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Incest Aaah sisak jawani ki II in continuation of ankitarani

मनीषा और शेखर के रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए कौन मदद करे

  • मेघा

    Votes: 4 44.4%
  • मां अरुणा

    Votes: 5 55.6%
  • नेहा

    Votes: 1 11.1%
  • या कोई महिला रिश्तेदार

    Votes: 0 0.0%
  • शीला भाभी

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    9
  • Poll closed .

mastmast123

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प्यारे दोस्तों और सहेलियों,
अंकिता रानी की कहानी आह सिसक जवानी की २ को मैने आगे बढ़ा दिया है , अभी पहला अपडेट ओरिजनल अंकिता रानी के आह सिसक जवानी की २ पर ही पोस्ट किया है , आप लोग उसी पर जाकर पढ़े और मुझे बेशक भला बुरा कहें क्योंकि वो इतना अच्छा नहीं होगा शायद कि आप सबको पसंद आए फिर भी एक नजर तो मार ही लें, में तो लिखता रहूंगा चाहे आपको पसंद आए या न आए।
वहीं सारे upadte मिलते रहेंगे, अगर अंकिता जी को objection हुआ तो फिर यहां शुरू करूंगा, मगर जब तक मनीषा की चूदाई शेखर से नहीं हो जाती ये कहानी लगातार लिखी जाएगी, gentleman promise
 

mastmast123

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पहला upadte अंकिता रानी ने जहां छोड़ा था उसके आगे से



अब हुआ यूं कि दोनों बाप बेटे में ताकत की आजमाइश हुई, चूंकि पिछली बार शेखर जन बूझकर हारा था मतलब वो राहुल से ज्यादा ताकतवर है इसलिए आज पंजा लड़ाई में शेखर बड़े आराम से जीत गया, लेकिन मनीषा सोच रही थी राहुल जीतेगा और उसे पापा की जिद से छुटकारा मिल गया था लेकिन यहां मिसल उल्टी पड़ गई, जैसे नमाज पढ़ने गई और रोजे गले पड़ गए, शेखर ने जीतकर मनीषा की और देखा तो पाया उसके तोते उड़ गए थे , चेहरे पर चिंता की छाप थी कि ये क्या हो गया अब पापा जो भी कहेंगे उसे मुझे बिना किसी सवाल के मानना पड़ेगा, शेखर ने छुपी नजर से, जिसे कोई भांप न सके, मनीषा की और देखते हुए उसे इशारों में उसके बूब्स का साइज मांगा, मनीषा ने देखा पापा उसके बूब्स हो घूरते हुए हाथ से जैसे कोई नाप ले रहे हों ऐसा एक्शन किया , मनीषा समझ गई पापा उसके बूब्स का नाप मांग रहे हैं, मनीषा ने भी सबकी नजर बचाते हुए शेखर को आंखे दिखाई और ढीढता से शेखर का मुंह चिढ़ाने लगी सब राहुल की तरफ देखकर उसकी खिल्ली उड़ा रहे थे तो किसी ने भी ससुर बहु की कारवाई नहीं देखी, शेखर ने फिर इशारे में कहा मुझे चाहिए और आज रात ही चाहिए। और शेखर उठ कर अपने कमरे में चला गया। मनीषा समझ तो गई थी कि वो फंस गई है अब उसे पापा की हर बात माननी पड़ेगी, कहीं मेरी इस बात पर पापा नाराज होकर तो नहीं चले गए। ये मैने क्या कर दिया। वो दुखी हो रही थी मुझे इस तरह प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए थी, मैने ही ज्यादा आत्मविश्वास में आकर उनको चुनौती दे दी और अब जब में हार गई हूं तो उनको आंखें दिखा रही हूं, धिक्कार है मुझ पर , अब जब मैने शर्त रखी थी तो उसे भुगतना तो पड़ेगा, ऐसे पीठ दिखाकर भागना क्या उचित है। राहुल ने मनीषा से पूछा अरे तुम क्या सोच रही हो कहां गुम हो, तब मनीषा को होश आया कि वह सबके सामने बैठी है उसने कहा नहीं नहीं कुछ नहीं मैं आपकी हार से हतप्रभ हूं मुझे पूरी उम्मीद थी कि आप ही जीतोगे और मैं बच जाऊंगी, तभी उसे ख्याल आया क्या बोल गई, राहुल बोला बच जाओगी मतलब कहां फंस गई हो ओर मेरे जीतने से तुम कैसे बचोगी कुछ समझ नहीं आ रहा है। मनीषा सोच में पड़ गई क्या जवाब दे सच बोल नहीं सकती क्या करूं, फिर कुछ तिकड़म दिमाग में आई और बोली मैने भगवान से प्रार्थना की थी अगर आप जीत गए तो सवा पांच किलो मिठाई के प्रसाद का भोग लगाकर सबको बांटू गी और अगर आप हार गए तो ग्यारह सोमवार का उपवास करूंगी, तो मैं तो समझ रही थी आप ही जीतोगे लेकिन उल्टे मैं यहां बेकार में फंस गई, न लेने में न देने में।
राहुल ओह ये बात है तो वाकई में तुम फंस गई हो अब भुगतना तो पड़ेगा, खैर कर लेना उपवास कुछ पुण्य ही मिलेगा, अब मैं चलता हूं, मुझे श्वेता दीदी के घर जाना है, तभी नेहा ने इशारे में मनीषा से कहा देखो भाभी चला तेरा सैय्या दीदी चोदने।
मनीषा तो चाहती थी राहुल अगर नहीं रहेगा तो आजादी से खेल खेला जाता रहेगा अन्यथा मुश्किल होगी इसलिए ऊपरी मन से बोली दीदी के यहां बड़े लंबे समय रह लिए अब हम लोगों के साथ ही रहिए , मत जाइए, राहुल बोला तुम समझती नहीं हो जीजाजी की तबियत ठीक नहीं है और दीदी को हेल्प की जरूरत है इसलिए जाना पड़ेगा, मनीषा मन में हां श्वेता को लंड की हेल्प चाहिए न तुम्हारे, फिर मुंह से रुआंसे होते हुए बोली ठीक है फिर आप जाइए बेचारी दीदी का और कोई हेल्पर (यानी चोदने वाला)भी तो भी नहीं है जाइए आप जाइए और देखिए आप उनकी हर समय हेल्प ( चूदाई) कीजिएगा ताकि उनको जीजाजी की कमी महसूस न हो क्योंकि बेचारे वो तो बिस्तर पर पड़े हैं और दीदी बिचारी तकलीफ (लंड की कमी की) में रहती है आप मेरी चिंता न कीजिए पापा हैं यहां देखभाल ( दाना डाल रहे हैं फांस भी लिया है और शायद चोद भी देंगे जल्दी ही) के लिए, आप जाओ और ऐसा कहकर नकली आंसू बहाने लगी , नेहा और मां ने मनीषा को सम्हाला और राहुल से कहा तुम जाओ हम है देख लेंगे। राहुल घर से निकल गया, मनीषा को उसके रूम में छोड़कर दोनों उसे आराम करने का कह कर चली गई, मनीषा ने रूम लाक किया और पलंग पर लेट कर सोचने लगी यानी अब पापा के साथ नाप देने जाना पड़ेगा हाय मैं तो शर्म से मर ही जाऊंगी और अब वो जाने क्या करने को मुझे बोलेंगे, शर्त के मुताबिक मुझे उनकी बात माननी पड़ेगी और वैसा ही करना पड़ेगा, कुछ उल्टा सीधा बोल दिया या मांग लिया तो, ये सोचकर वो परेशान थी मगर उससे ज्यादा एक्साइटेड थी, उत्तेजना में बॉब्स में हिलोरे चल रही थी क्योंकि वो जानती थी शेखर को उसको लेकर क्या इरादे हैं, कुल मिलाकर उसे नीचे ही लेना चाहते हैं, उसकी जवानी भी बिना लंड के कसमसा रही है, यही सोचते सोचते उसकी चूत पनियाने लगी और बोबों में हलचल होने लगी, पापा ने इशारे में कह दिया है आज की रात ही नाप चाहिए उन्हें हर हाल में , हाय राम अब रात को क्या होगा, और वो उत्तेजना में सिसकने लगी।
 
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mastmast123

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Update 2
शेखर मनीषा के चिढ़ाने की वजह से upset होकर अपने कमरे में आ गया था, यहां बैठकर वो आगे की प्लानिंग के बारे में सोचने लगा, मैं शर्त जीत चुका हूं और इसके मुताबिक मनीषा को नाप देने मेरे साथ आना होगा और न आना चाहे तो उसे अपने बूब्स का साइज मुझे बताना होगा, इसके साथ ही मैं उसे कुछ भी करने के लिए बोल सकता हूं जिसे उसे करना होगा ये बात शर्त रखते समय तय हो गई थी और उसने माना भी था अब वो इस बात से पलट नहीं सकती है। मान लो अगर वो साथ ना दे तब क्या किया जाए, किसी की मदद ली जाए?
लेकिन किसकी, मेघा से मैने पूछा था मगर उसने कोई जवाब नहीं दिया, शायद वो चाहती न होगी कि मेरा और मनीषा का रिश्ता जुड़े, जलन की वजह से। फिर कौन है जिससे मदद की उम्मीद की जा सकती है।
अरुणा से अगर कहूं तो, नहीं नही वो क्या सोचेगी मेरे बारे में कि मैं अपनी बहु पर गंदी नजर रखता हूं, वैसे मुझे समझती है वो कि मैं एक शरीफ और सच्चा इंसान हूं, मेरी किसी भी बात का उसने आज तक बुरा नहीं माना है ना ही मेरी किसी इच्छा लालसा पर कभी लड़ाई की है, हां मुझे समझाने की कोशिश जरूर करती है लेकिन मैं उससे विनती करूं उसे आश्वस्त करूं तो वो मेरी बात मान भी लेती है, लेकिन ये तो बिलकुल बेहूदा इच्छा है , कैसे कहूं कि मेरा अपनी सगी बहु मनीषा पर दिल आ गया है और उसको सोचकर मेरा लंड तनतना जाता है और मैं उसे चोदने के लिए मरा जा रहा हूं, सच में बड़ी बेहूदा ख्वाहिश है ये तो, उससे कह पाना संभव नहीं है, चलो सोचते हैं, तभी उसे अपनी भाभी शीला की याद आती है जो उसके मामा के बेटे अरुण की पत्नी है, अरुण की शादी के आठ दिन बाद ही उसे शीला को चोदने का मौका मिल गया था, और उसने अपनी शादी होने तक लगभग दो साल तक शीला जम कर चोदा था। बहुत कमाल औरत है और बातों की जादूगरनी है, उसने अपनी सगी भाभी सरिता को भी मुझसे चुदवा दिया था, कमाल की convincing Power है उसके पास, यदि अरुणा से बात न बन सके तो क्यों न शीला भाभी को मदद के लिए बुलवा लूं, ये सब सोचकर शेखर के मन में मनीषा को पाने के लिए और तीव्र इच्छा मचलने लगी।
 
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mastmast123

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UPDATE 3
शेखर का मूड मनीषा ने खराब कर दिया था, पहले वह रात को मनीषा के पास जाने का मन बना चुका था मगर अब उसने ये ख्याल छोड़ दिया था। रात के 9 बजे थे सब काम निपटा के मनीषा कमरे आई और दिन की बात सोचकर उसे लगा पापा नाराज हो गए हैं क्योंकि सारे दिन फिर शेखर ने मनीषा से रुख नहीं मिलाया था जबकि मनीषा सोच रही थी आज रात पापा कुछ धमाका जरूर करेंगे लेकिन उनकी बेरुखी उसे परेशान गई थी, उसने फोन उठाया और शेखर को msg किया,
क्या हो रहा है पापा
शेखर ने देखा और जवाब दिया
कुछ नहीं बस सोने की तैयारी कर रहा हूं
आप नाराज हो गए क्या पापा
हां और नहीं भी,,,
मतलब,,,
शेखर बोला जिस तरह तुमने रिएक्ट किया था मेरे नाप मांगने पर मुझे अच्छा नहीं लगा।
सॉरी पापा मैं थोड़ा नर्वस हो गई थी, मुझे यकीन था राहुल ही जीतेगा और मेरा छुटकारा हो जायेगा इस नाप के झमेले से।
अगर तुम्हें इतनी तकलीफ हो रही है तो मैं ये शर्त छोड़ता हूं मेरी तरफ से तुम आजाद हुई।अब तुम्हे ये नाप कभी नहीं देना पड़ेगा, में कल ही साड़ी वापस कर दूंगा।
नहीं नहीं पापा शर्त तो मैने लगाई थी और मैं शर्त हार गई हूं, आप शर्त वापस नहीं ले सकते हैं, आप बताइए कब चलना है नाप देने मैं तैयार हूं।
शेखर अब दूसरी बात सोच रहा था क्योंकि जिस तरह से मनीषा के हावभाव हैं वो कभी राजी होती है तो कभी एकदम बदल जाती है, उसे में पता था कि मनीषा दिल से तैयार हो चुकी है चुदाने को, वो तो अभी भी ये मानकर चल रहा था कि इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है तो वो दूसरी तरह से मनीषा को फंसाने का सोच रहा था और फिलहाल नाप का आइडिया drop करने का मन बना चुका था। इसलिए बोला
अभी रहने दो, तुम्हारी शर्त उधार रही, में कुछ समय बाद इसे पूरा करवाऊंगा और शर्त के हिसाब से को में कहूंगा वो तुम्हें करना होगा बिना कोई सवाल किए।
पर अभी क्यों नहीं पापा
नही नहीं अभी नहीं बाद में ही।
मनीषा ने बुझे मन से लिखा ठीक है जैसी आपकी मर्जी।
शेखर ने तुरंत फोन बंद कर दिया बिना bye या कुछ और बोले, मनीषा सन्न रह गई और चुपचाप सोने की कोशिश करने लगी आज बहुत उदास थी वो, उसके अरमान पूरे जो नहीं हुए थे।
इधर शेखर मनीषा के रूप यौवन से आहत बुरी तरह मचल रहा था और उसका लंड तन्नाये जा रहा था, वो उठकर अरुणा अपनी बीबी के कमरे की ओर चला जाता है, और कमरे में घुस कर दरवाजा बंद कर देता है अरुणा चौंक जाती है आज अचानक ये यहां कैसे और आते ही लॉक क्यों कर दिया , पूछती है
क्या बात है आज अचानक रोज तो अपने कमरे में ही सोते हो , यहां कैसे?
शेखर कुछ बोलता नहीं और जाकर सीधा अरुणा को बांहों में भर लेता है और चूमना शुरू कर देता है उसका खड़ा लंड अरुणा के पेट में चुभने लगता है वो समझ जाती है आज महाशय बड़े मूड में हैं। मगर अरुणा का मन आजकल सेक्स में नहीं लगता है वो तो पूजा पाठ और भगवान में खुद को डुबो चुकी थी।
अरे अरे छोड़ो छोड़ो ये क्या है और शेखर को धक्का देकर दूर कर देती है। शेखर पलंग पर बैठ जाता है और हाथ पकड़ कर अरुणा को पास बिठा कर बोलता है
यार अरुणा तुम कैसा कर रही हो देखो ये कैसा मचल रहा है।
तो मैं क्या करूं अब मैं ये सब छोड़ चुकी हूं, अपने हाथ से कर लो और जाओ अपने कमरे में , मुझे बक्शो।
देखो अरुणा अभी तक मैं हाथ से ही काम चला रहा था लेकिन अब मुझे चूत चाहिए में बिना चूत के रह नहीं सकता हूं, ऐसा कहकर अरुणा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है, अरुणा हाथ हटा देती है और कहती है मुझे नहीं चाहिए आप जाओ और कोई औरत ढूंढ लो उसे चोदो मुझे कोई प्राब्लम नही है मगर मुझे माफ करो।
अरे क्या मेरी बेइज्जती करवाओगी इस उम्र में , बाहर कहीं गया तो नाम तो तुम्हारा ही खराब होगा।
तो क्या ऐसा करो घर में ही देख लो कोई आस पास अपने परिवार में।
यार क्या बात करती हो, वहां भी तो बदनामी हो सकती है और अपने घर में बेटियां है तौबा तौबा उनके साथ तो सोच भी नहीं सकता हूं।
अच्छा ऐसा है तो बहु के बारे में सोचो, देखो कैसी गदरई जवानी झलकी पद रही है, नई नई शादी हुई है और राहुल भी लंबे समय से बाहर है श्वेता के पति की सेवा में और उसे अभी छह महीने और लगेंगे आने में, तब तक बेचारी क्या चूत दबा कर पड़ी रहे।
शेखर को आशा नहीं थी अरुणा से ऐसे रिस्पॉन्स की वो तो उसे बोलने से डर रहा था, यहां तो अरुणा ने सामने से ओपन ऑफर दे दिया है लेकिन ड्रामा तो बनता है ऐसे कैसे आसानी से मान जाऊं।
क्या बात कर रही हो तुम, मुझे तो डर लगता है कहीं किसी बेटी से कह दिया तो मुंह क्या दिखाऊंगा अपनी बेटियों को।
अरे डरते क्या हो उसकी जवानी और उसके चलने फिरने के अंदाज को देख कर दावे से कह सकती हूं वो लंड की प्यासी है, उसकी आंखों को तुमने गौर से नहीं देखा है में रोज देखती हूं, साफ दिखता है जैसे किसी मोटे लंबे लंड की राह देख रही है, में कुछ कहती नहीं हूं कि मुझे क्या करना है, में भली और मेरे भगवान भले, मगर अब तुम्हारी बैचैनी देख कर लग रहा दोनों का काम बन सकता है।
यार अरुणा मुझे तो फिर भी डर ही लग रहा है, एक बात बोलूं।
हां बिंदास बोलो पतिदेव।
यार तुम कुछ मदद करो ना मेरी।
कैसी मदद और मैं क्या मदद कर सकती हूं।
यार तुम उसको तैयार करो ना मेरे लिए, औरत औरत की बात जल्दी मान जाती है।
लेकिन कैसे।
उससे पहले ज्यादा घूलो मिलो और दोस्ती बढ़ाओ , सेक्स की बातों से पटा कर, फिर धीरे धीरे मेरी ताकत स्टेमिना और लंड की साइज मोटाई और लंबाई बता कर उसे रिझाओ, होगा तो मैं अपने खड़े लंड के फोटो तुमको भेज दूंगा उसको दिखा कर उसकी प्यास इतनी बढ़ा दो कि वो खुद तुमसे कहे की पापा को मुझ पर चढ़ावा दो मम्मी जी,।
सोचती हूं, मैं सोच रही हूं क्यों न मेघा को बुला लूं, जवान बहु जवान बेटी की बात सुन कर नाराज नहीं होगी फिर धीरे से में भी मेघा के साथ मिलकर बहु को तैयार करूंगी, दोहरे आक्रमण से उसका बचना नामुमकिन होगा। क्या बोलते हो।
हां यार ये सही तरकीब है अरुणा तुम्हारी।
आप ऐसा करो सुबह मेघा को फोन लगाओ और कहो मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है थोड़े दिनों के लिए यहां आ जाए।।
शेखर के मन में खुशी के लड्डू फूट रहे थे, मनीषा के मिलने तक मेघा तो मिलती रहेगी ना, और अब तो अरुणा भी ओपन हो गई है क्या पता मेघा के लिए भी मान जाए, चलो देखते हैं, क्या होता है, दो दो चूतों के प्रबल योग बन रहे हैं शेखर बाबू, ये सोचते हुए वो अपने कमरे की ओर चल पड़ा।
 

lawless

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शेखर का मूड मनीषा ने खराब कर दिया था, पहले वह रात को मनीषा के पास जाने का मन बना चुका था मगर अब उसने ये ख्याल छोड़ दिया था। रात के 9 बजे थे सब काम निपटा के मनीषा कमरे आई और दिन की बात सोचकर उसे लगा पापा नाराज हो गए हैं क्योंकि सारे दिन फिर शेखर ने मनीषा से रुख नहीं मिलाया था जबकि मनीषा सोच रही थी आज रात पापा कुछ धमाका जरूर करेंगे लेकिन उनकी बेरुखी उसे परेशान गई थी, उसने फोन उठाया और शेखर को msg किया,
क्या हो रहा है पापा
शेखर ने देखा और जवाब दिया
कुछ नहीं बस सोने की तैयारी कर रहा हूं
आप नाराज हो गए क्या पापा
हां और नहीं भी,,,
मतलब,,,
शेखर बोला जिस तरह तुमने रिएक्ट किया था मेरे नाप मांगने पर मुझे अच्छा नहीं लगा।
सॉरी पापा मैं थोड़ा नर्वस हो गई थी, मुझे यकीन था राहुल ही जीतेगा और मेरा छुटकारा हो जायेगा इस नाप के झमेले से।
अगर तुम्हें इतनी तकलीफ हो रही है तो मैं ये शर्त छोड़ता हूं मेरी तरफ से तुम आजाद हुई।अब तुम्हे ये नाप कभी नहीं देना पड़ेगा, में कल ही साड़ी वापस कर दूंगा।
नहीं नहीं पापा शर्त तो मैने लगाई थी और मैं शर्त हार गई हूं, आप शर्त वापस नहीं ले सकते हैं, आप बताइए कब चलना है नाप देने मैं तैयार हूं।
शेखर अब दूसरी बात सोच रहा था क्योंकि जिस तरह से मनीषा के हावभाव हैं वो कभी राजी होती है तो कभी एकदम बदल जाती है, उसे में पता था कि मनीषा दिल से तैयार हो चुकी है चुदाने को, वो तो अभी भी ये मानकर चल रहा था कि इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है तो वो दूसरी तरह से मनीषा को फंसाने का सोच रहा था और फिलहाल नाप का आइडिया drop करने का मन बना चुका था। इसलिए बोला
अभी रहने दो, तुम्हारी शर्त उधार रही, में कुछ समय बाद इसे पूरा करवाऊंगा और शर्त के हिसाब से को में कहूंगा वो तुम्हें करना होगा बिना कोई सवाल किए।
पर अभी क्यों नहीं पापा
नही नहीं अभी नहीं बाद में ही।
मनीषा ने बुझे मन से लिखा ठीक है जैसी आपकी मर्जी।
शेखर ने तुरंत फोन बंद कर दिया बिना bye या कुछ और बोले, मनीषा सन्न रह गई और चुपचाप सोने की कोशिश करने लगी आज बहुत उदास थी वो, उसके अरमान पूरे जो नहीं हुए थे।
इधर शेखर मनीषा के रूप यौवन से आहत बुरी तरह मचल रहा था और उसका लंड तन्नाये जा रहा था, वो उठकर अरुणा अपनी बीबी के कमरे की ओर चला जाता है, और कमरे में घुस कर दरवाजा बंद कर देता है अरुणा चौंक जाती है आज अचानक ये यहां कैसे और आते ही लॉक क्यों कर दिया , पूछती है
क्या बात है आज अचानक रोज तो अपने कमरे में ही सोते हो , यहां कैसे?
शेखर कुछ बोलता नहीं और जाकर सीधा अरुणा को बांहों में भर लेता है और चूमना शुरू कर देता है उसका खड़ा लंड अरुणा के पेट में चुभने लगता है वो समझ जाती है आज महाशय बड़े मूड में हैं। मगर अरुणा का मन आजकल सेक्स में नहीं लगता है वो तो पूजा पाठ और भगवान में खुद को डुबो चुकी थी।
अरे अरे छोड़ो छोड़ो ये क्या है और शेखर को धक्का देकर दूर कर देती है। शेखर पलंग पर बैठ जाता है और हाथ पकड़ कर अरुणा को पास बिठा कर बोलता है
यार अरुणा तुम कैसा कर रही हो देखो ये कैसा मचल रहा है।
तो मैं क्या करूं अब मैं ये सब छोड़ चुकी हूं, अपने हाथ से कर लो और जाओ अपने कमरे में , मुझे बक्शो।
देखो अरुणा अभी तक मैं हाथ से ही काम चला रहा था लेकिन अब मुझे चूत चाहिए में बिना चूत के रह नहीं सकता हूं, ऐसा कहकर अरुणा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है, अरुणा हाथ हटा देती है और कहती है मुझे नहीं चाहिए आप जाओ और कोई औरत ढूंढ लो उसे चोदो मुझे कोई प्राब्लम नही है मगर मुझे माफ करो।
अरे क्या मेरी बेइज्जती करवाओगी इस उम्र में , बाहर कहीं गया तो नाम तो तुम्हारा ही खराब होगा।
तो क्या ऐसा करो घर में ही देख लो कोई आस पास अपने परिवार में।
यार क्या बात करती हो, वहां भी तो बदनामी हो सकती है और अपने घर में बेटियां है तौबा तौबा उनके साथ तो सोच भी नहीं सकता हूं।
अच्छा ऐसा है तो बहु के बारे में सोचो, देखो कैसी गदरई जवानी झलकी पद रही है, नई नई शादी हुई है और राहुल भी लंबे समय से बाहर है श्वेता के पति की सेवा में और उसे अभी छह महीने और लगेंगे आने में, तब तक बेचारी क्या चूत दबा कर पड़ी रहे।
शेखर को आशा नहीं थी अरुणा से ऐसे रिस्पॉन्स की वो तो उसे बोलने से डर रहा था, यहां तो अरुणा ने सामने से ओपन ऑफर दे दिया है लेकिन ड्रामा तो बनता है ऐसे कैसे आसानी से मान जाऊं।
क्या बात कर रही हो तुम, मुझे तो डर लगता है कहीं किसी बेटी से कह दिया तो मुंह क्या दिखाऊंगा अपनी बेटियों को।
अरे डरते क्या हो उसकी जवानी और उसके चलने फिरने के अंदाज को देख कर दावे से कह सकती हूं वो लंड की प्यासी है, उसकी आंखों को तुमने गौर से नहीं देखा है में रोज देखती हूं, साफ दिखता है जैसे किसी मोटे लंबे लंड की राह देख रही है, में कुछ कहती नहीं हूं कि मुझे क्या करना है, में भली और मेरे भगवान भले, मगर अब तुम्हारी बैचैनी देख कर लग रहा दोनों का काम बन सकता है।
यार अरुणा मुझे तो फिर भी डर ही लग रहा है, एक बात बोलूं।
हां बिंदास बोलो पतिदेव।
यार तुम कुछ मदद करो ना मेरी।
कैसी मदद और मैं क्या मदद कर सकती हूं।
यार तुम उसको तैयार करो ना मेरे लिए, औरत औरत की बात जल्दी मान जाती है।
लेकिन कैसे।
उससे पहले ज्यादा घूलो मिलो और दोस्ती बढ़ाओ , सेक्स की बातों से पटा कर, फिर धीरे धीरे मेरी ताकत स्टेमिना और लंड की साइज मोटाई और लंबाई बता कर उसे रिझाओ, होगा तो मैं अपने खड़े लंड के फोटो तुमको भेज दूंगा उसको दिखा कर उसकी प्यास इतनी बढ़ा दो कि वो खुद तुमसे कहे की पापा को मुझ पर चढ़ावा दो मम्मी जी,।
सोचती हूं, मैं सोच रही हूं क्यों न मेघा को बुला लूं, जवान बहु जवान बेटी की बात सुन कर नाराज नहीं होगी फिर धीरे से में भी मेघा के साथ मिलकर बहु को तैयार करूंगी, दोहरे आक्रमण से उसका बचना नामुमकिन होगा। क्या बोलते हो।
हां यार ये सही तरकीब है अरुणा तुम्हारी।
आप ऐसा करो सुबह मेघा को फोन लगाओ और कहो मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है थोड़े दिनों के लिए यहां आ जाए।।
शेखर के मन में खुशी के लड्डू फूट रहे थे, मनीषा के मिलने तक मेघा तो मिलती रहेगी ना, और अब तो अरुणा भी ओपन हो गई है क्या पता मेघा के लिए भी मान जाए, चलो देखते हैं, क्या होता है, दो दो चूतों के प्रबल योग बन रहे हैं शेखर बाबू, ये सोचते हुए वो अपने कमरे की ओर चल पड़ा।
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lawless

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