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नाम | उम्र | स्तन,कमर, नितंभ | फोटो |
ईशिता.......... पति आलोक 60 साल बेटा – सुमित सोनू 24 साल | 42 | 32,28,34 | |
महारानी कौशल्यादेवी बेटा – बलदेव 24 साल | 48 | 34,30,38 | |
कावेरी बेटा 18 साल | 36 | 32,28,38 | ![]() |
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नाम | उम्र | स्तन,कमर, नितंभ | फोटो |
ईशिता.......... पति आलोक 60 साल बेटा – सुमित सोनू 24 साल | 42 | 32,28,34 | |
महारानी कौशल्यादेवी बेटा – बलदेव 24 साल | 48 | 34,30,38 | |
कावेरी बेटा 18 साल | 36 | 32,28,38 | ![]() |
Very erotic update.Update 04
एक घने जंगल के बीचों बीच दो आदमी बातें करते हुए चल रहे थे..दोनो बड़े बलवान नौजवान थे..उनके माथे पे लाल कपड़ा बंधा हुआ है....
एक के हाथ ने सोने की चेन लटक रही है और हल्का सा खून उसके हाथो मे लगा हुआ देखा जा सकता था...
वो लोग चलते हुए एक बस्ती में आ गई जहा दूर दूर होकर छोटी छोटी झोपड़ी बनी हुई थी...
यहां के कच्चे घर देख के साफ पता चल रहा था की यहां के लोग कितने पीछे चल रहे थे आज की दुनिया से... या फिर यहां के लोगों को इसे रहना ही अच्छा लगता हो....
यहा औरते सिर्फ पेटीकोट ब्लाउज में घूम रही थी...इनके स्तन साफ के उभार साफ देखे जा सकते थे...बड़े सुडोल आकार के संग की मालकिन थी यहां की स्त्रियां..उनके भरे बदन किसी को भी अपनी और आकर्षित करने के लिए काफी थे....
सब झोपड़ी के बीच में एक बड़ी सुंदर और आकर्षक झोपड़ी बनी थी...और उसके आस पास ही सब के घर थे...एक घर के बीच दूरी काफी थी..और बीच में बहुत से पेड़ और जंगली पौधे थे... यहां के लोग लगता है जैसे पेड़ पोधो को अपन मतलब ले लिए नुकसान नहीं पहुंचा रहे थे...
कावेरी
उम्र 36 साल
32 28 38
दो बच्चो की मां एक बड़ा बेटा 18 साल और एक छोटा है
पति भोला
सास कविता
झोपड़ी के बाहर एक 36 38 साल की महिला आके खड़ी होकर धीरे से डरते हुए आवाज लगाई.."महारानी...में आ गई" "अंदर आ जाओ" एक मीठी मधुर आवाज गूंजी...
कौशल्यादेवी
उम्र 48
बेटा बलदेव
कबीले (गांव राज्य) की महारानी
भरे बदन की मालकिन...
34 30 38
महारानी – इतना डर क्यों रही हो.. जल्दी से अपनी चोली उतार के आओ...हमारा पुत्र आता ही होगा... कावेरी शर्म से लाल हो चुकी थी लेकिन वो पूरी तरह से निर्वस्त्र होकर एक रेशमी मुलायम रजाई पे बैठ गई...
कावेरी का अंग अंग जैसे सोने से बने आभूषण के माफिक चमक रहे थे...मोटे सुडोल स्तनों से हकला हकला दूध जर के कावेरी के बदल को भिगो रहा था...कावेरी आने तूफान को सोच के ही अपनी योनि से काम रस झरने लगी थी...उसका बदन ठंड से ठिठुरते हुए जकड़ रहा था... महारानी कौशल्यादेवी कावरी के यौन उत्तेजना को देख मंद मंद मुस्कुरा रही थी...और उसके पास जाके उसके घने वालो को खोल देती है..."पुत्री कहा छुपा रखा था ऐसे यौवन को तुमसे तो कोई भी स्त्री ईशा करेगी"
"महारानी आप के आगे में क्या हू.. आप को निर्वस्त्र देखने वाले तो जीते जी स्वर्ग की अनुभूति कर लेते है ऐसा कहते है लोग.." कावरी महारानी को देखे बिना ही बोल गई... महारानी मुस्करा कर बाहर निकल आई...
महारानी बाहर आके एक नजर डालते हुए मन ही मन बोली "लगता है आज फिर से देर हो गई इनको... यहा बिचारी कड़की को हम ने निर्वस्त्र होकर बिठा दिया और ये अभी तक कहा रह गई"
जंगल में कुछ मिल दूर महाराज अपने पुत्र बलदेव को अभ्यास करवा रहे थे...
एक खुले मैदान में नदी के किनारे पे बलदेव अपने हाथ में तलवार लिए खड़ा है...उसके बाह से खून निकल के उसके हाथ को लाल कर चुका है...उसके पसीने से भीग चुके काले बदन पे मिट्टी लगी हुए देखकर लगता है जैसे उसके पिता ने उसे बहुत बुरी तरह से मात दी हो...
बलदेव के माथे पे बंधा लाल कपड़ा हवा में लहराने लगा जैसे ही बलदेव ने तेजी से अपने पिता की और दौड़ लगा दी...महराज जरा भी हिले बिना अपनी जगह पे खड़े थे उनके मस्तिष्क पे एक अजीब सा तेज था..वो अपनी घनी दाढ़ी को एक से सहला के अपनी मूछों को ताव देते हुए अपने एक हाथ से ही बलदेव के सारे वार का जवाब देने लगे...
बलदेव अपनी पूरी शक्ति से वार करते हुए अपने पिता पे तलवार चला रहा था लेकिन महाराज बड़े आराम से उसका जवाब देते...कुछ देर बाद महराज ने एक जोर का वार किया और बलदेव की तलवार दूर जाकर गिर गई...बलदेव की आंखे गुस्से से लाल हो गई थी...वो हाफने लगा था फिर भी तलवार उठा लिया....
"पुत्र बस आज के लिए इतना काफी है..चलो स्नान करते है.. " "नही पिताजी अभी में थका नही हू" "हा वो दिख रहा है हमे...पुत्र अभ्यास के साथ साथ अच्छा और जरूरी मात्रा में आहार लेना भी उतना ही जरूरी है जितना अभ्यास करना"
दोनो बाप बेटे पूरे शरीर से कपड़े उतार कर पानी में चले जाते है... "पुत्र आप स्तनपान ठीक से कीजिए एक स्त्री के स्तन से निकले दूध पीकर ही हम इतने बलवान हुए है.... हमारे कबीले (गांव) में हर किसी को ये अधिकार नही की वो गांव की हर स्त्री को भोग भी पाए और उसके स्तनों का मर्दन कर पाई... आप जितना अच्छे से यहां अभ्यास करते है उतना अधिक उत्साह से घर जाके स्तनपान कीजिए..."
"पिताजी हमे अच्छा नहीं लगता मां के अलावा किसी और का दूध... आप उन्हे कहिए ना हमे फिर से अपने स्तन से दूध पीने दे.."
"पुत्र अब आप बड़े हो गए हो आप बच्चे नहीं एक मर्द बन हो..एक मर्द कभी अपनी मां के आंचल में नहीं घुस के उसका स्तनपान नही करता.."
"लेकिन पिताजी मां के स्तन कितने मुलायम और चमकदार हे..उन्हें दूध भी अधिक मात्रा में आता होगा..और पिताजी माता की चूसनी (निप्पल) कितने लंबे है वो मुंह में ठीक से समा जाते है पिताजी..."
महाराज को बड़ा आश्चर्य हुआ कि उनका पुत्र अपनी मां के स्तन से इतना अधिक आकर्षित हो गया है...लेकिन उन्हें पता था कि बलदेव ने कही बार अपनी माता को निवस्त्र नहाते समय देखा है...और अपनी पत्नी के सुडोल सुगठित स्तन के के दीवानों की कमी नही थी... कौशल्यादेवी के मुलायम कठोर और तने हुए स्तनों को मसलने और मर्दन
करनेकी तमन्ना तो गांव की स्त्रियां भी रखती थी तो मर्द क्या थे...
"पुत्र अब आप बड़े हो गए हो कुछ दिनों में आप को अपने आप को साबित करना है...अपनी मां के पल्लू से बाहर निकालो...(कठोर आवाज में ) आप को अब अपने लिए अपनी पसंद की लड़की को खोजना होगा...ये काम आप को खुद से करना है और जब तक आप उस स्त्री को यहां ले नही आते आप को एक राजकुमार होने का कोई लाभ नहीं मिलेगा... कुछ दिन ही बचे है तो ठीक से अभ्यास और अपने आहार पे ध्यान दीजिए....
बलदेव और महराज अपनी झोपड़ी में आ गई...कावेरी के स्तन ठंड में तन उठे थे..वो कांपने लगी थी...
महाराज अपने दरबार की और चल देते है..जो आगे खुली जगह में ही था...
जैसे ही महाराज और राजकुमार के आने की खबर गांव के लोगो को मिली सब झोपड़ी के आस पास जमा हो गई.. महराज अपने कुछ खास के साथ बातचीत करते हुए बैठक में बैठ गई....
बलदेव ने कावेरी के एक चूची को अपने मुंह में डाल कर स्तनपान करने लगा...बलदेव के होठ जैसे ही कावेरी की चूची को छूते ही कावेरी की मधुर सिसकारी निकलने लगी...
बाहर से कावरी का बेटा उसकी मां की आवाज सुन तड़प रहा था...वही दुसरे मर्द कावेरी की सिसकारियां सुन अपने लिंग को सहलाने लगे...
कौशल्यादेवी ने अपने बेटे की लंगोट को खींच लिया..."पुत्र अपना लिंग योनि में प्रवेश करते हुए स्तनपान कीजिए... कावेरी अपनी टांगे खोल लेट जाओ..."
बलदेव ने अपना लिंग जोर से धक्का लगाकर कावेरी को बच्चेदानी तक घुसा दिया... कावरी ने पहली बार इतना मोटा लंबा लिंग अपनी फुल सी योनि में लिया था उसकी चीख निकल गई... "आह निकल दीजिए ना... आह रुक जाओ रुक जाओ राजकुमार" कावेरी की आखें भर आई...
कौशल्यादेवी मंद मंद मुस्करा रही थी अपने बेटे के लिंग की शक्ति को देख... अपने बेटे को एक शादी सुदा स्त्री के उपर चढ़ा हुआ अपना लिंग डाले देख वो बड़ी कामुक हो गई थी...
"पुत्र रुक क्यों गई औरत मना सिर्फ इस लिए करती है ताकि मर्द और उत्तेजित होकर उसे प्यार दे... देख जरा खुशी से झूम रही हैं अपने राजकुमार के लिंग को लेकर...फिर से गर्भवती कर दूध का कर्ज चुकाना ही बेटा तुझे..."
बलदेव अपनी मां के मुंह से ये सब सुन बड़ा उत्तेजित होकर कावेरी की जान निकल जाई ऐसे बेरहमी से धक्के लगाने लगा...बाहर आधे मर्द अपना पानी छोड़ चुके थे...
कावेरी की सिसकारियां पूरे वातावरण को कामुक बना रही थी...और बलदेव अब कावेरी को अपनी मां समझ के बड़े प्यार से उसके स्तनों को मसलने और चूसने लगा...और तेज तेज रफ्तार से लिंग अंदर बाहर करने लगा...अपना सारा वीर्य कावेरी की योनि में डाल वो उत्तेजना में बोल पड़ा "आह मेरी मां चुका दिया तेरे दूध का कर्ज डाल दिया अपना बीज तेरी योनि में आह" कावेरी तो इस हाल में नही थी की कुछ समझ पाई...वो भी अपना पानी निकाल दी और बलदेव को सहलाने लगी...
लेकिन बलदेव का हर एक स्वब्द कौशल्यादेवी के दिल को किसी तीर के जैसे लगे...वो सहम सी गई...और उसके हाव भाव हर पल बदल रहे थे...गुस्सा..प्यार.. शर्म...लेकिन उसकी योनि में काम रस का संचय होने लगा और दो तीन दूध सी मलाई की बूंद कौशल्यादेवी की योनि से टपक के उसकी टांगो पे गिरने लगी...वो अपने आप को कोसने लगी...की अपने बेटे के मुंह से ये सुन वो इतना गरम क्यों हो रही हे...क्या में अपने बेटे के लिंग को लेकर उस के वीर्य से फिर से गर्भवती होना चाहती हूं....
वो बोली "कावेरी कुछ देर बलदेव के साथ सो जाओ...दर्द होगा तुम्हे...आराम से सो जाओ...फिर चली जाना घर...कावेरी बलदेव की चौड़ी छाती पे सर रख उसकी पत्नी हो वैसे सुकून से सो गई और बलदेव भी उसे अपनी बांहों में भर सो गया....
कुछ देर बाद बलदेव उठ गया लेकिन अपने ऊपर कावेरी को लेता देख वो उसकी नींद खराब नही करता और उसे प्यार से सहलाने लगा...जिस से कावेरी की नींद खुल गई...
कावेरी बड़े प्यार से बलदेव से लिपट के सोए हुए बोली "राजकुमार आप की बाहों में हमे पता नही कैसे अपनापन महसूस हो रहा है.." बलदेव कावेरी को नंगी पीठ को सहालते हुए उसके माथे को चूम ले बोला... "भाभी आप का ये रेशमी मुलायम बदन मुझे भी बड़ा अपना अपना लगा " बलदेव अपनी मां को याद करते हुए कावेरी की योनि में लिंग डाल देता है और कावेरी को अपनी गोद में लेकर बैठ गया...
"आउच.. आह आह... आह... आह...और नही बस.. आह.. आह हमारे अंदर ही निकल दीजिए आह... हमे फिर से पेट से कीजिए आह..."
"मां आह मां आप का पुत्र आप को आज पक्का गर्भवती कर देगा..मां जैसा कोई नहीं आह.... आह...."
कावरी की योनि से बलदेव का वीर्य निकलने लगा...और वो थक के लेट गया...कावेरी ये सब सुन आश्चर्य से बलदेव को देख रही थी...वो अपने कपड़े पहन के अपने घर की और निकल गई....
जैसे ही वो बाहर आई सब उसे ही घूर रहे थे..एक औरत उसके पास आके उसे छेड़ते हुए बोली...
"बड़ी निखर के आई हे.. कविता की बहुरानी तो.. लगता है सीने का सारा बोझ हल्का कर दिया हमारे प्यारे राजकुमार ने... अरे देख अपनी बहु को केसे शर्मा रही है जैसे पहली बार अपने पैर खोल के आई हो"
"बहुरिया शर्मा मत तेरा पति भी महराज की देन ही है... जब तक दूध आए रहा है तब तक बिना लाज शर्म के बलदेव राजकुमार के साथ ही रहा कर...क्या पता तू उन्हें पसंद आ गई तो महारानी बन के राज करेगी...."
"हा री कविता तेरी बहु के चूचे तो बड़े रसीले है..देख तो चोली में भी नही आ रहे...बाहर निकल आई है..."
इनकी बाते चलती रहती और उसके बाद कावेरी अपने घर जाके..सोच में डूब गई की एक बेटा केसे अपनी मां के बारे में ये सब सोच सकता है...उसका दिल हो रहा था कि अपनी शास से पूछ ले लेकिन उसे जिजक हो रही थी की कही उसकी सास उलटा न सोच ले....
Wow ab maa najol ko apne bete ka lund hilana sikhayegi. Sexyyyyy.Update 05
सुबह का नाश्ता कर पापा अपने काम पे चले गई...पापा का एक कोचिंग सेंटर था जिस को पापा चला रहे थे मां और पापा की पहली मुलाकात यही हुए थी...
दोपहर को में अपने दोस्तो से मिलने बाहर निकल गया लेकिन ज्यादा बात नहीं हुआ किसी से सब अपने काम में व्यस्त थे में घर के लिए निकल आया....
मेने देखा कि घर के बाहर एक कार खड़ी हे... में घर में घुसा और मेरे होश उड़ गई सामने खुद काजल खान बैठी हुई है...जिसे देख बेटे अपनी मां को चोदना चाहते है...जिस के भरे बदन के दीवाने हर गली में पाई जाते है.. मुझे अपनी आखों में विश्वास नही हो रहा था... क्या सच में इतनी बड़ी हीरोइन हमारे घर आई हे...
मेने देखा उनके साथ उसका बेटा अयान (18 साल ) भी था और मां काजोल आंटी से बाते कर रही थी....
उनका भरा बदन मेरी आखों के आगे था उनके बड़े बड़े स्तनों का आकार आज में खुद अपनी आखों से निहारता हुआ आगे बड़ रहा था...कितना गहरा ब्लाउज था वो पूरा चूचा जैसे बाहर निकल आया हो...
"ये मेरा बेटा है सुमित... बेटा..." मां मेरा ध्यान तोड़ते हुए कहा नही तो के काजोल को इसे घूर रहा था जैसे कभी औरत नही देखी हो....
"हेलो आंटी...आप यहां...मुझे तो यकीन नही हो रहा में आप का बहोत बड़ा फैन हूं"
में मां के पास बैठ ही रहा था की काजोल आंटी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे उनके पास बैठा लिया...और मुझे कस के अपनी बाहर में भरते हुए बोली "कितना बड़ा हो गया ये.. छोटू सा था तब तो ये.. " और मेरे होठ काजोल आंटी के लंबे रसीले गले पे लग रहे थे...मेरी हालत खराब हो गई...मेरा अधिकार एक दम से खड़ा हो चुका था...
मुझे उनके पास बैठ पसीना आने लगा...में बड़ा उत्तेजित तो था ही एक हसीना के करीब बैठ के जिस के जिस्म को देख देख मेने कितनी बार अपना पानी निकाल दिया होगा...लेकिन में डरा हुआ भी था की कुछ गलत न हो जाय गलती से....
"सोनू जाओ अयान को अपने कमरे में ले जाओ" मां ने मुझे कहा...
में उसे लेके अपन कमरे में जाने लगा...
मां – हा अब बोलिए भाबी...उनको साथ नही लाई आप इस बार भी...
काजोल – उसको कहा परवाह है किसी की...बस काम काम...
मां – वैसे आप की उम्र तो बड़ ही नही रही क्या राज हे हमे भी बताओं... उम्र के साथ आप तो और खूबसूरत हो रहे हो...
काजोल – तो तू भी कहा कम खूबसूरत है.. पक्का जवान लड़के भी तुझे देख के पागल हो जाते होंगे...
मां – आप भी ना...
काजोल – अच्छा में एक जरूरी काम से आई थी...में सिर्फ तुम पे यकीन कर सकती हू...
मां – हा बोलिए ना...
काजोल – अब कैसे बोलूं बड़ा अजीब लग रहा है... वो..वो.. अयान के पैनिश का आगे वाला स्किन अभी तक जुड़ा हुआ है... बाहर वाले डॉटर से बात करती तो बात बाहर आ जाती है..फिर तुम्हारी याद आ गई...
मां – क्या उसका इरेक्शन ठीक से आता है...
काजोल – हा इशिता.. लेकिन डिस्चार्ज होने पे उसका स्पर्म काफी पतला आता है...
मां हैरान हो गई की उनको इतना सब कैसे पता है...मां ने बड़ी जिजक के साथ पूछा...
मां – ये सब आप को अयान ने कहा...
काजोल – तुम पहले वादा करो मुझे गलत मत समझना और उसका इलाज करोगी...
मां – हा ठीक है...
काजोल धीरे से बोली "वो तुझे तो पता ही इशिता की तुम्हारे कहने पे मेने अयान को फिर से मेरा दूध पिलाना सुरू कर दिया था...जो वो अभी तक रोज सुबह और रात को दो बार पिता है...
मां – क्या अभी तक आप पिलाती हो...तभी ये इतने भरे भरे लगते है.. सॉरी...मेने तो कुछ साल तक कहा था आप से अभी तक क्यू अब तो उसे जरूरत नहीं होगी मां के दूध की...
काजोल – अब उसे आदत पड़ गई है क्या करू मना नही कर पाती उसे..और देख ना इतना दूध आता है की पूरा सीना भारी रहता है...अब तो दवाई भी नही लेती लेकिन ये दोनो बदमाश मुझे तंग करने के लिए पूरे भर जाते है...
मां काजोल के बड़े बड़े चूचे देख मुस्करा दी...
मां – हां ये तो है काफी बड़े हो गई है...(हस के)
काजोल – तो अभी कुछ दिन पहले में उसे अपना दूध पिला रही थी की...उसे वह दर्द होने लगा...पूछा तो बोला की कुछ महीनो से कभी कभी होता है जब में उसे पीला रही होती हु तब और सुबह को... फिर मैने उसका पेंट खुलवा के देखा तो समझ आया की उसका लिंग उत्तेजित होकर खड़ा हो जाता है लेकिन चमड़ी की वजह से उसे दर्द होता है....
मां – अरे ये कोई नई बात नही है... ज्यादातर बच्चे को होता है...हो जाएगा ठीक धीरे धीरे...अभी कहा इतना बड़ा हुआ है... और वैसे भी आज कल मास्टरबेट करते है बच्चे तो तब धीरे धीरे निकल आएगा बाहर चमड़ी से...
काजोल – लेकिन में उसे रोज रोज इस दर्द में नहीं देख सकती और उसे तो वो सब आता भी नही... कोई तो इलाज होगा...
मां – अगर जल्दी है तो ऑपरेशन करवा लो...छोटा सा होता हे..., तुरत हो जाएगा...
काजोल – अरे इशिता ये ऑपरेशन नही करवाना कुछ गडबड हुए तो...
मां – अरे कुछ नही होता ऐसा...
काजोल – अच्छा क्या तू अपन बेटे का ऑपरेशन करवाती ?
मां – नही...
काजोल – तो फिर..
मां – अच्छा तो उसे बोलो की नहाते हुए स्किन पीछे करे रोज...या तुम कर पाओ तो खुद कर दिया करो...
काजोल – मुझे इतना वक्त नहीं मिल पाता इशिता...
मां – वक्त तो निकालना पड़ेगा आप को... वैसे रात को तो मिल ही जाएगा वक्त...
काजोल – हा उसे दूध पिलाती हु तब ही कर दिया करूंगी में...
मां को बड़ा आश्चर्य हुआ की एक मां उसके 18 साल के बेटे को अपनी गोद में लिए दूध पिला रही होगी अपनी इतनी मोटी चूची से और एक हाथ से उसके लन्ड की मालिश करेगी... मां को ये सब बड़ा उत्तेजित कर देता है और मां की योनि में अजीब सी खुजली होने लगी....
मां – हा कर सकती हो...
काजोल – क्या कर सकती हो मुझे क्या पता कैसे करते है... पहले सिखाओ तो...
मां – अरे बस आगे पीछे करना हे जेसे आप अपने पति का करती हैं हो... (मां बोल के मुस्करा दी)
काजोल – हा लेकिन एक बार हम अभी कर के देखते हे...चल बेडरूम में चलते है.... और हां ये ले तेरे लिए खास गिफ्ट लाई हूं... संभाल के रख दे अकेले में खोलना कोई देख न ले...
मां – ऐसा क्या लाई हो आप...
ये एक बॉक्स था जिस पे गिफ्ट वाली पन्नी लगी हुए थी...
और मां और काजोल आंटी मां के बेडरूम में चली गई...और मां ने मुझे आवाज दी...
"बेटा अयान को लेके कमरे में आओ"
"सुन बेटा वो बाहर से कॉफी का पैकेट ले आ और आते हुए मेरा ब्लाउज रखा ही सिलवाने वो लेता आयो.. कुमार टेलर से"
मां ने जान के मुझे बाहर भेज दिया...में बाहर निकल गया...
Chudo na for aumty jiM khud chahti hu mera beta mujhe chode