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Incest Aaah sisak jawani ki II in continuation of ankitarani

मनीषा और शेखर के रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए कौन मदद करे

  • मेघा

    Votes: 4 44.4%
  • मां अरुणा

    Votes: 5 55.6%
  • नेहा

    Votes: 1 11.1%
  • या कोई महिला रिश्तेदार

    Votes: 0 0.0%
  • शीला भाभी

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    9
  • Poll closed .

Premkumar65

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अब आगे
मनीषा अपने कमरे में आई , दरवाजा लगाया और बिस्तर पर जाकर बैठ गई, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया कि दरवाजा लॉक नहीं हुआ था, सिर्फ अटका था और वो समझ रही ठीक के लॉक हो गया है। मनीषा बहुत गर्म हो गई थी मेघा की बातों से और उसकी बोबा मसलाई से।उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करे कैसे करे चूत की भट्टी को शांत करे। उसे ध्यान आया मेघा ने कहा था थोड़ी देर में आती हूं फिर तेरी भूख शांत करूंगी। मनीषा ने खुद को कंट्रोल किया और बिस्तर पर लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी।
इधर अरुणा किचन में थी मेघा भी पहुंची और उसका हाथ बटाने लगी, काम करते करते उसने पूछा मम्मी आप कुछ खास बात करने वाले थे बताओ क्या है। अरुणा बोली करना तो है पर शांति से बैठकर काम खत्म कर के मेरे रूम में बैठ कर करेंगे, मनीषा क्यों नहीं आई,
उसकी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी तो मैने उसे सोने के लिए भेज दिया।
ठीक है कहकर अरुणा और मेघा काम में लग गए दोनों थे तो काम आधे घंटे में हो गया। फिर दोनों कमरे में आए, अरुणा बोली बैठ मेरे पास बताती हूं।
अरुणा बोली देख बेटी मैने सब बेटियों को प्यार से पाला है और अच्छे से अच्छे संस्कार दिए हैं कि नहीं
हां न मम्मी आप ऐसा क्यों पूछ रहे हो।
बात कुछ ऐसी है जो जरा हट के और तू शादीशुदा है तो मैने तुझको बुलाया है मेरी मदद के लिए, यहां नेहा भी है मगर उससे ऐसी बात नहीं कर सकती हूं।
क्या बात है मां इतनी भूमिका क्यों बांध रही हो क्या और कैसी बात है।
देख मेघा अब मैं इस उम्र में पूजा पाठ में लगी रहती हूं मैंने अपना मन वहां लगा लिया है, मगर इस सब के चलते मैं उनका ध्यान नहीं रख पा रही हूं जैसा रखना चाहिए और वो बहुत परेशान रहते हैं।
मेघा मगर मैने तो उनको तो बहुत खुश खुश देखा है अभी।
नहीं ये वैसी बात नही है, वो जरा हट के है।
मतलब
अब मैं कैसे बताऊं शर्म भी आ रही है और बताना भी बहुत जरूरी है
मेघा ने मां के दोनों को पकड़ लिया और प्यार से बोली बात कैसी भी हो आप बेझिझक कहो मैं बिल्कुल बुरा नही मानुगी और आपकी पूरी पूरी मदद करूंगी।
अरुणा वो बात ऐसी है वैसे तो सब ठीक है लेकिन मेरा मन अब उस काम में नही लगता है और मैं तेरे पापा का साथ नहीं दे पाती हूं और उनको तो रोज रोज चाहिए।
क्या चाहिए, मां आप खुलकर बोलें न मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।
अरुणा का चेहरा शर्म से लाल हो गया और सिर नीचे कर के धीरे से बोली बिस्तर में साथ नहीं दे पाती हूं और बेचारे दुखी होकर रोज ऐसे ही सो जाते हैं।
मेघा अच्छा अब समझी, मगर मैं कैसे मदद कर सकती हूं ये तो केवल आप ही कर सकती हो आपके अलावा कौन है यहां जो कुछ कर सके।
अरुणा एक है जो कर सकती है
कौन
एक है इस घर में जो खुद भी इसी आग में जल रही है, मैने उसको एक दिन पूरी नंगी देखा है और एक लंबा मोटा बैंगन ले कर अपनी चूत में डाल कर सो रही थी, उसको शायद ऐसे ही चूत फंसा कर थोड़ी देर अच्छा लग रहा था , वो खिड़की बंद करना भूल गई थी, मैने देख लिया था मगर मैं कुछ नहीं बोली और चली आई।
कौन है वो मां और आगे क्या हुआ
बेटी वो और कोई नहीं मेरी नई नवेली बहु मनीषा है
क्या बात कर रही हो मां वो तो तो बहुत भोली और सीधी है, मेघा ने झूठ बोली मां के सामने,जबकि वो अभी अभी मनीषा के बॉब्स और गांड सहला के आ रही थी
हां बेटी वही है, कोई भी औरत ऐसी चूत की आग की बात किसी से नहीं करती है, अब अरुणा खुल कर बोल रही थी।
उसके बाद क्या हुआ और आगे बताओ
अब जब मैने तेरे पापा को बहुत उदास देखा तो कल रात को पूछा क्या बात इतने उदास और दुखी क्यों हो जाते हो जब भी कमरे में सोने आते हो, तब उन्होंने बताया कि उनका लंड उनको बहुत परेशान करता है, तब मैंने उनसे कहा देखिए मैं तो अब इस उम्र में इस में intrested नहीं हूं आप कोई पटा लो मुझे कोई ऑब्जेक्शन नहीं है वो बोले बाहर किसी से बात करू तो बदनामी का डर है करूं तो क्या करूं तब मैने उनको मनीषा की चूत की अग्नि की बात बताई और कहा आप तो इसको पटा लो घर की बात घर में ही रहेगी और बदनामी का ही कोई डर नहीं रहेगा। वो बोले पसंद तो मुझे भी है क्या मस्त बड़े बड़े बोबे है और क्या हाहाकार गांड है उसकी, लेकिन मुझे डर लगता है कहीं नाराज हो गई तो लेने के देने पड़ जायेंगे, ऐसा क्यों नहीं करती अरुण तुम के तुम खुद उसको तैयार करो मेरे लिए क्योंकि एक औरत दूसरी औरत की बात का इतना बुरा नहीं मानती है। तब मुझे उस समय तेरा ख्याल आया कि तेरी मदद लेती हूं और तुझे आज ही बुला लिया। बेटी अपने पिताजी और अपनी भाभी की मदद कर दोनों को मिलाने के लिए। अब तू ही कोई तरीका निकाल।
मेघा को तो पहले शेखर के दिल की बात पता थी कि वो मनीषा को चोदने की फिराक में है लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और मनीषा की चूत की तड़प अभी देख कर आ रही है। वो अनजान बनकर मां के सामने सोचने का नाटक करने लगी, पहले वो अकेली पड़ रही थी मनीषा को पटाने में लेकिन अब मां के साथ होने से उसको ज्यादा हिम्मत मिल गई वो बोली मां एक काम हो सकता है मनीषा की कोई ऐसी कमजोरी हमको मिल जाए जिससे उसको गर्म करने में मदद मिले और धीरे धीरे उसको तैयार किया जा सकता है। देखते क्या हो सकता है अब आ गई हूं तो सोचती हूं फिर आपको बताती हूं।
तभी अरुणा को मनीषा की तबियत का ध्यान आया तो बोली चल उसको देख लेते है बिचारी की तबियत अब कैसी है।
और दोनों मां बेटी मनीषा के कमरे की और चल पड़ी।
Sexy update.
 

mastmast123

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उधर मनीषा ने मेघा से मिलकर आने के बाद अपनी चूत को ठंडा करने के लिए सोचा थोड़ी नींद ले लेती हूं ये चुप रहेगी तब तक मेघा दीदी आ जायेगी तो इसको ठंडा कर देगी। लेकिन थोड़ी देर सोने के बाद जब उसकी चूत ने उसे सोने नहीं दिया तब तकरीबन आधे पौने घंटे बाद वो उठी और पूरी नंगी हो गई, वो समझ रही थी की दरवाजा बंद है मगर वो लॉक नही हुआ था जिसका पता मनीषा को नहीं था। अब उसने अपनी अलमारी से एक बहुत ही शानदार प्लास्टिक का छोटा rod निकाला जिसका शेप कमोबेश लंड के आकार का था, ये उसे उसकी एक सहेली ने शादी के गिफ्ट के तौर पर दिया था, कहा था जब कभी अकेली हो और ये चूत या गांड सताए तो इस लंड से ठंडी कर लेना। मनीषा ने उस पर जेल लगाई और अपने बूब्स पर बहुत सी क्रीम लगा कर वो पलंग पर लेटी और एक हाथ से चूत के छेद को चौड़ा करते हुए दूसरे हाथ से प्लास्टिक के लचीले लंड को चूत में घुसाने लगी उसकी चूत में मीठी खुजली मची हुई थी और बूब्स में बड़ी हलचल मची हुई थी मेघा की बातों से और उसके दबाने से, मनीषा वैसे ही बहुत गर्म हो गई थी, अब लंड आधा अंदर जा चुका था और वो आहे सिसकारियां भरते हुए एक हाथ से लंड चला रही थी अंदर बाहर और दूसरे हाथ से अपनी चूची को उमेठ कर आंख बंद कर के सिसक रही थी।
ये वो समय था जब यहां मनीषा पूरे जोश में नकली लंड खाती हुई बूब को सहलाती हुई वासना में डूबी आहे भर रही थी और उधर अरुणा और मेघा कमरे से निकल कर मनीषा के कमरे की ओर चली। अंदर मनीषा का घमासान लंड के साथ जारी था और इधर मेघा ने दरवाजा नॉक करने के लिए धीरे से टच किया और दरवाजा खुल गया और दोनों अंदर कमरे में घुस गई, सामने मनीषा पूरी नंगी बिस्तर पर पड़ी हुई नकली लंड चूत में अंदर बाहर करती हुई एक हाथ से एक बूब को सताए जा रही थी, दोनों ने ये दृश्य देखा और हक्के बक्के रह गए, तभी मेघा ने अरुणा को इशारा किया अच्छा मौका है मनीषा को कब्जे में करने का, ये सब इतना आहिस्ता हुआ कि मनीषा को पता ही नहीं चला कि कमरे में कोई आ गया है, वो तो समझ रही थी कि दरवाजा लॉक्ड है।
अरुणा मेघा का इशारा समझ गई और जोर से चिल्लाते हुए बोली मनीषा बहु ,,,,,,, ये सब क्या है तुम ये क्या कर रही हो।
मनीषा एकदम सकते में आ गई, और घबरा कर देखने लगी सामने दोनों खड़ी थी और अरुणा लाल लाल आंखें किए हुए उस पर चिल्ला रही थी, उसने झट से पास पड़ी चादर को अपने जिस्म पर लपेट लिया, मगर लंड अभी भी चूत में धंसा हुआ था, ये दोनों ने नोटिस कर लिया था।
अरुणा बोली बहुत आग लगी है तुम्हारी चूत में और तुम्हारे बॉब्स कैसे हिलोरे मार रहे हैं, यही सब सिखाया है तुम्हारी मम्मी ने, इस तरह इस घर का नाम रोशन करोगी तुम, ये ये सब कब से चल रहा है यहां, अभी तुम्हारी मां से बात करती हूं, जा मेघा मेरा मोबाइल लेकर आ मेरे रूम से,।
तभी मनीषा घबरा के bed से उठी और अरुणा की तरफ भागी इस सब में उसकी चादर खुल गई पर लंड अभी भी आधा अंदर और आधा चूत के बाहर लटक रहा था वो अरुणा के पैरों में गिर गई और रोते रोते बोलने लगी, मम्मी pls मैरी मां से ये सब बात मत कीजिए वो बिचारी जीते जी मर जायेगी, मुझे माफ कर दीजिए फिर कभी ऐसा नहीं करूंगी।
अरुणा ऐसा कब से कर रही है क्या खुद को सम्हाल कर नहीं रख सकती, और कितने लंडों का स्वाद ले चुकी है अब तक मुझे तो तेरी ये गर्मी देखकर लग रहा है दो तीन तो खा ही गई होगी।
मनीषा नहीं नहीं मम्मी में अब तक पवित्र हूं राहुल के अलावा किसी से भी नहीं।
लेकिन तेरी ये हरकत तो बता रही है कितनी बड़ी चुदेल है तू बिना लंड के तो तुझे नींद भी नहीं आती होगी।
अब मनीषा बहुत डर गई थी उसे लगा सच में सासु जी उसकी मम्मी से शिकायत कर देगी और उसकी मां तो बिचारी भोली भाली मर ही जायेगी। वो रोते हुए नंगी ही अरुणा के पैरों से लिपट कर जोर जोर से रोते हुए कहने लगी मम्मी pls आप जो चाहे सजा मुझे दे दीजिए मगर मेरी मम्मी को मत बताइए।
अब बस ऐसा इशारा मेघा ने मां को किया और बोलने लगी मम्मी आप शांत हो जाओ अब भाभी ऐसा कुछ नहीं करेगी और आप जो सजा देना चाहो दे देना,। और मनीषा को उठाकर पलंग की ओर ले चली फिर अरुणा से बोली लॉक कर दो कहीं पापा इधर न आ जाए, सुनकर मनीषा और भी डर गई अगर ऐसा हो गया तो वो शेखर को क्या मुंह दिखाएगी ये सोचकर जोर जोर से रोने लगी।
अरुणा लॉक कर के पंलग पर आई तब तक मेघा ने मनीषा को लिटा दिया था और उसका सिर अपनी गोद में ले लिया था, मनीषा को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करे, मेघा ने मां को इशारे से कहा अपनी शर्त रखो, तब अरुणा बोली देख मेघा ने तुझे पनाह दे दी है इसलिए मैं तेरी मां से कुछ नही कहूंगी लेकिन तुझे सजा जरूर मिलेगी मैने तेरा वीडियो बना लिया है अपने फोन में जब तू आंखें बंद कर के इतना बड़ा लंड खा रही थी अपनी चूत में, और अरुणा ने लंड को पूरा धकेल दिया फिर से उसकी चूत में, और बोली मैं जिससे कहूंगी उसका लंड तुझे लेना पड़ेगा बोल मंजूर है।
मनीषा नहीं मम्मी आप ये क्या कह रही हो, में ऐसी बिलकुल भी नहीं हूं
हां वो तो देख रही हूं और लंड को पकड़ कर हिलाते हुए अंदर बाहर करते हुए बोली कितनी शरीफ बहु है मेरी बिचारी लंड का ल भी नहीं सुना है इसने आज तक, वो तो तेरी मां जब ये वीडियो देखा कर पूछूंगी कि कितनी भोली है आपकी बेटी, क्यों मनीषा ठीक है ना।
नही नहीं मम्मी उनको कुछ मत दिखाओ और कुछ मत पूछो, आप जो बोलोगी सब करूंगी।
तुझे लंड लेना पड़ेगा जिसका मैं कहूं
किस का है मम्मी जी
तू जानती है उसको अच्छे से मेरा वादा है तुझे वो पसंद भी आयेगा और चूत में एकदम फिट भी बैठ जाएगा।
मनीषा गर्म तो थी और जब देखा अरुणा भी मान रही है तो गर्मी महसूस करते हुए बोली मुझे शर्म आयेगी। तब मेघा उसके कान में बोली मान जा रानी बच भी जाएगी और अच्छी तरह चुद भी जाएगी। अरुणा तब उठ कर पानी लेने कोने में रखी टेबल की तरफ गई थी।
मनीषा नखरे करते हुए बोली मम्मी pls मुझे इतना बता दीजिए वो कौन है नहीं तो मैं नहीं कर पाऊंगी,।
अरुणा मेघा से बोली चल कर इस मनीषा की चूत की ताकत देखे कितनी है फिर बताते हैं इसको की कौन है वो, जा तू वो डिल्डो ले कर आ जो मैने अपने कमरे में रखा है और फ्रिज से एक मोटा सा बैंगन और तेल की शीशी लेकर आ।
मेघा उठकर चल पड़ी, मनीषा ने चादर उठा कर लपेटना चाहा, अरुणा ने उसे डपटते हुए कहा चुपचाप नंगी पड़ी रही और उसकी एक चूची हल्के हाथ से मरोड़ दी।
मनीषा चिंहुक है और सोचने लगी अचानक मम्मी ऐसी नर्म कैसे पड़ गई हैं।
 

Kawal Kumar

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Keep it too slow no hurry for sex
 

lawless

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Update???
 
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