साजिश रच डाली।
लॉकडाउन में दोनो दोस्त धारकोड घूमने का कार्यक्रम बनाते हैं जहां पर अमन ने करण की हत्या कर दी। लेकिन एक बात समझ में नहीं आई जो आपने कहानी के आखिर में लिखी है कि दोनों मर चुके हैं, अगर ऐसा है तो अमन जिंदा कैसे है, करण जिंदा कैसे है। क्या छुपाया जा रहा है हम जैसे मासूम पाठकों से।




कहानी अच्छी है बस एक दो जगह वर्तनी की त्रुटियां हैं जिसमे सुधार की जरूरत है।