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ईश्क़ अधूरा रह जाये तो खुद पर नाज़ करना,
कहते हैं सच्ची मोहब्बत मुकम्मल नहीं होती...
कहते हैं सच्ची मोहब्बत मुकम्मल नहीं होती...
Waaah bahut khooob,,,,,,ईश्क़ अधूरा रह जाये तो खुद पर नाज़ करना,
कहते हैं सच्ची मोहब्बत मुकम्मल नहीं होती...
Greattt bro. Such a amazing.ईश्क़ अधूरा रह जाये तो खुद पर नाज़ करना,
कहते हैं सच्ची मोहब्बत मुकम्मल नहीं होती...
Chal diya me apne aakhri safar parवो मुझे मेहँदी लगा हाथ दिखा के रोई...
मै किसी ओर कि हूँ इतना बता के रोई...
मै बोला कौन है वो खुशनसीब....
वो मेहँदी से लिखा हुआ नाम दिखा के रोई....
उमर भर की जुदाई का ख्याल आया था शायद
वो मुझे पास अपने देर तक बैठा के रोई....
अभी ना सही जरूर जन्नत में मिलेंगे..
वो ये दिलासे दिला के रोई...
मुझसे ज्यादा बिगड़ने का गम था उसे..
वक्त_ए_रूखसत वो मुझे सीने से लगा के रोई...
बेकसूर हूं क़ुदरत का फैसला है ये..
लिपट के मुझसे बस वो इतना बता के रोई....
मुझसे बिछड़ी तो दूर हट के रोई..
ना जाने क्यों वो अपनो में पलट के रोई...
मुझपे दुख का एक पहाड ओर टूटा..
जब मेरे सामने मेरे खतो को जला के रोई...
मेरी नफरत और अदावत पिघल गई एक पल में...
वो बेवफा हैं तो क्यों मुझे रूला के रोई
कैसे उसकी मोहब्बत पे शक करता मैं..
भरी महफिल में वो मुझे सीने से लगा के रोई...
सब शिकवे मेरे एक ही पल में बदल गए..
झील सी आँखों में जब वो आँसू सजा के रोई...
कही गम से फट ना जाए सीना मेरा..
वो हंसते हंसते मुझे हँसा के रोई...
दिल ना टूटे उसका गम_ए_हाजिर में...
मैं भी रोया वो भी रोई,, मेरे आँख से आँख मिला के रोई....
कभी कहती थी मै ना जी पाऊँगी तुम्हारे बिन..
ओर आज वो ये बात दूहरा के रोई...
उसने जाना जब मेरे रोने का सबब..
अपने आँसू मेरे हथेली में सजा के रोई...
जब भी देखा उसे हंसते हुए देखा...
वक्त_ए_हिना हर खुशी को वो भुला के रोई....
दिल ने चाहा जी भर के देख लू उसे आखिरी बार..
वो मेरे आँखों के प्यास को बुझा के रोई...
जब हम सा हमदर्द उसको ना मिला तो..
मेहंदी के दिन वो दरवाजे से लिपट के रोई..
वो मेरी बाँहो में खुश रहने वाली..
कल किसी के बाँहो मे सिमट के रोई.......
Mithe bol bade anmolलफ्ज़ों के इत्तिफाक में कुछ यूँ बदलाव करके देखिये,
आप देख के न मुस्कुराईये बस मुस्कुरा कर देखिये...