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Adultery ☆ प्यार का सबूत ☆ (Completed)

What should be Vaibhav's role in this story..???

  • His role should be the same as before...

    Votes: 19 9.9%
  • Must be of a responsible and humble nature...

    Votes: 22 11.5%
  • One should be as strong as Dada Thakur...

    Votes: 75 39.1%
  • One who gives importance to love over lust...

    Votes: 44 22.9%
  • A person who has fear in everyone's heart...

    Votes: 32 16.7%

  • Total voters
    192

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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majedar update ..chacha ne waise galat salaah nahi di vaibhav ko ..

haweli me sab milkar holi ka maja le rahe hai aur teeno bhai bhang peekar talli hai aisa lagta hai 😁..

par ye bhabhi itni naraj kyu hai ki khudko kamre me band karke rakha hai 🤔🤔..

meera aur tulsi ke saath holi ke mast maje liye vaibhav ne 😁..
Shukriya bhai,,,,:hug:
Bhabhi kyo naraz hai iska pata agle update me chalega,,,,:declare:
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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उन्नीसवाँ भाग

बहुत ही जबरदस्त कहानी सर जी

साहूकार के बेटे रूपचंद्र को अपने चाचा के साथ बग्गी पर देखकर वैभव को कुछ शक से होता है और उनका पीछा करने पर ये पता चलता है कि चाचा जगताप तो वैभव को खोजने आए थे, लेकिन रूपचन्द्र की मंशा कुछ और थी।

रूपचन्द्र अनुराधा की जवानी का रस पीना चाहता था और उसे गुमान भी नहीं था कि वो जो अपने बखान में अपना कच्चा चिट्ठा अनुराधा के सामने खोल रहा है उसे वैभव सुन लेगा। वैभव को जब पता चलता है कि रूपचन्द्र ने ही उसकी फसल जलाई है और अब अनुराधा को ठोकना चाहता है तो वो आग बबूला हो गया और उसने जमकर बजाई रूपचन्द्र की। अनुराधा को बहन बनाने के बाद ही उसे वैभव ने छोड़ा।

यहां पर पहली बार मेरी नजर में वैभव ने अच्छा काम किया। पहली बार किसी लड़की की इज्जत लूटने के बजाय उसकी इज्जत बचाई। ये बहुत अच्छा लगा। लेकिन सरोज ने बिल्कुल भी उचित नहीं किया अपनी बेटी के साथ। अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए अपनी बेटी की इज़्ज़त का सौदा बहुत ही घाटे का सौदा था सरोज का।

जब अनुराधा और वैभव बातें कर रहे थे थे किसी ने किवाड़ खटखटाया। वो कौन हो सकता है। सरोज या कोई और। अगले भाग और दिलचस्प होने वाला है।

Shukriya mahi madam aapki is khubsurat sameeksha ke liye,,,,:hug:
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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बीसवाँ भाग
धांसू सर जी धांसू।
वैभव को देखकर सरोज को कोई खास तज्जुबनाहीं हुआ और वो उससे बात करके नहाने चली गई, लेकिन वैभव और अनुराधा का एक दूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। वैभव तो पहले से ही अनुराधा को पसन्द करता था, अपने नीचे लाने के लिए लेकिन अब सच मे पसंद करने लगा है और यही हाल अनुराधा का भी लग रहा है।
Shukriya mahi madam,,,,:hug:
Vaibhav aur anuradha ke beech shayad ek khaas rishta bane,,,,,:hmm2:
खाने में पानी लगी रोटी और भाँटा का भरता आहहह मज़ा आ जाता है मुंह में पानी आ जाता है। वैसे एक बात समझ नहीं आयी कि वैभव ने गांव की इतनी तीखी मिर्च अपने नीचे लिटाई हैं, लेकिन तीखी मिर्च नहीं खाई। कुछ हज़म नहीं हुआ।
Teekhi mirch jab bina khaye use maza de rahi hai to khane ki kya zarurat hai,,, :D
होली तो सभी खेलते हैं लेकिन असली होली तो वैभव खेल रहा था रजनी को नग्न करके पूरे शरीर में रंग लगाकर ठोंकने की तैयारी में था, तभी गांव की दो औरतें आ जाती हैं जिससे वैभव को छिपना पड़ा। उन औरतों से पता चला वैभव को कि उसके लंबे हथियार के चर्चे तो पूरे गांव में हैं और ये भी पता चला कि एक और माल का जुगाड़ हो गया है उसके लिए। उस औरत ने रजनी को सलाह दी कि वैभव को पटा ले, लेकिन उसे ये नहीं पता कि रजनी वैभव का हथियार कितनी दफा घोंट चुकी है।
Asal me holi to kayi prakaar se khelte hain log, par vaibhav ka andaz alag hai. Hamare idhar devar bhabhi ke beech zabardast holi khelti hain. Aise samay me tharki log mauka nahi chhodte,,,,:D
 
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