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Shukriya bhai,,,,good one
Shukriya bhai,,,,good one
bhejiye pdf
Puri kahani ke update likh kar mujhe de dijiye. Main ek hi baar me post kar duga,,,,
Vaibhav ke shahar jane ka matlab baad me samajh aayega. Jagan ka character mysterious rakh du kya,,,,वैभव का शहर जाना क्यों हुआ ये अभी बताना बाकी है...!!!
खैर बापस आकर जगन काका से बातचीत की और उन्हें कुछ रुपये भी दिए ताकि कल होने वाली तेरहवीं में पंडितों को दे दिए जाएं...!!
इस समय अगर देखा जाए तो जगन काका बिल्कुल निर्दोष से लग रहे जैसे उन्होंने कुछ किया ही नही... पर
Sahi kaha,,,,बापसी में उस जगह से निकलना पर आज कल जैसा वँहा कुछ नही था... शायद अब वो भी जान चुके होंगे वैभव सचेत हो गया होगा इएलिये वक़्त ले सकते हैं वो ।
Rupa aur vaibhav ka milan chaar maheene baad hoga is liye soch raha hu ki in dono ke milan par pyar ka garma garam tadka lagwa du. Shayad pathko ki bhi yahi ichha ho,,,,रूपा के साथ मिलने का प्लान तो बना है अब ये मिलन क्या गुल खिलाता है
Kuch bhi ho sakta hai swati madam,,,,हवेली में आने पर मालूम हुआ जीप से चाचा जी जा रहे उनके साथ भाई भी हैं...
ये सबके सब मिले हुए से लगते हैं कभी कभी
लगता है जैसे दादा ठाकुर के कारण ये सब डर रहे थोड़ा वरना अब तक तो वैभव का काम तमाम कर देते
Kusum ko kuch cheeze pata hain kintu wo batane se abhi katra rahi hai. Dekhiye kya hota hai aage,,,,कुसुम के साथ जो वार्ता हुई उससे तो यही लग रहा जैसे कुसुम सच मे कुछ बताना चाह रही हो... और हो न हो उसका कनेक्शन रात बाली बात से भी हो... शायद उसने किसी को देख लिया हो किसी और के रूम में... ये तो अनुमान है राइटर जी ही बताएंगे क्या क्या था
Meri nazar me is waqt bhabhi ka character sabse achha hai, baaki aap logo ki raay juda bhi ho sakti hai. Khair bahut bahut shukriya swati madam is khubsurat sameeksha ke liye,,,,अंत मे भाभी के साथ बातों में थोड़ा उदासीन माहौल बन गया । कितने दुख होते हैं कुछ लोगों के जीवन मे पर उनका नेचर ऐसा होता है कि वो कभी ये महसूस नही होने देते की वो दुखी हैं... उन्ही मैं से एक मुझे भाभी लगतीं हैं..
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ब्रिलियंट अपडेट शुभम जी
वेटिंग फ़ॉर नेक्स्ट
Mere paas pdf kaha se honge. Pathko ko bata hi dijiye ki ju hi is story ke real writer hain. Main to tabhi update post karta hu jab aap mujhe pm par update likh kar bhejti hain,,,,bhejiye pdf
Sahi kaha bade bhaiya ji ne,,,,Ye jamindar aur rajpariwaro ke aise alsi aur nikamme kapoot na hote to is desh ki am janta ko muslim aur christian akramankariyo ki na to 1000 saal se jyada gulami karni padti aur na hi convert hokar muslim ya christian banna padta
Ye nikamme sirf apne aish-o-araam ke liye jeete hain vaibhav ki tarah... Isse jyada inse koi ummeed bhi nahi ki ja sakti
Dekhte hain ye ground level par kab kuchh karega.... Abhi tak to sirf sochta aur bolta hi raha hai
Reader ki feeling se mt kheloMere paas pdf kaha se honge. Pathko ko bata hi dijiye ki ju hi is story ke real writer hain. Main to tabhi update post karta hu jab aap mujhe pm par update likh kar bhejti hain,,,,
Waise next update kab pm kar rahi hain mujhe????
एक बार फिर से वैभव ने निराश किया । जब कुसुम उसे कुछ बताना चाहती थी तो उसने उसकी बात क्यों नहीं सुनी ?
उसे पता है कि कुसुम का व्यवहार कुछ दिनों से बदला बदला सा है फिर भी उसकी बातें न सुनकर खुद को काफी व्यस्त होने का डिंग हांक दिया । ऐसा क्या कर रहा है वो ? कहां पे बिजि है ?
इतनी सारी अजीबोगरीब घटनाएं घट रही है और वो अभी तक सोचने के सिवाय किया ही क्या ?
एक नहीं बल्कि कई चीजें अप्रत्याशित रूप से घटित हो रही है । मुरारी काका की हत्या , हवेली के अन्दर उसके सगे भाई का ही नहीं बल्कि चचेरे भाइयों का बदला हुआ रूप , उसके उपर दो दो बार जानलेवा हमला , कुसुम की उदासीनता .....कम से कम इन्हीं पर वो अपना ध्यान केंद्रित करता !
लेकिन ये तो फिलहाल रूपा को अकेले में मिलने को बुला रहा है और अलग से खुद का मकान बनवाने पर तुला हुआ है । कम से कम उस पंडित के पास ही जाता और पता करता कि उसके भविष्य वाणी का क्या मतलब है !
उसे काम पर लगवाइए शुभम भाई ! कहीं ऐसा न हो उसका सोचते सोचते दिमाग ही पागल न हो जाए !
बहुत ही बेहतरीन और आउटस्टैंडिंग अपडेट शुभम भाई ।
Writer feeling less hota hai,,,,Reader ki feeling se mt khelo
सत्ताईसवाँ भाग
बहुत ही जबरदस्त
वैभव के ऊपर हमला भी हो गया। कोई उसे रस्सी से गिराकर मारने की फिराक में था लेकिन ऐन वक्त में वैभव बच गया। वैभव ने कुछ समय से अपने साथ हो रही अप्रत्याशित घटना का जिक्र अपने पापा से किया तो उसे पता चला कि वो पहले वाला काला साया ठाकुर ने ही उसकी सुरक्षा के लिए लगाया था। बड़े भाई के सम्बंध में कई गई गुरु के भविष्यवाणी के सम्बंध में ठाकुर गुस्सा हो गए।।
वैभव ने अपने भैया से जब बात करनी चाही तो उसने गुस्से में वैभव को थप्पड़ मार दिया जो वैभव की उम्मीद से परे था। इस तरह उसका अचानक बदल जाने स्थिति को गंभीर कर रहा था। वैभव ने अपनी भाभी से बात करने की सोची लेकिन उसकी भाभी से बात नहीं हो पाई।
रात में पानी पीने के बाद वैभव को किसी के पायल के छह छन की आवाज सुनाई पड़ी। वैभव ने उसका पीछा किया लेकिन नाकामयाब रहा। वो पायल की आवाज़ किसकी हो सकती है।। सुबह वैभव ने भाभी से फिर बात करने की सोची लेकिन वो मिली ही नहीं वैभव अपने बन रहे मकान पर चल गया।।