मैत्री का मर्डर वो भी इतनी बर्बरता से काफी दुखद था । वो आर्य मणि की जुदाई बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी अतः वो उससे मिलने गंगटोक आई और कत्ल कर दी गई । उनके बड़े भाई शूहोत्र जो अपनी बहन के पीछे पीछे गंगटोक आ गए उन्हें भी जान से मार देने का प्रयास किया गया ।
कौन हैं ये शिकारी ? मैत्री के कत्ल के पीछे क्या उद्देश्य था उनका ? ये सभी झुंड में हैं और ट्रैंड कुत्तों के साथ जंगलों की राह छान रहे हैं । क्या मकसद है इनका ?
लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आर्य मणि और निशांत कुछ दिनों से मध्य रात्रि में इस खतरनाक जंगलों में ढूंढ क्या रहे थे ?
क्या वो शिकारियों के बारे में छानबीन कर रहे थे या मैत्री को तलाश कर रहे थे ?
इस अपडेट में भी आपने एक और विचित्र नाम वाले इंसान से हमें मिलाया । डॉ इंद्रू गजमेर ! वाह ! नाम भी निराला और कास्ट भी निराला ।
लगता है दोस्तों का बिछड़ने का वक्त आ गया है । दुबारा कब मिलेंगे...एक साल बाद... पांच साल बाद...या दस साल बाद...या फिर मिलें ही न !
लेकिन मैं श्योर हूं कि यह जुदाई कुछ लम्बी तो जरूर होनी है ।
खुबसूरत अपडेट नैन भाई । हमेशा की तरह ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट ।