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Chapter 9
अगले दिन दोपहर दो बजे
(सौम्या, दीवांक को कॉल करके सारी बाते बता देती है जैसा की आरुषि ने बोलने को कहा था, दीवांक को अब भी आरुषि पर विश्वाश था की वो उसके साथ ऐसा नहीं कर सकती, सुबह जब आरुषि अपने बालकनी में कपड़े डालने आती है तब दीवांक उसका पहले से ही इंतज़ार कर रहा होता है, आरुषि अपने कपड़े डाल कर वापस चली जाती है बिना दीवांक की तरफ देखे, आरुषि के इस बर्ताव से दीवांक को सौम्या की बातो पर थोड़ा विश्वाश होने लगा था, उसके मन में अलग-अलग से ख्याल आ रहे थे लेकिन उसे फिर भी यक़ीन करना मुश्किल हो रहा था, वह कई बार आरुषि से बातें करने की कोशिश करता है लेकिन हर बार आरुषि उससे दूर ही भागती है, आरुषि के इस बर्ताव से दीवांक कुछ दिनों तक डिप्रेशन में चला चला जाता है वो न तो किसी से बात करता और न ही अपने घर से बाहर निकलता था, दीवांक के माँ-बाप उसकी हरकतों से परेशान होने लगे थे उसकी माँ सब कुछ जानती थी फिर भी जब दीवांक के पापा उससे पूछते हैं तो वह उन्हें कुछ नहीं बताती, लगभग पांच दिन बाद दीवांक अपने घर से बाहर निकलता हैं और सीधा अपने दोस्तों के पास जाता हैं)
(दीवांक को देखते ही) दीवांक के दोस्त मयंक "और भाई सब बढ़िया, इतने दिनों से कहाँ था?, तेरा फोन भी बंद आ रहा था"
दीवांक"नहीं यार कुछ भी बढ़िया नहीं है"
रेहान "क्या हो गया भाई, गैलफ्रैंड नाराज़ हो गयी हैं क्या"
दीवांक "नाराज़ नहीं बल्कि उसने मुझे छोड़ दिया हैं"
मनीष "क्या हो गया.....,सब ठीक तो हैं, वो तो तुझसे बहुत प्यार करती थी न फिर सडन यह सब कैसे?"
दीवांक "पता नहीं उसे क्या हुआ हैं...,मुझसे बात करेगी तभी तो मुझे पता चलेगा न, मेरे सामने आती तक नहीं हैं"
नंदू "ओ तेर्री भाई का भी ब्रेकअप हो गया, यार मेरा भी कल ही हुआ है (दीवांक के कंधो पर हाथ रखते हुए ) यार ये लड़किया तो होती ही है धोखेबाज़ इसलिए मेरी चार-चार गिर्ल्फ्रेंड्स है जिसमे से कल एक के साथ ब्रेकअप हो गया लेकिन अब भी तीन है.....तेरी कितनी है?"
(अपने दोस्त का हाथ कंधे से निचे करते हुए ) दीवांक "भाई मेरी एक ही थी और अब उसने भी मुझे छोड़ दिया, यार मैं उस धोखेबाज़ को भूल नहीं पा रहा, कुछ भी करता हूँ तो उसकी याद आती हैं, अब तुम लोग ही कुछ आईडिया दो उसे भूलने का ....."
नंदू "यार, आज कल तो एक गयी और दूसरी आयी, तू चल मेरे साथ मैं तेरी सेटिंग करवाता हूँ...."
दीवांक " नहीं यार, अब मुझे किसी भी लड़की के प्यार में नहीं पड़ना, कोई और तरीका है तो बता....."
नंदू "भाई तू चल, मैं तुझे ऐसी चीज़ से मिलवाता हूँ की अगली बार से तुझे सिर्फ वही याद रहेंगी ....."
(नंदू उसे पब में ले जाता हैं और उसे शराब पिलाता हैं, पहले तो दीवांक पीने से मना करता हैं लेकिन जब नंदू जबरन उसके मुँह में डाल देता हैं तब से वह अपने आप ही लेकर पीने लगता हैं, उस दिन के बाद से दीवांक को शराब की लत लग जाती है, वो अक्सर उस पब में ड्रिंक करने जाया करता था वो इस बात से अनजान था के उसे वहां कोई फॉलो कर रहा था और वो थी जसलीन उसके स्कूल की एक लड़की जो न चाहते हुए भी उस पब की डांसर बन गयी थी, जब वो एर्थ क्लास में थी तभी उसके शराबी पिता उसे पब के ठेकेदार के हाथो बेच दिया था तब से आज तक उसने बाहर की दुनिया नहीं देखी, कई बार वहां से भागने की कोशिश की थी लेकिन हर बार उस ठेकेदार के लोग उसे पकड़ कर ले आते थे, दीवांक को देख कर उसे एक उम्मीद नज़र आने लगी थी लेकिन दीवांक उसे नहीं पहचान पाया था वो पब में अक्सर सबसे अलग एक कोने में बैठ कर ड्रिंक करता था लेकिन जब वो शराब लेने जाता तब जसलीन उसे देखती थी, दीवांक को पब जाते हुए पांच दिन हो चुके थे, आरुषि भी अपने आप को बिजी रखने के लिए अपने दोस्तों के साथ "रॉक म्यूजिक" नाम से अपना एक यूट्यूब चैनल बनाती हैं और अपनी नई-नई वीडियो उपलोड करती रहती हैं उसके दोस्त भी उसका बहुत साथ देते थे )
छटे दिन जसलीन, दीवांक से बात करने आती हैं,
(हाथ बढ़ाते हुए) जसलीन "हाय, आई ऍम जस्सी उर्फ जसलीन"
(दीवांक उसकी तरफ देखता भी नहीं हैं, जसलीन अपना हाथ नीचे कर लेती हैं, वो देखती हैं दीवांक उस शराब की बोतल को खोलने में बिजी होता हैं, वो उसे कुछ और कहती उससे पहले उसके पब के लोग उसे चारो तरफ से घेर लेते हैं, जसलीन गुस्से में अपने सेट के पास जाती हैं )
जसलीन "सेट यह सब क्या हैं, तू मुझे अपना काम नहीं करने देगा"
सेट "क्या….तू अपना काम कर रही थी, तेरा काम स्टेज पर नाचना हैं लोगों से हाय हेलो करने के लिए तुझे यहाँ नहीं रखा हैं"
जसलीन "तू उसे नहीं जनता वो कौन हैं,पर्सनालिटी से वो बहुत अमीर घर का लगता हैं और अगर ऐसे लोगो को पटा लिया न तो सोच तेरे इस पब को कितना फ़ायदा होगा"
सेठ "वो क्या हैं न हमें तुझ पर अब विश्वाश करना मुश्किल होता हैं, कही तू फिर से हमें चकमा देकर भाग गयी तो?"जसलीन "यह सब पहले की बात हैं, अब मैंने इस जगह को ही अपना घर मान लिया हैं, यह जो तेरे टट्टू हैं न इन्हे कह दे मेरे और मेरे कस्टमर के बीच न आये"
सेट के लोग "वो तेरा कस्टमर हैं, देखने से तो तेरा पुराना यार लगता हैं"
(कॉलर पकड़ते हुए) जसलीन "तुझे तो एक घुसा मारने का मन करता हैं, तू ऐसे ही कह कर मेरे हर कस्टमर को भगा देता है, सेठ तू इसे कुछ कहता क्यूँ नहीं हैं?"
सेठ "चिट्ठु, जाने दे ......."
चिट्ठु "सेठ, जब यह भाग जाती हैं तो उसे ढूंढने में हमें प्रॉब्लम होती हैं"
सेठ "अबे,तुझे समझ नहीं आ रहा मैंने अभी क्या कहा हैं (जसलीन को देखते हुए)तू जा अपना काम कर"
जसलीन "थैंक्स सेठ(चिट्ठु के पास जाके) चल बे हट"
(जसलीन के जाने के बाद)
सेठ "तू लोग इस पर नज़र रख, बहुत तेज़ हैं यह"
जसलीन जब दीवांक के पास दुबारा जाती हैं तब तक दीवांक वहां से जा चुका होता हैं, वो अपने कमरे में जाकर एक पर्ची पर अपना नाम और फ़ोन नंबर लिख कर रख लेती हैं दीवांक को देने के लिए, वो उस दिन शाम तक दिवांक का इंतज़ार करती हैं लेकिन दीवांक नहीं आता हैं, अगले दिन फिर दीवांक उस पब में आता हैं, जसलीन उसे देख कर खुश हो जाती हैं, दीवांक फिर से एक बोतल लेकर एक कोने में चला जाता है, जसलीन उसके सामने जाकर खड़ी हो जाती हैं)
जसलीन "हाय दीवांक, मैं जसलीन"
(थोड़ी देर सोचने के बाद) दीवांक "हाय"
(खुश होते हुए) जसलीन "दीवांक, तुमने मुझे पहचाना...."
(बिना देखे) दीवांक "तुम मेरा पीछा क्यूँ कर रही हो?"
जसलीन "नहीं….मैं पीछा नहीं कर रही, मुझे तुमसे कुछ बात करनी हैं"
दीवांक "लेकिन मुझे किसी से कोई बात नहीं करनी, तुम जा सकती हो"
(कागज़ का टुकड़ा देते हुए) जसलीन "यह मेरा नंबर हैं, अभी मैं कुछ भी नहीं कह सकती, यहाँ के सभी लोग मुझपर नज़र रखे हुए हैं, दीवांक मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए "
(दीवांक बोतल उठा कर, पीते हुए वहां से चला जाता हैं)
जसलीन "दीवांक प्लीज हेल्प मी .....दीवांक....दीवांक"
(दीवांक वहां से चला जाता है और अगले दस दिन तक उस पब में नहीं जाता, इस बीच आरुषि उसे कई बार मिलती हैं लेकिन हर बार वो दीवांक को अनदेखा करते हुए वहां से चली जाती है, जसलीन हर रोज़ दीवांक का इंतज़ार करती थी लेकिन हर शाम उसका निराशा से बीतता था, दीवांक जब ग्यारवे दिन जाता हैं तो जसलीन के दिल में फिर से एक उम्मीद जागने लगती हैं वो दीवांक से बात करने फिर जाती हैं लेकिन इस बार उसका सेठ भी देख रहा होता हैं इसलिए वो उससे बातें करने नहीं बल्कि डांस करते हुए उसे रिझाने जाती हैं, दीवांक उसकी तरफ नहीं देखता हैं, दीवांक उसकी हरकतों से इर्रिटेट होने लगा था जब वो दीवांक के कंधो पर हाथ रखती हैं तो वो उसका हाथ झिटक हुए उसको देखता हैं, जस्लीन के आँखों में आंसू था और होठों पर प्लीज हेल्प मी" ,दीवांक को लगा शायद यह लड़की सच में किसी मुसीबत में हैं इसलिए वो शांत होकर उसे देखने लगता हैं, जसलीन वो कागज़ का टुकड़ा जिसमे उसका नंबर लिखा हुआ था, दीवांक के हाथो में रख कर स्टेज पर डांस करने चली जाती हैं, दीवांक कुछ देर बाद वहां से चला जाता हैं और जाकर अपने घर के बेड पर लेट जाता हैं, सोचने लगता हैं कि वो पब की डांसर आखिर हैं कौन जो उसका नाम भी जानती हैं, वो उस नंबर पर कॉल करता हैं,
दीवांक "हेलो...."
जसलीन "हेलो दीवांक, दीवांक मैं जसलीन हूँ जिसे स्कूल में सब बोंदु नाम से बुलाते थे और मैं लास्ट बेंच पर बैठती थी, तुम्हे याद आया कुछ"
दीवांक "हाँ.......जसलीन तुम कितनी बदल चुकी हो, तुमने बीच में पढाई क्यूँ छोड़ दिया था?"
जसलीन "यार, क्या बताऊँ मेरी मम्मी के जाने के बाद मेरा साला पियक्कड़ बाप मुझे इस पब के सेठ के हाथो बेच दिया था और हमेशा मुफ्त कि शराब पीने आया करता था, बुड्ढा खुद तो पीते पीते मर गया और मुझे यहाँ मरने के लिए छोड़ गया, तब से मैंने आज तक बाहर कि दुनिया नहीं देखी हैं, दीवांक मैं इस नर्क से आज़ाद होना चाहती हूँ, जब से मैंने तुम्हे देखा हैं न तब से मुझे जीने की एक उम्मीद मिल गयी हैं, तुम मेरी हेल्प करोगे न यहाँ से निकलने में"
दीवांक "हाँ...हाँ मैं हेल्प करूँगा, लेकिन कैसे?"
(जस्लीन उसे अपने प्लान के बारे में बताती हैं)
दीवांक जसलीन की पूरी-पूरी मदद करता हैं, वो उसे वहां से निकाल कर कुछ दिनों के लिए अपने घर में रखता हैं, दीवांक की माँ उसे पसंद नहीं करती थी वो चाहती थी के वो जल्द से जल्द उसके घर से चली जाए, दीवांक इस बीच जसलीन के पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर देता हैं, दीवांक जसलीन को छत्त पर ले जाता और जोर-जोर से हसी मज़ाक करता हैं ताकि आरुषि चिढ़ने लगे, कई बार आरुषि उन दोनों को हसी माज़क करते हुए देखती तो अपने घर की खिड़की बंद कर लेती, वो जानती थी के दीवांक उसे चिढ़ाने के लिए जान-बूझ कर ऐसा कर रहा था जस्लीन भी उसको पसंद करने लगी थी जब वो उसे जब वो उसे एयरपोर्ट पर छोड़ने जाता हैं तब वो उसे अपने दिल कि बातें बताती हैं,
जसलीन "दीवांक, तुम बहुत अच्छे हो, तुमने जो मेरे लिए किया हैं न वो कोई भी नहीं कर सकता था, मैं तुम्हारी इसी अदा पर फ़िदा हो चुकी हूँ, यू नो जब से तुम्हे देखा हैं तुम मुझे उसी दिन से पसंद हो, तुम उन लड़को जैसे नहीं हो जो लड़कियों के पीछे भागता हैं, मुझे तुम बहुत अच्छे लगे"
दीवांक "मैंने तुम्हारी इसलिए हेल्प नहीं की के तुम मेरी क्लास में पढ़ती थी बल्कि उस दिन मुझे तुम्हारी आँखों में सच्चाई लगी, आज कल के लोग दिल में रह कर दिल तोड़ते हैं और पता भी नहीं लगने देते हैं, तुम बहुत अच्छी लड़की हो, तुम ने जितना सहा हैं लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी इसके लिए मैं तुम्हे सलाम करता हूँ, तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा फ्यूचर वेट कर रहा हैं, तुम मुझ जैसे लड़के की याद में अपनी लाइफ स्पोइल मत करना यह दिल किसी और का हो चुका हैं जिसमे अब किसी और के लिए कोई जगह नहीं हैं, आई ऍम सॉरी"
जसलीन "तुमने मुझे दुबारा ज़िन्दगी दी हैं मैं तुम्हारा इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगी, मुझे यह जान कर बहुत ख़ुशी हुई हैं की तुम किसी से प्यार करते हो, मैं ऊपर वाले से दुआ करुँगी के तुम दोनों हमेशा एक साथ रहो"
दीवांक "थैंक यू जसलीन, तुम्हे जब भी ज़रूरत पड़े तो इस दोस्त को मत भूलना, मैं हमेशा तुम्हारी हेल्प के लिए रेडी रहूँगा"
जसलीन-“थैंक्स दीवांक”
(जसलीन दुबई के लिए रवाना हो जाती हैं, दीवांक अपनी तरफ से उसे कुछ पैसे भी देता हैं, वो वहां एक कमरा किराये पर लेकर रहने लगती हैं, दिवांक दुबई में रह रहे कजिन की मदद से जसलीन की जॉब भी लगवा देता हैं, इधर दीवांक भी आगे की पढाई के लिए लन्दन जाने की सोचने लगता हैं, अब भी दीवांक आरुषि को भूल नहीं पाया था, आरुषि से ब्रेकअप हुए तीन महीने बीत चुके थे, दीवांक ने विदेश जाना का फैसला किया, आरुषि भी अब अपना ज़्यादा टाइम स्टडी और अपने पापा के अधूरे सपने को पूरा करने में लगाती हैं, आरुषि के यूट्यूब चैनल पर काफी सारे फैंस बन चुके थे)
continue......
अगले दिन दोपहर दो बजे
(सौम्या, दीवांक को कॉल करके सारी बाते बता देती है जैसा की आरुषि ने बोलने को कहा था, दीवांक को अब भी आरुषि पर विश्वाश था की वो उसके साथ ऐसा नहीं कर सकती, सुबह जब आरुषि अपने बालकनी में कपड़े डालने आती है तब दीवांक उसका पहले से ही इंतज़ार कर रहा होता है, आरुषि अपने कपड़े डाल कर वापस चली जाती है बिना दीवांक की तरफ देखे, आरुषि के इस बर्ताव से दीवांक को सौम्या की बातो पर थोड़ा विश्वाश होने लगा था, उसके मन में अलग-अलग से ख्याल आ रहे थे लेकिन उसे फिर भी यक़ीन करना मुश्किल हो रहा था, वह कई बार आरुषि से बातें करने की कोशिश करता है लेकिन हर बार आरुषि उससे दूर ही भागती है, आरुषि के इस बर्ताव से दीवांक कुछ दिनों तक डिप्रेशन में चला चला जाता है वो न तो किसी से बात करता और न ही अपने घर से बाहर निकलता था, दीवांक के माँ-बाप उसकी हरकतों से परेशान होने लगे थे उसकी माँ सब कुछ जानती थी फिर भी जब दीवांक के पापा उससे पूछते हैं तो वह उन्हें कुछ नहीं बताती, लगभग पांच दिन बाद दीवांक अपने घर से बाहर निकलता हैं और सीधा अपने दोस्तों के पास जाता हैं)
(दीवांक को देखते ही) दीवांक के दोस्त मयंक "और भाई सब बढ़िया, इतने दिनों से कहाँ था?, तेरा फोन भी बंद आ रहा था"
दीवांक"नहीं यार कुछ भी बढ़िया नहीं है"
रेहान "क्या हो गया भाई, गैलफ्रैंड नाराज़ हो गयी हैं क्या"
दीवांक "नाराज़ नहीं बल्कि उसने मुझे छोड़ दिया हैं"
मनीष "क्या हो गया.....,सब ठीक तो हैं, वो तो तुझसे बहुत प्यार करती थी न फिर सडन यह सब कैसे?"
दीवांक "पता नहीं उसे क्या हुआ हैं...,मुझसे बात करेगी तभी तो मुझे पता चलेगा न, मेरे सामने आती तक नहीं हैं"
नंदू "ओ तेर्री भाई का भी ब्रेकअप हो गया, यार मेरा भी कल ही हुआ है (दीवांक के कंधो पर हाथ रखते हुए ) यार ये लड़किया तो होती ही है धोखेबाज़ इसलिए मेरी चार-चार गिर्ल्फ्रेंड्स है जिसमे से कल एक के साथ ब्रेकअप हो गया लेकिन अब भी तीन है.....तेरी कितनी है?"
(अपने दोस्त का हाथ कंधे से निचे करते हुए ) दीवांक "भाई मेरी एक ही थी और अब उसने भी मुझे छोड़ दिया, यार मैं उस धोखेबाज़ को भूल नहीं पा रहा, कुछ भी करता हूँ तो उसकी याद आती हैं, अब तुम लोग ही कुछ आईडिया दो उसे भूलने का ....."
नंदू "यार, आज कल तो एक गयी और दूसरी आयी, तू चल मेरे साथ मैं तेरी सेटिंग करवाता हूँ...."
दीवांक " नहीं यार, अब मुझे किसी भी लड़की के प्यार में नहीं पड़ना, कोई और तरीका है तो बता....."
नंदू "भाई तू चल, मैं तुझे ऐसी चीज़ से मिलवाता हूँ की अगली बार से तुझे सिर्फ वही याद रहेंगी ....."
(नंदू उसे पब में ले जाता हैं और उसे शराब पिलाता हैं, पहले तो दीवांक पीने से मना करता हैं लेकिन जब नंदू जबरन उसके मुँह में डाल देता हैं तब से वह अपने आप ही लेकर पीने लगता हैं, उस दिन के बाद से दीवांक को शराब की लत लग जाती है, वो अक्सर उस पब में ड्रिंक करने जाया करता था वो इस बात से अनजान था के उसे वहां कोई फॉलो कर रहा था और वो थी जसलीन उसके स्कूल की एक लड़की जो न चाहते हुए भी उस पब की डांसर बन गयी थी, जब वो एर्थ क्लास में थी तभी उसके शराबी पिता उसे पब के ठेकेदार के हाथो बेच दिया था तब से आज तक उसने बाहर की दुनिया नहीं देखी, कई बार वहां से भागने की कोशिश की थी लेकिन हर बार उस ठेकेदार के लोग उसे पकड़ कर ले आते थे, दीवांक को देख कर उसे एक उम्मीद नज़र आने लगी थी लेकिन दीवांक उसे नहीं पहचान पाया था वो पब में अक्सर सबसे अलग एक कोने में बैठ कर ड्रिंक करता था लेकिन जब वो शराब लेने जाता तब जसलीन उसे देखती थी, दीवांक को पब जाते हुए पांच दिन हो चुके थे, आरुषि भी अपने आप को बिजी रखने के लिए अपने दोस्तों के साथ "रॉक म्यूजिक" नाम से अपना एक यूट्यूब चैनल बनाती हैं और अपनी नई-नई वीडियो उपलोड करती रहती हैं उसके दोस्त भी उसका बहुत साथ देते थे )
छटे दिन जसलीन, दीवांक से बात करने आती हैं,
(हाथ बढ़ाते हुए) जसलीन "हाय, आई ऍम जस्सी उर्फ जसलीन"
(दीवांक उसकी तरफ देखता भी नहीं हैं, जसलीन अपना हाथ नीचे कर लेती हैं, वो देखती हैं दीवांक उस शराब की बोतल को खोलने में बिजी होता हैं, वो उसे कुछ और कहती उससे पहले उसके पब के लोग उसे चारो तरफ से घेर लेते हैं, जसलीन गुस्से में अपने सेट के पास जाती हैं )
जसलीन "सेट यह सब क्या हैं, तू मुझे अपना काम नहीं करने देगा"
सेट "क्या….तू अपना काम कर रही थी, तेरा काम स्टेज पर नाचना हैं लोगों से हाय हेलो करने के लिए तुझे यहाँ नहीं रखा हैं"
जसलीन "तू उसे नहीं जनता वो कौन हैं,पर्सनालिटी से वो बहुत अमीर घर का लगता हैं और अगर ऐसे लोगो को पटा लिया न तो सोच तेरे इस पब को कितना फ़ायदा होगा"
सेठ "वो क्या हैं न हमें तुझ पर अब विश्वाश करना मुश्किल होता हैं, कही तू फिर से हमें चकमा देकर भाग गयी तो?"जसलीन "यह सब पहले की बात हैं, अब मैंने इस जगह को ही अपना घर मान लिया हैं, यह जो तेरे टट्टू हैं न इन्हे कह दे मेरे और मेरे कस्टमर के बीच न आये"
सेट के लोग "वो तेरा कस्टमर हैं, देखने से तो तेरा पुराना यार लगता हैं"
(कॉलर पकड़ते हुए) जसलीन "तुझे तो एक घुसा मारने का मन करता हैं, तू ऐसे ही कह कर मेरे हर कस्टमर को भगा देता है, सेठ तू इसे कुछ कहता क्यूँ नहीं हैं?"
सेठ "चिट्ठु, जाने दे ......."
चिट्ठु "सेठ, जब यह भाग जाती हैं तो उसे ढूंढने में हमें प्रॉब्लम होती हैं"
सेठ "अबे,तुझे समझ नहीं आ रहा मैंने अभी क्या कहा हैं (जसलीन को देखते हुए)तू जा अपना काम कर"
जसलीन "थैंक्स सेठ(चिट्ठु के पास जाके) चल बे हट"
(जसलीन के जाने के बाद)
सेठ "तू लोग इस पर नज़र रख, बहुत तेज़ हैं यह"
जसलीन जब दीवांक के पास दुबारा जाती हैं तब तक दीवांक वहां से जा चुका होता हैं, वो अपने कमरे में जाकर एक पर्ची पर अपना नाम और फ़ोन नंबर लिख कर रख लेती हैं दीवांक को देने के लिए, वो उस दिन शाम तक दिवांक का इंतज़ार करती हैं लेकिन दीवांक नहीं आता हैं, अगले दिन फिर दीवांक उस पब में आता हैं, जसलीन उसे देख कर खुश हो जाती हैं, दीवांक फिर से एक बोतल लेकर एक कोने में चला जाता है, जसलीन उसके सामने जाकर खड़ी हो जाती हैं)
जसलीन "हाय दीवांक, मैं जसलीन"
(थोड़ी देर सोचने के बाद) दीवांक "हाय"
(खुश होते हुए) जसलीन "दीवांक, तुमने मुझे पहचाना...."
(बिना देखे) दीवांक "तुम मेरा पीछा क्यूँ कर रही हो?"
जसलीन "नहीं….मैं पीछा नहीं कर रही, मुझे तुमसे कुछ बात करनी हैं"
दीवांक "लेकिन मुझे किसी से कोई बात नहीं करनी, तुम जा सकती हो"
(कागज़ का टुकड़ा देते हुए) जसलीन "यह मेरा नंबर हैं, अभी मैं कुछ भी नहीं कह सकती, यहाँ के सभी लोग मुझपर नज़र रखे हुए हैं, दीवांक मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए "
(दीवांक बोतल उठा कर, पीते हुए वहां से चला जाता हैं)
जसलीन "दीवांक प्लीज हेल्प मी .....दीवांक....दीवांक"
(दीवांक वहां से चला जाता है और अगले दस दिन तक उस पब में नहीं जाता, इस बीच आरुषि उसे कई बार मिलती हैं लेकिन हर बार वो दीवांक को अनदेखा करते हुए वहां से चली जाती है, जसलीन हर रोज़ दीवांक का इंतज़ार करती थी लेकिन हर शाम उसका निराशा से बीतता था, दीवांक जब ग्यारवे दिन जाता हैं तो जसलीन के दिल में फिर से एक उम्मीद जागने लगती हैं वो दीवांक से बात करने फिर जाती हैं लेकिन इस बार उसका सेठ भी देख रहा होता हैं इसलिए वो उससे बातें करने नहीं बल्कि डांस करते हुए उसे रिझाने जाती हैं, दीवांक उसकी तरफ नहीं देखता हैं, दीवांक उसकी हरकतों से इर्रिटेट होने लगा था जब वो दीवांक के कंधो पर हाथ रखती हैं तो वो उसका हाथ झिटक हुए उसको देखता हैं, जस्लीन के आँखों में आंसू था और होठों पर प्लीज हेल्प मी" ,दीवांक को लगा शायद यह लड़की सच में किसी मुसीबत में हैं इसलिए वो शांत होकर उसे देखने लगता हैं, जसलीन वो कागज़ का टुकड़ा जिसमे उसका नंबर लिखा हुआ था, दीवांक के हाथो में रख कर स्टेज पर डांस करने चली जाती हैं, दीवांक कुछ देर बाद वहां से चला जाता हैं और जाकर अपने घर के बेड पर लेट जाता हैं, सोचने लगता हैं कि वो पब की डांसर आखिर हैं कौन जो उसका नाम भी जानती हैं, वो उस नंबर पर कॉल करता हैं,
दीवांक "हेलो...."
जसलीन "हेलो दीवांक, दीवांक मैं जसलीन हूँ जिसे स्कूल में सब बोंदु नाम से बुलाते थे और मैं लास्ट बेंच पर बैठती थी, तुम्हे याद आया कुछ"
दीवांक "हाँ.......जसलीन तुम कितनी बदल चुकी हो, तुमने बीच में पढाई क्यूँ छोड़ दिया था?"
जसलीन "यार, क्या बताऊँ मेरी मम्मी के जाने के बाद मेरा साला पियक्कड़ बाप मुझे इस पब के सेठ के हाथो बेच दिया था और हमेशा मुफ्त कि शराब पीने आया करता था, बुड्ढा खुद तो पीते पीते मर गया और मुझे यहाँ मरने के लिए छोड़ गया, तब से मैंने आज तक बाहर कि दुनिया नहीं देखी हैं, दीवांक मैं इस नर्क से आज़ाद होना चाहती हूँ, जब से मैंने तुम्हे देखा हैं न तब से मुझे जीने की एक उम्मीद मिल गयी हैं, तुम मेरी हेल्प करोगे न यहाँ से निकलने में"
दीवांक "हाँ...हाँ मैं हेल्प करूँगा, लेकिन कैसे?"
(जस्लीन उसे अपने प्लान के बारे में बताती हैं)
दीवांक जसलीन की पूरी-पूरी मदद करता हैं, वो उसे वहां से निकाल कर कुछ दिनों के लिए अपने घर में रखता हैं, दीवांक की माँ उसे पसंद नहीं करती थी वो चाहती थी के वो जल्द से जल्द उसके घर से चली जाए, दीवांक इस बीच जसलीन के पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर देता हैं, दीवांक जसलीन को छत्त पर ले जाता और जोर-जोर से हसी मज़ाक करता हैं ताकि आरुषि चिढ़ने लगे, कई बार आरुषि उन दोनों को हसी माज़क करते हुए देखती तो अपने घर की खिड़की बंद कर लेती, वो जानती थी के दीवांक उसे चिढ़ाने के लिए जान-बूझ कर ऐसा कर रहा था जस्लीन भी उसको पसंद करने लगी थी जब वो उसे जब वो उसे एयरपोर्ट पर छोड़ने जाता हैं तब वो उसे अपने दिल कि बातें बताती हैं,
जसलीन "दीवांक, तुम बहुत अच्छे हो, तुमने जो मेरे लिए किया हैं न वो कोई भी नहीं कर सकता था, मैं तुम्हारी इसी अदा पर फ़िदा हो चुकी हूँ, यू नो जब से तुम्हे देखा हैं तुम मुझे उसी दिन से पसंद हो, तुम उन लड़को जैसे नहीं हो जो लड़कियों के पीछे भागता हैं, मुझे तुम बहुत अच्छे लगे"
दीवांक "मैंने तुम्हारी इसलिए हेल्प नहीं की के तुम मेरी क्लास में पढ़ती थी बल्कि उस दिन मुझे तुम्हारी आँखों में सच्चाई लगी, आज कल के लोग दिल में रह कर दिल तोड़ते हैं और पता भी नहीं लगने देते हैं, तुम बहुत अच्छी लड़की हो, तुम ने जितना सहा हैं लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी इसके लिए मैं तुम्हे सलाम करता हूँ, तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा फ्यूचर वेट कर रहा हैं, तुम मुझ जैसे लड़के की याद में अपनी लाइफ स्पोइल मत करना यह दिल किसी और का हो चुका हैं जिसमे अब किसी और के लिए कोई जगह नहीं हैं, आई ऍम सॉरी"
जसलीन "तुमने मुझे दुबारा ज़िन्दगी दी हैं मैं तुम्हारा इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगी, मुझे यह जान कर बहुत ख़ुशी हुई हैं की तुम किसी से प्यार करते हो, मैं ऊपर वाले से दुआ करुँगी के तुम दोनों हमेशा एक साथ रहो"
दीवांक "थैंक यू जसलीन, तुम्हे जब भी ज़रूरत पड़े तो इस दोस्त को मत भूलना, मैं हमेशा तुम्हारी हेल्प के लिए रेडी रहूँगा"
जसलीन-“थैंक्स दीवांक”
(जसलीन दुबई के लिए रवाना हो जाती हैं, दीवांक अपनी तरफ से उसे कुछ पैसे भी देता हैं, वो वहां एक कमरा किराये पर लेकर रहने लगती हैं, दिवांक दुबई में रह रहे कजिन की मदद से जसलीन की जॉब भी लगवा देता हैं, इधर दीवांक भी आगे की पढाई के लिए लन्दन जाने की सोचने लगता हैं, अब भी दीवांक आरुषि को भूल नहीं पाया था, आरुषि से ब्रेकअप हुए तीन महीने बीत चुके थे, दीवांक ने विदेश जाना का फैसला किया, आरुषि भी अब अपना ज़्यादा टाइम स्टडी और अपने पापा के अधूरे सपने को पूरा करने में लगाती हैं, आरुषि के यूट्यूब चैनल पर काफी सारे फैंस बन चुके थे)
continue......