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Incest Aaaah Ghar ki rasili bur aur gaand

Story ko kaun si front me likhu?

  • Hindi front

    Votes: 19 43.2%
  • Hinglish front

    Votes: 25 56.8%

  • Total voters
    44
  • Poll closed .

Golu_nd

Proud INDIAN 🇮🇳
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4,885
143
waah saandaar..achcha soche hain
mai abhi ye clear nhin karunga nhi to story khrab ho jayegi...
ye to bss ek opinion ke liye puchcha tha...
pratikriya ke liye dhanywaad
Intezaar Agle Update ka... 🙏
 
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Reactions: rahulkr24

pprsprs0

Well-Known Member
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UPDATE 25

आप ने पढ़ा कि बिमलेश और जुली बाइक से रवाना हो गए


अब आगे
..

बाइक पे....


राकेश अपने बाइक चलाने में थे
और उनके पीछे बिमलेश और जुली दूसरी दुनिया मे कोई हुई थी..

सुबह के घटना के बारे में जुली सोचती है कैसे भैया के नाम से मेरी चूत अपनी रस इतनी जल्दी छोड़ दी पहले तो कभी इतनी जल्दी नही निकलती थी और जब चाय पी रहे थे तो मुझे ऐसा क्यों लग रहा था मेरी प्राइवेट पार्ट को चाट रहे हैं मेरी वहां आँखें बंद हो गयी और एक बार फिर से झर गयी क्यों मैं भैया को अपनी रस पिला दी तबी से मेरी नीचे इतनी खलबली क्यों मची है...
आह किस तरह तभी बच गयी शायद भैया देख लिए थे मेरी नज़र भैया के टेंट पे थी ..आआआह ऐसा क्यों लग रहा है भैया के बॉडी से टच होने पे मुझे ऐसा फील क्यों हो रही है आआआह

दूसरी तरफ अपनी बहन की मोटी जांघ टकरा रहा था और अपने दोस्त से किया हुआ वादा पूरा होगा कि नही यदि होगा तो मैं अपनी हिं बहन को कैसे चोद के गाभिन करूंगा आआआह आज सुबह क्या सोच के बहन की चूत रस नीचे गिरी इसका मतलब वो पेंटी नहीं पहनी थी ये सोच हिं रहा था कि जुली पूरी तरह बिमलेश पे झुक जाती है बाइक जरकिंग में जाने की वजह से आआआह बिमलेश को एक असीम सुखद अहसाह होता है अपनी बहन की दोनों रसीली चूची बिमलेश के पीठ से टकराने के बाद बिमलेश का लौड़ा टाइट होने लगा जो राकेश की गाँड़ से टच हो रहा था..

राकेश को बिमलेश का लौड़ा का चुभन अपने लंड पर परते हिं वो समझ गया और जान बूझ कर कभी ब्रेक तो कभी जरकिन में ले जाता और बिमलेश अपनी दोस्त की बीबी और उससे भी करीबी संबध अपनी सगी बहन की चूची का चुभन का मज़्ज़ा ले रहा था इसी तरह तीनो आफिस चले गए......
जुली बाहर हिं रह गयी एक केबिन में बैठ गयी और इतंजार करने लगी ..

दोनों जाने लगे
राकेश- क्या दोस्त क्या हाल है बहुत लौड़ा टाइट हो रहा था कोई बात है क्या....

बिमलेश- इतनी जबरदस्त बीबी है तुम्हारी एक उसकी गर्मी और तुम्हरा जान बूझ के ब्रेक मरना और जरकिंग में ले जाने से तुम्हारी चूदासी बीबी की चूची का मेरे पीठ में रगड़ खाना लौड़ा तो खड़ा होगा हिं न

राकेश- आआआह मेरी बीबी इतनी हिं पसंद है तो चोद क्यों नहीं लेते ...

बिमलेश- अरे टेंशन क्यों लेते हो दोस्त बस चोदुगा हिं नहीं बल्कि चोद चोद करके तुम्हारी बीबी का पेट भी फुला दूंगा...

राकेश- मैन कब रोका हूँ वैसे वो मेरी बीबी के साथ साथ तुम्हरी सगी बहन है एक साथ तुमको दो मौका...

बिमलेश- हाँ दोनों धर्म निभाउंगा दोस्त...

राकेश- वैसे दोस्त मॉर्निंग की चाय कैसी लगी

बिमलेश- वाह क्या बताऊ यार एकदम गजब की कड़क चाय थी उसमें जो तुम्हारी बीबी क्रीम मिलाई थी वो चाय को और टेस्टी बना दिया था...

राकेश- सरारती अन्दाज़ के साथ जब बहन की बुर से निकली रस चाय में डाल के पिओगे तो अच्छी तो लगेगी न...

बिमलेश- क्या वो बहन की ** रस थी omg..

राकेश- बिल्कुल उसे मैं हिं जुली की बुर से निकाल के तुम्हारी चाय में मिलाया था

बिमलेश- साला कितना हरामी है ऐसा क्यों किया

राकेश- क्यों बहन की बुर रस पीने के बाद अपसोस हो रहा है क्या

बिमलेश- नहीं अपोसस कि क्या बात है ऐसे चाय बहुत मस्त थी आआआह सच मे सब दिन जुली की हाथ की हिं चाय मिलता आआआह...

करीब 30 मीनट बाद

बिमलेश अपना आफिस का काम निपटा के बाहर निकलता है साथ मे राकेश और जुली भी बाहर निकलती है...

बिमलेश और जुली निकल गयी बाइक से
मार्केट से निकल के बाइक हायबे पे चली गयी बिमलेश जान बूझ के बाइक की स्पीड बढ़ा देता है

जुली - भैया थोड़ा धीरे चलाइये न..

बिमलेश- थोड़ा और स्पीड बढ़ाते हुए..क्या बोल रही हो मैं सुन नही पा रहा हूँ

जुली- ओह बाइक की स्पीड और बढ़ जाने से डर के मारे भैया से बिल्कुल चिपक गई.......

बिमलेश- अपने मुंह से एक मादक साउंड आह निकल जाता है जुली की पूरा शरीर बिमलेश के पीठ से चिपक जाता है और और चूची की के दबने से एक गुदगुदी की तरह अहसास हो रहा था ..बाइक थोड़ा स्लो कर देता है जिससे बैलेंस भी बन जाता है और ज्यादा से ज्यादा टाइम बाइक पे बिताने का अवसर मिले..

इधर अपनी बहन से चिपके रहने के कारण बिमलेश का लौड़ा पूरा टाइट था ..

करीब 20 मिनट ऐसे चलने के बाद पहुंचने वाले हिं थे..

जुली- भैया मार्केट तरफ मोड़िये न कुछ फ्रूट्स और दूध लेनी है

बिमलेश- ओके और बाइक मार्केट तरफ मोड़ देता है

कुछ दूर चलने के बाद ...

जुली - अपनी एक हाथ बिमलेश के कंधे पे रखती है और बाइक स्लो करने को बोलती है

बिमलेश- बाइक रोक देता है...


इतने में जुली बाइक से उतरकर कंधे पे पर्स लटकी हुई गाँड़ मटका मटका के पास वाले दूध के दुकान पे जाती है

बिमलेश- आआआह जुली कितनी चाल बदल गयी है तुम्हारी आज से 2 साल पहले कैसी पतली दुबली थी और आज आआआह अपना लंड को एकबार दबा के आहें भरता है....

कुछ देर में जुली आ जाती है और बोलती है भैया कुछ फ्रूट्स भी लेने हैं और बाइक पे बैठ जाती है....

कुछ दूर चलने पे रोड साइड में ठेले लगाए फ्रूट्स वाले थे
जुली उतरती है बाइक से और उस ठेले वाले से.....ठेले वाला यही कोई 35 वर्ष का होगा..

जुली- सेब कैसे केजी दिए भैया

ठेले वाले- जी मैडम 150 रुपये है..

जुली - 130 रुपया दोगे भैया

ठेले वाले- 140 से कम नही हो पायेगा मैडम

जुली दी- ठीक है 1केजी तोल दो

जुली दी- ये केला कैसे दर्जन दिए..

ठेले वाला - 30 का दर्ज़न..

जुली दी- नहीं ये नहीं चलेगा केला भी अच्छा नहीं है...

ठेले वाला थोड़ा अपनी फेस पे मुस्कान लाते हुए- मैडम ये पसंद नहीं आया क्या

जुली- थोड़ा गुस्सा मे ठेले वाले के बोलने के लहजे को देख के बोली नहीं

ठेले वाला- थोड़ा धीमी आवाज़ में स्पेशल केला तो नीचे है.....ठेले के नीच

जुली- 200 की एक नोट देते हुए लो पैसे काटो...

ठेले वाला- नीचे झुक के केला निकलता है

जुली - ठेले वाले केला , को ठेले पे रखता है


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जुली- हाँ ये अच्छा है कैसे दर्ज़न देते हो

ठेले वाले- 70 रुपये

जुली- क्या 70 रुपये

ठेले वाले- मैडम स्पेशल का तो स्पेशल रेट लगेगा हिं न

जुली दी- ठीक है दे दो 1 दर्ज़न

ठेले वाले- मैडम बस यही 7 पीस हिं बचे हैं..

जुली दी- ठीक है यही बस दे दो

ठेले वला- बिमलेश की और देखता है और धीमी आवाज़ में बुदबदाता है लगता है भैया सर्विस ठीक से नहीं देते हैं...

जुली- ठेले वाले कि बात तो ठीक से सुनी तो नही लेकिन समझ जरूर गयी


ठेले वला- 200 का नोट लेके 30 रुपये वापस जुली की और देता है..

बिमलेश अपना बाइक थोड़ा आगे की और लेजाकर घूमता है..

जुली दी- रख लो ये 30 स्पेशल समान के लिए बोक्ससिस समझ कर...

ठेले वाला- थैंक्यू मैडम

जुली दी- धीमी आवाज़ में सर्विस में कमी नही होती ये तो खाली छेद में...***

इतने में चल देती है

ठेले वाला- शॉक्ड हो जाता है जुली की बात सुनके समझने में देर नहीं लगती उसे की जो बोली अभी इसका मतलब बुर में लौड़ा तो गाँड़ में केला और गाँड़ में लौड़ा तो बुर में केला आआआह जुली मटकती हुई चाल देखके कितनी मस्त गाँड़ है...

बाइक पे जुली बैठ जाती है

बिमलेश- क्या बहन सेव में 10 रुपये ज्यादा नहीं दे सकती थी और ये केला 70 के दर्ज़न ले लिए और ये भी शर्दी के टाइम में...

खुशी- अपनी दिमाग चलाती हुई भैया वो तो हम औरत लोग को मोल भाव करने की आदत है लेकिन उस बेचारे को देख के दया आ गयी इसलिए दे दी 10 रुपये - 20 रुपये के लिए काम करते हैं

बिमलेश- अच्छा इतना उच्च विचार कब से हो गयी...

इतने में जुली अपनी घर आ चुकी थी

गेट से अंदर आती है और सबसे नीचे बेसमेंट वाली मैन डोर पे लगी ताला को खोलती है ..पीछे बिमलेश बाइक से था बाइक अंदर कर देते हैं अंदर बिल्कुल अंधेरा था

बिमलेश- वाह यहां तो दिन में हिं रात

जुली दी- हा हा हा हा यहां तो रात हिं रात रहती है दिन होता हिं नहीं..
इतने में स्विच ओपन करती है.. लाइट जल जाती है...

बिमलेश- बहन लेट भी हो रहा है..

जुली दी- अभी थी ड़ेढ घंटे समय है ना गाड़ी तो 2 बजे है ना..

बिमलेश- हाँ थोड़ा फ्रेश हो लेता और मेरी बहन सुबह जैसी क्रीम वाली चाय पिला देती तो मज़्ज़ा हिं आ जायेगा...

ये बात सुन के तो जुली की बुर के दोनों लिप्स में मानो कंपन आ गयी हो संभलते हुए

जुली - ये क्या बात हुई भैया बहन के यहां आए और चाय भी न मिले इससे शर्म की बात और क्या हो सकती है..

बिमलेश- आह बहन मेरी कहने का मतलब ये नहीं था बस सुबह की चाय तुम्हारे हाथ की बहुत अच्छी बनी थी वैसे हिं चाय मिल जाय तो मज़्ज़ा आ जाय

जुली - बिल्कुल भैया अभी हिं दूध चढ़ा देती हूं ताकि दूध के ऊपर क्रीम बने

बिमलेश- हाँ बहन
और बिमलेश अपना कपड़ा खोल के नहाने के लिए चला जाता है

इधर जुली अपनी कपड़ा खोल के एक नाईट पहन लेती है और नीचे पेंटी उतार देती है ...और अपनी एक फिंगर अपनी बुर पे घिसती है
आआआह आज ये कमसिन मुनिया इतनी गीली क्यों है और मुसकराती हुई किचेन की और जाती है और चाय चढ़ा देती है...

बाहर निकलती है वाशरूम के गेट के पास आ के बिमलेश से पूछना चाह रही थी कि भैया कुछ नास्ता बना दूँ क्या?
जुली बोलने वाली हिं होती है कि अंदर से धीमी आवाज़ आती है

बिमलेश- आआआह आज इसको क्या हो गया है सुबह से बैठने का नाम हिं नही ले रहा है आआआह आआआह कितनी मस्त है आआआआह क्या माल है एक बार मिल जाय आआआह क्या स्वाद है आआआह आआआह..

जुली- अपनी मन मे भैया को क्या हो गया है भैया अभी भी मुठ मारते हैं क्या...
बिना पूछे अपने भैया से वो किचेन में चली जाती है

और खुद से बरबराती हुए क्या भैया अब कितना मुठ मरोगे अंजू और मंजू को सोच के तो दोनों इतना मार लिए हो अब भी ...

और सुबह वाली बात याद आ गयी कि कैसे राकेश उसकी बुर में उंगली डाल के रस चाय में डाले थे और भैया को इतना पसंद आया चाय.....आआआह अभी भी मिला दूँ
जुली की मन- नहीं नहीं वो मेरे भैया है नही..

जुली की दिमाग- ओह मिला दो जुली वैसे भी भैया 2 दिनों के लिये जा रहे है बाहर भाभी भी अपनी एनर्जी देगी नही उसके बदले बहन हिं

और ये सोच के मुस्कराने लगती है
किचेन की गेट लॉक कर देती है

चाय को धीमी लो में बनने के लिए चूल्हे पे छोड़ दी
और जुली अपनी एक उंगली अपनी बुर में डाल लेती है और आगे पीछे करने लगती है

साथ हिं सोच रही थी जुली अभी भैया तो अंजू और मंजू के बारे में सोच के तो मुठ मार नहीं सकते हैं खुशी भाभी को तो डैली चोदते हिं होंगे

क्या भैया मुझे सोच के मार रहे हैं मुठ ? आआआह क्या भैया को पता चल गया क्या की सुबह चाय में दूध की क्रीम नहीं बल्कि बहन की बुर की

क्रीम चाय में मिक्स्ड थी
राकेश तो भैया के जिगरी दोस्त है क्या वो तो नहीं बता दिए सुबह वाली बात के बारे में?

आआआह मेरी चूत क्यों इतना कसमसा रही है आआआह उंगली से कुछ हो हिं नहीं रहा है फिर जुली को कुछ याद आती है मुस्करार के एक कदम आगे बढ़ती है..





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और उस केले पे एक किस कर अपनी लिपस्टिक से की दाग ऐसे बन गयी जैसे लिप्स की प्रिंट बन गयी हो


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फिर उस केले को मुंह मे लेके 4-5 बार आगे आगे पीछे करती है जुली की थूक से केला चमकने लगता है फिर केले को मुंह से निकाल के धीरे धीरे अपनी चूत में अंदर करने लगती है...

उधर बाथरूम में
बिमलेश अपना लौड़ा का आगे पीछे तेजी से करते हुए आआआह आआआह कैसे चिपकी हुई थी आआआह और अपना पानी निकाल देता है और नहाने लागत है


इधर जुली
तेजी से केले को अपने बुर में आगे पीछे करती है..
और एक दूसरी केला लेके
केले के खुचा थोड़ा हटा देती है


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और उसे मुंह मे लेके चूसती है
साथ हिं दूसरे हाथ से लगातार आगे पीछे केला अपनी चूत में कर रही थी आआआह


जुली - लगतार अपनी चुत में केले को आगे पीछे करती है अब ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल बुर से रस की फुहार छोड़ देगी...

जुली अपनी चूत से केले को बाहर निकाल लेती है और जो केला छिली हुई थी उसे धीरे धीरे अपने बुर में आगे पीछे करती है
कुछ देर बाद हिं जुली की बुर में मानो एक शैलाब आ गयी हो गई हो

बिमलेश नहा के बाहर निकलता है पास वाले किचेन के कमरे पे नज़र जाता है देखता है बिमलेश गेट लगी है बिमलेश थोड़ा आगे बढ़ता है गेट के पास अंदर से साउंड सुनाई पड़ता है..

जुली -आआआह केला तो बहुत मस्त है आआआह उस ठेले वाले कैसे छुपा के रखा था आआआह आआआह सुबह से मेरी चूत में इतनी गर्मी क्यों बढ़ गयी है आआआह


जुली- आआआह आआआह आआआह कितना अच्छा लग रहा है आआआह आआआह

अपनी चूत से केले को धीरे धीरे निकलती है जैसे जैसे केला निकल रहा था ऐसा लग रहा था कि केले पे ढेर सारा मलाई लगी थी
और जुली मुस्कराती हुई केले को प्लेट में रख देती है और अपनी चूत की तरफ देखती है उसपे अभी भी रस लगी हुई थी एक कप से अपनी चुत पे लगा के फिंगर से रस कप में पोछने लगती है उस कप को शेड पे रख देती है...

बिमलेश को समझते देर नहीं लगी कि जुली अपनी चूत में केला लेके अंदर बाहर कर रही है उसे लगा कि कभी भी गेट खुल सकता है इसलिए वो वहां से बेड रूम की तरफ चल देता है..

किचन में..

कप को रखती हुई..

केले पे लगी ढेर सारी रस को देखती हुई मन हिं मन मे बोलती है आज इस निगोड़ी चूत इतनी क्यों रस बहा रही है
किचेन के दरवाजे को खोलती है
और बाहर आती है
अंदर बिमलेश तैयार हो चुके थे

जैसे हिं बिमलेश की नज़र जुली पे पड़ती है मन हिं मन आह ड्रेस कब बदल ली आआआह जांघ के नीचे कितनी गोरी है ..आह केले की खंभे की तरह

बिमलेश- जुली चाय बन गयी क्या?

जुली- हाँ भैया स्पेशल चाय में तो टाइम तो लगता है ना

बिमलेश- वो बात तो है लेकिन मुझे लेट भी हो जाएगी न

जुली- अभी लाती हूँ भैया

और जुली किचेन चली जाती कैन से कप में चाय छानती है और फिर मुस्करार के कप में रखी हुई अपनी बुर की मलाई मिला देती है और बोलती है भैया आपकी फेवरेट फेलवर मिला दी ...

चाय की कप उंगली में फसा के रूम में बिमलेश के पास लाती है

जुली- हाथ आगे बढ़ाते हुए लिए भैया स्पेशल मलाई मार के चाय लाई हूँ पी के बताईए सुबह से अच्छी है की नहीं..

बिमलेश- अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए अरे जुली कप की डंटी में तो तुम अपनी फिंगर फ़साई हुई हो कैसे कप पकरु..

जुली- अपनी दूसरी हाथ से कप के उपरी हिस्से को पकड़ती हुई डंटी में से अपनी उंगली निकाल के बोली...
अब लीजिए भैया
छेद खाली है डाल दीजिए ...

बिमलेश- कातिलाना अन्दाज़ में बोला क्या डाल दूँ

जुली - सरारती अन्दाज़ में , अपनी उंगली ...डाल दीजिए कप की डंटी में

बिमलेश- अपना मिड्ल फिंगर कप की डंटी में डालने लगता है जो कि अंदर जा नहीं रह था
बिमलेश बोलता है अरे ये
छेद तो बहुत छोटी है मेरी तो जा नहीं रही है

जुली- अरे भैया क्या नहीं जा रही है?

बिमलेश- कप की डंटी में मेरा उंगली

जुली - इसकी साइज हिं यही है
ये कोई रबर की थोड़ी बनी है जो उस शेप को बढ़ा के चले जाय..

बिमलेश- हाँ बहन सही बोली..

जुली- भैया अपनी रिंग फिंगर डाल दीजिए वो
छेद में घुस जाएगा

बिमलेश- अपना रिंग फिंगर डालने लगता है जो पूरी तरह टाइट लग रहा था

जुली- थोड़ा और पुश कीजिये , ये चली जायेगी भैया..

बिमलेश- मुझे तो लग रहा है कहीं टूट न जाये

जुली- हे हे देखे भैया मैं बोली थी न रिंग फिंगर चली जायेगी अब जल्दी से चाय की टेस्ट बोलिये न.....

बिमलेश- चाय देखते हुए वाह दिखने में हिं इतनी मस्त लग रही है तो स्वाद अच्छा होगा हिं
और एक शिप लेते हुए वाहहह बहन मज़्ज़ा आ गया क्या स्वाद है

जुली- सच मे भैया

बिमलेश- हाँ बहन रुको इस बार मलाई चख के बताता हूँ
और चाय के ऊपरी सतह पे तैर रही वाइट क्रीम को कप के मुंह पे लाते हुए शिप लेता है और अपनी आंखें बंद कर बोलता है आआआह बहन ऐसी चाय तो हर किसी के नसीब में नहीं , मैं नसीब वाला हूँ।

इधर जुली बहुत गौर से देख रही थी जैसे हिं क्रीम बिमलेश मुंह मे लेता है जुली को ऐसा लग की भैया उसकी चुत पे जीव लगा दी हो ..

थोड़ी देर बाद बिमलेश अपना मुंह खोल के दिखता है

जुली - देखती है कि भैया के मुंह मे वो क्रीम अभी भी है ..और मुश्करा देती है ये देख के हिं जुली कि बुर पनिया गयी एक बार फिर..

बिमलेश- जुली की तरफ देखते हुए अपनी मुंह बंद कर उसे घोट लेता है

जुली- थोड़ा फ्रूट्स लाती हूँ भैया टाइम कम है इसलिए नास्ता वगेरा नहीं बनाई

बिमलेश- कोई बात नहीं जुली हल्की फ्रूट्स हिं लाना

जुली- जी भैया

किचेन में प्लेट में रखी अपनी बुर रस से रखी केला चमक रही थी और एक सेब को कट कर उसी प्लेट में रखती है .. और लेके बिमलेश भैया के पास फ्रूट्स लेके जाती है...
जुली बिमलेश को फ्रूट्स की प्लेट बढ़ती है

बिमलेश- प्लेट में रखी मलाई से चमकती हुई केले को देख के खुश हो गया...और बोलता है इतना सारा सेब नहीं खा पाऊंगा

जुली दी- खा लीजिए न भैया अब तो रात में हिं खाईयेगा न

बिमलेश- एक सेब का टुकड़ा उठा के खाता है फिर बोलता है सेब नहीं चलने वाला है बहन

जुली - तो फिर केला हिं खाइए भैया

बिमलेश- अपने हाथ से केले को उठाता है फिंगर पे चिपचिपा जैसा मशसुस होता है बिमलेश को अच्छी तरह पता था ये कौन सी मलाई है...

जुली- भैया वो मलाई में केला को भी डाल दिया

बिमलेश- वाह फिर तो और मस्त होगा केले को उठाता है तो उसमें से बहुत सारी मलाई टप टप चुने लगती है
बिमलेश- जुली बहन इसमे तो बहुत मलाई लगी हुई है

जुली- हाँ भैया दूध को पूरी तरह जला दी पूरा गाढ़ा हो गया था उसी में डुबो के लाई हूँ..

जुली के आंखों में देखते हुए बिमलेश केले को मुंह मे डाल लेता है और अपने दोनों होंठ को दबा देते है और धीरे धीरे केला को बाहर खिंचता है

जुली ये देख के कचमचा गयी उसे लगा भैया अपना लौड़ा मेरी चूत में फसा के खिंच रहे हैं सामने भैय्या को देख के चूत मचलने लगी एक पे एक अटेक हो रहा था..

बिमलेश केला को पूरा मुंह से निकाल कर मुंह खोल के दिखता है

जुली अपनी बुर की रस अपने भैया के मुंह मे देख के पूरा गरमा गई...

और बिमलेश सारा मलाई को एक बार मे हिं पी जाता है और बोलता है बहन मलाई तो खटमीठी थी...

जुली- ओहो भैया लगता है सेब के बगल में थोड़ी नमक दी थी वही मिल गया होगा...

बिमलेश- जो भी बोलो बहन स्वाद लाजवाब है आआआह मज़्ज़ा आ गया अपने हाथ में केला उठाते हुए बहन एक बार उसी मलाई में फिर से भिंगो के लाओ न


अपने भैया के मुंह से ऐसी बात सुन के जुली को ऐसा लग चूत कभी भी रस छोड़ सकती है..



जुली- मुश्कराते हुए भैया के हाथों केले को लेती है और बोलती है
अभी डुबो के लाई और केले को लेके किचेन चली गयी ..

किचेन में जुली तो पेंटी पहनी नहीं थी आते हैं केला को जैसे हिं अपनी बुर में डाली अपने भाई के मुंह से निकली हुई केला और अभी की बातों से जुली बहुत गर्म हो गयी और केले के डालते हैं एक बार फिर से अपनी बुर की सैलाब से केलो को भिंगो दी फिर अपनी चूत में से केले को बाहर निकाल कर प्लेट में रखती है और एक दूसरी केला को अपनी चूत में फसा के नाईटी से दबा लेती है

जुली फ्रूट्स के प्लेट को बिमलेश के हाथों में देती है

प्लेट में अपनी बहन की बुर रस से चमकता हुआ केले को देख के लगा आआआह बहन कितनी गर्मी है जो इतनी पानी छोड़ रही है ...
फिर खेले पे हल्का सा नमक छिट देता है

जुली- भैया नमक क्यों मिला रहे हैं

बिमलेश- पिछली बार गलती से नमक मिल गयी थी लेकिन टेस्ट बहुत अच्छा लगा था इसलिए मिला दिया

जुली दी- ओह अच्छा भैया

केले खाते हुए बिमलेश की नज़र सामने खड़ी जुली के जांघो पे पारी जो बहुत उभरी हुई लग रही थी

सामने से जुली भी अपने भैया के नज़रों से बच के खड़े लंड पे नज़र डाल के देख लेती है जो पूरी तरह लग रहा था खड़ी हो गयी है जीन्स पे पूरी शेप बनाई हुई थी..

बिमलेश- अपने मन मे आआआह जुली की बुर इतना फुली हुई है आआआह लेकिन आगे के तरफ ऊची क्यों लग रही है...
ये सोच रहा था और बड़े चाव से अपनी बहन की बुर से निकली हुई केला को बहन के सामने हिं खा रहा था...

जुली- ओहो भैया पानी कहाँ दी आपको और रूम से बाहर की और निकलने लगती है

बिमलेश- पीछे से अपनी बहन की गदराई गाँड़ पे नज़र टिका देता है आगे पीछे हो रहे गाँड़ को देख रहा था

जुली जैसे हिं गेट के पास पहुंची की दोनों पैर के बीच मे केला गिरा

बिमलेश- आआआह बहन ये केला कहाँ से गिरा आआआह मतलब बहन अपनी बुर में केला पका रही थी तब न मैं सोच रहा था कि इतनी फुली हुई क्यों है आआआह बहन इतनी बड़ी और मोटी केला को इतनी आराम से रख लेती है मेरा केला तो इससे बहुत हिं बड़ा और मोटा है आआआह

उधर जुली को जैसे हिं लगा बुर से केला नीचे गिरी जल्दी से अपनी पैर मार के रूम से बाहर कर दी जिससे भैया की नज़र न पड़े और जल्दी से निकल गयी रूम से

किचेन में जा के आआआह भैया देख लिए क्या ?
ओह साला ये केला भी वही गिरनी थी क्या...

पानी एक ग्लास में भर ली लेकिन इस बार जुली को भैया के पास जाने में बहुत शर्म आ रही थी हिम्मत कर के आती है और भैया को पानी देती है इस बार चुप्पी दोनों तरफ थी..
चुप्पी को तोड़ते हुए

बहन अब निकलना चाहिए

जुली दी- हाँ समय तो हो गया है थोड़ा समय और रहता तो रास्ते के लिए कुछ नास्ता बना देती

बिमलेश- कोई बात नही बहन अभी अभी तो आये हैं इतने टाइम में हिं तो एक अच्छी मलाईदार चाय और मलाई मार के केला खिला दी यही तो मुझे शाम तक कि एनर्जी मिल गया

जुली- किचेन की और जाति है और बांकी बचे केले को लेके आती है और बिमलेश को दिखाती है और बोलती है

जुली- भैया बची केला दे देती हूं रास्ते मे भूख लगी तो खा लीजिएगा

बिमलेश- मुश्करते हुए केला तो बहुत टेस्टी है ख़ास कर इसमे जो मलाई मिलाई वो जबरदस्त थी..

जुली - लेकिन भैया इसमे अभी मलाई मिला दी तो सब केले के खुच्चे में हिं लगा रह जायेगा...और देखनी पडेगी मलाई बची है कि नही

बिमलेश- तो क्या हुआ बहन कुछ न कुछ टेस्ट आ हिं जाएगा और मैं पहले खुच्चे को हिं चाट लूंगा फिर केला खाऊंगा

जुली दी- सरारती अन्दाज़ में भैया आपके पास दिमाग की कमी नहीं..

जुली केले को किचेन लेके चली जाती है
बारी बारी सभी केले को अपनी बुर में डालती है

बिमलेश- आआआह जुली कितनी प्यार से रस लगा रही होगी केले पे आआआह चले जाऊं क्या गेट के पास ? नहीं नहीं ये गलत होगा इतना मज़्ज़ा मिल रहा है दोस्त की बीबी से ये कम है क्या
उधर जुली किचेन में बरी बारी सबी केला को अपनी चूत रस से भिंगो देती है....


जुली केले को लेके बिमलेश को दिखाती है और प्लास्टिक में रख के देने लगती है

बिमलेश - रुको रुको एक केला तोड़ कर जुली को देती हुई बोलती है इतने प्यार से मेरी बहन लाई है केले वो नहीं खाएगी.. क्या

जुली- मुश्करा देती है
और एक केला रख के बांकी केला पैक कर के दे देती है ..

बिमलेश तैयार होके निकलने वाला होता है..

बिमलेश- अपनी ख्याल रखना

जुली - आप भी अपना ख्याल रखियेगा

बिमलेश- सरारती अन्दाज़ में बोलता है मेरी बहन का मेरा दोस्त ख्याल रखता है कि नही..

जुली इतना सुनते हिं बिमलेश की बांहों में चली जाती है बिमलेश भी अपनी हाथ पीछे करके जुली की एक हाथ पीठ पे और दूसरी हाथ सर् पे रख सहलाती है


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जुली - भैया आपको कितनी फिक्र है अपनी बहन की वो मैं अच्छे से जानती हूं.....यदि मेरी सादी मेरे भैया के दोस्त से हुई है तो मेरे भैया को अच्छी तरह पता था अपने दोस्त के बारे में इसलिए न मेरी सादी कराए

बिमलेश- हाँ बहन तुम भी उसकी बहुत केयर करती हो मुझे दोस्त बहुत बार बोला है जैसा मेरा अच्छा दोस्त है उसी तरह मेरी बहन भी अच्छी है...

जुली- अपनी सर् उठाते हुए बिमलेश भैया के आंखों में देखती हुई बोलती है सच कहूं भैया आपके दोस्त मुझे बहुत प्यार करते हैं ...ये सब मेरे भैया के वजह से पॉसिबल हुआ है...

बिमलेश- अपनी बांहों में जोर से जुली को दबाते हुए मेरी वजह से नही बल्कि तुम हो हिं ऐसी की दिल जीत लेती हो...


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जुली को अपने नाइटी में अपनी चूत के ठीक ऊपर चुभन मशसुस होती है अपनी सिर नीचे करते हुए बोलती है भैया आज बहुत दिनों के बाद मैं अपनी भैया के बांहों में हुन मुझे आज भी याद है मुझे किस तरह आप अपनी गोद में लेके सुलाते थे...

इधर बिमलेश को भी अपने सीने पे अपनी बहन की दोनों चूची का का दबाब महसूस होता है और लंड फुफकार मरता है

जुली को महसूस होता है जैसे कि चूत में घुस हिं जाएगा बिल्कुल दोनों लिप्स के बीच मे ठोकर मार रहा था वो तो बस एक पतली नाईटी रुकावट डाल रहा था..

बिमलेश- अपनी दोनों हाथ से जुली की फेस को पकड़ता है और ललाट पे अपना होंठ सटा के चुम लेता है..



जुली भी अपनी दोनों हाथ बिमलेश के गले मे फस के अपनी बॉडी बिमलेश के बॉडी से रगड़ती हुई थोड़ी ऊची होके भैया के ललाट पे किस करता है


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जुली के ऊपर होते टाइम चूत बिल्कुल बिमलेश के लौड़ा भी घिस गयी थी
जुली के ऐसा करने से बिमलेश की आंखे बंद हो गयी रोमिचित हो गया
फिर दोनों अलग गए फिर कुछ देर में बिमलेश गाड़ी पकड़ने बाहर चले गए..गेट टक जुली छोड़ दी फिर गेट लॉक कर बैडरूम आती है
बेडरूम में जाते हीं जुली अपनी नाईटी को अपने बॉडी से निकाल लेती है और बिमलेश भैया जो केला खाने दी थी उसे अपनी मुंह मे केले चूसने लगती है और अपनी हाथ से कसमिन बुर सहलाने लगती है आंख बंद कर थोड़ी देर पहले अपनी भैया के लौड़ा की चुभन को अपनी चूत पे महसूस करती है और फिर केला को अपनी बुर में लेके आगे पीछे करने लगती है ...

अपनी मोबाइल उठा के उसमे एक मैसेज टाइप करती है

*********....


और भेज दी

उधर बिमलेश के मोबाईल की रिंग बजी लेकिन भीड़ के कारण उसे सुनाई नहीं दिया

1 घंटे बाद

बिमलेश गाड़ी पर बैठ के जैसे हिं अपना मोबाइल निकलता है...इनबॉक्स में जुली के नाम से एक मैसेज दिखाई पड़ता है

जैसे हिं इनबॉक्स ओपन करता है सामने स्क्रीन पे




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आआआह जुली सच मे कितना गरमाई हुई है इस मैसेज पढ़ के हिं पता चल रहा है राकेश के बदले मुझे हिं भेज दी
बिमलेश मुश्कराते हुए मन मे सोचता है.. बुर की गर्मी की असर है हा हा हा हा...


शाम में राकेश आफिस से आता है

जुली बेसब्री से इंतजार कर रही थी राकेश के आते ही राकेश के बॉडी से चिपकते हुए बोलती है..जानू विग्रा टैबलेट खा के आये हो न

राकेश- आश्चर्य से जुली को देखता है

जुली - ऐसे क्यों देख रहे हो जी नहीं खा के आये हो क्या

राकेश- लेकिन अभी क्यों खा के आऊ..

जुली - भागती हुई अपने मोबाइल चेक करती है और सर् पे हाथ लेके बोलती है हे भगवान ये मैने क्या किया

पीछे से राकेश अंदर जाता है और जुली को सोच में डूबी हुई देखता है और बोलता है क्या हुआ जुली अभी तो फूल मूड में थी और अब ऐसे
और राकेश का ध्यान उसकी हाथ से मोबाइल पे गया और अपना हाथ बढ़ा के जुली के हाथ से मोबाइल लेना चाहा
लेकिन जुली हाथ झपट ली
दोनों में मोबाइल लेने के लिए कुश्ती जैसे हो गयी

राकेश जुली को बेड पे सुला के चढ़ गया और अपने हाथ से जुली के हाथ को दबा दिया फिर भी जुली पूरी ताकत लगा दी मोबाइल नहीं छोड़ रही थी..

राकेश जुली को गुदगुदी लगा देता है और एक झटके में जुली के हाथ से मोबाइल लेके बाथरूम में भाग जाता है

बाथरूम में राकेश ,जुली की मोबाइल में मैसेज चेक करता है व्हाट्सअप ,मैसेंजर सब जगह चेक करता है कुछ नहीं मिलता है और फिर अंत मे इनबॉक्स चेक करता है उसमे bimlesh bhaiyya को एक मैसेज किया हुआ था उसे ओपन करता है


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मेसेज पढ़ के मुस्करते हुए राकेश बाहर आता है और जुली को छेड़ते हुए बोलता है मेसेज करती हो भाई को और चोदने आएगा पति हा हा हा हा ...

जुली शर्मा जाती है और बोलती है मैं इतनी गर्म हो गयी कि मुझे पता हिं नही चली कहाँ भेज दी मैसेज

ओह! भैया मेसेज पढ़ के क्या सोच रहे होंगे

राकेश- सोच क्या रहे होंगे

यही सोच रहे होंगे मेरे सबसे अच्छे मित्र की बीबी जुली बहन कितनी चुदासी है कि अपने पति के बदले अपने पति के दोस्त बिमलेश भैया को भेज दी

जुली - अब भैया जो सोचे पहले मुझे जम के चोदिये...

राकेश-मैं चोदु या मेरा दोस्त ..

जुली- मैं वो सब नहीं जानती अपनी बुर दिखाते हुए
देखिये कैसी हाल हो गयी है रो रही है लंड के बिना...
दोनों के बीच चुदाई शुरू हो जाती है..

चोदते टाइम बीच मे राकेश जुली बुर में लौड़ा आगे पीछे करते हुए पूछता है
सच बोलो न जुली बिमलेश को जान बूझ कर मेसेज की थी
जुली- पागल है क्या आप ऐसे कैसे कर सकती हूं आप मुझे चोद रहे हैं लेकिन मेरी ध्यान उसी बात पे हैं भैया का सामना अब कैसे करूंगी.. मुझे पता हिं चल रही है ये मेसेज भैया को कैसे भेज दी मैं

राकेश - मुश्करते हुए पूछता है अच्छा पहले तो इनबॉक्स में मेसेज नही करती थी आज इनबॉक्स से मेसेज क्यों...

जुली- नीचे से अपनी जोरदार धक्का लगाई और बोली इसलिए क्योंकि मेरी बुर को तभी लंड की बहुत जरूरत थी वहां इसलिए मैसेज की जल्दी से देख सको व्हाट्सएप के लिए नेट का ऑन होना भी जरूरी है...

राकेश- आआआह इतनी जोर से धक्का क्यों मरती हो ..आआआह अच्छा हुआ तबी नहीं आया नही तो जान ले लेती ये बुरवाली

जुली- हा हा हा अभी भी नही छोड़ने वाली..

और दोनों के बीच दमदार चुदाई होती है..

दूसरी और

राहुल को आज मन नहीं लग रहा था दीदी जीजू लोग चले गए ..मम्मी पापा भी आ गए थे दिन भर तो ऐसे हिं नार्मल तरीके से बीत गया थोड़ी बहुत बबली से बात हुई ..कुछ देर पढ़ाई किया बबली के साथ इसी तरह रात हो गया आज भैया भी थे नही घर मे जो कोई चुदाई देखने का जुगाड़ करता ...और जल्दी सो गया..

सुबह करीब 6 बजे नींद खुली एक दोस्त के कॉल आने की वजह से खुली उसे एक फ़ोटो चाहिए थी..मैंने ओके बोल के फ़ोन कट किया अपने मोबाइल में ढूंढने लगा पिक लेकिन मिल नहीं रहा था फिर मुझे याद आया वो भाभी के मोबाइल में पिक है अर्जेंट था तो मैं बाहर निकला भाभी के रूम की तरफ लेकिन अभी खुशी भाभी सो हिं रही थी

2-4 बार गेट नॉक करने पे भी नही खोली तो भाभी के नंबर पे कॉल किया

खुशी भाभी- बिल्कुल नींद से जगने वाली आवज़ में क्या हुआ देवर जी

मैं- भाभी गेट खोलिए न एक पिक लेनी है आपके मोबाइल में है

खुशी भाभी- ठीक है
3-4 मीनट हो गया था भाभी गेट नहीं खोली
मैं सोचने लगा आज कौन भैया साथ मे सोए हैं जो नंगी होगी और कपड़ा पहन रही होगी...

इतने में गेट खुली
अपनी आंख मलते हुए बोलती है

खुशी भाभी- इतनी सबेरे क्या जरूरत पड़ गयी

मैं- वो अर्जेंट है

भाभी मोबाईल की तरफ इशारा करते हुए बोलती है वहां है
और भाभी शायद बाथरूम की तरफ चल दी..

मैं भाभी के मोबाइल में जो पिक लिया उसे अपने नंबर पर भेज लिया जस्ट नीचे भैया के नाम की मेसेज थी

मैं सोचा जरा देखू क्या बात की है
OMG ये क्या मेरी तो आंखे चौंधिया गयी ...
मैं जल्दी जल्दी...***** लिया


आगे का अपडेट बेहद धमाकेदार होने वाली है

......अगले अपडेट में
Super hot bhai maza aa gaya bhai behan ke kamuk double meanin dialogues mei
 
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UPDATE 26

जैसे हिं मैं व्हाट्सएप में नीचे स्लाइड किया नीचे बिमलेश भैया की मेसेज थी....
उसको जैसे हिं खोला सामने की हुई बात पे तो बाद में नज़र गया उसमे एक फोटो देख के हिं मुझे सारा माजरा समझ आ गया..

मैं जल्दी से स्क्रीनशॉर्ट लेना शुरू कर दिया मेरा उंगली इतनी फ़ास्ट चल रही थी क्योंकि डर लग रहा था भाभी कभी भी आ सकती है. मैं जल्दी जल्दी स्क्रीनशॉर्ट लिया और अपने मोबाईल पे भेज लिया और भाभी के मोबाइल से डिलीट फ़ॉर मी कर दिया और सारी स्क्रीनशॉर्ट भी डिलीट कर दिया और जल्दी से भाभी की मोबाइल बेड पे रख के अपना मोबाइल छेड़ छाड़ करने लगा....

मोबाईल रखे कुछ हिं सेकंड हुए थे कि खुशी भाभी रूम में आई उसे देख के ऐसा लग की बहुत बेचैनी हो लेकिन जैसे हिं उसकी नज़र अपने मोबाइल बेड पे देखी शांत हो गयी..

मैं- क्या हुआ भाभी ठीक तो हो न

खुशी भाभी- हाँ ठीक हुन

मुझे माजरा समझ आ गया कि भाभी को याद आ गयी इसलिए वो हरबराती हुई आई..मैं वहां से निकलना हिं बेहतर समझा

मैं- भाभी मैं तो चला सोने साला इनको अभी हिं काम लगा था फ़ोटो का नींद भी पूरी नहीं हुई सुबह के टाइम में नींद अच्छी आती है

और अपने रूम में आ गया फिर गेट लॉक किया
सबसे पहले तो अपने मोबाइल खोल के स्लाइड करके जो पिक दोस्त को भेजनी थी उसको भेज दिया

और फिर वो मेसेज देखने लगा उसमे स्क्रीनशॉर्ट आगे पीछे हो गया ...
उसको सीरियल रूप से पढ़ने के लिए मैसेज में जो टाइम थी उससे अरेंज किया...फिर एक एक करके पढ़ने लगा..

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आआआह बहुत हिं इनट्रेस्टिंग लग रहा था ..बहुत उत्सुकता के साथ पढ़ रहा था ...



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मैं अपने मन मे वाह भैया भाभी के प्यार वाह मज़्ज़ा आ गया..


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वाह भैया मज़्ज़ा आ गया अपने नानाजी के यहां तो उस सुनसान जगह और गन्ने के खेत के बीच मे आआआह बहुत सुंदर बोले भैया हनीमून तो खुले आसमान के नीचे में हिं मज़्ज़ा आता है ..आआआह आखिर भाई किसका हूँ..

ये चैट पढ़ते पड़ते परसो रात सादी सालगिरह वाली एक एक सीन मेरे आंखों के सामने भी आने लगे ..

आगे भैया भाभी क्या बात किये जानने के लिए उत्सुक हो रहा था लेकिन मैं पूरे रस से साथ पढ़ना चाह रहा था...

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वाह भाभी क्या लाइन बोली है " कहाँ चोद के बच्चा दीजिएगा वाह मतलब अब भाभी गाभिन होना चाहती हैं

मुझे बहुत मज़्ज़ा आ रहा था मैं अपना लौड़ा बाहर निकाल के एक हाथ से सहलाते हुए बिमलेश भैया और ख़ुशी भाभी की सेक्सी चैट का मज़्ज़ा लेने लगा


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मैं अपने लंड मसलते हुए बोला मेरे हिं बेड पे चुदवा के गाभिन हो जाईये भाभी


फिर आगे की चैट को पढ़ने लगा

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वाह भैया सबसे ज्यादा भाभी को उसी के घर मे चोदते हैं...

वाह भाभी आप दिखने में हिं सुंदर नहीं हो आपकी बाते भी बहुत सेक्सी हो रही है आआआह

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वाह भैय्या आप हिं भाभी को एक्सपर्ट बनाये हैं वाह
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आह भाभी आपकी फेवरेट पोजीशन में तो पूरा लौड़ा जाएगा बुर में आआआह
आह कितना रोमाटिंक हैं भैया भाभी..

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आआआह भाभी ये चीज तो मैं मैं परसो की चुदाई में देख लिया था किस तरह झरने के बाद भी आपको बांहों में रखे हुए थे....

आआआह भाभी आपकी चुदाई देखना जितना मजेदार है उससे ज्यादा तो मुझे अभी आ रहा है आआआह..

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आआआह मेरी प्यारी भाभी मैं चढ़ जाऊ ...
आह भाभी के मुंह से लोढ़ा सुन के कितना अच्छा लग रहा है आआआह

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आह भाभी आआआह कितनी मस्त बुर है आपकी आआआह उस दिन तो आपकी बुर केक से सनी थी आआआह दूर से क्लियर दिखाई भी नही पर रहा था आआआह क्या मस्त बुर है और बुर पे कितना अच्छा रेशमी झांट है आआआह मेरी भाभी आपकी बुर में आआआह जब मेरा पूरा लौड़ा आपकी फेवरेट पोजीशन में आपके दोनों पैर अपने कंधे पे लेके अपना ये..

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लौड़ा से आपकी बुर को हुमच हुमच कर चोदूँगा आआआह भाभी आप सच मे बहुत कमसिन हो आआआह


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कितनी अच्छी हो भाभी आप आपकी ये आंखे , आपकी ये रसभरी होंठ आआआह जान लेवा और आज आपकी रस भरी बुर भी देखने का मौका करीब से फ़ोटो में हिं सही आआआह आआआह आपकी बुर भी बहुत मस्त है अपनी बुर चटवा लो न अपने दुलरवा देवर से आआआह..

आआआह जरा अपनी प्यारी भाभी की बुर को ज़ूम करके देखू ..कितना बड़ा छेदा किये हैं भैया को...


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आआआह भाभी चाट रहा हूँ आपकी झांट से लच्छेदार बुर आआआह आआआह ये मेरा लौड़ा को क्या आआआह मैं आसमान में उर रहा हूँ..आआआह आआआह ले लो अपनी बुर में मेरा रस आह आआआह

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लौड़ा से रस निकाल जाने के बाद सोचा बाद में आगे का पढूंगा 5 मीनट भी नहीं हुए कि फिर लौड़ा खड़ा होने लगा आगे क्या बात हुई जानने के लिए..

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आआआह भैया लगता है भाभी को ठीक से आप चोदते नही है खुशी भाभी की बुर को मेरा लौड़ा ठंडा कर सकता है आआआह भाभी आइये न मैं बिल्कुल न्यू लुक में आपका बुर की झांट को ट्रिमिंग कर दूंगा आआआह भैया वीडियो कॉल आआआह मेरी लौड़ा बिल्कुल खाली है ले लो न अंदर भाभी आआआह

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भाभी बुर में फिंगर डालने की चीज नहीं बुर में तो मोटा लंबा लौड़ा डालने की चीज है आआआह आपको चोदने में सच मे बहुत मज़्ज़ा आएगा आपकी बातों से लग रहा है अंदर से आप कितनी गर्म और रसीली हो

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वाह भैया मज़्ज़ा आ गया आप फीमेल की दर्द को अपना दर्द समझ के प्यार करते हैं सच मे महिला के लिए पीरियड के दिनों बहुत कठिनाई वाली होती है ..

आआआह मेरी मुंह मे हिं मूत दो न भाभी ..आआआह

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आआआह भाभी कितना मधुर साउंड है आआआह ( मैं वो पिक और साउंड रिकॉर्ड भी सेंड कर लिया था)

आआआह क्या भाभी अपने मायके में क्या की होगी ये तो पक्का है भाभी पेसाब की होगी तभी न ये बात बोले आआआह भैया के लौड़ा पे पेसाब किये होंगे भाभी य्या फिर भैया के मुंह मे अपनी बुर सटा के बुर की प्रेशर से धार छोड़े आआआह कितना मस्त वो पल होगा आआआह

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वाह भैया क्या बात है दोनों दोस्त एक जैसे रात में जुली दीदी को खुली छत पे चोदे जीजू हॉट पेंट पहना के आआआह
भाभी कैसा लगेगी हॉट पेंट में आआआह


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आह मज़्ज़ा आ गया
थैंक्स दोस्त आज यदि तुम कॉल नहीं करते और वो पिक नहीं मांगता और मैं उस दिन भाभी के मोबाइल में वो पिक क्लिक नहीं क्या होता तो आज ये हसींन चीजो से दूर रह जाता


और फिर मैं सो गया..
Mast bhai too hot
 

Rinkp219

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Bhaut hi mast update tha dost... waiting more
 

kofora

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