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Thriller ADBHUT

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YE KAHAANI YANHA SIRF MANORANJAN KE LIYE PESH KI JAA RAHI HE.......ISKA KISI BHI WAYKTI YA WASTU SE KOI SAMBHAND NAHI HE......YE KAHAANI PURI TARAH HINDI ME LIKHI JAAYEGI...
 
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चिख

घना अंधेरा और उपर से उसमें जोरो से बरसती बारीश..... सारा आसमंlत झिंगुरों की 'किर्र' आवाज से गुंज रहा था..... एक बंगले के बगल में खडे एक विशालकाय वृक्ष पर एक बारीश से भिगा हूवा उल्लू बैठा हूवा था..... उसकी इधर उधर दौडती नजर आखीर सामने बंगले के एक खिडकी पर जाकर रुकी..... वह बंगले की ऐकलौती ऐसी खिडकी थी की जिससे अंदर से बाहर रोशनी आ रही थी..... घर में उस खिडकी से दिख रहा ......वह जलता हुवा लाईट छोडकर सारे लाईट्स बंद थे.....अचानक वहा उस खिडकी के पास आसरे के लिए बैठा कबुतरोंका एक झुंड.....वहां से फडफडाता हूवा उड गया......शायद वहां उन कबुतरों को कोई अदृष्य शक्तीका अस्तीत्व महसुस हूवा होगा......खिडकी के कांच सफेद रंग के होने से बाहर से अंदर का कुछ नही दिख रहा था..... सचमुछ वहा कोई अदृष्य शक्ती पहूंच गई थी ???..और अगर पहूंची थी तो क्या उसे अंदर जाना था?????लेकिन खिडकी तो अंदर से बंद थी.


बेडरुम में बेडपर कोई सोया हूवा था.....उस बेडवर सोए.....साये ने अपनी करवट बदली और उसका चेहरा उस तरफ हो गया......इसलिए वह कौन था यह पहचानना मुश्कील था..... बेड के बगल में एक ऐनक रखी हूई थी.....शायद जो भी कोई सोया हूवा था उसने सोने से पहले अपनी ऐनक निकालकर बगल में रख दी थी...... बेडरुम मे सब तरफ दारु की बोतलें, दारु के ग्लास, न्यूज पेपर्स, मासिक पत्रिकाएं इत्यादी सामान इधर उधर फैला हूवा था..... बेडरुम का दरवाजा अंदर से बंद था और उसे अंदर से कुंडी लगाई हूई थी......बेडरुम को सिर्फ एक ही खिडकी थी और वह भी अंदर से बंद थी - क्योंकी वह एक एसी रुम थी..... जो साया बेड पर सोया था उसने फिर से एकबार अपनी करवट बदली और अब उस सोए हुए साएका चेहरा दिखने लगा......स्टीव्हन स्मीथ, उम्र लगभग पच्चीस छब्बीस, पतला शरीर, चेहरे पर कहीं कहीं छोटे छोटे दाढी के बाल उगे हूए, आंखोके आसपास ऐनक की वजह से बने काले गोल गोल धब्बे...... वह कुछतो था जो धीरे धीर स्टीव्हन के पास जाने लगा.....

अचानक निंदमें भी स्टीव्हन को आहट हूई और वह हडबडाकर जग गया......उसके सामने जो भी था वह उस पर हमला करने के लिए तैयार होने से उसके चेहरे पर डर झलक रहा था, पुरा बदन पसिना पसिना हुवा था..... वह अपना बचाव करने के लिए उठने लगा.....लेकिन वह कुछ करे इसके पहले ही उसने उसपर,,,,अपने शिकारपर हमला बोल दिया था.....पुरे आसमंतl में स्टीव्हन की एक बडी, दर्दनाक, असहाय चिख गुंजी.....और फिर सब तरफ फिर से सन्नाटा छा गया ... एकदम पहले जैसा...
 
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सबूत


सुबह सुबह
रास्ते पर लोगों की अपने अपने काम पर जाने की जल्दी चल रही थी......इसलिए रास्ते पर काफी चहल पहल थी.......ऐसे में अचानक एक पुलिस की गाडी उस भिड से दौडने लगी......आसपास का माहौल पुलिस के गाडी के सायरन की वजह से गंभीर हो गया......रास्ते पर चल रहे लोक तुरंत उस गाडी को रस्ता दे रहे थे........जो पैदल चल रहे थे वे उत्सुकता से और अपने डरे हूए चेहरे से उस जाती हूई गाडी की तरफ मुड मुडकर देख रहे थे...... गाडी निकल जाने के बाद थोडी देर माहौल तंग रहा और फिर ......फिरसे पहले जैसा नॉर्मल हो गया.....


एक फोरेन्सीक टीम मेंबर बेड रुम के खुले दरवाजे के पास कुछ इन्वेस्टीगेशन कर रहा था.......वह,,उसके पास जो बडा जडा लेन्स था उसमें से जमीन पर कुछ मिलता है क्या,, यह ढुंढ रहा था..... उतने में जुतों का 'टाक टाक' ऐसा आवाज आया..... वह इन्व्हेस्टीगेशन करने वाला पलट कर देखने के पहले ही ......उसे कडे स्वर में सवाल सुनाई दिया...... '' बॉडी किधर है ??? ''


'' सर इधर अंदर ..'' वह टीम मेंबर अदब के साथ खडा होता हूवा बोला.....

डिटेक्टीव सॅम व्हाईट ......उम्र पैंतिस के आसपास, कडा अनुशासन, लंबा कद, कसा हूवा शरीर , उस टीम मेंबर ने दिखाए रास्ते से अंदर गया.

डिटेक्टीव सॅम जब बेड रुम में घुस गया तब उसे स्टीवन का शव बेडपर पडा हूवा मिल गया......उसकी आखें बाहर आयी हूई और गर्दन एक तरफ ढूलक गई हूई थी......बेडपर सब तरफ खुन ही खुन फैला हूवा था.....उसका गला कटा हूवा था.....बेड की स्थीती से ऐसा लग रहा था की मरने के पहले स्टीव्हन काफी तडपा होगा........

डिटेक्टीव सॅम ने बेडरुम में चारो तरफ अपनी नजर दौडाई......फोरेन्सीक टीम बेडरुम में भी तफ्तीश कर रही थी......उनमें से एक , कोने में ब्रश से साफ करने जैसा कुछ कर रहा था तो दुसरा कमरें मे अपने कॅमेरे से तस्वीरें लेने में व्यस्त था.....

एक फोरेन्सीक टीम मेंब रने डीटेक्टीव सॅम को जानकारी दी -

" सर मरने वाले का नाम स्टीव्हन स्मीथ'

' फिंगरप्रींटस वैगेरे कुछ मिला क्या?"

' नही कम से कम अबतक तो कुछ नही मिला '

डिटेक्टीव सॅम ने फोटोग्राफर की तरफ देखते हूए कहा, '' कुछ छुटना नही चाहिए इसका खयाल रखो''

'' यस सर '' फोटोग्राफर अदब के साथ बोला.....

अचानक सॅम का ध्यान एक अजीब अप्रत्याशीत बात की तरफ आकर्षीत हूवा....

वह बेड रुम के दरवाजे के पास गया.... दरवाजे का लॅच और आसपास की जगह टूटी हूई थी.....

'' इसका मतलब खुनी शायद यह दरवाजा तोडकर अंदर आया है '' सॅम ने कहा.....

जेफ - लगभग पैतीस के आसपास, छोटा कद, मोटा
उसका टीम मेंबर आगे आया, '' नही सर, असल में यह दरवाजा मैने तोडा... क्योंकी हम जब यहां पहूंचे तब दरवाजा अंदर से बंद था. ''

'' तुमने तोडा ?'' सॅम ने आश्चर्य से कहा.....

'' यस सर''

'' क्या फिर से अपने पहले के धंदे शुरु तो नही किये ?'' सॅमने मजाक में लेकिन चेहरे पर वैसा कुछ ना दिखाते हूए कहा.....

'' हां सर ... मतलब नही सर''

सॅम ने पलटकर एक बार फिर से कमरे में अपनी पैनी नजर दौडाई, खासकर खिडकीयों की तरफ देखा..... बेडरुम को एक ही खिडकी थी और वह भी अंदर से बंद थी......वह बंद रहना लाजमी था क्योंकी रुम एसी थी....

'' अगर दरवाजा अंदर से बंद था ......और खिडकी भी अंदर से बंद थी ..... तो फिर कातिल कमरे में कैसे आया..???.. ''

सब लोग आश्चर्य से एक दुसरे की तरफ देखने लगे...

'' और सबसे महत्वपुर्ण बात,,की वह अंदर आने के बाद बाहर कैसे गया???..'' जेफ ने कहा...

डिटेक्टीव्ह ने उसकी तरफ सिर्फ घुरकर देखा.....

अचानक सबका खयाल एक इन्वेस्टीगेटींग ऑफिसर ने अपनी तरफ खिंचा.....उसको बेड के आसपास कुछ बालों के टूकडे मिले थे.....

'' बाल? ... उनको ठिक से सिल कर आगे के इन्व्हेस्टीगेशन के लिए लॅब में भेजो ...' सॅम ने आदेश दिया....
 
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट


डिटेक्टीव्ह सॅम अपने पुलिस स्टेशन में अपने बैठा था..... उतने में एक ऑफीसर वहा आ गया.... उसने पोस्टमार्टम के कागजात सॅम के हाथ में थमा दीये.......जब सॅम वह कागजात उलट पुलटकर देख रहा था वह ऑफिसर उसके बगल में बैठकर सॅम को इन्वेस्टीगेशन के और पोस्टमार्टम के बारे में जानकारी देने लगा.......

" मौत गला कटने से हूई है,.....और गला जब काटा गया तब स्टीव्हन शायद निंद में होगा ऐसा इसमें लिखा है लेकिन कातिल ने कौनसा हथीयार इस्तेमाल किया गया होगा इसका कोई पता नही चल रहा है.... " वह ऑफिसर जानकारी देने लगा....

" ऍ़मॅझींग ?" डिटेक्टीव सॅम मानो खुद से ही बोला.....

'' और वहा मीले बालों का क्या ?''

'' सर हमने उसकी जांच की ..... लेकिन वे बाल आदमी के नही है ''

'' क्या आदमीके नही ? .....''

'' फिर शायद किसी भूतके होंगे... .'' वहां आकर उनके बातचीत में घुसते हूए एक ऑफिसर ने मजाक में कहा.....

भले ही उसने वह बात मजाक में कही हो......लेकिन वे एक दुसरे के मुंह को ताकते हूए दो तीन पल कुछ भी नही बोले .......कमरे मे एक अजीब अनैसर्गीक सन्नाटा छाया हूवा था.....

'' मतलब वह कातिल के कोट के या जर्कीन के हो सकते है....'' सॅम के बगल में बैठा ऑफिसर बात को संभालते हूए बोला.....

'' और उसके मोटीव्ह के बारे में कुछ जानकारी ??? ''

'' घर की सारी चिजे तो अपने जगह पर थी..... कुछ भी किमती सामान नही गया है .....और घर में कही भी स्टीव्हन के हाथ और उंगलीयों के निशान के अलावा और किसी के भी हाथ या उंगलीयों के निशान नही मिले.....'' ऑफिसर ने जानकारी दी.....

'' अगर कातील भूत हो तो उसे किसी मोटीव्ह की क्या जरुरत???'' फिर से वहां खडे अफसर ने मजाक में कहा....

फिर दो तीन पल सन्नाटे में गए.....

'' देखो ऑफिसर ..... यहा सिरीयस मॅटर चल रहा है.... आप कृपा करके ऐसी फालतू बाते मत करो.....'' सॅमने उस अफसर को ताकीद दी.....

'' मैने स्टीव्हन की फाईल देखी है ..... उसका पहले का रेकॉर्ड कुछ उतना अच्छा नही..... उसके खिलाफ पहले से ही बहुत सारे गुनाहो के लिए मुकदमें दर्ज है.....कुछ गुनाह साबीत भी हूए है और कुछ पर अब भी केसेस जारी है.....इससे ऐसा लगता है की हम जो केस हॅन्डल कर रहे है वह कोई आपसी दुष्मनी या रंजीश की हो सकती है.....'' सॅम फिर से असली बात पर आकर बोला.....

'' कातिलने अगर किसी गुनाहगार को ही मारा हो तो..... '' बगल में खडे उस ऑफिसर ने फिर से मजाक करने के लिए अपना मुंह खोला तो सॅम ने उसके तरफ एक गुस्से से भरा कटाक्ष डाला....

'' नही मतलब अगर वैसा है तो.....अच्छा ही है ना..... एक तरह से वह ,,अपना ही काम कर रहा है.... शायद जो काम हम भी नही कर पाते "" वह काम वह कर रहा है '' वह मजाक करने वाला ऑफिसर अपने शब्द तोल मोलकर बोला....

'' देखो ऑफिसर ..... हमारा काम लोगों की सेवा करना और उनकी हिफाजत करना है.....''

'' गुनाहगारों की भी ..????'' उस ऑफिसर ने व्यंगात्मक ढंग से कडवे शब्दो में पुछा....

इस पर सॅम कुछ नही बोला.... या फिर उस पर बोलने के लिए ' उसके पास कुछ लब्ज नही थे......
 
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पॉल रॉबर्टस
पॉल रॉबर्टस - काला रंग, उम्र पच्चीस के आस पास , लंबाई पौने छे फुट, घुंगराले बाल, अपने बेडरुम में सोया था..... उसकी बेडरुम मतलब एक कबाड खाना था.....जिसमें इधर उधर फैला हूवा सामान, न्यूज पेपर्स, मॅगेझीन्स, व्हिस्की की खाली बोतले,,वह भी इधर उधर फैली हूई.... मॅगेझीन के कव्हर पर जादातर लडकियों की नग्न तस्वीरें दिख रही थी.....और बेडरुम की सारी दिवारे उसके चहती हिरोइन्स की नग्न, अर्धनग्न तस्वीरो से भरी हूई थी.....स्टीव्हन के और पॉल के बेडरुम मे काफी समानता थी..... फर्क सिर्फ इतना ही था की पॉल के बेडरुम को दो खिडकियां थी और वह भी अंदर से बंद.....और रुम एसी थी ......वह अपने मुलायम, रेशमी गद्दी पर वैसा ही मुलायम, रेशमी तकीया सिने से लिपटाकर बारबार करवट बदल रहा था.....शायद वह डिस्टर्ब्ड होगा.....काफी समय तक उसने सोने का प्रयास किया लेकिन उसे निंद नही आ रही थी..... आखिर करवट बदल बदल कर भी निंद नही आ रही थी इसलिए वह बेड के निचे उतर गया..... पैर में स्लिपर चढाई.....

क्या किया जाए ? ...

ऐसा सोच कर पॉल किचन की तरफ चला गया.....किचन में जाकर लाईट जलाया.....फ्रीजसे पाणी की बोतल निकाली..... बडे बडे घुंट लेकर उसने एक ही झटके में पुरी बोतल खाली कर दी..... फिर वह बोतल वैसी ही हाथ में लेकर वह किचन से सिधा हॉल में आया.....हॉल में पुरा अंधेरा छाया हूवा था......पॉल अंधारे मे ही एक कुर्सी पर बैठ गया.....

चलो थोडी देर टिव्ही देखते है .......

ऐसा सोचकर उसने बगल में रखा हूवा रिमोट लेकर टिव्ही शुरु किया..... जैसे ही उसने टीव्ही शुरु किया डरके मारे उसके चेहरे का रंग उड गया, सारे बदन में पसिने छुटने लगे, और उसके हाथ पैर कांपने लगे..... उसके सामने अभी अभी शुरु हूए टिव्ही के स्क्रिन पर एक खुन की लकीर बहते हूए उपर से निचे तक आयी थी..... गडबडाकर वहं एकदम खडा हूवा, और वैसे ही घबराये हूये हालत में उसने बल्ब जलाया.....

कमरें मे तो कोई नही है....

उसने टीव्ही की तरफ देखा.... टिव्हीके उपर एक मांस का टूटा हूवा टूकडा था और उसमें से अभी भी खुन बह रहा था.....

चलते, लडखडाते हूए वह टेलीफोन के पास गया और अपने कपकपाते हाथ से उसने एक फोन नंबर डायल किया.....
 
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मांस का टूकडा


बाहर एक कॉलनी के प्ले ग्राऊंड पर छोटे बच्चे खेल रहे थे..... इतने में कर्कश आवाज में सायरन बजाती हूई एक पुलिस की गाडी वहां से, बगल के रास्ते से तेजी से गुजरने लगी......सायरन सुनते ही कुछ खेल रहे छोटे बच्चे घबराकर अपने अपने मां बाप की तरफ दौड पडे..... पुलिस की गाडी आयी..... उसी गति में वहां से गुजर गई और सामने एक मोड पर दाई तरफ मुड गई.....

पुलिस की गाडी सायरन बजाती हूई एक मकान के सामने आकर रुक गई..... डिटेक्टीव्ह सॅम के नेतृत्व में एक पुलिस का दल गाडी से उतर कर मकान की तरफ दौड पडा.....
'' तुम लोग जरा मकान के आस पास देखो...'' सॅम ने अपने दो साथीयों को हिदायत दी......वे दोनो बाकी साथीयों को वही छोड कर एक दाई तरफ से और दुसरा बाई तरफ से इधर उधर देखते हूए मकान के पिछवाडे दौडने लगे..... बाकी के और सॅम आकर मकान के मुख्य द्वार के सामने इकठ्ठा हो गए.....
जेफ ने बेल का बटन दबाया.....बेल तो बज रही थी लेकिन अंदर कुछ भी आहट नही सुनाई दे रही थी.....थोडी देर राह देखकर जेफ ने फिर से बेल दबाई..... , इस बार दरवाजा भी खटखटाया.....

'' हॅलो .....दरवाजा खोलो.....'' दरवाजा खटखटाते हूए अंदर आवाज दी.....
लेकिन अंदर कोई हलचल या आहट नही थी......आखिर चिढ कर सॅम ने आदेश दिया , '' दरवाजा तोडो ''
जेफ और एक दो साथी मिलकर दरवाजा जोर जोर से ठोक रहे थे.....
'' अरे इधर धक्का मारो''
'' नही अंदर की कुंडी यहा होनी चाहिए... यहां जोर से धक्का मारो ''
'' और जोर से ''
'' सब लोग सिर्फ दरवाजा तोडने में मत लगे रहो ..... कुछ लोग हमें गार्ड भी करो ''

सब गडबड में आखिर धक्के मार मारकर उन्होने दरवाजा तोड दिया.....
दरवाजा तोडकर दल के सब लोग घर में घुस गए.....डिटेक्टीव्ह सॅम हाथ में बंदूक लेकर सावधानी से अंदर जाने लगा......उसके पिछे पिछे हाथ में बंदूक लेकर बाकी लोग एक दुसरे को गार्ड करते हूए अंदर घुसने लगे.....अपनी अपनी बंदूक तान कर वे सब लोग तुरंत घर में फैलने लगे..... लेकिन हॉल में ही एक विदारक दृष्य उनका इंतजार कर रहा था..... जैसे ही उन्होने वह दृष्य देखा, उनके चेहरे का रंग उड गया था.....
उनके सामने सोफे पर पॉल गीरा हूवा था, गर्दन कटी हूई, सब चिजे इधर उधर फैली हूई, उसकी आंखे बाहर आई हूई थी, और सर एक तरफ ढूलका हूवा था.....उसका भी खुन उसी तरह से हूवा था जिस तरह से स्टिव्हन का.......सारी चिजे इधर उधर फैली हूई थी इससे यह प्रतित हो रहा था की यह भी मरने के पहले बहुत तडपा होगा.....

'' घर में बाकी जगह ढुंढो '' सॅम ने आदेश दिया.....
टीम के तिन चार मेंबर्स मकान में कातिल को ढूंढने के लिए इधर उधर फैल गए.....
'' बेडरुम में भी ढूंढो '' सॅम ने जाने वालों को हिदायद दी.....
डिटेक्टीव्ह सॅम ने कमरें मे चारो तरफ एक नजर दौडाई.....सॅम को टिव्ही के स्क्रिन पर...." बहकर निचे की ओर गई खुनकी लकीर और उपर रखा हूवा मांस का टूकडा "....दिख गया....सॅम ने इन्व्हेस्टीगेशन टीम के एक मेंबर को इशारा किया..... वह तुरंत टिव्ही के पास जाकर वहा सबूत इकठ्ठा करने में जूट गया.....
सॅम ने हॉल की खिडकीयों की तरफ देखा.....इस बार भी सारी खिडकीयां अंदर से बंद थी..... अचानक सोफे पर गीरे किसी चिज ने , सॅम का ध्यान खिंच लिया..... वह वहा चला गया, जो था वह उठाकर देखा..... वह एक बालों का गुच्छा था, सोफे पर बॉडी के बगल में पडा हूवा..... वे सब लोग आश्चर्य से कभी उस बालों के गुच्छे की तरफ देखते........ तो कभी एक दुसरे की तरफ देखते.....इन्व्हेस्टीगेशन टीम के एक मेंबर ने वह बालों का गुच्छा लेकर प्लास्टीक के बॅग में....आगे की तफ्तीश के लिए सिल बंद किया.....

जेफ गडबडाया हूवा कभी उस बालों के गुच्छे को देखता तो कभी टिव्ही पर रखे उस मांस के टूकडे की तरफ..... उसके दिमाग में... "उसके ही क्यों बाकी लोगों के दिमाग में भी " एक ही समय काफी सारे सवाल मंडरा रहे थे......लेकिन पुछे तो किसको पुछे???.
 
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