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Family Introduction
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Update 1 base story where you can read sandya is enjoying sex with his brother in law and in last 2 update she is convincing abhay how she was drug and was unconscious while doing sex I will just post this belowAisa nahi hai be, story likhne waale ka apna dimaak hota hai, apni soch hoti hai, wo har cheej apne hisaab aur time per hi likhta haiSo chill and read it first, then let him finish the thing completely, after that if you have any query you can ask him
Can you explain this with recent update were the story is moving forward if you read she is enjoying and telling that no one should know about this what happened with us and in recent update sandya is telling her son that she was drug unconscious and was forcefully raped . author is trying to fulfill public demand by introducing mom son incest all of the sudden which is unnecessary at this moment I just want that story boring na ban jayeUpdate 1 base story where you can read sandya is enjoying sex with his brother in law and in last 2 update she is convincing abhay how she was drug and was unconscious while doing sex I will just post this below
कमरे में हल्की रौशनी थी, एक लैम्प जल रहा था। बीस्तर पर दो ज़ीस्म एक दुसरे में समाने की कोशिश में जुटे थे। मादरजात नग्न अवस्था में दोनो उस बीस्तर पर गुत्थम-गुत्थी हुए काम क्रीडा में लीन थे। कमरे में फैली उज़ाले की हल्की रौशनी में भी उस औरत का बदन चांद की तरह चमक रहा था। उसके उपर लेटा वो सख्श उस औरत के ठोस उरोज़ो को अपने हांथों में पकड़ कर बारी बारी से चुसते हुए अपनी कमर के झटके दे रहा था।
उस औरत की सीसकारी पूरे कमरे में गूंज रही थी। वो औरत अब अपनी गोरी टांगे उठाते हुए उस सख्श के कमर के इर्द-गीर्द रखते हुए शिकंजे में कस लेती है। और एक जोर की चींख के साथ वो उस सख्श को काफी तेजी से अपनी आगोश में जकड़ लेती है और वो सख्श भी चींघाड़ते हुए अपनी कमर उठा कर जोर-जोर के तीन से चार झटके मारता है। और हांफते हुए उस औरत के उपर ही नीढ़ाल हो कर गीर जाता है।
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"बस हो गया तेरा
अब जा अपने कमरे में। आज जो हुआ मैं नही चाहती की कीसी को कुछ पता चले।"
उस औरत की बात सुनकर वो सख्श मुस्कुराते हुए उसके गुलाबी होठों को चूमते हुए, उसके उपर से उठ जाता है और अपने कपड़े पहन कर जैसे ही जाने को होता है। वो बला की खुबसूरत औरत एक बार फीर बोली--
"जरा छुप कर जाना, और ध्यान से गलती से भी अभय के कमरे की तरफ से मत जाना समझे।"
उस औरत की बात सुनकर, वो सख्श एक बार फीर मुस्कुराते हुए बोला--
"वो अभी बच्चा है भाभी, देख भी लीया तो क्या करेगा? और वैसे भी वो तुमसे इतना डरता है, की कीसी से कुछ बोलने की हीम्मत भी नही करेगा।"
उस सख्श की आवाज़ सुनकर, वो औरत बेड पर उठ कर बैठ जाती है और अपनी अंगीयां (ब्रा) को पहनते हुए बोली...
"ना जाने क्यूँ...आज बहुत अज़ीब सी बेचैनी हो रही है मुझे। मैने अभय के सांथ बहुत गलत कीया।"
"ये सब छोड़ो भाभी, अब तूम सो जाओ।"
कहते हुए वो सख्श उस कमरे से बाहर नीकल जाता है। वो औरत अभी भी बीस्तर पर ब्रा पहने बैठी थी। और कुछ सोंच रही थी, तभी उसके कानो में ट्रेन की हॉर्न सुनायी पड़ती है। वो औरत भागते हुए कमरे की उस खीड़की पर पहुंच कर बाहर झाकती है। उसे दूर गाँव की आखिर छोर पर ट्रेन के डीब्बे में जल रही लाईटें दीखी, जैसे ही ट्रेन धीरे-धीरे चली। मानो उस औरत की धड़कने भी धिरे-धिरे बढ़ने लगी....
Banwa to diya hi hai logo ne bol bol kar Achhi bhali story ki chaa.. modh di btw. Devil badhiya likh raha tha, per yaha suru se hi anek prakaar ke praaniyo ne uska dimaak kharaab kar ke story ko bhatkane ka hi kaam kiya hai Rikyभाई पूरी तरह से disagree हूं मैं।
कहानी की थीम बिलकुल भी incest नहीं है। वैसे इसमें incest वाला sex हो चुका है।
अमन और उसकी सौतेली बहन के बीच।
Soch meri bhi yahi thi ki isme sirf maa bete wala pyaar hi rahega in dono ka per ye dosh Devil ka bilkull nahi hai bhai, Rahi baat story ki, to wo to jaroor poori hogi, aur DEVIL MAXIMUM hi karegaDEVIL MAXIMUM भाई, कहानी आगे लिखो। मैने पहले ही कहा था कि कहानी में इनसेस्ट के नाम पर कम से कम संध्या और अभय का नहीं बनता। पर ये मेरी सोच है, हो सकता हो आपकी, या और पाठकों की न हो।
इस कहानी के आप ही कर्ता धर्ता है, और हम लोग बस पढ़ कर समीक्षा लिखने वाले, कहानी एक ही आदमी लिखता है, और उसकी समीक्षा बहुत सारे लोग करते हैं। और कोई जरूरी नहीं सबकी एक जैसी ही समीक्षा हो।
जैसे अभी की सिचुएशन में मैने (और मैं शुरू से ही इसके खिलाफ था) और Rekha rani जी ने ही आपत्ति की है। लेकिन बाकी किसी ने नहीं।
बाकी आप भी जानते हो कि 90% लोग यहां बस मां बेटे का सेज ही पढ़ने आते हैं। तो फोरम के पाठकों के हिसाब से कोई दिक्कत नहीं है इसमें। आप लिखो जैसा मर्जी हो। हमको बस मतलब है कि इस कहानी का असली विलेन कौन है, उसे जानने की।
Bhai mei bhi yha sirf kahani ke vilan ko janne aata huDEVIL MAXIMUM भाई, कहानी आगे लिखो। मैने पहले ही कहा था कि कहानी में इनसेस्ट के नाम पर कम से कम संध्या और अभय का नहीं बनता। पर ये मेरी सोच है, हो सकता हो आपकी, या और पाठकों की न हो।
इस कहानी के आप ही कर्ता धर्ता है, और हम लोग बस पढ़ कर समीक्षा लिखने वाले, कहानी एक ही आदमी लिखता है, और उसकी समीक्षा बहुत सारे लोग करते हैं। और कोई जरूरी नहीं सबकी एक जैसी ही समीक्षा हो।
जैसे अभी की सिचुएशन में मैने (और मैं शुरू से ही इसके खिलाफ था) और Rekha rani जी ने ही आपत्ति की है। लेकिन बाकी किसी ने नहीं।
बाकी आप भी जानते हो कि 90% लोग यहां बस मां बेटे का सेज ही पढ़ने आते हैं। तो फोरम के पाठकों के हिसाब से कोई दिक्कत नहीं है इसमें। आप लिखो जैसा मर्जी हो। हमको बस मतलब है कि इस कहानी का असली विलेन कौन है, उसे जानने की।