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Family Introduction
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Hafta hone ko ayaUPDATE 58
हाइवे रोड की सड़क पर कुछ लोग खड़े थे जिसमें से 5 लोग हाथों में लकड़ी का मोटा डंडा लिए हुए थे साथ में एक हाथ में स्पीकर लिए आदमी अपने दो बंदों से बात कर रहा था जो हाथ में कैमरा लिए हुए थे सही समझ रहे है आप यहां पर फिल्म की शूटिंग चल रही है किसकी अभी पता चल जाएगा वो बन्दा (डायरेक्टर) दोनो (कैमरा मैंन) को छोड़ बाकी के 5 आदमियों (फिल्म के कैरेक्टर है) के पास आके बोलता है....
डायरेक्टर – (पांचों आदमियों से) ध्यान से सुनो सब (सामने रोड की तरफ इशारा करके) वहां से एक कार तेजी से चलते हुए आएगी यहां पर उसमें दो लोग होगे एक ड्राइवर दूसरा मालिक जैसे ही कार रुके तुम सब को उसपे हमला करना होगा साथ कार के सारे कांच तोड़ के दोनो आदमियों को बाहर निकाल के मारना होगा....
तो बात ये है हाइवे की सड़क पे ये लोग पिक्चर की शूटिंग हो रही थी उन्हें चारो तरफ से पब्लिक घेर के शूटिंग देख रहे थी उसमें एक लड़का अपने बगल वाले से बोला....
लड़का – (बगल वाले से) ये कौन सी पिक्चर की शूटिंग चल रही है....
बगल वाला – पता नहीं भाई मै भी सबकी तरह देख रहा हूँ पता नहीं कौन हीरो है पिक्चर का....
लड़का – पहली बार पिक्चर की शूटिंग देखने का मौका मिला है मुझे....
बगल वाला – देख लो भाई साहब यहां तो अक्सर चलता रहता है इस शहर में....
तभी डायरेक्टर अपने बंदों को बोला....
डायरेक्टर – (सबसे) तैयार हो जाओ देखो सामने से कार आ रही है....
तभी कार उनके पास आके धीरे हो गई....
डायरेक्टर – (सबसे) ACTION....
डायरेक्टर के एक्शन बोलते ही पांचों आदमियों ने कार के कांच तोड़ना शुरू कर दिया इसके साथ पांचों आदमियों ने पहले ड्राइवर को कार से बाहर निकल के एक डंडा मारा उसके बाद पीछे बैठे मालिक को कार से बाहर निकाल के मारने लगे तभी जख्मी ड्राइव बगल में उस लड़के के पैर में गिरा हुआ था खड़ा हुआ जिसे देख....
लड़का –(हस्ते हुए बोला) क्या एक्टिंग है यार....
ड्राइवर –(दर्द में) मेरे मालिक को बचा लो साहब....
लड़का –(हस्ते हुए बगल वाले से)देखो तो कैसे दर्द की एक्टिंग कर रहा है और ये देखो नकली खून पता नहीं चल रहा निकल कहा से रहा है....
ड्राइवर – (दर्द में) साहब मै एक्टिंग नहीं कर रहा हूँ सच में मारा है मुझे ये असली खून है प्लीज मेरे मालिक को बचा लो साहब....
उसके बाद उस लड़के ने ध्यान से देखा तो उसे समझ आ गया ये कोई शूटिंग नहीं बल्कि सच में एक आदमी को 5 लोग मिल के मार रहे है तभी उस लड़के ने बीच में कूद उन पांचों को मारने लगा जिसके बाद वो लड़का उस आदमी और उसके ड्राइवर को पास के अस्पताल में ले गया जहां उसका इलाज हुआ कुछ देर बाद डॉक्टर ने बताया....
डॉक्टर – (लड़के से) अब वो बिल्कुल ठीक है तुमसे मिलना चाहते है वो....
डॉक्टर की बात सुन वो लड़का कमरे में चला गया....
लड़का – (उस आदमी से) अब कैसे हो आप....
आदमी – (लड़के को देख मुस्कुरा के) अच्छा हूँ सिर्फ तुम्हारी वजह से....
लड़का – लगता है आपने अपने काफी दुश्मन बना रखे है बीच सड़क में शूटिंग के नाम पे आप पर हमला कर दिया गया....
आदमी – जाने दो बेटा अपनी कुछ बताओ क्या करते हो तुम....
लड़का – अभी तो कुछ नहीं फिलहाल नया हूँ इस शहर में....
आदमी – क्या नाम है तुम्हारा....
लड़का – अर्जुन....
आदमी – कहा से हो तुम अर्जुन....
अर्जुन – XX गांव से हूँ मैं....
आदमी – मेरा नाम राम मोहन सिंघाल है , शहर में कैसे आना हुआ तुम्हारा....
अर्जुन – काम की तलाश में आया हूँ मैं....
राम मोहन सिंघाल – कहा तक पढ़ाई की है तुमने....
अर्जुन – जी....वो....मै....
राम मोहन सिंघाल – (मुस्कुरा के) एक काम करो तुम (अपना कार्ड देके) इस पते पर चले जाओ तुम वहां जाते ही सीधे अलीता मैडम से मिल के उन्हें ये कार्ड दिखा देना बता देना मैने तुम्हे भेजा है नौकरी करने के लिए....
अर्जुन – (कार्ड लेके) शुक्रिया....
उसके बाद अर्जुन फैक्ट्री में आते ही सोनिया से मिला तभी सोनिया अपने साथ अर्जुन को लेके मेरे केबिन में आ गई जिसके बाद....
अलीता –(अर्जुन से) बताइए क्यों मिलने आए है आप....
अर्जुन – जी नौकरी के लिए आया हूँ मैं यहां पर....
अलीता – नौकरी के लिए लेकिन मेरे पास क्यों उसके लिए फैक्ट्री के मैनेजर से मिलना चाहिए था....
अर्जुन – (कार्ड दिखा के) इन साहेब ने भेजा है मुझे काम करने के लिए....
अलीता – (कार्ड देख) ठीक है (अपने मैनेजर को बुला के) इसे फैक्ट्री में काम पर लगा दो सबके साथ....
अभय – (बीच में) तो इस तरह से भइया से मुलाक़ात हुई आपकी लेकिन भईया को शहर आके नौकरी करने की क्या जरूरत पड़ गई....
अलीता – ये सब बाद में (हस्ते हुए) वैसे ये तो सिर्फ शुरुवात थी अभी तो मजे की बात बाकी है जिसे सुन के आपकी हसी रुकेगी नहीं देवर जी....
अभय – ऐसा क्या हुआ था भाभी....
अलीता – सुनो फिर....
उसके बाद से तुम्हारे भईया फैक्ट्री में काम करने लगे और साथ फैक्ट्री के कई वर्कर से उनकी अच्छी खासी दोस्ती हो गई एक दिन तुम्हारे भईया अपने दोस्त (दिनू) के साथ मेरे केबिन में आए तब मै सोनिया के साथ एक शो में जाने की बात कर रहे थे तभी....
अलीता –(अर्जुन और दीनू को अपने केबिन में आता देख) फैक्ट्री का काम छोड़ के टी दोनो यहां क्या करने आए हो....
दिनू – (रोते हुए) गजब हो गया मैडम मेरा मू बोला चाचा खत्म हो गया मैडम....
अलीता – (दोनो को देख के) तो फिर मैं क्या करू इसमें....
दिनू – मैडम आप नाराज होके कही नौकरी से ना निकाल दे इसीलिए चाचा की लाश को घर के बाहर छोड़ के आ गया प्लीज मैडम अगर आधे दिन की छुट्टी देदे तो उनका क्रिया कर्म करके वापस आ जाऊंगा मै....
अलीता – (हैरान होके) आधे दिन में हो जाएगा....
दिनू – जी मैडम प्लीज.....
अलीता – ठीक है जाओ और अगर वक्त ज्यादा लगे तो कल से आ जाना काम पर....
दिनू – (मुस्कुराते हुए) थैंक्यू मैडम (अर्जुन से) चल अर्जुन चलते है....
अलीता – (बीच में अर्जुन को रोक के) एक मिनिट तुम क्यों जा रहे हो चाचा इसका गुजरा है तुम्हारा क्या काम वहां पे....
अलीता की बात सुन अर्जुन , दिनू को देखने लगा तब....
दिनू – मैडम वो क्या है ना मेरा जो चाचा था ना वो बहुत ही बेकार किस्म का आदमी था मुश्किल से तीन लोगो का इंतजाम हुआ है कंधा देने के लिए चौथे की जरूरत पड़ती है कंधे के लिए इसीलिए अर्जुन को ले जाने की इजाजत दे दीजिए मैडम प्लीज....
अलीता – ठीक है जाओ तुम दोनो....
बोल के तुम्हारे भइया और दिनू चले गए....
अभय – ओह ये तो बुरा हुआ भाभी....
अलीता – (जोर से हस्ते हुए) बुरा नहीं देवर जी असली मजा अब आएगा आपको आगे तो सुनो....
अभय – (चौक के) आप इस बात पर इतना हस क्यों रहे हो भाभी....
अलीता – (हस्ते हुए) आगे सुनोगे तो आप भी हंसोगे सुनो अब....
फैक्ट्री से निकलने के बाद तुम्हारे भईया और दिनू सीधे गए मूवी थिएटर में जहा पर नई मूवी लगी थी ऑफर के साथ पहली टिकट लेने पर एक सोने की चैन और अंगूठी थी और दूसरी टिकट लेने पर नई बाइक जब थिएटर के बाहर भीड़ देख उन दोनों को लगने लगा खाली हाथ जाना पड़ेगा यहां से उन्हें लेकिन अगले ही पल दीनू ने एक शरारत की....
दीनू – (एक जगह पब्लिक के कुछ लोग खड़े थे उनके सामने अपने मोबाइल से किसी से बात करने लगा) हैलो भाई थिएटर में बहुत भीड़ है आप टेंशन मत लो बॉम्ब फिट कर दिया है बस थोड़ी ही देर में (बोल के हंसने लगा) अच्छा मै निकलता हु यहां से....
बोल के कॉल कट कर दिया दीनू ने उसके बाद जिसने सुन बॉम्ब के बारे में वो सब भागने लगे थिएटर से बॉम्ब बॉम्ब चिल्ला के उनकी बाते सुन कई और भी भागे और मौका देख के तेरे भईया (अर्जुन) और दीनू ने पहली और दूसरी टिकट लेली अपने नाम से और चले गए थिएटर के अन्दर....
अभय – (हस के) अरे वाह क्या दिमाग लगाया तो उनको मिल गया इनाम....
अलीता – (हस्ते हुए) अभी तो सुनो फिर हंसना....
थिएटर के अन्दर तुम्हारे भईया और दिनू के जाने के बाद थिएटर के बाहर मैनेजर ने आके मामला शांत किया तब जाके सभी लोग थिएटर में आए मूवी देखने उससे पहले स्टेज में आके मैनेजर ने माइक से अनाउंसमेंट किया इनाम के लिए....
थिएटर मैनेजर – आज की पहली और दूसरी टिकट लेने वाले विजेता को मै इमान देने के लिए मंच पे बुलाना चाहूंगा इंडिया की टॉप कंपनी सिंघानिया ग्रुप एंड कंपनी की मालकिन मिस अलीता सिंघानिया को....
इसके साथ जोर दार तालियां बजने लगी थिएटर में लेकिन दो लोगों की हसी गायब हो चुकी थी अर्जुन और दीनू की जैसे ही स्टेज में अलीता को अपनी सेक्रेटरी सोनिया के साथ आते देख....
थिएटर मैनेजर – अब मै आज के विजेता को स्टेज पर बुलाना चाहूंगा मिस्टर अर्जुन एंड मिस्टर दिनू को आज के पहली और दूसरी लक्की टिकट के विजेता....
अपना नाम सुन अर्जुन और दीनू दोनो अपनी सीट की नीचे चुप गए एक दूसरे को गालियां देते हुए....
अर्जुन – अबे ये कहा फंसा दिया तूने इनाम के चक्कर में नौकरी चली जाएगी अपनी....
दिनू – यार मुझे क्या पता था इनाम देने के लिए मैडम आ जाएगी यहां पर....
ये दोनों आपस में लगे हुए थे तभी....
थियेटर मैनेजर – (दोनो अपनी सीट के नीचे छुपता देख बुलाते हुए) मिस्टर अर्जुन एंड मिस्टर दीनू आप दोनो सीट के नीचे क्यों झुके है प्लीज स्टेज में आके अपना इनाम लेले ताकि जल्दी से शो शुरू करे हम....
अर्जुन और दिनू के अगल बगल के लोगो ने उनको उठा के स्टेज की तरफ धक्का देके जाने को बोलने लगे जबकि इन दोनों को देख अलीता और सोनिया हैरानी से देखने लगे फिर सोनिया धीरे से मुस्कुराने लगी धीरे धीरे दोनो स्टेज में आए तब....
थिएटर मैनेजर – अरे आईए आईए मुबारक हो आपको जल्दी से अलीता जी के हाथों से अपना इनाम लीजिए....
धीरे धीरे चल के दोनो सामने आ गए अलीता के....
दीनू – (अलीता के सामने हाथ जोड़ के पैर पकड़ धीरे से) मैडम हमें माफ कर दीजिए हमने सोचा शो की पहली और दूसरी टिकट का इनाम लेके उसे बेच के अपने मामा का क्रिया कर्म करेंगे....
अर्जुन दिनू की बात सुन हल्का धक्का देके....
अर्जुन –(धीरे से) अबे साले मामा नहीं चाचा....
दीनू – अरे हा सारी मैडम मामा नहीं चाचा के लिए....
जबकि इस तरफ थिएटर का मैनेजर और बाकी सभी जो मूवी देखने आए थे वो हस्ते हुए ताली बजा रहे थे कि दोनो मैडम के सामने हाथ जोड़ पैर छू के सम्मान दे रहे है ऐसा कुछ समझ रहे थे बेचारे सब लेकिन उनको क्या पता ये दोनो ऐसा क्यों कर रहे है तभी....
अलीता –(सभी के साथ दिनू को हल्का सा हस के धीरे से) मेरा पैर छोड़ो और चुप चाप अपना इनाम लो और निकलो....
दीनू – (धीरे से) मैडम प्लीज पहले आप बोलिए आप नाराज नहीं है हमें नौकरी से नहीं निकलेगी आप....
अलीता – (अपना पैर छुड़ाने के लिए जल्दी से) ठीक है ठीक है अब जल्दी से पैर छोड़ो मेरा....
इतनी देर से अर्जुन सिर्फ खड़ा कभी दीनू को देखता तो कभी अलीता को जैसे ही अलीता नौकरी से ना निकालनी की बात बोली तब....
दिनू और अर्जुन खुश होके – थैंक्यू मैडम....
बोल के दोनो को इमान दिया जिसके बाद अलीता तुरंत निकल गई पीछे से सोनिया हस्ते हुए जाने लगी जबकि अर्जुन और दिनू खुश होके तुरंत भागे इनाम लेके थिएटर से बाहर सीधे अपने कमरे मे चले गए....
इधर अलीता की बात होते ही अभय पेट पकड़ के जोर जोर से हसने लगा तभी अलीता के कमरे के बाहर से संध्या के हंसने की आवाज आई जिसे देख अलीता हस्ते हुए....
अलीता – अरे चाची आप बाहर क्यों खड़े हो अंदर आओ ना....
संध्या –(हस्ते हुए कमरे में आके) मै तो अभय को बुलाने आई थी सोने का बोलने के लिए लेकिन यहां आके तेरी बात सुनने लगी इतनी हसी आई इस बात पर रोक ही नहीं पाई मै खुद को हसन से....
जबकि अभय हस्ते हस्ते अलीता की गोद में अपना सिर रख दिया जिसे देख अलीता , अभय के सिर पर हाथ फेरने लगी....
अभय – (हस्ते हुए) भाभी सच में इतनी मजेदार बात बताई आपने हसी नहीं रुक रही है मेरी तो....
अभय के ऐसा करते ही अलीता को जाने ऐसा क्या हुआ अपनी बात बताना भूल के मुस्कुराते हुए सिर्फ अभय के सिर पर हाथ फेर रही थी जिसे देख संध्या को कुछ अजीब सा लगा जबकि इस बात से बेखबर अभय हंसे जा रहा था तब संध्या ने दो बार नाम पुकारा अलीता का लेकिन अलीता जैसे खोई हुई थी कही इस बात से संध्या को कुछ अजीब सा लगा जिसके बाद....
संध्या – (अलीता के कंधे पे हाथ रख के) फिर आगे क्या हुआ अलीता....
अलीता – (संध्या की बात सुन होश में आके) आगे क्या चाची....
अभय –(हस्ते हुए) भाभी आगे का और बताओ ना प्लीज बहुत मजा आ रहा है सुनने में....
अलीता – आगे का हा ....
फिर उसके बाद सब कुछ वैसा ही चलने लगा था एक दिन की बात है पापा ने किसी काम से ऑफिस कॉल करके कुछ फाइल्स मंगवाई थी मेरी तबियत ठीक नहीं थी उस दिन मैं नहीं गई थी ऑफिस तब सोनिया ने अर्जुन को बोल के फाइल मेरे घर भिजवाई जिसके बाद पहली बार अर्जुन मेरे घर में आया था आते ही मेरे पापा से मिला तब पापा भी बहुत खुश हुए अर्जुन से मिल के फिर मम्मी से मिलवाया अर्जुन को और सारी बात बताई उस हादसे की जिसके बाद मम्मी ने अर्जुन को थैंक्यू बोला बहुत जिद करके मम्मी की बात मान के अर्जुन ने उस दिन खाना खाया मेरे घर में जब अर्जुन वापस जा रहा था तब मम्मी (रागिनी सिंघाल) ने अर्जुन को उपहार दिया....
अर्जुन – (मेरी मम्मी रागिनी से) इसकी क्या जरूरत है आप....
रागिनी सिंघाल –(हल्का मुस्कुरा के) बेटा जो तुमने किया मै उसका अहसान मरते दम तक नहीं चुका सकती हूँ ये सिर्फ एक तोहफा है मेरी तरफ से तुम्हारे लिए रख लो इसे....
रागिनी सिंघाल की बात सुन अर्जुन ने बिना कुछ बोले तोहफा ले लिया....
रागिनी सिंघाल – वैसे तुम कहा से हो घर में कौन कौन ही तुम्हारे....
अर्जुन – (मम्मी की बात सुन हल्की उदासी से) जी मै XX गांव से हूँ अकेला हूँ कोई नहीं है मेरा....
रागिनी सिंघाल – कोई बात नहीं बेटा अपने आप को कभी अकेला मत समझना हम है ना (अपने पति राममोहन सिंघाल से) सुनिए आपने इसे फैक्ट्री में लेबर क्लास में क्यों रखा है....
राम मोहन सिंघाल – (मुस्कुराते हुए) अरे देवी जी हमने तो इसे नौकरी के लिए भेजा था अब मुझे क्या पता था इसे लेबर क्लास में लगा दिया जाएगा....
रागिनी सिंघाल – (मू बना के) और बैठो घर में बस घर में बैठ के ही सारे काम करने है आपको लड़के को काम करने को भेज दिया लेकिन लगाया कहा लेबर क्लास में ऐसा भी कोई करता है क्या भला....
राम मोहन सिंघाल – (मुस्कुराते हुए) ठीक है देवी जी मै आज ही इसे अच्छी पोस्ट दिल देता हु अब खुश हो न आप....
अर्जुन – (बीच में) इसकी कोई जरूरत नहीं सर मै इसी में बहुत खुश हूँ....
काफी जिद के बाद अर्जुन मान गए पापा मम्मी की बात उसके बाद ऑफिस में कॉल करके अर्जुन को मैनेजर पोस्ट के लिए हेड मैनेजर के साथ रखा गया काम सीखने के लिए लेकिन अर्जुन के यहां आने का असली मकसद कुछ और ही था....
अभय – (चौक के) मकसद कैसा मकसद था भईया का आपके कंपनी के आने का....
अलीता – Dr DANG....
अभय – अब ये कौन है भाभी....
अलीता – Dr DANG इंडिया के मेडिकल लाइन में काफी फेमस साइंटिस्ट है और पापा के अच्छे दोस्त फैमिली के नाम पर उनका पापा के इलावा कोई नहीं दुनिया में इसीलिए पापा के साथ मिल के Dr DANG हमारी बनी मेडिकल लैब में अपना काम करते थे....
अभय – क्या काम करते थे लेब में....
अलीता – अपनी रिसर्च करते थे तरह तरह की वैक्सीन बनाते थे देख जाय इंलीगेल थी वो लेकिन Dr DANG को कुछ ना कुछ नया करने का शौक रहता था जिसके चलते हमारी कंपनी के कई कंपटीटर Dr DANG को अपने यहां लाना चाहते थे....
अभय – तो भईया Dr DANG के लिए आये थे आपके कंपनी में....
अलीता – (मुस्कुरा के) हा आना इसीलिए चाहते थे लेकिन किस्मत से उस रोड के हादसे से उनका काम आसान हो गया जबकि तुम्हारे भईया को पता भी नहीं था कि जिस हादसे में वो जिसे बचा रहे है बस वही से उनको पता चला पापा के बारे में इसलिए पापा के कहने पे एक बार में अर्जुन हमारी फैक्ट्री में काम काम करने को तैयार हो गए इस बीच अर्जुन ने काफी कोशिश की Dr तक पहुंचने की लेकिन नहीं कर पाए लेकिन उस दिन के बाद उन्हें मौका मिल गया सबसे बचाते हुए एक दिन अर्जुन को मौका मिला Dr DANG से मिलने का उसके बाद उनकी पर्सनल बात चित हुईं जिसके बारे में एक दिन मुझे पता चला मुझे और उस दिन मैं घर से निकल रही थी ऑफिस के लिए तब रस्ते में कुछ गुंडों ने मेरा किडनैप किया जब ये बाते मेरे घर और ऑफिस तक आई उसी वक्त पापा ने पुलिस को कॉल करने गए और तभी मै घर में दाखिल हुई मुझे देख पापा मम्मी और सोनिया खुशी के साथ हैरान थे....
अभय – लेकिन किडनैप किसने किया था आपको और आप घर कैसे आई....
अलीता –(मुस्कुरा के) तुम्हारे भईया ने मुझे बचाया वही लेके आय मुझे घर पे मेरे किडनैप के बाद मुझे एक गोडाउन में लेके गए वहां जाके मुझे पता चला कि चेतन ग्रुप कंपनी के मालिक चेतन और उनका बेटा अमरीश था मुझे किडनैप करके जबरन मुझसे पेपर साइन करवाने के लिए जिससे मेरे फैक्ट्री उनके नाम हों जाए जिसमें उनकी मदद मेरे वकील था उसने ही पैसों की लालच में उनका साथ दे रहा था फैक्ट्री के ट्रांसफर पेपर भी वकील ने बनवा रखे थे चेतन के कहने पर मुंबई के कई नामी गुंडों के दम पर वो ये सब कर रहे थे जब मैने साइन करने से मना किया तब पापा मम्मी को मारने की धमकी देने लगे डर से मैने एक बार पेन उठा के साइन करने जा रही थी तभी कोई चेतन के गोडाउन घुस आया आते ही चेतन के कुछ आदमियों को मार डाला जिसे देख गुंडे गुस्से में हथियार लेके उसे मारने जा रहे थे तभी अपने सामने खड़े लड़के का चेहरा देख उनके हाथ से हथियार अपने आप गिर गए ये नजारा देख चेतन और उसका बेटा अमरीश हैरान थे वो लड़का कोई और नहीं अर्जुन था और तब....
गुंडा – (अर्जुन के पैर पकड़ के) हमें माफ करदो KING ....
अर्जुन – (बीच में सभी गुंडों से) चुप चाप निकल जाओ यहां से....
बस इतना बोलना था अर्जुन का गुंडे तुरंत भागे जैसे उनकी जान पे बन आई हो लेकिन उस वक्त हममें से किसी का भी ध्यान एक बात पर नहीं गया जो उस गुंडे ने बोला था एक नाम (KING ) उस वक्त एक पल मै भी हैरान थी कि एक मामूली आदमी के सामने मुंबई के नामी गुंडे अचानक से डर कैसे गए उसके बाद अर्जुन , चेतन और उसके बेटे अमरीश की बिना परवाह किए मेरे पास आके मेरा हाथ पकड़ के ले जाने लगे बाहर और मै हैरानी से जाने कैसे अर्जुन के साथ चले जा रही थी तभी....
चेतन – (अर्जुन से) बहुत बड़ी गलती कर दी तूने लड़के आज तो इसे ले जा रहा है बचा के लेकिन अब तू भी....
अर्जुन – (बीच में ही) मिस्टर चेतन मुझे धमकी बाद में देना पहले जाके अपने फैक्ट्री को बचा लो सरकारी अफसर इंतजार कर रहे है तुम्हारा हाथ में हतकड़ी लिए मेरे साथ वक्त बर्बाद करने से अच्छा है अपने वक्त को बचाओ बहुत काम आने वाला है तुम्हारे....
बोल के अर्जुन मुझे लेके निकल गया रस्ते भर मै सिर्फ अर्जुन को देखती रही तब अर्जुन की नजर मुझपे गई तब सुनसान जगह गाड़ी रोक के अर्जुन ने बात करना शुरू की मुझसे तब अर्जुन ने अपने बारे में सब बताया मुझे बस उसके बाद से हम साथ है....
बोल के अलीता चुप हो गई....
अभय – फिर क्या हुआ भाभी क्या बताया भईया ने आपको....
अलीता – (मुस्कुराते हुए) इससे आगे की बात तुम अपने भईया से पूछना वही बताएंगे तुम्हे....
अभय – लेकिन भाभी आपने बताया नहीं मेले वाली बात के बारे में आपने कहा था बताओगे....
अलीता – आगे की बात आपके भईया बताएंगे आपको देवर जी....
अभय – लेकिन भईया तो यहां है ही नहीं....
अलीता – (मुस्कुरा के) पता है कल आ रहे है भईया तुम्हारे तब पूछ लेना उनसे....
अभय – (मू बना के) IT'S NOT FAIR भाभी....
अलीता – (मुस्कुरा के) अच्छा एक बात तो बताओ आप ये इंग्लिश कैसे आती है आपको....
अभय – इसमें क्या है पढ़ाई करता हूँ भाभी कॉलेज में जानते हो आप क्लास 10th और 12th में मैने फर्स्ट डिवीजन पास किया था पूरे जोधपुर में....
अलीता – (मुस्कुरा के) तब तो आपको ये भी पता होगा आपके भईया की आपसे मुलाक़ात वहां पर कैसे हुई थी....
अभय – हा वो तो मैंने एक (बोल के चुप हो गया जैसे कुछ सोचने लगा हो तभी) भाभी मै जोधपुर में था लेकिन मैं कब मिला था भईया से वहां पर....
अलीता – कोई बात नहीं देवर जी इस बारे में ज्यादा मत सोचो कल आपके भईया आ रहे है वापस आपके बाकी के सवालों का जवाब आपके भईया देगे....
संध्या – (जो इतनी देर से बाते सुन रही थी अभय से बोली) चल अभी रात काफी हो गई है बाकी बाते कल अर्जुन से पूछना....
अभय – (अलीता की गोद में लेटे सुस्ताते हुए) मन नहीं हो रहा मेरा उठने का....
इससे पहले संध्या कुछ बोलती....
अलीता – (बीच में संध्या से) चाची आज अभय को यही सोने दीजिए....
संध्या – (अलीता की बात सुन पहले तो गोर से देखने लगी फिर) ठीक है (अभय से) आराम कर तंग मत करना अपनी भाभी को....
मुस्कुराते हुए संध्या कमरे से बाहर जाने लगी तभी कमरे से बाहर सोनिया दिखी संध्या को जिसे देख....
संध्या – (सोनिया से) तुम मेरे साथ चलो मेरे कमरे में....
संध्या की बात सुन सोनिया बिना कुछ बोले संध्या के साथ कमरे में चली गई जबकि इस तरफ अभय आंख बंद करके अलीता की गोद में लेटा रहा जबकि अलीता मुस्कुराते हुए हल्के हाथ से धीरे धीरे अभय के सिर पर हाथ फेरती रही....
संध्या – (कमरे में आते ही सोनिया से) सोनिया एक बात बताओ मुझे ये अलीता....
सोनिया – (बीच में) मै जानती हु आप क्या पूछना चाहते हो सच ये है कि अलीता और अर्जुन की शादी के कुछ समय बाद अलीता मा बनने वाली थी लेकिन एक हादसे की वजह से ऐसा नहीं हो पाया जिस वजह से अलीता के गर्भ में कुछ कॉम्प्लिकेशन आ गई डॉक्टर ने कहा है कि ये सब दवाई से ठीक हो सकता है लेकिन जरूरी नहीं कि अलीता फिर से मां बन पाए शायद इसीलिए आज जैसे अलीता की गोद में अभय लेटा तभी अलीता उसमें खो गई थी....
संध्या – (मू पे हाथ रख चौक के) हे भगवान ये क्या हो गया अलीता के साथ क्या दावा से ठीक हो गई है अलीता अब....
सोनिया – अभी वक्त लगेगा पूरी तरह ठीक होने में अलीता के गर्भ को....
संध्या – इसका ऑपरेशन भी तो होता है ना....
सोनिया – हा लेकिन उसमें अलीता की जान को खतरा है जिस वजह से अर्जुन ने साफ मना कर दिया ऑपरेशन के लिए और ये बात अलीता को बताने से साफ मना किया है अर्जुन ने....
संध्या – सोनिया तुम भी तो डॉक्टर हो तुम क्यों नहीं करती कुछ अलीता के लिए....
सोनिया – (मुस्कुरा के) इसीलिए तो उसके साथ यहां आई हूँ , आपके गांव में मुझे पता चला है पहाड़ियों में कई तरह के दुर्लभ फूल पाए जाते है जिससे कई तरह की बिमारियां भी सही होती है....
संध्या – हा बिल्कुल ऐसा है लेकिन उससे क्या होगा....
सोनिया – (मुस्कुरा के) उसी से ही होगा क्या मुझे वो मिल सकते है फूल....
संध्या – हा लेकिन वो फूल सर्दियों में मिलते है सिर्फ कुछ समय बाद सर्दियां शुरू होगी तब मिलेंगे वो फूल....
सोनिया – हम्ममम ठीक है इंतजार करती हूँ सर्दी आने का....
एक तरफ अभय , अलीता की गोद में सो रहा था जबकि अलीता मुस्कुराते हुए अभय के सिर पर हाथ फेर रही थी दूसरी तरफ एक कमरे में रमन लेटा हुए था अपने बेड पर उर्मिला के साथ धीरे से दोनों बाते कर रहे थे....
उर्मिला – ठाकुर साहब क्या सोच रहे है आप....
रमन – इस वक्त कुछ भी नहीं सोच रहा हूँ सिर्फ इंतजार कर रहा हूँ मैं....
उर्मिला – किसका इंतजार....
रमन – (मुस्कुरा के) एक कॉल का....
उर्मिला – किसके....
रमन – है कोई बस एक बार वो हो गया काम तो समझो जो इतने सालों में नहीं हुआ वो एक बार में हो जाएगा....
उर्मिला – ये तो आपने पहले भी कहा था ठाकुर साहब....
रमन – हा जनता हूँ क्योंकि उस वक्त हालात कम से कम मेरे साथ थे लेकिन इस बार हालात मेरे खिलाफ है इसीलिए शांति से काम लेना पड़ रहा है अब इस हवेली में एक को छोड़ के सभी मेरे खिलाफ है मेरा एक गलत कदम और उसके बाद हो सकता है हवेली में आखिरी दिन हो मेरा उस दिन....
उर्मिला – एक को छोड़ के कौन है वो....
रमन – जाने दे अभी जल्दी पता चल जाएगा तुझे कौन है वो....
उर्मिला – तब तक आप क्या करेंगे....
रमन – कल गजानन मिलने आ रहा है मुझसे....
उर्मिला – गजानन इतने दिन बाद आ रहा है लेकिन क्यों....
रमन – मैने भेजा था उसे शहर अपने काम के लिए अब वापस अपने गांव जा रहा है वो जाने से पहले एक खुश खबरी देता जाएगा मुझे....
उर्मिला – आपने किस काम के लिए भेजा था गजानन को....
रमन – (हस्ते हुए) DIG शालिनी को रस्ते से हटाने के लिए....
.
.
.
जारी रहेगा
Kitna progress chahiye ju ko?
Just in jovial sense only, dear bro - please take it lightly only, not seriouslyKitna progress chahiye ju ko?
Jyada chahiye to meri story per chalne ka