अध्याय 56 – 57 यानी की दो बेहद ही खतरनाक अध्याय और ढेरों सवाल जो ये पाठकों के बीच छोड़ गए...
सीक्रेट बॉडी बेहद ही रहस्मयी संगठन के रूप में उभरकर आया है कहानी में। जहां उन लोगों की साजिश सत्य में काफी गहरी थी वहीं भूमि, जया और आर्यमणि की नज़रों से वो सब अपना असली चेहरा छुपा ना सके। इसी से पता चलता है की बेशक वो सभी बुद्धिमान और कुटिल हैं परंतु साथ ही अपने समक्ष खड़े खतरे और शत्रु को भांपने और समझने में कमज़ोर भी हैं। अभी तो उन लोगों ये तक नहीं पता की भूमि और जया उनका अगला – पिछला सब जानती हैं, स्पष्ट है की बेहद चतुर होते हुए भी, लापरवाही करने की आदत, उन्हें खेल में पीछे धकेल रही है। रही बात उनकी शक्ति की, तो मेरे ख्याल से यदि सीक्रेट बॉडी पूरी तरह खुलकर सामने आ जाए, तब शायद आर्यमणि की मृत्यु भी सुनिश्चित की जा सकती है!
इसका सीधा कारण है वो भौकाल जो सीक्रेट बॉडी की थर्ड लाइन ऑफ सीक्रेट सुपीरियर शिकारी ने मचाया! यदि तीसरी पंक्ति के शिकारियों ने आर्यमणि को उसके घुटनों पर का दिया, तो सोचने लायक बात है की प्रथम और द्वितीय पंक्ति के शिकारी किस प्रकार के होंगे, खासकर तब, जब वो दोनों पंक्तियां मिलकर आर्यमणि का सामना करें! कोई संदेह नहीं है की तब आर्यमणि को या तो पलायन करना होगा, या अपनी मृत्यु को स्वीकार। एक ही स्थिति है जिसके कारण, आर्यमणि इन शिकारी और षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध टिका हुआ है और वो है उसका प्योर वोल्फ होना, और उससे भी बड़ी बात, इस बड़े राज का छिपा होना। अन्यथा, समझा जा सकता है की किस मुसीबत में होता वो यदि ये राज़, राज़ ना रहता...
सरदार खान को जब कहा आर्यमणि ने को सीक्रेट बॉडी ने फन्ने खान को तैयार किया था सरदार की हत्या के लिए तब उसका जवाब भी चौंकाने वाला था। उसके मुताबिक “वो” अपेक्स सुपरनैचुरल हैं, समस्त प्राणियों में सबसे विशेष और ताकतवर। किसकी बात कर रहा था वो? सीक्रेट बॉडी की? उज्ज्वल, सुकेश, देवगिरी, तेजस अथवा जयदेव में से कोई इतना विशेष है? मुझे नहीं लगता! इसका सीधा सा मतलब एक ही है, की सीक्रेट बॉडी के सर पर भी उनका कोई रहनुमा बैठा हुआ है, जिसके इशारे पर ये षड्यंत्र का खेल रचा जा रहा है। शायद वही हो “अपेक्स सुपरनैचुरल”! देखने लायक चीज़ ये थी कि इस बात पर आर्यमणि ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी, अर्थात वो बिल्कुल भी हैरान नहीं हुआ इस नए शब्द को सुनकर, क्या वो जानता है इस बारे में..?
खैर, अभी के लिए सरदार खान की बस्ती में आर्यमणि ने कई सारे कार्य पूर्ण कर लिए हैं। सर्वप्रथम, सरदार खान को उठा लिया गया है और साथ ही फन्ने खान को हत्या भी हो गई है। बस्ती में मौजूद सभी नीच और पापी वॉल्फ्स को भी मौत के घाट उतार दिया गया है अब बचे हैं तो नावेद और असद, जोकि अल्फा हैं और अब उनका कार्य है उस बस्ती का पुनर्निर्माण करना और उन सभी को एक नया जीवन देना, जिनकी ज़िंदगी सरदार खान के कारण पटरी से उतर गई थी। वहां जितने भी वॉल्फ्स मौजूद थे, उन सभी की एक निश्चितकालीन यादें भी आर्यमणि ने मिटा दी हैं, अर्थात अभी के लिए उसके प्योर अल्फा होने का राज़ सुरक्षित है!
वहीं ओजल और इवान भी अब अल्फा में परिवर्तित हो चुके हैं, कोई संदेह नहीं इस बात में को आर्यमणि का ये “अल्फा पैक” अग्रसर है उस राह पर जिसकी मंज़िल दुनिया के सभी वरवॉल्फ पैक्स में सर्वश्रेष्ठ बनना है। स्पष्ट है की जब पैक का हर सदस्य अल्फा होगा, और पैक का मुखिया प्योर अल्फा, तो उनकी शक्ति आसमान से भी ऊंची हो जाएगी। यहां, ज़रूरत है इन सभी को सही प्रशिक्षण देने की, और विषम परिस्थितियों से पार पाने का सही मार्ग बतलाने की। अलबेली को अभी भी लूथरिया वुलपिना की ज़रूरत पड़ती है खुद पर नियंत्रण रखने के लिए, वहीं ओजल और इवान तो अभी – अभी बाहर की इस दुनिया में निकले हैं, देखते हैं आर्यमणि अपने आने वाले अज्ञातवास में इन सभी को किस प्रकार प्रशिक्षण देगा!
इस बीच रूही की दिवंगत मां अर्थात एक अल्फा हीलर – फरहीन का भी ज़िक्र हुआ। फरहीन की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की वो पहली ऐसी थी जिसने जड़ों और जड़ों के रेशों तक से रिश्ता जोड़ लिया था। जो कारनामा उसके अलावा केवल एक प्योर वोल्फ ही कर पाया हो, वो कितना कठिन होगा, हम समझ सकते हैं। देखना ये है की क्या अपनी मां के कुछ विशेष गुण तथा शक्ति, रूही में भी आई है अथवा नहीं? साथ ही, ये देखना भी रोचक होगा की सरदार खान को ज़िंदा रखने के पीछे क्या औचित्य है? उसे जब मारना है ही, तो अभी क्यों नहीं, बेशक किसी योजना के तहत ही ऐसा कर रहा होगा आर्यमणि...
थर्ड लाइन ऑफ सीक्रेट सुपीरियर शिकारी... इनसे लड़ाई के दौरान हमें कई सारी शक्तियां और गुण देखने को मिले,आर्यमणि के! ना केवल वो अपनी दहाड़ मात्र से ही शत्रु – खेमे में भूचाल ला सकता है बल्कि हवा को नियंत्रित कर किए गए हमले से भी पार पा सकता है! आर्यमणि पेड़ – पौधों को हील करता है ये तो पहले ही सामने आ चुका है, और अब उस प्रक्रिया का प्रभाव भी हम देख ही सकते हैं। किसी विषम परिस्थिति में अत्यंत लाभदायक साबित हो सकती है आर्यमणि की धरा और वृक्षों से जुड़े होने की ये काबिलियत! खैर, यहां तो आर्यमणि किसी ना किसी तरीके से उन शिकारियों से पार पाने में कामयाब हो गया परंतु आगे क्या..?
हम जानते ही हैं की आर्यमणि का ये सफर आगे आसान नहीं होने वाला। है पल, महाजनिका का खतरा उसके और मानवजाति के सर पर मंडराता ही रहेगा। कब लौटेगी वो, कोई नहीं जानता, परंतु एक बात साफ है की जब वो लौटेगी तो इतनी शक्तिशाली होगी, जिसकी कोई सीमा नहीं। सीक्रेट बॉडी की प्रथम और द्वितीय पंक्ति का क्या? ऐसा तो है नहीं, की केवल यही दो चुनौतियां हैं उसके सामने, भविष्य के गर्भ में जाने कौन – कौन से संकट छुपे हों? ऐसे में आर्यमणि से यही उम्मीद रहेगी की अपने इस आने वाले अज्ञातवास का वो भरपूर लाभ उठाए और खुद को सशक्त और अपनी शक्तियों और भी विकसित करे। ताकि आने वाले समय में, उसके सामने मृत्यु का संकट तो ना उपजे, कम से कम...
अभी के लिए, आर्यमणि ने नागपुर को साफ कर दिया है, बस सरदार खान को ऑफिशियली मृत घोषित कर दिया जाए एक बार, फिर एक नया सफर शुरू होगा आर्यमणि का। बहरहाल, सीक्रेट बॉडी की कमर ही टूट गई है कुछ ही घंटों में। सरदार खान, फन्ने खान, सभी दूषित वरवॉल्फ्स और साथ ही तीसरी पंक्ति के शिकारी भी... बेशक उन सभी षड्यंत्रकारियों का पारा, आसमान को छू रहा होगा, और मेरे ख्याल से पलक के सर ही इस सारी घटना का ठीकरा फोड़ा जाने वाला है। देखते हैं उसके भाग्य में क्या लिखा है..?

एक सवाल ये है की बद्री मुले (आरती का पति?) के साथियों की याददाश्त मिटाते वक्त दो शिकारियों ने आर्यमणि को चौंका दिया, कारण..?
क्या ही खूबसूरत अध्याय थे दोनों ही भाई! खासकर अध्याय – 57, बेहद ही खूबसूरत तरीके से वर्णन किया आपने पूरे ही रोमांचकारी दृश्य का! सही मायनों में एक्शन – पैक्ड अपडेट्स थे दोनों ही। जितनी भी तारीफ की जाए, कम ही होगी!
प्रतीक्षा रहेगी अगले अध्याय की...