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दादा ठाकुर इस सबके पीछे तो नहीं.... हा हा हा, वैसे कमाल का विचार है। अगर सच में ऐसा होता तो यकीनन काफी दिलचस्प होता। खैर कहानी में अभी रहस्य ही रहस्य हैं, इतना जल्दी ये पता नहीं चलने वाला कि इस सबके पीछे आखिर है कौन??वाह क्या अनुच्छेद दिये है मित्र। पहले चरण मे अनुराधा के संग की थोड़ा अकेले मे बातचीत और फिर दूसरे ही चरण मे भयानक कारवाई का सिलसिला शुरू। समझ मे नहीं आया। कल ही दादा ठाकुर को बताया गया और आज ही दो बाकीया वो भी एक साथ!!!!! मामला सीधा तो कतई नहीं। कहीं दादा ठाकुर खुद यह सब के पीछे तो नहीं? अगर ऐसा है तो बैभव के लिए भयानक समय आनेवाला है। बहुत ही रोचक मोड़ पर ले आये है कहानी को। अगला अनुच्छेद के प्रतीक्षा मे रहेंगे। धन्यबाद।