Bhai khule ke bolo update ke bare me character ke bare me taki samaj aai kese aage likhuRomanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
Mast update waiting for sooraj and parul next chapterUpdated 07
कहानी तोड़ा फास्ट फॉरवर्ड करते हे....
पारुल और सूरज... नेहा के पापा को मिलने को एक रिस्टोरेट जाते है...जहा काफी देर बाद नेहा और उसके पापा आते हे...
नेहा के पापा – तो सुरज क्या काम करते हो तुम...(कठोर आवाज में)
सूरज – अभी तो एक IT की जॉब करता हु सर.. लेकिन सर अब यहां से घर जाके अपना गांव का काम देखने वाला हु पापा अकेले हैं तो अब यहा ज्यादा नहीं रह सकता...(सूरज ने पहले ही नेहा से गांव में रहने वाली बात की थी जिस के लिए वो राजी थी)
नेहा के पापा – देखो सूरज बेटा अगर तुम्हे नेहा से शादी करनी हो तुम रहना यही पड़ेगा... वैसे भी तुम्हारी हैसियत नहीं मेरी बेटी के साथ रहने की...उसकी जरुरते पूरी तो क्या ही करोगे...
(सूरज की बेजती सुन पारुल अपने आप को बोलने से रोक न पाई)
पारुल – देखिए सूरज गांव में रहे या यहां वो आप की बेटी को हर जगा खुस रखेगा..
सूरज – वैसे भी में गांव में सिर्फ खेती नहीं करने वाला..में और कुछ भी करने का सोच रहा हु और ये कोई IT वाली जॉब तो वर्क फ्रॉम होम चालू ही रख रहा हु...
नेहा – पापा प्लीज मान भी जाओ...
सूरज के पापा की नजर अब पारुल के और टक गई थी... पारुल बिलकुल किसी राजकुमारी जेसी लग रही थी सब वेस्टर्न कपड़े पहने लोगो के बीच... हाथो मे खनख रही चूड़ियां... छोटी सी नथ उसके नाक को और खूबसूरत बना रही थी... कानों में दो बड़े बड़े सोने के जुमखे...बिना कोई ज्यादा मेकअप के भी सब से खूबसूरत... हाथो मे अभी तक सूरज के नाम की महंदी लगी हुए थी... पारुल के स्तनों का अंदाजा लगाते हुए नेहा के पापा बोले..."जी आप कोन है"
सूरज ने पारुल की आखों ने झिझक देखी और वो बोला (पारुल केसे खुद झूट बोलती) – ये ही मेरी पारुल भाभी..
नेहा के पापा (कुछ याद कर के) – अच्छा सूरज तुम्हारे घर में कोन कोन है...
सूरज – मेरे मां पिताजी.... ताऊजी.. और भाभी...और परी...
नेहा के पापा – अच्छा और इनके पति...??
सुरज – जी वो अब नही रहे...मेरे भाई की 1 महीने पहले...
नेहा के पापा ने पारुल को फिर से एक नजर ठीक से देखा और कुछ सोच के बोले.... दोस्तो पारुल कुछ इस प्रकार से सारी पहने हुए थी...
अपने रेशमी नाजुक हथेली में गुलाबी चूड़ियां..और अपनी सुमित्रा शास के दिए हुए खानदानी कंगन...गले में सूरज के नाम का सोने का मंगलसूत्र...
नेहा के पापा – नेहा बेटी तुम तो बोल रही थी सूरज बड़ा अच्छा संस्कारी लड़का है... उसका परिवार भी बड़ा खानदानी है...
नेहा – हा पापा... सूरज जी बहोत अच्छे है...
नेहा के पापा – (पहले पारुल की और देख फिर सूरज से पूछा) अच्छा सुरज... आप के भाई यानी इनके पति अब नही रहे...
सूरज – हा...
नेहा के पापा (धीरे से बोले) – अच्छा...तो (पारुल की और देख) आप के पति नही रहे फिर भी आप इतना सज धज के यहां अपने देवर के साथ मुंबई घूम रही हो वाह क्या बात है... हो तो आप गांव से पर इस मामले में तो आप यहां से भी ज्यादा मॉर्डन निकली...
पारुल का गला सुख गया... सूरज भी डर गया की अब क्या बोले... सूरज को कुछ समझ नही आया... पारुल अपना मंगलसूत्र को हाथ से छुपाने ने की कोशिश कर रही थी...
नेहा के पापा – और ये मांग में सिंदूर और गले मंगलसूत्र किस के नाम का डाला हुआ ही आप ने...एक पति तो नही रहे क्या पता सायद आप के और पति भी हो...(नेहा के पापा हस देते है)...गांव में तो ये कोई नई बात नही होगी...
पारुल के आखों से टप टप आशु निकल गई...वो खुद का इतनी बेजती से पूरी तरह से टूट गई... सूरज का भी अपनी भाभी का अपमान सहा नही गया...और अपनी प्यारी भाभी के आखों से आसू निकलता देख वो अपना आपा खो बैठा....
सुरज – (गुस्से में) देखिए आप मुझे कुछ भी बोल लो मेरी भाभी के बारे में कुछ बोला तो में भूल जाऊंगा की आप नेहा के पापा हो....
सुरज का गुस्सा देख नेहा के पापा हस के बोले...(वो बड़ा खुस हो रहे थे) – देखा नेहा.. अपनी पत्नी की बुराई सुन केसे भटक गया तेरा सूरज...यही आता है इन छोटे लोगो को तुम जैसी भोली भाली लड़कियों को अपने प्यार की जाल में फसाना पेसो के लिए...और देख रही हो ये ना इस slut (रण्डी) को केसे अपने ही पति को अपना देवर बोल रही है...छी....
सुरज गुस्से में आकर नेहा के पापा का कॉलर पकड़ लिया और नेहा को देख फिर उन्हे छोड़ देता है...
नेहा – (रोते हुए) क्या ये सच है कि ये आप की पत्नी हे...मेरी कसम है सच बोलना....
सूरज – (सूरज एक दम शांत हो चुका था अब) हा..लेकिन...
नेहा उसे वही रोक के..."लेकिन क्या इतना बड़ा जूठ..." नेहा रोने लगी...सब इसी और देख रहे थे... नेहा रोते हुए अपने पापा की बाहों में समा गई...नेहा के पापा ने उसे बड़े प्यार से सहलाते हुए माथे पे चूम लिया...(मन में बोले – तुम सिर्फ मेरी हो मेरी बेटी.. सिर्फ मेरी... आज फिर तुम्हे बचा लिया...)
सूरज – नेहा तुम जैसा सोच रही वैसा कुछ नही हे..में अब ठीक कर दूंगा... भाभी से शादी बस मेरी मजबूरी थी...
पारुल – हा नेहा...तुम सूरज को गलत समझ रही हो...ये सब शादी की वजह कुछ और थी और सारी गलती मेरी थी इस की सजा तुम अपने प्यार को मत दो...हम तो घर जाते ही डिवोर्स ले ने वाले थे... प्लीज मेरी गलती की सजा सूरज को मत दो...
(ज्यादा रोने और तनाव से पारुल की दिल की धड़कने तेज तेज चल रही थी और इस से उसका सुडोल सुगठित सीना ऊपर नीचे हो रहा...देखने वाले तो पारुल के ब्लाउज को देख यही राह देख रहे थे की कब ये फट जाई और उन्हें इस गांव की परम सुंदरी के सुडोल स्तनों के दर्शन हो जाई...)
नेहा को को दिल तो टूट ही गया था और ये सब सुन के उसका दिमाग और खराब हो रहा था वो कुछ सुनना नही चाहती थी क्या वजह थी के क्या हुआ था...इस वक्त बस उसे यही दिख रहा था की सामने खड़ी लड़की ने उसके प्यार को उस से चीन लिया था...और सूरज ने भी उसे धोका ही दिया...
नेहा – Shut Up Bitch...you bloody whore...
सूरज ने नेहा को एक जोर का थप्पड उसके मुंह पे दे मारा..."नेहा....." नेहा के कान सुन पड़ गई...उसे कुछ आवाज तक नहीं आ रही थी...आज पहली बार उसके गोरे गोरे मुलायम गालों पे ऐसा थप्पड़ पड़ा था...उसके गाल टमाटर जैसे लाल हो उठे...वो रोते हुए वही बैठी सुरज को देख रही थी की ये कैसे उसका प्यार हो सकता था ये कोई और ही है ये वो सूरज नहीं था जिस की वो दिवानी थी...
दूसरे ही पल नेहा के पापा सूरज पे टूट पड़े और दोनो के के बीच हाथा पाई होने लगी...तभी वहा सिक्योरिटी वाले आ गई और सब को बाहर निकाल दिया...और नेहा और उसके पापा घर चले गई...
सूरज ने पारुल को घर छोड़ दिया और फिर वो घर से चला गया... साम को भी सूरज घर न आया तो पारुल परेशान हो उठी... पारुल ने कही बार सूरज को कॉल किया लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था...
**.......सूरज के गांव से कुछ मिलो दूर जंगल में रात के 11 बजे....**
भोला – साले अच्छा भला पाकड़ लिया था उसे...पर तुम्हारे चूतीयापे में आके कहा फस गई... बाबाजी भी ध्यान में चले गई...अब हिलाओ उस लोड़ी को याद कर के...
मनमोहन लाल (मोहन) – भाई तू भी तो उसे देख पगला गया था. अब मुझे बोल रहा...
भोला – वैसे हे तो भाभी एक दम स्वर्ग की अप्सरा.. अभी तक याद कर खड़ा करवा देती है बे...वो उसके निप्पल ...हाए एक बार मिल जाए....
मोहन – साले तू तो चूस रहा था...कटा नहीं होता तो साले आज वो हमारा चूस रही होती... भोंसड़ी वाले....
भोला – अबे तो उसकी चूचियां ही ऐसी थी और ऊपर से उसकी मीठी मीठी सिसकारी निकल रही थी... गांड़ू तेरी गांड़ में दम होता तो उसका मुंह बंद रख पाता...न वो इतना जोर से चिल्ला पाती न उसका लोडू पति वहां आता....एक लड़की पकड़ नहीं पाया बे तु...
मोहन – साले तुझे आराम से करना था तो सब कर पाते हम...और ये देख न भाई...क्या हाल किया मेरे हाथ का उसके नाम की मुठ भी नही मार पाता....(उसके एक हाथ की हथेली पे पट्टी बंधी हुई थी) साली जंगली कुतिया...इतना जोर से काटा यार....
भोला – अबे क्या कम मारा क्या मुझे उसके मर्द ने...लेकिन बच नही पाया बिचारा.... हा हा...अब उसकी जोरू को कोन बचाएगा....साली को नंगा कर चोद दूंगा....
और उनकी बात देर तक चलती रहती है....
Hii dearEnglish word me Hindi language likho
Kyu kya hua chut gili ho jati h teriPadna todi mushkil horahi he
NiceBhai mast update tha ab zara dono dewar bhabhi ka romance bhi shuru karwao
Hii dearAre yaha mene thodi galti kar di thi nam me...
Vikram suraj ke papa he
Aur Rishabh parul ka pati tha jo mar gaya he....
HiiHoga bas sahi samay aane do...