भाग:–28
रिचा 10 मिनट में हॉल में आने के लिये कहकर कमरे से निकल गई। आर्यमणि हालात को समझते हुये कुछ सोचा। टेस्ट में बॉडी डैमेज होना ही था और वो अपनी हीलिंग कैपेसिटी जाहिर नहीं होने दे सकता था, इसलिए उसने अपने पास से लेथारिया वुलपिना निकला और एक बार में इतनी मात्रा ले ली, जिसका असर 5–6 घंटे में खत्म ना हो।
दोनो साथ निकले। कुछ ही देर में आर्यमणि एक बड़े से होटल के रिसेप्शन एरिया में था। रिचा उसे अपने साथ लेकर किचेन के एरिया में आयी, जिसके दरवाजे पर खड़े 2 मुलाजिम ने रिचा से कुछ बातचीत की और आर्यमणि को लेकर चल दिये। किचेन के पीछे लगे लिफ्ट से रिचा ने माइनस 4 बटन प्रेस किया और बेसमेंट के नीचे बने तीन मजिली इमारत के बारे में बताती हुई, वर्क स्टेशन तक ले आयी। ये जगह किसी सीक्रेट एजेंसी के वर्क स्टेशन से कम नहीं लग रहा था। रिचा आर्यमणि को लेकर एक खाली कमरे में पहुंची। कमरे में जरूरत कि कुछ चीजें थी और चारो ओर कवर करता कैमरा लगा हुआ था।
रिचा:- सॉरी आर्य, नथिंग प्रसनल।
आर्यमणि:- मेरे लिए तो ये पर्सनल ही है। मै बस अपनी बहन भूमि और अपनी होने वाली पत्नी पलक के लिए यहां हूं, जो इस जगह को मंदिर मानती है। तुम बेफिक्र होकर प्रयोग शुरू करो।
"हम्मम, कुर्सी पर बैठ जाओ"…
आर्यमणि कुर्सी पर बैठ गया। रिचा ने उसके हाथ और पाऊं को बांध दिया, और मुंह में कपड़ा। शर्ट के बटन को खोलकर, इलेक्ट्रिक वायर की दो चिमटी उसके निपल पर लगा दी। सर पर एक इलेक्ट्रिक ताज, दोनो हाथ, दोनो पाऊं और गर्दन के दोनो ओर चिमटी।
रिचा कैमरे को दिखाकर थम्स उप की और उधर से उसके ब्लूटूथ पर इंस्ट्रक्शन आने शुरू हो गए…. करंट प्रवाह होना शुरू हुआ। धीरे-धीरे धीरे करेंट फ्लो बढ़ता चला गया। आर्यमणि का पूरा बदन झटके के साथ हिलने लगा। लेकिन यहां आर्यमणि की धड़कने बढ़ नहीं रही थी, उल्टा जैसे-जैसे करंट बढ़ रहा था आर्यमणि का हार्ट रेट धीरे-धीरे कम होते-होते 40, 30, 20 तक पहुंच गया।
उसका दिमाग सुन पड़ने लगा। धड़कन धड़कने की रफ्तार बिल्कुल न्यूनतम हो गई। 3 सेकंड में धड़कन एक बार धड़क रही थी। आर्यमणि का स्वांस लेना दूभर हो गया था। छटपटाते हुए उसने कुर्सी के हैंड रेस्ट को उखाड़ दिया। उतनी ही तेजी के साथ बदन से लगे वायर को नोचकर हटा दिया और वहीं नीचे जमीन में बेसुध गिर गया।
रिचा को उधर से जो भी संदेश मिला हो। इधर से वो बड़े गुस्से में… "जितना करंट आप लोगों ने टेस्ट के नाम पर इसके अंदर प्रवाह करने के आदेश दिए है, उसका 20% भी आप में से कोई झेल नहीं पता और किसी भी वुल्फ का तो आधे में जान निकल गई होती।"..
फिर से ब्लूटूथ पर कुछ करने के आदेश मिले और रिचा आर्यमणि को सीधा करके एक चाकू उसके सीने में आधा इंच घुसाकर ऊपर से लेकर नीचे पेट में लगी पट्टियों तक चिर दी। आर्यमणि की तेज चींख उस बंद कमरे में गूंज उठी। खून उसके शरीर से बहने लगा और जख्म भरने के कहीं कोई निशान नजर नहीं आ रहे थे।
फिर सबसे आखरी में हुक्म आया, वुल्फबेन का इंजेक्शन उसके नर्व में चढ़ाया जाय। वुल्फबेन सबसे आखरी टेस्ट था। ये आम इंसान पर कुछ असर नहीं करती। लेकिन यदि किसी वुल्फ को वुल्फबेन इंजेक्ट किया गया हो, तब उसकी ज़िंदगी उतनी ही है जबतक वो वुल्फबेन ब्लड फ्लो के जरिए सीने तक नहीं पहुंचे। एक बार वुल्फबेन किसी वेयरवुल्फ के सीने के अंदर पहुंची, उसकी मृत्यु निश्चित है।
रिचा को कोई आपत्ती नहीं थी इस आखरी टेस्ट से। उसने वुल्फबेन को इंजेक्ट कर दिया और घड़ी देखने लगी। तकरीबन 4 घंटे भर बाद पूर्णतः सुनिश्चित हो चुका था कि आर्यमणि कोई शेप शिफ्टर नहीं है, बल्कि सिक्किम के जंगलों में कुछ ऐसा हुए की उसकी ताकत आम लोगों से ज्यादा है।
नजर धुंधली सी थी, जो धीरे-धीरे साफ होती जा रही थी। आर्यमणि शायद किसी बाथरूम मे था, लेकिन काफी बड़ी ये जगह थी। एक किनारे से केवल बाथ टब रखे हुए थे और सामने दूसरे किनारे से शॉवर लगा हुआ था और सेक्शन को सीसे से पार्टेशन किया गया था।
आर्यमणि बाथ टब से उठकर खड़ा हुआ। उसके पूरे बदन पर हल्के नीले रंग का चिपचिपा द्रव्य लगा हुआ था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसे ग्रीस में डुबाकर छोड़ दिया हो। उसके बदन से पूरे कपड़े गायब थे। तभी उस बाथरूम का दरवाजा खुला और रिचा वहां पहुंच गई।
"सामने के शॉवर में नहा लो, जबतक मै तुम्हारे लिए कपड़े निकाल लाती हूं।"
आर्यमणि:- मै कितनी देर से यहां पर हूं, और ये मेरे पूरे बदन पर चिपचिपा सा क्या लगा हुआ है।
रिचा, उसके करीब आकर उसके सीने पर अपनी उंगली रखकर ऊपर के उस द्रव्य को साफ करती…. "ये संजीवनी रस है, जो जख्म को जादुई तरीके से भर देता है। याद है मैंने कहां चाकू मारा था।"..
"हम्मम ! ठीक है", कहते हुए आर्यमणि शॉवर की ओर चला गया और जल्दी से खुद को साफ करते हुए तौलिया उठा लिया। रिचा उसके हाथ से तौलिया लेकर उसके बदन को पोंछती हुई कहने लगी…. "तुम बहुत ताकतवर हो। इतनी शक्ति कहां से अर्जित की।"..
"समय क्या हो रहा है।".. "लगता है किड नाराज हो गया है। इसे खुश करना पड़ेगा।"….. "रिचा तुम गलत जगह टच कर रही हो।"….. "मै तो देख रही थी बच्चे हो या जवान भी हुये की नहीं।"…… "तुम्हारा हो गया हो तो क्या तुम मुझे कपड़े दोगी, ये सब फिर कभी और चेक कर लेना।"…
रिचा उसके हाथ में कपड़े थामती हुई…. "तुम इंपोटेंट हो क्या, मेरे छूने पर भी तुम्हारा लिंग में हलचल नहीं हुई।"..
आर्यमणि अपने कपड़े पहनते… "ये कोई नया टेस्ट है या मेरा टेस्ट पुरा हुआ।"..
रिचा:- हां टेस्ट पुरा भी हुआ और लोगो को यकीन भी।
आर्यमणि:- ठीक है मुझे बाहर लेकर चलो।
रिचा के साथ वो वापस लौट भी रहा था और बार-बार उसकी नजर घड़ी पर भी थी। जैसे ही वो घर पहुंचा, अपनी बाइक निकालकर वो तूफान से भी ज्यादा गति में निकला। अंधेरा पता नहीं कब हुआ था, घड़ी में 8 बज रहे थे। आर्यमणि जंगल के ओर निकल चुका था। तकरीबन 15 मिनट लगे, उसे नागपुर से जबलपुर के रास्ते में पड़ने वाले उन वीरान घाटीयों के जंगल में पहुंचने में, जहां आर्य ने मार्क किया था।
इसके पूर्व सुबह रूही और आर्यमणि के बीच एक छोटी सी योजना बनी थी। योजना थी, सरदार खान के एक अल्फा पैक, जिसका मुखिया नरेश था, उसे मारकर रूही को अल्फा बनाना। योजना कुछ इस तरह से थी कि नरेश के पैक का एक बीटा विकास, जो कॉलेज में साथ ही पढ़ता था, उसे झांसे में लेकर ट्विन वुल्फ पैक के इलाके तक ले जाना था। जब भटका हुआ ट्विन अल्फा का पैक और सरदार खान के पैक में खूनी भिड़ंत होती, तब नरेश को मारकर रूही को उसकी शक्ति दे दी जाती।
लेकिन जब योजना को धरातल पर लाया गया तब बाजी थोड़ी उल्टी पड़ गई। रूही, विकास को लेकर ट्विन अल्फा के सीमा में घुसती और वहां विकास को घायल करके वोल्फ कॉलिंग साउंड देती। नतीजा ये होता की सरदार खान का पैक पहले ट्विन वुल्फ के इलाके में पहुंचता और बाद में ट्विन वुल्फ से खूनी भिड़ंत होती। लेकिन हो गया उल्टा। शायद हमले के इरादे से ट्विन वुल्फ भी घात लगाये बैठे थे। कुछ दिन पूर्व हुए उनके 2 अल्फा की मौत ने शायद उनके अंदर बौखलाहट भर दी थी। रूही जैसे ही उनके इलाके में घुसी, ट्विन वुल्फ ने मौका तक नहीं दिया। ट्विन अल्फा के एक अल्फा अपने कुछ बीटा के साथ विकास को इस कदर नोच खाया की उसकी दर्द भरी चीख सरदार खान के इलाके तक किसी भयावह आवाज की तरह सुनाई दे रही थी। वहीं ट्विन अल्फा के दूसरे अल्फा ने रूही को पेड़ से बांध दिया और पेट चीड़कर उसके खून को बाहर रिस्ता छोड़ दिये।
गाड़ी लगाकर आर्यमणि अभी घाटियों के अंदर प्रवेश ही किया था कि वुल्फ साउंड सुनाई देने लगा। "वुउउउ वुउउउ वुउउउ वुउउउ" करके तकरीबन 50 वुल्फ एक साथ आवाज़ लगा रहे थे। आवाज़ नक्शे के हिसाब से तीसरे प्वाइंट से आ रही थी। ये सरदार खान और ट्विन वुल्फ पैक के इलाके का बॉर्डर था। वहीं ट्विन वुल्फ पैक के इलाके से विकास की तेज चींख लागातार बनी हुई थी जो धीरे–धीरे बिलकुल शांत हो गयि। सरदार खान के क्षेत्र से एक साथ सभी के शोक की आवाज़ आनि शुरू हो गई। मतलब सरदार खान के पैक का एक वुल्फ, विकास, ट्विन वुल्फ के इलाके में मारा जा चुका था। और सरदार खान का पैक अपनी असहाय आवाज मे साथी के मरने का शोक मना रहा था।
अभी सरदार खान के खेमे में शोक समाप्त भी नही हुआ था कि रूही की दर्द भरी चीख गूंजी, जो धीरे–धीरे सिसकियों में तब्दील हो गयि। इस बार सरदार खान के इलाके से केवल नरेश की आवाज आयि। बड़े से पैक के मुखिया का सिंगल वुल्फ साउंड, जिसका मतलब था, हम तुम तक नही पहुंच सकते। आर्यमणि के कान तक जैसे ही रूही की आवाज पहुंची, आर्यमणि अपनी बाइक छोड़कर काफी तेज दौड़ लगा दिया। जब वह रुका तब वो ट्विन वुल्फ पैक के इलाके में था और सामने का नजारा भयावह । रूही को ट्विन पैक के कम से कम 20 बीटा ने घेर रखा था। उसका पेट बीच से चिरा हुए था और बूंद-बूंद करके उसके खून को ट्विन पैक के बीटा चूस रहे थे।
ट्विन अल्फा का एक भाई रूही से…. "नगोड़ी ट्विन के इलाके में घुसने की हिम्मत। सुन तू अपने अल्फा को आवाज़ दे। वो यदि यहां आ गया तो मै तुझे छोड़ दूंगा और पैक का हिस्सा बना लूंगा।"..
रूही दर्द से कर्राहती हुई…. "जिसने तेरे 2 अल्फा को मरा था वह क्या है मुझे भी पता नहीं, लेकिन मै उसके पैक का हिस्सा हूं। वो यहां आया ना तो तुझसे और तेरे इस पैक से इतनी बातें भी नहीं करेगा। मुझ अकेली के लिए तूने पुरा पैक दाव पर लगा लिया।"
ट्विन अल्फा का दूसरा भाई…. "ख़ामोश गिरी हुई वेयरवुल्फ जो किसी इंसान का हुक्म मानने को मजबूर हो। बच्चो, खाने का समय हो गया। अपने जैसे को ज्यादा तड़पाते नहीं।"
"इतनी जल्दी भी क्या है, अभी तो खेल शुरू ही हुआ है। रूही हौसला रखना। मै बस 5 मिनट में इन्हे निपटाकर आया।"… आर्यमणि उनके सामने आते हुये कहने लगा।
ट्विन ब्रदर एक साथ… "क्या इसी ने मेरे पैक के 2 अल्फा को मारा था।"
रूही:– पूछ क्या रहा है, अभी कुछ देर में तुझे भी काल के दर्शन होंगे...
ट्विन ब्रदर:– अब आएगा मज़ा शिकार का"..
देखते ही देखते पुरा झुंड आर्यमणि के ओर बढ़ने लगा। एक साथ चारो ओर से आर्यमणि घिरा हुआ था। आर्यमणि सभी के खूनी जज्बात को मेहसूस कर सकता था। एक साथ सभी के क्ला आर्यमणि के बदन को फाड़ने के लिए दौड़ लगा चुके थे। आर्यमणि अपने गुस्से को समेटा और सबसे पहला वुल्फ जब हवा में उछलकर आर्यमणि के चेहरे पर अपने पंजे के निशान देने के कोशिश में था, आर्यमणि अपना एक हाथ ऊपर करके हवा में ही उसका गला पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसके ठुड्ढी पर इतना तेज मुक्का मारा की आर्यमणि के हाथ में उसका धर था और सर ट्विन ब्रदर के पाऊं में जाकर गिरा।
जैसे ही उनके बीच का साथी मरा, बचे हुए सारे बीटा गुस्से में वूऊऊऊऊऊ की खौफनाक आवाज निकालने लगे। आवाज इतनी खौफनाक थी कि आम इंसान डर से मूत दे। ट्विन अल्फा पैक अपने रौद्र रूप में आ चुकी थी और उनके सभी बीटा एक साथ आर्यमणि के ऊपर हमला कर चुके थे। ऐसा लग रहा था जैसे सियार का पूरा झुंड आज किसी शेर के शिकार पर निकला है। रूही को आर्यमणि लगभग दिखना बंद हो चुका था। केवल नीचे सूखे पत्तों के मसले जाने की तेज–तेज आवाज आ रही थी। तभी एक के बाद एक दर्द भरी चींख का सिलसिला शुरू हो गया।
भिड़ को चीरकर जो खड़ा हुआ, वो एक पूर्ण वेयरवुल्फ था। गाढ़े लाल रंग की आखें जो आज तक किसी अल्फा की नहीं हुई। चमचमाते उजले रंग का उसका पूरा शरीर था। वेयरवुल्फ और सुपरनैचुरल की दुनिया का एक ऐसा अद्भुत नजारा, जिसे आज तक किसी ने नहीं देखा था। और जिन्होंने भी कभी ऐसे किसी वेयरवोल्फ को देखा उसे सब पागल ही मानते थे। दंत कथाओं का एक वेयरवोल्फ जिसके होने के बारे में कोई सोच भी नही सकता था।
आर्यमणि पहली बार अपने पूर्ण स्वरूप में रूही के सामने खड़ा था। और फिर वहां का जर्रा–जर्रा उस खौफनाक गूंज की गवाह बनी, जिसे सुनकर ट्विन अल्फा के कुछ बीटा की धड़कने डर से ही थम गई। आर्यमणि की दहाड़ कुछ ऐसी थी की 10 मीटर के दायरे से बाहर किसी को सुनाई ना दे। और 10 मीटर के अंदर ऐसा भौकाल था मानो 10–12 तेज बिजली के कड़कने की आवाज एक साथ आ रही हो। आर्यमणि की दहाड़ ऐसी, जिसे सुन उसके पैक की एक बीटा रूही ने जंजीर से खुद को इस कदर छुड़ाया की कलाई पूरा खिसक गई। खून का बहाव इस कदर तेज की पेट से खून की धार निकलने लगी। लेकिन आर्यमणि की एक रण हुंकार (war cry) पर रूही पूरी तरह से सबको चीड़ने को तैयार थी। माहौल में आर्यमणि की एक खौफनाक गरज, जिसे सुनकर ट्विन अल्फा का प्रत्येक बीटा अपने घुटने पर आ गया और आर्यमणि से नजर नहीं मिला पा रहा था। आर्यमणि तेजी के साथ एक-एक करके बीटा के पास पहुंचा। किसी के हाथ तो किसी के पाऊं तोड़कर लिटाता चला गया।
अपने बीटा को असहाय हालत में देखकर ट्विन ब्रदर ने तुरंत ही एक दूसरे का कंधा थमा और देखते ही देखते दोनो एक दूसरे में समाते चले गये। दोनो मिलकर जब एक हुये, भीमकाय सी उनकी साइज थी। तकरीबन 12 फिट लंबा और उतना ही बलिष्ठ दिख रहा था। ऐसा लग रहा था सामने कोई दैत्य खड़ा हो। उनके ठीक पीछे रूही अपनी भृकुटी (eyebrow) ताने उन ट्विन ब्रदर्स पर हमला करने को तैयार। रूही उछलकर उनके पीठ पर अपने पंजे को घुसा दी। दत्यकार वुल्फ पर कुछ असर तो नही हुआ लेकिन नतीजा रूही को भुगतना पड़ा।
"कहां तू हम बड़ों के बीच में आ गयि, चल अभी दूर हट"… शायद ऐसा ही कुछ प्रतिक्रिया रहा हो जब दैत्याकार वुल्फ रूही को देख रहा था। "ओ..ओ लगता है जोश–जोश में कुछ गड़बड़ हो गयि"… शायद रूही के हाव–भाव थे, जब उसने दैत्याकार वुल्फ को घूरते देखी होगी। जैसे किसी खिलौने को उठाकर दूर फेंक देते है ठीक उसी प्रकार रूही को भी उठाकर ऐसा फेके की दर्द भरी कर्राहट रूही के मुंह से निकल गयि।
पैक यानी परिवार। वो भी एक मुखिया के सामने उसके बीटा पर जानलेवा हमला। ट्विन वुल्फ और आर्यमणि दोनो के दिल में एक सी आग लगी थी और दोनो ही एक दूसरे को परस्त करने दौड़े। दैत्याकार वुल्फ तेजी से दौड़ते हुए आर्यमणि के जबड़े पर ऐसा मुक्का मारा की पूरा जबड़ा ही हिला डाला। लेकिन आर्यमणि न तो अपनी जगह से हिला और न ही एक कदम पीछे गया। बस जब जबड़े पर कड़क मुक्का पड़ा तब मुंह से खून और खून के साथ जमीन पर एक दांत भी गिरा। आर्यमणि अपने उस टूटे दांत को देखकर गुस्से में भृकुटी तान दिया और जैसे ही सामने देखा.… ट्विन ब्रदर का दूसरा करारा मुक्का। आर्यमणि इस बार भी न तो हिला और न ही अपनी जगह से खिसका, बस तेज श्वास के साथ दर्द को भी पी गया।
अभी दूसरे मुक्के का दर्द ठीक से पिया भी नही था की तीसरा कड़ाड़ा मुक्का पड़ गया। अब तो एक के बाद एक जोरदार मुक्के पड़ते ही जा रहे थे। मानो आर्यमणि का चेहरा मंदिर का घंटा बन गया हो। तभी आया आर्यमणि के खून उबाल और फिर मचा दिया बवाल। साला 2 शरीर को जोडकर तू क्या गुंडा बनेगा रे बाबा। अभी तुझे मैं जरासंध बनाता हूं.… आर्यमणि ने मुट्ठी में दैत्याकार वुल्फ के बाल को दबोचा और जैसे मुट्ठी में पकड़ कर किसी कागज को चिड़ते हैं, ठीक वैसे ही आर्यमणि ने दैत्याकार वुल्फ को चीड़कर ट्विन वोल्फ को अलग किया और दूर फेंक दिया।
ट्विन एक साथ आर्यमणि के सामने पहुंचे। एक ओर से एक भाई तो दूसरे ओर से दूसरा भाई। लड़ाई के पहले हिस्से में ट्विन जहां मुक्का मार रहे थे। वहीं दूसरे हिस्से मे अपने पंजे चला रहे थे। 5 नाखूनों का पुरा क्ला आर्यमणि के चेहरे पर लगा और 5 नाखूनों के निशान उसके गाल पर छप गये। गाल से टप-टप करके खून नीचे गिरने लगा। आर्यमणि के हीरो वाले चेहरे पर वार, अब तो नही चलनी थी ये सरकार। वैसे भी ट्विन ब्रदर लगा रहे थे पूरा जोर और आर्यमणि मात्र उनसे कर रहा था खिलवाड़। लेकिन खेल–खेल में खेला हो गया।
उस ट्विन में दोबारा अपने पंजे उठाये थे। दूसरे गाल को भी पूरा फाड़ने का इरादा था। लेकिन आर्यमणि के सामने तो वो मात्र आदा–पदा ही था। आर्यमणि ने ट्विन वुल्फ के उस अल्फा का हाथ पकड़कर अपने फौलादी पंजों में कैद कर लिया। हाथ को उल्टा ऐसे मड़ोरा जैसे कपड़े निचोड़ दिए हो। फर्क सिर्फ इतना था की पानी की जगह खून और हड्डी का पाउडर नीचे गिर रहा था। निचोड़ने के बाद बारी आयि तोड़ने की। आर्यमणि उसके जांघ पर एक लात मारा और वो अल्फा दर्द से कर्राहते हुए अपनी आवाज़ निकालने लगा।
उसका जुड़वा भाई दाएं ओर से आर्यमणि के गर्दन से खून पीने में व्यस्त था। शायद आर्यमणि को कोई मच्छर लगा हो, इसलिए पड़ोस वाले भाई पर ध्यान न गया। लेकिन अब काल के दर्शन तो उस दूसरे भाई को भी करना था। अपने भाई की दर्द से बिलबिलाती आवाज सुनते ही खून पीना छोड़कर उसने तेज दहार लगाया। उसकी दहाड़ सुनकर उसके बीटा जो सहमे थे, अपने अल्फा की आवाज़ पर एक बार फिर उग्र रूप धारण कर चुके थे। लेकिन हमला करने के लिए उसके बीटा जबतक पहुंचते, आर्यमणि ने ट्विन के दूसरे अल्फा का दोनो हाथ पकड़कर उल्टा घुमा दिया।
"साले चीटर मैं अकेला और तू पहले से २ भाई लड़ रहा था। इतने से भी ना हुआ तो मुझे मारने के लिये और लोगों को बुलावा भेज रहा। ले साले एक्शन रिप्ले करता हूं। तेरे भाई का एक हाथ निचोड़ा था, तेरे दोनो हाथ निचोड़ देता हूं।"
आर्यमणि ने दूसरे भाई का तो दोनो हाथ उल्टा घूमाकर निचोड़ दिया। हाथ से कैल्शियम (हड्डी) और आयरन (ब्लड) का सिरप चुने लगा। उसे जैसे ही आर्यमणि ने छोड़ा वो धराम से नीचे जमीन में गिरा और उसके बीटा कूद–कूद कर हमला करने लगे। सबसे आगे आये तीन बीटा को आर्यमणि ऐसा मसला की उनकी कुरूर हत्या देखकर बाकी के बीटा अपनी जान बचाकर भागे। आर्यमणि भागने वालों के पीछे नहीं गया, बल्कि रूही के पास चला आया। आर्यमणि अपने साथ लाये बैग से स्ट्रिच करने वाला स्टेपलर निकला और रूही के पेट को सिलते हुए… "बहुत दर्द हो रहा है क्या"… रूही ने हां में सर हिलाया और धीमी-धीमी श्वांस लेने लगी।
आर्यमणि उसके पेट पर हाथ रखकर अपनी आखें मूंद लिया। आर्यमणि के नर्व में जैसे काला-काला कुछ प्रवाह होना शुरू हो गया हो और धीरे-धीरे रूही राहत की श्वांस लेने लगी। दर्द से बिलबिलाते रूही के पूरे बदन को एक असीम सुख का अनुभव होने लगा। वेयरवुल्फ की एक खास गुण, हील करना। यूं तो हर वेयरवुल्फ अपने नब्ज मे दर्द को खींचकर सामने वाले को राहत दे सकता था। किसी के भी तड़प को सुकून मे बदल सकता था, लेकिन फटे मांस, या टूटी हड्डी को हर वेयरवुल्फ हील नहीं कर सकते थे। हां हर वेयरवुल्फ हील भी कर सकते थे लेकिन इस लेवल पर नहीं। आर्यमणि अपने हाथ से रूही का दर्द खींचने लगा। रूही के खुद की हीलिंग क्षमता के साथ आर्यमणि के हीलर हाथ। थोड़ी ही देर में रूही सुकून में थी और वो पूरी तरह से हील हो चुकी थी।
जैसे ही रूही हिल हुई वह अपने घुटनों पर बैठकर अपना सर झुकाती… "दंत कथाओं का एक पात्र प्योर अल्फा से कभी मिलूंगी, ये तो कभी ख्यालो में भी नही था। प्योरे अल्फा अब तक की एक मनगढ़ंत रचना, जो किसी पागल के कल्पना की उपज मानी जाती थी, वह सच्चाई थी, यकीन करना मुश्किल है। मेरे नजरों के सामने एक प्योरे अल्फा हैं, अद्भुत... अब समझ में आया कि क्यों तुम पर वेयरवोल्फ के एक भी नियम लागू होते। अब समझ में आया की क्यों तुम्हे पहचान पाना इतना मुश्किल है। तुम तो सच के राजा निकले।"
Is dhamakedar action padh kr mera man ho rha hai ki sirf aapki tarif ki jaye, ab dekhte hai tarif hi nikalti hai Ya sath me revo ke rup me summary nikalti hai...
Raja Aryan Raja ek pure werewolf hai Jiski adbhut shaktiya hain ruhi ke plan fail ho Jane ke baad ek hi upay banta hai Aryan ke action ka or Mai baap kya hi dhansu action diye ho comentry marte huye Wah! Bhai Wah!

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