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Hello Sir ji kaise ho aapDEVIL MAXIMUM bhai update???
AB TABIYAT KAISI HAI AAPKI DEVIL MAXIMUM JI
Waiting for the update BRO
update kab ayega ye bas bata do. Shandhya or story dono ka climax dekhana hai Abhay ke hatho![]()
Very nice update waiting for next update
Latest update posted guysawesome update
Nahi bhai ghar me he hai rosai me hai abhi or mai kamre me update post kar rha hooWelcome back , lagta hai lugaai mayke gai hai![]()
Mast update![]()
इंतजार रहेगा
Latest update posted guysAb update nahi ayega, khatam tata bye bye........
❤❤❤I M BACK
माफ करना दोस्तो काम में व्यस्त होने के कारण काफी वक्त लग गया मुझे खेर कोशिश रहेगी UPDATE में देर में ना आए अबसे
.
लेके कोई गारंटी नहीं लेता मैEnjoy karo Update ko
UPDATE 59
रोज की तरह रमन सुबह खेत जाके काम को देखता है लेकिन आज रमन सुबह जल्दी उठ के निकल गया हवेली से जरूरी काम का बहाना बना के और आया गांव के बाहर रेलवे स्टेशन की तरफ जहां पर कुछ देर इंतजार करने के बाद सामने से गजानन आता दिखा रमन को दोनों मुस्कुरा के गले मिले...
रमन – तो क्या खबर लाए हो मेरे लिए गजानन....
गजानन – (मुस्कुरा के) आपका काम हो गया है ठाकुर साहब अब आप निश्चित रहिए DIG शालिनी की तरफ से अब वो चाह के भी कुछ नहीं कर पाएगी किसी का....
रमन – अरे वाह और किसी को कानों कान खबर तो नहीं हुई ना....
गजानन – बिल्कुल भी नहीं ठाकुर साहब वैसे उस लौंडे का क्या हुआ जिसने आपकी नाक में दम कर रखा है....
रमन – होना क्या है उस सपोले का बैठा है कुंडली मार के हवेली में...
गजानन – कुछ दिन की बात है ठाकुर साहब मै अपने गांव से वापस आके उसका काम कर दूंगा जल्द ही...
रमन – (हस्ते हुए) मुझे नहीं लगता गजानन अब इन सब की शायद जरूरत पड़े...
गजानन – ऐसा क्यों ठाकुर साहब...
रमन – जब DIG शालिनी के बारे में पता चलेगा उसे तब वो सपोला उसके ग़म में डूब जाएगा....
गजानन – हम्ममम खेर मेरी ट्रेन आ गई है वापस आके मिलता हूँ आपसे....
बोल के गजानन ट्रेन में बैठ निकल गया और रमन वापस खेत में आ गया जबकि इस तरफ हवेली में सुबह के वक्त अभय की नींद खुलते ही अपने आप को अलीता की गोद में सोया पाया और अलीता बेड में टेक लगाए बैठे थी...
अभय – (नींद से उठते ही) भाभी आप ऐसे क्यों बैठे हो आप सोए क्यों नहीं...
अलीता – (मुस्कुराते हुए) तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा देखती रही मै रात भर...
अभय – भाभी आप भी ना ऐसा भी भला कोई करता है क्या...
अलीता – (मुस्कुराते हुए) कोई बात नहीं मै तुम्हारी नींद खराब नहीं करना चाहती थी वैसे भी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था....
अभय – अच्छा ठीक है भाभी अभी आप आराम करो पहले...
अलीता – ना ना मैं ठीक हूँ तुम...
अभय – (बीच में) मै कुछ नहीं सुनूंगा आपकी बस आप आराम करो अभी मै बाद में जगा दूंगा आपको....
थक हार के अलीता को अभय की बात माननी पड़ी जिसके बाद अभय हवेली के बाहर निकल गया MORNING WALK के लिए चलते चलते अभय काफी आगे निकल गया तभी पीछे से...
राज – (चिल्ला के) अबे ओ बेहरा है क्या तू इतनी देर से तेरा नाम लेके बुला रहा हूँ ध्यान कहा है तेरा बे...
अभय – (चौक के) तुम यहां हवेली के बाहर क्या कर रहे हो...
राज – (हैरानी से) अबे क्या बोले जा रहा है तू यहां कहा है हवेली...
राज की बात सुन अपने चारो तरफ देख...
अभय – अरे हा लगता है मैं चलते चलते काफी आगे आ गया हूं....
राज – काफी नहीं इधर देख मेरे घर के बाहर खड़ा है तू चल अन्दर मां तुझे देख के खुश हो जाएगी...
अभय – अभी नहीं यार बाद में आता हूं तैयार होके....
राज – चल बे चुप चाप बाद में फिर आना चल अभी...
बोल के घर के अन्दर आ गए दोनो...
राज – मां देखो अभय आया है...
गीता देवी – अरे अभय क्या बात है आज सुबह सुबह कही जाना है क्या....
राज – कही नहीं जान है मां ये महाशय चलते चलते यहां तक आ गए और इन्हें पता तक ना चला...
गीता देवी – (अभय से) क्या बात है अभय....
अभय – कुछ नहीं बड़ी मां बस ध्यान कही और था मेरा पता नहीं चला...
गीता देवी – अच्छा कहा ध्यान था तेरा फिर....
अभय – पता नहीं बड़ी मा नींद खुली है उसके बाद से मन बेचैन सा लग रहा है जाने क्यों....
गीता देवी – हवेली में सब ठीक है ना...
अभय – हा बड़ी मां...
गीता देवी – चल कोई बात नहीं और बता पढ़ाई कब से शुरू कर रहा है...
अभय – अगले हफ्ते से शुरू करूंगा बड़ी मां तब तक शनाया मौसी पढ़ाएगी....
गीता देवी – अच्छी बात है चल हाथ मू धो ले नाश्ता लगती हूँ....
अभय – अरे नहीं बड़ी मां हवेली में इंतजार कर रहे होगे सब मेरा उन्हें पता भी नहीं मै यहां हूँ...
गीता देवी – चल ठीक है आराम से जाना....
बोल के अभय घर से बाहर आया तब...
राज – अभय आज क्या कर रहा है तू चल घूमने चलते है कही...
अभय – नहीं यार आज मन नहीं है....
राज – अबे तो क्या पूरा वक्त हवेली में बैठा रहेगा क्या चल चुप चाप दोपहर में ले चलता हूँ तुझे समुंदर किनारे....
अभय – ठीक है....
हवेली आते ही तैयार होके नाश्ते की टेबल पर सब नाश्ता कर रहे थे....
संध्या – (अभय को देख जो नाश्ता नहीं कर रहा था) क्या बात है अभय नाश्ता अच्छा नहीं बना है क्या....
अभय – नहीं ऐसा नहीं है...
संध्या – तो नाश्ता क्यों नहीं कर रहा तू....
अभय – मन नहीं कर रहा है आज....
अलीता – तो मन को बोलो शांत रहे अब नाश्ता करो जल्दी से फिर गांव घुमाने ले चलो आप (संध्या) क्यों चाची आप भी चलो साथ में....
संध्या – (मुस्कुरा के) ठीक है चलती हूँ....
नाश्ते के बाद तीनों तैयार होके सबके साथ हॉल में बात कर रहे थे तभी चांदनी को एक कॉल आया कॉल रिसीव कर सामने वाले की बात सुन एक पल पहले सबको देखा फिर ठीक है बोल के कॉल कट कर दिया जिसके बाद संध्या , अभय और अलीता निकल गए अपनी गाड़ी से जिसे अभय चला रहा था रस्ते में....
संध्या – कहा चल रहा है...
अभय – वो राज बोल रहा था घूमने को उसे लेने चल रहे है...
राज को घर से साथ लेके निकले ये लोग जबकि इधर हवेली में चांदनी हवेली में बाकी लोगों को काम का बोल के गाड़ी से निकल गई शहर की तरफ इस तरफ रस्ते में अभय के साथ संध्या आगे बैठी थी....
संध्या – क्या बात है अभय आज तू चुप चुप क्यों बैठा है...
अभय – कुछ नहीं ऐसे ही....
राज – ये ऐसे ही क्या होता है तेरा (संध्या से) ठकुराइन सुबह से जाने इसका ध्यान किधर है...
सुबह की बाकी बात बता देता है जिसके बाद...
अलीता – क्या बात है देवर जी तबियत तो ठीक है....
अभय – भाभी पता नहीं आज सुबह से अजीब सी बेचैनी हो रही है मुझे पता नहीं क्यों....
ये लोग बात कर रहे थे तभी संध्या के मोबाइल में शालिनी का कॉल आता है जिसे देख....
संध्या – (अभय से) देख शालिनी का कॉल आ रहा है (कॉल रिसीव करके) हैलो शालिनी कैसी हो आप....
तभी सामने से किसी और की आवाज आती है जिसे सुन....
संध्या – (हैरानी से) क्या कहा कब कैसे हुआ ये सब....
सामने से – ????...
संध्या – लेकिन...
इससे पहले कुछ और बोलती संध्या कॉल कट हो गया , कॉल पर संध्या को इस तरह बात करता देख....
अभय – क्या हुआ क्या बात है....
संध्या – वो शालिनी नहीं कोई और पुलिस वाला था....
अभय – क्या कह रहा था वो....
संध्या – जाने क्या बात हुई है पुलिस ढूंढ रही है शालिनी को....
अभय – (चिल्ला के) क्या क्या...क्या...क्या हुआ है मां को कहा है वो....
संध्या – शहर में....
इतना सुनना था तभी अभय ने तेजी से गाड़ी को शहर की तरफ ले जाने लगा रस्ते में....
अलीता – अभय रुक जाओ मै चलाती हु गाड़ी....
लेकिन अभय को जैसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था वो बस तेजी से गाड़ी चलाए जा रहा था जिसे देख....
अलीता – चाची बात क्या है आखिर....
संध्या – मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है पुलिस वाला था कॉल पर बोल रहा था पुलिस शालिनी को ढूंढ रही है पूछ रहा था आपके पास आई है शालिनी....
अलीता – पुलिस वाला लेकिन वो शालिनी जी का नाम कैसे ले रहा है....
संध्या – पता नहीं क्या बात है....
कुछ देर में सभी शहर में शालिनी के घर के बाहर आ गए जहा पर शालिनी के घर के बाहर कई पुलिस की गाड़ी खड़ी थी साथ में कुछ प्रेस वाले थे जो फोटो खींच रहे थे अभय तुरंत गाड़ी से उतर के पुलिस और प्रेस के सामने चला गया....
अभय – (पुलिस वाले से) क्या हुआ है यहां पर और मेरी मां कहा है....
पुलिस वाला – (अभय को देख) तुम कौन हो और कौन है तुम्हारी मां....
अभय – DIG शालिनी मेरी मां है कहा है वो और यहां इतनी भीड़ क्यों है....
अभय का इतना बोलना था तभी पुलिस वाला गोर से अभय को ऊपर से नीचे देखने लगा लेकिन इसके साथ अभय की इस बात को प्रेस के कुछ लोगों ने सुनी जिसके बाद वो तुरंत अभय के सामने आके फोटो खींचने लगे उसकी और एक प्रेस वाला अपना कैमरा मैंन के साथ अभय के सामने कर पूछने लगा...
प्रेस वाला – (अपने कैमरा मैन के साथ) क्या नाम है आपका....
अभय – मेरा नाम अभय है....
प्रेस वाला – DIG SHALINI आपकी क्या लगती है....
अभय – मेरी मां है वो लेकिन ये क्या हो रहा है यहां....
प्रेस वाला – (अभय की बात सुन कर सवाल पूछने लगा) आपकी मां कब से ड्रग्स का रैकेट चला रही है....
अभय – (चौक के गुस्से में) दिमाग खराब है क्या तुम्हारा क्या बकवास कर रहे हो तुम....
प्रेस वाला – तो क्या आपको पता नहीं कि आपकी मां DIG SHALINI ड्रग्स का रैकेट चला रही है अपने घर में....
प्रेस वाले की बात सुन अभय गुस्से में प्रेस वाले का गला पकड़ने को हाथ आगे बढ़ा रहा था तभी बीच में किसी ने आके प्रेस वाले से बोला....
आदमी – (प्रेस वाले के सामने आके) ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा ये लड़का बोल रहा है ये लड़का DIG SHALINI का बेटा नहीं है उनकी सिर्फ एक लौटी बेटी है बस ये लड़का मेरा भांजा है दिमागी रूप से बीमार है...
बोल के उस आदमी ने पुलिस वाले को इशारा किया जिसके बाद पुलिस वाला प्रेस वाले के सामने आके....
पुलिस वाला – CBI CHIEF मिस्टर मनोहर सही बोल रहे है DIG SHALINI की सिर्फ एक बेटी है उनका कोई बेटा नहीं है (CBI CHIEF से) सर इस पागल लड़के को ले जाईए प्लीज....
जिसके बाद मनोहर तुरंत अभय का हाथ पकड़ वहां से खींच के ले जाने लगा पीछे से प्रेस वाले पुलिस की बात मान हट गए वहां से जबकि इस तरफ....
मनोहर – (अभय को उसकी गाड़ी तरफ लाके) तुम चुप रहो अभय तुम्हे नहीं पता यहां क्या हो रहा है....
अभय –(हैरानी से) मामा जी ये हो क्या रहा है और मां कहा है....
मनोहर – मुझे नहीं पता शालिनी जी कहा है लेकिन यहां नहीं है ये बात पक्की है....
संध्या – (बीच में) हुआ क्या है यहां पर....
मनोहर – शालिनी जी के घर में बड़ी मात्रा में ड्रग्स पाई गई है....
अभय – (चौक के)क्या ये नहीं हो सकता है....
मनोहर – यही हुआ है यहां पर अभय और अच्छा होगा तुम यहां से अभी तुरंत निकल जाओ इससे पहले बात और आगे बढ़े....
अभय – मै कही नहीं जाऊंगा जब तक मा नहीं मिल जाती मुझे....
मनोहर – बात को समझो अभय यहां पर शालिनी जी नहीं है पुलिस और मीडिया ने घर को चारो तरफ से घेरा हुआ है घर के अन्दर से ड्रग्स मिले पुलिस को प्लीज अब तुम चले जाओ यहां से अभय....
संध्या –मनोहर भईया अगर शालिनी यहां नहीं तो कहा होगी....
मनोहर – (धीरे से संध्या से) चांदनी के साथ है शालिनी जी प्लीज अब आप लोग निकले यहां से जल्दी....
संध्या – (मनोहर की बात समझ के सभी से) गाड़ी में बैठो जल्दी....
अभय – लेकिन....
संध्या – (बीच में) गाड़ी में बैठो मै रस्ते में बताती हूं सब....
जिसके बाद सब गाड़ी में बैठ के निकल गए तेजी से रस्ते में....
अलीता –(जो इतनी देर से शांत बैठी थी बोली) क्या बात है चाची बताओ आप....
संध्या – चांदनी के साथ है शालिनी....
अभय – मतलब कैसे....
संध्या – मनोहर ने बताया मुझे धीरे से....
अलीता – तो कहा होगी शालिनी जी अभी....
संध्या – तुम चांदनी को कॉल करके बात करो....
तब अलीता ने तुरंत चांदनी को कॉल लगाया जिसके बाद....
चांदनी – (कॉल रिसीव करके) जी भाभी....
अलीता – कहा हो तुम....
चांदनी – भाभी मै रस्ते में हूँ....
अलीता – और शालिनी जी कहा है....
चांदनी – आपको कैसे पता....
अलीता – हमें पता चल गया सब तुम सिर्फ ये बताओ शालिनी जी कहा है और कहा जा रहे हो तुम दोनों....
चांदनी – मां मेरे साथ है xxx सिटी जा रहे है....
अलीता – एक मिनिट रुको....
संध्या को सारी बात बता के जिसके बाद संध्या ने अलीता से कॉल लेके....
संध्या – चांदनी तुम सीधे गांव आ जाओ बाकी बाते वही करेंगे जल्दी आओ हम वही पहुंच रहे है....
जिसके बाद अभय , संध्या , अलीता और राज हवेली में आ गए कुछ देर बाद चांदनी भी आ गई शालिनी के साथ जिसे देख अभय तुरंत शालिनी से जाके गले लग गया....
अभय – (शालिनी से) ये सब कैसे हुआ मां और आपने मुझे बताया क्यों नहीं....
शालिनी – बेटा ये सब बहुत जल्दी बाजी में हुआ मुझे तो मौका ही नहीं मिला लेकिन तभी मनोहर ने ऐन वक्त पर चांदनी के साथ आके मुझे वहां से रवाना करवा दिया लेकिन तुझे कैसे पता चला....
संध्या – (बीच में) मुझे कॉल आया था तुम्हारे नंबर से....
शालिनी – ओह मेरा मोबाइल जल्दी बाजी में घर में रह गया था कल रात में तुमसे बात की थी मैने शायद इसीलिए जानकारी लेने के लिए उन्होंने नंबर डायल किया होगा....
संध्या – खेर अभी ये सब जाने दो शालिनी तुम यहां बिल्कुल सुरक्षित हो पूरी तरह से कोई यहां तक नहीं आएगा अगर आया तो मैं देख लूंगी उसे (चांदनी से) तुम भी जाके आराम करो शालिनी के साथ बाद में बात करते है....
चांदनी और शालिनी के जाने के बाद....
अलीता – (संध्या से) चाची मुझे लगता है पुलिस यहां जरूर आएगी....
संध्या – लेकिन ऐसा क्यों बोल रही हो तुम....
अलीता – चांदनी यहां है तो जाहिर सी बात है पुलिस यहां भी आएगी क्योंकि शहर में शालिनी जी की बेटी के बारे में बोला जा रहा था....
संध्या – हम्ममम यहां भी चांदनी और शालिनी के होने की बात उनको जल्द ही पता चल जाएगी....
अलीता – बड़ी अजीब बात है शालिनी जी के घर में ड्रग्स कैसे आई और आईं तो पुलिस को कैसे खबर मिल गई , चाची मुझे लगता है जरूर किसी की ये साजिश है शालिनी जी को बदनाम करने की....
राज जो इतनी देर से चुप चाप सारी बाते सुन रहा था बीच में बोला....
राज – तब तो थानेदार राजेश तक ये बात जरूर आ चुकी होगी और वो यहां जरूर आएगा या आता हो...
अलीता – इतना आसान नहीं है राज उसके लिए भी कागजी कार्यवाहीं पहले होना जरूरी है...
अभय – वैसे बात भाभी भी सही कह रही है और राज भी अब रही बात राजेश की वो शक के आधार पर रिस्क नहीं लेगा पक्की तैयारी के साथ आएगा यहां जरूर उससे पहले मां को सेफ रखना होगा लेकिन कैसे....
अलीता – (टीवी शुरू करते हुए) पहले न्यूज देख लेते है....
तब न्यूज में दिखाते है कैसे शालिनी के घर में ड्रग्स मिले साथ ही शालिनी गायब है और न ही उनकी बेटी चांदनी का पता चल रहा है न्यूज वालों को लगता है कि ड्रग्स का कारोबार शालिनी और उसकी बेटी मिल के चलाते है जिस वजह से दोनों मां बेटी लापता है पुलिस इनकी खोज करने में लगी है आगे की जानकारी के लिए मीडिया वाले भी लगे हुए है , जिसके बाद हॉल में खड़ी....
ललिता और मालती एक साथ – ये तो बहुत गलत हुए शालिनी जी साथ अब क्या होगा....
संध्या –कुछ नहीं होगा अब बस शालिनी और चांदनी को सेफ रखना होगा हमें ताकि किसी की नजर में ना आए दोनो....
रमन – (हवेली में आते हुए) किसको सेफ रखने की बात हो रही है....
मालती – चांदनी और शालिनी जी को...
रमन – क्यों क्या हुआ उनको....
ललिता – (सारी बात बता के) दोनो अभी आराम कर रहे है....
रमन – (चौक के) क्या यहां पर है दोनो लेकिन यहां क्यों लेके आए उन्हें (संध्या से) भाभी आपको भी परवाह नहीं ठाकुर खानदान की इज्जत की जो दोनो को यहां ले आए आप अगर पुलिस को पता चल गया तो....
अभय – (बीच में)कौन बताएगा उन्हें हममें से तो कोई नहीं बताने वाला है....
तभी इनकी बातों के बीच में आके....
अर्जुन – और रही बात पुलिस की तो वो यहां जरूर आएगी लेकिन सिर्फ शक पर बाकी सम्भाल लेगे हम....
अर्जुन को देख सब मुस्कुराने लगे तभी...
रमन – चाहे जो भी हो मै नहीं चाहता की ठाकुर खानदान का नाम बदनाम हो....
इससे पहले कोई कुछ बोलता....
अर्जुन – परेशान मत होइए चाचा जी ऐसा कुछ नहीं होगा....
रमन – (गुस्से में) ठीक है जिसे जो अच्छा लगे वो करो....
बोल के रमन अपने कमरे में चला गया....
अभय –(मुस्कुराते हुए अर्जुन से) लगता है चाचा कुछ ज्यादा ही नाराज हो गए....
अर्जुन – (हस्ते हुए) एक गुलाब का फूल देके मना ले जाके....
अर्जुन की बात पर सब जोर से हंसने लगे....
संध्या – (मुस्कुराते हुए अर्जुन से) काफी दिन लगा दिए कहा व्यस्त हो गए थे तुम....
अर्जुन – शहर गया था चाची जी काम से वही व्यस्त था खेर अब आ गया हूँ....
अभय – और अब कही व्यस्त तो नहीं होगे ना आप....
अर्जुन – ना अब तो यही सबके साथ व्यस्त रहूंगा....
जबकि इस तरफ रमन अपने कमरे में आके किसी को कॉल मिलता है....
रमन – (कॉल पर) हैलो कहा पर हो तुम....
गजानन – बताया तो था मैं अपने गांव में क्यों क्या हुआ ठाकुर साहब....
रमन –(सारी बात बता के)सब गड़बड़ हो गया यहां पर शालिनी हवेली में आ चुकी है....
गजानन – (चौक के) लेकिन हवेली में किया लिए....
रमन – उसका सपोला लेके आया है उसे यहां पर....
गजानन – अजीब है ठाकुर साहब इतना सोच के काम को अंजाम दिया था मैने लेकिन फिर भी....
रमन – अब मै चाह के भी पुलिस को बता नहीं सकता वरना ठाकुर खानदान की इज्जत पूरे गांव में उछाली जाएगी....
गजानन – समझ सकता हूँ ठाकुर साहब , मै जल्द ही वापस आके पहले उस सपोले को ठिकाने लगाऊंगा मेरा वादा है आपसे....
रमन – ठीक है मै इंतजार करूंगा....
बोल के दोनों ने कॉल कट कर दिया दिन से रात हो गई हॉल में सब खाना खा रहे थे तभी....
शालिनी – (संध्या से) संध्या में कुछ कहना चाहती हूँ तुमसे....
संध्या – हा कहिए ना....
शालिनी – देखो इस हालत के चलते मैं एक जगह नहीं रुक सकती हूँ पुलिस मेरी तलाश में यहां जरूर आएगी जोकि तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा मै कल ही कही और चली जाऊंगी यहां से....
अभय –(बीच में) क्यों जाओगे आप मै कही नहीं जाने दूंगा आपको....
शालिनी – अभय मेरी बात समझो बेटा इस वक्त हालात सही नहीं है....
अभय – तो आपको घबराने की जरूरत क्या है हम सब है ना यहां पर आपके साथ....
संध्या –(बीच में) जब अभय बोल रहा है तो परेशानी किस बात की बाकी रही पुलिस की बात तो मेरे होते कोई नहीं आएगा यहां पर और ये बात आप अच्छे से जानते हो....
शालिनी – लेकिन कितने दिन आज नहीं तो कल उन्हें पता चल ही जाएगा और मै यहां से बाहर नहीं निकलूंगी तो कैसे पता करूंगी किसने किया है ये सब मेरे साथ....
अर्जुन – (बीच में) मै उस बारे में जल्द ही पता लगा लूंगा....
अभय – (बीच में) तो हो गया फैसला मां यही रहेगी बस चलिए जल्दी से खाना खाते है अब....
जिसके बाद किसी ने कुछ नहीं बोला सब खाना खाने के बाद कमरे में आराम करने गए थे तभी अर्जुन और अलीता के कमरे के दरवाजा किसी ने खट खटाया दरवाजा खोलते ही सामने चांदनी थी....
अर्जुन – चांदनी तुम इस वक्त क्या हुआ सब ठीक है ना....
चांदनी – मुझे कुछ बात करनी है....
अर्जुन – अन्दर आओ....
चांदनी – (अर्जुन और अलीता से) हॉल में सबके सामने मैने बोलना सही नहीं समझा इसीलिए अकेले में बात करने आई हूँ आप दोनों से....
अलीता – बात क्या है चांदनी बताओ....
चांदनी – अगर हालात ऐसे न होते तो मै ये बात कभी ना बोलती लेकिन मां सही कह रही है मां और मेरे लिए पुलिस यहां जरूर आएगी और कितने दिन तक छुपे रहेंगे हम यहां न्यूज में देख ना आपने कैसे मां और मेरा नाम ड्रग्स रैकेट में उछाला जा रहा है....
अर्जुन – (मुस्कुरा के) देखो चांदनी ये मेरा परिवार है और भूलो मत शालिनी जी और तुम भी इस परिवार का हिस्सा हो और किसी में इतनी हिम्मत नहीं की KINGके परिवार को कोई छू सके....
अलीता –(बीच में अर्जुन से) वैसे चांदनी सच कह रही है क्योंकि गांव में अभय के आते ही ऐसे बहुत से कांड हुए है जो पहले कभी नहीं हुए यहां पर हो ना हो इसमें जरूर कोई ऐसा इंसान है जो पीठ पीछे खेल खेल रहा है मुझे तो लगता है शालिनी जी के साथ जो हुआ जरूर इसमें उसी का इंसान का काम होगा....
अर्जुन – (मुस्कुरा के) तुम चाहे जो भी बाते बोल दो लेकिन अभय कभी नहीं मानेगा वो शालिनी जी और चांदनी को कही नहीं जानेदेगा यहां से....
अलीता – (मुस्कुरा के) मानेगा जरूर मानेगा मेरी बात अभय....
अर्जुन – हम्ममम अच्छा तो शालिनी जी और चांदनी जाएगी कहा यहां से...
अलीता – मेरे घर पर और शहर में किसी को कानों कान पता नहीं चलेगा और इस बहाने मै अभय को शहर घूमा दूंगी और पापा मम्मी से मिल वाऊगी साथ में अपने भाई से....
अर्जुन – हम्ममम आइडिया अच्छा है तो करो बात अभय से....
चांदनी – (बीच में अलीता से) आपका भाई लेकिन आपका तो कोई भाई नहीं है....
अलीता –(मुस्कुरा के) चिंता मत करो शहर चलते ही मै मिल वाऊगी उससे....
चांदनी – ठीक है....
अभय – (कमरे में आते हुए) अरे वाह चांदनी दीदी भी यहां पर है क्या बात है....
अलीता – कुछ नहीं मिलने आई थी आपके भईया से....
चांदनी – लेकिन तू यहां क्या कर रहा है....
अलीता –(मुस्कुरा के) अपना अधूरा काम पूरा करने आए है (अभय से) क्यों देवर जी....
अभय – (बेड में अलीता के बगल में बैठते हुए) बिल्कुल भाभी आज तो मैं भईया से जान के रहूंगा सारी बात....
अर्जुन – (चौक के) सारी बात लेकिन कौन सी बात भाई मुझे भी बताओ कुछ....
अलीता –(मुस्कुरा के) आपका इतिहास जानना है देवर जी को....
अर्जुन – (अभय से) अच्छा तो मेरे पीठ पीछे देवर भाभी में मिली भगत हो गई अच्छे से....
चांदनी – (मुस्कुराते हुए) मै चलती हूँ अपलोग बात करिए....
अभय – अरे दीदी रुको ना आपभी सुनो बहुत मजा आएगा सुनने में....
अर्जुन – (हस्ते हुए) ठीक है सब बताऊंगा लेकिन आज नहीं....
अभय – आज क्यों नहीं....
अर्जुन – क्यों की अभी तेरी भाभी को तेरे से कुछ जरूरी बात करनी है....
अभय – (अलीता की गोद में सिर रखते हुए) भाभी कौन सी जरूरी बात है बताओ....
इसके बाद चांदनी अपने कमरे में चली गई इधर अलीता अपनी गोद में लेटे अभय के सिर पे हाथ फेरती रही जबकि अर्जुन दोनों के बगल में बैठ मुस्कुराती हुई अलीता का चेहरा देखता रहा जिसके बाद....
अलीता – मेरी एक बात मानोगे अभय....
अभय – आपकी बात को भला कैसे मना कर सकता हूँ भाभी....
जिसके बाद अलीता मनाती है अभय को ताकि शालिनी और चांदनी उसके घर जा सके जिसके बाद....
अभय – लेकिन मां जैसे शहर में रहेगी वैसे यहां भी रह सकती है ना फिर वहां क्यों....
अलीता – चिंता करने की बात नहीं है इसमें देवर जी शहर में रह के शालिनी जी अपने कॉन्टैक्ट से पता लगा सकती है कि ये सब किसने किया उनके साथ लेकिन गांव में रह के नहीं हो सकता है तुम जानते हो ना इस हादसे के बाद कितने बदनामी हो रही है उनकी वैसे भी शहर में मेरी सिक्योरिटी उनके साथ हर वक्त रहेगी....
अभय – आपने सही कहा भाभी मै बस अपनी लालच में था कि अब मां मेरे साथ हर वक्त रहेगी लेकिन मैं भूल गया था मां ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से जो मुकाम हासिल किया जाने वो कौन है जो मां को बदनाम करना चाहता है , खेर भाभी लेकिन मेरी एक शर्त है....
अलीता – कैसी शर्त....
अभय – मै भी आपके साथ चलूंगा शहर और आप मुझे शहर घुमाओगे....
अभय की बात सुन अर्जुन मुस्कुराते हुए अलीता को देखने लगता है जिसके बाद....
अलीता – हा जरूर साथ मे चाची को भी ले चलेंगे और वहां मेरे मम्मी पापा से भी मिल वाऊगी बहुत खुश होगे मिल के तुमसे....
अभय – तो कब चलेंगे हम....
अर्जुन – कल सुबह बात करता हूँ मैं उसके बाद तैयारी चलने की....
अभय – ठीक है आप लोग आराम करो मै चलता हूँ कल मिलते है (अलीता की गोद से उठते हुए) वर्ना भाभी कल की तरह आराम नहीं करेगी रात भर....
बोल के अभय अपने कमरे में चल गया पीछे से...
अर्जुन – (अलीता से मुस्कुरा के) पहले वाले से ज्यादा ये अभय मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम क्या कहती हो....
अलीता – जैसा भी है बहुत प्यार है मेरा ये देवर...
अर्जुन – हम्ममम कल की तैयारी कर के रखो कल ही हम निकल चलेंगे शहर में....
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जारी रहेगा![]()
GazabI M BACK
माफ करना दोस्तो काम में व्यस्त होने के कारण काफी वक्त लग गया मुझे खेर कोशिश रहेगी UPDATE में देर में ना आए अबसे
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लेके कोई गारंटी नहीं लेता मैEnjoy karo Update ko
UPDATE 59
रोज की तरह रमन सुबह खेत जाके काम को देखता है लेकिन आज रमन सुबह जल्दी उठ के निकल गया हवेली से जरूरी काम का बहाना बना के और आया गांव के बाहर रेलवे स्टेशन की तरफ जहां पर कुछ देर इंतजार करने के बाद सामने से गजानन आता दिखा रमन को दोनों मुस्कुरा के गले मिले...
रमन – तो क्या खबर लाए हो मेरे लिए गजानन....
गजानन – (मुस्कुरा के) आपका काम हो गया है ठाकुर साहब अब आप निश्चित रहिए DIG शालिनी की तरफ से अब वो चाह के भी कुछ नहीं कर पाएगी किसी का....
रमन – अरे वाह और किसी को कानों कान खबर तो नहीं हुई ना....
गजानन – बिल्कुल भी नहीं ठाकुर साहब वैसे उस लौंडे का क्या हुआ जिसने आपकी नाक में दम कर रखा है....
रमन – होना क्या है उस सपोले का बैठा है कुंडली मार के हवेली में...
गजानन – कुछ दिन की बात है ठाकुर साहब मै अपने गांव से वापस आके उसका काम कर दूंगा जल्द ही...
रमन – (हस्ते हुए) मुझे नहीं लगता गजानन अब इन सब की शायद जरूरत पड़े...
गजानन – ऐसा क्यों ठाकुर साहब...
रमन – जब DIG शालिनी के बारे में पता चलेगा उसे तब वो सपोला उसके ग़म में डूब जाएगा....
गजानन – हम्ममम खेर मेरी ट्रेन आ गई है वापस आके मिलता हूँ आपसे....
बोल के गजानन ट्रेन में बैठ निकल गया और रमन वापस खेत में आ गया जबकि इस तरफ हवेली में सुबह के वक्त अभय की नींद खुलते ही अपने आप को अलीता की गोद में सोया पाया और अलीता बेड में टेक लगाए बैठे थी...
अभय – (नींद से उठते ही) भाभी आप ऐसे क्यों बैठे हो आप सोए क्यों नहीं...
अलीता – (मुस्कुराते हुए) तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा देखती रही मै रात भर...
अभय – भाभी आप भी ना ऐसा भी भला कोई करता है क्या...
अलीता – (मुस्कुराते हुए) कोई बात नहीं मै तुम्हारी नींद खराब नहीं करना चाहती थी वैसे भी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था....
अभय – अच्छा ठीक है भाभी अभी आप आराम करो पहले...
अलीता – ना ना मैं ठीक हूँ तुम...
अभय – (बीच में) मै कुछ नहीं सुनूंगा आपकी बस आप आराम करो अभी मै बाद में जगा दूंगा आपको....
थक हार के अलीता को अभय की बात माननी पड़ी जिसके बाद अभय हवेली के बाहर निकल गया MORNING WALK के लिए चलते चलते अभय काफी आगे निकल गया तभी पीछे से...
राज – (चिल्ला के) अबे ओ बेहरा है क्या तू इतनी देर से तेरा नाम लेके बुला रहा हूँ ध्यान कहा है तेरा बे...
अभय – (चौक के) तुम यहां हवेली के बाहर क्या कर रहे हो...
राज – (हैरानी से) अबे क्या बोले जा रहा है तू यहां कहा है हवेली...
राज की बात सुन अपने चारो तरफ देख...
अभय – अरे हा लगता है मैं चलते चलते काफी आगे आ गया हूं....
राज – काफी नहीं इधर देख मेरे घर के बाहर खड़ा है तू चल अन्दर मां तुझे देख के खुश हो जाएगी...
अभय – अभी नहीं यार बाद में आता हूं तैयार होके....
राज – चल बे चुप चाप बाद में फिर आना चल अभी...
बोल के घर के अन्दर आ गए दोनो...
राज – मां देखो अभय आया है...
गीता देवी – अरे अभय क्या बात है आज सुबह सुबह कही जाना है क्या....
राज – कही नहीं जान है मां ये महाशय चलते चलते यहां तक आ गए और इन्हें पता तक ना चला...
गीता देवी – (अभय से) क्या बात है अभय....
अभय – कुछ नहीं बड़ी मां बस ध्यान कही और था मेरा पता नहीं चला...
गीता देवी – अच्छा कहा ध्यान था तेरा फिर....
अभय – पता नहीं बड़ी मा नींद खुली है उसके बाद से मन बेचैन सा लग रहा है जाने क्यों....
गीता देवी – हवेली में सब ठीक है ना...
अभय – हा बड़ी मां...
गीता देवी – चल कोई बात नहीं और बता पढ़ाई कब से शुरू कर रहा है...
अभय – अगले हफ्ते से शुरू करूंगा बड़ी मां तब तक शनाया मौसी पढ़ाएगी....
गीता देवी – अच्छी बात है चल हाथ मू धो ले नाश्ता लगती हूँ....
अभय – अरे नहीं बड़ी मां हवेली में इंतजार कर रहे होगे सब मेरा उन्हें पता भी नहीं मै यहां हूँ...
गीता देवी – चल ठीक है आराम से जाना....
बोल के अभय घर से बाहर आया तब...
राज – अभय आज क्या कर रहा है तू चल घूमने चलते है कही...
अभय – नहीं यार आज मन नहीं है....
राज – अबे तो क्या पूरा वक्त हवेली में बैठा रहेगा क्या चल चुप चाप दोपहर में ले चलता हूँ तुझे समुंदर किनारे....
अभय – ठीक है....
हवेली आते ही तैयार होके नाश्ते की टेबल पर सब नाश्ता कर रहे थे....
संध्या – (अभय को देख जो नाश्ता नहीं कर रहा था) क्या बात है अभय नाश्ता अच्छा नहीं बना है क्या....
अभय – नहीं ऐसा नहीं है...
संध्या – तो नाश्ता क्यों नहीं कर रहा तू....
अभय – मन नहीं कर रहा है आज....
अलीता – तो मन को बोलो शांत रहे अब नाश्ता करो जल्दी से फिर गांव घुमाने ले चलो आप (संध्या) क्यों चाची आप भी चलो साथ में....
संध्या – (मुस्कुरा के) ठीक है चलती हूँ....
नाश्ते के बाद तीनों तैयार होके सबके साथ हॉल में बात कर रहे थे तभी चांदनी को एक कॉल आया कॉल रिसीव कर सामने वाले की बात सुन एक पल पहले सबको देखा फिर ठीक है बोल के कॉल कट कर दिया जिसके बाद संध्या , अभय और अलीता निकल गए अपनी गाड़ी से जिसे अभय चला रहा था रस्ते में....
संध्या – कहा चल रहा है...
अभय – वो राज बोल रहा था घूमने को उसे लेने चल रहे है...
राज को घर से साथ लेके निकले ये लोग जबकि इधर हवेली में चांदनी हवेली में बाकी लोगों को काम का बोल के गाड़ी से निकल गई शहर की तरफ इस तरफ रस्ते में अभय के साथ संध्या आगे बैठी थी....
संध्या – क्या बात है अभय आज तू चुप चुप क्यों बैठा है...
अभय – कुछ नहीं ऐसे ही....
राज – ये ऐसे ही क्या होता है तेरा (संध्या से) ठकुराइन सुबह से जाने इसका ध्यान किधर है...
सुबह की बाकी बात बता देता है जिसके बाद...
अलीता – क्या बात है देवर जी तबियत तो ठीक है....
अभय – भाभी पता नहीं आज सुबह से अजीब सी बेचैनी हो रही है मुझे पता नहीं क्यों....
ये लोग बात कर रहे थे तभी संध्या के मोबाइल में शालिनी का कॉल आता है जिसे देख....
संध्या – (अभय से) देख शालिनी का कॉल आ रहा है (कॉल रिसीव करके) हैलो शालिनी कैसी हो आप....
तभी सामने से किसी और की आवाज आती है जिसे सुन....
संध्या – (हैरानी से) क्या कहा कब कैसे हुआ ये सब....
सामने से – ????...
संध्या – लेकिन...
इससे पहले कुछ और बोलती संध्या कॉल कट हो गया , कॉल पर संध्या को इस तरह बात करता देख....
अभय – क्या हुआ क्या बात है....
संध्या – वो शालिनी नहीं कोई और पुलिस वाला था....
अभय – क्या कह रहा था वो....
संध्या – जाने क्या बात हुई है पुलिस ढूंढ रही है शालिनी को....
अभय – (चिल्ला के) क्या क्या...क्या...क्या हुआ है मां को कहा है वो....
संध्या – शहर में....
इतना सुनना था तभी अभय ने तेजी से गाड़ी को शहर की तरफ ले जाने लगा रस्ते में....
अलीता – अभय रुक जाओ मै चलाती हु गाड़ी....
लेकिन अभय को जैसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था वो बस तेजी से गाड़ी चलाए जा रहा था जिसे देख....
अलीता – चाची बात क्या है आखिर....
संध्या – मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है पुलिस वाला था कॉल पर बोल रहा था पुलिस शालिनी को ढूंढ रही है पूछ रहा था आपके पास आई है शालिनी....
अलीता – पुलिस वाला लेकिन वो शालिनी जी का नाम कैसे ले रहा है....
संध्या – पता नहीं क्या बात है....
कुछ देर में सभी शहर में शालिनी के घर के बाहर आ गए जहा पर शालिनी के घर के बाहर कई पुलिस की गाड़ी खड़ी थी साथ में कुछ प्रेस वाले थे जो फोटो खींच रहे थे अभय तुरंत गाड़ी से उतर के पुलिस और प्रेस के सामने चला गया....
अभय – (पुलिस वाले से) क्या हुआ है यहां पर और मेरी मां कहा है....
पुलिस वाला – (अभय को देख) तुम कौन हो और कौन है तुम्हारी मां....
अभय – DIG शालिनी मेरी मां है कहा है वो और यहां इतनी भीड़ क्यों है....
अभय का इतना बोलना था तभी पुलिस वाला गोर से अभय को ऊपर से नीचे देखने लगा लेकिन इसके साथ अभय की इस बात को प्रेस के कुछ लोगों ने सुनी जिसके बाद वो तुरंत अभय के सामने आके फोटो खींचने लगे उसकी और एक प्रेस वाला अपना कैमरा मैंन के साथ अभय के सामने कर पूछने लगा...
प्रेस वाला – (अपने कैमरा मैन के साथ) क्या नाम है आपका....
अभय – मेरा नाम अभय है....
प्रेस वाला – DIG SHALINI आपकी क्या लगती है....
अभय – मेरी मां है वो लेकिन ये क्या हो रहा है यहां....
प्रेस वाला – (अभय की बात सुन कर सवाल पूछने लगा) आपकी मां कब से ड्रग्स का रैकेट चला रही है....
अभय – (चौक के गुस्से में) दिमाग खराब है क्या तुम्हारा क्या बकवास कर रहे हो तुम....
प्रेस वाला – तो क्या आपको पता नहीं कि आपकी मां DIG SHALINI ड्रग्स का रैकेट चला रही है अपने घर में....
प्रेस वाले की बात सुन अभय गुस्से में प्रेस वाले का गला पकड़ने को हाथ आगे बढ़ा रहा था तभी बीच में किसी ने आके प्रेस वाले से बोला....
आदमी – (प्रेस वाले के सामने आके) ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा ये लड़का बोल रहा है ये लड़का DIG SHALINI का बेटा नहीं है उनकी सिर्फ एक लौटी बेटी है बस ये लड़का मेरा भांजा है दिमागी रूप से बीमार है...
बोल के उस आदमी ने पुलिस वाले को इशारा किया जिसके बाद पुलिस वाला प्रेस वाले के सामने आके....
पुलिस वाला – CBI CHIEF मिस्टर मनोहर सही बोल रहे है DIG SHALINI की सिर्फ एक बेटी है उनका कोई बेटा नहीं है (CBI CHIEF से) सर इस पागल लड़के को ले जाईए प्लीज....
जिसके बाद मनोहर तुरंत अभय का हाथ पकड़ वहां से खींच के ले जाने लगा पीछे से प्रेस वाले पुलिस की बात मान हट गए वहां से जबकि इस तरफ....
मनोहर – (अभय को उसकी गाड़ी तरफ लाके) तुम चुप रहो अभय तुम्हे नहीं पता यहां क्या हो रहा है....
अभय –(हैरानी से) मामा जी ये हो क्या रहा है और मां कहा है....
मनोहर – मुझे नहीं पता शालिनी जी कहा है लेकिन यहां नहीं है ये बात पक्की है....
संध्या – (बीच में) हुआ क्या है यहां पर....
मनोहर – शालिनी जी के घर में बड़ी मात्रा में ड्रग्स पाई गई है....
अभय – (चौक के)क्या ये नहीं हो सकता है....
मनोहर – यही हुआ है यहां पर अभय और अच्छा होगा तुम यहां से अभी तुरंत निकल जाओ इससे पहले बात और आगे बढ़े....
अभय – मै कही नहीं जाऊंगा जब तक मा नहीं मिल जाती मुझे....
मनोहर – बात को समझो अभय यहां पर शालिनी जी नहीं है पुलिस और मीडिया ने घर को चारो तरफ से घेरा हुआ है घर के अन्दर से ड्रग्स मिले पुलिस को प्लीज अब तुम चले जाओ यहां से अभय....
संध्या –मनोहर भईया अगर शालिनी यहां नहीं तो कहा होगी....
मनोहर – (धीरे से संध्या से) चांदनी के साथ है शालिनी जी प्लीज अब आप लोग निकले यहां से जल्दी....
संध्या – (मनोहर की बात समझ के सभी से) गाड़ी में बैठो जल्दी....
अभय – लेकिन....
संध्या – (बीच में) गाड़ी में बैठो मै रस्ते में बताती हूं सब....
जिसके बाद सब गाड़ी में बैठ के निकल गए तेजी से रस्ते में....
अलीता –(जो इतनी देर से शांत बैठी थी बोली) क्या बात है चाची बताओ आप....
संध्या – चांदनी के साथ है शालिनी....
अभय – मतलब कैसे....
संध्या – मनोहर ने बताया मुझे धीरे से....
अलीता – तो कहा होगी शालिनी जी अभी....
संध्या – तुम चांदनी को कॉल करके बात करो....
तब अलीता ने तुरंत चांदनी को कॉल लगाया जिसके बाद....
चांदनी – (कॉल रिसीव करके) जी भाभी....
अलीता – कहा हो तुम....
चांदनी – भाभी मै रस्ते में हूँ....
अलीता – और शालिनी जी कहा है....
चांदनी – आपको कैसे पता....
अलीता – हमें पता चल गया सब तुम सिर्फ ये बताओ शालिनी जी कहा है और कहा जा रहे हो तुम दोनों....
चांदनी – मां मेरे साथ है xxx सिटी जा रहे है....
अलीता – एक मिनिट रुको....
संध्या को सारी बात बता के जिसके बाद संध्या ने अलीता से कॉल लेके....
संध्या – चांदनी तुम सीधे गांव आ जाओ बाकी बाते वही करेंगे जल्दी आओ हम वही पहुंच रहे है....
जिसके बाद अभय , संध्या , अलीता और राज हवेली में आ गए कुछ देर बाद चांदनी भी आ गई शालिनी के साथ जिसे देख अभय तुरंत शालिनी से जाके गले लग गया....
अभय – (शालिनी से) ये सब कैसे हुआ मां और आपने मुझे बताया क्यों नहीं....
शालिनी – बेटा ये सब बहुत जल्दी बाजी में हुआ मुझे तो मौका ही नहीं मिला लेकिन तभी मनोहर ने ऐन वक्त पर चांदनी के साथ आके मुझे वहां से रवाना करवा दिया लेकिन तुझे कैसे पता चला....
संध्या – (बीच में) मुझे कॉल आया था तुम्हारे नंबर से....
शालिनी – ओह मेरा मोबाइल जल्दी बाजी में घर में रह गया था कल रात में तुमसे बात की थी मैने शायद इसीलिए जानकारी लेने के लिए उन्होंने नंबर डायल किया होगा....
संध्या – खेर अभी ये सब जाने दो शालिनी तुम यहां बिल्कुल सुरक्षित हो पूरी तरह से कोई यहां तक नहीं आएगा अगर आया तो मैं देख लूंगी उसे (चांदनी से) तुम भी जाके आराम करो शालिनी के साथ बाद में बात करते है....
चांदनी और शालिनी के जाने के बाद....
अलीता – (संध्या से) चाची मुझे लगता है पुलिस यहां जरूर आएगी....
संध्या – लेकिन ऐसा क्यों बोल रही हो तुम....
अलीता – चांदनी यहां है तो जाहिर सी बात है पुलिस यहां भी आएगी क्योंकि शहर में शालिनी जी की बेटी के बारे में बोला जा रहा था....
संध्या – हम्ममम यहां भी चांदनी और शालिनी के होने की बात उनको जल्द ही पता चल जाएगी....
अलीता – बड़ी अजीब बात है शालिनी जी के घर में ड्रग्स कैसे आई और आईं तो पुलिस को कैसे खबर मिल गई , चाची मुझे लगता है जरूर किसी की ये साजिश है शालिनी जी को बदनाम करने की....
राज जो इतनी देर से चुप चाप सारी बाते सुन रहा था बीच में बोला....
राज – तब तो थानेदार राजेश तक ये बात जरूर आ चुकी होगी और वो यहां जरूर आएगा या आता हो...
अलीता – इतना आसान नहीं है राज उसके लिए भी कागजी कार्यवाहीं पहले होना जरूरी है...
अभय – वैसे बात भाभी भी सही कह रही है और राज भी अब रही बात राजेश की वो शक के आधार पर रिस्क नहीं लेगा पक्की तैयारी के साथ आएगा यहां जरूर उससे पहले मां को सेफ रखना होगा लेकिन कैसे....
अलीता – (टीवी शुरू करते हुए) पहले न्यूज देख लेते है....
तब न्यूज में दिखाते है कैसे शालिनी के घर में ड्रग्स मिले साथ ही शालिनी गायब है और न ही उनकी बेटी चांदनी का पता चल रहा है न्यूज वालों को लगता है कि ड्रग्स का कारोबार शालिनी और उसकी बेटी मिल के चलाते है जिस वजह से दोनों मां बेटी लापता है पुलिस इनकी खोज करने में लगी है आगे की जानकारी के लिए मीडिया वाले भी लगे हुए है , जिसके बाद हॉल में खड़ी....
ललिता और मालती एक साथ – ये तो बहुत गलत हुए शालिनी जी साथ अब क्या होगा....
संध्या –कुछ नहीं होगा अब बस शालिनी और चांदनी को सेफ रखना होगा हमें ताकि किसी की नजर में ना आए दोनो....
रमन – (हवेली में आते हुए) किसको सेफ रखने की बात हो रही है....
मालती – चांदनी और शालिनी जी को...
रमन – क्यों क्या हुआ उनको....
ललिता – (सारी बात बता के) दोनो अभी आराम कर रहे है....
रमन – (चौक के) क्या यहां पर है दोनो लेकिन यहां क्यों लेके आए उन्हें (संध्या से) भाभी आपको भी परवाह नहीं ठाकुर खानदान की इज्जत की जो दोनो को यहां ले आए आप अगर पुलिस को पता चल गया तो....
अभय – (बीच में)कौन बताएगा उन्हें हममें से तो कोई नहीं बताने वाला है....
तभी इनकी बातों के बीच में आके....
अर्जुन – और रही बात पुलिस की तो वो यहां जरूर आएगी लेकिन सिर्फ शक पर बाकी सम्भाल लेगे हम....
अर्जुन को देख सब मुस्कुराने लगे तभी...
रमन – चाहे जो भी हो मै नहीं चाहता की ठाकुर खानदान का नाम बदनाम हो....
इससे पहले कोई कुछ बोलता....
अर्जुन – परेशान मत होइए चाचा जी ऐसा कुछ नहीं होगा....
रमन – (गुस्से में) ठीक है जिसे जो अच्छा लगे वो करो....
बोल के रमन अपने कमरे में चला गया....
अभय –(मुस्कुराते हुए अर्जुन से) लगता है चाचा कुछ ज्यादा ही नाराज हो गए....
अर्जुन – (हस्ते हुए) एक गुलाब का फूल देके मना ले जाके....
अर्जुन की बात पर सब जोर से हंसने लगे....
संध्या – (मुस्कुराते हुए अर्जुन से) काफी दिन लगा दिए कहा व्यस्त हो गए थे तुम....
अर्जुन – शहर गया था चाची जी काम से वही व्यस्त था खेर अब आ गया हूँ....
अभय – और अब कही व्यस्त तो नहीं होगे ना आप....
अर्जुन – ना अब तो यही सबके साथ व्यस्त रहूंगा....
जबकि इस तरफ रमन अपने कमरे में आके किसी को कॉल मिलता है....
रमन – (कॉल पर) हैलो कहा पर हो तुम....
गजानन – बताया तो था मैं अपने गांव में क्यों क्या हुआ ठाकुर साहब....
रमन –(सारी बात बता के)सब गड़बड़ हो गया यहां पर शालिनी हवेली में आ चुकी है....
गजानन – (चौक के) लेकिन हवेली में किया लिए....
रमन – उसका सपोला लेके आया है उसे यहां पर....
गजानन – अजीब है ठाकुर साहब इतना सोच के काम को अंजाम दिया था मैने लेकिन फिर भी....
रमन – अब मै चाह के भी पुलिस को बता नहीं सकता वरना ठाकुर खानदान की इज्जत पूरे गांव में उछाली जाएगी....
गजानन – समझ सकता हूँ ठाकुर साहब , मै जल्द ही वापस आके पहले उस सपोले को ठिकाने लगाऊंगा मेरा वादा है आपसे....
रमन – ठीक है मै इंतजार करूंगा....
बोल के दोनों ने कॉल कट कर दिया दिन से रात हो गई हॉल में सब खाना खा रहे थे तभी....
शालिनी – (संध्या से) संध्या में कुछ कहना चाहती हूँ तुमसे....
संध्या – हा कहिए ना....
शालिनी – देखो इस हालत के चलते मैं एक जगह नहीं रुक सकती हूँ पुलिस मेरी तलाश में यहां जरूर आएगी जोकि तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा मै कल ही कही और चली जाऊंगी यहां से....
अभय –(बीच में) क्यों जाओगे आप मै कही नहीं जाने दूंगा आपको....
शालिनी – अभय मेरी बात समझो बेटा इस वक्त हालात सही नहीं है....
अभय – तो आपको घबराने की जरूरत क्या है हम सब है ना यहां पर आपके साथ....
संध्या –(बीच में) जब अभय बोल रहा है तो परेशानी किस बात की बाकी रही पुलिस की बात तो मेरे होते कोई नहीं आएगा यहां पर और ये बात आप अच्छे से जानते हो....
शालिनी – लेकिन कितने दिन आज नहीं तो कल उन्हें पता चल ही जाएगा और मै यहां से बाहर नहीं निकलूंगी तो कैसे पता करूंगी किसने किया है ये सब मेरे साथ....
अर्जुन – (बीच में) मै उस बारे में जल्द ही पता लगा लूंगा....
अभय – (बीच में) तो हो गया फैसला मां यही रहेगी बस चलिए जल्दी से खाना खाते है अब....
जिसके बाद किसी ने कुछ नहीं बोला सब खाना खाने के बाद कमरे में आराम करने गए थे तभी अर्जुन और अलीता के कमरे के दरवाजा किसी ने खट खटाया दरवाजा खोलते ही सामने चांदनी थी....
अर्जुन – चांदनी तुम इस वक्त क्या हुआ सब ठीक है ना....
चांदनी – मुझे कुछ बात करनी है....
अर्जुन – अन्दर आओ....
चांदनी – (अर्जुन और अलीता से) हॉल में सबके सामने मैने बोलना सही नहीं समझा इसीलिए अकेले में बात करने आई हूँ आप दोनों से....
अलीता – बात क्या है चांदनी बताओ....
चांदनी – अगर हालात ऐसे न होते तो मै ये बात कभी ना बोलती लेकिन मां सही कह रही है मां और मेरे लिए पुलिस यहां जरूर आएगी और कितने दिन तक छुपे रहेंगे हम यहां न्यूज में देख ना आपने कैसे मां और मेरा नाम ड्रग्स रैकेट में उछाला जा रहा है....
अर्जुन – (मुस्कुरा के) देखो चांदनी ये मेरा परिवार है और भूलो मत शालिनी जी और तुम भी इस परिवार का हिस्सा हो और किसी में इतनी हिम्मत नहीं की KINGके परिवार को कोई छू सके....
अलीता –(बीच में अर्जुन से) वैसे चांदनी सच कह रही है क्योंकि गांव में अभय के आते ही ऐसे बहुत से कांड हुए है जो पहले कभी नहीं हुए यहां पर हो ना हो इसमें जरूर कोई ऐसा इंसान है जो पीठ पीछे खेल खेल रहा है मुझे तो लगता है शालिनी जी के साथ जो हुआ जरूर इसमें उसी का इंसान का काम होगा....
अर्जुन – (मुस्कुरा के) तुम चाहे जो भी बाते बोल दो लेकिन अभय कभी नहीं मानेगा वो शालिनी जी और चांदनी को कही नहीं जानेदेगा यहां से....
अलीता – (मुस्कुरा के) मानेगा जरूर मानेगा मेरी बात अभय....
अर्जुन – हम्ममम अच्छा तो शालिनी जी और चांदनी जाएगी कहा यहां से...
अलीता – मेरे घर पर और शहर में किसी को कानों कान पता नहीं चलेगा और इस बहाने मै अभय को शहर घूमा दूंगी और पापा मम्मी से मिल वाऊगी साथ में अपने भाई से....
अर्जुन – हम्ममम आइडिया अच्छा है तो करो बात अभय से....
चांदनी – (बीच में अलीता से) आपका भाई लेकिन आपका तो कोई भाई नहीं है....
अलीता –(मुस्कुरा के) चिंता मत करो शहर चलते ही मै मिल वाऊगी उससे....
चांदनी – ठीक है....
अभय – (कमरे में आते हुए) अरे वाह चांदनी दीदी भी यहां पर है क्या बात है....
अलीता – कुछ नहीं मिलने आई थी आपके भईया से....
चांदनी – लेकिन तू यहां क्या कर रहा है....
अलीता –(मुस्कुरा के) अपना अधूरा काम पूरा करने आए है (अभय से) क्यों देवर जी....
अभय – (बेड में अलीता के बगल में बैठते हुए) बिल्कुल भाभी आज तो मैं भईया से जान के रहूंगा सारी बात....
अर्जुन – (चौक के) सारी बात लेकिन कौन सी बात भाई मुझे भी बताओ कुछ....
अलीता –(मुस्कुरा के) आपका इतिहास जानना है देवर जी को....
अर्जुन – (अभय से) अच्छा तो मेरे पीठ पीछे देवर भाभी में मिली भगत हो गई अच्छे से....
चांदनी – (मुस्कुराते हुए) मै चलती हूँ अपलोग बात करिए....
अभय – अरे दीदी रुको ना आपभी सुनो बहुत मजा आएगा सुनने में....
अर्जुन – (हस्ते हुए) ठीक है सब बताऊंगा लेकिन आज नहीं....
अभय – आज क्यों नहीं....
अर्जुन – क्यों की अभी तेरी भाभी को तेरे से कुछ जरूरी बात करनी है....
अभय – (अलीता की गोद में सिर रखते हुए) भाभी कौन सी जरूरी बात है बताओ....
इसके बाद चांदनी अपने कमरे में चली गई इधर अलीता अपनी गोद में लेटे अभय के सिर पे हाथ फेरती रही जबकि अर्जुन दोनों के बगल में बैठ मुस्कुराती हुई अलीता का चेहरा देखता रहा जिसके बाद....
अलीता – मेरी एक बात मानोगे अभय....
अभय – आपकी बात को भला कैसे मना कर सकता हूँ भाभी....
जिसके बाद अलीता मनाती है अभय को ताकि शालिनी और चांदनी उसके घर जा सके जिसके बाद....
अभय – लेकिन मां जैसे शहर में रहेगी वैसे यहां भी रह सकती है ना फिर वहां क्यों....
अलीता – चिंता करने की बात नहीं है इसमें देवर जी शहर में रह के शालिनी जी अपने कॉन्टैक्ट से पता लगा सकती है कि ये सब किसने किया उनके साथ लेकिन गांव में रह के नहीं हो सकता है तुम जानते हो ना इस हादसे के बाद कितने बदनामी हो रही है उनकी वैसे भी शहर में मेरी सिक्योरिटी उनके साथ हर वक्त रहेगी....
अभय – आपने सही कहा भाभी मै बस अपनी लालच में था कि अब मां मेरे साथ हर वक्त रहेगी लेकिन मैं भूल गया था मां ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से जो मुकाम हासिल किया जाने वो कौन है जो मां को बदनाम करना चाहता है , खेर भाभी लेकिन मेरी एक शर्त है....
अलीता – कैसी शर्त....
अभय – मै भी आपके साथ चलूंगा शहर और आप मुझे शहर घुमाओगे....
अभय की बात सुन अर्जुन मुस्कुराते हुए अलीता को देखने लगता है जिसके बाद....
अलीता – हा जरूर साथ मे चाची को भी ले चलेंगे और वहां मेरे मम्मी पापा से भी मिल वाऊगी बहुत खुश होगे मिल के तुमसे....
अभय – तो कब चलेंगे हम....
अर्जुन – कल सुबह बात करता हूँ मैं उसके बाद तैयारी चलने की....
अभय – ठीक है आप लोग आराम करो मै चलता हूँ कल मिलते है (अलीता की गोद से उठते हुए) वर्ना भाभी कल की तरह आराम नहीं करेगी रात भर....
बोल के अभय अपने कमरे में चल गया पीछे से...
अर्जुन – (अलीता से मुस्कुरा के) पहले वाले से ज्यादा ये अभय मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम क्या कहती हो....
अलीता – जैसा भी है बहुत प्यार है मेरा ये देवर...
अर्जुन – हम्ममम कल की तैयारी कर के रखो कल ही हम निकल चलेंगे शहर में....
.
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जारी रहेगा![]()
क़यामत तक इन्तज़ार नहीं करना पड़ा, मेहरबानी रही आपकी.....Hello Sir ji kaise ho aap
Mai hajir ho latest update ke sath
Bahut bahut shukriya aapne itne wait Kiya
Dil se
Thank you Sir ji
Tabhi hamari wali se gayab theक़यामत तक इन्तज़ार नहीं करना पड़ा, मेहरबानी रही आपकी.....
वरना... वो भी कर लेते
आजकल Raj_sharma और riya singh की
दो महागाथाओं से अनुपस्थित होकर नये लेखकों को पढ़ने का प्रयास कर रहा था....
लेकिन.... HalfbludPrince फौजी भाई ने नया किस्सा छेड़ दिया और आपने नया अपडेट
पुरानी महफ़िल में ही फ़िर लौटना पड़ा