Nice start.......Update 1
आज सुबह से हिं घर मे चहल पहल थी क्यों कि आज भाभी की दूसरी सालगिरह जो थी । पापा और भैया ऑफिस चले गए और मम्मी भाभी और बबली पास वाले मंदिर गयी हुई थी । मैं घर मे बैठ के सोच रहा था आआआह किस तरह भैया और खुशी भाभी की सालगिरह की स्पेशल चुदाई कैसे लाइव देखी जाय। अब मैं अपने घर के बारे में बता रहा हूँ 3 साल पहले गाँव से शहर में शिफ्ट हुए हैं शहर से 6 किमी दूर एक इलाके में अभी ये पूरी तरह से इलाका भरा नही है छिट पूट घर है मेरे घर के एक साइड घर है और दूसरी साइड पेड़ लगे हुए हैं और बहुत जंगल भी हो गयी है । नीचे 4 कमरे हैं और 2 कमरे पहली फ्लोर पे हैं। नीचे वाले कमरे में 1 मम्मी पापा उसके बगल वाली भैया भाभी की और अपोजिट साइड एक मे मैं और दूसरी में बबली रहती है । ऊपर वाले 1 रूम में थोड़ा बहुत समान और एक गेस्ट रूम है। मैं इतना एकसाईटेड हो गया कि किसी तरह आज भैया और भाभी की चुदाई देखने के लिए। मैं अपने घर से बाहर निकल कर पीछे जंगल की तरफ गया बहुत हिं जंगल था सांप न हो इसका डर लग रहा था फिर भी हिम्मत कर के गया बिल्कुल खिड़की के पास लेकिन मैं खिड़की तक पहुंच नही पा रहा था मेरे घर से लेवल काफी नीचे था फिर में वहां एक पुरानी कुर्सी ला के चढ़ के देखा तो रूम की बेड क्लियर दिखाई दे रही थी मैं वो कुर्सी वही जंगल मे हिं छोर के आ गया और मन हिं मन बहुत खुश था कि आज भैया भाभी लाइट जला के अपनी प्रोग्राम करे। फिर मैं नहा के रेडी हो गया । तब तक भाभी लोग भी मंदिर से आ गयी थी जाते टाइम तो मैं नही देखा था और जब मैं तीनो को देखा आआआह गजब की लग रही थी मैं तो आज सबसे ज्यादा भाभी को देख रहा था और मन हिं मन सोच रहा था आह भैया कैसे पेलते होंगे गदराई माल को फिर मेरी नजर मम्मी पे गयी जो अपनी रूम जा रही थी आआआह मम्मी की गांड चलते हुए कहर ढाह रही थी और फिर बबली की पतली कमर और निकली हुई गांड काफी सेक्सी लग रही थी । मेरी मुन्ना तो ये सब देख के हिं खड़ा हो जाता है किसी को सक न हो मैं अपने रूम जल्दी से घुस गया। और फिर वही सोचने लगा क्या रात में मैं देख पाऊंगा कि नही यही सब सोचते मैं मोबाइल देखने लगा । कुछ हिं देर में बबली की मेसेज आती है
बबली- हेलो मेरे प्यारे भाई...
मैं- वाह प्यार भाई कब से बन गया हर वक्त तो लड़ते रहती हो
बबली- वो तो प्यार है लेकिन हो तो मेरे प्यारे भाई न
मैं- अच्छा बड़ा प्यार आ रहा है कुछ काम है क्या?
बबली- हा हा हा हा बिल्कुल सही पकड़े
मैं- मुझे पहले हिं पता चल गया था कि कुछ काम होगा तब हिं मस्का लगा रही है बोलो क्या बात है
बबली- पैसे चाहिए कुछ भाभी को गिफ्ट देनी है
मैं- अच्छा मैं कौन सा कमाता हूँ जो पैसा मेरे पास रहेगा हा हा हा
बबली- माजक न करो तुम्हारे पास पैसा हर वक्त रहता है तो बहुत जुगाड़ी हो न
मैं- ऐसा क्या अच्छा क्या दोगी भाभी को गिफ्ट मुझे भी देनी है
बबली- मैं क्यों बताऊंगी जो पसंद आएगी वो दूंगी ऐसे तुम क्या दोगे
मैं- मेरा तो मन हुआ मेसेज कर दूं कि मैं कंडोम का बड़ा डब्बा गिफ्ट कर दूं ताकि भैया को बार बार नही खरीदना परे (ये तो मैं अपने मन मे सोच रहा था जो मैं दे नही सकता था क्यों कि भैया को जो पता चल जाता) बबली को मैं बोला जो अच्छा लगेगा वो दे दूंगा
बबली- अच्छा कब जा रहे हो
मैं- अभी हिं जाना होगा क्योंकि भैया बोल दिए है केक भी मुझे हिं लाना होगा और घर का सामान भी तो टाइम नही मिलेगा
बबली- फिर चलो मुझे भी जानी है
मैं- फिर तैयार हो जाओ
बबली- मैं तैयार हिं हूं
मैं- ओक मैं रेडी हो रहा हूँ
और मैं मम्मी को ये बोल के मार्केट जा रहा हूँ।
रेखा मा- बबली तुम भी जा रही हो
बबली- हां मा धीरे से बोली भाभी के लिए गिफ्ट लाना है।
मैं बाइक निकाला और बबली पीछे की सीट पे दोनों दोनों तरफ कर के बैठ गयी और अपनी एक हाथ मेरी कंधे पे रख दी
और बोलती है
बबली- भाई मुझे कब सिखला दोगे बाइक चलना
मैं- तुम तो खुद बहुत टैलेंटेड हो खुद सिख लो
बबली- मेरी पीठ पे एक जपत लगते हुए मैं माजक नही कर रही हूं कभी सिखला दो न
मैं- ये तुम्हारे बस की बात नही है ये बहुत भारी बाइक है इससे सीख नही पाओगी
बबली- क्यों भारी है तो क्या हुआ मैं चला लुंगी मुझे खुद पे भरोसा है बस दिखने में पतली हुन अंदर से बहुत स्ट्रांग हूँ
मैं- हा हा हा बहुत स्ट्रांग हो ऐसे क्या लोगी गिफ्ट भाभी के लिए
बबली- चल न दुकान पे देखती हूँ ....
Nice updateUpdate 2
हमदोनो मार्केट पहुंच गए थे बाइक लगा के पैदल जा रहे थे गिफ्ट कार्नर से पहले कपड़े की दुकान दी जिसमे 2 डमी थी एक मे एक डमी में ब्रा पेंटी पहनी हुई थी और दूसरे डमी में सेक्सी पारदर्शी नाईट ड्रेस थी मैं आंखों की इशारा से बबली को बोला
मैं- अपनी आंख ब्रा पेंटी वाली डमी की और इशारा करते हुए बोला ये तुम दे दो और दूसरी डमी की और ये मैं दे देता हूँ । भाभी रात में अच्छे से सालगिरह मना लेगी
बबली- मुस्कराते हुए पीठ पे चपत लगते हुए बोलती है बहुत बदमाश हो गए हो लगता है अब तुम्हारी भी सदी कराने को मम्मी से बोलनी पड़ेगी ध्यान भटक रहा है
मैं- हँसते हुए इस ऐज में ध्यान भटक ही जाता है ऐसे मेरा आईडिया बुरा नही था मैं तो दे दूंगा भाभी से तो कोई डर नही लेकिन भाभी जब भैया से बोलेगी देवर जी ये गिफ्ट दिया है बस वही लाज के कारण
बबली- मुस्कराती हुई फिर तुम यही गिफ्ट दे दो हा हा हा हा हा....
मैं- देख बबली मेरी टांग खिंच रही हो तुम , तुम हिं देदो हा हा मैं दूँ या तुम बात तो एक हिं है
बबली- मुझे कोई शौक नही ये सब देने की
मैं- हँसते हुए तुम किसी को नही दोगी तो तुम्हें कौन देगा ऐसी गिफ्ट
बबली- ये सुन के शर्मा गयी और बोलती है नही मुझे देनी है नही लेनी है
तब तक गिफ्ट कार्नर पे पहुंच गए
मैं- दुकानदार से कोई अच्छी गिफ्ट दिखाइये ...
दुकानदार- एक कपल वाली स्टेटच्यू दिखाया और बोलता है बबली की तरफ इशारा कर के ये मैडम को बहुत पसंद आएगी
बबली- पूरी तरह शौक हो गयी
मैं- दुकानदार से थोड़ा मुस्कराते हुए ये मेरी मैडम नहीं बल्कि बहन है
दुकानदार- ओह सॉरी सर् मैं गलत समझ लिया
मैं- इट्स ओक
और दोनों गिफ्ट लिए और बाहर निकल गए
बबली- चल न गोलगप्पा खाते है
मैं- चल और दोनों गोलगप्पे की दुकान पे गए
एक तरफ मैं और दूसरी तरफ बबली थी और एक एक कर के देना स्टार्ट किया मैं दुकानदार हो इशारा कर दिया बड़ा साइज का देने के लिए बबली को ...
दुकानदार भी यंग था वो समझा होगा गर्ल फ्रेंड से मस्ती के मूड में है
और मुझे छोटा और बबली को बरी साइज वाली गोलगप्पे देने लगा मैं तो खा लेता और बबली की तरफ देखता बड़ा साइज का गोलगप्पे खाने के लिए बबली अपनी मुंह पूरी तरह खोलती और फिर खा लेती थी देखने मे बहुत मज़्ज़ा आ रहा था दुकानदार बार बार ऐसा हिं कर रहा था मुझे छोटा और बबली को बड़ी गोलगप्पे दे रहा था बबली भी इस बात को नोटिस कर रही थी ...फिर दोनों घर के लिए निकल गए
रास्ते मे बबली बोलती है
बबली- राहुल तुम नोटिस किये मुझे बड़े बड़े और तुम्हें छोटे गोलगप्पे क्यों दे रहे थे
मैं- हँसते हुए बोला वो चेक कर रहा था तुम बड़ी खा सकती हो कि नही एक तो तुम पहले से हिं दुबली पतली हो
बबली- थोड़ा गुस्सा करते हुए तुम न पिटाओगे मेरे हाथों ये पतली दुबली बार बार जो बोलते हो ...
मैं- अच्छा
बबली- और नही तो क्या वैसे वो देख के हिं क्या कर लिया मैं तो सारे गोलगप्पे खा हिं तो ली मैं वो सारी कुछ कर सकती हूं जो आम लोग कर सकते हैं उससे ज्यादा हिं कर सकती हूं मैं पूरी तरह फिट हूं....
मैं- बबली को छेड़ते हुए अच्छा ये बताओ उस दुकानदार ने तो तुम्हें मेरी गर्लफ्रेंड समझ लिया
बबली- शरमाते हुए छोड़ न वो बात और दोनों घर पहुंच गए।
NiceUpdate3
घर आने के बाद लंच कर के अपने कमरे में आराम करने लगे और रात की योजना के बारे में सोचने लगा कि आज तक बस भाभी , दीदी और माँ की पेंटी पे अपने लंड पे घिसा हूँ और बहुत बार मम्मी पापा और भैया भाभी के कमरे से सेक्स करते वक्त मोनिंग की आवाज़ सुनकर या फिर कोई भी बतरूम जाती थी उसकी पेसाब की प्रेशर आह यही सब सोच के अपना लंड हिलाया करता था । दिन व दिन घर की चूत के लिए चाहत बढ़ता हिं जा रहा था। आज बहुत हिं उतावला हो रहा था कैसे भैया भाभी को पेलते होंगे क्या भैया भाभी की चूत भी चाटते होंगे या भाभी भैया का लंड चूसती होगी यही सब सोच रहा था कि कोई मेन गेट पीट रहा हो । मैं अपने रूम से बाहर निकल कर ग्रील खोला तो देखता हूँ बाहर जुली दीदी और राकेश जीजू हैं दोनों को देख के बहुत खुश हुआ ।
जुली दीदी- कैसे हो हैंडसम
मैं- ठीक हुन साथ हिं दीदी की पाँव छूते हुए प्रणाम किया पास में खरे जीजू को भी
जुली दीदी- खुश रहो मुस्कराते हुए बोली
और दोनों आगे आगे और मैं समान लिए पीछे से आ रहा था दीदी के शरीर में दिन व दिन बदलाव आ रहा था पीछे से दीदी बिल्कुल मम्मी की तरह लग रही थी ..
दोनों के आवाज सुनकर सब अपने रूम से बाहर निकले सब एक दूसरे से मिले और बात करने लगे । मैं अपने रूम में आ गया बस मैं यही सोच रहा था कि जीजू इन 30 मोन्थ मे किस तरह दीदी की सेवा किये की पतली दुबली दीदी इतना ग़दरा गयी है।
इतने में माँ आवाज देती है
रेखा माँ- ओ राहुल कहाँ हो ये बोलते हुए मेरे कमरे में आई और बोलती है बाजार से कब समान लाओगे जल्दी खाना बनाना है..
मैं- जी मा कुछ देर में जाऊंगा पास में हिं तो है
रेखा- मैं जानती हूं तुम्हारी गोपी के 5 मीनट और हस दी और बाहर चली गयी
मैं- बस मा को देखता रहा पीछे मा की तरबूज को मैं बस यही सोच रहा था कि माँ बिन कपड़े के कैसी लगती होगी आह
जब कोई घर के लोग पास हो तब मैं गलत नहीं सोचता हूँ बिल्कुल अच्छा लड़का की तरह लेकिन जब भी अकेला रहता हूँ बस यही सब सोचते रहता हूँ फिर में मार्केट के लिए निकल गया घर की समान और रात के लिए मटन केक भी लेनी लेकिन पकड़ता कौन इसलिए सोचा केक बाद में लूंगा फिर में सारी समान लेके घर आ गया
शाम में मैं जीजू को साथ लेकर केक लाने चल दिया रास्ते में
राकेश जीजू- तो साले साहब क्या चल रहा
मैं- बस चल रहा है किसी तरह
राकेश जीजू- हँसते हुए किसी तरह क्यों कोई है नही क्या बॉडी की राहत देने वाली
मैं- बस इतना बोला कि मैं इतना लकी नही हूँ जीजू
राकेश जीजू- मेरी बाह को अपनी हाथ से दबाते हुए तो फिर ये बॉडी बस ऐसे हिं खाली कहीं यूज़ नही
मैं- बस थोड़ा हस दिया
दोनों केक लिए और साथ में बलून वगेरा डेकोरेट की समान लिए और घर आ गए
Ohh bhai kitni awesome hai yah Nenad bhabhi...Update4
मैं और जीजू केक लेकर घर मार्केट से आ गए। भैया और पापा भी आ गए थे सब एक दूसरे से बात कर रहे थे मैं मन हिं मन खुश था कि मेरी प्री प्लानिंग काम आएगी की नहीं ....
करीब सात बजे मैं और बबली जो भी डेकोरेशन की समान था उसे लगा रहे थे फिर बाद में बलून फुला रहे थे
बलून फूलने में बबली भी कम नही थी एक बार जो मुंह मे लगती कम्पलीट कर के हिं छोड़ती थी बलून फुलाते टाइम बबली की बूब्स से ऐसा लगता था बड़ी और आगे पीछे हो रही है कड़ा साँस लेने की वजह से
मैं- वाह बबली तुम तो बहुत स्ट्रांग हो अंदर से एक बार मे हिं इतनी बड़ी कर देती हो
बबली- अच्छा (खुश होते हुए) मेरे भाई को मेरी ताकत का पता चला हिं कहाँ है
मैं- हाँ सही बोली आज में गोलगप्पे की दुकान पे भी देखा तुम भी किसी से कम नही हो
बबली- जोश जोश में बलून को और बड़ी कर रही थी और मुझे दिखाते हुए भी और हवा लगेगी इसमे....
मैं- हाँ और दो न ज्यादा बड़ी अच्छा लगता है देखने मे( डबल मीनिंग कर के बोला)
बबली- ऐसा क्या फिर तो मम्मी और दीदी को बुलवा लो वो और भी ज्यादा बड़ी फुला सकती है( आंख नाचते हुए बोली)
इसी तरह दोनों भाई बहन डेकोरेट कर लिए...
रात के करीब 8 बज रहे थे भाभी लोग तैयार होने चली गयी बांकी पापा जीजू भैया और मैं वही थे बाहर का कोई लोग को इनवाइट नहीं किया गया था। करीब 40 मीनट बाद खुशी भाभी मरून साड़ी में गज़ब लग रही थी होंठ पे लिपस्टिक आंख तो मस्त है हिं ऐसा लग रहा था कप वाली ब्रा पहनी हुई थी क्यों कि और दिन की अपेक्षा आज कुछ ज्यादा बड़ी लग रही थी । मम्मी भी गज़ब की लग रही थी दीदी लेंग्गिस पहनी हुई थी उसमें दीदी की मोटी झांग और पीछे से उभार कातिलाना था बबली भी कुछ कम नही थी 3 गदराई माल के बीच मे एक पतली लंबी छरहरे बदन वाली नॉटी गर्ल कुल मिलाकर कर सबको देख के लंड खड़ा करने के लिए काफी था। एक मैं हिं था वहाँ जो बुर का स्वाद नहीं चखा था और दूसरी बबली जो लंड की स्वाद नहीं चखी थी। बांकी तीनो न जाने किस किस स्टाइल में चोदते होंगे सबसे ज्यादा तो एक्सप्रेइंस पापा को हिं था जो 30 साल से गदराई माल को चोदते आ रहे हैं । मैं पुरानी फ़ोटो जो देखा हूँ पापा और मम्मी की उसमे दोनों बहुत पतले थे अब पता नही सादी की बाद लंड और बुर की की मिलन से कैसे मोटापा आ जाती है ।
सब ऊपर सीढ़ी से पहली फ्लोर पे जाने लगे सबसे ऊपर बबली थी उसके पीछे भाभी फिर मम्मी फिर जुली दीदी फिर पाप उसके बाद मैं मेरे पीछे जीजू और भैया ..मैं नोटिस कर रहा था कि पापा की नजर दीदी की लेंगिस पहनी हुई टाइट गांड से नज़र हट हिं नही रही है ..ऐसे करते ही गेस्ट रूम में चले गए वो खाली रूम है उसमें स्पेस भी ज्यादा थी तो वही डेकोरेट किया गया था।
केक टेबल पे रखी हुई थी टेबल के ठीक सामने भैया भाभी थे भैया के बगल में जुली दीदी उसके बगल में पापा दूसरी तरफ भाभी से बिल्कुल सट के मा खड़ी थी मा के बाद बबली मैं भाभी और माँ के पीछे एक हाथ भाभी के कंधे पे और दूसरी हाथ माँ के कंधे पे बहुत हिं मज़्ज़ा आ रहा था मेरी एक जांघ मम्मी की जांघ से सटी हुई और दूसरी जांघ भाभी की जांघ से सटी हुई मेरा शेर भी धीरे धीरे खड़ा हो रहा था और जीजू फ़ोटो क्लिक करने में ...
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मैं बार बार पापा की नज़र का हिं पीछा कर रहा था पापा की नज़र जुली दीदी की गांड से लग रहा था हट हिं नही रह हो
भैया भाभी दोनों मिल के केक कट करते हीं मेरी हाथ मे जो फोम स्पेरे थी वो चलना शुरू किया भाभी की चूची और हेयर को भर दिया...साथ हिं सब लोग हैप्पी एनावर्सिरी बोल रहे थे फिर
भैया भाभी को और भाभी भैया को केक खिलाये हमलोग भी भाभी के फेस पे केक लगये ,फिर भाभी चाकू से एक एक टुकड़ा काट के सबको अपनी हाथ से खिलाये मेरी मुंह मे जब वैनिला फ्लेवर वाली केक भाभी हाथ से खिलाने लगे तो ( मैं ये सोचने लगा भाभी अपनी चूत रस बिल्कुल गाढ़ा वाइट मुझे पिला रही है) मैं अपनी मुंह बंद कर लिया भाभी की फिंगर मेरे मुंह मे दब गई फिर भाभी मेरी मुंह से ऐसी अदा के साथ अपनी उंगली निकली जैसे बुर में से लंड निकाल रहा हो ( फिंगर यानी लंड अपना गाढ़ा माल मुंह (बुर ) में छोड़ के बाहर निकल रहा हो ....
जैसे ये देख के सब ठहाका के साथ हंसे और जब भाभी पापा को केक खिला रहे थे बहुत हिं रोमांचित करने वाला दृश्य था मुझे ऐसा लग जैसा मैं किया हूँ पापा का भी मन था वैसे करने का लेकिन लाज की वजह से शायद ऐसा नहीं किये फिर ..
फिर बारी आई फ़ोटो शुट करने की मस्त मस्त पोज़ देके फ़ोटो क्लिक किये मा भी कम नही है फ़ोटो खिचवाने में फिर नीचे आने लगे मम्मी बबली और पापा पहले हिं नीचे चले गए भैया और जीजू छत पे हिं बात कर रहे थे ... रूम में मैं दीदी और भाभी थे जो नीचे जाने वाले थे....
सबसे आगे भाभी फिर दीदी और बाद में मैं केक लिए हुए जा रहा था सच मे जुली दीदी की गांड आआआह जब एक सीढ़ी से नीचे उतर रही थी उसकी गांड आआआह कातिलाना लग रहा था बस तभी यही सोच रहा था 2 साल पहले कैसी थी दीदी और जीजू कितना खुराक देते हैं जो दीदी की गांड को तरबूज बना दिये है ठीक तभी दीदी पीछे मुरी और अपनी हाथ आगे बढ़ा के ढेर सारी केक अपनी हाथ मे ले ली दीदी भाभी आगे आगे जा रही थी ...
दीदी भाभी के साथ उसके कमरे में चली गयी और मैं किचन फ्रीज़ में केक रखने
मम्मी और बबली किचन में हिं थी खाना लगाने की तैयारी में थे ...और मैं अपने रूम में आ गया..
खुशी भाभी और जुली दीदी की आपस मे की गई बात...
दोनों भाभी के रूम में जाके गेट लॉक करती है और भाभी कपड़ा चेंज करने लगती है भाभी साड़ी खोल लेती है अब पेटीकोट में आ जाती है और दूसरी सारी पहनने वाली होती है कि
जुली दीदी- भाभी से सट के खड़ी हो जाती है पीछे से एक हाथ से पेटीकोट के अंदर हाथ देती है खुशी भाभी की पेंटी को फैलाते हुए दूसरी हाथ मे जो केक थी उसे भाभी के पूरे बुर पे लगा देती है दीदी को महसूस हुआ कि खुशी भाभी की बुर पे हल्की हल्की झांट है जिसमे सारी केक सन गयी
खुशी भाभी- आआआह दीदी अचानक हमले से खुशी भाभी को क्या हुई पता नही चली जब अपने बुर ठंडक लगी तो समझ गयी दीदी केक लगाई है...
जुली दीदी- भाभी को अपनी बांहों में थी और अपनी मुंह थोड़ा झुक के क्यों कि भाभी से दीदी थोड़ी ज्यादा लंबी है ।
बिल्कुल भाभी के कान में "भाभी मैं पूरी बुर पे केक लगा दी हूँ क्रीम की काम करेगी ताकि भैया का हथियार लेने में आपको कोई दिक्कत न हो"
और हंस दी...
खुशी भाभी-इस बार खुशी भाभी बोलती है जुली दीदी की गर्दन को नीचे करते हुए "नंनद जी अब आपकी भैया का लौड़ा लेने के लिए क्रीम की जरूरत नहीं पड़ती है ऐसे हिं समा लेती हूं अपने बुर में और दोनों ठहाका लगा के हसने लगते हैं।
जुली दीदी- बोलती है अपनी भाभी को कि मेरी तरफ से बेस्ट विशेज है कि इस बार भैया आपको जी जान से पलंग तोड़ चुदाई करे(एक हाथ से खुशी भाभी की बुर और एक हाथ से बूब्स दबाते हुए) और शुबह में मेरी भाभी जी अपनी ननद को पूरी कहानी सुनाएगी न?
खुशी भाभी- शर्माती हुई भाभी बोलती है जी ननद जी बिल्कुक और अपनी चूत से थोड़ा केक हाथ मे लगा के जुली दीदी की बुर में लगा दिए...
जुली दीदी- आह भाभी अपने यहां आज मटन बनी है ना...
खुशी भाभी- हां , लेकिन क्यों
जुली दीदी - अपनी मुंह भाभी के कान के पास बोलती है आपके ननदोई नॉनभेज खाने के ओवर डोज पहले गांड फिर बुर की सेवा देते हैं...
खुशी भाभी- वाह और अपनी हाथ जुली दी कि गांड पे सहलाते हुए तब न मैं सोची पतली दुबली ननद रानी की पिछवाड़ा इतनी जल्दी तरबूज कैसे बन गयी
जुली दीदी- हा हा हा हा
खुशी भाभी- सरारत करते हुए अपनी बुर से कुछ केक हाथ मे लेके भाभी बोली...दीदी की कान में
"ननद रानी की गांड ननदोई के लिए तैयार कर रही हूं केक लगा के तब न ननदोई जी हचक हचक के गांड पेलेंगे "
इतने में बबली गेट पिटती है भाभी जल्दी आइए बाहर...किचन में ....
Nice updateUpdate5
बबली की आवाज सुनते हिं दोनों जल्दी जल्दी कपड़े बदल के किचेन में चली गयी खाना लग चुका था । पापा भैया जीजू और मैं एक साथ एक टेबल पे खाये फिर मा लोग भी खाई मुझे तो बहुत बेचैनी हो रही थी कि जल्दी सब खाना कम्पलीट करे और सोने जाय सब के खाने के बाद किचन में-
खुशी भाभी- बर्तन धोने जा रही थी...
जुली दी- भाभी छोड़ दीजिए कल धोया जायेगा आज स्पेशल डे है
रेखा मा- हाँ बहु छोड़ दो ऐसे आज सटरडे है और कल संडे जल्दी जगने का भी लोचा नही.
जुली दी- भाभी की गांड पे हाथ फेरते हुए मा की तरफ देखते हुए बोली मतलब आप कह रही हो मा की भाभी पूरी रात मस्ती की राउंड चलती रहे स्पेशल डे में और सुबह जल्दी जगने की भी जल्दी नही
खुशी भाभी- शर्मा गयी
रेखा मा- ऐसे मैं तो बहुत खुश हूं अच्छी बहु और अच्छे दामाद मिला है जो सेवा में कोई कमी नही छोड़ता....
जुली दी- और मैं भी खुश हूं जो मुझे इतनी अच्छी मा को इतना अच्छे पापा मिले हैं सादी के 30 साल होने के बाद भी सेवा में कोई कमी नही होती है .... हा हा हा हा
अब सरमाने की बारी थी मम्मी की ...
तब तक खुशी भाभी मम्मी के पास आ के बोलती है अपनी सास के कान के पास
खुशी भाभी- लकी तो मैं हूँ सासु मा जी जो मुझे इतने अच्छे सासु मा पति और परिवार मिला है ...और सरारती अंदाज़ में बोलती है " जब ससुर जी सासु मा की सेवा करने में कोई कटौती नहीं करते सदी के 30 साल तक तो मैं नई हूँ अभी ऐसे पेरेंट्स के बेटे बेटी भी ( जुली दीदी की गांड दबाते हुए) पेरेंट्स पे जाएंगे हिं न वो गुण आ हिं जाता है..
रेखा मा- हंसती हुई परेशान तो नही करता है बिमलेश ..मेरी बहु को
खुशी भाभी- बहुत ज्यादा हर दिन ओवरडोज खुराक चाहिए
रेखा मा- हा हा हा बिमलेश के पिताजी को तो आज तक ओवरडोज सेवा देते आ रही हूं...बेटा भी बाप पे गया है
जुली दी- और बेटी और बहू बिल्कुल अपनी माँ पे...ऐसे हिं बात करते हुए किचन रूम से निकलते हैं और सब अपने अपने रूम की तरफ जाते हैं
जुली दी और जीजू ऊपर वाले गेस्ट रूम में बांकी सब अपने कमरे में सोने जा रहे थे....
मैं अपनी गेट पे संबकी गेट लगने की प्रतीक्षा में था..और गेट लगते हैं मैं अपनी बनाई हुई जगहों में जाने लगा रात थी जंगल बहुत थी डर तो बहुत लग रहा था ..नवंबर के टाइम था न ठंड न गर्मी फैन भी नही चल रही थी ..जब मैं पीछे मम्मी पापा वाला खिड़की के सामने से गुजरा तो एक साउंड आती है......
मम्मी के रूम से एक साउंड आई में देख तो नही पा रहा था ऐसा लग जैसे पापा मम्मी की गांड पे एक तप्पड़ जड़ा हो
रेखा मा- अच्छा बड़ा मूड में हो कुछ देख लिए क्या
शंकर पापा- अच्छा मैं किस दिन मूड में नही रहता हूँ जो
रेखा- हाँ वो बात तो है लेकिन आज कुछ ज्यादे मूड में हो आते हैं गांड पे ठोक दिए चपत ...
शंकर- पता है डार्लिंग अभी एक बहुत बड़ा बबंडर होते होते बचा ....
रेखा- ऐसा क्या हुआ जो
खाना खाने के बाद मैं रूम में गेट के पास था जुली जा रही थी मुझे लगा तुम हो मैं अपनी हाथ जैसे अभी तुम्हारी गांड पे मारी वैसे मारने हिं वाली था कि जुली ,बबली को आवाज लगाई मैं आवाज़ सुन के रुक गया वैसे भी पीछे से तुझ में और जुली में ज्यादा की अंतर नही रही सेम हाइट बॉडी और गांड भी...( पापा जुठ बोले)
रेखा- अच्छा ऐसा क्या मार देते तब देखते क्या होता है और हसने लगे और मम्मी बोली वैसे भी आपको अपने से कम आधी ऐज वाली को चोदने का बहुत शौक है आपकी आफिस में कौन एक लड़की आई है उसको सोच सोच के मेरी बुर और गांड कूट रहे है.... और जुली तो आपकी बेटी है उनको भी ..है राम!
शंकर- आफिस वाली की बात छोड़ न अब मन है तो है मैं क्या करूँ । जुली वाली बात वो तो सही टाइम पे उनकी आवाज़ निकल गया नही तो गजब हो जाता ...ऐसे आज कौन से पोज़ में चोदू...
रेखा- कुछ तो बात है आज पूरा गरम हो
शंकर अपने मन मे- अपनी बेटी जुली की गांड देख के लौड़ा फुल टाइट था लेकिन वो बोलता कैसे चुप रहा
रेखा- शंकर के लंड को दबाते हुए बोली साँप , बिल में जाने के लिए तरस रहा है
शंकर- आज तो अपने यहां तीन सांप बिल में जायेगा
रेखा- हाँ बिमलेश और खुशी की तो स्पेशल होगी सालगिरह जो है...
शंकर- हाँ डार्लिंग तुम भूल गयी हो या याद है वैसे हमदोनो का क्या स्पेशल होगा आज
रेखा- हाँ डार्लिंग सब याद है वो सब भी भूलने वाली बात है जो...हमदोनो की स्पेशल यही है कि " बेटे के सालगिरह पे माँ की गाँड़ में पापा का लौड़ा" हा हा हा हा हा
शंकर- वाह मज़्ज़ा आएगा फिर मैं भी वैसे आज गाँड़ हिं मरता अपनी डार्लिंग का
मैं यही सोच रहा था मा और पापा कितने जोशीले हैं...
फिर मैं अपनी बनाई हुई जगह पे डरते डरते गया और कुर्सी पे चढ़ के देखा बेड की ओर तो देखता हूँ भैया बेड पे लेते हैं चड्डी पहने हुए।
Update 10
मेरी आँख खुली तो टाइम देखा सुबह के 8 बज रहे थे...आंख खुलते हिं वही ...रात की इतनी खतरनाक रासलीला देख के जो मैं 4 बार पानी निकाला वो सोच के खुद हिं मुस्करा रहा था। पेसाब बहुत जोर से लगी थी मैं अपने रूम से निकला तो देखा मम्मी , भैया और बबली तीनो की रूम लगी हुई है फिर टॉयलेट कर के बाहर निकला...सबके गेट को पुश कर के देखा सब अंदर से लॉक हिं था फिर मैं अपने रूम का गेट लॉक करके ...
बेड पे लेट गया और सोचने लगा लगता है सब मॉर्निंग शिफ्ट मार के नींद की आगोश में है ।
बिमलेश भैया , राकेश जीजू और पापा तीनो के पास तो गदराई माल है ... जब मन तब चढ़ जाते होंगे गोड़ी पे....खुशी भाभी को नंगी जब से देखा बस वही आंखों के सामने नज़र आती और फिर सोचने लगा भैया सोने से पहले भाभी को ये बोल के सोए थे कि मॉर्निंग में भाभी की गाँड़ मारेंगे ....
आआआह जब बिमलेश भैया का लौड़ा भाभी की गाँड़ में आगे पीछे होता होगा तो भाभी के मुंह से कितनी मस्त का मोनिंग निकलती होगी.. ये सब सोचते हीं मेरा लौड़ा पूरा टाइट एक बार फिर से हो गया..लोअर से निकाल के हाथ से सहलाते हुए सोचने लगा जब भैया का लौड़ा इतना मज़्ज़ा के साथ लेती है खुशी भाभी आआआह मेरा तो भैया से 3" ज्यादा लंबा और 1" ज्यादा मोटा है मैं अपना लौड़ा भाभी की बुर और गाँड़ में डाल दूंगा तो भाभी की चीखें निकाल दूंगा ...यही सब सोच के अपना लौड़ा से खेल रहा था।
उधर...
सुबह के 9 बज रहे थे ....
राकेश जीजू- ओह...जानू कितनी अच्छी मेरे से चिपकी हुई हो...
जुली दीदी- अच्छा ऐसे बोल रहे हो जैसे आज पहली बार चिपकी हूँ...कोई ऐसी रात है जब मैं आपसे चिपकी नही रहती हूं वो भी ठंड का मौसम है गर्मी में थोड़ा ...हो भी जाता है लेकिन ठंड में कोई कंपरमाइज नहीं ।
राकेश जीजू- हां डार्लिंग । बांहों में टाइट से दबाते हुए , कुछ देर और रहो न
जुली दीदी- अपनी मोबाइल की स्क्रीन दिखाते हुए देखिये 9 बज गया..
मम्मी और भाभी लोग क्या सोचेगी अभी तक नही जगी है...
राकेश जीजू- दीदी की एक बूब्स दबाते हुए और अपना कमर दीदी की कमर में हल्का धक्का देते हुए...
मेरी सासु मा तो यही सोच रही होगी मेरी बेटी को मेरे जमाई सेवा दे रहा होगा...
और भाभी क्या वो तो मुझे लगता है जगी भी नही होगी और आज संडे है और ऊपर से तुम जिस तरह से खुशी की बुर पे केक लगाई वो छोड़ दिया होगा क्या आसानी से ...उसे तो मैं जानता हूँ..कितना बड़ा.....
जुली दीदी- हंसती हुई चल झूठे आपसे कम हिं....
राकेश जीजू- आआआह एक फ़ास्ट राउंड हो जाय... आज अपनी जान को ओवरडोज खुराक भी नही लगाया रात में...
जुली दीदी- अभी तो बिल्कुल नही सब समझती हूं आपकी फ़ास्ट राउंड कितनी देर की होती है...कोई ऊपर भी आ सकते हैं. ...दीदी अपनी एक हाथ जीजू के गर्दन के नीचे से और एक ऊपर से पकड़ती है और जीजू के ऊपर आ जाती है बिल्कुल जीजू के आंखों में देखती हुई बोलती है...
मॉर्निंग शिफ्ट इसलिए नही हुई क्यों कि मेरे सोना का पेट मे दर्द जो था , पहले शरीर की रक्षा, फिर बीबी की रक्षा( सेवा) और दीदी जीजू के फोरहैड पे किश कर लेती है
फिर जीजू भी दीदी के फोरहैड पे किस करते हैं।
जुली दीदी- अपनी शरीर पर से चादर हटाती हुई अपनी हाथ के सहारे जीजू के बॉडी पे अपनी बॉडी रगड़ती हुई बिल्कुल जीजू के जांघ पे बैठ जाती है ....
कुछ सेकंड तक सरसरी निगाह से जीजू के लौड़ा को देखती है और बोलती है....नाराज हो सोना फिर जीजू के लंड के टोपा को एक किस करती है ...
फिर लंड को देखती हुई बोलती क्या अब भी नाराज है मेरा बाबू...
राकेश जीजू- सरारती अंदाज में हल्का सा लंड को हिला देता है बिना टच किये ....देखने से ऐसे लग रहा था मानो लंड "हाँ" का इशारा दिया हो कि मैं नाराज़ हूँ....
जुली दीदी- जीजू की लंड की हरकत देखते हुए अपनी कोमल हाथ से पकड़ती हुई बोलती है- अले मेला सोना बाबु मेले से नाराज है( बिल्कुल बच्ची जैसी तोतली आवाज़ में पुचकारते हुए बोलती है) और पूरा लौड़ा को 2-3 सेकंड के लिए पूरा मुंह मे ले लेती है।
और फिर लंड को देखते हुए पूछती है अब भी नाराज है मेरा बाबू...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं
जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...
जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)
जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..
जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...
जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....
जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....
और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...
जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...
जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..
जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...
जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...
जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...
जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...
और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...
उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....
राकेश जीजू को मजा आ रहा था जीजू फिर से वैसा हिं किये जैसे बोल रहा हो हां नाराज हूँ
जुली दीदी- जीजू की आंखों में देखते हुए बोलती है मुझे मेरी बाबू को मनाना आता है ...
फिर जुली दीदी बिल्कुल सरारती अन्दाज में...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं
जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...
जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)
जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..
जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...
जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....
जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....
और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...
जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...
जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..
जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...
जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...
जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...
जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...
और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...
उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....
जुली दीदी- गुड मॉर्निंग भाभी...
मुसकराती हुई अभी जगी हो भाभी ...
खुशी भाभी- गुड मॉर्निंग..ननद रानी
मुस्कराते हुए हां ऐसे मेरी ननद रानी भी अभी हिं जगी है...
जुली दी- हाँ भाभी...
दोनों की आगे बढ़ती है...देखती ही माँ की गेट अभी लगी हुई हिं थी...
जुली कन्फर्म करने के लिए हाथ से हल्का धक्का देती है तो पता चल जाता है गेट अंदर से हिं लगी है...दोनों मुस्कराते हुए बाथरूम की और जाती है....
बाथरूम में ..
जुली दीदी- हँसते हुए.... भाभी सालगिरह की रात थी आपकी और गेट लगी है अभी तक मम्मी की....
खुशी भाभी- याद है ननद रानी रात में किचन में मम्मी बोल रही न पापा के बारे में ओवरटाइम वाली बात...कहीं कुछ ज्यादा ओवरटाइम हो गयी होगी...
टायलेट के साथ अटैच बाथरूम है एक गेट अंदर से हिं है....
जुली दीदी को जोर की पेसाब लगी थी और तेज सर्सरसर सरसर्रा सर्सरसर सरसर की आवाज़ आती है
इधर भाभी ब्रश कर रही थी ...दीदी अनादर से निकलती है
भाभी- ननद रानी कुछ जादें जोर से प्रेशर थी रात में पेसाब करने के लिए भी समय नही दिए क्या ननदोई जी...
जुली दीदी- हंसती हुई रात में बैकग्राउंड की सेवा हुई ..थोड़ी बहुत लगी थी रोक ली और ओवरटाइम ड्यूटी लगी नही थी इसलिए ....हाथ धो के जुली भाभी से सट के खड़ी थी अचानक कुछ याद आता है और बोलती है...
अपनी एक हाथ साड़ी के ऊपर ठीक बुर पे रखते हुए...भाभी के कान में बोलती है भाभी रात में केक जो लगाई थी कुछ दिक्कत तो नही हुआ न....
भाभी- अपनी मुंह से थूक फेक के जुली के कान के पास सरारती अन्दाज़ में वो तो आपके भैया चाट लिए सारे के सारे....
जुली दी- ऐसी बात सुन के साड़ी के ऊपर से हिं भाभी की बुर को निचोड़ दी...
दोनों बाथरूम से फ्रेश हो के निकल रहे थे कि दोनों की नज़र रेखा मम्मी पे पड़ी जो एक हाथ आंख मलते हुए और दूसरी हाथ पिछवाड़े खुजला रही थी और बाथरूम की तरफ हिं आ रही थी
दोनों मम्मी को गुड मॉर्निंग किये...
रेखा माँ- गुड मॉर्निंग कहते हुए जल्दी से अंदर घुस गए..
आपस मे धीरे दोनों एक दूसरे से-
खुशी भाभी- ऐसा लग रहा है मम्मी अभी जगी हिं है
जुली दी- देख नही रहे थे भाभी बैकग्राउंड हिं खुजलाते हुए आ रही थी लगता है मम्मी की सेवा पीछे से हिं हुई है और आगे की और बढ़ती है...
खुशी भाभी- मुंह पे उंगली डाल के चुप रहने का इशारा की और दोनों गेट के पास कान लगा दी
अंदर से तेज पेसाब की धार सरर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर.......
सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर
फिर दोनों किचन की और आ जाती है
खुशी भाभी- ननद रानी मैं इसलिए रोक ली कि सुनना चाहती थी कि किसकी प्रेशर तेज है मेरी ननद जी की या सासु मा की...
जुली दी- तो किसी तेज थी....
खुशी भाभी- मम्मी की
.इसी तरह हसी माजक चला दोनों के नास्ता बनाने लगे...इधर सब कोई फ्रेश भी हो गया
11 Am नास्ता के टेबल पे....