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Fantasy Akki (One Man Army)

Junaid devil😈

King of All Devil 😈
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Thanks ji
And sabhi Readers se ye bhi puchna chahungi ki Font mai
English me likhu ya Hindi ke
Mujhe dono ki typing me koi issue nhi hai to jesa readers chahe wesa mai likh dugi
English
 
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very good update and waiting for next update
good writing skills

agar story Hinglish ya English me ho to acha rahega
baki app ki marji ham isse hi kush bas story isi
trah likhte rahe
 
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Urvashi794

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very good update and waiting for next update
good writing skills

agar story Hinglish ya English me ho to acha rahega
baki app ki marji ham isse hi kush bas story isi
trah likhte rahe
Thanks kuwar Sa
Finally I decide to write in Hinglish Only
Some of my Frnds having discomfort with Hindi Fonts, that's why the next update will be in Hinglish
 

Death Kiñg

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Update - 2

तो अबतक आपने पढ़ा कैसे हिमालय की एक गुफा में, कुछ साधुओं ने पूजा अर्चना से एक ज्योति पुंज प्राप्त किया और उसने एक गर्भवती औरत के गर्भ में अपना स्थान ले लिया...
.
अब आगे
..
..
डिलिवरी रुम में पेशेन्ट को ले जाए हुए आधा घंटा करीब हो चुका था, बाहर एक 20-21 साल की युवती और एक छ: फुट ऊँचाई का 35-40 साल उम्र का रौबीली मूंछों वाला आदमी हाथ में बंदूक लिए खड़ा था,

तभी हास्पिटल के बाहर गाड़ियों का शोर हुआ, जिसे सुनकर वो आदमी बाहर आया,
देखा तो बाहर दो स्कार्पियो गाड़ी आकर खड़ी थी, और तुंरत पहली गाड़ी का पिछला गेट खुला और अधेड़ उम्र की एक महिला बाहर निकली, उनके साथ एक 27-28 साल की महिला और 3-4 साल की एक बच्ची भी थी,

पीछे वाली गाड़ी से भी एक अधेड़ उम्र के आदमी और उसके साथ चार बंदूकधारी आदमी बाहर निकले,
पहली गाड़ी की ड्राईविंग सीट से एक 25-26 साल का आदमी उतर के आया, जो अंदर डिलीवरी रुम में लेटी औरत का पति था !

पात्र परिचय -

भैरव सिंह राणा - उम्र 56 साल
जो अधेड़ उम्र के आदमी पिछली गाड़ी से बाहर आए, वो भैरव सिंह राणा थे,
स्वभाव से कड़क और मन से शांत, इनके सामने अच्छे अच्छे लोगों की पतलून गीली होती है
साफ रंग 5' 10" लंबाई और चौड़े सीने वाले प्रभावी व्यक्तिगत के स्वामी
ये राणा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के मालिक हैं, जिसकी कई ब्रांच पूरे उत्तर प्रदेश और उससे लगे क्षेत्र दिल्ली और राजस्थान में है !

सावित्री देवी - उम्र 52 साल
भैरव सिंह राणा की धर्मपत्नी है, और पहली गाड़ी से यही उतरी थी,
गोरा रंग, कद सामान्य 5' 3" और भरे बदन की महिला है !
ये स्वभाव से शांत और धार्मिक प्रवृत्ति की महिला है, शहर में इनके नाम से, अनाथ बच्चों के लिए एक अनाथालय है, जहाँ ये अक्सर जाकर समय देती है !
साथ ही जिस हॉस्पिटल में अभी ये लोग खड़े हैं, वो भी इनके नाम से ही है, मतलब राणा साहब का है !

इन दोनों के तीन बच्चे हैं

बड़ा लड़का (विजय सिंह राणा) - उम्र 32 साल
ये यहाँ अभी नहीं है, काम के सिलसिले में राजस्थान है, इनका भी कद और डील-डौल अपने पिता की तरह है
5'11" की लंबाई और हष्ट-पुष्ट शरीर !
(इनका और परिचय बाद में देंगे)

छोटा लड़का (अजय सिंह राणा) - उम्र 26 साल
यही पहली गाड़ी से उतरे थे, और इन्हीं की पत्नी गर्भवती हैं !
इनका कद भी अपने पिता जितना 5'10" और गठीला शरीर है, गोरा रंग और चेहरे पर हमेशा सजी रहने वाली एक मुस्कान, जिसमें आज थोड़ा चिंता का भी समावेश है !

अजय से बड़ी एक लड़की भी है राणा साहब के
जिसका नाम है
हेमा - उम्र 29 साल और लंबाई अपनी माँ जितनी
और छरहरी काया है,
स्वभाव से गर्म मिजाज़ पर अपने परिवार पर जान छिड़कने वाली! शादी के बाद अभी अपने ससुराल में है
(आगे और परिचय देंगे)

तो ये था भैरव सिंह राणा और सावित्री देवी के तीनों बच्चों का परिचय, तीनों की शादी हो चुकी है

और विजय सिंह राणा की पत्नी कुसुम सिंह राणा- उम्र 27 साल
जो अगली गाड़ी से उतरी, ये भरे बदन की महिला है लेकिन मोटापा ज़रा भी नहीं, सुंदर काया और लंबाई भी 5'5" की !
इनकी और विजय की एक तीन साल की बेटी आरुषि है !

अजय सिंह राणा की पत्नी जो अंदर डिलीवरी रुम में है
उनका नाम यशोदा है - उम्र 23 साल लंबाई 5'4"
इनका स्वभाव भी अपनी सासू माँ की तरह ही है, ये भी उनके साथ अनाथालय में कभी कभी जाती है !
छरहरी और सुंदर काया है, पर अभी प्रेग्नेंट है और अंदर डिलीवरी रुम में है !

आगे और पात्रों का परिचय समय समय पर मिलता रहेगा !

तो सभी लोग अंदर हॉस्पिटल में आ पहुँचे और अजय ने उस युवती को पुकारा जो डिलीवरी रुम के बाहर थी !

रेनू - उम्र 21 साल यशोदा की छोटी बहन हैं, जो अभी अपनी दीदी पास ही आई हुई थी !
चंचल स्वभाव पर तेज दिमाग वाली लड़की, रुप में अपनी बहन यशोदा जैसे ही है, पर जींस टॉप पहनने वाली मार्डन ख्यालातों की लड़की !

अजय ने रेनू से वहाँ के बारे में पूछा, तो रेनू बताने लगी,
'मैं वहीं दीदी के रुम में थी, और थोड़ी देर के लिए वाॉशरुम गयी थी, और जब वापस आई तो नर्स लोग दीदी को डिलीवरी रुम में ले जा रहे थे, दर्द उठने लगा था दीदी के' !

इधर भैरव सिंह राणा को देख, सारा हॉस्पिटल स्टाफ उनके इर्द-गिर्द आकर, उन्हें बैठने को कहने लगे, भैरव सिंह राणा ने वहाँ खड़े उस छ: फीट के आदमी के कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा -
शमशेर सब ठीक है ना ?
शमशेर, राणा साहब का सबसे भरोसेमंद और खास आदमी है, जिसके बाप दादा भी पहले इनके परिवार की सेवा में रहे हैं, और बदले में राणा साहब भी इसे परिवार के सदस्य की तरह ही मानते हैं !

शमशेर ने जवाब दिया, 'जी बड़े मालिक जैसे रेनू बिटिया ने बताया, मैं भी डाक्टर्स और नर्सों को छोटी बहुरानी के डिलीवरी रुम में ले जाने तक से यही मौजूद हूँ' !

इतने में डिलीवरी रुम का दरवाजा खुला और मुख्य डाक्टर जिन्होंने डिलीवरी कराई वो बाहर निकली, जैसे ही उन्होंने भैरव सिंह राणा और सावित्री देवी को देखा, वो तेज़ क़दमों से उनके पास पहुंची

सावित्री देवी जो कब से खामोश खड़ी थी, उन्होंने डाक्टर से पूछा, मेरी बेटी कैसी है डाक्टर साहिबा, यहाँ मैं बता दूँ सावित्री देवी अपनी दोनों बहुओं को बेटी जैसी ही मानती है, तो उन्होंने बेटी कहा,
डाक्टर ने बताया, जी मैम वो पूरी तरह ठीक है, पर बच्चा पेट में घूम गया था, तो...इतना सुनते ही अजय सिंह राणा बोल पड़ा, क्या मेरी यशोदा का आप्रेशन करना पड़ा आपको, कैसी है वो,

तो डाक्टर बोली, जी चांस तो आप्रेशन के ही बन रहे थे, पर जैसे जैसे बच्चे को हम निकालने की कोशिश करने लगे, यशोदा जी का दर्द खुद ब खुद कम होने लगा या क्या कहे, लेकिन उनके चेहरे पर दर्द के निशान सब मिट कर एक मुस्कान आने लगी, जैसे डिलीवरी के उस दर्द में भी असीम सुख मिल रहा हो उन्हें, हमें भी देखकर ताज्जुब हुआ कि आज़ तक के कैरियर में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ ना कहीं सुना !

ये सब सुनकर सबकी आंखें आश्चर्य से बड़ी हो गयी, और तब उन्हें और आश्चर्य हुआ जब डाक्टर ने बताया कि, यशोदा ने एक बेटे को जन्म दिया है, और ठीक वैसी ही मुस्कान उस बच्चे के चेहरे पर थी, जो कि नार्मली नहीं होता, जन्म के बाद सभी बच्चे रोते ही है !

ये दोनों बातें सुनकर जहाँ सभी को आश्चर्य हुआ वहीं ये जानकार खुशी हुई, कि यशोदा और उसका बच्चा दोनों ठीक है,

सावित्री देवी बोली क्या मैं अपनी बेटी और पोते को देख सकती हूँ !
डाक्टर ने उन्हें अंदर जाने को कहा, तो सावित्री देवी, कुसुम, आरुषि और अजय अंदर जाने लगे !

सबकी निगाह पहले यशोदा पर गयी जो बेड पर लेटी सो रही थी शायद, या बेहोश थी, मोहक मुस्कान अब भी उसके चेहरे पर थी, और एक असीम शांति
पर एक आरुषि थी केवल जिसकी निगाह बगल में लगे पालने पर लेटे बच्चे पर गयी, जो आरुषि को देख कर मुस्कुरा रहा था, और आरुषि उसके पास जाने लगी !

आरुषि ने पास जाकर, उस बच्चे से कहा, तुम कौन हो क्या मैं तुम्हें जानती हूँ, जवाब में वही मुस्कान लिए वो बच्चा आरुषि के चेहरे को देखता रहा !
आरुषि अपनी मम्मी का हाथ पकड़ के बोली, मम्मा देखो ना कितना क्यूट गुड्डा है, पर ये कुछ बोल नहीं रहा, इससे बोलो ना मुझसे बातें करें !

सबकी निगाह अब जाकर उस बच्चे पर गयी, जो मुस्कान लिए सबको देख रहा था, सावित्री देवी बोली, डाक्टर ने ठीक ही कहा था, ये सच में एक चमत्कार हैं,
अजय ने आगे बढ़कर बच्चे को गोद में उठा लिया, और उसे चूमने लगा, उसकी आंखों में खुशी के आंसू आ गये थे, आखिर बाप बना था,

अजय से फिर सावित्री देवी ने बच्चे को गोद में लिया, और उसके मासूम चेहरे को निहारने लगी, वो बच्चा भी सावित्री देवी की आंखों में झांकने लगा, और फिर दोनों एक साथ ही मुस्कुरा पड़े, सावित्री देवी ने आरुषि के सर पर हाथ फेरते हुए कहा, हाँ गुड़िया तूने सही कहा,

ये सच में एक गुड्डा है, और तू जानती है ये गुड्डा तेरा भाई है, तेरा छोटा भाई,
ये सुनते ही आरुषि खुशी से उछलने लगी, याहू मेरा एक छोटा भाई भी है अब,
थैंक्स मम्मी कहकर वो कुसुम को गले लगाने लगी, तो कुसुम उसके सर पर हाथ फेरते बोली, हाँ गुड़िया तेरा भाई है ये, पर थैंक्स मुझे नहीं अपने अजय चाचू और यशोदा चाची को देना, उन्हीं की मेहनत का फल है ये, आंख मारते हुए अजय को देख वो बोली,
तो अजय शर्मा गया, क्या भाभी आप भी ना...अब जैसे गुड़िया भी मेरी बेटी है, तो ये भी तो आपका बेटा हुआ..

कुसुम, सावित्री देवी से बच्चे को गोद में लेते हुए बोली, हाँ मेरा ही बेटा है ये, देखना मैं इसे यशोदा से भी ज्यादा प्यार दूँगी, ये सुनकर बच्चे के भी चेहरे पर मुस्कान आ गयी, तो कुसुम बोली, देखो माँ जी कैसे हँस रहा है ये, जैसे मेरी सब बातें समझ रहा हो !

इतने भी भैरव राणा रुम में आने लगे तो, कुसुम ने सर पर पल्लू डाल लिया और बच्चा सावित्री देवी को दिया,
भैरव सिंह राणा ने, जैसे ही बच्चे को देखा, उनकी आंखों में आसूं आ गये, वो बोले तू आ गया, मेरे वंश के चिराग
और बच्चे को गोद में लेकर उसका माथा चूमा,

अपनी जेब से पाँच सौ के नोटों की गड्डी निकाल बच्चे के सर पर से फिराकर उन्होंने नर्स को दी, और कहा की पूरे हास्पिटल में अभी दीवाली बननी चाहिए, सबको मिठाईयाँ दो चमका दे हास्पिटल, आज़ मेरे वंश का चिराग आया है, सबको मालूम चलना चाहिए !
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Next update will be soon
तो दोस्तों अभी इन सबको थोड़ा खुशियाँ मनाने दो अगले अपडेट में बच्चे को घर में लेकर चलेंगे उसका नामकरण हो सकता है, ये अपडेट थोड़ा छोटा रहा हो, पर धीरे धीरे बड़े होने लगेंगे, मेरी पहली कहानी है तो सीखने में भी थोड़ा समय लगेगा
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Thanks all 🤩🤩
Kaafi badiya likh rahin hain aap ,Aesa bilkul bhi nahi lag raha ke ye aapki pehli story hai....

Kaafi pyaar lagta hai iss parivaar ke har sadasya mein. Miljul kar rehne waale logon mein se hain ye. To Hero ka janam ho gaya hai aur ye rone ke bajay hasta muskurata paida hua hai....

Ho bhi kyon na Mahakal aur Mahakali ka aashirwad jo hai. Ek suggestion hai ke aap first page par index bana lijiye. Jab story aage badhegi to readers ko aasani hogi...

Excellent Update & Waiting for Next....
 
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