• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

★☆★ Xforum | Ultimate Story Contest 2025 ~ Reviews Thread ★☆★

Lucifer

Ban Count :- 3798
Staff member
Super-Moderator
9,679
10,173
274
Unfortunately We are facing a server issue which limits most users from posting long posts which is very necessary for USC entries as all of them are above 5-7K words ,we are fixing this issue as I post this but it'll take few days so keeping this in mind the last date of entry thread is increased once again,Entry thread will be closed on 7th May 11:59 PM. And you can still post reviews for best reader's award till 13th May 11:59 PM. Sorry for the inconvenience caused.



Note to writers :- Don't try to post long updates instead post it in 2 Or more posts. Thanks. Regards :- Luci
 

vakharia

Supreme
5,629
15,921
174
कहानी समीक्षा: Ek Alien
लेखक महोदय: RED Ashoka

EA-RA

एक एलियन - देसी ह्यूमर का अंतरिक्षीय धमाल

यह कहानी पैन मसाला साइंस फिक्शन की तरह है – जहाँ गाँव का लाडला पप्पू एक चार हाथ, तीन आँखों, और गुलाब जामुन चबाती दुल्हन से शादी रचा लेता है। लेखक ने देसी कॉमेडी और कल्पना को अच्छे तरीके से ऐसे मिलाया है कि पढ़ते वक्त हंसने की गारंटी है!

"मैं DJ हूँ, NASA नहीं!" जैसे लाइनें कहानी को ओर दिलचस्प बनाती है। पुजारी जी का "ओम ज़ोम ज़ूम ज़रा ज़ुलु!" मंत्र और अखबारों के "क्या दुल्हन की तीसरी आँख से निकलता है WiFi?" जैसे हेडलाइन्स ने कॉमेडी को चरम पर पहुँचा दिया। "प्लैनेटदान" (कन्यादान नहीं!), "एंटी-ग्रैविटी कुकर" जैसे गैजेट्स, और "फ्लाइंग सुहागरात" जैसे सीन ने कहानी को अविस्मरणीय बना दिया। "Pappu 2.0" (तीन कान और UFO हॉर्न वाला बच्चा) का जन्म तो कहानी का "चेरी ऑन द केक" है! शादी के दबाव ("फ्रिज से भी शादी कर लेगा"), देसी माँ-बहू के झगड़े ("मिर्च से टाइम पोर्टल खुल जाता है!"), और न्यूज़ चैनलों की सनसनीखेज हेडलाइन्स ने भारतीय समाज पर करारा व्यंग्य किया है।

कहानी का अंत "चिंटू भाग गया" पर होता है, मगर एलियन अभी और "रिश्तेदारी का जाल" बिछाने आए हैं! रीडर्स को सीक्वल का इंतज़ार रहेगा।

"एक एलियन" उन कहानियों में से है जो "हँसाती है, सोचने पर मजबूर करती है, और दिमाग से गुलाब जामुन चुरा लेती है!" अगर आपको 3 इडियट्स + कोई मिल गया + हम आपके हैं कौन का कॉम्बो पसंद है, तो यह कहानी आपके जरूर पसंद आएगी!
 

THE ETERNITY

शाश्वतम् शिवम् सुंदरम्।
Supreme
237
3,076
124
Thanks
And one question Is 5.5 your lucky number?
5 average ki category mein aajata

6 point jyada horaha tha story ke liye

5.5 is Good for this story
 
354
832
93
कहानी समीक्षा: पीपल की चुड़ैल
लेखक महोदय: dil_he_dil_main



PKC-DHDM

बाल मनोविज्ञान की सुंदर अभिव्यक्ति वाली एक हल्की-फुल्की कहानी

"चुड़ैलें होती नहीं, बनाई जाती हैं — और बच्चे उन्हें अपने मन में पालते हैं।" यही मूल भावना लेकर लेखक dil_he_dil_main ने 'पीपल की चुड़ैल' कहानी रची है.. एक सरल सी लगने वाली कहानी, जो बचपन की कल्पनाओं, डर, जिज्ञासा और साहस का खूबसूरत कोलाज बनकर सामने आती है।

कहानी की सबसे बड़ी ताकत इसकी सहजता और बाल मन की सटीक पकड़ है। मानू और शालू के संवाद, उनकी जिज्ञासा, डर और छोटी-छोटी बातें — सब कुछ बेहद यथार्थवादी और आत्मीय लगता है। संवाद इतने स्वाभाविक हैं कि पाठक स्वयं को मानू या शालू के साथ पीपल के पेड़ के नीचे खड़ा पाता है। मानू का चरित्र विशेष रूप से प्रशंसा के योग्य है। उसका डर धीरे-धीरे साहस और अंततः तर्क में बदलता है। यह परिवर्तन बाल मन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसे लेखक ने बिना ज़रा भी बनावटीपन के बहुत ही परिपक्वता से प्रस्तुत किया है। पीपल का पेड़, उसकी सरसराहट, दोपहर की सुनसान सड़क और उड़ती हुई धूल — इन वर्णनों ने वातावरण को जीवंत बना दिया। कहीं भी लेखक दृश्य की कल्पना थोपते नहीं, बल्कि पाठक को धीरे-धीरे उस दुनिया में ले चलते हैं। पायल के रूप में कहानी को नया मोड़ मिलता है। ये मोड़ ना केवल बच्चों की धारणा तोड़ता है, बल्कि यह दर्शाता है कि डर अक्सर जानकारी के अभाव से जन्म लेता है। इस हिस्से में कहानी में मानवीयता और सहज संवाद की गरमाहट देखने को मिलती है।

कहानी का मध्य भाग, जहाँ बार-बार मानू की जिज्ञासा और पेड़ के पास से गुजरने का वर्णन आता है, थोड़ा दोहराव वाला लगता है। वहाँ थोड़ी संक्षिप्तता होती तो प्रवाह और तीव्र होता। पायल का चरित्र सुंदर और सकारात्मक है, लेकिन कहानी के शीर्षक और शुरुआत में जिस ‘चुड़ैल’ के रहस्य को इतना गाढ़ा किया गया था, उसका पर्दाफाश कुछ अधिक सूझबूझ या गहराई से होता तो कथा और प्रभावी होती। वर्तमान में यह थोड़ा जल्दबाज़ी से हल होता प्रतीत होता है। कुछ जगहों पर विराम चिन्हों या अनावश्यक वाक्य-विस्तार को संपादित करने की जरूरत है। इससे पढ़ने का अनुभव और सुधरेगा।

‘पीपल की चुड़ैल’ एक बेहद सादगीपूर्ण पर प्रभावशाली बाल-कहानी है, जो पाठक को डर, हँसी और आत्म-साहस के रास्ते पर ले जाती है। यह न केवल बाल पाठकों को प्रिय लगेगी, बल्कि वयस्क पाठकों को भी अपने बचपन की गलियों में खींच ले जाएगी।
Thank you very much vakhariya bhai, aapka review wakai me jabarjust tha, hum bhavisya me aur bhi sudhaar karna chahenge🙏🏼🙏🏼
 
354
832
93
"Peepal Ki Chudail" by dil_he_dil_main

Positive Points:

▪︎ Dilchasp Kahani: Kahani rochak aur dilchasp andaz mein likhi gayi hai jo manoranjan aur jigyasa ko badhati hai. Peepal ke ped aur chudail ke dar ka conceptdilchasp hai aur unki kalpana ko udaan deta hai.

▪︎ Bachchon Ke Charitra: Shaloo aur Maanu ke charitra bahut jeevant aur sacche lage unka apas mein baat-cheet, dar aur utsukta bacchon ke swabhav ko darshata hai jo padhne wale ko unke saath jodta hai.

▪︎ Rahasya Ka Tattva: Chudail ke wajood aur peepal ke ped ke raaz ka suspense kahani ko aur rochak banata hai. Maanu ki jigyasa aur uska chudail ke baare mein sach jaanne ka junoon kahani mein ek accha twist laata hai.

▪︎ Payal Ka Charitra: Payal ka aagman kahani mein ek naya mod laata hai uska charitra rochak aur rahasyamay hai jo padhne wale ko sochne pe majboor karta hai ki woh sach mein kaun thi.

▪︎ Samajik Sandesh: Kahani ke ant mein Payal ke zariye yeh sandesh diya gaya ki chudail jaisi afwahein aksar logon ko khatarnak jagah se door rakhne ke liye failayi jati hain. Yeh ek accha samajik sandesh hai jo bacchon ko afwaahon par vishwas na karne ki seekh deta hai.

Negative Points:

▪︎ Kuch Jagah Plot Mein Kami: Kahani mein kuch jagah plot thoda dheela laga jaise Maanu ke teacher aur parents ke sath chudail ke sawal par unka reaction thoda jaldi khatam ho gaya in moments ko thoda aur vistar se dikhaya ja sakta tha.

▪︎ Ant Ka Suspense: Kahani ka ant rochak hai lekin Kanchan aunty ka yeh kehna ki Payal hi chudail thi thoda adhoora laga ye twist padhne wale ke liye sawal chhod deta hai isme thodi clarity chahiye thi.

Ek Acchi Kahani Ke Liye Kya Accha Hai, Kya Bura Hai:

▪︎ Accha: Ek acchi kahani mein jeevant charitra, rochak plot aur ek sandesh hona chahiye jo padhne wale ke dil ko chhoo jaye is kahani mein yeh sab moujood hai khaas kar bacchon ke liye jigyasa aur dar ka mishran.

▪︎ Bura: Kahani ka ant agar adhoora chhode ya plot mein kahin kahin kami ho to padhne wala thoda nirash ho sakta hai is kahani mein ant ka suspense accha hai lekin thodi aur clarity ya bandish chahiye thi.

Wartani Aur Rhythm:

▪︎ Wartani: Wartani theek hai.

▪︎ Rhythm: Kahani ka flow accha hai khaas kar shuruaat aur beech ke hisse mein ant ke paas thoda aur suspense ya gahraayi isse aur behtar bana sakta tha.

Overall:


Kahani rochak aur manoranjan se bhari hai jo chudail ke dar aur peepal ke ped ke rahasya ke ird-gird ghumti hai. Shaloo aur Maanu ke charitra iski jaan hain aur Payal ka aagman ismein ek naya rang bharta hai thodi aur gahraayi aur ant mein clarity isse aur behtar bana sakta hai. Wartani aur rhythm bhi accha hai lekin thodi polish ki zarurat hai.
Thank you so much for your amazing review review bhai ji,
Aap ne sama baandh diya, :thanks:aapko pasand aai to bas apne ko or kya chahiye, jeet haar ke liye to likha hi nahi hai, kosis karunga ki aapne so suggest kiya hai, us per kaam karunga :declare:
 

THE ETERNITY

शाश्वतम् शिवम् सुंदरम्।
Supreme
237
3,076
124
शीर्षक : जीवों का करुण क्रँदन
Writer - satrangi muniya
Story genre - environmental concern ( social justice)

Story summary - संक्षिप्त सारांश:

यह कहानी एक जंगल और वहाँ के जानवरों की है, जहाँ अचानक यह खबर फैलती है कि इंसान उस जंगल के 400 एकड़ हिस्से को काटने वाला है। पक्षी और जानवर भयभीत हो जाते हैं, खासकर सुनीता मोरनी, वीना तोती, और अन्य। जंगल का राजा दुर्गम शेर एक मीटिंग बुलाता है जिसमें सब मिलकर समाधान खोजने की कोशिश करते हैं। चतुरसेन बंदर सुझाव देता है कि इंसानों की अंतरराष्ट्रीय पशु संस्था से संपर्क किया जाए। अंततः एक संवेदनशील युवा वरुण और उसकी संस्था जानवरों की मदद करती है, और सोशल मीडिया के दबाव में सरकार जंगल काटने का निर्णय रोक देती है।


Positive point

* पर्यावरण-संदेश और सामाजिक चेतना (Environmental message and social awareness):
कहानी पर्यावरण की रक्षा और जंगलों के महत्व को बहुत प्रभावशाली ढंग से दर्शाती है। यह एक जरूरी सामाजिक मुद्दा है जिसे लेखक ने जानवरों की ज़ुबान से कहकर संवेदनशील और असरदार बना दिया है।

* चरित्रों की विविधता (Variety of characters):
हर जानवर की अपनी एक पहचान और सोच है — जैसे चतुर बंदर की बुद्धिमत्ता, शमशेर चीते का आक्रोश, भोला हिरण की मासूमियत।

* आशा और समाधान का संदेश(A message of hope and solutions):
अंत में जब वरुण जैसे इंसान जंगल की रक्षा के लिए आगे आते हैं, तो यह सकारात्मकता और मानवता की उम्मीद जगाता है। कहानी यह सिखाती है कि बदलाव मुमकिन है अगर इंसान और जानवर दोनों मिलकर प्रयास करें।


Negative Points
* संघर्ष की तीव्रता कम है (The intensity of the conflict is low):
जंगल कटाई की घोषणा के बाद जानवरों का संघर्ष जल्दी हल हो जाता है। अगर संघर्ष और विरोध को थोड़ा और लंबा और चुनौतीपूर्ण दिखाया जाता, तो कहानी में और तनाव व गहराई आती।

* संस्थाओं और समाधान का सरलीकरण (Simplification of entities and solutions):
अंतरराष्ट्रीय संस्था और वरुण के प्रयासों को बहुत जल्दी और आसान तरीके से सफल दिखाया गया है।
कोर्ट में स्टे लेना, सोशल मीडिया प्रभाव आदि को यथार्थ के करीब ले जाया जा सकता था, ताकि बच्चों के साथ-साथ बड़े पाठकों को भी विश्वसनीयता महसूस हो।

* Short verdict :

एक संवेदनशील, बच्चे और बड़ों के लिए उपयुक्त कहानी जो पर्यावरण और एकता का संदेश देती है। लेखन सरल और प्रभावी है, पर कहानी का प्रभाव और बढ़ाया जा सकता था यदि संघर्ष और समाधान को और विस्तार से दिखाया जाता।

Overall it's a good story
Rating 6.5/10
 
Last edited:

THE ETERNITY

शाश्वतम् शिवम् सुंदरम्।
Supreme
237
3,076
124
किसकी गलती, दोषी कौन
Writer - Carry0
Story genre - सामाजिक और भावनात्मक

Story summary :
यह कहानी काशी के एक गरीब लेकिन गुणी बालक सुमेर के बारे में है, जिसने बचपन में अपने माता-पिता को खो दिया था। वह भिक्षा मांगकर अपना जीवन यापन करता था, लेकिन विद्या से उसका गहरा प्रेम था और वह हर शाम गंगा तट पर वेदों का पाठ करता था। उसका हृदय कोमल था और एक दिन, एक मोर को सांप से बचाने की कोशिश में, गलती से मोर मर जाता है। सुमेर खुद को दोषी मानता है, लेकिन एक साधु उसे समझाते हैं कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी जिसमें किसी का दोष नहीं था, जिससे सुमेर को कुछ शांति मिलती है।

Positive Points
* Emotional depth: कहानी में भावनाएं बहुत प्रभावी ढंग से दर्शाई गई हैं, विशेषकर करुणा, प्रेम और पश्चाताप।

* Visual description: काशी, गंगा, मंदिर, और मोर का वातावरण सुंदर रूप से प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठक दृश्य अनुभव कर पाता है।

* Character development: सुमेर का चरित्र आदर्श, सेवा-भाव और आत्मिक दृढ़ता का प्रतीक है।

* Moral message:: कहानी में एक गहरा जीवन-दर्शन छुपा है — हर त्रासदी का कोई दोषी नहीं होता।

* simple and easy language: कहानी की भाषा सरल और प्रवाहमयी है, जिससे यह आसानी से समझ में आ जाती है।

Negative Point
* Sadhu' sudden arrival:
क्लाइमेक्स पर साधु का यूँ ही प्रकट हो जाना कहानी में एक कृत्रिम( artificial )समाधान जैसा लगता है।

* Conclusion: हालांकि साधु के वचन सुमेर को शांति प्रदान करते हैं, लेकिन सुमेर के मन में अपराध की भावना बनी रहना थोड़ा अधूरा सा लगता है।

* Short verdict:
सुमेर और मोर” एक भावनात्मक रूप से समृद्ध कहानी है जो करुणा, सेवा, और जीवन की विडंबनाओं को गहराई से दर्शाती है। इसकी गहराई और सरलता पाठक के हृदय को छू जाती है। इसका नैतिक संदेश बहुत प्रभावशाली है।

Overall it's a good story
Rating 6.5/10
 
Last edited:

THE ETERNITY

शाश्वतम् शिवम् सुंदरम्।
Supreme
237
3,076
124
Ek Nayi Shuruaat"
Writer - RED Ashoka
Story summary :
Neha aur Aarav ki shaadi ki raat ek goli sab kuch badal deti hai. Hospital mein aankh kholne par Aarav ek anjaan bache ke saath Neha ko paata hai. Jaise-jaise dono sach samajhne ki koshish karte hain, ek purane dosti ka raaz saamne aata hai.

Positive point
* Romantic Shuruaat: Kahani ki beginning emotional aur engaging hai, jo reader ko turant story se jod deti hai.


* Twist with Impact: Bachche ka mystery ek dum unexpected aata hai, jo suspense create karta hai.


* Language aur Flow: Simple aur asaan bhasha mein likha gaya hai, isliye har reader relate kar sakta hai.


* Compact Narrative: Kahani chhoti hai lekin poora time attention banaye rakhti hai, pacing theek hai.



Negative Points
* Clarity ki kami: Bachcha Neha ke paas kaise aaya, uss part mein explanation weak hai.


* Character Detailing Missing: Aarav ka dost, jo kahani ka turning point hai, uske emotions aur motives zyada explore nahi kiye gaye.


* Rushed Ending: Ant mein kahani thodi jaldi khatam hoti hai—thoda aur emotional closure diya ja sakta tha.


Short verdict :
Emotional aur mysterious kahani jisme pyaar aur dard dono hai, lekin thoda aur detail hota toh aur strong impact padta.

Overall it's a good story
Rating 6/10
 

satrangi muniya

New Member
17
48
13
Writer - satrangi muniya
Story genre - environmental concern ( social justice)

Story summary - संक्षिप्त सारांश:

यह कहानी एक जंगल और वहाँ के जानवरों की है, जहाँ अचानक यह खबर फैलती है कि इंसान उस जंगल के 400 एकड़ हिस्से को काटने वाला है। पक्षी और जानवर भयभीत हो जाते हैं, खासकर सुनीता मोरनी, वीना तोती, और अन्य। जंगल का राजा दुर्गम शेर एक मीटिंग बुलाता है जिसमें सब मिलकर समाधान खोजने की कोशिश करते हैं। चतुरसेन बंदर सुझाव देता है कि इंसानों की अंतरराष्ट्रीय पशु संस्था से संपर्क किया जाए। अंततः एक संवेदनशील युवा वरुण और उसकी संस्था जानवरों की मदद करती है, और सोशल मीडिया के दबाव में सरकार जंगल काटने का निर्णय रोक देती है।


Positive point

* पर्यावरण-संदेश और सामाजिक चेतना (Environmental message and social awareness):
कहानी पर्यावरण की रक्षा और जंगलों के महत्व को बहुत प्रभावशाली ढंग से दर्शाती है। यह एक जरूरी सामाजिक मुद्दा है जिसे लेखक ने जानवरों की ज़ुबान से कहकर संवेदनशील और असरदार बना दिया है।

* चरित्रों की विविधता (Variety of characters):
हर जानवर की अपनी एक पहचान और सोच है — जैसे चतुर बंदर की बुद्धिमत्ता, शमशेर चीते का आक्रोश, भोला हिरण की मासूमियत।

* आशा और समाधान का संदेश(A message of hope and solutions):
अंत में जब वरुण जैसे इंसान जंगल की रक्षा के लिए आगे आते हैं, तो यह सकारात्मकता और मानवता की उम्मीद जगाता है। कहानी यह सिखाती है कि बदलाव मुमकिन है अगर इंसान और जानवर दोनों मिलकर प्रयास करें।


Negative Points
* संघर्ष की तीव्रता कम है (The intensity of the conflict is low):
जंगल कटाई की घोषणा के बाद जानवरों का संघर्ष जल्दी हल हो जाता है। अगर संघर्ष और विरोध को थोड़ा और लंबा और चुनौतीपूर्ण दिखाया जाता, तो कहानी में और तनाव व गहराई आती।

* संस्थाओं और समाधान का सरलीकरण (Simplification of entities and solutions):
अंतरराष्ट्रीय संस्था और वरुण के प्रयासों को बहुत जल्दी और आसान तरीके से सफल दिखाया गया है।
कोर्ट में स्टे लेना, सोशल मीडिया प्रभाव आदि को यथार्थ के करीब ले जाया जा सकता था, ताकि बच्चों के साथ-साथ बड़े पाठकों को भी विश्वसनीयता महसूस हो।

* Short verdict :

एक संवेदनशील, बच्चों के लिए उपयुक्त कहानी जो पर्यावरण और एकता का संदेश देती है। लेखन सरल और प्रभावी है, पर कहानी का प्रभाव और बढ़ाया जा सकता था यदि संघर्ष और समाधान को और विस्तार से दिखाया जाता।

Overall it's a good story
Rating 6.5/10
aapne bahut hi sunder aur nishpaksh smiksha di hai sir. aur aapki smiksha ne meri is sadharan ki rachna ko vishesh bana diya hai. kahani kyunki short thi to kuchh chijen jaldbaji mein dikhani padi. aapki smiksha ki sari baten bahut achhi lagi chahe positive ho ya negative bas ek baat thodi ajib lagi...jo aapne likha "bachon ke liye upyukt" mere hisab se to jo mudda maine yahan rakha hai sir, use badon ko samajhna jyada jaruri hai. waise thanks a lot sir for such a lovely review and I hope you will give review on my second story also.
 

vakharia

Supreme
5,629
15,921
174
कहानी समीक्षा: फ्लैट नंबर १२६
लेखक महोदय: dil_he_dil_main


FN126-DHDM

अरे वाह भाई, क्या दिल से लिखी हुई कहानी है "फ्लैट नंबर 126"। चलिए, इसके बारे में जरा खुलकर बात करते है..

सबसे पहले बात करूँ इसकी खासियत की...

आपकी कहानी का सेटअप बड़ा ही सजीव और जानी-पहचानी सी दुनिया रचता है। वो कैंपस की गर्मागर्म चाय-समोसे वाली महक, दोस्तों की हँसी-ठिठोली, और पहली नज़र का प्यार.. सब कुछ जैसे आँखों के सामने चलने लगता है। बहुत ही बारीकी से आपने माहौल को पकड़ा है.. वो सुबह की ताजगी, झील-सी आँखें, और गुलाबी गुलाब वाली लड़की का जिक्र.. बहुत काव्यात्मक और दिल को छू जाने वाला अंदाज़।

सुनील का किरदार भी बड़ा प्यारा और रियल है। उसके चुटकुले, उसकी दोस्ती, फिर वो मासूम-सी झिझक और धीरे-धीरे मोहब्बत में डूब जाना.. सब कुछ बहुत ही सहज बहाव में आता है। ऐसा लगता ही नहीं कि कहानी पढ़ रहे हैं, जैसे किसी पुराने दोस्त की लव स्टोरी सुन रहे हों। और भाई, सुनीता के साथ उसका रिश्ता.. बिना ज़्यादा ड्रामेटिक हुए भी काफी गहराई ले आता है।

क्लाइमैक्स से पहले कहानी का टोन बहुत रूमानी और हल्का बना रहता है, जिससे पढ़ने वालों को लगने लगता है कि ये कहानी एक सीधी-सादी लव स्टोरी ही है। अगर आपने थोड़-सा रहस्य बनाए रखा होता या बीच में कोई छोटा-सा ट्विस्ट डाला होता, तो रीडर और भी ज़्यादा बंधा रहता।

और हाँ, कहानी से जो सस्पेंस या उत्सुकता बनती है, उसका पै-ऑफ थोड़ा धीमा हो जाता है। आपके पास एक शानदार मौका था पढ़ने वालों को चौंकाने का.. उसे आपने काफी नर्म अंदाज़ में इस्तेमाल किया है। हो सकता है आगे की किस्त में आपने कुछ बड़ा सोच रखा हो.. यदि ऐसा है तो मैं पढ़ने के लिए अति-उत्सुक हूँ..

लेकिन भाई, सबसे बड़ी बात यह है कि आपने जज़्बातों को पकड़ा है.. और वो भी बिना ओवरडोज दिए। सुनील का पागलपन, उसका कमरा सजाना, फ्लैट नंबर १२६ लिख देना.. ये सब बड़ी ईमानदार भावनाएँ हैं, और इन्हीं से कहानी असली लगती है।

भाई dil_he_dil_main, आपने यह कहानी सीधे दिल से लिखी है, और पढ़ने वाले के दिल तक पहुँचती है। बस अब अगली बार थोड़ी कसावट और थोड़ा तेवर लाकर आप आग लगा सकते हो।

जाते जाते एक बात पूछना चाहूँगा.. क्या यह कहानी यहीं खत्म हो गई या असली राज़ खुलना अभी बाकी है?
 
Top