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Rekha rani

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UPDATE 50


काफी देर से चल रहे ऑपरेशन के बाद डॉक्टर और सोनिया कमरे से बाहर आए....

संध्या – (डॉक्टर और सोनिया से) कैसा है अभय....

सोनिया – ऑपरेशन कर दिया है हमने अभय के सिर से काफी खून निकल गया था अभी फिलहाल बेहोश है वो बाकी होश में आने पर ही कुछ कहा जा सकता है....

संध्या – अभय के पास जा सकती हूँ....


सोनिया – मै रोकूंगी नहीं लेकिन प्लीज अभी के लिए आप सब उसे बाहर से देखें यही सही रहेगा शाम तक एक बार चेक करके बता सकती हूँ मैं....

बोल के सोनिया एक तरफ हो जाती है जिसे देख अलीता चुप चाप सोनिया की पास जाके....

अलीता – (सोनिया से) क्या बात है सोनिया....

सोनिया – अभय के सिर में गहरी चोट लगी है सब कुछ सही कर दिया मैने लेकिन अभय होश में कब आएगा ये नहीं बता सकती हूँ मैं....

अलीता – (हैरानी से) क्या मतलब है तेरा....

सोनिया – पक्का तो नहीं बोल सकती अगर 24 घंटे में होश नहीं आया अभय को तो हो सकता है शायद कोमा में....

अर्जुन – (बीच में टोक के) तुम्हे किस लिए लाए है हम क्या ये बताने के लिए....

सोनिया – मैने पूरी कोशिश की है जब तक होश नहीं आता मै कैसे कुछ कह सकती हु....

अर्जुन – सोनिया तुम्हे मेडिकल में किसी भी चीज की जरूरत पड़े मै मंगवा सकता हु लेकिन अभय ठीक होना चाहिए बस....

अलीता – (अर्जुन के कंधे पे हाथ रख के) परेशान मत हो उसने अपनी तरफ से पूरी कोशिश कि है बस होश आ जाय अभय को एक बार....

सोनिया – (अर्जुन को एक पैकेट देते हुए) इसमें अभय का सामान है उसके कपड़ो से मिला मुझे....

अर्जुन पैकेट को देखता है जिसमें अभय की घड़ी , मोबाइल , गले का लॉकेट , सोने की सिक्के और कुछ कैश था जिसे देख....

अर्जुन – (पैकेट में रखे सामान को देख) अजीब लड़का है ये सब जानते हुए भी लॉकेट और सिक्के लेके घूम रहा है ये भी कोई जेब में रख के घूमने की चीज है....

अलीता – ये सब छोड़ो चाची का सोचो देखो जब से चाची , शालिनी और चांदनी यहां आए है तब से सिर्फ रोए जा रही है तीनों....

अर्जुन –(संध्या के पास जाके) चाची चुप हो जाओ ऐसे रोने से कुछ नहीं होगा....

संध्या –(रोते हुए) कैसे अर्जुन कैसे अपने आसू रोकूं इनके अभी अभी तो मिला था मुझे मेरा अभय मिलते ही (रोते हुए अर्जुन के कंधे पे सिर रख जोर से रोने लगी) अर्जुन मुझे मेरा अभय दिला दो वापस मै उसे लेके चली जाऊंगी दूर यहां से कही नहीं चाहिए मुझे कुछ भी अभय के इलावा....

अर्जुन – आप चिंता मत करो चाची मै वादा करता हू अभय आपको मिलेगा जरूर मिलेगा उसे कुछ नहीं होगा (शालिनी से) खुद को संभालिए शालिनी जी प्लीज....

शालिनी – (रोते हुए) संध्या बिल्कुल सही बोल रही है अर्जुन अभय यहां नहीं रहेगा अब उसके ठीक होते ही चलाएंगे हम यहां से बहुत हो गया ये सब....

अर्जुन – देखिए शालिनी जी अभी आप....

शालिनी –(बात काट के) नहीं अर्जुन अब नहीं बस बहुत हुआ ये सब देखो संध्या को आखिर किसकी गलती की सजा भुगत रही है वो सिवाय रोने के सिवा क्या किया उसने इतने साल तक तड़पती रही अभय के लिए और अब उसे अभय मिला और मिलते ही ये सब नहीं अर्जुन मैने फैसला कर लिया है अभय जैसे ही ठीक हो जाएगा हम यहां से चले जाएंगे दूर कही....

गीता देवी – (रोते हुए बीच में) सही बोल रही है संध्या और शालिनी जी अरे जिस उमर में बच्चे पढ़ाई मस्ती में अपने दिन बिताते है उस उमर में अभय दुश्मनों से लड़ रहा है आखिर किस लिए और क्यों दुश्मनी का बीज बोने वाला कोई और है और उसे भुगते अभय , नहीं अब नहीं होगा ऐसा कुछ भी अर्जुन....

चांदनी – (अपनी मां के कंधे पे हाथ रख के) ठीक है मां हम यही करेंगे बस आप शांत हो जाओ मां बस दुआ करो बस हमारा अभय जल्दी ठीक हो जाएं....

माहोल को समझ के अर्जुन ने अभी चुप रहना सही समझा दूसरी तरफ मालती और ललिता भी अपने आसू बहा रहे थे साथ में निधि अपनी मां के साथ बैठी थी और रमन और अमन बगल में खड़े अपनी अपनी सोच में गुम थे जहां रमन आज मेले में हुए अचानक हमले से सोच में डूबा हुआ था वहीं अमन आज सुबह अभय ने जो किया उसके बाद से अपने आप में गुम था जैसे कोई फैसला लेने में लगा हुआ था जबकि इनसे अलग एक तरफ कोने में अलग बैठी शनाया अस्पताल के उस कमरे को देखे जा रही थी जहां से अभी डाक्टर ने निकल के संध्या को बताया जबकि अर्जुन , अलीता और सोनिया ये तीनों इस बात से अंजान थे कि जहां पर इन तीनों ने बात की उसे शनाया ने सुन लिया था जिस वजह से बेजान बन के बैठी रही इस तरफ देवेंद्र ठाकुर अपनी बीवी रंजना और अपने भाई राघव के साथ अस्पताल में खड़ा था संध्या और शालिनी के साथ तभी....

देवेन्द्र ठाकुर – (एक तरफ अर्जुन के पास आके) तुम कौन हो बेटा काफी देर से देख रहा हूँ तुम्हे जब तुमने संध्या को चाची कहा जिसे सुन मै समझ नहीं पा रहा हूँ तुम्हे....

अर्जुन – कमल ठाकुर का बेटा अर्जुन ठाकुर....

देवेन्द्र ठाकुर –(हैरानी से) क्या तुम अर्जुन हो तुम कहा थे इतने साल तक....

अर्जुन – मामा जी सब बताऊंगा लेकिन अभी सिर्फ अभय ठीक हो जाए एक बार....

देवेन्द्र ठाकुर – (अर्जुन के कंधे पे हाथ रख के) परेशान मत हो अभय ठीक हो जाएगा देवी भद्रकाली सब ठीक करेगी बेटा....

जबकि एक तरफ तीन लोग बैठे अपने आसू बहते हुए आपस में बाते कर रहे थे....

राज – ये सब अचानक से क्या हो गया यार सब कुछ कितना अच्छा चल रहा था....

राजू – गलती कर दी यार हमें कही जाना ही नहीं चाहिए था....

लल्ला – क्या सोचा था हमने मेले के बाद आज रामलीला की शुरुवात अभय से करवाएंगे लेकिन मेले में ये सब अचानक से हुआ कैसे यार....

राज – सब मेरी गलती है इसमें मुझे अभय के साथ रहना था....

लल्ला – (राज के कंधे पे हाथ रख) दुआ करो के अभय जल्दी से ठीक हो जाय बस....

राजू – इस वक्त मुझे ये बात कहनी तो नहीं चाहिए लेकिन वो आदमी रणविजय जिसे अभय ने मार दिया उसने ऐसा क्यों बोला जायज़ और नाजायज वाली बात आखिर कौन था वो क्या रिश्ता था उसका ठाकुर परिवार के साथ...


इन तीनों के पास खड़ा अर्जुन और देवेंद्र ठाकुर इतनी देर से तीनों की बात सुन रहे थे राजू की आखिरी कही बात सुन दोनो एक दूसरे को देखने लगे जिसके बाद अर्जुन एक तरफ निकल गया जिसे देख देवेन्द्र ठाकुर पीछे चला गया अर्जुन एक जगह रुक के....

देवेन्द्र ठाकुर – (अर्जुन से) तुमलोग वही थे ना लेकिन तुमलोगो को कैसे पता चला इस हमले के बारे में....

अर्जुन – हवेली में आते ही ताला टूटा था दरवाजा खुला हुआ था अन्दर खून के निशान जो अभय के कमरे गए थे वहां एक पहेली लिखी थी....

देवेन्द्र ठाकुर –(चौक के) क्या पहेली और क्या थी वो....

अर्जुन – (पहेली – बाप के किए की सजा) पढ़ते ही समझ गया था मैं अभय खतरे में है तुरंत वहां से निकल गए (रस्ते में जो हुआ सब बता दिया जिसे सुन.....

देवेन्द्र ठाकुर – मनन ऐसा कभी नहीं कर सकता है मै अच्छे से जनता हूँ मनन को....

अर्जुन – मामा जी ये वो पहेली है जो मेरे भी समझ के परे है लेकिन जिस तरह से रणविजय बोल रहा था उससे तो....

देवेंद्र ठाकुर – (बीच में बात काट के) एक मिनिट क्या नाम लिया तुमने रणविजय....

अर्जुन – हा यही नाम था उसका क्यों क्या हुआ मामा जी....

देवेंद्र ठाकुर – ऐसा लगता है जैसे ये नाम सुना हुआ है मैने , उसकी लाश कहा है शायद देख के याद आ जाए मुझे....

अर्जुन – उसी खंडर में है लाश उसके बाकी लोगों के साथ....

देवेंद्र ठाकुर – ये खंडर का क्या चक्कर है मैंने पहले भी सुना है उसके बारे में बताते है श्रापित है वो....

अर्जुन – (अंजान बनने का नाटक करते हुए) पता नहीं मामा जी इस बारे में दादा ठाकुर ही जानते थे सारी बात आपकी तरह मैने भी श्रापित वाली बात सुनी है बस....

देवेंद्र ठाकुर – (अपने भाई राघव से) राघव खंडर में जिस आदमी को अभय ने मारा उसकी लाश कहा है.....

राघव – भइया वो वही खंडर में है....

देवेंद्र ठाकुर –पुलिस को खबर कर दो ताकि लाश पोस्टमार्टम के लिए लाई जा सके मै चेहरा देखना चाहता हु लाश का....

राघव – जी अभी कर देता हू खबर....

तभी अस्पताल के बाहर गांव वाले इक्कठा हो गए थे मेले की शुरुवात के वक्त से ही जब से गांव के लोगों को पता चला शहर से आया वो लड़का जिसने गांव में आते ही उनकी जमीन उन्हें वापस दिला दी वो कोई और नहीं मनन ठाकुर का बेटा ठाकुर अभय सिंह है जिसने बचपन से कभी ऊंच नीच देखे बिना गांव में घूमता सबसे बाते करता किसान के बच्चों के साथ खेलता जिस वजह से बचपन से ही अभय पूरे गांव वाले की नजरों में ऐसा छाया गांव के लोग अभय को अभय बाबा कह के बुलाने लगे और बचपन में जब अभय के मारने की खबर मिली थी गांव वाले को उस दिन गांव के काफी लोगो ने भी अपने आंसू बहाए थे और आज जब उन्हें पता चला वो शहर लड़का और कोई नहीं उनका अभय बाबा है जो मेले में हादसे की वजह से अस्पताल में घायल अवस्था में है वो सब अपने आप को रोक ना सके गांव से सभी आदमी औरत अस्पताल में एक साथ आ गए अभय का हाल जाने के लिए अस्पताल में पूरे गांव के लोगों को एक साथ देख हवेली के कुछ लोग बहुत हैरान थे जैसे रमन और अमन गांव की इस भीड़ में कोई ऐसा भी था जो अस्पताल के अन्दर तेजी से संध्या के पास आ गया आते ही....

शख़्स – (रोते हुए) अभय कैसा है....

संध्या – (नजर उठा के अपने सामने रोती हुई खड़ी पायल को देख उसे गले लगा के) मत रो तू वो अभी बेहोश है डॉक्टर ने बोला है कुछ वक्त लगेगा होश आने में....

पायल – (रोते हुए) क्यों होता है ऐसा मेरे साथ मेरी क्या गलती है इसमें बचपन में स्कूल से मुझे जबरदस्ती अपने साथ घुमाता था अभय जब मुझे उसकी आदत पड़ गई तो चला गया छोड़ के मुझे अब जब वापस आ गया तो फिर से आखिर क्यों करता है अभय ऐसा क्या गलती है मेरी इसमें....

संध्या – (पायल के आंसू पोछ के) कोई गलती नहीं है तेरी सब मेरी गलती थी इसमें मेरी की गलती की सजा तूने भुगती माफ कर दे मुझे पायल....

पायल ना में सिर हिलाते हुए एक बार फिर से संध्या के गले लग के रोने लगी जिसे प्यार से संध्या उसके सिर पे हाथ फेरती रही जबकि इस तरफ गांव की भीड़ में अभी भी कई लोग ऐसे थे जो आपस में बात कर रहे थे....

1 गांव वाला – देख रहे हो आज कैसे रो रही है ठकुराइन....

2 गांव वाला – यार ये सिर्फ दिखावा कर सकती है इसके इलावा किया ही क्या है इसने अब तक याद है तुझे जब बचपन में अभय बाबा की लाश के बारे में पता चला था तब तो ये देखने तक नहीं आई थी हवेली से बाहर यहां तक कि हवेली के बाहर से लाश को विधि विधान के साथ ले जाके अंतिम संस्कार कर दिया गया था लेकिन फिर भी एक आखिरी बार तक नहीं देखा और आज तो....

3 गांव वाला – सही बोल रहा है तू शायद तभी अभय बाबा गांव में आने के बाद भी हवेली में रहने नहीं गए अकेले ही हॉस्टल में रहते थे जाने इतने वक्त कैसे रहे होगे अंजान शहर में अकेले....

गीता देवी – (बगल में खड़ी इनकी बात सुनती रही जब इनलोगों ने बोलना बंद किया) और कुछ बोलना बाकी रह गया हो तो वो भी बोल दो तुम सब....

1 आदमी – माफ करना दीदी हम सिर्फ अभय बाबा के खातिर आए थे यहां पर लेकिन आज फिर से ठकुराइन को देख सालों पहले पुरानी बात याद आ गई थी....

गीता देवी – वक्त एक जैसा नहीं रहता है हर किसी का बदलता है वक्त बरसो पहले जो हुआ इसका मतलब ये नहीं उसकी सजा इंसान जिंदगी भर भुगते और रही बात जमीन की अभय के आने की वजह से तुम्हे जमीन वापस नहीं मिली है बल्कि संध्या के कारण मिली है जमीन तुम्हे अगर वो सच में डिग्री कॉलेज तुम्हारी जमीन में बनवाना चाहती तो उसे रोकने वाला भी कोई नहीं था वहा पर ये संध्या की अच्छाई थी जिसे सच का पता चल गया तभी जमीन वापस मिली थी तुम्हारी समझे इसीलिए अगली बार किसी के लिए उल्टा बोलने से पहले सोच लिया करो....

ये सब हो रहा था तभी राघव ठाकुर का फोन बजा जिसे उठाते ही सामने वाले से बात की उसकी बात सुन राघव की आंखे बड़ी हो गई कॉल कट होने के बाद राघव ठाकुर अपने बड़े भाई देवेंद्र ठाकुर के पास गया जहा पर उसके साथ अर्जुन खड़ा था वहां आते ही....

राघव ठाकुर –(अपने भाई देवेंद्र ठाकुर से) भइया पुलिस खंडर में गई थी उन्हें वहां लाशे भी मिली लेकिन रणविजय की लाश नहीं मिली उन्हें वहां पर....

देवेंद्र ठाकुर –(चौक के) क्या ये कैसे हो सकता है....

अर्जुन – (दोनो की बात सुन बीच में बोल पड़ा) मामा जी खेल अभी खत्म नहीं हुआ है ये....

देवेंद्र ठाकुर – क्या मतलब है तुम्हारा....

अर्जुन – रणविजय ने नाजायज होने वाली बात कही थी अगर वो नाजायज है तो उसका परिवार भी तो होगा जरूर उसकी लाश उसके परिवार का ही कोई ले गया होगा खंडर से....

देवेंद्र ठाकुर – (अर्जुन की बात सुन संध्या की तरफ देख के) इसका मतलब अभय और संध्या पर से खतरा अभी टला नहीं है....

अर्जुन – (हल्की मुस्कान के साथ) खतरा वो भी यहां पर , आने वाले खतरे को खतरे का ऐसा एहसास दिलवाऊंगा उस खतरे की रूह भी काप जाएगी....

देवेंद्र ठाकुर – इसमें मेरी जरूरत तुम्हे कभी भी पड़े मै तयार हु हर वक्त अपनी बहन और भांजे के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ....

अर्जुन – जनता हूँ मामा जी आप चिंता मत करिए जब तक अभय ठीक नहीं हो जाता और जब तक दुश्मनी का ये किस्सा खत्म नहीं होता मै कही नहीं जाऊंगा यही रहूंगा सबके साथ मैं ले देके बस यही मेरा एकलौता परिवार बचा है....

इन तीनों के बीच एक बंदा और था जो इनकी बात एक तरफ होके सुन रहा था जिसके बाद वो सीधा गया किसी के पास....

राजू – (राज और लल्ला से) अबे लगता है ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ है....

राज – (कुछ ना समझ के) क्या बके जा रहा है बे तू सही से बता....

फिर राजू ने जो सुना वो सब बता देता है जिसके बाद....

राज – (कुछ सोच के) राजू एक काम कर तू यहां से जा और अपनी नजरे बना के रख ही जगह तेरे जितने भी खबरी है गांव में बोल दे उनको डबल पैसे देने का बोल उनको ताकि कोई भी बात पता चलते ही सिर्फ तुझे बताए जल्दी से हमारे पास यही एक मौका है राजू अगर खंडर से उस आदमी की लाश गायब हुई है तो जरूर उसका अंतिम संस्कार भी होगा एक बार पता चल जाए तो ये भी पता चल जाएगा कौन है वो जो अभय को मारना चाहता है....

लल्ला – अबे ये सब तो समझ में आया लेकिन पैसे आएंगे कहा से ये सोचा है तूने....

अर्जुन – (बीच में टोक के) मै दूंगा पैसे....

तीनों एक साथ – (चौक के) अर्जुन भइया आप....

अर्जुन – हा मै तुमलोगो को क्या लगा मै जनता नहीं तुमलोगो को....

राजू – भइया हमें तो अभय ने बताया था आपके बारे में ये भी की आप तो KING 👑 हो हर काम चुटकी बजा के कर सकते हो आप आपको हमारी क्या जरूरत....

अर्जुन – (चुप रहने का इशारा करके) मै KING 👑 हूँ ये बात गांव में कोई नहीं जनता है (राजू से) तुम अपने तरीके से पता लगाओ बात का मेरे कुछ लोग तुम्हारी मदद करेंगे इसमें तुम्हारी और एक बात जब तक अभय इस अस्पताल में है तब तक के लिए हम चारो हर वक्त अस्पताल में रहेंगे तुमलोग को हथियार चलना आता है....

चारो एक साथ – हा आता है अच्छे से....

अर्जुन – ठीक है थोड़ी देर में मेरा आदमी आके तुमलोगो को हथियार देगा जरूरत पड़ने पर इस्तमाल करना....

राज – लेकिन मा और बाबा....

अर्जुन – अब ये भी मै ही संभालों क्या....

तभी अस्पताल में अचानक से M M MUMDE सर आए कुछ लोगो के साथ जिसमें चार आदमी सूट बूट में थे और बाकी के चार में

1 – सायरा ,
2 – अनिता ,
3 – आरव और
4 – रहमान

थे और साथ में उनके पीछे से सत्या बाबू आ रहे थे ये नजारा देख के राज , राजू और लल्ला M M MUMDE को इस रूप में देख के हैरान थे वही....

अर्जुन – (M M MUMDE और उनके साथ लोगो को देख उनके सामने जाके) क्या बात है जैसा हर बार होता आया है आज भी वैसा ही हो रहा है जब सब कुछ खत्म हो जाता है तभी पुलिस आती है और आज तो CBI CHIEF खुद चल के सामने आए है....

M M MUMDE – (अर्जुन से) जनता हूँ अच्छे से मै तुम किस बात का ताना दे रहे हो लेकिन ये मत भूलो किसके सामने खड़े होके बात कर रहे हो तुम भले तुम KING 👑 होगे दुनिया के लिए इसका मतलब ये नहीं कि हर पुलिस वाला तुम्हारे सामने अपने सिर झुका दे....

अर्जुन – अरे अरे आप तो गलत समझ बैठे मेरी बात का मतलब CBI CHIEF या ये कहूं M M MUMDE सर मैने तो बस वही बोला जो होता आया है काम खत्म होने के बाद पुलिस आती है वैसे ही आप भी आ गए यहां तो बताएं क्या जानने आए है आप या बताने आए है आप....

M M MUMDE – अब मै CBI CHIEF नहीं रहा मैने छोड़ दी वो नौकरी....

अर्जुन – (हैरान होके) क्या ऐसा करने की वजह क्या थी आपकी....

M M MUMDE – तुम हो वो वजह जो यहां आ गए इस गांव में तुम्हारे रहते कोई काम कानून के मुताबिक हो पाया है आज तक जो इस गांव में होगा....

अर्जुन – (हस्ते हुए) छोड़ा आपने है और दोषी मै बन गया....

सत्या बाबू – (बीच में आके) बस करिए अब बहुत हो गया ये सब यहां अभय अस्पताल में पड़ा हुआ है और आप दोनों आते ही अपने में लगे हुए है....

गीता देवी – (सताया बाबू से) आप कहा रह गए थे....

सत्या बाबू – अस्पताल आ रहा था रस्ते में (M M MUMDE की तरफ इशारा करके) इनको देख खंडर में जाते हुए वही चल गया था देखने और यही आ गया इनके साथ मै खेर छोड़ो ये सब अभय कैसा है अब....

गीता देवी – बेहोश है अभी होश में आने का इंतजार कर रहे है (अर्जुन से) छोड़ बेटा ये सही वक्त नहीं है ये सब बात करने का....

अर्जुन – (मुस्कुरा के) बड़ी मां हमारे M M MUMDE सर पुलिस होने का फर्ज निभा रहे है बस....

गीता देवी – (अर्जुन की बात सुन मुस्कुरा के) अब चलो आप सब बाकी बाते बाद में करना....

अर्जुन – (गीता देवी से) बड़ी मां आप मुझे आप क्यों बोल रहे हो मैं आपका अपना नहीं हूँ क्या या सिर्फ अभय ही है आपका....

गीता देवी – (मू बना के) चुप कर तू बड़ा आया मेरे साथ खेलने वाला (अर्जुन का कान पकड़ के) तेरी ये चाल मेरे सामने नहीं चलेगी समझा होगा तू दुनिया के लिए कोई KING 👑 बिंग मेरे लिए तू वही पुराना अर्जुन है जैसे बचपन में था....

गीता देवी की बात सुन मुस्कुरा के....

अर्जुन – (गीता देवी को गले लगा के) आपकी इस डॉट को बहुत याद करता था मैं पूरे गांव में बस एक आप ही हो जो मुझे डॉटती थी....

गीता देवी – वो तो मैं आज भी डॉटती हूँ और हमेशा डाटू गी समझा अब चल सबके पास....

चांदनी – (अपने चारो साथियों से) ये चारो कौन है CHIEF के साथ और CHIEF ने ऐसा क्यों कहा उन्होंने छोड़ दिया ये काम क्या मतलब है इसका....

सायरा – जब से KING 👑 गांव में आया है तभी से CHIEF ने Registration की तैयारी कर ली उनका कहना था वो नहीं चाहते थे कि KING 👑 इस गांव में कभी आए KING 👑 के आने की वजह से उन्होंने ऐसा किया और ये चारो वही लोग है को 2 साल पहले लापता हो गए थे खंडर में आज के हादसे के बाद CHIEF हम सब के साथ खंडर में गए थे वही एक कोठरी में ये चारो मिले हमे....

चांदनी – लेकिन ये बात तो नहीं हो सकती CHIEF के Registration की जरूर कोई ओर बात है मै पता करती हु बाद में....

सायरा – अभय कैसा है अब....

चांदनी – डॉक्टर ने इलाज किया है अभी बेहोश है बस उसके होश में आने का इंतजार कर रहे है सब शायद 24 घंटे लग सकते है....

आज इस हादसे के बाद अस्पताल में सभी को बैठे हुए शाम हो गई थी लेकिन अभी तक अभय को होश नहीं आया था इस बीच सोनिया कई बार अभय को चेक करती रही किसी ने भी सुबह से कुछ खाया नहीं था....

अलीता – (संध्या से) चाची जी सुबह से शाम हो गई है उठिए हाथ मू धो लीजिए मैंने सबके लिए चाय मंगवाई है....

संध्या – अभय ने भी सुबह से कुछ भी नहीं खाया पिया है अलीता मै कैसे खा पी लु जब तक अभय ठीक नहीं होता मै यही रहूंगी कही नही जाऊंगी बिना अभय को साथ लिए....

अलीता – (संध्या के कंधे के हाथ रख के) चाची बिना खाय पिए कैसे काम चलेगा जरा बाकियों को देखिए आप आपके साथ सुबह से वो सब भी यही है अभय के इंतजार में उन्होंने भी सुबह से कुछ भी नहीं खाया पिया है अपने लिए ना सही तो उनके लिए कुछ खा लीजिए आप....

देवेंद्र ठाकुर – (संध्या से) खा लो कुछ संध्या भूखे रहने से भला किसी को कुछ मिला है आज तक खाना खा लो अभय की चिंता मत करो मां भद्र काली जल्दी अच्छा कर देगी उसे....

बात मान के हा बोल दी संध्या ने तभी....

ललिता – मैं हवेली जाके सबके लिए खाना बना के लाती हूँ (मालती से) मालती चल जरा....

सायरा – मै भी चलती हु आपके साथ....

बोल के तीनों निकल गए हवेली की तरफ जबकि आज दिन के हुए हादसे के बाद जैसे ही अभय को लेके सब खंडर से निकले थे उसके कुछ देर बाद एक गाड़ी से तीन लोग आय खंडर के अन्दर जाके रणविजय की लाश को लेके निकल गए गांव से दूर एक जगह पर वहां आते ही वो आदमी किसी को कॉल मिलने लगा कई बार लगातार करने के बाद कॉल किसी औरत ने उठाया....

औरत – क्या बात है गजानन मुझे कॉल क्यों मिलाया तुमने....

गजानन – मैडम आप कहा पर है....

औरत – हूँ मैं एक जगह तुम जल्दी से बोलो क्यों कॉल किया क्या काम है....

गजानन – (चौक के) आपको पता नहीं आज क्या हुआ है यहां पर....

औरत – (चौक के) कहा क्या हुआ है पहेली मत भुजाओं सही से बताओ क्या बात है....

गजानन – मैडम वो रणविजय मारा गया....

औरत – (गजानन की बात सुन आंख से आसू निकल आया साथ गुस्से में) क्या बकवास कर रहा है तू जानता है ना....

गजानन – मै सच बोल रहा हूँ मैडम खंडर से रणविजय की लाश लेके आया हु मै उसके साथ मेरे कई आदमी भी मारे गए है....

औरत – (रोते हुए) किसने किया ये सब....

गजानन – वहां पर लगे कैमरे की रिकॉर्डेड मेरा आदमी आपको भेज देगा आगे क्या करना है मैडम....

औरत – (गुस्से में) अब जो होगा मैं खुद करूंगी मेरा खून बहाया है उनलोगों ने इसकी कीमत उन्हें अपने खून से चुकानी पड़ेगी....

गजानन – अगर आप कहे तो उनका काम कर देता हू मै आज ही....

औरत – (गुस्से में) नहीं खून बहेगा उनका लेकिन इतनी आसान मौत नहीं मिलेगी किसी को तड़प तड़प के मरेंगे सब के सब तुम्हारी मदद की जरूरत पड़ेगी मुझे बस मेरे कॉल का इंतजार करना तबतक रणविजय की बॉडी को सम्भल के रखना अब उसका अंतिम संस्कार उन सब को मिटाने के बाद ही करूंगी मै तब शांति मिलेगी मेरे बेटे की आत्मा को
.
.
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जाती रहेगा✍️✍️
Awesome update
Unexpected trun raha is updàte me ummid nhi thi ki ñext update.me abhay ko komà me jane ke chance ban jayenge
Sabke emotion bahar aa gaye hai,
Geeta ka bhi kuchh kahani hai lagta hai ye bhi thakur pariwar se hi hai aur satya ke shadi karne ke chakkar me thakur pariwar se bahar nikala gya hoga
Jitni jaldi. Ranvijay ki entry se outing huyi ab vaise hi uski ma ki entry ho gai
Kahani intersting hoti ja rahi hai
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
6,221
29,078
204

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Unexpected trun raha is updàte me ummid nhi thi ki ñext update.me abhay ko komà me jane ke chance ban jayenge
Sabke emotion bahar aa gaye hai,
Geeta ka bhi kuchh kahani hai lagta hai ye bhi thakur pariwar se hi hai aur satya ke shadi karne ke chakkar me thakur pariwar se bahar nikala gya hoga
Jitni jaldi. Ranvijay ki entry se outing huyi ab vaise hi uski ma ki entry ho gai
Kahani intersting hoti ja rahi hai
Thank you sooo much Rekha rani ji
Ummed hai aage bhi pasand aayga update aapko
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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बढ़िया अपडेट।

ये रणविजय का किस्सा बहुत मिस्टीरियस बन गया है। खैर देखते हैं कौन है इसके मां, जो शायद अगले अपडेट में सामने आ जाय।
 

Mrxr

Welcome to the misty's world...
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UPDATE 50


काफी देर से चल रहे ऑपरेशन के बाद डॉक्टर और सोनिया कमरे से बाहर आए....

संध्या – (डॉक्टर और सोनिया से) कैसा है अभय....

सोनिया – ऑपरेशन कर दिया है हमने अभय के सिर से काफी खून निकल गया था अभी फिलहाल बेहोश है वो बाकी होश में आने पर ही कुछ कहा जा सकता है....

संध्या – अभय के पास जा सकती हूँ....


सोनिया – मै रोकूंगी नहीं लेकिन प्लीज अभी के लिए आप सब उसे बाहर से देखें यही सही रहेगा शाम तक एक बार चेक करके बता सकती हूँ मैं....

बोल के सोनिया एक तरफ हो जाती है जिसे देख अलीता चुप चाप सोनिया की पास जाके....

अलीता – (सोनिया से) क्या बात है सोनिया....

सोनिया – अभय के सिर में गहरी चोट लगी है सब कुछ सही कर दिया मैने लेकिन अभय होश में कब आएगा ये नहीं बता सकती हूँ मैं....

अलीता – (हैरानी से) क्या मतलब है तेरा....

सोनिया – पक्का तो नहीं बोल सकती अगर 24 घंटे में होश नहीं आया अभय को तो हो सकता है शायद कोमा में....

अर्जुन – (बीच में टोक के) तुम्हे किस लिए लाए है हम क्या ये बताने के लिए....

सोनिया – मैने पूरी कोशिश की है जब तक होश नहीं आता मै कैसे कुछ कह सकती हु....

अर्जुन – सोनिया तुम्हे मेडिकल में किसी भी चीज की जरूरत पड़े मै मंगवा सकता हु लेकिन अभय ठीक होना चाहिए बस....

अलीता – (अर्जुन के कंधे पे हाथ रख के) परेशान मत हो उसने अपनी तरफ से पूरी कोशिश कि है बस होश आ जाय अभय को एक बार....

सोनिया – (अर्जुन को एक पैकेट देते हुए) इसमें अभय का सामान है उसके कपड़ो से मिला मुझे....

अर्जुन पैकेट को देखता है जिसमें अभय की घड़ी , मोबाइल , गले का लॉकेट , सोने की सिक्के और कुछ कैश था जिसे देख....

अर्जुन – (पैकेट में रखे सामान को देख) अजीब लड़का है ये सब जानते हुए भी लॉकेट और सिक्के लेके घूम रहा है ये भी कोई जेब में रख के घूमने की चीज है....

अलीता – ये सब छोड़ो चाची का सोचो देखो जब से चाची , शालिनी और चांदनी यहां आए है तब से सिर्फ रोए जा रही है तीनों....

अर्जुन –(संध्या के पास जाके) चाची चुप हो जाओ ऐसे रोने से कुछ नहीं होगा....

संध्या –(रोते हुए) कैसे अर्जुन कैसे अपने आसू रोकूं इनके अभी अभी तो मिला था मुझे मेरा अभय मिलते ही (रोते हुए अर्जुन के कंधे पे सिर रख जोर से रोने लगी) अर्जुन मुझे मेरा अभय दिला दो वापस मै उसे लेके चली जाऊंगी दूर यहां से कही नहीं चाहिए मुझे कुछ भी अभय के इलावा....

अर्जुन – आप चिंता मत करो चाची मै वादा करता हू अभय आपको मिलेगा जरूर मिलेगा उसे कुछ नहीं होगा (शालिनी से) खुद को संभालिए शालिनी जी प्लीज....

शालिनी – (रोते हुए) संध्या बिल्कुल सही बोल रही है अर्जुन अभय यहां नहीं रहेगा अब उसके ठीक होते ही चलाएंगे हम यहां से बहुत हो गया ये सब....

अर्जुन – देखिए शालिनी जी अभी आप....

शालिनी –(बात काट के) नहीं अर्जुन अब नहीं बस बहुत हुआ ये सब देखो संध्या को आखिर किसकी गलती की सजा भुगत रही है वो सिवाय रोने के सिवा क्या किया उसने इतने साल तक तड़पती रही अभय के लिए और अब उसे अभय मिला और मिलते ही ये सब नहीं अर्जुन मैने फैसला कर लिया है अभय जैसे ही ठीक हो जाएगा हम यहां से चले जाएंगे दूर कही....

गीता देवी – (रोते हुए बीच में) सही बोल रही है संध्या और शालिनी जी अरे जिस उमर में बच्चे पढ़ाई मस्ती में अपने दिन बिताते है उस उमर में अभय दुश्मनों से लड़ रहा है आखिर किस लिए और क्यों दुश्मनी का बीज बोने वाला कोई और है और उसे भुगते अभय , नहीं अब नहीं होगा ऐसा कुछ भी अर्जुन....

चांदनी – (अपनी मां के कंधे पे हाथ रख के) ठीक है मां हम यही करेंगे बस आप शांत हो जाओ मां बस दुआ करो बस हमारा अभय जल्दी ठीक हो जाएं....

माहोल को समझ के अर्जुन ने अभी चुप रहना सही समझा दूसरी तरफ मालती और ललिता भी अपने आसू बहा रहे थे साथ में निधि अपनी मां के साथ बैठी थी और रमन और अमन बगल में खड़े अपनी अपनी सोच में गुम थे जहां रमन आज मेले में हुए अचानक हमले से सोच में डूबा हुआ था वहीं अमन आज सुबह अभय ने जो किया उसके बाद से अपने आप में गुम था जैसे कोई फैसला लेने में लगा हुआ था जबकि इनसे अलग एक तरफ कोने में अलग बैठी शनाया अस्पताल के उस कमरे को देखे जा रही थी जहां से अभी डाक्टर ने निकल के संध्या को बताया जबकि अर्जुन , अलीता और सोनिया ये तीनों इस बात से अंजान थे कि जहां पर इन तीनों ने बात की उसे शनाया ने सुन लिया था जिस वजह से बेजान बन के बैठी रही इस तरफ देवेंद्र ठाकुर अपनी बीवी रंजना और अपने भाई राघव के साथ अस्पताल में खड़ा था संध्या और शालिनी के साथ तभी....

देवेन्द्र ठाकुर – (एक तरफ अर्जुन के पास आके) तुम कौन हो बेटा काफी देर से देख रहा हूँ तुम्हे जब तुमने संध्या को चाची कहा जिसे सुन मै समझ नहीं पा रहा हूँ तुम्हे....

अर्जुन – कमल ठाकुर का बेटा अर्जुन ठाकुर....

देवेन्द्र ठाकुर –(हैरानी से) क्या तुम अर्जुन हो तुम कहा थे इतने साल तक....

अर्जुन – मामा जी सब बताऊंगा लेकिन अभी सिर्फ अभय ठीक हो जाए एक बार....

देवेन्द्र ठाकुर – (अर्जुन के कंधे पे हाथ रख के) परेशान मत हो अभय ठीक हो जाएगा देवी भद्रकाली सब ठीक करेगी बेटा....

जबकि एक तरफ तीन लोग बैठे अपने आसू बहते हुए आपस में बाते कर रहे थे....

राज – ये सब अचानक से क्या हो गया यार सब कुछ कितना अच्छा चल रहा था....

राजू – गलती कर दी यार हमें कही जाना ही नहीं चाहिए था....

लल्ला – क्या सोचा था हमने मेले के बाद आज रामलीला की शुरुवात अभय से करवाएंगे लेकिन मेले में ये सब अचानक से हुआ कैसे यार....

राज – सब मेरी गलती है इसमें मुझे अभय के साथ रहना था....

लल्ला – (राज के कंधे पे हाथ रख) दुआ करो के अभय जल्दी से ठीक हो जाय बस....

राजू – इस वक्त मुझे ये बात कहनी तो नहीं चाहिए लेकिन वो आदमी रणविजय जिसे अभय ने मार दिया उसने ऐसा क्यों बोला जायज़ और नाजायज वाली बात आखिर कौन था वो क्या रिश्ता था उसका ठाकुर परिवार के साथ...


इन तीनों के पास खड़ा अर्जुन और देवेंद्र ठाकुर इतनी देर से तीनों की बात सुन रहे थे राजू की आखिरी कही बात सुन दोनो एक दूसरे को देखने लगे जिसके बाद अर्जुन एक तरफ निकल गया जिसे देख देवेन्द्र ठाकुर पीछे चला गया अर्जुन एक जगह रुक के....

देवेन्द्र ठाकुर – (अर्जुन से) तुमलोग वही थे ना लेकिन तुमलोगो को कैसे पता चला इस हमले के बारे में....

अर्जुन – हवेली में आते ही ताला टूटा था दरवाजा खुला हुआ था अन्दर खून के निशान जो अभय के कमरे गए थे वहां एक पहेली लिखी थी....

देवेन्द्र ठाकुर –(चौक के) क्या पहेली और क्या थी वो....

अर्जुन – (पहेली – बाप के किए की सजा) पढ़ते ही समझ गया था मैं अभय खतरे में है तुरंत वहां से निकल गए (रस्ते में जो हुआ सब बता दिया जिसे सुन.....

देवेन्द्र ठाकुर – मनन ऐसा कभी नहीं कर सकता है मै अच्छे से जनता हूँ मनन को....

अर्जुन – मामा जी ये वो पहेली है जो मेरे भी समझ के परे है लेकिन जिस तरह से रणविजय बोल रहा था उससे तो....

देवेंद्र ठाकुर – (बीच में बात काट के) एक मिनिट क्या नाम लिया तुमने रणविजय....

अर्जुन – हा यही नाम था उसका क्यों क्या हुआ मामा जी....

देवेंद्र ठाकुर – ऐसा लगता है जैसे ये नाम सुना हुआ है मैने , उसकी लाश कहा है शायद देख के याद आ जाए मुझे....

अर्जुन – उसी खंडर में है लाश उसके बाकी लोगों के साथ....

देवेंद्र ठाकुर – ये खंडर का क्या चक्कर है मैंने पहले भी सुना है उसके बारे में बताते है श्रापित है वो....

अर्जुन – (अंजान बनने का नाटक करते हुए) पता नहीं मामा जी इस बारे में दादा ठाकुर ही जानते थे सारी बात आपकी तरह मैने भी श्रापित वाली बात सुनी है बस....

देवेंद्र ठाकुर – (अपने भाई राघव से) राघव खंडर में जिस आदमी को अभय ने मारा उसकी लाश कहा है.....

राघव – भइया वो वही खंडर में है....

देवेंद्र ठाकुर –पुलिस को खबर कर दो ताकि लाश पोस्टमार्टम के लिए लाई जा सके मै चेहरा देखना चाहता हु लाश का....

राघव – जी अभी कर देता हू खबर....

तभी अस्पताल के बाहर गांव वाले इक्कठा हो गए थे मेले की शुरुवात के वक्त से ही जब से गांव के लोगों को पता चला शहर से आया वो लड़का जिसने गांव में आते ही उनकी जमीन उन्हें वापस दिला दी वो कोई और नहीं मनन ठाकुर का बेटा ठाकुर अभय सिंह है जिसने बचपन से कभी ऊंच नीच देखे बिना गांव में घूमता सबसे बाते करता किसान के बच्चों के साथ खेलता जिस वजह से बचपन से ही अभय पूरे गांव वाले की नजरों में ऐसा छाया गांव के लोग अभय को अभय बाबा कह के बुलाने लगे और बचपन में जब अभय के मारने की खबर मिली थी गांव वाले को उस दिन गांव के काफी लोगो ने भी अपने आंसू बहाए थे और आज जब उन्हें पता चला वो शहर लड़का और कोई नहीं उनका अभय बाबा है जो मेले में हादसे की वजह से अस्पताल में घायल अवस्था में है वो सब अपने आप को रोक ना सके गांव से सभी आदमी औरत अस्पताल में एक साथ आ गए अभय का हाल जाने के लिए अस्पताल में पूरे गांव के लोगों को एक साथ देख हवेली के कुछ लोग बहुत हैरान थे जैसे रमन और अमन गांव की इस भीड़ में कोई ऐसा भी था जो अस्पताल के अन्दर तेजी से संध्या के पास आ गया आते ही....

शख़्स – (रोते हुए) अभय कैसा है....

संध्या – (नजर उठा के अपने सामने रोती हुई खड़ी पायल को देख उसे गले लगा के) मत रो तू वो अभी बेहोश है डॉक्टर ने बोला है कुछ वक्त लगेगा होश आने में....

पायल – (रोते हुए) क्यों होता है ऐसा मेरे साथ मेरी क्या गलती है इसमें बचपन में स्कूल से मुझे जबरदस्ती अपने साथ घुमाता था अभय जब मुझे उसकी आदत पड़ गई तो चला गया छोड़ के मुझे अब जब वापस आ गया तो फिर से आखिर क्यों करता है अभय ऐसा क्या गलती है मेरी इसमें....

संध्या – (पायल के आंसू पोछ के) कोई गलती नहीं है तेरी सब मेरी गलती थी इसमें मेरी की गलती की सजा तूने भुगती माफ कर दे मुझे पायल....

पायल ना में सिर हिलाते हुए एक बार फिर से संध्या के गले लग के रोने लगी जिसे प्यार से संध्या उसके सिर पे हाथ फेरती रही जबकि इस तरफ गांव की भीड़ में अभी भी कई लोग ऐसे थे जो आपस में बात कर रहे थे....

1 गांव वाला – देख रहे हो आज कैसे रो रही है ठकुराइन....

2 गांव वाला – यार ये सिर्फ दिखावा कर सकती है इसके इलावा किया ही क्या है इसने अब तक याद है तुझे जब बचपन में अभय बाबा की लाश के बारे में पता चला था तब तो ये देखने तक नहीं आई थी हवेली से बाहर यहां तक कि हवेली के बाहर से लाश को विधि विधान के साथ ले जाके अंतिम संस्कार कर दिया गया था लेकिन फिर भी एक आखिरी बार तक नहीं देखा और आज तो....

3 गांव वाला – सही बोल रहा है तू शायद तभी अभय बाबा गांव में आने के बाद भी हवेली में रहने नहीं गए अकेले ही हॉस्टल में रहते थे जाने इतने वक्त कैसे रहे होगे अंजान शहर में अकेले....

गीता देवी – (बगल में खड़ी इनकी बात सुनती रही जब इनलोगों ने बोलना बंद किया) और कुछ बोलना बाकी रह गया हो तो वो भी बोल दो तुम सब....

1 आदमी – माफ करना दीदी हम सिर्फ अभय बाबा के खातिर आए थे यहां पर लेकिन आज फिर से ठकुराइन को देख सालों पहले पुरानी बात याद आ गई थी....

गीता देवी – वक्त एक जैसा नहीं रहता है हर किसी का बदलता है वक्त बरसो पहले जो हुआ इसका मतलब ये नहीं उसकी सजा इंसान जिंदगी भर भुगते और रही बात जमीन की अभय के आने की वजह से तुम्हे जमीन वापस नहीं मिली है बल्कि संध्या के कारण मिली है जमीन तुम्हे अगर वो सच में डिग्री कॉलेज तुम्हारी जमीन में बनवाना चाहती तो उसे रोकने वाला भी कोई नहीं था वहा पर ये संध्या की अच्छाई थी जिसे सच का पता चल गया तभी जमीन वापस मिली थी तुम्हारी समझे इसीलिए अगली बार किसी के लिए उल्टा बोलने से पहले सोच लिया करो....

ये सब हो रहा था तभी राघव ठाकुर का फोन बजा जिसे उठाते ही सामने वाले से बात की उसकी बात सुन राघव की आंखे बड़ी हो गई कॉल कट होने के बाद राघव ठाकुर अपने बड़े भाई देवेंद्र ठाकुर के पास गया जहा पर उसके साथ अर्जुन खड़ा था वहां आते ही....

राघव ठाकुर –(अपने भाई देवेंद्र ठाकुर से) भइया पुलिस खंडर में गई थी उन्हें वहां लाशे भी मिली लेकिन रणविजय की लाश नहीं मिली उन्हें वहां पर....

देवेंद्र ठाकुर –(चौक के) क्या ये कैसे हो सकता है....

अर्जुन – (दोनो की बात सुन बीच में बोल पड़ा) मामा जी खेल अभी खत्म नहीं हुआ है ये....

देवेंद्र ठाकुर – क्या मतलब है तुम्हारा....

अर्जुन – रणविजय ने नाजायज होने वाली बात कही थी अगर वो नाजायज है तो उसका परिवार भी तो होगा जरूर उसकी लाश उसके परिवार का ही कोई ले गया होगा खंडर से....

देवेंद्र ठाकुर – (अर्जुन की बात सुन संध्या की तरफ देख के) इसका मतलब अभय और संध्या पर से खतरा अभी टला नहीं है....

अर्जुन – (हल्की मुस्कान के साथ) खतरा वो भी यहां पर , आने वाले खतरे को खतरे का ऐसा एहसास दिलवाऊंगा उस खतरे की रूह भी काप जाएगी....

देवेंद्र ठाकुर – इसमें मेरी जरूरत तुम्हे कभी भी पड़े मै तयार हु हर वक्त अपनी बहन और भांजे के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ....

अर्जुन – जनता हूँ मामा जी आप चिंता मत करिए जब तक अभय ठीक नहीं हो जाता और जब तक दुश्मनी का ये किस्सा खत्म नहीं होता मै कही नहीं जाऊंगा यही रहूंगा सबके साथ मैं ले देके बस यही मेरा एकलौता परिवार बचा है....

इन तीनों के बीच एक बंदा और था जो इनकी बात एक तरफ होके सुन रहा था जिसके बाद वो सीधा गया किसी के पास....

राजू – (राज और लल्ला से) अबे लगता है ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ है....

राज – (कुछ ना समझ के) क्या बके जा रहा है बे तू सही से बता....

फिर राजू ने जो सुना वो सब बता देता है जिसके बाद....

राज – (कुछ सोच के) राजू एक काम कर तू यहां से जा और अपनी नजरे बना के रख ही जगह तेरे जितने भी खबरी है गांव में बोल दे उनको डबल पैसे देने का बोल उनको ताकि कोई भी बात पता चलते ही सिर्फ तुझे बताए जल्दी से हमारे पास यही एक मौका है राजू अगर खंडर से उस आदमी की लाश गायब हुई है तो जरूर उसका अंतिम संस्कार भी होगा एक बार पता चल जाए तो ये भी पता चल जाएगा कौन है वो जो अभय को मारना चाहता है....

लल्ला – अबे ये सब तो समझ में आया लेकिन पैसे आएंगे कहा से ये सोचा है तूने....

अर्जुन – (बीच में टोक के) मै दूंगा पैसे....

तीनों एक साथ – (चौक के) अर्जुन भइया आप....

अर्जुन – हा मै तुमलोगो को क्या लगा मै जनता नहीं तुमलोगो को....

राजू – भइया हमें तो अभय ने बताया था आपके बारे में ये भी की आप तो KING 👑 हो हर काम चुटकी बजा के कर सकते हो आप आपको हमारी क्या जरूरत....

अर्जुन – (चुप रहने का इशारा करके) मै KING 👑 हूँ ये बात गांव में कोई नहीं जनता है (राजू से) तुम अपने तरीके से पता लगाओ बात का मेरे कुछ लोग तुम्हारी मदद करेंगे इसमें तुम्हारी और एक बात जब तक अभय इस अस्पताल में है तब तक के लिए हम चारो हर वक्त अस्पताल में रहेंगे तुमलोग को हथियार चलना आता है....

चारो एक साथ – हा आता है अच्छे से....

अर्जुन – ठीक है थोड़ी देर में मेरा आदमी आके तुमलोगो को हथियार देगा जरूरत पड़ने पर इस्तमाल करना....

राज – लेकिन मा और बाबा....

अर्जुन – अब ये भी मै ही संभालों क्या....

तभी अस्पताल में अचानक से M M MUMDE सर आए कुछ लोगो के साथ जिसमें चार आदमी सूट बूट में थे और बाकी के चार में

1 – सायरा ,
2 – अनिता ,
3 – आरव और
4 – रहमान

थे और साथ में उनके पीछे से सत्या बाबू आ रहे थे ये नजारा देख के राज , राजू और लल्ला M M MUMDE को इस रूप में देख के हैरान थे वही....

अर्जुन – (M M MUMDE और उनके साथ लोगो को देख उनके सामने जाके) क्या बात है जैसा हर बार होता आया है आज भी वैसा ही हो रहा है जब सब कुछ खत्म हो जाता है तभी पुलिस आती है और आज तो CBI CHIEF खुद चल के सामने आए है....

M M MUMDE – (अर्जुन से) जनता हूँ अच्छे से मै तुम किस बात का ताना दे रहे हो लेकिन ये मत भूलो किसके सामने खड़े होके बात कर रहे हो तुम भले तुम KING 👑 होगे दुनिया के लिए इसका मतलब ये नहीं कि हर पुलिस वाला तुम्हारे सामने अपने सिर झुका दे....

अर्जुन – अरे अरे आप तो गलत समझ बैठे मेरी बात का मतलब CBI CHIEF या ये कहूं M M MUMDE सर मैने तो बस वही बोला जो होता आया है काम खत्म होने के बाद पुलिस आती है वैसे ही आप भी आ गए यहां तो बताएं क्या जानने आए है आप या बताने आए है आप....

M M MUMDE – अब मै CBI CHIEF नहीं रहा मैने छोड़ दी वो नौकरी....

अर्जुन – (हैरान होके) क्या ऐसा करने की वजह क्या थी आपकी....

M M MUMDE – तुम हो वो वजह जो यहां आ गए इस गांव में तुम्हारे रहते कोई काम कानून के मुताबिक हो पाया है आज तक जो इस गांव में होगा....

अर्जुन – (हस्ते हुए) छोड़ा आपने है और दोषी मै बन गया....

सत्या बाबू – (बीच में आके) बस करिए अब बहुत हो गया ये सब यहां अभय अस्पताल में पड़ा हुआ है और आप दोनों आते ही अपने में लगे हुए है....

गीता देवी – (सताया बाबू से) आप कहा रह गए थे....

सत्या बाबू – अस्पताल आ रहा था रस्ते में (M M MUMDE की तरफ इशारा करके) इनको देख खंडर में जाते हुए वही चल गया था देखने और यही आ गया इनके साथ मै खेर छोड़ो ये सब अभय कैसा है अब....

गीता देवी – बेहोश है अभी होश में आने का इंतजार कर रहे है (अर्जुन से) छोड़ बेटा ये सही वक्त नहीं है ये सब बात करने का....

अर्जुन – (मुस्कुरा के) बड़ी मां हमारे M M MUMDE सर पुलिस होने का फर्ज निभा रहे है बस....

गीता देवी – (अर्जुन की बात सुन मुस्कुरा के) अब चलो आप सब बाकी बाते बाद में करना....

अर्जुन – (गीता देवी से) बड़ी मां आप मुझे आप क्यों बोल रहे हो मैं आपका अपना नहीं हूँ क्या या सिर्फ अभय ही है आपका....

गीता देवी – (मू बना के) चुप कर तू बड़ा आया मेरे साथ खेलने वाला (अर्जुन का कान पकड़ के) तेरी ये चाल मेरे सामने नहीं चलेगी समझा होगा तू दुनिया के लिए कोई KING 👑 बिंग मेरे लिए तू वही पुराना अर्जुन है जैसे बचपन में था....

गीता देवी की बात सुन मुस्कुरा के....

अर्जुन – (गीता देवी को गले लगा के) आपकी इस डॉट को बहुत याद करता था मैं पूरे गांव में बस एक आप ही हो जो मुझे डॉटती थी....

गीता देवी – वो तो मैं आज भी डॉटती हूँ और हमेशा डाटू गी समझा अब चल सबके पास....

चांदनी – (अपने चारो साथियों से) ये चारो कौन है CHIEF के साथ और CHIEF ने ऐसा क्यों कहा उन्होंने छोड़ दिया ये काम क्या मतलब है इसका....

सायरा – जब से KING 👑 गांव में आया है तभी से CHIEF ने Registration की तैयारी कर ली उनका कहना था वो नहीं चाहते थे कि KING 👑 इस गांव में कभी आए KING 👑 के आने की वजह से उन्होंने ऐसा किया और ये चारो वही लोग है को 2 साल पहले लापता हो गए थे खंडर में आज के हादसे के बाद CHIEF हम सब के साथ खंडर में गए थे वही एक कोठरी में ये चारो मिले हमे....

चांदनी – लेकिन ये बात तो नहीं हो सकती CHIEF के Registration की जरूर कोई ओर बात है मै पता करती हु बाद में....

सायरा – अभय कैसा है अब....

चांदनी – डॉक्टर ने इलाज किया है अभी बेहोश है बस उसके होश में आने का इंतजार कर रहे है सब शायद 24 घंटे लग सकते है....

आज इस हादसे के बाद अस्पताल में सभी को बैठे हुए शाम हो गई थी लेकिन अभी तक अभय को होश नहीं आया था इस बीच सोनिया कई बार अभय को चेक करती रही किसी ने भी सुबह से कुछ खाया नहीं था....

अलीता – (संध्या से) चाची जी सुबह से शाम हो गई है उठिए हाथ मू धो लीजिए मैंने सबके लिए चाय मंगवाई है....

संध्या – अभय ने भी सुबह से कुछ भी नहीं खाया पिया है अलीता मै कैसे खा पी लु जब तक अभय ठीक नहीं होता मै यही रहूंगी कही नही जाऊंगी बिना अभय को साथ लिए....

अलीता – (संध्या के कंधे के हाथ रख के) चाची बिना खाय पिए कैसे काम चलेगा जरा बाकियों को देखिए आप आपके साथ सुबह से वो सब भी यही है अभय के इंतजार में उन्होंने भी सुबह से कुछ भी नहीं खाया पिया है अपने लिए ना सही तो उनके लिए कुछ खा लीजिए आप....

देवेंद्र ठाकुर – (संध्या से) खा लो कुछ संध्या भूखे रहने से भला किसी को कुछ मिला है आज तक खाना खा लो अभय की चिंता मत करो मां भद्र काली जल्दी अच्छा कर देगी उसे....

बात मान के हा बोल दी संध्या ने तभी....

ललिता – मैं हवेली जाके सबके लिए खाना बना के लाती हूँ (मालती से) मालती चल जरा....

सायरा – मै भी चलती हु आपके साथ....

बोल के तीनों निकल गए हवेली की तरफ जबकि आज दिन के हुए हादसे के बाद जैसे ही अभय को लेके सब खंडर से निकले थे उसके कुछ देर बाद एक गाड़ी से तीन लोग आय खंडर के अन्दर जाके रणविजय की लाश को लेके निकल गए गांव से दूर एक जगह पर वहां आते ही वो आदमी किसी को कॉल मिलने लगा कई बार लगातार करने के बाद कॉल किसी औरत ने उठाया....

औरत – क्या बात है गजानन मुझे कॉल क्यों मिलाया तुमने....

गजानन – मैडम आप कहा पर है....

औरत – हूँ मैं एक जगह तुम जल्दी से बोलो क्यों कॉल किया क्या काम है....

गजानन – (चौक के) आपको पता नहीं आज क्या हुआ है यहां पर....

औरत – (चौक के) कहा क्या हुआ है पहेली मत भुजाओं सही से बताओ क्या बात है....

गजानन – मैडम वो रणविजय मारा गया....

औरत – (गजानन की बात सुन आंख से आसू निकल आया साथ गुस्से में) क्या बकवास कर रहा है तू जानता है ना....

गजानन – मै सच बोल रहा हूँ मैडम खंडर से रणविजय की लाश लेके आया हु मै उसके साथ मेरे कई आदमी भी मारे गए है....

औरत – (रोते हुए) किसने किया ये सब....

गजानन – वहां पर लगे कैमरे की रिकॉर्डेड मेरा आदमी आपको भेज देगा आगे क्या करना है मैडम....

औरत – (गुस्से में) अब जो होगा मैं खुद करूंगी मेरा खून बहाया है उनलोगों ने इसकी कीमत उन्हें अपने खून से चुकानी पड़ेगी....

गजानन – अगर आप कहे तो उनका काम कर देता हू मै आज ही....

औरत – (गुस्से में) नहीं खून बहेगा उनका लेकिन इतनी आसान मौत नहीं मिलेगी किसी को तड़प तड़प के मरेंगे सब के सब तुम्हारी मदद की जरूरत पड़ेगी मुझे बस मेरे कॉल का इंतजार करना तबतक रणविजय की बॉडी को सम्भल के रखना अब उसका अंतिम संस्कार उन सब को मिटाने के बाद ही करूंगी मै तब शांति मिलेगी मेरे बेटे की आत्मा को
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जाती रहेगा✍️✍️
Bhai abhay koma methi ja sakta hai ye badhiya tha b sandhya ushke paas baythe aur past ki baat kare to Sayad ushko jaldi hosh aa Jaye maybe because he always finds his mother's anchal ..
Geeta ne arjun ko jo dailoge Bola Maa wala bhai awesome 👌👌 aur munde sir pe sak toh tha cbi chief hone ka but ye important nahi tha so I will drop
Aur vo surat ranvijay ush ka beta tha ranvijay ne ye kaha ki ush ko najayaj Bola gaya .kya vo sunayna aur ush aadmika beta Hai jis se wo milne gai thi. aur pregnancy ki Wajah se gayab ho gaya ho maybe jo bhi ho lekin ek baat toh hai jo abhay ke jitna karib Jayga vo ush ke liye khatra hoga
Vo kahte hai na jishe jitna chaho vo hi aapko sabse gahra ghao deta hai..
 
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ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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UPDATE 50


काफी देर से चल रहे ऑपरेशन के बाद डॉक्टर और सोनिया कमरे से बाहर आए....

संध्या – (डॉक्टर और सोनिया से) कैसा है अभय....

सोनिया – ऑपरेशन कर दिया है हमने अभय के सिर से काफी खून निकल गया था अभी फिलहाल बेहोश है वो बाकी होश में आने पर ही कुछ कहा जा सकता है....

संध्या – अभय के पास जा सकती हूँ....


सोनिया – मै रोकूंगी नहीं लेकिन प्लीज अभी के लिए आप सब उसे बाहर से देखें यही सही रहेगा शाम तक एक बार चेक करके बता सकती हूँ मैं....

बोल के सोनिया एक तरफ हो जाती है जिसे देख अलीता चुप चाप सोनिया की पास जाके....

अलीता – (सोनिया से) क्या बात है सोनिया....

सोनिया – अभय के सिर में गहरी चोट लगी है सब कुछ सही कर दिया मैने लेकिन अभय होश में कब आएगा ये नहीं बता सकती हूँ मैं....

अलीता – (हैरानी से) क्या मतलब है तेरा....

सोनिया – पक्का तो नहीं बोल सकती अगर 24 घंटे में होश नहीं आया अभय को तो हो सकता है शायद कोमा में....

अर्जुन – (बीच में टोक के) तुम्हे किस लिए लाए है हम क्या ये बताने के लिए....

सोनिया – मैने पूरी कोशिश की है जब तक होश नहीं आता मै कैसे कुछ कह सकती हु....

अर्जुन – सोनिया तुम्हे मेडिकल में किसी भी चीज की जरूरत पड़े मै मंगवा सकता हु लेकिन अभय ठीक होना चाहिए बस....

अलीता – (अर्जुन के कंधे पे हाथ रख के) परेशान मत हो उसने अपनी तरफ से पूरी कोशिश कि है बस होश आ जाय अभय को एक बार....

सोनिया – (अर्जुन को एक पैकेट देते हुए) इसमें अभय का सामान है उसके कपड़ो से मिला मुझे....

अर्जुन पैकेट को देखता है जिसमें अभय की घड़ी , मोबाइल , गले का लॉकेट , सोने की सिक्के और कुछ कैश था जिसे देख....

अर्जुन – (पैकेट में रखे सामान को देख) अजीब लड़का है ये सब जानते हुए भी लॉकेट और सिक्के लेके घूम रहा है ये भी कोई जेब में रख के घूमने की चीज है....

अलीता – ये सब छोड़ो चाची का सोचो देखो जब से चाची , शालिनी और चांदनी यहां आए है तब से सिर्फ रोए जा रही है तीनों....

अर्जुन –(संध्या के पास जाके) चाची चुप हो जाओ ऐसे रोने से कुछ नहीं होगा....

संध्या –(रोते हुए) कैसे अर्जुन कैसे अपने आसू रोकूं इनके अभी अभी तो मिला था मुझे मेरा अभय मिलते ही (रोते हुए अर्जुन के कंधे पे सिर रख जोर से रोने लगी) अर्जुन मुझे मेरा अभय दिला दो वापस मै उसे लेके चली जाऊंगी दूर यहां से कही नहीं चाहिए मुझे कुछ भी अभय के इलावा....

अर्जुन – आप चिंता मत करो चाची मै वादा करता हू अभय आपको मिलेगा जरूर मिलेगा उसे कुछ नहीं होगा (शालिनी से) खुद को संभालिए शालिनी जी प्लीज....

शालिनी – (रोते हुए) संध्या बिल्कुल सही बोल रही है अर्जुन अभय यहां नहीं रहेगा अब उसके ठीक होते ही चलाएंगे हम यहां से बहुत हो गया ये सब....

अर्जुन – देखिए शालिनी जी अभी आप....

शालिनी –(बात काट के) नहीं अर्जुन अब नहीं बस बहुत हुआ ये सब देखो संध्या को आखिर किसकी गलती की सजा भुगत रही है वो सिवाय रोने के सिवा क्या किया उसने इतने साल तक तड़पती रही अभय के लिए और अब उसे अभय मिला और मिलते ही ये सब नहीं अर्जुन मैने फैसला कर लिया है अभय जैसे ही ठीक हो जाएगा हम यहां से चले जाएंगे दूर कही....

गीता देवी – (रोते हुए बीच में) सही बोल रही है संध्या और शालिनी जी अरे जिस उमर में बच्चे पढ़ाई मस्ती में अपने दिन बिताते है उस उमर में अभय दुश्मनों से लड़ रहा है आखिर किस लिए और क्यों दुश्मनी का बीज बोने वाला कोई और है और उसे भुगते अभय , नहीं अब नहीं होगा ऐसा कुछ भी अर्जुन....

चांदनी – (अपनी मां के कंधे पे हाथ रख के) ठीक है मां हम यही करेंगे बस आप शांत हो जाओ मां बस दुआ करो बस हमारा अभय जल्दी ठीक हो जाएं....

माहोल को समझ के अर्जुन ने अभी चुप रहना सही समझा दूसरी तरफ मालती और ललिता भी अपने आसू बहा रहे थे साथ में निधि अपनी मां के साथ बैठी थी और रमन और अमन बगल में खड़े अपनी अपनी सोच में गुम थे जहां रमन आज मेले में हुए अचानक हमले से सोच में डूबा हुआ था वहीं अमन आज सुबह अभय ने जो किया उसके बाद से अपने आप में गुम था जैसे कोई फैसला लेने में लगा हुआ था जबकि इनसे अलग एक तरफ कोने में अलग बैठी शनाया अस्पताल के उस कमरे को देखे जा रही थी जहां से अभी डाक्टर ने निकल के संध्या को बताया जबकि अर्जुन , अलीता और सोनिया ये तीनों इस बात से अंजान थे कि जहां पर इन तीनों ने बात की उसे शनाया ने सुन लिया था जिस वजह से बेजान बन के बैठी रही इस तरफ देवेंद्र ठाकुर अपनी बीवी रंजना और अपने भाई राघव के साथ अस्पताल में खड़ा था संध्या और शालिनी के साथ तभी....

देवेन्द्र ठाकुर – (एक तरफ अर्जुन के पास आके) तुम कौन हो बेटा काफी देर से देख रहा हूँ तुम्हे जब तुमने संध्या को चाची कहा जिसे सुन मै समझ नहीं पा रहा हूँ तुम्हे....

अर्जुन – कमल ठाकुर का बेटा अर्जुन ठाकुर....

देवेन्द्र ठाकुर –(हैरानी से) क्या तुम अर्जुन हो तुम कहा थे इतने साल तक....

अर्जुन – मामा जी सब बताऊंगा लेकिन अभी सिर्फ अभय ठीक हो जाए एक बार....

देवेन्द्र ठाकुर – (अर्जुन के कंधे पे हाथ रख के) परेशान मत हो अभय ठीक हो जाएगा देवी भद्रकाली सब ठीक करेगी बेटा....

जबकि एक तरफ तीन लोग बैठे अपने आसू बहते हुए आपस में बाते कर रहे थे....

राज – ये सब अचानक से क्या हो गया यार सब कुछ कितना अच्छा चल रहा था....

राजू – गलती कर दी यार हमें कही जाना ही नहीं चाहिए था....

लल्ला – क्या सोचा था हमने मेले के बाद आज रामलीला की शुरुवात अभय से करवाएंगे लेकिन मेले में ये सब अचानक से हुआ कैसे यार....

राज – सब मेरी गलती है इसमें मुझे अभय के साथ रहना था....

लल्ला – (राज के कंधे पे हाथ रख) दुआ करो के अभय जल्दी से ठीक हो जाय बस....

राजू – इस वक्त मुझे ये बात कहनी तो नहीं चाहिए लेकिन वो आदमी रणविजय जिसे अभय ने मार दिया उसने ऐसा क्यों बोला जायज़ और नाजायज वाली बात आखिर कौन था वो क्या रिश्ता था उसका ठाकुर परिवार के साथ...


इन तीनों के पास खड़ा अर्जुन और देवेंद्र ठाकुर इतनी देर से तीनों की बात सुन रहे थे राजू की आखिरी कही बात सुन दोनो एक दूसरे को देखने लगे जिसके बाद अर्जुन एक तरफ निकल गया जिसे देख देवेन्द्र ठाकुर पीछे चला गया अर्जुन एक जगह रुक के....

देवेन्द्र ठाकुर – (अर्जुन से) तुमलोग वही थे ना लेकिन तुमलोगो को कैसे पता चला इस हमले के बारे में....

अर्जुन – हवेली में आते ही ताला टूटा था दरवाजा खुला हुआ था अन्दर खून के निशान जो अभय के कमरे गए थे वहां एक पहेली लिखी थी....

देवेन्द्र ठाकुर –(चौक के) क्या पहेली और क्या थी वो....

अर्जुन – (पहेली – बाप के किए की सजा) पढ़ते ही समझ गया था मैं अभय खतरे में है तुरंत वहां से निकल गए (रस्ते में जो हुआ सब बता दिया जिसे सुन.....

देवेन्द्र ठाकुर – मनन ऐसा कभी नहीं कर सकता है मै अच्छे से जनता हूँ मनन को....

अर्जुन – मामा जी ये वो पहेली है जो मेरे भी समझ के परे है लेकिन जिस तरह से रणविजय बोल रहा था उससे तो....

देवेंद्र ठाकुर – (बीच में बात काट के) एक मिनिट क्या नाम लिया तुमने रणविजय....

अर्जुन – हा यही नाम था उसका क्यों क्या हुआ मामा जी....

देवेंद्र ठाकुर – ऐसा लगता है जैसे ये नाम सुना हुआ है मैने , उसकी लाश कहा है शायद देख के याद आ जाए मुझे....

अर्जुन – उसी खंडर में है लाश उसके बाकी लोगों के साथ....

देवेंद्र ठाकुर – ये खंडर का क्या चक्कर है मैंने पहले भी सुना है उसके बारे में बताते है श्रापित है वो....

अर्जुन – (अंजान बनने का नाटक करते हुए) पता नहीं मामा जी इस बारे में दादा ठाकुर ही जानते थे सारी बात आपकी तरह मैने भी श्रापित वाली बात सुनी है बस....

देवेंद्र ठाकुर – (अपने भाई राघव से) राघव खंडर में जिस आदमी को अभय ने मारा उसकी लाश कहा है.....

राघव – भइया वो वही खंडर में है....

देवेंद्र ठाकुर –पुलिस को खबर कर दो ताकि लाश पोस्टमार्टम के लिए लाई जा सके मै चेहरा देखना चाहता हु लाश का....

राघव – जी अभी कर देता हू खबर....

तभी अस्पताल के बाहर गांव वाले इक्कठा हो गए थे मेले की शुरुवात के वक्त से ही जब से गांव के लोगों को पता चला शहर से आया वो लड़का जिसने गांव में आते ही उनकी जमीन उन्हें वापस दिला दी वो कोई और नहीं मनन ठाकुर का बेटा ठाकुर अभय सिंह है जिसने बचपन से कभी ऊंच नीच देखे बिना गांव में घूमता सबसे बाते करता किसान के बच्चों के साथ खेलता जिस वजह से बचपन से ही अभय पूरे गांव वाले की नजरों में ऐसा छाया गांव के लोग अभय को अभय बाबा कह के बुलाने लगे और बचपन में जब अभय के मारने की खबर मिली थी गांव वाले को उस दिन गांव के काफी लोगो ने भी अपने आंसू बहाए थे और आज जब उन्हें पता चला वो शहर लड़का और कोई नहीं उनका अभय बाबा है जो मेले में हादसे की वजह से अस्पताल में घायल अवस्था में है वो सब अपने आप को रोक ना सके गांव से सभी आदमी औरत अस्पताल में एक साथ आ गए अभय का हाल जाने के लिए अस्पताल में पूरे गांव के लोगों को एक साथ देख हवेली के कुछ लोग बहुत हैरान थे जैसे रमन और अमन गांव की इस भीड़ में कोई ऐसा भी था जो अस्पताल के अन्दर तेजी से संध्या के पास आ गया आते ही....

शख़्स – (रोते हुए) अभय कैसा है....

संध्या – (नजर उठा के अपने सामने रोती हुई खड़ी पायल को देख उसे गले लगा के) मत रो तू वो अभी बेहोश है डॉक्टर ने बोला है कुछ वक्त लगेगा होश आने में....

पायल – (रोते हुए) क्यों होता है ऐसा मेरे साथ मेरी क्या गलती है इसमें बचपन में स्कूल से मुझे जबरदस्ती अपने साथ घुमाता था अभय जब मुझे उसकी आदत पड़ गई तो चला गया छोड़ के मुझे अब जब वापस आ गया तो फिर से आखिर क्यों करता है अभय ऐसा क्या गलती है मेरी इसमें....

संध्या – (पायल के आंसू पोछ के) कोई गलती नहीं है तेरी सब मेरी गलती थी इसमें मेरी की गलती की सजा तूने भुगती माफ कर दे मुझे पायल....

पायल ना में सिर हिलाते हुए एक बार फिर से संध्या के गले लग के रोने लगी जिसे प्यार से संध्या उसके सिर पे हाथ फेरती रही जबकि इस तरफ गांव की भीड़ में अभी भी कई लोग ऐसे थे जो आपस में बात कर रहे थे....

1 गांव वाला – देख रहे हो आज कैसे रो रही है ठकुराइन....

2 गांव वाला – यार ये सिर्फ दिखावा कर सकती है इसके इलावा किया ही क्या है इसने अब तक याद है तुझे जब बचपन में अभय बाबा की लाश के बारे में पता चला था तब तो ये देखने तक नहीं आई थी हवेली से बाहर यहां तक कि हवेली के बाहर से लाश को विधि विधान के साथ ले जाके अंतिम संस्कार कर दिया गया था लेकिन फिर भी एक आखिरी बार तक नहीं देखा और आज तो....

3 गांव वाला – सही बोल रहा है तू शायद तभी अभय बाबा गांव में आने के बाद भी हवेली में रहने नहीं गए अकेले ही हॉस्टल में रहते थे जाने इतने वक्त कैसे रहे होगे अंजान शहर में अकेले....

गीता देवी – (बगल में खड़ी इनकी बात सुनती रही जब इनलोगों ने बोलना बंद किया) और कुछ बोलना बाकी रह गया हो तो वो भी बोल दो तुम सब....

1 आदमी – माफ करना दीदी हम सिर्फ अभय बाबा के खातिर आए थे यहां पर लेकिन आज फिर से ठकुराइन को देख सालों पहले पुरानी बात याद आ गई थी....

गीता देवी – वक्त एक जैसा नहीं रहता है हर किसी का बदलता है वक्त बरसो पहले जो हुआ इसका मतलब ये नहीं उसकी सजा इंसान जिंदगी भर भुगते और रही बात जमीन की अभय के आने की वजह से तुम्हे जमीन वापस नहीं मिली है बल्कि संध्या के कारण मिली है जमीन तुम्हे अगर वो सच में डिग्री कॉलेज तुम्हारी जमीन में बनवाना चाहती तो उसे रोकने वाला भी कोई नहीं था वहा पर ये संध्या की अच्छाई थी जिसे सच का पता चल गया तभी जमीन वापस मिली थी तुम्हारी समझे इसीलिए अगली बार किसी के लिए उल्टा बोलने से पहले सोच लिया करो....

ये सब हो रहा था तभी राघव ठाकुर का फोन बजा जिसे उठाते ही सामने वाले से बात की उसकी बात सुन राघव की आंखे बड़ी हो गई कॉल कट होने के बाद राघव ठाकुर अपने बड़े भाई देवेंद्र ठाकुर के पास गया जहा पर उसके साथ अर्जुन खड़ा था वहां आते ही....

राघव ठाकुर –(अपने भाई देवेंद्र ठाकुर से) भइया पुलिस खंडर में गई थी उन्हें वहां लाशे भी मिली लेकिन रणविजय की लाश नहीं मिली उन्हें वहां पर....

देवेंद्र ठाकुर –(चौक के) क्या ये कैसे हो सकता है....

अर्जुन – (दोनो की बात सुन बीच में बोल पड़ा) मामा जी खेल अभी खत्म नहीं हुआ है ये....

देवेंद्र ठाकुर – क्या मतलब है तुम्हारा....

अर्जुन – रणविजय ने नाजायज होने वाली बात कही थी अगर वो नाजायज है तो उसका परिवार भी तो होगा जरूर उसकी लाश उसके परिवार का ही कोई ले गया होगा खंडर से....

देवेंद्र ठाकुर – (अर्जुन की बात सुन संध्या की तरफ देख के) इसका मतलब अभय और संध्या पर से खतरा अभी टला नहीं है....

अर्जुन – (हल्की मुस्कान के साथ) खतरा वो भी यहां पर , आने वाले खतरे को खतरे का ऐसा एहसास दिलवाऊंगा उस खतरे की रूह भी काप जाएगी....

देवेंद्र ठाकुर – इसमें मेरी जरूरत तुम्हे कभी भी पड़े मै तयार हु हर वक्त अपनी बहन और भांजे के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ....

अर्जुन – जनता हूँ मामा जी आप चिंता मत करिए जब तक अभय ठीक नहीं हो जाता और जब तक दुश्मनी का ये किस्सा खत्म नहीं होता मै कही नहीं जाऊंगा यही रहूंगा सबके साथ मैं ले देके बस यही मेरा एकलौता परिवार बचा है....

इन तीनों के बीच एक बंदा और था जो इनकी बात एक तरफ होके सुन रहा था जिसके बाद वो सीधा गया किसी के पास....

राजू – (राज और लल्ला से) अबे लगता है ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ है....

राज – (कुछ ना समझ के) क्या बके जा रहा है बे तू सही से बता....

फिर राजू ने जो सुना वो सब बता देता है जिसके बाद....

राज – (कुछ सोच के) राजू एक काम कर तू यहां से जा और अपनी नजरे बना के रख ही जगह तेरे जितने भी खबरी है गांव में बोल दे उनको डबल पैसे देने का बोल उनको ताकि कोई भी बात पता चलते ही सिर्फ तुझे बताए जल्दी से हमारे पास यही एक मौका है राजू अगर खंडर से उस आदमी की लाश गायब हुई है तो जरूर उसका अंतिम संस्कार भी होगा एक बार पता चल जाए तो ये भी पता चल जाएगा कौन है वो जो अभय को मारना चाहता है....

लल्ला – अबे ये सब तो समझ में आया लेकिन पैसे आएंगे कहा से ये सोचा है तूने....

अर्जुन – (बीच में टोक के) मै दूंगा पैसे....

तीनों एक साथ – (चौक के) अर्जुन भइया आप....

अर्जुन – हा मै तुमलोगो को क्या लगा मै जनता नहीं तुमलोगो को....

राजू – भइया हमें तो अभय ने बताया था आपके बारे में ये भी की आप तो KING 👑 हो हर काम चुटकी बजा के कर सकते हो आप आपको हमारी क्या जरूरत....

अर्जुन – (चुप रहने का इशारा करके) मै KING 👑 हूँ ये बात गांव में कोई नहीं जनता है (राजू से) तुम अपने तरीके से पता लगाओ बात का मेरे कुछ लोग तुम्हारी मदद करेंगे इसमें तुम्हारी और एक बात जब तक अभय इस अस्पताल में है तब तक के लिए हम चारो हर वक्त अस्पताल में रहेंगे तुमलोग को हथियार चलना आता है....

चारो एक साथ – हा आता है अच्छे से....

अर्जुन – ठीक है थोड़ी देर में मेरा आदमी आके तुमलोगो को हथियार देगा जरूरत पड़ने पर इस्तमाल करना....

राज – लेकिन मा और बाबा....

अर्जुन – अब ये भी मै ही संभालों क्या....

तभी अस्पताल में अचानक से M M MUMDE सर आए कुछ लोगो के साथ जिसमें चार आदमी सूट बूट में थे और बाकी के चार में

1 – सायरा ,
2 – अनिता ,
3 – आरव और
4 – रहमान

थे और साथ में उनके पीछे से सत्या बाबू आ रहे थे ये नजारा देख के राज , राजू और लल्ला M M MUMDE को इस रूप में देख के हैरान थे वही....

अर्जुन – (M M MUMDE और उनके साथ लोगो को देख उनके सामने जाके) क्या बात है जैसा हर बार होता आया है आज भी वैसा ही हो रहा है जब सब कुछ खत्म हो जाता है तभी पुलिस आती है और आज तो CBI CHIEF खुद चल के सामने आए है....

M M MUMDE – (अर्जुन से) जनता हूँ अच्छे से मै तुम किस बात का ताना दे रहे हो लेकिन ये मत भूलो किसके सामने खड़े होके बात कर रहे हो तुम भले तुम KING 👑 होगे दुनिया के लिए इसका मतलब ये नहीं कि हर पुलिस वाला तुम्हारे सामने अपने सिर झुका दे....

अर्जुन – अरे अरे आप तो गलत समझ बैठे मेरी बात का मतलब CBI CHIEF या ये कहूं M M MUMDE सर मैने तो बस वही बोला जो होता आया है काम खत्म होने के बाद पुलिस आती है वैसे ही आप भी आ गए यहां तो बताएं क्या जानने आए है आप या बताने आए है आप....

M M MUMDE – अब मै CBI CHIEF नहीं रहा मैने छोड़ दी वो नौकरी....

अर्जुन – (हैरान होके) क्या ऐसा करने की वजह क्या थी आपकी....

M M MUMDE – तुम हो वो वजह जो यहां आ गए इस गांव में तुम्हारे रहते कोई काम कानून के मुताबिक हो पाया है आज तक जो इस गांव में होगा....

अर्जुन – (हस्ते हुए) छोड़ा आपने है और दोषी मै बन गया....

सत्या बाबू – (बीच में आके) बस करिए अब बहुत हो गया ये सब यहां अभय अस्पताल में पड़ा हुआ है और आप दोनों आते ही अपने में लगे हुए है....

गीता देवी – (सताया बाबू से) आप कहा रह गए थे....

सत्या बाबू – अस्पताल आ रहा था रस्ते में (M M MUMDE की तरफ इशारा करके) इनको देख खंडर में जाते हुए वही चल गया था देखने और यही आ गया इनके साथ मै खेर छोड़ो ये सब अभय कैसा है अब....

गीता देवी – बेहोश है अभी होश में आने का इंतजार कर रहे है (अर्जुन से) छोड़ बेटा ये सही वक्त नहीं है ये सब बात करने का....

अर्जुन – (मुस्कुरा के) बड़ी मां हमारे M M MUMDE सर पुलिस होने का फर्ज निभा रहे है बस....

गीता देवी – (अर्जुन की बात सुन मुस्कुरा के) अब चलो आप सब बाकी बाते बाद में करना....

अर्जुन – (गीता देवी से) बड़ी मां आप मुझे आप क्यों बोल रहे हो मैं आपका अपना नहीं हूँ क्या या सिर्फ अभय ही है आपका....

गीता देवी – (मू बना के) चुप कर तू बड़ा आया मेरे साथ खेलने वाला (अर्जुन का कान पकड़ के) तेरी ये चाल मेरे सामने नहीं चलेगी समझा होगा तू दुनिया के लिए कोई KING 👑 बिंग मेरे लिए तू वही पुराना अर्जुन है जैसे बचपन में था....

गीता देवी की बात सुन मुस्कुरा के....

अर्जुन – (गीता देवी को गले लगा के) आपकी इस डॉट को बहुत याद करता था मैं पूरे गांव में बस एक आप ही हो जो मुझे डॉटती थी....

गीता देवी – वो तो मैं आज भी डॉटती हूँ और हमेशा डाटू गी समझा अब चल सबके पास....

चांदनी – (अपने चारो साथियों से) ये चारो कौन है CHIEF के साथ और CHIEF ने ऐसा क्यों कहा उन्होंने छोड़ दिया ये काम क्या मतलब है इसका....

सायरा – जब से KING 👑 गांव में आया है तभी से CHIEF ने Registration की तैयारी कर ली उनका कहना था वो नहीं चाहते थे कि KING 👑 इस गांव में कभी आए KING 👑 के आने की वजह से उन्होंने ऐसा किया और ये चारो वही लोग है को 2 साल पहले लापता हो गए थे खंडर में आज के हादसे के बाद CHIEF हम सब के साथ खंडर में गए थे वही एक कोठरी में ये चारो मिले हमे....

चांदनी – लेकिन ये बात तो नहीं हो सकती CHIEF के Registration की जरूर कोई ओर बात है मै पता करती हु बाद में....

सायरा – अभय कैसा है अब....

चांदनी – डॉक्टर ने इलाज किया है अभी बेहोश है बस उसके होश में आने का इंतजार कर रहे है सब शायद 24 घंटे लग सकते है....

आज इस हादसे के बाद अस्पताल में सभी को बैठे हुए शाम हो गई थी लेकिन अभी तक अभय को होश नहीं आया था इस बीच सोनिया कई बार अभय को चेक करती रही किसी ने भी सुबह से कुछ खाया नहीं था....

अलीता – (संध्या से) चाची जी सुबह से शाम हो गई है उठिए हाथ मू धो लीजिए मैंने सबके लिए चाय मंगवाई है....

संध्या – अभय ने भी सुबह से कुछ भी नहीं खाया पिया है अलीता मै कैसे खा पी लु जब तक अभय ठीक नहीं होता मै यही रहूंगी कही नही जाऊंगी बिना अभय को साथ लिए....

अलीता – (संध्या के कंधे के हाथ रख के) चाची बिना खाय पिए कैसे काम चलेगा जरा बाकियों को देखिए आप आपके साथ सुबह से वो सब भी यही है अभय के इंतजार में उन्होंने भी सुबह से कुछ भी नहीं खाया पिया है अपने लिए ना सही तो उनके लिए कुछ खा लीजिए आप....

देवेंद्र ठाकुर – (संध्या से) खा लो कुछ संध्या भूखे रहने से भला किसी को कुछ मिला है आज तक खाना खा लो अभय की चिंता मत करो मां भद्र काली जल्दी अच्छा कर देगी उसे....

बात मान के हा बोल दी संध्या ने तभी....

ललिता – मैं हवेली जाके सबके लिए खाना बना के लाती हूँ (मालती से) मालती चल जरा....

सायरा – मै भी चलती हु आपके साथ....

बोल के तीनों निकल गए हवेली की तरफ जबकि आज दिन के हुए हादसे के बाद जैसे ही अभय को लेके सब खंडर से निकले थे उसके कुछ देर बाद एक गाड़ी से तीन लोग आय खंडर के अन्दर जाके रणविजय की लाश को लेके निकल गए गांव से दूर एक जगह पर वहां आते ही वो आदमी किसी को कॉल मिलने लगा कई बार लगातार करने के बाद कॉल किसी औरत ने उठाया....

औरत – क्या बात है गजानन मुझे कॉल क्यों मिलाया तुमने....

गजानन – मैडम आप कहा पर है....

औरत – हूँ मैं एक जगह तुम जल्दी से बोलो क्यों कॉल किया क्या काम है....

गजानन – (चौक के) आपको पता नहीं आज क्या हुआ है यहां पर....

औरत – (चौक के) कहा क्या हुआ है पहेली मत भुजाओं सही से बताओ क्या बात है....

गजानन – मैडम वो रणविजय मारा गया....

औरत – (गजानन की बात सुन आंख से आसू निकल आया साथ गुस्से में) क्या बकवास कर रहा है तू जानता है ना....

गजानन – मै सच बोल रहा हूँ मैडम खंडर से रणविजय की लाश लेके आया हु मै उसके साथ मेरे कई आदमी भी मारे गए है....

औरत – (रोते हुए) किसने किया ये सब....

गजानन – वहां पर लगे कैमरे की रिकॉर्डेड मेरा आदमी आपको भेज देगा आगे क्या करना है मैडम....

औरत – (गुस्से में) अब जो होगा मैं खुद करूंगी मेरा खून बहाया है उनलोगों ने इसकी कीमत उन्हें अपने खून से चुकानी पड़ेगी....

गजानन – अगर आप कहे तो उनका काम कर देता हू मै आज ही....

औरत – (गुस्से में) नहीं खून बहेगा उनका लेकिन इतनी आसान मौत नहीं मिलेगी किसी को तड़प तड़प के मरेंगे सब के सब तुम्हारी मदद की जरूरत पड़ेगी मुझे बस मेरे कॉल का इंतजार करना तबतक रणविजय की बॉडी को सम्भल के रखना अब उसका अंतिम संस्कार उन सब को मिटाने के बाद ही करूंगी मै तब शांति मिलेगी मेरे बेटे की आत्मा को
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जाती रहेगा✍️✍️
Update tou mast hai
But ek chote se patthar ke war se koi coma me kaise ja sakta hai ...khair gaon me CBI chief (munde) aur CBI officer Chandni ke rahte huye abhi bhi in logo ko koi saboot nahi mila aur na hi wo haveli waali aurat ka pata chal paya hai
Bhai chandani ko story me kyu le ker aaye ho .....ab tak wo koi saboot bhi nhi khoj paayi hai ..... chandani ka role story me sirf Sandhya ko mausi mausi kahne ka hai bas
 
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