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Ye second story hai guys
First story mai ab wapis link jod nai paa raha so ye st kiya hai .
First story mai ab wapis link jod nai paa raha so ye st kiya hai .
Nice and excellent start of the story.....Update 1
त्रिजल की यात्रा,,,
लाखों वर्षो से इस दुनिया में,,, नकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा के बीच,,, हमेशासेही युद्ध चला आरहा है,,, इसके परिणामस्वरुप कभी नकारात्मक शक्तियां दुनियापर हावी होजाति,,, तो कभी सकारात्मक शक्तियां दुनियापर हावी होजीती थी,,,, यह दौर हर युग में आता है और इसी तरह का दौर चल रहा था,,,,,
,,,, इन सबका परिणाम अलग अलग ग्रहोपर रह रहे जीवोंपर,,, इनका बुरा असर पड़ता था,,, बुराई हमेशा अच्छाई पर हावी होने की कोशिश करती,,”
,, श्रेष्ठासुर जो कि नकारात्मक शक्तियों का सेनापति है,,, उसने सकारात्मक शक्तियों को कमजोर कर दिया था,,, क्योंकि श्रेष्ठासुर अकेले ही पूरे ब्रह्मांड को नष्ट कर सकता था,,,
,,,, इसका हल निकालते हुए अच्छाई के रक्षकोने,,, देवताओं से मदद मांगी,,, और बदले में देवताओं ने शिवजी की मदद से,,, त्रिजल का निर्माण करवाया,,,,
, फिर त्रिजल को बाकी रक्षकों के साथ मिलाकर एक योजना बनायी,,, और उस योजना के अनुसार,,, श्रेष्ठा सुर का वध करने को कहा,,,
•,,, उन सभी रक्षकोने देवताओं की आज्ञा मानते हुए,,,, श्रेष्ठासुर को एक जाल में फंसा कर उसका वध कर दिया,,, और उसकी शक्तियों को एक तिलस्मी कलश में कैद कर,,, शिवजी के पास लेकर चले गए,,,
,,, शिवजी ने उस शक्तियों को शुद्ध कर त्रिजल को सौंप दिया और कहा,,,, अब से ब्रह्मांड की रक्षा तुम्हे ही करनी होगी,,,, तुम्हे ब्रम्हांड मे मौजूद सकारात्मक शक्तियो की रक्षा करनी होगी,,,
., श्रेष्ठा सूर के मरने से,,, शैतानी शक्तियां नब्बे फ़ीसदी कमजोर हो गई,,, और फिर उन्होंने भविष्य में दुनिया पर हमला करने की योजना बनाई,,, जब नकारात्मक शक्तीया दुबारा से ताकतवर होंगी,,,,
,,, शिव जी की आज्ञा मानते हुए त्रिजल ब्रह्मांड के अलग-अलग ग्रहों पर जाकर,,, वहां से शैतानी शक्तियों का नाश कर अच्छाई कायम करने के बाद,,, वह पृथ्वी पर चला गया,,,.
... पृथ्वी पर इंसानों के साथ हजारों वर्ष बिताने के बाद,,, त्रिजल हिमालय की पहाड़ियों के बीच ओम पर्वत के पास चला गया,,, वर्ष वहां बिताने के बाद त्रिजल एक गुफा के अंदर समाधि मुद्रा काफी में चला गया,,, जाते वक्त उसने कहा की,,, “शिव की आराध्या से जन्मा बच्चा ही इस शक्ति को पा सकता है,,,,,
,,, वर्तमान में अजय, हिमालय की पहाड़ियों में भटक रहा है,,, ठंडी हवा चलने की वजह से.. उस बर्फीली जगह पर उसे बड़ी ठंड लग रही
,,, थोड़ा आगे जाने पर उसे एक गुफा दिखाई दी,,, और ठंड से बचने के लिए अजय उस गुफा के अंदर चला गया,,, गुफा के अंदर जाते ही उसे ठंड कम लगने लगी,,,
,,, गुफा अंदर से काफी बड़ी और लंबी है,,, और अंदर से रोशनी आ रही है,,, अजय अपनी उत्सुकता कम करने के लिए अंदर चला गया,,, वह जैसे-जैसे अंदर जा रहा था रोशनी बढ़ रही थी,,,
,,, थोड़ी देर में अजय गुफा के गर्भ ग्रह में पहुंच गया है,,, जो कि अंदर से काफी चौड़ा और बड़ा है,,, वहां पर एक जगह प्रकाश का गोला पड़ा
(.., अजय ने जब उस प्राकश के गोले को देखा तोह,,, उसे उसके पास जानेकी इच्छा हुई,,, अपनी क्युरोसीटी के चलते अजय,,, उस प्रकाश के गोले के पास बढ़ने ही वाला होता है... तभी उसे सामने एक अजीब सा जानवर दिखाई दिया....
.....जिसका सिर किसी सांड का है... तो कमर तक का हिस्सा इंसान का... तो बाकी कमर के नीचे का पूरा हिस्सा घोड़े का है,,,
1, अजय जैसे ही एक कदम आगे बढ़ा, उस जानवर ने अजय के पास आकर उसे जोर से टक्कर मारी,,,
... और इसी के साथ अजय बेड से गिर गया.. और गिरते-गिरते टेबल पर रखा सामान भी गिरा दीया....अजय मन ही मन सोचने लगा.... 'यह सपना मुझे हर बार क्यों आता है?,,,
10. तभी नीचे से दादी कि आवाज आई.. क्या हुआ बेटा?, अब क्या गिरा दिया तूने?.....
,,, पहले ही अजय अभी अभी आये अपने सपने से डरा हुआ था,,,
जिससे वह काफि घबरा गया था,,, और इसिके वजह से उसकी साँस
फुल गयी थी.....
अजय हाड़बढ़ाते हुए बोला... कुछ नहीं दादी, बस कंपस बॉक्स गिर गया,,,
... फिर अजय की दादी ने,,, अजय को दुबारा आवाज लगाई,,, अब उठ गया है तो तैयार हो जा... कॉलेज भी तो जाना है?.., बहुत देर हो चुकी है,...
,,, फिर अजय ने घड़ी की तरफ देखा,,, घड़ी में 9:00 बज चुके हैं,, और आज की तारीख है दो दीसंबर दो हजार सत्तावन,, यानी की टू डिसेंबर टू थाउजंड फिफ्टी सेवेन.....
आज तो प्रोफ़ेसर बोरा की क्लास है,,, आज तो मेरी खेर नहीं,,, अजय खुदसे बड़बड़ाते हुए बोला और वह रेडी होने चला गया,,,
Aage next update mai..........
Update 1
त्रिजल की यात्रा,,,
लाखों वर्षो से इस दुनिया में,,, नकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा के बीच,,, हमेशासेही युद्ध चला आरहा है,,, इसके परिणामस्वरुप कभी नकारात्मक शक्तियां दुनियापर हावी होजाति,,, तो कभी सकारात्मक शक्तियां दुनियापर हावी होजीती थी,,,, यह दौर हर युग में आता है और इसी तरह का दौर चल रहा था,,,,,
,,,, इन सबका परिणाम अलग अलग ग्रहोपर रह रहे जीवोंपर,,, इनका बुरा असर पड़ता था,,, बुराई हमेशा अच्छाई पर हावी होने की कोशिश करती,,”
,, श्रेष्ठासुर जो कि नकारात्मक शक्तियों का सेनापति है,,, उसने सकारात्मक शक्तियों को कमजोर कर दिया था,,, क्योंकि श्रेष्ठासुर अकेले ही पूरे ब्रह्मांड को नष्ट कर सकता था,,,
,,,, इसका हल निकालते हुए अच्छाई के रक्षकोने,,, देवताओं से मदद मांगी,,, और बदले में देवताओं ने शिवजी की मदद से,,, त्रिजल का निर्माण करवाया,,,,
, फिर त्रिजल को बाकी रक्षकों के साथ मिलाकर एक योजना बनायी,,, और उस योजना के अनुसार,,, श्रेष्ठा सुर का वध करने को कहा,,,
•,,, उन सभी रक्षकोने देवताओं की आज्ञा मानते हुए,,,, श्रेष्ठासुर को एक जाल में फंसा कर उसका वध कर दिया,,, और उसकी शक्तियों को एक तिलस्मी कलश में कैद कर,,, शिवजी के पास लेकर चले गए,,,
,,, शिवजी ने उस शक्तियों को शुद्ध कर त्रिजल को सौंप दिया और कहा,,,, अब से ब्रह्मांड की रक्षा तुम्हे ही करनी होगी,,,, तुम्हे ब्रम्हांड मे मौजूद सकारात्मक शक्तियो की रक्षा करनी होगी,,,
., श्रेष्ठा सूर के मरने से,,, शैतानी शक्तियां नब्बे फ़ीसदी कमजोर हो गई,,, और फिर उन्होंने भविष्य में दुनिया पर हमला करने की योजना बनाई,,, जब नकारात्मक शक्तीया दुबारा से ताकतवर होंगी,,,,
,,, शिव जी की आज्ञा मानते हुए त्रिजल ब्रह्मांड के अलग-अलग ग्रहों पर जाकर,,, वहां से शैतानी शक्तियों का नाश कर अच्छाई कायम करने के बाद,,, वह पृथ्वी पर चला गया,,,.
... पृथ्वी पर इंसानों के साथ हजारों वर्ष बिताने के बाद,,, त्रिजल हिमालय की पहाड़ियों के बीच ओम पर्वत के पास चला गया,,, वर्ष वहां बिताने के बाद त्रिजल एक गुफा के अंदर समाधि मुद्रा काफी में चला गया,,, जाते वक्त उसने कहा की,,, “शिव की आराध्या से जन्मा बच्चा ही इस शक्ति को पा सकता है,,,,,
,,, वर्तमान में अजय, हिमालय की पहाड़ियों में भटक रहा है,,, ठंडी हवा चलने की वजह से.. उस बर्फीली जगह पर उसे बड़ी ठंड लग रही
,,, थोड़ा आगे जाने पर उसे एक गुफा दिखाई दी,,, और ठंड से बचने के लिए अजय उस गुफा के अंदर चला गया,,, गुफा के अंदर जाते ही उसे ठंड कम लगने लगी,,,
,,, गुफा अंदर से काफी बड़ी और लंबी है,,, और अंदर से रोशनी आ रही है,,, अजय अपनी उत्सुकता कम करने के लिए अंदर चला गया,,, वह जैसे-जैसे अंदर जा रहा था रोशनी बढ़ रही थी,,,
,,, थोड़ी देर में अजय गुफा के गर्भ ग्रह में पहुंच गया है,,, जो कि अंदर से काफी चौड़ा और बड़ा है,,, वहां पर एक जगह प्रकाश का गोला पड़ा
(.., अजय ने जब उस प्राकश के गोले को देखा तोह,,, उसे उसके पास जानेकी इच्छा हुई,,, अपनी क्युरोसीटी के चलते अजय,,, उस प्रकाश के गोले के पास बढ़ने ही वाला होता है... तभी उसे सामने एक अजीब सा जानवर दिखाई दिया....
.....जिसका सिर किसी सांड का है... तो कमर तक का हिस्सा इंसान का... तो बाकी कमर के नीचे का पूरा हिस्सा घोड़े का है,,,
1, अजय जैसे ही एक कदम आगे बढ़ा, उस जानवर ने अजय के पास आकर उसे जोर से टक्कर मारी,,,
... और इसी के साथ अजय बेड से गिर गया.. और गिरते-गिरते टेबल पर रखा सामान भी गिरा दीया....अजय मन ही मन सोचने लगा.... 'यह सपना मुझे हर बार क्यों आता है?,,,
10. तभी नीचे से दादी कि आवाज आई.. क्या हुआ बेटा?, अब क्या गिरा दिया तूने?.....
,,, पहले ही अजय अभी अभी आये अपने सपने से डरा हुआ था,,,
जिससे वह काफि घबरा गया था,,, और इसिके वजह से उसकी साँस
फुल गयी थी.....
अजय हाड़बढ़ाते हुए बोला... कुछ नहीं दादी, बस कंपस बॉक्स गिर गया,,,
... फिर अजय की दादी ने,,, अजय को दुबारा आवाज लगाई,,, अब उठ गया है तो तैयार हो जा... कॉलेज भी तो जाना है?.., बहुत देर हो चुकी है,...
,,, फिर अजय ने घड़ी की तरफ देखा,,, घड़ी में 9:00 बज चुके हैं,, और आज की तारीख है दो दीसंबर दो हजार सत्तावन,, यानी की टू डिसेंबर टू थाउजंड फिफ्टी सेवेन.....
आज तो प्रोफ़ेसर बोरा की क्लास है,,, आज तो मेरी खेर नहीं,,, अजय खुदसे बड़बड़ाते हुए बोला और वह रेडी होने चला गया,,,
Aage next update mai..........