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Romance ❤️स्पंदना❤️

parkas

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Kala Nag bhai next update kab tak aayega?
 
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kamdev99008

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इन्तजार है मित्र
 
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Kala Nag

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Waiting for update Kala Nag bhai.....

Kala Nag bhai next update kab tak aayega?

इन्तजार है मित्र
सॉरी मित्रों
कुछ निजी कारण थे
अभी पोस्ट किए देता हूँ
 

Kala Nag

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❤️चौथा अपडेट ❤️
~~~~~~~~~~~
अगले दिन अंतस घर से अपने माँ बाप से इजाजत लेकर ऑफिस के लिए निकला l बस्ती से बाहर शेयर ऑटो से आगे एक चौक पर उतर जाता है l वहाँ पर सफेद रंग की एक स्ट्रेच लिमोनीयोस कार खड़ी थी l अंतस इधर उधर अपनी नजरें घुमाता है और जाकर कार के पास खड़ा हो जाता है l कार का दरवाजा खुल जाता है l अंतस अंदर जाकर सीट पर बैठ जाता है l दरवाजा बंद हो जाता है और गाड़ी चलने लगती है l अंतस के सामने जेडी बैठा हुआ था l

जेडी - तो, अंतस! जैसा कि हमारे बीच डील हुआ था, मैंने तुम्हारे सारे काम ऑल मोस्ट निपटा दिए l
अंतस - जी थैंक्यू l
जेडी - हमारे डील में, मेरे तरफ़ से जो इन्वेस्टमेंट कमिटमेंट था, वह मैंने पूरा कर दिया है l
अंतस - जी, जानता हूँ l अब मेरी बारी, और मैं, पुरी तरह से तैयार हूँ l
जेडी - ह्व़ाट, तो तुम तैयार हो l
अंतस - जी, जैसा कि मैंने कहा था, उसे पूरा करने में पीछे नहीं हटुंगा l
जेडी - हाँ, जानता हूँ, भरोसा है मुझे तुम पर l बहुत कम पैसों में तुमने डील की है l इसलिए तो तुम्हारा इज़्ज़त कर रहा हूँ, और तुम्हारे परिवार के सारे उलझनों को सुलझाने के लिए जो भी करना पड़ा मैंने किया l
अंतस - जी, मैं उसके लिए आभार हूँ, बोलिए कब चलना है, मैं तैयार हूँ l
जेडी - (मुस्कराता है) तुम तैयार हो, यही काफी है, फ़िलहाल अभी छह महीने का वक़्त मिल गया है l इसलिए मैं तुमसे मिलने आया हूँ, ईन छह महीनों में तुम क्या करना चाहोगे l
अंतस - दीदी अपनी घर चली जाए तो मैं कुछ सोचूँ l
जेडी - तुम उसकी फिक्र मत करो, आज तुम्हें ख़बर मिल जाएगी और शाम तक या फिर कल तक शायद तुम्हारा जीजा तुम्हारी दीदी को ले जाए l
अंतस - (सोच में पड़ जाता है)
जेडी - क्या सोचने लगे
अंतस - कल तक अगर दीदी चली जाती है, तो छह महीने तक मेरा यहाँ रहना शायद ठीक नहीं होगा l
जेडी - तो
अंतस - क्या मैं बाहर, मतलब ऑउट ऑफ ओड़िशा, कहीं जा सकता हूँ (जेडी खामोश रहता है और अंतस की ओर घूर कर देखने लगता है) मैं कहीं भाग नहीं जाऊँगा, बस अपने माता पिता के सामने रहना नहीं चाहता, पता नहीं उनके सामने कब मैं कमजोर पड़ जाऊँ
जेडी - ह्म्म्म्म, ठीक है सिर्फ दो मिनट में इंतजाम किए देता हूँ (जेडी एक मोबाइल निकाल कर अंतस को देता है) यह तुम्हारे लिए ही लिया गया था, अपनी पुरानी मोबाइल से सीम निकाल कर इसमें डाल लो l जब हमें छह महीने का वक़्त मिला तो तुम्हारे लिए यह ले लिया था l (अंतस मोबाइल ले लेता है, जेडी एक क्रेडिट कार्ड निकाल कर उसे देता है) यह कार्ड रख लो, डेविट कम क्रेडिट कार्ड है, जितना चाहे पैसे उठा सकते हो, खर्च कर सकते हो l अब तुम इंडीया में जहां जाना चाहो जा सकते हो, यह मोबाइल और यह कार्ड तुम्हारा लोकेशन बताता रहेगा l (अंतस जेडी से वह कार्ड रख लेता है) और कुछ..?
अंतस - जी एक ऑफिस ऑर्डर चाहिए, मम्मी पापा को यकीन दिलाने के लिए,
जेडी - ह्म्म्म्म समझ गया, मिल जाएगा, और कुछ...?
अंतस - जी नहीं, अब तक आपने जो किया उसका मैं आभारी रहूँगा l
जेडी - सिर्फ आभारी ही नहीं, तुम्हें जिंदा भी रहना है l चुस्त, दुरुस्त, तंदुरुस्त रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - और हाँ, शराब और शबाब से भी दूर ही रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - देखो अंतस, मैं जानता हूँ, तुम्हारे लिए यह कितना मुश्किल भरा वक़्त है, पर फैसला तुमने अपनी मर्जी से लिया है
अंतस - जी, मैं जानता हूँ और मैंने उसकी कीमत भी ले ली है l
जेडी - तुम एक बात समझ लो, यह दुनिया कुछ लोगों के लिए बड़ी हो सकती है पर, जब कोई मुझसे अपना जुबान हार जाता है मैं उसके लिए दुनिया बहुत छोटी कर देता हूँ, और जिंदगी, वह तो छोटी होती ही है l (अंतस जेडी की ओर देख रहा था) मैं तुम्हारे पीछे कोई जासूस नहीं लगाऊंगा, क्यूँकी तुम अलग हो, पर फिर भी तुमने कुछ भी उल्टा सीधा किया तो मैं तुम्हारी दुनिया बहुत छोटी और बदत्तर कर दूँगा l
अंतस - जी जानता हूँ,
जेडी - तुम दिल के बहुत अच्छे हो, पर तुम किसी से दिल मत लगा बैठना और ना ही किसीसे दिल बहलाना l
अंतस - जी, मैं जानता हूँ
जेडी - गुड, और हाँ, इंडीया में कहीं भी रहो l पर अपने माँ बाप से मिलने हर महीने तीन चार दिन के लिए आते रहना l
अंतस - जी,

चलती लीमोनियस रुक जाती है अंतस उतर जाता है l अंतस के उतर ने के बाद गाड़ी का दरवाजा बंद हो जाता है और लीमोनियस आगे बढ़ जाती है l

मैनेजर - सर, यह भुवनेश्वर में रहना नहीं चाहता, इसका मतलब कहीं भाग तो नहीं जाएगा
जेडी - नहीं, नहीं भागेगा,
मैनेजर - इतना क्यूँ भरोसा कर रहे हैं उसपर
जेडी - मैंने उसे सौ करोड़ की ऑफर की थी l पर उसने सिर्फ एक करोड़ ही लिया l अपने पैरेंट्स और अपने बहनों के वास्ते l
मैनेजर - फिर भी आपने उसे उससे ज्यादा ही दे रहे हैं l
जेडी - कुछ लोग अपने जुबान और इरादों के पक्के होते हैं l यह उनमें से एक है l
मैनेजर - क्या हम उसके पीछे आदमी छोड़ें l
जेडी - नहीं, उसकी कोई जरूरत नहीं l


~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

लीमोनियस से उतर कर अंतस सड़क पर नजरें दौड़ता है l अपना नया मोबाइल निकालता है और अपनी पुरानी मोबाइल से सिम निकाल कर नए मोबाइल में डालता है l पुरानी मोबाइल को देखता है

फ्लैशबैक
~~~~~

शाम का वक़्त था, घर पर अंतस एंप्लॉयमेंट न्यूज पेपर में अपने लिए नौकरी ढूंढ रहा था l तभी उसका फोन बजने लगता है l फोन पर उसका दोस्त संतोष था l अंतस फोन पीक करता है

अंतस - हाँ, बोल, क्या हुआ
संतोष - (घबराई हुए आवाज में) अंतस, यार मेरी बहन को यहाँ छेड़ रहे हैं, मैं अकेला हूं, बचा ले यार
अंतस - क्या, कहाँ है अभी तु...
संतोष - अपने मुहल्ले के xxx रोड़ पर

अंतस पेपर बेड पर फेंक कर बाहर निकल जाता है l पीछे लक्ष्मी उसे पुकारती रह जाती है l अंतस भागते हुए वहाँ पहुँच जाता है l देखता है दूसरे मुहल्ले का माधो संतोष की बहन का दुपट्टे को लेकर अपने मुहल्ले के लड़के के साथ आपस में फेंक कर खेल रहे थे l दुपट्टे को लाने के लिए संतोष इधर उधर भाग रहा था और उसकी बहन एक जगह दुबकी रो रही थी l आसपास लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे l एक लड़का दुपट्टा को दूसरे लड़के की ओर फेंकता है तो अंतस बीच में आकर पकड़ लेता है l सभी लड़कों का ध्यान अंतस की ओर जाता है l

माधो - अरे, पात्रपडा का हीरो आ गया, (उसके साथी ओ हो कर चिल्लाने लगते हैं)

अंतस दुपट्टा लेकर संतोष को देता है l संतोष दुपट्टा लेकर अपनी बहन के पास जाता है और उसे दे देता है l

माधो - ओए, अंतस यह मेरा और इनके बीच का मामला है l तु क्यूँ अपना सिर फोड़ने आ गया l
अंतस - तु अपना दादागिरी की दुकान कहीं और जाकर खोल l इंसान बन और कुत्तागिरी छोड़ l
माधो - हाँ साले छोड़ दूँगा, तु बस एक दिन के लिए मेरा सच्ची मुच्ची का साला बन जा l वैसे भी तेरे जीजा ने चूस के फेंक ही दिया है l

अंतस गुस्से में माधो के मुहँ पर मुक्का जड़ देता है l माधो कुछ कदम पीछे जाकर गिर जाता है l इतने में माधो के साथी अंतस को पकड़ लेते हैं पर अंतस गुस्से में पागल हो गया था, अंतस और उन लोगों के बीच मुठभेड़ शुरू हो जाता है l अंतस सब पर भारी पड़ने लगता है l एक एक कर माधो के साथी वहाँ से भाग जाते हैं l माधो अकेला रह जाता है l अंतस उसे बुरी तरह घसीट पीटने लगता है l झगड़ा इस कदर बढ़ चुका था कि लोग जो अब तक तमाशा देख रहे थे वे भी भाग गए थे l बस कुछ बाइक्स खड़ी थीं पर लोग वहाँ से नदारद थे l थोड़ी देर बाद खून से सना माधो जमीन पर गिर कर कराह रहा था l अंतस चारों ओर देखता है वहाँ पर लोग ही नहीं संतोष और उसकी बहन भी नहीं थे, पर एक कार खड़ी थी l अंतस उस कार के पास जाता है आगे ड्राइवर था पीछे एक लड़की बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रहा था l

अंतस - (ड्राइवर से) क्या आप मेरी मदत करेंगे
ड्राइवर - कैसी मदत
अंतस - (माधो की ओर इशारा करते हुए) वह लड़का बहुत घायल है, क्या उसे मेडिकल ले जाने में मेरी मदत करेंगे l
ड्राइवर - नहीं बिल्कुल नहीं, तुम अपने झगड़े में हमें क्यूँ घसीट रहे हो, जाओ कोई ऑटो कर लो या एम्बुलेंस को बुलाओ l
लड़की - (जो पीछे बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रही थी ) कोई बात नहीं, आप उस लड़के को लेकर आइए, मैं सामने बैठ जाती हूँ, आप उसे लेकर पीछे बैठ जाइए l

जब तक अंतस माधो को उठा कर गाड़ी तक लाता है तब तक लड़की आकर सामने ड्राइवर के पास बैठ चुकी थी l अंतस पिछली सीट पर माधो को लेकर बैठ जाता है l ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कर आगे ले जाने लगता है l

लड़की - (बिना पीछे मुड़े) एक बात पूछूं l
अंतस - जी
लड़की - मैंने देखा, आप इसे मार रहे थे l फिर आप ही इसे हस्पताल लेकर जा रहे हैं l
अंतस - बात दरअसल यह है कि, यह मेरे दोस्त और उसकी बहन के साथ अपने दोस्तों के साथ मिलकर बदतमीजी कर रहा था, मैं बस उन्हें बचाने आया था l
लड़की - कौन दोस्त, कौन लड़की, कोई भी नहीं दिखा l
अंतस - शायद झगड़ा इतना बढ़ेगा मेरे दोस्त ने सोचा नहीं था, अपनी बहन को लेकर चला गया l
लड़की - कमाल है, आपको मुसीबत में छोड़ कर चला गया l
अंतस - नहीं, मुसीबत में तो इसके दोस्त इसे छोड़ कर चले गए l बात एक लड़की की है इतना तो खयाल करना पड़ता ही है l
लड़की - क्या आप अपने दोस्त की बहन के लिए, इसे इस कदर मारे l
अंतस - नहीं, मैं सिर्फ बात चित से सुलझाना चाहता था l पर इसने मेरी बहन पर गंदी बात की, मुझसे सहा नहीं गया l
लड़की - अगर बात ऐसी है तो इसे हस्पताल क्यूँ लेकर जा रहे हैं l
अंतस - है तो यह अपने इलाके का, और मैं इसके माँ बाप को मौसा मौसी बुलाता हूँ l उनके आंखों में अपराधी नहीं बनना चाहता हूँ इसलिए इसे हस्पताल ले जा रहा हूँ l


लड़की कुछ नहीं कहती, हस्पताल आ जाता है l अंतस माधो को लेकर उतर जाता है l कार में बैठी लड़की वहाँ से चली जाती है l

फ्लैश बैक खत्म
~~~~~~~~

तभी अंतस का नया मोबाइल बजने लगता है l डिस्प्ले में होम दिख रहा था l फोन पर लक्ष्मी थी l

लक्ष्मी - हैलो, बेटा
अंतस - हाँ मम्मा, बोलो
लक्ष्मी - आज का दिन तो बहुत शुभ निकला, तेरे जीजाजी के घर से खबर आया है, आज शाम को आकार तेरे दीदी को ले जाएंगे l
अंतस - वाह मम्मा, यह सच में बहुत खुशी की बात है l
लक्ष्मी - हाँ बेटा, मैं सोच रही थी तेरी दीदी की बिदाई में कुछ दें क्या l
अंतस - मम्मा, आपने दहेज में बहुत कुछ दिया है l
लक्ष्मी - हाँ हाँ दिया है, पर लड़की उसके बाद घर पर ही तो रही है l अब जब बिदा करने का वक़्त आया है तो क्या खाली हाथ भेज दें l पुरानी परंपरा में गौना भी होता था, तो समझ ले हम तेरी दीदी का गौना करा रहे हैं l
अंतस - ठीक है मम्मा, तुम क्या देना चाहते हो l
लक्ष्मी - देख तेरे पापा के पास अभी दस लाख हैं, मै चाहती थी अगर हम कुछ गहने, (अटक अटक कर) मेरा मतलब है एक दो गहने हम दे पाएँ तो, कम से कम एक अंगुठी या कान की बाली
अंतस - समझ गया मम्मा, मैं आज शाम को कुछ ना कुछ ले आऊंगा l
लक्ष्मी - बहुत अच्छा बेटा, जीता रह, अच्छा फोन रखती हूँ और हाँ यह तेरे और मेरे बीच रहनी चाहिए, अपने पापा को भी मात बताना
अंतस - अच्छा ठीक है मम्मा

फोन कट जाता है l अंतस के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आती है फिर जैसे ही पुरानी मोबाइल को देखता है मुस्कान गायब हो जाती है और अंतस उस मोबाइल को सड़क के एक किनारे फेंक कर आगे बढ़ जाता है l


~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

गैलरीया मॉल में अंतस पहुँचता है l वहाँ पर एक बड़े ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप में पहुँचता है l एक सुंदर सी बाली देख कर उसे खरीदता है और पेमेंट जेडी की दी हुई कार्ड से करता है l कीमत डेढ़ लाख की थी l पैक करा लेने के बाद वह ज्वेलरी की शॉप से निकल कर मॉल के हलचल वाली जगह पर आता है l देखता है एक लड़का अपने हाथ में एक बड़ा सा फ्लावर बुके लेकर नीचे आ रही एस्कालेटर के पास खड़ा था l अंतस की नजर अपने आप एस्कालेटर पर टिक जाता है l एक बहुत ही खूबसूरत लड़की उतर रही थी l सफ़ेद चुड़ीदार पंजाबी लिबास में बेहद ही खूबसूरत लग रही थी l जैसे ही एस्कालेटर से लड़की नीचे आती है वह लड़का उसके सामने घुटने पर बैठ कर लड़की को बुके देते हुए अपने प्यार का इजहार करता है l

लड़का - मैं अपने प्यार का इजहार कर रहा हूँ
यह फूल नहीं मेरा दिल है जो तुम्हें दे रहा हूँ ll

लड़के के साथ उसके जो दोस्त थे सभी ताली बजा कर हौसला अफजाई करते हैं l लड़की पहले तो हैरान होती है फिर मुस्करा कर बुके लेती है l सभी लड़के है है कर चिल्लाने लगते हैं l लड़की सबको हाथ दिखा कर शांत होने के लिए कहती है, सब शांत हो जाते हैं l

लड़की - पसंद आया, तुम्हारा यूँ मुझे प्रपोज करना, पर पूछना चाहूँगी मैं ही क्यूँ और भी तो हैं इस सहर में l
लड़का - अरे यार, तुम बहुत स्पेशल हो, आई मीन यु आर बेस्ट और मैं बेस्ट ही तो डिजर्व करता हूँ l
लड़की - ओ, यु मीन, इस सहर में मैं सबसे बेस्ट हूँ, और तुम
लड़का - मैं, आई थिंक आई एम दी बेस्ट, आई चैलेंज मुझसे बेस्ट तुम्हें इस सहर तो क्या दुनिया में भी नहीं मिलेगा l
लड़की - ओके देन लेटस हाव डील, मैं तुम्हारे प्यार को कुबूल करती हूँ, बट अगर मुझे तुमसे कोई बेहतर मिला तो मैं तुम्हें छोड़ कर उसके साथ चली जाऊँगी l
लड़का - (फीकी हँसी हँसते हुए) हे हे हे, तुम मज़ाक कर रही हो ना l
लड़की - नो नट एट ऑल, तुमने अभी खुदको बेस्ट कहा है और मैं कह रही हूँ मुझे तुमसे कोई बेटर मिला तो मैं उसे चुनूंगी
लड़का - (खीज कर) यु मीन तुम मुझे डीच करोगी l
लकड़ी - ऑफ कोर्स l
लड़का - ह्व़ाट द फक, मैं तो तुम्हें अच्छी लड़की समझता था l
लड़की - अच्छा, इस सहर में मुझे आए दो हफ्ते हुए हैं l आई ग्यारंटी, ना तो तुम मेरे नाम से वाकिफ होगे ना ही मेरे फैमिली बैकग्राउंड से, पर तुम मुझे अच्छी तरह से समझ चुके थे l
लड़का - आर यु सीरियस l
लड़की - क्यूँ तुम्हें किस बात का डाऊट है l
लड़का - साली रांड, तुझे अच्छी लड़की समझ कर तेरे पीछे जुता घिस घिस कर घूमता रहा और अब तु मुझे अपना यह शकल दिखा रही है l
लड़की - मैंने तुझे अपना यह रूप दिखाया, तभी तो बात से और ज़ज्बात से तु अपनी असलियत पर आ गया l
लड़का - साली तेरी तो l

तब तक मॉल के सिक्योरिटी लड़के और उसके साथी को पकड़ लेते हैं और उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जाते हैं l लड़की मुड़कर बाहर जाने लगती है l लड़की के बाहर पहुँचते ही अंतस उसके पास पहुँचता है और उसे आवाज देता है l

अंतस - रुकिए, (लड़की रुक जाती है, अंतस उसके पास पहुँचती है) मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ, अगर आप बुरा ना माने तो l
लड़की - (हैरान हो कर भौंहे सिकुड़ कर अंतस को देखती है) पूछिये
अंतस - आप उस लड़के को सीधी तरह मना कर देती, इतना कुछ करने की क्या जरूरत थी l
लड़की - मुझे जो सही लगा मैंने वही किया l
अंतस - पर इससे उसके दिल पर चोट लगी l
लड़की - आप गलत कह रहे हो, दिल पर नहीं, अहं पर या यूँ कहूँ मर्दाना गुरूर पर चोट पहुँची है l
अंतस - हाँ वही, आपका सुलूक ही ऐसा था कि वह लड़का हाइपर हो गया, शायद खतरनाक हो जाए l
लड़की - तो मुझे डर कर उसका प्रपोजल एक्सेप्ट करलेना चाहिए था, क्यूँ l
अंतस - नहीं मैं कह रहा था आप सीधी तरह मना कर देतीं l
लड़की - देखो मिस्टर, मैं समझती हूँ, तुम्हें उससे हमदर्दी क्यूँ हो रही है, और तुम उसके लिए वकालत क्यूँ कर रहे हो l (अंतस कुछ कहना चाहता था, पर वह लड़की उसे रोक देती है) लेट मी फिनिश, कुछ लड़के होते हैं, जो हर लड़की को अपना प्रॉपर्टी समझते हैं, उल्टा सीधा कर उसे हासिल करने लगते हैं, अगर हासिल हो जाए तब भी बर्बाद कर देते हैं और ना हो तब भी बर्बाद करने की हर कोशिश करते हैं l ऐसों से पाला अभी से नहीं स्कुल लाइफ से वास्ता पड़ रहा है l अगर वह मुझे बेस्ट कह रहा था तो क्या मैं बेस्ट डिजर्व नहीं करती, वह खुद को बेस्ट कह रहा था पर जब मैं उससे भी बेटर की बात कही वह ईन सिक्युर हो गया और अपना भड़ास निकालने लगा, पल भर पहले जो मुझे बेस्ट कह रहा था वही गंदी गंदी गालियों पर उतर आया l वैसे भी उसने मुझे प्रपोज किया ही क्यूँ, इसलिये ना कि मैं खूबसूरत हूँ पर (इतना कह कर लड़की अपने बालों को हटाती है, दाहिने कान के नीचे चमड़ा जला हुआ था) अगर यह जला हुआ हिस्सा मेरे कान के नीचे के बजाय मेरे चेहरे पर होती तो क्या वह मुझे प्रपोज करता, कभी नहीं l (इतना कह कर लड़की जाने को होती है फिर अचानक रुक कर) यह जला हुआ हिस्सा भी एक सिरफिरे की वज़ह से है, मेरे सीधे मना करने के बाद मेरे ऊपर तेजाब फेंका था l गनीमत थी के मेरे हाथों में उस वक़्त किताब थी जिसके आड़ ने मेरे चेहरे को बचा लिया था l इसलिए मुझे ऐसे लड़कों से नफरत है, घिन है l

कह कर वह लड़की वहाँ से चली जाती है l मुहँ खोले अंतस उसे जाते हुए देखता रह जाता है l वह मुड़ता है तो उसकी आँखे एक विज्ञापन पर ठहर जाती है l

डोंट जज अ बुक बाय इट्स कवर
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,366
56,770
259
Shandaar likh rahe ho mitra:claps::claps::claps: Waise antas ki aisi kon si nokri lagi hai?:?: Jo banda ek baar bach ke bhag gaya use dobara pakad liya gaya, iska to matlab yahi hai ki wo chu..ia hi hai, use real or fake me anter hi karna nahi aata :nono:
Badhiya update :claps::claps:
❤️दूसरा अपडेट❤️
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शहर की एक कोने में, एक छोटा सा बार l उस बार में एक शख्स एक टेबल पर अकेला शराब पी रहा था l तभी एक आदमी बार के अंदर आता है, बिखरे बाल, चेहरे पर हल्की दाढ़ी l ऐसा लग रहा था जैसे कहीं से पीटा हुआ आया था l वह अनजान शख्स अपनी नजर इधर उधर घुमाता है देखता है एक टेबल पर एक आदमी अकेला बैठा हुआ है तो वह उस टेबल के पास आता है और उस बैठे हुए शख्स से पूछता है

अनजान - क्या यह टेबल, खाली है l
शख्स - (कुछ नहीं कहता, उसे घूर कर देखता है)
अनजान - क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ l
शख्स - बैठ जा, मेरे बाप का क्या जाता है l
अनजान - आप क्या पी रहे हैं l
शख्स - दूध, दिख नहीं रहा है, अंधा है क्या l अबे यह बार है बार, जो एक बार आए वह बार बार आए l

"आह हा हा आहा आहा" वहाँ पर मौजूद शराबियों में से किसीने कहा l

शख्स - तेरी शक्ल बता रहा है, तू मंदिर जाने वालों में से है l यहाँ क्यूँ आया है l
अनजान - आप जिसके लिए आए हैं l
शख्स - मैं इधर अपना मुफ़्त का पैसा उड़ाने आया हूँ l
अनजान - मेरा भी कुछ ऐसा इरादा है l
शख्स - तो जा उड़ा ना, मेरा दिमाग क्यूँ चाट रहा है l
अनजान - मैंने पहले कभी पिया नहीं है, इसलिए आपसे पूछ रहा था कि आप क्या पी रहे हैं l
शख्स - ओ हो हो हो हो, तो पहली बार आया है l (वेटर से) ओए
वेटर - जी सर जी
शख्स - इसके लिए एक नारंगी ला...
अनजान - नहीं सुनो (वेटर से) इस बार की सबसे बढ़िया शराब लेकर आओ, वह भी फूल बॉटल l (वेटर चला जाता है)
शख्स - ओ हो, लगता है बेड़े मालदार हो l
अनजान - नहीं ऐसी बात नहीं है, अगर शराब पीना ही है तो बढ़िया से शुरुआत क्यूँ ना करें l
शख्स - हम्म्म, फूल बॉटल, अकेले पी पाओगे l
अनजान - क्यूँ आप भी तो हैं साथ l नहीं पियेंगे साथ?
शख्स - नहीं ऐसी बात नहीं है, तुम मेरे बारे में जानते ही क्या हो l
अनजान - अभी पहचान कर लेते हैं, मेरा नाम भविष्य है l
शख्स - क्या, यह कैसा नाम है l
भविष्य - इसमे मैं क्या कर सकता हूँ l यह नाम मेरे माँ बाप ने दिया है l और आपका
शख्स - रमेश, रमेश पुरोहित l (इतने में वेटर दो ग्लास और एक बॉटल, दो पानी के बोतल और दो ग्लास रख देता है)
भविष्य - (वेटर से) कुछ चखना भी ले आना l
वेटर - क्या लाऊँ सर
भविष्य - (रमेश की ओर दिखा कर) उनसे पूछो( वेटर रमेश की ओर देखता है)
रमेश - एक चिकन पकौड़ा बोन लेस

वेटर चला जाता है, भविष्य और रमेश आपस में बात बढ़ाते हुए पेग बना कर पीने लगते हैं l कुछ देर बाद रमेश पर नशा हावी होने लगता है l भविष्य भी अपने पेग में कम और रमेश के पेग में ज्यादा शराब डाल रहा था l कुछ देर बाद रमेश टेबल पर सर रख कर सो जाता है l वेटर जब आता है भविष्य बिल चुकाता है और टीप देते हुए वेटर से कहता है

भविष्य - इन्हें बाहर ले जाने में मेरा मदत करोगे l
वेटर - जी जरूर

फिर दोनों रमेश को सहारा दे कर बाहर लाते हैं कि एक कार आकर रुकती है l भविष्य वेटर की मदत से पिछली सीट पर रमेश को सुला देता है और फिर आगे जाकर ड्राइवर के बगल में बैठ जाता है l

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

सुबह सुबह नाश्ते पर सभी बैठे हुए हैं l सबके चेहरे पर खुशी देख कर अंतस मन ही मन खुश होता है l सबकी नाश्ता खत्म हो जाता है तो अंतस अपनी नौकरी पर जॉइनिंग के लिए तैयार हो कर आता है तो सामने उसकी माँ थाली में दिया जला कर नजर उतारती है

अंतस - मम्मा, मैं कोई जंग लड़ने नहीं जा रहा l नौकरी जॉइन करने जा रहा हूँ l
लक्ष्मी - जानती हूँ, तू कोई जंग नहीं लड़ने नहीं जा रहा l पर अचानक आयी इस खुशी को किसीकी नजर ना लग जाये l
अरविंद - हाँ, लक्ष्मी जी हाँ, कहीं नजर ना लग जाये, इसलिए अच्छी तरह से नजर उतारो

लक्ष्मी अंतस के माथे पर तिलक लगाती है l अंतस भी अपनी माँ की पैर छू कर आशीर्वाद लेता है l फिर वह बाहर आता है तो देखता है अरविंद अपनी स्कुटर पर उसका इंतजार कर रहा है l

अरविंद - चल आजा बेटा, शुभ काम में देरी नहीं होनी चाहिए
अंतस - पापा आप
अरविंद - देख आज मैं तुझे स्कुटर पर बिठा कर तेरे ऑफिस लिए जाऊँगा l और रास्ते मे जो भी दिखेगा सबके सामने अपनी मूँछ पर ताव देते हुआ जाऊँगा l

अंतस हँस देता है, अरविंद अपनी स्कुटर को स्टार्ट करता है l अंतस उसके पीछे बैठ जाता है l जैसे ही स्कुटर जाने को होता है एक चमचमाती हुई कार उनके सामने रुकती है l गाड़ी से एक आदमी और एक खूबसूरत लड़की उतरते हैं l

आदमी - एस्क्युज मी, क्या आप मिस्टर अंतस कुमार हैं
अंतस - (स्कुटर से उतर कर) जी, मैं ही हूँ अंतस कुमार विद्यापति
आदमी - हम आपके घर को रेनोवेट करने आए हैं, जैसा कि आपने हमें ऑर्डर किया था l
अंतस - ओ हाँ हाँ, ठीक है, आप घर को अच्छी तरह से देख लीजिए और जहाँ जहाँ जितना हो सके उतना कर दीजिए l
आदमी - जी सर

वह आदमी उस लड़की के साथ अंतस के घर के अंदर जाता है l इतने में कार की ड्राइवर गाड़ी को एक किनारे लगा देता है l अरविंद अपने बेटे अंतस को लेकर स्कुटर में निकल जाता है l

अरविंद - तुमने रेनोवेट के लिए कब कहा l
अंतस - कल ही, जैसे ही नौकरी की कंफर्मेशन मिली, तभी इनको ऑर्डर कर दिया था l
अरविंद - कितने दिन लगेंगे और कितना खर्चा लगेगा l
अंतस - आप उसकी चिंता मत कीजिए, कंपनी क्वार्टर के बदले में यह रेनोवेशन का चार्ज उठा रही है l
अरविंद - अरे वाह, खारबेल ग्रुप्स कंपनी अपने एंप्लोईस का बड़ा ध्यान रखती है l

अंतस इस बात का कोई जवाब नहीं देता, पर अरविंद फॉर्च्यून टावर पहुँचने तक कुछ ना कुछ उल जलूल बातेँ करता रहा l अंतस को अच्छा लग रहा था कि उसका बाप बिल्कुल एक छोटे बच्चे की तरह बेसिर पैर की बातेँ कर रहा था l फॉर्च्यून टावर के पास पहुँचते ही वहाँ पर खड़े सेक्यूरिटी गार्ड अंतस को सलाम ठोकता है और स्कुटर के लिए अंदर की ओर रास्ता दिखाता है l अरविंद स्कुटर को अंदर लेजाकर पार्क कर देता है l

अरविंद - तू इससे पहले भी कभी आया था क्या l
अंतस - नहीं क्यूँ क्या हुआ l
अरविंद - यह गार्ड तुझे ऐसा सॅल्युट दिया जैसे तुझे पहले से ही जानता हो l
अंतस - जिनको नौकरी मिली है, उनकी डिटेल्स और फोटो तक, इन सेक्यूरिटी गार्ड्स के टेबलेट पर दिया गया होगा l इसलिए उसने मुझे सॅल्युट किया l
अरविंद - ओ ओ ओ
अंतस - अब चलें,
अरविंद - हाँ हाँ चलो चलें

दोनों बाप बेटे टावर के अंदर लिफ्ट से सातवें फ्लोर पर जाते हैं l वह फ्लोर खारबेल ग्रुप्स का एच आर सेक्शन था l रिसेप्शन में अंतस अपना काग़ज़ दिखाता है l रिसेप्शनिस्ट कागज लेकर देखती है और अंतस को अंदर जाने के लिए कहती है l जैसे ही अंतस के साथ अरविंद जाने को होता है रिसेप्शनिस्ट उसे रोक कर लॉबी में इंतजार करने के लिए कहती है l अरविंद भी बात मान कर लॉबी में सोफ़े पर बैठ जाता है l कांच की दीवारों के पार से अपने बेटे अंतस को ओझल होते देखता है l तभी उसका ध्यान टूटता है

-एस्क्युज मी सर, क्या आप मिस्टर अंतस कुमार के पिताजी हैं
अरविंद - (एक खूबसूरत लड़की थी) जी जी, यस यस

लड़की एक फुड ट्राली के साथ आई थी l वह तुरंत ही अरविंद के सामने नाश्ता परोस देती है l अरविंद को कुछ समझ में नहीं आता है l वह मन ही मन सोचने लगता है इस कंपनी में क्या हर एंप्लोईस के रिश्तेदारों से ऐसा बर्ताव करते होंगे या फिर उसके बेटे को कोई बड़ी पोजिशन हासिल हो गया है l

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रमेश अपनी आँखे खोलता है l उसे छत नहीं दिख रही थी l वह अपना हाथ चेहरे पर लाने की कोशिश करता है पर उसका हाथ बंधा हुआ था l वह चौंकता है बिस्तर पर उठ बैठता है l अपनी नजर कमरे के अंदर दौड़ाने लगता है l यह किसी हस्पताल की ऑपरेशन थिएटर की तरह लग रहा था l उसके बदन पर उसके अपने कपड़े नहीं थे उल्टा मरीज़ को पहनाने वाले कपड़ों में था l वह सोच में पड़ जाता है कि पिछली रात दारु पी रहा था और पीते पीते टेबल पर ही सिर टीका कर सो गया था l वह अपनी हाथों को खिंचता है पर कोई फायदा नहीं होता l बड़ी मजबूती के साथ बेड से बंधा हुआ था l

रमेश - (चिल्ला कर) कोई है, मुझे कोई सुन पा रहा है, ओ हैलो
"चिल्ला क्यूँ रहा है" कहते हुए भविष्य एक डॉक्टर के साथ कमरे में आता है l
रमेश - तुम, तुमने मुझे यहाँ क्यूँ बाँध रखा है,
भविष्य - तू किसी काम का नहीं है, इसलिए सोचा तेरे पास जो भी काम की चीज़ है वह ले लिया जाए l
रमेश - क्या मतलब है तुम्हारा
भविष्य - देख शराब की टेबल पर कोई अकेला होता है, तो वह अपनी जिंदगी पर बोझ होता है l तुझे कल अकेला देखा इसलिए उठा कर ले आया l
रमेश - क्या बक रहे हो कुछ समझ में नहीं आ रहा l मैं इस हस्पताल में क्या कर रहा हूँ l
डॉक्टर - यह हस्पताल नहीं है l यह मेरा लैब है l
रमेश - लैब, कैसा लैब
भविष्य - हम एक्चुअली ह्यूमन ऑर्गन स्मगल करते हैं, जो लोग यूस लेस होते हैं उनसे यूज फूल ऑर्गन निकाल कर पैसा कमाते हैं l
रमेश - क्या,नहीं तुम लोग मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते l
भविष्य - क्यूँ नहीं कर सकते, तू रात भर से गायब है मगर कोई ढूंढ नहीं रहा मतलब तेरे रहने ना रहने से किसीको कोई फर्क़ नहीं पड़ता l
रमेश - देखो मैं शादी शुदा हूँ, मेरे माँ बाप हैं, पत्नी है प्लीज मुझे जाने दो प्लीज (गिड़गिड़ाने लगता है)
भविष्य - देख आज तो नहीं पर कल तेरे लाश को तेरे घर वालों के पास पहुँचा दूँगा l
रमेश - नहीं
भविष्य - हाँ, क्यूँकी तेरे खून में एल्कोहल बहुत मात्रा में है इसलिए आज तू बच गया (रमेश चिल्लाने लगता है तो भविष्य उसके मुहँ पर सर्जिकल टेप चिपका देता है l रमेश बस गुँ गुँ कर रह जाता है)
भविष्य - हाँ तो डॉक्टर कितना माल मिलेगा l
डॉक्टर - सात लाख
भविष्य - सिर्फ सात लाख, मुझे तो यह करोड़ों का आसामी लगा था l इसकी आँखे निकाली जा सकती है, इसका दिल, फेफड़े, गुर्दा और कलेजा तक निकले जा सकते हैं l
डॉक्टर - अच्छा ठीक है, दस लाख, और ज्यादा नहीं वर्ना तुम इसे ले जा कर दफा हो सकते हो l
भविष्य - भगवान से तो डरो, तुम कमाओ करोड़ों में और हमें लाखों की छींट l
डॉक्टर - देख तेरे से डील नहीं हो पा रहा तो अपना लगेज को लेकर यहाँ से रफू चक्कर हो जा l
भविष्य - ठीक है, मुझे मंजूर है यह डील

दोनों हाथ मिलाते हैं और मुस्कराते हुए बेड पर बँधा रमेश को देखते हैं जिसका आँख डर के मारे फैल गई थी और चेहरा पसीने से तर रहा था l

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लॉबी में बैठे बैठे अरविंद ने कब झपकी ले ली थी उसे पता ही नहीं था l जब उसकी आँखे खुलती हैं तब उसे एहसास होता है कि अंतस उसे हिला हिला कर जगा रहा है l झटपट उठ कर अपनी चारों तरफ देखता है l ऑफिस के सारे स्टाफ़ उसीकी और देख रहे थे l अरविंद मन ही मन में शर्मिंदा होता है l

अंतस - पापा चलें l (यही एक शब्द उसके भीतर जान और स्फूर्ति भर देती है)
अरविंद - हाँ हाँ चलो चलें l

अरविंद उस जगह से जल्दी निकल जाना चाहता था l इसलिए करीब करीब भागते हुए लिफ्ट तक पहुँचता है फिर जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा खुलता है वह जल्दी से लिफ्ट के अंदर घुस जाता है l पीछे पीछे अंतस भी आ जाता है l

अरविंद - पता ही नहीं चला मैं कब सो गया l उन लोगों को बुरा लगा होगा हैं ना l
अंतस - नहीं पापा, ऐसा कुछ नहीं है l मैं जानता हूँ आप कल रात सोये नहीं होंगे l
अरविंद - हाँ कल रात मैं इतना खुस था कि मुझे नींद ही नहीं आई l शीट ऑफिस में तेरा इम्प्रेशन खराब तो नहीं हुआ होगा ना l
अंतस - नहीं पापा, ऐसा कुछ नहीं हुआ है l

दोनों लिफ्ट से बाहर आते हैं l अरविंद अभी भी भागते हुए पार्किंग में जाकर गाड़ी निकालता है l गाड़ी लेकर जब अंतस के पास पहुँचता है तो देखता है अंतस के हाथ में एक लेदर बैग था l

अरविंद - यह तेरे हाथ में बैग कैसा l
अंतस - ऑफिस का है, कुछ कागजात वगैरह हैं l
अरविंद - अच्छा आ बैठ, जल्दी निकलते हैं l

अंतस पीछे बैठ जाता है तो अरविंद गाड़ी घर की ओर ले जाता है l

अरविंद - तेरे अंदर जाने के बाद, मुझे खाना सर्व किया गया l मैंने भी लाज शर्म छोड़ कर ठूंसता गया l पेट भारी हो गया था, इसलिए झपकी आ गई थी l
अंतस - हाँ, समझ सकता हूँ l
अरविंद - क्या सोच रहे होंगे तेरे ऑफिस के स्टाफ l
अंतस - हाँ उन्हें थोड़ी डिस्टर्बेंस हो रहा था l
अरविंद - हाँ मैं समझ सकता हूँ, उनको डिस्टर्ब मेरे खर्राटे किए होंगे हा हा हा हा हा हा

अरविंद के साथ अंतस भी हँसने लगता है l तभी उनकी स्कुटर को ओवर टेक करते हुए एक पुलिस की जीप इन्हें रुकने के लिए इशारा करते हुए थोड़ी दूर रुकती है l पुलिस की जीप उन्हें इस तरह से रोकना अरविंद को जितना हैरान करता है उससे कहीं ज्यादा परेशान करता है l

अरविंद - अरे अब फिर क्या हो गया
अंतस - पता नहीं, चलिए देखते हैं क्या होता है

अरविंद अपना स्कुटर को पुलिस की जीप के पास रोकता है l दोनों स्कुटर से उतरते हैं, अरविंद गाड़ी की कागजात निकाल कर जीप की ओर जाने लगता है l देखता है जीप के अंदर वही दरोगा है जिसने दस लाख रुपये लेकर अंतस को छोड़ा था l

अरविंद - क्या बात है इंस्पेक्टर साहब, अब क्या गलती हो गई
इंस्पेक्टर - परसों मैंने आपसे जो रकम ली थी, उसकी वज़ह, जानते हैं आप
अरविंद - जी, जी नहीं साहब
इंस्पेक्टर - वह रकम मैंने आपसे इसलिए ली थी ताकि जिसने आपके बेटे के खिलाफ केस दर्ज की थी उसे वह रकम दे कर केस वापस ले जाने के लिए समझा सकूँ
अरविंद - जी, जी इंस्पेक्टर साहब
इंस्पेक्टर - (गहरी साँस छोड़ते हुए) पहले उसने पैसे ले लिए थे और केस भी वापस ले लिया था, पर आज सुबह आ कर अपनी गलती मान ली और यह पैसे लौटा दिया (कह कर इंस्पेक्टर काग़ज़ में लिपटे कुछ नोटों की गड्डीयाँ अरविंद के हाथों में थमा देता है) (अरविंद भौचक्का रह जाता है) अगर कुछ ज्यादती मुझसे हुई हो तो मुझे माफ कर दीजियेगा l

इतना कह कर इंस्पेक्टर अपनी जीप के साथ चला जाता है l हाथों में दस लाख रुपयों का बंडल लेकर मुहँ फाड़े इंस्पेक्टर को ओझल होते देख रहा था l वह चौंकता है जब अंतस उसे आवाज देता है

अंतस - पापा,
अरविंद - हाँ, हाँ (घूम कर अंतस के पास आता है) (थोड़ा हकलाते) बेटा अंतस
अंतस - हाँ पापा
अरविंद - एक चिकोटी काटना
अंतस - क्या
अरविंद - कहीं मैं अभी भी सोया हुआ तो नहीं हूँ l
अंतस - नहीं पापा, आप जागे हुए हैं, आप और मैं स्कुटर पर यहाँ आए हैं और अभी अभी वह पुलिस वाला आपके पैसे लौटा कर गया है l
अरविंद - अच्छा, इसका मतलब मैं जागा हुआ हूँ, हा हा हा हा, मैं जागा हुआ हूँ
अंतस - हाँ पापा
अरविंद - बेटा मुझे यकीन ही नहीं हो रहा, यह इंस्पेक्टर कितना बड़ा रिश्वत खोर है यह पूरी दुनिया जानती है, पर इसने अभी अभी मुझे मेरा पैसा लौटा दिया
अंतस - मैंने कहा था पापा, अब सब ठीक हो जाएगा
अरविंद - हाँ हाँ जैसे ही तेरी नौकरी लगी सब अपने आप सारे बिगड़े काम ठीक हो रहे हैं l (हाथ जोड़ कर आसमान की ओर देखते हुए) है भगवान कास मेरी कल्याणी की भी घर गृहस्थी सँवर जाए

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रमेश भाग रहा था, बड़ी मुश्किल से छुटा था l उसे यह अच्छी तरह से समझ में आ गया था, वह अभी किडनैप हुआ था एक ह्युमन ऑर्गन ट्रैफिकिंग गैंग के हाथों l वह तो उसकी किस्मत ने साथ दिया इसलिए अच्छी तरह से जोर लगाने पर उसके बंधन टूट गए l गनीमत है उसे वहाँ से भागते हुए किसीने नहीं देखा था l भागते भागते रमेश हांफने और थकने लगा था l हांफते हांफते इतना थक गया था कि वह सड़क किनारे एक कल्वर्ट पर बैठ कर अपनी साँसे दुरुस्त करने लगता है l इतने में विपरीत दिशा से एक गाड़ी को आते देखता है वह उसके सामने खड़ा हो जाता है l ड्राइवर ब्रेक लगा कर गाड़ी को रोकता है l वह एक पुलिस की जीप थी, उस जीप से एक इंस्पेक्टर उतर कर गालियाँ देने लगता है

इंस्पेक्टर - अबे आँख के अंधे, तुझे पुलिस की ही गाड़ी मिली थी क्या मरने के लिए l
रमेश - (अपनी साँस को नार्मल करते हुए) क्या आप पुलिस वाले हैं
इंस्पेक्टर - अबे ढक्कन तुझे मैं वर्दी में पोस्ट मैन दिख रहा हूँ
ड्राइवर - (इंस्पेक्टर से) साब जी, यह तो वही लापता बंदा लग रहा है, जिसे हम ढूँढ रहे हैं l
इंस्पेक्टर - क्या (अपनी जेब से एक फोटो निकाल कर देखता है और रमेश से हुलिया मिला कर देखता है) अरे हाँ, यही तो है (रमेश से) अबे तु कहाँ चला गया था, और यह मरीजों वालीं कपड़े में क्यूँ है l

रमेश को यह जान कर चैन आता है कि पुलिस उसे ढूँढ रही थी l रमेश इंस्पेक्टर से उस पर बीते हर एक पल को विस्तार में बताता है l

इंस्पेक्टर - अच्छा तो तु किडनैप हो गया था l
रमेश - जी इंस्पेक्टर साहब l
इंस्पेक्टर - क्या तुझे उनके अड्डे के बारे में पता है l
रमेश - हाँ है
इंस्पेक्टर - कितने लोग थे वहाँ पर?
रमेश - जी मैंने सिर्फ दो लोग ही देखे वहाँ पर l
इंस्पेक्टर - तो ठीक है चलो, लगे हाथ उन्हें गिरफ्तार कर लेते हैं और ह्युमन ऑर्गन ट्रैफिकिंग का भांडा फोड़ देते हैं (ड्राइवर से) हेड क्वार्टर में खबर करो l हमे रमेश मिल गया है और लोकेशन की जानकारी देते हुए एक्स्ट्रा फोर्स को भेजने के लिए कहो

ड्राइवर वायर लेस सेट से हेडक्वार्टर पर खबर करते हुए एक्स्ट्रा फोर्स भेजने के लिए कहता है l रमेश को पीछे बैठने के लिए कह कर इंस्पेक्टर रमेश के साथ उसी जगह पर जाता है जहां पर रमेश बेड पर बंधा हुआ था l

एक सुनसान जगह पर एक आधी तैयार बिल्डिंग में आते हैं रमेश रास्ता दिखाते हुए इंस्पेक्टर को बिल्डिंग के अंदर ले जाता है l इंस्पेक्टर देखता है एक कमरा जहाँ बिल्कुल ऑपरेशन थिएटर की तरह हर सामान से भरपूर था l तभी कमरे में भविष्य और डॉक्टर प्रवेश करते हैं l

भविष्य - अबे कहाँ भाग गया था l
रमेश - इंस्पेक्टर साहब, यही वह बंदा है जिसने मुझे शराब पीला कर बेहोश कर यहाँ ले आया था l यह और यह डॉक्टर दोनों मिलकर यह काम करते हैं l
इंस्पेक्टर - (भविष्य से) क्यूँ बे, मरीजों के हाथ पैर कैसे बाँधा जाता है तुझे नहीं मालूम l यह खोल के तोड़ कर भाग गया l (रमेश अब चौंकता है) यह तो गनीमत समझो रास्ते में मुझे मिल गया, वर्ना
रमेश - (हैरत और डर के मारे अंदाज में) इसका मतलब आप इनके साथी हैं l
इंस्पेक्टर - हाँ

इससे पहले कि रमेश भागने के बारे सोच पाए इंस्पेक्टर हॉलस्टर से गन निकाल कर रमेश पर तान देता है l रमेश को अब मौत साक्षात नजर आ रही थी l
 

Surya_021

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❤️चौथा अपडेट ❤️
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अगले दिन अंतस घर से अपने माँ बाप से इजाजत लेकर ऑफिस के लिए निकला l बस्ती से बाहर शेयर ऑटो से आगे एक चौक पर उतर जाता है l वहाँ पर सफेद रंग की एक स्ट्रेच लिमोनीयोस कार खड़ी थी l अंतस इधर उधर अपनी नजरें घुमाता है और जाकर कार के पास खड़ा हो जाता है l कार का दरवाजा खुल जाता है l अंतस अंदर जाकर सीट पर बैठ जाता है l दरवाजा बंद हो जाता है और गाड़ी चलने लगती है l अंतस के सामने जेडी बैठा हुआ था l

जेडी - तो, अंतस! जैसा कि हमारे बीच डील हुआ था, मैंने तुम्हारे सारे काम ऑल मोस्ट निपटा दिए l
अंतस - जी थैंक्यू l
जेडी - हमारे डील में, मेरे तरफ़ से जो इन्वेस्टमेंट कमिटमेंट था, वह मैंने पूरा कर दिया है l
अंतस - जी, जानता हूँ l अब मेरी बारी, और मैं, पुरी तरह से तैयार हूँ l
जेडी - ह्व़ाट, तो तुम तैयार हो l
अंतस - जी, जैसा कि मैंने कहा था, उसे पूरा करने में पीछे नहीं हटुंगा l
जेडी - हाँ, जानता हूँ, भरोसा है मुझे तुम पर l बहुत कम पैसों में तुमने डील की है l इसलिए तो तुम्हारा इज़्ज़त कर रहा हूँ, और तुम्हारे परिवार के सारे उलझनों को सुलझाने के लिए जो भी करना पड़ा मैंने किया l
अंतस - जी, मैं उसके लिए आभार हूँ, बोलिए कब चलना है, मैं तैयार हूँ l
जेडी - (मुस्कराता है) तुम तैयार हो, यही काफी है, फ़िलहाल अभी छह महीने का वक़्त मिल गया है l इसलिए मैं तुमसे मिलने आया हूँ, ईन छह महीनों में तुम क्या करना चाहोगे l
अंतस - दीदी अपनी घर चली जाए तो मैं कुछ सोचूँ l
जेडी - तुम उसकी फिक्र मत करो, आज तुम्हें ख़बर मिल जाएगी और शाम तक या फिर कल तक शायद तुम्हारा जीजा तुम्हारी दीदी को ले जाए l
अंतस - (सोच में पड़ जाता है)
जेडी - क्या सोचने लगे
अंतस - कल तक अगर दीदी चली जाती है, तो छह महीने तक मेरा यहाँ रहना शायद ठीक नहीं होगा l
जेडी - तो
अंतस - क्या मैं बाहर, मतलब ऑउट ऑफ ओड़िशा, कहीं जा सकता हूँ (जेडी खामोश रहता है और अंतस की ओर घूर कर देखने लगता है) मैं कहीं भाग नहीं जाऊँगा, बस अपने माता पिता के सामने रहना नहीं चाहता, पता नहीं उनके सामने कब मैं कमजोर पड़ जाऊँ
जेडी - ह्म्म्म्म, ठीक है सिर्फ दो मिनट में इंतजाम किए देता हूँ (जेडी एक मोबाइल निकाल कर अंतस को देता है) यह तुम्हारे लिए ही लिया गया था, अपनी पुरानी मोबाइल से सीम निकाल कर इसमें डाल लो l जब हमें छह महीने का वक़्त मिला तो तुम्हारे लिए यह ले लिया था l (अंतस मोबाइल ले लेता है, जेडी एक क्रेडिट कार्ड निकाल कर उसे देता है) यह कार्ड रख लो, डेविट कम क्रेडिट कार्ड है, जितना चाहे पैसे उठा सकते हो, खर्च कर सकते हो l अब तुम इंडीया में जहां जाना चाहो जा सकते हो, यह मोबाइल और यह कार्ड तुम्हारा लोकेशन बताता रहेगा l (अंतस जेडी से वह कार्ड रख लेता है) और कुछ..?
अंतस - जी एक ऑफिस ऑर्डर चाहिए, मम्मी पापा को यकीन दिलाने के लिए,
जेडी - ह्म्म्म्म समझ गया, मिल जाएगा, और कुछ...?
अंतस - जी नहीं, अब तक आपने जो किया उसका मैं आभारी रहूँगा l
जेडी - सिर्फ आभारी ही नहीं, तुम्हें जिंदा भी रहना है l चुस्त, दुरुस्त, तंदुरुस्त रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - और हाँ, शराब और शबाब से भी दूर ही रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - देखो अंतस, मैं जानता हूँ, तुम्हारे लिए यह कितना मुश्किल भरा वक़्त है, पर फैसला तुमने अपनी मर्जी से लिया है
अंतस - जी, मैं जानता हूँ और मैंने उसकी कीमत भी ले ली है l
जेडी - तुम एक बात समझ लो, यह दुनिया कुछ लोगों के लिए बड़ी हो सकती है पर, जब कोई मुझसे अपना जुबान हार जाता है मैं उसके लिए दुनिया बहुत छोटी कर देता हूँ, और जिंदगी, वह तो छोटी होती ही है l (अंतस जेडी की ओर देख रहा था) मैं तुम्हारे पीछे कोई जासूस नहीं लगाऊंगा, क्यूँकी तुम अलग हो, पर फिर भी तुमने कुछ भी उल्टा सीधा किया तो मैं तुम्हारी दुनिया बहुत छोटी और बदत्तर कर दूँगा l
अंतस - जी जानता हूँ,
जेडी - तुम दिल के बहुत अच्छे हो, पर तुम किसी से दिल मत लगा बैठना और ना ही किसीसे दिल बहलाना l
अंतस - जी, मैं जानता हूँ
जेडी - गुड, और हाँ, इंडीया में कहीं भी रहो l पर अपने माँ बाप से मिलने हर महीने तीन चार दिन के लिए आते रहना l
अंतस - जी,

चलती लीमोनियस रुक जाती है अंतस उतर जाता है l अंतस के उतर ने के बाद गाड़ी का दरवाजा बंद हो जाता है और लीमोनियस आगे बढ़ जाती है l

मैनेजर - सर, यह भुवनेश्वर में रहना नहीं चाहता, इसका मतलब कहीं भाग तो नहीं जाएगा
जेडी - नहीं, नहीं भागेगा,
मैनेजर - इतना क्यूँ भरोसा कर रहे हैं उसपर
जेडी - मैंने उसे सौ करोड़ की ऑफर की थी l पर उसने सिर्फ एक करोड़ ही लिया l अपने पैरेंट्स और अपने बहनों के वास्ते l
मैनेजर - फिर भी आपने उसे उससे ज्यादा ही दे रहे हैं l
जेडी - कुछ लोग अपने जुबान और इरादों के पक्के होते हैं l यह उनमें से एक है l
मैनेजर - क्या हम उसके पीछे आदमी छोड़ें l
जेडी - नहीं, उसकी कोई जरूरत नहीं l


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लीमोनियस से उतर कर अंतस सड़क पर नजरें दौड़ता है l अपना नया मोबाइल निकालता है और अपनी पुरानी मोबाइल से सिम निकाल कर नए मोबाइल में डालता है l पुरानी मोबाइल को देखता है

फ्लैशबैक
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शाम का वक़्त था, घर पर अंतस एंप्लॉयमेंट न्यूज पेपर में अपने लिए नौकरी ढूंढ रहा था l तभी उसका फोन बजने लगता है l फोन पर उसका दोस्त संतोष था l अंतस फोन पीक करता है

अंतस - हाँ, बोल, क्या हुआ
संतोष - (घबराई हुए आवाज में) अंतस, यार मेरी बहन को यहाँ छेड़ रहे हैं, मैं अकेला हूं, बचा ले यार
अंतस - क्या, कहाँ है अभी तु...
संतोष - अपने मुहल्ले के xxx रोड़ पर

अंतस पेपर बेड पर फेंक कर बाहर निकल जाता है l पीछे लक्ष्मी उसे पुकारती रह जाती है l अंतस भागते हुए वहाँ पहुँच जाता है l देखता है दूसरे मुहल्ले का माधो संतोष की बहन का दुपट्टे को लेकर अपने मुहल्ले के लड़के के साथ आपस में फेंक कर खेल रहे थे l दुपट्टे को लाने के लिए संतोष इधर उधर भाग रहा था और उसकी बहन एक जगह दुबकी रो रही थी l आसपास लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे l एक लड़का दुपट्टा को दूसरे लड़के की ओर फेंकता है तो अंतस बीच में आकर पकड़ लेता है l सभी लड़कों का ध्यान अंतस की ओर जाता है l

माधो - अरे, पात्रपडा का हीरो आ गया, (उसके साथी ओ हो कर चिल्लाने लगते हैं)

अंतस दुपट्टा लेकर संतोष को देता है l संतोष दुपट्टा लेकर अपनी बहन के पास जाता है और उसे दे देता है l

माधो - ओए, अंतस यह मेरा और इनके बीच का मामला है l तु क्यूँ अपना सिर फोड़ने आ गया l
अंतस - तु अपना दादागिरी की दुकान कहीं और जाकर खोल l इंसान बन और कुत्तागिरी छोड़ l
माधो - हाँ साले छोड़ दूँगा, तु बस एक दिन के लिए मेरा सच्ची मुच्ची का साला बन जा l वैसे भी तेरे जीजा ने चूस के फेंक ही दिया है l

अंतस गुस्से में माधो के मुहँ पर मुक्का जड़ देता है l माधो कुछ कदम पीछे जाकर गिर जाता है l इतने में माधो के साथी अंतस को पकड़ लेते हैं पर अंतस गुस्से में पागल हो गया था, अंतस और उन लोगों के बीच मुठभेड़ शुरू हो जाता है l अंतस सब पर भारी पड़ने लगता है l एक एक कर माधो के साथी वहाँ से भाग जाते हैं l माधो अकेला रह जाता है l अंतस उसे बुरी तरह घसीट पीटने लगता है l झगड़ा इस कदर बढ़ चुका था कि लोग जो अब तक तमाशा देख रहे थे वे भी भाग गए थे l बस कुछ बाइक्स खड़ी थीं पर लोग वहाँ से नदारद थे l थोड़ी देर बाद खून से सना माधो जमीन पर गिर कर कराह रहा था l अंतस चारों ओर देखता है वहाँ पर लोग ही नहीं संतोष और उसकी बहन भी नहीं थे, पर एक कार खड़ी थी l अंतस उस कार के पास जाता है आगे ड्राइवर था पीछे एक लड़की बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रहा था l

अंतस - (ड्राइवर से) क्या आप मेरी मदत करेंगे
ड्राइवर - कैसी मदत
अंतस - (माधो की ओर इशारा करते हुए) वह लड़का बहुत घायल है, क्या उसे मेडिकल ले जाने में मेरी मदत करेंगे l
ड्राइवर - नहीं बिल्कुल नहीं, तुम अपने झगड़े में हमें क्यूँ घसीट रहे हो, जाओ कोई ऑटो कर लो या एम्बुलेंस को बुलाओ l
लड़की - (जो पीछे बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रही थी ) कोई बात नहीं, आप उस लड़के को लेकर आइए, मैं सामने बैठ जाती हूँ, आप उसे लेकर पीछे बैठ जाइए l

जब तक अंतस माधो को उठा कर गाड़ी तक लाता है तब तक लड़की आकर सामने ड्राइवर के पास बैठ चुकी थी l अंतस पिछली सीट पर माधो को लेकर बैठ जाता है l ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कर आगे ले जाने लगता है l

लड़की - (बिना पीछे मुड़े) एक बात पूछूं l
अंतस - जी
लड़की - मैंने देखा, आप इसे मार रहे थे l फिर आप ही इसे हस्पताल लेकर जा रहे हैं l
अंतस - बात दरअसल यह है कि, यह मेरे दोस्त और उसकी बहन के साथ अपने दोस्तों के साथ मिलकर बदतमीजी कर रहा था, मैं बस उन्हें बचाने आया था l
लड़की - कौन दोस्त, कौन लड़की, कोई भी नहीं दिखा l
अंतस - शायद झगड़ा इतना बढ़ेगा मेरे दोस्त ने सोचा नहीं था, अपनी बहन को लेकर चला गया l
लड़की - कमाल है, आपको मुसीबत में छोड़ कर चला गया l
अंतस - नहीं, मुसीबत में तो इसके दोस्त इसे छोड़ कर चले गए l बात एक लड़की की है इतना तो खयाल करना पड़ता ही है l
लड़की - क्या आप अपने दोस्त की बहन के लिए, इसे इस कदर मारे l
अंतस - नहीं, मैं सिर्फ बात चित से सुलझाना चाहता था l पर इसने मेरी बहन पर गंदी बात की, मुझसे सहा नहीं गया l
लड़की - अगर बात ऐसी है तो इसे हस्पताल क्यूँ लेकर जा रहे हैं l
अंतस - है तो यह अपने इलाके का, और मैं इसके माँ बाप को मौसा मौसी बुलाता हूँ l उनके आंखों में अपराधी नहीं बनना चाहता हूँ इसलिए इसे हस्पताल ले जा रहा हूँ l


लड़की कुछ नहीं कहती, हस्पताल आ जाता है l अंतस माधो को लेकर उतर जाता है l कार में बैठी लड़की वहाँ से चली जाती है l

फ्लैश बैक खत्म
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तभी अंतस का नया मोबाइल बजने लगता है l डिस्प्ले में होम दिख रहा था l फोन पर लक्ष्मी थी l

लक्ष्मी - हैलो, बेटा
अंतस - हाँ मम्मा, बोलो
लक्ष्मी - आज का दिन तो बहुत शुभ निकला, तेरे जीजाजी के घर से खबर आया है, आज शाम को आकार तेरे दीदी को ले जाएंगे l
अंतस - वाह मम्मा, यह सच में बहुत खुशी की बात है l
लक्ष्मी - हाँ बेटा, मैं सोच रही थी तेरी दीदी की बिदाई में कुछ दें क्या l
अंतस - मम्मा, आपने दहेज में बहुत कुछ दिया है l
लक्ष्मी - हाँ हाँ दिया है, पर लड़की उसके बाद घर पर ही तो रही है l अब जब बिदा करने का वक़्त आया है तो क्या खाली हाथ भेज दें l पुरानी परंपरा में गौना भी होता था, तो समझ ले हम तेरी दीदी का गौना करा रहे हैं l
अंतस - ठीक है मम्मा, तुम क्या देना चाहते हो l
लक्ष्मी - देख तेरे पापा के पास अभी दस लाख हैं, मै चाहती थी अगर हम कुछ गहने, (अटक अटक कर) मेरा मतलब है एक दो गहने हम दे पाएँ तो, कम से कम एक अंगुठी या कान की बाली
अंतस - समझ गया मम्मा, मैं आज शाम को कुछ ना कुछ ले आऊंगा l
लक्ष्मी - बहुत अच्छा बेटा, जीता रह, अच्छा फोन रखती हूँ और हाँ यह तेरे और मेरे बीच रहनी चाहिए, अपने पापा को भी मात बताना
अंतस - अच्छा ठीक है मम्मा

फोन कट जाता है l अंतस के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आती है फिर जैसे ही पुरानी मोबाइल को देखता है मुस्कान गायब हो जाती है और अंतस उस मोबाइल को सड़क के एक किनारे फेंक कर आगे बढ़ जाता है l


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गैलरीया मॉल में अंतस पहुँचता है l वहाँ पर एक बड़े ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप में पहुँचता है l एक सुंदर सी बाली देख कर उसे खरीदता है और पेमेंट जेडी की दी हुई कार्ड से करता है l कीमत डेढ़ लाख की थी l पैक करा लेने के बाद वह ज्वेलरी की शॉप से निकल कर मॉल के हलचल वाली जगह पर आता है l देखता है एक लड़का अपने हाथ में एक बड़ा सा फ्लावर बुके लेकर नीचे आ रही एस्कालेटर के पास खड़ा था l अंतस की नजर अपने आप एस्कालेटर पर टिक जाता है l एक बहुत ही खूबसूरत लड़की उतर रही थी l सफ़ेद चुड़ीदार पंजाबी लिबास में बेहद ही खूबसूरत लग रही थी l जैसे ही एस्कालेटर से लड़की नीचे आती है वह लड़का उसके सामने घुटने पर बैठ कर लड़की को बुके देते हुए अपने प्यार का इजहार करता है l

लड़का - मैं अपने प्यार का इजहार कर रहा हूँ
यह फूल नहीं मेरा दिल है जो तुम्हें दे रहा हूँ ll

लड़के के साथ उसके जो दोस्त थे सभी ताली बजा कर हौसला अफजाई करते हैं l लड़की पहले तो हैरान होती है फिर मुस्करा कर बुके लेती है l सभी लड़के है है कर चिल्लाने लगते हैं l लड़की सबको हाथ दिखा कर शांत होने के लिए कहती है, सब शांत हो जाते हैं l

लड़की - पसंद आया, तुम्हारा यूँ मुझे प्रपोज करना, पर पूछना चाहूँगी मैं ही क्यूँ और भी तो हैं इस सहर में l
लड़का - अरे यार, तुम बहुत स्पेशल हो, आई मीन यु आर बेस्ट और मैं बेस्ट ही तो डिजर्व करता हूँ l
लड़की - ओ, यु मीन, इस सहर में मैं सबसे बेस्ट हूँ, और तुम
लड़का - मैं, आई थिंक आई एम दी बेस्ट, आई चैलेंज मुझसे बेस्ट तुम्हें इस सहर तो क्या दुनिया में भी नहीं मिलेगा l
लड़की - ओके देन लेटस हाव डील, मैं तुम्हारे प्यार को कुबूल करती हूँ, बट अगर मुझे तुमसे कोई बेहतर मिला तो मैं तुम्हें छोड़ कर उसके साथ चली जाऊँगी l
लड़का - (फीकी हँसी हँसते हुए) हे हे हे, तुम मज़ाक कर रही हो ना l
लड़की - नो नट एट ऑल, तुमने अभी खुदको बेस्ट कहा है और मैं कह रही हूँ मुझे तुमसे कोई बेटर मिला तो मैं उसे चुनूंगी
लड़का - (खीज कर) यु मीन तुम मुझे डीच करोगी l
लकड़ी - ऑफ कोर्स l
लड़का - ह्व़ाट द फक, मैं तो तुम्हें अच्छी लड़की समझता था l
लड़की - अच्छा, इस सहर में मुझे आए दो हफ्ते हुए हैं l आई ग्यारंटी, ना तो तुम मेरे नाम से वाकिफ होगे ना ही मेरे फैमिली बैकग्राउंड से, पर तुम मुझे अच्छी तरह से समझ चुके थे l
लड़का - आर यु सीरियस l
लड़की - क्यूँ तुम्हें किस बात का डाऊट है l
लड़का - साली रांड, तुझे अच्छी लड़की समझ कर तेरे पीछे जुता घिस घिस कर घूमता रहा और अब तु मुझे अपना यह शकल दिखा रही है l
लड़की - मैंने तुझे अपना यह रूप दिखाया, तभी तो बात से और ज़ज्बात से तु अपनी असलियत पर आ गया l
लड़का - साली तेरी तो l

तब तक मॉल के सिक्योरिटी लड़के और उसके साथी को पकड़ लेते हैं और उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जाते हैं l लड़की मुड़कर बाहर जाने लगती है l लड़की के बाहर पहुँचते ही अंतस उसके पास पहुँचता है और उसे आवाज देता है l

अंतस - रुकिए, (लड़की रुक जाती है, अंतस उसके पास पहुँचती है) मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ, अगर आप बुरा ना माने तो l
लड़की - (हैरान हो कर भौंहे सिकुड़ कर अंतस को देखती है) पूछिये
अंतस - आप उस लड़के को सीधी तरह मना कर देती, इतना कुछ करने की क्या जरूरत थी l
लड़की - मुझे जो सही लगा मैंने वही किया l
अंतस - पर इससे उसके दिल पर चोट लगी l
लड़की - आप गलत कह रहे हो, दिल पर नहीं, अहं पर या यूँ कहूँ मर्दाना गुरूर पर चोट पहुँची है l
अंतस - हाँ वही, आपका सुलूक ही ऐसा था कि वह लड़का हाइपर हो गया, शायद खतरनाक हो जाए l
लड़की - तो मुझे डर कर उसका प्रपोजल एक्सेप्ट करलेना चाहिए था, क्यूँ l
अंतस - नहीं मैं कह रहा था आप सीधी तरह मना कर देतीं l
लड़की - देखो मिस्टर, मैं समझती हूँ, तुम्हें उससे हमदर्दी क्यूँ हो रही है, और तुम उसके लिए वकालत क्यूँ कर रहे हो l (अंतस कुछ कहना चाहता था, पर वह लड़की उसे रोक देती है) लेट मी फिनिश, कुछ लड़के होते हैं, जो हर लड़की को अपना प्रॉपर्टी समझते हैं, उल्टा सीधा कर उसे हासिल करने लगते हैं, अगर हासिल हो जाए तब भी बर्बाद कर देते हैं और ना हो तब भी बर्बाद करने की हर कोशिश करते हैं l ऐसों से पाला अभी से नहीं स्कुल लाइफ से वास्ता पड़ रहा है l अगर वह मुझे बेस्ट कह रहा था तो क्या मैं बेस्ट डिजर्व नहीं करती, वह खुद को बेस्ट कह रहा था पर जब मैं उससे भी बेटर की बात कही वह ईन सिक्युर हो गया और अपना भड़ास निकालने लगा, पल भर पहले जो मुझे बेस्ट कह रहा था वही गंदी गंदी गालियों पर उतर आया l वैसे भी उसने मुझे प्रपोज किया ही क्यूँ, इसलिये ना कि मैं खूबसूरत हूँ पर (इतना कह कर लड़की अपने बालों को हटाती है, दाहिने कान के नीचे चमड़ा जला हुआ था) अगर यह जला हुआ हिस्सा मेरे कान के नीचे के बजाय मेरे चेहरे पर होती तो क्या वह मुझे प्रपोज करता, कभी नहीं l (इतना कह कर लड़की जाने को होती है फिर अचानक रुक कर) यह जला हुआ हिस्सा भी एक सिरफिरे की वज़ह से है, मेरे सीधे मना करने के बाद मेरे ऊपर तेजाब फेंका था l गनीमत थी के मेरे हाथों में उस वक़्त किताब थी जिसके आड़ ने मेरे चेहरे को बचा लिया था l इसलिए मुझे ऐसे लड़कों से नफरत है, घिन है l

कह कर वह लड़की वहाँ से चली जाती है l मुहँ खोले अंतस उसे जाते हुए देखता रह जाता है l वह मुड़ता है तो उसकी आँखे एक विज्ञापन पर ठहर जाती है l

डोंट जज अ बुक बाय इट्स कवर
Nice update 😍
 
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❤️चौथा अपडेट ❤️
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अगले दिन अंतस घर से अपने माँ बाप से इजाजत लेकर ऑफिस के लिए निकला l बस्ती से बाहर शेयर ऑटो से आगे एक चौक पर उतर जाता है l वहाँ पर सफेद रंग की एक स्ट्रेच लिमोनीयोस कार खड़ी थी l अंतस इधर उधर अपनी नजरें घुमाता है और जाकर कार के पास खड़ा हो जाता है l कार का दरवाजा खुल जाता है l अंतस अंदर जाकर सीट पर बैठ जाता है l दरवाजा बंद हो जाता है और गाड़ी चलने लगती है l अंतस के सामने जेडी बैठा हुआ था l

जेडी - तो, अंतस! जैसा कि हमारे बीच डील हुआ था, मैंने तुम्हारे सारे काम ऑल मोस्ट निपटा दिए l
अंतस - जी थैंक्यू l
जेडी - हमारे डील में, मेरे तरफ़ से जो इन्वेस्टमेंट कमिटमेंट था, वह मैंने पूरा कर दिया है l
अंतस - जी, जानता हूँ l अब मेरी बारी, और मैं, पुरी तरह से तैयार हूँ l
जेडी - ह्व़ाट, तो तुम तैयार हो l
अंतस - जी, जैसा कि मैंने कहा था, उसे पूरा करने में पीछे नहीं हटुंगा l
जेडी - हाँ, जानता हूँ, भरोसा है मुझे तुम पर l बहुत कम पैसों में तुमने डील की है l इसलिए तो तुम्हारा इज़्ज़त कर रहा हूँ, और तुम्हारे परिवार के सारे उलझनों को सुलझाने के लिए जो भी करना पड़ा मैंने किया l
अंतस - जी, मैं उसके लिए आभार हूँ, बोलिए कब चलना है, मैं तैयार हूँ l
जेडी - (मुस्कराता है) तुम तैयार हो, यही काफी है, फ़िलहाल अभी छह महीने का वक़्त मिल गया है l इसलिए मैं तुमसे मिलने आया हूँ, ईन छह महीनों में तुम क्या करना चाहोगे l
अंतस - दीदी अपनी घर चली जाए तो मैं कुछ सोचूँ l
जेडी - तुम उसकी फिक्र मत करो, आज तुम्हें ख़बर मिल जाएगी और शाम तक या फिर कल तक शायद तुम्हारा जीजा तुम्हारी दीदी को ले जाए l
अंतस - (सोच में पड़ जाता है)
जेडी - क्या सोचने लगे
अंतस - कल तक अगर दीदी चली जाती है, तो छह महीने तक मेरा यहाँ रहना शायद ठीक नहीं होगा l
जेडी - तो
अंतस - क्या मैं बाहर, मतलब ऑउट ऑफ ओड़िशा, कहीं जा सकता हूँ (जेडी खामोश रहता है और अंतस की ओर घूर कर देखने लगता है) मैं कहीं भाग नहीं जाऊँगा, बस अपने माता पिता के सामने रहना नहीं चाहता, पता नहीं उनके सामने कब मैं कमजोर पड़ जाऊँ
जेडी - ह्म्म्म्म, ठीक है सिर्फ दो मिनट में इंतजाम किए देता हूँ (जेडी एक मोबाइल निकाल कर अंतस को देता है) यह तुम्हारे लिए ही लिया गया था, अपनी पुरानी मोबाइल से सीम निकाल कर इसमें डाल लो l जब हमें छह महीने का वक़्त मिला तो तुम्हारे लिए यह ले लिया था l (अंतस मोबाइल ले लेता है, जेडी एक क्रेडिट कार्ड निकाल कर उसे देता है) यह कार्ड रख लो, डेविट कम क्रेडिट कार्ड है, जितना चाहे पैसे उठा सकते हो, खर्च कर सकते हो l अब तुम इंडीया में जहां जाना चाहो जा सकते हो, यह मोबाइल और यह कार्ड तुम्हारा लोकेशन बताता रहेगा l (अंतस जेडी से वह कार्ड रख लेता है) और कुछ..?
अंतस - जी एक ऑफिस ऑर्डर चाहिए, मम्मी पापा को यकीन दिलाने के लिए,
जेडी - ह्म्म्म्म समझ गया, मिल जाएगा, और कुछ...?
अंतस - जी नहीं, अब तक आपने जो किया उसका मैं आभारी रहूँगा l
जेडी - सिर्फ आभारी ही नहीं, तुम्हें जिंदा भी रहना है l चुस्त, दुरुस्त, तंदुरुस्त रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - और हाँ, शराब और शबाब से भी दूर ही रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - देखो अंतस, मैं जानता हूँ, तुम्हारे लिए यह कितना मुश्किल भरा वक़्त है, पर फैसला तुमने अपनी मर्जी से लिया है
अंतस - जी, मैं जानता हूँ और मैंने उसकी कीमत भी ले ली है l
जेडी - तुम एक बात समझ लो, यह दुनिया कुछ लोगों के लिए बड़ी हो सकती है पर, जब कोई मुझसे अपना जुबान हार जाता है मैं उसके लिए दुनिया बहुत छोटी कर देता हूँ, और जिंदगी, वह तो छोटी होती ही है l (अंतस जेडी की ओर देख रहा था) मैं तुम्हारे पीछे कोई जासूस नहीं लगाऊंगा, क्यूँकी तुम अलग हो, पर फिर भी तुमने कुछ भी उल्टा सीधा किया तो मैं तुम्हारी दुनिया बहुत छोटी और बदत्तर कर दूँगा l
अंतस - जी जानता हूँ,
जेडी - तुम दिल के बहुत अच्छे हो, पर तुम किसी से दिल मत लगा बैठना और ना ही किसीसे दिल बहलाना l
अंतस - जी, मैं जानता हूँ
जेडी - गुड, और हाँ, इंडीया में कहीं भी रहो l पर अपने माँ बाप से मिलने हर महीने तीन चार दिन के लिए आते रहना l
अंतस - जी,

चलती लीमोनियस रुक जाती है अंतस उतर जाता है l अंतस के उतर ने के बाद गाड़ी का दरवाजा बंद हो जाता है और लीमोनियस आगे बढ़ जाती है l

मैनेजर - सर, यह भुवनेश्वर में रहना नहीं चाहता, इसका मतलब कहीं भाग तो नहीं जाएगा
जेडी - नहीं, नहीं भागेगा,
मैनेजर - इतना क्यूँ भरोसा कर रहे हैं उसपर
जेडी - मैंने उसे सौ करोड़ की ऑफर की थी l पर उसने सिर्फ एक करोड़ ही लिया l अपने पैरेंट्स और अपने बहनों के वास्ते l
मैनेजर - फिर भी आपने उसे उससे ज्यादा ही दे रहे हैं l
जेडी - कुछ लोग अपने जुबान और इरादों के पक्के होते हैं l यह उनमें से एक है l
मैनेजर - क्या हम उसके पीछे आदमी छोड़ें l
जेडी - नहीं, उसकी कोई जरूरत नहीं l


~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

लीमोनियस से उतर कर अंतस सड़क पर नजरें दौड़ता है l अपना नया मोबाइल निकालता है और अपनी पुरानी मोबाइल से सिम निकाल कर नए मोबाइल में डालता है l पुरानी मोबाइल को देखता है

फ्लैशबैक
~~~~~

शाम का वक़्त था, घर पर अंतस एंप्लॉयमेंट न्यूज पेपर में अपने लिए नौकरी ढूंढ रहा था l तभी उसका फोन बजने लगता है l फोन पर उसका दोस्त संतोष था l अंतस फोन पीक करता है

अंतस - हाँ, बोल, क्या हुआ
संतोष - (घबराई हुए आवाज में) अंतस, यार मेरी बहन को यहाँ छेड़ रहे हैं, मैं अकेला हूं, बचा ले यार
अंतस - क्या, कहाँ है अभी तु...
संतोष - अपने मुहल्ले के xxx रोड़ पर

अंतस पेपर बेड पर फेंक कर बाहर निकल जाता है l पीछे लक्ष्मी उसे पुकारती रह जाती है l अंतस भागते हुए वहाँ पहुँच जाता है l देखता है दूसरे मुहल्ले का माधो संतोष की बहन का दुपट्टे को लेकर अपने मुहल्ले के लड़के के साथ आपस में फेंक कर खेल रहे थे l दुपट्टे को लाने के लिए संतोष इधर उधर भाग रहा था और उसकी बहन एक जगह दुबकी रो रही थी l आसपास लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे l एक लड़का दुपट्टा को दूसरे लड़के की ओर फेंकता है तो अंतस बीच में आकर पकड़ लेता है l सभी लड़कों का ध्यान अंतस की ओर जाता है l

माधो - अरे, पात्रपडा का हीरो आ गया, (उसके साथी ओ हो कर चिल्लाने लगते हैं)

अंतस दुपट्टा लेकर संतोष को देता है l संतोष दुपट्टा लेकर अपनी बहन के पास जाता है और उसे दे देता है l

माधो - ओए, अंतस यह मेरा और इनके बीच का मामला है l तु क्यूँ अपना सिर फोड़ने आ गया l
अंतस - तु अपना दादागिरी की दुकान कहीं और जाकर खोल l इंसान बन और कुत्तागिरी छोड़ l
माधो - हाँ साले छोड़ दूँगा, तु बस एक दिन के लिए मेरा सच्ची मुच्ची का साला बन जा l वैसे भी तेरे जीजा ने चूस के फेंक ही दिया है l

अंतस गुस्से में माधो के मुहँ पर मुक्का जड़ देता है l माधो कुछ कदम पीछे जाकर गिर जाता है l इतने में माधो के साथी अंतस को पकड़ लेते हैं पर अंतस गुस्से में पागल हो गया था, अंतस और उन लोगों के बीच मुठभेड़ शुरू हो जाता है l अंतस सब पर भारी पड़ने लगता है l एक एक कर माधो के साथी वहाँ से भाग जाते हैं l माधो अकेला रह जाता है l अंतस उसे बुरी तरह घसीट पीटने लगता है l झगड़ा इस कदर बढ़ चुका था कि लोग जो अब तक तमाशा देख रहे थे वे भी भाग गए थे l बस कुछ बाइक्स खड़ी थीं पर लोग वहाँ से नदारद थे l थोड़ी देर बाद खून से सना माधो जमीन पर गिर कर कराह रहा था l अंतस चारों ओर देखता है वहाँ पर लोग ही नहीं संतोष और उसकी बहन भी नहीं थे, पर एक कार खड़ी थी l अंतस उस कार के पास जाता है आगे ड्राइवर था पीछे एक लड़की बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रहा था l

अंतस - (ड्राइवर से) क्या आप मेरी मदत करेंगे
ड्राइवर - कैसी मदत
अंतस - (माधो की ओर इशारा करते हुए) वह लड़का बहुत घायल है, क्या उसे मेडिकल ले जाने में मेरी मदत करेंगे l
ड्राइवर - नहीं बिल्कुल नहीं, तुम अपने झगड़े में हमें क्यूँ घसीट रहे हो, जाओ कोई ऑटो कर लो या एम्बुलेंस को बुलाओ l
लड़की - (जो पीछे बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रही थी ) कोई बात नहीं, आप उस लड़के को लेकर आइए, मैं सामने बैठ जाती हूँ, आप उसे लेकर पीछे बैठ जाइए l

जब तक अंतस माधो को उठा कर गाड़ी तक लाता है तब तक लड़की आकर सामने ड्राइवर के पास बैठ चुकी थी l अंतस पिछली सीट पर माधो को लेकर बैठ जाता है l ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कर आगे ले जाने लगता है l

लड़की - (बिना पीछे मुड़े) एक बात पूछूं l
अंतस - जी
लड़की - मैंने देखा, आप इसे मार रहे थे l फिर आप ही इसे हस्पताल लेकर जा रहे हैं l
अंतस - बात दरअसल यह है कि, यह मेरे दोस्त और उसकी बहन के साथ अपने दोस्तों के साथ मिलकर बदतमीजी कर रहा था, मैं बस उन्हें बचाने आया था l
लड़की - कौन दोस्त, कौन लड़की, कोई भी नहीं दिखा l
अंतस - शायद झगड़ा इतना बढ़ेगा मेरे दोस्त ने सोचा नहीं था, अपनी बहन को लेकर चला गया l
लड़की - कमाल है, आपको मुसीबत में छोड़ कर चला गया l
अंतस - नहीं, मुसीबत में तो इसके दोस्त इसे छोड़ कर चले गए l बात एक लड़की की है इतना तो खयाल करना पड़ता ही है l
लड़की - क्या आप अपने दोस्त की बहन के लिए, इसे इस कदर मारे l
अंतस - नहीं, मैं सिर्फ बात चित से सुलझाना चाहता था l पर इसने मेरी बहन पर गंदी बात की, मुझसे सहा नहीं गया l
लड़की - अगर बात ऐसी है तो इसे हस्पताल क्यूँ लेकर जा रहे हैं l
अंतस - है तो यह अपने इलाके का, और मैं इसके माँ बाप को मौसा मौसी बुलाता हूँ l उनके आंखों में अपराधी नहीं बनना चाहता हूँ इसलिए इसे हस्पताल ले जा रहा हूँ l


लड़की कुछ नहीं कहती, हस्पताल आ जाता है l अंतस माधो को लेकर उतर जाता है l कार में बैठी लड़की वहाँ से चली जाती है l

फ्लैश बैक खत्म
~~~~~~~~

तभी अंतस का नया मोबाइल बजने लगता है l डिस्प्ले में होम दिख रहा था l फोन पर लक्ष्मी थी l

लक्ष्मी - हैलो, बेटा
अंतस - हाँ मम्मा, बोलो
लक्ष्मी - आज का दिन तो बहुत शुभ निकला, तेरे जीजाजी के घर से खबर आया है, आज शाम को आकार तेरे दीदी को ले जाएंगे l
अंतस - वाह मम्मा, यह सच में बहुत खुशी की बात है l
लक्ष्मी - हाँ बेटा, मैं सोच रही थी तेरी दीदी की बिदाई में कुछ दें क्या l
अंतस - मम्मा, आपने दहेज में बहुत कुछ दिया है l
लक्ष्मी - हाँ हाँ दिया है, पर लड़की उसके बाद घर पर ही तो रही है l अब जब बिदा करने का वक़्त आया है तो क्या खाली हाथ भेज दें l पुरानी परंपरा में गौना भी होता था, तो समझ ले हम तेरी दीदी का गौना करा रहे हैं l
अंतस - ठीक है मम्मा, तुम क्या देना चाहते हो l
लक्ष्मी - देख तेरे पापा के पास अभी दस लाख हैं, मै चाहती थी अगर हम कुछ गहने, (अटक अटक कर) मेरा मतलब है एक दो गहने हम दे पाएँ तो, कम से कम एक अंगुठी या कान की बाली
अंतस - समझ गया मम्मा, मैं आज शाम को कुछ ना कुछ ले आऊंगा l
लक्ष्मी - बहुत अच्छा बेटा, जीता रह, अच्छा फोन रखती हूँ और हाँ यह तेरे और मेरे बीच रहनी चाहिए, अपने पापा को भी मात बताना
अंतस - अच्छा ठीक है मम्मा

फोन कट जाता है l अंतस के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आती है फिर जैसे ही पुरानी मोबाइल को देखता है मुस्कान गायब हो जाती है और अंतस उस मोबाइल को सड़क के एक किनारे फेंक कर आगे बढ़ जाता है l


~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

गैलरीया मॉल में अंतस पहुँचता है l वहाँ पर एक बड़े ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप में पहुँचता है l एक सुंदर सी बाली देख कर उसे खरीदता है और पेमेंट जेडी की दी हुई कार्ड से करता है l कीमत डेढ़ लाख की थी l पैक करा लेने के बाद वह ज्वेलरी की शॉप से निकल कर मॉल के हलचल वाली जगह पर आता है l देखता है एक लड़का अपने हाथ में एक बड़ा सा फ्लावर बुके लेकर नीचे आ रही एस्कालेटर के पास खड़ा था l अंतस की नजर अपने आप एस्कालेटर पर टिक जाता है l एक बहुत ही खूबसूरत लड़की उतर रही थी l सफ़ेद चुड़ीदार पंजाबी लिबास में बेहद ही खूबसूरत लग रही थी l जैसे ही एस्कालेटर से लड़की नीचे आती है वह लड़का उसके सामने घुटने पर बैठ कर लड़की को बुके देते हुए अपने प्यार का इजहार करता है l

लड़का - मैं अपने प्यार का इजहार कर रहा हूँ
यह फूल नहीं मेरा दिल है जो तुम्हें दे रहा हूँ ll

लड़के के साथ उसके जो दोस्त थे सभी ताली बजा कर हौसला अफजाई करते हैं l लड़की पहले तो हैरान होती है फिर मुस्करा कर बुके लेती है l सभी लड़के है है कर चिल्लाने लगते हैं l लड़की सबको हाथ दिखा कर शांत होने के लिए कहती है, सब शांत हो जाते हैं l

लड़की - पसंद आया, तुम्हारा यूँ मुझे प्रपोज करना, पर पूछना चाहूँगी मैं ही क्यूँ और भी तो हैं इस सहर में l
लड़का - अरे यार, तुम बहुत स्पेशल हो, आई मीन यु आर बेस्ट और मैं बेस्ट ही तो डिजर्व करता हूँ l
लड़की - ओ, यु मीन, इस सहर में मैं सबसे बेस्ट हूँ, और तुम
लड़का - मैं, आई थिंक आई एम दी बेस्ट, आई चैलेंज मुझसे बेस्ट तुम्हें इस सहर तो क्या दुनिया में भी नहीं मिलेगा l
लड़की - ओके देन लेटस हाव डील, मैं तुम्हारे प्यार को कुबूल करती हूँ, बट अगर मुझे तुमसे कोई बेहतर मिला तो मैं तुम्हें छोड़ कर उसके साथ चली जाऊँगी l
लड़का - (फीकी हँसी हँसते हुए) हे हे हे, तुम मज़ाक कर रही हो ना l
लड़की - नो नट एट ऑल, तुमने अभी खुदको बेस्ट कहा है और मैं कह रही हूँ मुझे तुमसे कोई बेटर मिला तो मैं उसे चुनूंगी
लड़का - (खीज कर) यु मीन तुम मुझे डीच करोगी l
लकड़ी - ऑफ कोर्स l
लड़का - ह्व़ाट द फक, मैं तो तुम्हें अच्छी लड़की समझता था l
लड़की - अच्छा, इस सहर में मुझे आए दो हफ्ते हुए हैं l आई ग्यारंटी, ना तो तुम मेरे नाम से वाकिफ होगे ना ही मेरे फैमिली बैकग्राउंड से, पर तुम मुझे अच्छी तरह से समझ चुके थे l
लड़का - आर यु सीरियस l
लड़की - क्यूँ तुम्हें किस बात का डाऊट है l
लड़का - साली रांड, तुझे अच्छी लड़की समझ कर तेरे पीछे जुता घिस घिस कर घूमता रहा और अब तु मुझे अपना यह शकल दिखा रही है l
लड़की - मैंने तुझे अपना यह रूप दिखाया, तभी तो बात से और ज़ज्बात से तु अपनी असलियत पर आ गया l
लड़का - साली तेरी तो l

तब तक मॉल के सिक्योरिटी लड़के और उसके साथी को पकड़ लेते हैं और उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जाते हैं l लड़की मुड़कर बाहर जाने लगती है l लड़की के बाहर पहुँचते ही अंतस उसके पास पहुँचता है और उसे आवाज देता है l

अंतस - रुकिए, (लड़की रुक जाती है, अंतस उसके पास पहुँचती है) मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ, अगर आप बुरा ना माने तो l
लड़की - (हैरान हो कर भौंहे सिकुड़ कर अंतस को देखती है) पूछिये
अंतस - आप उस लड़के को सीधी तरह मना कर देती, इतना कुछ करने की क्या जरूरत थी l
लड़की - मुझे जो सही लगा मैंने वही किया l
अंतस - पर इससे उसके दिल पर चोट लगी l
लड़की - आप गलत कह रहे हो, दिल पर नहीं, अहं पर या यूँ कहूँ मर्दाना गुरूर पर चोट पहुँची है l
अंतस - हाँ वही, आपका सुलूक ही ऐसा था कि वह लड़का हाइपर हो गया, शायद खतरनाक हो जाए l
लड़की - तो मुझे डर कर उसका प्रपोजल एक्सेप्ट करलेना चाहिए था, क्यूँ l
अंतस - नहीं मैं कह रहा था आप सीधी तरह मना कर देतीं l
लड़की - देखो मिस्टर, मैं समझती हूँ, तुम्हें उससे हमदर्दी क्यूँ हो रही है, और तुम उसके लिए वकालत क्यूँ कर रहे हो l (अंतस कुछ कहना चाहता था, पर वह लड़की उसे रोक देती है) लेट मी फिनिश, कुछ लड़के होते हैं, जो हर लड़की को अपना प्रॉपर्टी समझते हैं, उल्टा सीधा कर उसे हासिल करने लगते हैं, अगर हासिल हो जाए तब भी बर्बाद कर देते हैं और ना हो तब भी बर्बाद करने की हर कोशिश करते हैं l ऐसों से पाला अभी से नहीं स्कुल लाइफ से वास्ता पड़ रहा है l अगर वह मुझे बेस्ट कह रहा था तो क्या मैं बेस्ट डिजर्व नहीं करती, वह खुद को बेस्ट कह रहा था पर जब मैं उससे भी बेटर की बात कही वह ईन सिक्युर हो गया और अपना भड़ास निकालने लगा, पल भर पहले जो मुझे बेस्ट कह रहा था वही गंदी गंदी गालियों पर उतर आया l वैसे भी उसने मुझे प्रपोज किया ही क्यूँ, इसलिये ना कि मैं खूबसूरत हूँ पर (इतना कह कर लड़की अपने बालों को हटाती है, दाहिने कान के नीचे चमड़ा जला हुआ था) अगर यह जला हुआ हिस्सा मेरे कान के नीचे के बजाय मेरे चेहरे पर होती तो क्या वह मुझे प्रपोज करता, कभी नहीं l (इतना कह कर लड़की जाने को होती है फिर अचानक रुक कर) यह जला हुआ हिस्सा भी एक सिरफिरे की वज़ह से है, मेरे सीधे मना करने के बाद मेरे ऊपर तेजाब फेंका था l गनीमत थी के मेरे हाथों में उस वक़्त किताब थी जिसके आड़ ने मेरे चेहरे को बचा लिया था l इसलिए मुझे ऐसे लड़कों से नफरत है, घिन है l

कह कर वह लड़की वहाँ से चली जाती है l मुहँ खोले अंतस उसे जाते हुए देखता रह जाता है l वह मुड़ता है तो उसकी आँखे एक विज्ञापन पर ठहर जाती है l

डोंट जज अ बुक बाय इट्स कवर
बेहतरीन अपडेट, लग रहा है कहानी की नायिका की entry हो गई है
 
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अगले दिन अंतस घर से अपने माँ बाप से इजाजत लेकर ऑफिस के लिए निकला l बस्ती से बाहर शेयर ऑटो से आगे एक चौक पर उतर जाता है l वहाँ पर सफेद रंग की एक स्ट्रेच लिमोनीयोस कार खड़ी थी l अंतस इधर उधर अपनी नजरें घुमाता है और जाकर कार के पास खड़ा हो जाता है l कार का दरवाजा खुल जाता है l अंतस अंदर जाकर सीट पर बैठ जाता है l दरवाजा बंद हो जाता है और गाड़ी चलने लगती है l अंतस के सामने जेडी बैठा हुआ था l

जेडी - तो, अंतस! जैसा कि हमारे बीच डील हुआ था, मैंने तुम्हारे सारे काम ऑल मोस्ट निपटा दिए l
अंतस - जी थैंक्यू l
जेडी - हमारे डील में, मेरे तरफ़ से जो इन्वेस्टमेंट कमिटमेंट था, वह मैंने पूरा कर दिया है l
अंतस - जी, जानता हूँ l अब मेरी बारी, और मैं, पुरी तरह से तैयार हूँ l
जेडी - ह्व़ाट, तो तुम तैयार हो l
अंतस - जी, जैसा कि मैंने कहा था, उसे पूरा करने में पीछे नहीं हटुंगा l
जेडी - हाँ, जानता हूँ, भरोसा है मुझे तुम पर l बहुत कम पैसों में तुमने डील की है l इसलिए तो तुम्हारा इज़्ज़त कर रहा हूँ, और तुम्हारे परिवार के सारे उलझनों को सुलझाने के लिए जो भी करना पड़ा मैंने किया l
अंतस - जी, मैं उसके लिए आभार हूँ, बोलिए कब चलना है, मैं तैयार हूँ l
जेडी - (मुस्कराता है) तुम तैयार हो, यही काफी है, फ़िलहाल अभी छह महीने का वक़्त मिल गया है l इसलिए मैं तुमसे मिलने आया हूँ, ईन छह महीनों में तुम क्या करना चाहोगे l
अंतस - दीदी अपनी घर चली जाए तो मैं कुछ सोचूँ l
जेडी - तुम उसकी फिक्र मत करो, आज तुम्हें ख़बर मिल जाएगी और शाम तक या फिर कल तक शायद तुम्हारा जीजा तुम्हारी दीदी को ले जाए l
अंतस - (सोच में पड़ जाता है)
जेडी - क्या सोचने लगे
अंतस - कल तक अगर दीदी चली जाती है, तो छह महीने तक मेरा यहाँ रहना शायद ठीक नहीं होगा l
जेडी - तो
अंतस - क्या मैं बाहर, मतलब ऑउट ऑफ ओड़िशा, कहीं जा सकता हूँ (जेडी खामोश रहता है और अंतस की ओर घूर कर देखने लगता है) मैं कहीं भाग नहीं जाऊँगा, बस अपने माता पिता के सामने रहना नहीं चाहता, पता नहीं उनके सामने कब मैं कमजोर पड़ जाऊँ
जेडी - ह्म्म्म्म, ठीक है सिर्फ दो मिनट में इंतजाम किए देता हूँ (जेडी एक मोबाइल निकाल कर अंतस को देता है) यह तुम्हारे लिए ही लिया गया था, अपनी पुरानी मोबाइल से सीम निकाल कर इसमें डाल लो l जब हमें छह महीने का वक़्त मिला तो तुम्हारे लिए यह ले लिया था l (अंतस मोबाइल ले लेता है, जेडी एक क्रेडिट कार्ड निकाल कर उसे देता है) यह कार्ड रख लो, डेविट कम क्रेडिट कार्ड है, जितना चाहे पैसे उठा सकते हो, खर्च कर सकते हो l अब तुम इंडीया में जहां जाना चाहो जा सकते हो, यह मोबाइल और यह कार्ड तुम्हारा लोकेशन बताता रहेगा l (अंतस जेडी से वह कार्ड रख लेता है) और कुछ..?
अंतस - जी एक ऑफिस ऑर्डर चाहिए, मम्मी पापा को यकीन दिलाने के लिए,
जेडी - ह्म्म्म्म समझ गया, मिल जाएगा, और कुछ...?
अंतस - जी नहीं, अब तक आपने जो किया उसका मैं आभारी रहूँगा l
जेडी - सिर्फ आभारी ही नहीं, तुम्हें जिंदा भी रहना है l चुस्त, दुरुस्त, तंदुरुस्त रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - और हाँ, शराब और शबाब से भी दूर ही रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - देखो अंतस, मैं जानता हूँ, तुम्हारे लिए यह कितना मुश्किल भरा वक़्त है, पर फैसला तुमने अपनी मर्जी से लिया है
अंतस - जी, मैं जानता हूँ और मैंने उसकी कीमत भी ले ली है l
जेडी - तुम एक बात समझ लो, यह दुनिया कुछ लोगों के लिए बड़ी हो सकती है पर, जब कोई मुझसे अपना जुबान हार जाता है मैं उसके लिए दुनिया बहुत छोटी कर देता हूँ, और जिंदगी, वह तो छोटी होती ही है l (अंतस जेडी की ओर देख रहा था) मैं तुम्हारे पीछे कोई जासूस नहीं लगाऊंगा, क्यूँकी तुम अलग हो, पर फिर भी तुमने कुछ भी उल्टा सीधा किया तो मैं तुम्हारी दुनिया बहुत छोटी और बदत्तर कर दूँगा l
अंतस - जी जानता हूँ,
जेडी - तुम दिल के बहुत अच्छे हो, पर तुम किसी से दिल मत लगा बैठना और ना ही किसीसे दिल बहलाना l
अंतस - जी, मैं जानता हूँ
जेडी - गुड, और हाँ, इंडीया में कहीं भी रहो l पर अपने माँ बाप से मिलने हर महीने तीन चार दिन के लिए आते रहना l
अंतस - जी,

चलती लीमोनियस रुक जाती है अंतस उतर जाता है l अंतस के उतर ने के बाद गाड़ी का दरवाजा बंद हो जाता है और लीमोनियस आगे बढ़ जाती है l

मैनेजर - सर, यह भुवनेश्वर में रहना नहीं चाहता, इसका मतलब कहीं भाग तो नहीं जाएगा
जेडी - नहीं, नहीं भागेगा,
मैनेजर - इतना क्यूँ भरोसा कर रहे हैं उसपर
जेडी - मैंने उसे सौ करोड़ की ऑफर की थी l पर उसने सिर्फ एक करोड़ ही लिया l अपने पैरेंट्स और अपने बहनों के वास्ते l
मैनेजर - फिर भी आपने उसे उससे ज्यादा ही दे रहे हैं l
जेडी - कुछ लोग अपने जुबान और इरादों के पक्के होते हैं l यह उनमें से एक है l
मैनेजर - क्या हम उसके पीछे आदमी छोड़ें l
जेडी - नहीं, उसकी कोई जरूरत नहीं l


~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

लीमोनियस से उतर कर अंतस सड़क पर नजरें दौड़ता है l अपना नया मोबाइल निकालता है और अपनी पुरानी मोबाइल से सिम निकाल कर नए मोबाइल में डालता है l पुरानी मोबाइल को देखता है

फ्लैशबैक
~~~~~

शाम का वक़्त था, घर पर अंतस एंप्लॉयमेंट न्यूज पेपर में अपने लिए नौकरी ढूंढ रहा था l तभी उसका फोन बजने लगता है l फोन पर उसका दोस्त संतोष था l अंतस फोन पीक करता है

अंतस - हाँ, बोल, क्या हुआ
संतोष - (घबराई हुए आवाज में) अंतस, यार मेरी बहन को यहाँ छेड़ रहे हैं, मैं अकेला हूं, बचा ले यार
अंतस - क्या, कहाँ है अभी तु...
संतोष - अपने मुहल्ले के xxx रोड़ पर

अंतस पेपर बेड पर फेंक कर बाहर निकल जाता है l पीछे लक्ष्मी उसे पुकारती रह जाती है l अंतस भागते हुए वहाँ पहुँच जाता है l देखता है दूसरे मुहल्ले का माधो संतोष की बहन का दुपट्टे को लेकर अपने मुहल्ले के लड़के के साथ आपस में फेंक कर खेल रहे थे l दुपट्टे को लाने के लिए संतोष इधर उधर भाग रहा था और उसकी बहन एक जगह दुबकी रो रही थी l आसपास लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे l एक लड़का दुपट्टा को दूसरे लड़के की ओर फेंकता है तो अंतस बीच में आकर पकड़ लेता है l सभी लड़कों का ध्यान अंतस की ओर जाता है l

माधो - अरे, पात्रपडा का हीरो आ गया, (उसके साथी ओ हो कर चिल्लाने लगते हैं)

अंतस दुपट्टा लेकर संतोष को देता है l संतोष दुपट्टा लेकर अपनी बहन के पास जाता है और उसे दे देता है l

माधो - ओए, अंतस यह मेरा और इनके बीच का मामला है l तु क्यूँ अपना सिर फोड़ने आ गया l
अंतस - तु अपना दादागिरी की दुकान कहीं और जाकर खोल l इंसान बन और कुत्तागिरी छोड़ l
माधो - हाँ साले छोड़ दूँगा, तु बस एक दिन के लिए मेरा सच्ची मुच्ची का साला बन जा l वैसे भी तेरे जीजा ने चूस के फेंक ही दिया है l

अंतस गुस्से में माधो के मुहँ पर मुक्का जड़ देता है l माधो कुछ कदम पीछे जाकर गिर जाता है l इतने में माधो के साथी अंतस को पकड़ लेते हैं पर अंतस गुस्से में पागल हो गया था, अंतस और उन लोगों के बीच मुठभेड़ शुरू हो जाता है l अंतस सब पर भारी पड़ने लगता है l एक एक कर माधो के साथी वहाँ से भाग जाते हैं l माधो अकेला रह जाता है l अंतस उसे बुरी तरह घसीट पीटने लगता है l झगड़ा इस कदर बढ़ चुका था कि लोग जो अब तक तमाशा देख रहे थे वे भी भाग गए थे l बस कुछ बाइक्स खड़ी थीं पर लोग वहाँ से नदारद थे l थोड़ी देर बाद खून से सना माधो जमीन पर गिर कर कराह रहा था l अंतस चारों ओर देखता है वहाँ पर लोग ही नहीं संतोष और उसकी बहन भी नहीं थे, पर एक कार खड़ी थी l अंतस उस कार के पास जाता है आगे ड्राइवर था पीछे एक लड़की बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रहा था l

अंतस - (ड्राइवर से) क्या आप मेरी मदत करेंगे
ड्राइवर - कैसी मदत
अंतस - (माधो की ओर इशारा करते हुए) वह लड़का बहुत घायल है, क्या उसे मेडिकल ले जाने में मेरी मदत करेंगे l
ड्राइवर - नहीं बिल्कुल नहीं, तुम अपने झगड़े में हमें क्यूँ घसीट रहे हो, जाओ कोई ऑटो कर लो या एम्बुलेंस को बुलाओ l
लड़की - (जो पीछे बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रही थी ) कोई बात नहीं, आप उस लड़के को लेकर आइए, मैं सामने बैठ जाती हूँ, आप उसे लेकर पीछे बैठ जाइए l

जब तक अंतस माधो को उठा कर गाड़ी तक लाता है तब तक लड़की आकर सामने ड्राइवर के पास बैठ चुकी थी l अंतस पिछली सीट पर माधो को लेकर बैठ जाता है l ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कर आगे ले जाने लगता है l

लड़की - (बिना पीछे मुड़े) एक बात पूछूं l
अंतस - जी
लड़की - मैंने देखा, आप इसे मार रहे थे l फिर आप ही इसे हस्पताल लेकर जा रहे हैं l
अंतस - बात दरअसल यह है कि, यह मेरे दोस्त और उसकी बहन के साथ अपने दोस्तों के साथ मिलकर बदतमीजी कर रहा था, मैं बस उन्हें बचाने आया था l
लड़की - कौन दोस्त, कौन लड़की, कोई भी नहीं दिखा l
अंतस - शायद झगड़ा इतना बढ़ेगा मेरे दोस्त ने सोचा नहीं था, अपनी बहन को लेकर चला गया l
लड़की - कमाल है, आपको मुसीबत में छोड़ कर चला गया l
अंतस - नहीं, मुसीबत में तो इसके दोस्त इसे छोड़ कर चले गए l बात एक लड़की की है इतना तो खयाल करना पड़ता ही है l
लड़की - क्या आप अपने दोस्त की बहन के लिए, इसे इस कदर मारे l
अंतस - नहीं, मैं सिर्फ बात चित से सुलझाना चाहता था l पर इसने मेरी बहन पर गंदी बात की, मुझसे सहा नहीं गया l
लड़की - अगर बात ऐसी है तो इसे हस्पताल क्यूँ लेकर जा रहे हैं l
अंतस - है तो यह अपने इलाके का, और मैं इसके माँ बाप को मौसा मौसी बुलाता हूँ l उनके आंखों में अपराधी नहीं बनना चाहता हूँ इसलिए इसे हस्पताल ले जा रहा हूँ l


लड़की कुछ नहीं कहती, हस्पताल आ जाता है l अंतस माधो को लेकर उतर जाता है l कार में बैठी लड़की वहाँ से चली जाती है l

फ्लैश बैक खत्म
~~~~~~~~

तभी अंतस का नया मोबाइल बजने लगता है l डिस्प्ले में होम दिख रहा था l फोन पर लक्ष्मी थी l

लक्ष्मी - हैलो, बेटा
अंतस - हाँ मम्मा, बोलो
लक्ष्मी - आज का दिन तो बहुत शुभ निकला, तेरे जीजाजी के घर से खबर आया है, आज शाम को आकार तेरे दीदी को ले जाएंगे l
अंतस - वाह मम्मा, यह सच में बहुत खुशी की बात है l
लक्ष्मी - हाँ बेटा, मैं सोच रही थी तेरी दीदी की बिदाई में कुछ दें क्या l
अंतस - मम्मा, आपने दहेज में बहुत कुछ दिया है l
लक्ष्मी - हाँ हाँ दिया है, पर लड़की उसके बाद घर पर ही तो रही है l अब जब बिदा करने का वक़्त आया है तो क्या खाली हाथ भेज दें l पुरानी परंपरा में गौना भी होता था, तो समझ ले हम तेरी दीदी का गौना करा रहे हैं l
अंतस - ठीक है मम्मा, तुम क्या देना चाहते हो l
लक्ष्मी - देख तेरे पापा के पास अभी दस लाख हैं, मै चाहती थी अगर हम कुछ गहने, (अटक अटक कर) मेरा मतलब है एक दो गहने हम दे पाएँ तो, कम से कम एक अंगुठी या कान की बाली
अंतस - समझ गया मम्मा, मैं आज शाम को कुछ ना कुछ ले आऊंगा l
लक्ष्मी - बहुत अच्छा बेटा, जीता रह, अच्छा फोन रखती हूँ और हाँ यह तेरे और मेरे बीच रहनी चाहिए, अपने पापा को भी मात बताना
अंतस - अच्छा ठीक है मम्मा

फोन कट जाता है l अंतस के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आती है फिर जैसे ही पुरानी मोबाइल को देखता है मुस्कान गायब हो जाती है और अंतस उस मोबाइल को सड़क के एक किनारे फेंक कर आगे बढ़ जाता है l


~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

गैलरीया मॉल में अंतस पहुँचता है l वहाँ पर एक बड़े ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप में पहुँचता है l एक सुंदर सी बाली देख कर उसे खरीदता है और पेमेंट जेडी की दी हुई कार्ड से करता है l कीमत डेढ़ लाख की थी l पैक करा लेने के बाद वह ज्वेलरी की शॉप से निकल कर मॉल के हलचल वाली जगह पर आता है l देखता है एक लड़का अपने हाथ में एक बड़ा सा फ्लावर बुके लेकर नीचे आ रही एस्कालेटर के पास खड़ा था l अंतस की नजर अपने आप एस्कालेटर पर टिक जाता है l एक बहुत ही खूबसूरत लड़की उतर रही थी l सफ़ेद चुड़ीदार पंजाबी लिबास में बेहद ही खूबसूरत लग रही थी l जैसे ही एस्कालेटर से लड़की नीचे आती है वह लड़का उसके सामने घुटने पर बैठ कर लड़की को बुके देते हुए अपने प्यार का इजहार करता है l

लड़का - मैं अपने प्यार का इजहार कर रहा हूँ
यह फूल नहीं मेरा दिल है जो तुम्हें दे रहा हूँ ll

लड़के के साथ उसके जो दोस्त थे सभी ताली बजा कर हौसला अफजाई करते हैं l लड़की पहले तो हैरान होती है फिर मुस्करा कर बुके लेती है l सभी लड़के है है कर चिल्लाने लगते हैं l लड़की सबको हाथ दिखा कर शांत होने के लिए कहती है, सब शांत हो जाते हैं l

लड़की - पसंद आया, तुम्हारा यूँ मुझे प्रपोज करना, पर पूछना चाहूँगी मैं ही क्यूँ और भी तो हैं इस सहर में l
लड़का - अरे यार, तुम बहुत स्पेशल हो, आई मीन यु आर बेस्ट और मैं बेस्ट ही तो डिजर्व करता हूँ l
लड़की - ओ, यु मीन, इस सहर में मैं सबसे बेस्ट हूँ, और तुम
लड़का - मैं, आई थिंक आई एम दी बेस्ट, आई चैलेंज मुझसे बेस्ट तुम्हें इस सहर तो क्या दुनिया में भी नहीं मिलेगा l
लड़की - ओके देन लेटस हाव डील, मैं तुम्हारे प्यार को कुबूल करती हूँ, बट अगर मुझे तुमसे कोई बेहतर मिला तो मैं तुम्हें छोड़ कर उसके साथ चली जाऊँगी l
लड़का - (फीकी हँसी हँसते हुए) हे हे हे, तुम मज़ाक कर रही हो ना l
लड़की - नो नट एट ऑल, तुमने अभी खुदको बेस्ट कहा है और मैं कह रही हूँ मुझे तुमसे कोई बेटर मिला तो मैं उसे चुनूंगी
लड़का - (खीज कर) यु मीन तुम मुझे डीच करोगी l
लकड़ी - ऑफ कोर्स l
लड़का - ह्व़ाट द फक, मैं तो तुम्हें अच्छी लड़की समझता था l
लड़की - अच्छा, इस सहर में मुझे आए दो हफ्ते हुए हैं l आई ग्यारंटी, ना तो तुम मेरे नाम से वाकिफ होगे ना ही मेरे फैमिली बैकग्राउंड से, पर तुम मुझे अच्छी तरह से समझ चुके थे l
लड़का - आर यु सीरियस l
लड़की - क्यूँ तुम्हें किस बात का डाऊट है l
लड़का - साली रांड, तुझे अच्छी लड़की समझ कर तेरे पीछे जुता घिस घिस कर घूमता रहा और अब तु मुझे अपना यह शकल दिखा रही है l
लड़की - मैंने तुझे अपना यह रूप दिखाया, तभी तो बात से और ज़ज्बात से तु अपनी असलियत पर आ गया l
लड़का - साली तेरी तो l

तब तक मॉल के सिक्योरिटी लड़के और उसके साथी को पकड़ लेते हैं और उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जाते हैं l लड़की मुड़कर बाहर जाने लगती है l लड़की के बाहर पहुँचते ही अंतस उसके पास पहुँचता है और उसे आवाज देता है l

अंतस - रुकिए, (लड़की रुक जाती है, अंतस उसके पास पहुँचती है) मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ, अगर आप बुरा ना माने तो l
लड़की - (हैरान हो कर भौंहे सिकुड़ कर अंतस को देखती है) पूछिये
अंतस - आप उस लड़के को सीधी तरह मना कर देती, इतना कुछ करने की क्या जरूरत थी l
लड़की - मुझे जो सही लगा मैंने वही किया l
अंतस - पर इससे उसके दिल पर चोट लगी l
लड़की - आप गलत कह रहे हो, दिल पर नहीं, अहं पर या यूँ कहूँ मर्दाना गुरूर पर चोट पहुँची है l
अंतस - हाँ वही, आपका सुलूक ही ऐसा था कि वह लड़का हाइपर हो गया, शायद खतरनाक हो जाए l
लड़की - तो मुझे डर कर उसका प्रपोजल एक्सेप्ट करलेना चाहिए था, क्यूँ l
अंतस - नहीं मैं कह रहा था आप सीधी तरह मना कर देतीं l
लड़की - देखो मिस्टर, मैं समझती हूँ, तुम्हें उससे हमदर्दी क्यूँ हो रही है, और तुम उसके लिए वकालत क्यूँ कर रहे हो l (अंतस कुछ कहना चाहता था, पर वह लड़की उसे रोक देती है) लेट मी फिनिश, कुछ लड़के होते हैं, जो हर लड़की को अपना प्रॉपर्टी समझते हैं, उल्टा सीधा कर उसे हासिल करने लगते हैं, अगर हासिल हो जाए तब भी बर्बाद कर देते हैं और ना हो तब भी बर्बाद करने की हर कोशिश करते हैं l ऐसों से पाला अभी से नहीं स्कुल लाइफ से वास्ता पड़ रहा है l अगर वह मुझे बेस्ट कह रहा था तो क्या मैं बेस्ट डिजर्व नहीं करती, वह खुद को बेस्ट कह रहा था पर जब मैं उससे भी बेटर की बात कही वह ईन सिक्युर हो गया और अपना भड़ास निकालने लगा, पल भर पहले जो मुझे बेस्ट कह रहा था वही गंदी गंदी गालियों पर उतर आया l वैसे भी उसने मुझे प्रपोज किया ही क्यूँ, इसलिये ना कि मैं खूबसूरत हूँ पर (इतना कह कर लड़की अपने बालों को हटाती है, दाहिने कान के नीचे चमड़ा जला हुआ था) अगर यह जला हुआ हिस्सा मेरे कान के नीचे के बजाय मेरे चेहरे पर होती तो क्या वह मुझे प्रपोज करता, कभी नहीं l (इतना कह कर लड़की जाने को होती है फिर अचानक रुक कर) यह जला हुआ हिस्सा भी एक सिरफिरे की वज़ह से है, मेरे सीधे मना करने के बाद मेरे ऊपर तेजाब फेंका था l गनीमत थी के मेरे हाथों में उस वक़्त किताब थी जिसके आड़ ने मेरे चेहरे को बचा लिया था l इसलिए मुझे ऐसे लड़कों से नफरत है, घिन है l

कह कर वह लड़की वहाँ से चली जाती है l मुहँ खोले अंतस उसे जाते हुए देखता रह जाता है l वह मुड़ता है तो उसकी आँखे एक विज्ञापन पर ठहर जाती है l

डोंट जज अ बुक बाय इट्स कवर
जेडी का तो जो चल रहा है वो तो है ही
ये लड़की शायद वही कार‌ वाली तो नहीं थी जिसे अंतस पहचान नहीं पाया

इस लड़की को यहां आये सिर्फ दो सप्ताह हुए हैं यानी बाहर कहीं रहती थी या रहती है और यहां किसी वजह से आयी है

इधर अंतस भी बाहर जाना चाहता है तो संभावना है कि इनकी फिर मुलाकात होगी और यही लड़की प्रारम्भ में थी

आशिक़ी का भूत उतारने का उस लड़की का तरीका सही लगा लेकिन अंतस अभी दुनियादारी से अनजान घरेलू समझ से ही सोचता है
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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❤️चौथा अपडेट ❤️
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अगले दिन अंतस घर से अपने माँ बाप से इजाजत लेकर ऑफिस के लिए निकला l बस्ती से बाहर शेयर ऑटो से आगे एक चौक पर उतर जाता है l वहाँ पर सफेद रंग की एक स्ट्रेच लिमोनीयोस कार खड़ी थी l अंतस इधर उधर अपनी नजरें घुमाता है और जाकर कार के पास खड़ा हो जाता है l कार का दरवाजा खुल जाता है l अंतस अंदर जाकर सीट पर बैठ जाता है l दरवाजा बंद हो जाता है और गाड़ी चलने लगती है l अंतस के सामने जेडी बैठा हुआ था l

जेडी - तो, अंतस! जैसा कि हमारे बीच डील हुआ था, मैंने तुम्हारे सारे काम ऑल मोस्ट निपटा दिए l
अंतस - जी थैंक्यू l
जेडी - हमारे डील में, मेरे तरफ़ से जो इन्वेस्टमेंट कमिटमेंट था, वह मैंने पूरा कर दिया है l
अंतस - जी, जानता हूँ l अब मेरी बारी, और मैं, पुरी तरह से तैयार हूँ l
जेडी - ह्व़ाट, तो तुम तैयार हो l
अंतस - जी, जैसा कि मैंने कहा था, उसे पूरा करने में पीछे नहीं हटुंगा l
जेडी - हाँ, जानता हूँ, भरोसा है मुझे तुम पर l बहुत कम पैसों में तुमने डील की है l इसलिए तो तुम्हारा इज़्ज़त कर रहा हूँ, और तुम्हारे परिवार के सारे उलझनों को सुलझाने के लिए जो भी करना पड़ा मैंने किया l
अंतस - जी, मैं उसके लिए आभार हूँ, बोलिए कब चलना है, मैं तैयार हूँ l
जेडी - (मुस्कराता है) तुम तैयार हो, यही काफी है, फ़िलहाल अभी छह महीने का वक़्त मिल गया है l इसलिए मैं तुमसे मिलने आया हूँ, ईन छह महीनों में तुम क्या करना चाहोगे l
अंतस - दीदी अपनी घर चली जाए तो मैं कुछ सोचूँ l
जेडी - तुम उसकी फिक्र मत करो, आज तुम्हें ख़बर मिल जाएगी और शाम तक या फिर कल तक शायद तुम्हारा जीजा तुम्हारी दीदी को ले जाए l
अंतस - (सोच में पड़ जाता है)
जेडी - क्या सोचने लगे
अंतस - कल तक अगर दीदी चली जाती है, तो छह महीने तक मेरा यहाँ रहना शायद ठीक नहीं होगा l
जेडी - तो
अंतस - क्या मैं बाहर, मतलब ऑउट ऑफ ओड़िशा, कहीं जा सकता हूँ (जेडी खामोश रहता है और अंतस की ओर घूर कर देखने लगता है) मैं कहीं भाग नहीं जाऊँगा, बस अपने माता पिता के सामने रहना नहीं चाहता, पता नहीं उनके सामने कब मैं कमजोर पड़ जाऊँ
जेडी - ह्म्म्म्म, ठीक है सिर्फ दो मिनट में इंतजाम किए देता हूँ (जेडी एक मोबाइल निकाल कर अंतस को देता है) यह तुम्हारे लिए ही लिया गया था, अपनी पुरानी मोबाइल से सीम निकाल कर इसमें डाल लो l जब हमें छह महीने का वक़्त मिला तो तुम्हारे लिए यह ले लिया था l (अंतस मोबाइल ले लेता है, जेडी एक क्रेडिट कार्ड निकाल कर उसे देता है) यह कार्ड रख लो, डेविट कम क्रेडिट कार्ड है, जितना चाहे पैसे उठा सकते हो, खर्च कर सकते हो l अब तुम इंडीया में जहां जाना चाहो जा सकते हो, यह मोबाइल और यह कार्ड तुम्हारा लोकेशन बताता रहेगा l (अंतस जेडी से वह कार्ड रख लेता है) और कुछ..?
अंतस - जी एक ऑफिस ऑर्डर चाहिए, मम्मी पापा को यकीन दिलाने के लिए,
जेडी - ह्म्म्म्म समझ गया, मिल जाएगा, और कुछ...?
अंतस - जी नहीं, अब तक आपने जो किया उसका मैं आभारी रहूँगा l
जेडी - सिर्फ आभारी ही नहीं, तुम्हें जिंदा भी रहना है l चुस्त, दुरुस्त, तंदुरुस्त रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - और हाँ, शराब और शबाब से भी दूर ही रहना है l
अंतस - जी,
जेडी - देखो अंतस, मैं जानता हूँ, तुम्हारे लिए यह कितना मुश्किल भरा वक़्त है, पर फैसला तुमने अपनी मर्जी से लिया है
अंतस - जी, मैं जानता हूँ और मैंने उसकी कीमत भी ले ली है l
जेडी - तुम एक बात समझ लो, यह दुनिया कुछ लोगों के लिए बड़ी हो सकती है पर, जब कोई मुझसे अपना जुबान हार जाता है मैं उसके लिए दुनिया बहुत छोटी कर देता हूँ, और जिंदगी, वह तो छोटी होती ही है l (अंतस जेडी की ओर देख रहा था) मैं तुम्हारे पीछे कोई जासूस नहीं लगाऊंगा, क्यूँकी तुम अलग हो, पर फिर भी तुमने कुछ भी उल्टा सीधा किया तो मैं तुम्हारी दुनिया बहुत छोटी और बदत्तर कर दूँगा l
अंतस - जी जानता हूँ,
जेडी - तुम दिल के बहुत अच्छे हो, पर तुम किसी से दिल मत लगा बैठना और ना ही किसीसे दिल बहलाना l
अंतस - जी, मैं जानता हूँ
जेडी - गुड, और हाँ, इंडीया में कहीं भी रहो l पर अपने माँ बाप से मिलने हर महीने तीन चार दिन के लिए आते रहना l
अंतस - जी,

चलती लीमोनियस रुक जाती है अंतस उतर जाता है l अंतस के उतर ने के बाद गाड़ी का दरवाजा बंद हो जाता है और लीमोनियस आगे बढ़ जाती है l

मैनेजर - सर, यह भुवनेश्वर में रहना नहीं चाहता, इसका मतलब कहीं भाग तो नहीं जाएगा
जेडी - नहीं, नहीं भागेगा,
मैनेजर - इतना क्यूँ भरोसा कर रहे हैं उसपर
जेडी - मैंने उसे सौ करोड़ की ऑफर की थी l पर उसने सिर्फ एक करोड़ ही लिया l अपने पैरेंट्स और अपने बहनों के वास्ते l
मैनेजर - फिर भी आपने उसे उससे ज्यादा ही दे रहे हैं l
जेडी - कुछ लोग अपने जुबान और इरादों के पक्के होते हैं l यह उनमें से एक है l
मैनेजर - क्या हम उसके पीछे आदमी छोड़ें l
जेडी - नहीं, उसकी कोई जरूरत नहीं l


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लीमोनियस से उतर कर अंतस सड़क पर नजरें दौड़ता है l अपना नया मोबाइल निकालता है और अपनी पुरानी मोबाइल से सिम निकाल कर नए मोबाइल में डालता है l पुरानी मोबाइल को देखता है

फ्लैशबैक
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शाम का वक़्त था, घर पर अंतस एंप्लॉयमेंट न्यूज पेपर में अपने लिए नौकरी ढूंढ रहा था l तभी उसका फोन बजने लगता है l फोन पर उसका दोस्त संतोष था l अंतस फोन पीक करता है

अंतस - हाँ, बोल, क्या हुआ
संतोष - (घबराई हुए आवाज में) अंतस, यार मेरी बहन को यहाँ छेड़ रहे हैं, मैं अकेला हूं, बचा ले यार
अंतस - क्या, कहाँ है अभी तु...
संतोष - अपने मुहल्ले के xxx रोड़ पर

अंतस पेपर बेड पर फेंक कर बाहर निकल जाता है l पीछे लक्ष्मी उसे पुकारती रह जाती है l अंतस भागते हुए वहाँ पहुँच जाता है l देखता है दूसरे मुहल्ले का माधो संतोष की बहन का दुपट्टे को लेकर अपने मुहल्ले के लड़के के साथ आपस में फेंक कर खेल रहे थे l दुपट्टे को लाने के लिए संतोष इधर उधर भाग रहा था और उसकी बहन एक जगह दुबकी रो रही थी l आसपास लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे l एक लड़का दुपट्टा को दूसरे लड़के की ओर फेंकता है तो अंतस बीच में आकर पकड़ लेता है l सभी लड़कों का ध्यान अंतस की ओर जाता है l

माधो - अरे, पात्रपडा का हीरो आ गया, (उसके साथी ओ हो कर चिल्लाने लगते हैं)

अंतस दुपट्टा लेकर संतोष को देता है l संतोष दुपट्टा लेकर अपनी बहन के पास जाता है और उसे दे देता है l

माधो - ओए, अंतस यह मेरा और इनके बीच का मामला है l तु क्यूँ अपना सिर फोड़ने आ गया l
अंतस - तु अपना दादागिरी की दुकान कहीं और जाकर खोल l इंसान बन और कुत्तागिरी छोड़ l
माधो - हाँ साले छोड़ दूँगा, तु बस एक दिन के लिए मेरा सच्ची मुच्ची का साला बन जा l वैसे भी तेरे जीजा ने चूस के फेंक ही दिया है l

अंतस गुस्से में माधो के मुहँ पर मुक्का जड़ देता है l माधो कुछ कदम पीछे जाकर गिर जाता है l इतने में माधो के साथी अंतस को पकड़ लेते हैं पर अंतस गुस्से में पागल हो गया था, अंतस और उन लोगों के बीच मुठभेड़ शुरू हो जाता है l अंतस सब पर भारी पड़ने लगता है l एक एक कर माधो के साथी वहाँ से भाग जाते हैं l माधो अकेला रह जाता है l अंतस उसे बुरी तरह घसीट पीटने लगता है l झगड़ा इस कदर बढ़ चुका था कि लोग जो अब तक तमाशा देख रहे थे वे भी भाग गए थे l बस कुछ बाइक्स खड़ी थीं पर लोग वहाँ से नदारद थे l थोड़ी देर बाद खून से सना माधो जमीन पर गिर कर कराह रहा था l अंतस चारों ओर देखता है वहाँ पर लोग ही नहीं संतोष और उसकी बहन भी नहीं थे, पर एक कार खड़ी थी l अंतस उस कार के पास जाता है आगे ड्राइवर था पीछे एक लड़की बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रहा था l

अंतस - (ड्राइवर से) क्या आप मेरी मदत करेंगे
ड्राइवर - कैसी मदत
अंतस - (माधो की ओर इशारा करते हुए) वह लड़का बहुत घायल है, क्या उसे मेडिकल ले जाने में मेरी मदत करेंगे l
ड्राइवर - नहीं बिल्कुल नहीं, तुम अपने झगड़े में हमें क्यूँ घसीट रहे हो, जाओ कोई ऑटो कर लो या एम्बुलेंस को बुलाओ l
लड़की - (जो पीछे बैठी थी, जिसका चेहरा साफ नहीं दिख रही थी ) कोई बात नहीं, आप उस लड़के को लेकर आइए, मैं सामने बैठ जाती हूँ, आप उसे लेकर पीछे बैठ जाइए l

जब तक अंतस माधो को उठा कर गाड़ी तक लाता है तब तक लड़की आकर सामने ड्राइवर के पास बैठ चुकी थी l अंतस पिछली सीट पर माधो को लेकर बैठ जाता है l ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कर आगे ले जाने लगता है l

लड़की - (बिना पीछे मुड़े) एक बात पूछूं l
अंतस - जी
लड़की - मैंने देखा, आप इसे मार रहे थे l फिर आप ही इसे हस्पताल लेकर जा रहे हैं l
अंतस - बात दरअसल यह है कि, यह मेरे दोस्त और उसकी बहन के साथ अपने दोस्तों के साथ मिलकर बदतमीजी कर रहा था, मैं बस उन्हें बचाने आया था l
लड़की - कौन दोस्त, कौन लड़की, कोई भी नहीं दिखा l
अंतस - शायद झगड़ा इतना बढ़ेगा मेरे दोस्त ने सोचा नहीं था, अपनी बहन को लेकर चला गया l
लड़की - कमाल है, आपको मुसीबत में छोड़ कर चला गया l
अंतस - नहीं, मुसीबत में तो इसके दोस्त इसे छोड़ कर चले गए l बात एक लड़की की है इतना तो खयाल करना पड़ता ही है l
लड़की - क्या आप अपने दोस्त की बहन के लिए, इसे इस कदर मारे l
अंतस - नहीं, मैं सिर्फ बात चित से सुलझाना चाहता था l पर इसने मेरी बहन पर गंदी बात की, मुझसे सहा नहीं गया l
लड़की - अगर बात ऐसी है तो इसे हस्पताल क्यूँ लेकर जा रहे हैं l
अंतस - है तो यह अपने इलाके का, और मैं इसके माँ बाप को मौसा मौसी बुलाता हूँ l उनके आंखों में अपराधी नहीं बनना चाहता हूँ इसलिए इसे हस्पताल ले जा रहा हूँ l


लड़की कुछ नहीं कहती, हस्पताल आ जाता है l अंतस माधो को लेकर उतर जाता है l कार में बैठी लड़की वहाँ से चली जाती है l

फ्लैश बैक खत्म
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तभी अंतस का नया मोबाइल बजने लगता है l डिस्प्ले में होम दिख रहा था l फोन पर लक्ष्मी थी l

लक्ष्मी - हैलो, बेटा
अंतस - हाँ मम्मा, बोलो
लक्ष्मी - आज का दिन तो बहुत शुभ निकला, तेरे जीजाजी के घर से खबर आया है, आज शाम को आकार तेरे दीदी को ले जाएंगे l
अंतस - वाह मम्मा, यह सच में बहुत खुशी की बात है l
लक्ष्मी - हाँ बेटा, मैं सोच रही थी तेरी दीदी की बिदाई में कुछ दें क्या l
अंतस - मम्मा, आपने दहेज में बहुत कुछ दिया है l
लक्ष्मी - हाँ हाँ दिया है, पर लड़की उसके बाद घर पर ही तो रही है l अब जब बिदा करने का वक़्त आया है तो क्या खाली हाथ भेज दें l पुरानी परंपरा में गौना भी होता था, तो समझ ले हम तेरी दीदी का गौना करा रहे हैं l
अंतस - ठीक है मम्मा, तुम क्या देना चाहते हो l
लक्ष्मी - देख तेरे पापा के पास अभी दस लाख हैं, मै चाहती थी अगर हम कुछ गहने, (अटक अटक कर) मेरा मतलब है एक दो गहने हम दे पाएँ तो, कम से कम एक अंगुठी या कान की बाली
अंतस - समझ गया मम्मा, मैं आज शाम को कुछ ना कुछ ले आऊंगा l
लक्ष्मी - बहुत अच्छा बेटा, जीता रह, अच्छा फोन रखती हूँ और हाँ यह तेरे और मेरे बीच रहनी चाहिए, अपने पापा को भी मात बताना
अंतस - अच्छा ठीक है मम्मा

फोन कट जाता है l अंतस के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आती है फिर जैसे ही पुरानी मोबाइल को देखता है मुस्कान गायब हो जाती है और अंतस उस मोबाइल को सड़क के एक किनारे फेंक कर आगे बढ़ जाता है l


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गैलरीया मॉल में अंतस पहुँचता है l वहाँ पर एक बड़े ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप में पहुँचता है l एक सुंदर सी बाली देख कर उसे खरीदता है और पेमेंट जेडी की दी हुई कार्ड से करता है l कीमत डेढ़ लाख की थी l पैक करा लेने के बाद वह ज्वेलरी की शॉप से निकल कर मॉल के हलचल वाली जगह पर आता है l देखता है एक लड़का अपने हाथ में एक बड़ा सा फ्लावर बुके लेकर नीचे आ रही एस्कालेटर के पास खड़ा था l अंतस की नजर अपने आप एस्कालेटर पर टिक जाता है l एक बहुत ही खूबसूरत लड़की उतर रही थी l सफ़ेद चुड़ीदार पंजाबी लिबास में बेहद ही खूबसूरत लग रही थी l जैसे ही एस्कालेटर से लड़की नीचे आती है वह लड़का उसके सामने घुटने पर बैठ कर लड़की को बुके देते हुए अपने प्यार का इजहार करता है l

लड़का - मैं अपने प्यार का इजहार कर रहा हूँ
यह फूल नहीं मेरा दिल है जो तुम्हें दे रहा हूँ ll

लड़के के साथ उसके जो दोस्त थे सभी ताली बजा कर हौसला अफजाई करते हैं l लड़की पहले तो हैरान होती है फिर मुस्करा कर बुके लेती है l सभी लड़के है है कर चिल्लाने लगते हैं l लड़की सबको हाथ दिखा कर शांत होने के लिए कहती है, सब शांत हो जाते हैं l

लड़की - पसंद आया, तुम्हारा यूँ मुझे प्रपोज करना, पर पूछना चाहूँगी मैं ही क्यूँ और भी तो हैं इस सहर में l
लड़का - अरे यार, तुम बहुत स्पेशल हो, आई मीन यु आर बेस्ट और मैं बेस्ट ही तो डिजर्व करता हूँ l
लड़की - ओ, यु मीन, इस सहर में मैं सबसे बेस्ट हूँ, और तुम
लड़का - मैं, आई थिंक आई एम दी बेस्ट, आई चैलेंज मुझसे बेस्ट तुम्हें इस सहर तो क्या दुनिया में भी नहीं मिलेगा l
लड़की - ओके देन लेटस हाव डील, मैं तुम्हारे प्यार को कुबूल करती हूँ, बट अगर मुझे तुमसे कोई बेहतर मिला तो मैं तुम्हें छोड़ कर उसके साथ चली जाऊँगी l
लड़का - (फीकी हँसी हँसते हुए) हे हे हे, तुम मज़ाक कर रही हो ना l
लड़की - नो नट एट ऑल, तुमने अभी खुदको बेस्ट कहा है और मैं कह रही हूँ मुझे तुमसे कोई बेटर मिला तो मैं उसे चुनूंगी
लड़का - (खीज कर) यु मीन तुम मुझे डीच करोगी l
लकड़ी - ऑफ कोर्स l
लड़का - ह्व़ाट द फक, मैं तो तुम्हें अच्छी लड़की समझता था l
लड़की - अच्छा, इस सहर में मुझे आए दो हफ्ते हुए हैं l आई ग्यारंटी, ना तो तुम मेरे नाम से वाकिफ होगे ना ही मेरे फैमिली बैकग्राउंड से, पर तुम मुझे अच्छी तरह से समझ चुके थे l
लड़का - आर यु सीरियस l
लड़की - क्यूँ तुम्हें किस बात का डाऊट है l
लड़का - साली रांड, तुझे अच्छी लड़की समझ कर तेरे पीछे जुता घिस घिस कर घूमता रहा और अब तु मुझे अपना यह शकल दिखा रही है l
लड़की - मैंने तुझे अपना यह रूप दिखाया, तभी तो बात से और ज़ज्बात से तु अपनी असलियत पर आ गया l
लड़का - साली तेरी तो l

तब तक मॉल के सिक्योरिटी लड़के और उसके साथी को पकड़ लेते हैं और उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जाते हैं l लड़की मुड़कर बाहर जाने लगती है l लड़की के बाहर पहुँचते ही अंतस उसके पास पहुँचता है और उसे आवाज देता है l

अंतस - रुकिए, (लड़की रुक जाती है, अंतस उसके पास पहुँचती है) मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ, अगर आप बुरा ना माने तो l
लड़की - (हैरान हो कर भौंहे सिकुड़ कर अंतस को देखती है) पूछिये
अंतस - आप उस लड़के को सीधी तरह मना कर देती, इतना कुछ करने की क्या जरूरत थी l
लड़की - मुझे जो सही लगा मैंने वही किया l
अंतस - पर इससे उसके दिल पर चोट लगी l
लड़की - आप गलत कह रहे हो, दिल पर नहीं, अहं पर या यूँ कहूँ मर्दाना गुरूर पर चोट पहुँची है l
अंतस - हाँ वही, आपका सुलूक ही ऐसा था कि वह लड़का हाइपर हो गया, शायद खतरनाक हो जाए l
लड़की - तो मुझे डर कर उसका प्रपोजल एक्सेप्ट करलेना चाहिए था, क्यूँ l
अंतस - नहीं मैं कह रहा था आप सीधी तरह मना कर देतीं l
लड़की - देखो मिस्टर, मैं समझती हूँ, तुम्हें उससे हमदर्दी क्यूँ हो रही है, और तुम उसके लिए वकालत क्यूँ कर रहे हो l (अंतस कुछ कहना चाहता था, पर वह लड़की उसे रोक देती है) लेट मी फिनिश, कुछ लड़के होते हैं, जो हर लड़की को अपना प्रॉपर्टी समझते हैं, उल्टा सीधा कर उसे हासिल करने लगते हैं, अगर हासिल हो जाए तब भी बर्बाद कर देते हैं और ना हो तब भी बर्बाद करने की हर कोशिश करते हैं l ऐसों से पाला अभी से नहीं स्कुल लाइफ से वास्ता पड़ रहा है l अगर वह मुझे बेस्ट कह रहा था तो क्या मैं बेस्ट डिजर्व नहीं करती, वह खुद को बेस्ट कह रहा था पर जब मैं उससे भी बेटर की बात कही वह ईन सिक्युर हो गया और अपना भड़ास निकालने लगा, पल भर पहले जो मुझे बेस्ट कह रहा था वही गंदी गंदी गालियों पर उतर आया l वैसे भी उसने मुझे प्रपोज किया ही क्यूँ, इसलिये ना कि मैं खूबसूरत हूँ पर (इतना कह कर लड़की अपने बालों को हटाती है, दाहिने कान के नीचे चमड़ा जला हुआ था) अगर यह जला हुआ हिस्सा मेरे कान के नीचे के बजाय मेरे चेहरे पर होती तो क्या वह मुझे प्रपोज करता, कभी नहीं l (इतना कह कर लड़की जाने को होती है फिर अचानक रुक कर) यह जला हुआ हिस्सा भी एक सिरफिरे की वज़ह से है, मेरे सीधे मना करने के बाद मेरे ऊपर तेजाब फेंका था l गनीमत थी के मेरे हाथों में उस वक़्त किताब थी जिसके आड़ ने मेरे चेहरे को बचा लिया था l इसलिए मुझे ऐसे लड़कों से नफरत है, घिन है l

कह कर वह लड़की वहाँ से चली जाती है l मुहँ खोले अंतस उसे जाते हुए देखता रह जाता है l वह मुड़ता है तो उसकी आँखे एक विज्ञापन पर ठहर जाती है l

डोंट जज अ बुक बाय इट्स कवर
अधूरा फ्लैशबैक 😐


खैर वो कार वाली लड़की तो पक्का जेडी से जुड़ी होगी। और क्या ये मॉल वाली वो जिसे अंतस प्रोलॉग में मना कर रहा, वो है??

बढ़िया अपडेट। वैसे चुस्त दुरुस्त तक तो ठीक, पर दिल पर कोई बंदिशें नहीं लगा सकता न...
 
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