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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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nain11ster

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अरे बाप रे
षडयंत्र घोर षडयंत्र
यह सीक्रेट बॉडी बहुत भयंकर स्कीम बनाए हुए हैं
बाप सरदार खान की बलि ले कर बेटा फन्ने खान को उसके जगह दिया जाएगा
रूही और अलबेली की बलि चढ़ा ने के लिए भी तैयारी कर ली गयी है
Ghor kalyug hai naag bhai... Ghor kalyug.. dekhiye bete ne baap ke sath kya kiya... Aane wale waqt ki baat hai
 

nain11ster

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अरे बाप रे
षडयंत्र घोर षडयंत्र
यह सीक्रेट बॉडी बहुत भयंकर स्कीम बनाए हुए हैं
बाप सरदार खान की बलि ले कर बेटा फन्ने खान को उसके जगह दिया जाएगा
रूही और अलबेली की बलि चढ़ा ने के लिए भी तैयारी कर ली गयी है

हायं यह क्या आर्य फिरसे कल्टी मारने वाला है
वेल चित्रा की अनाउंसमेंट बढ़िया पार्ट रहा
खैर इतना तो समझ में आ गया है कि बिसात बिछ चुकी है आगे फसाद होने वाला है अब देखते हैं आगे क्या होता है
Hahaha .. well said bisad bichh chuki ab fasad hone wala hai .. dekhiye fir natije kya nikle is bisad se bichhe fasad ke baad :D
 

Parthh123

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Hyyyy nain bhai kya update hai gajab ka prahari samuday ki fati aur usne sukesh bhardwaj ko hi tang diya random me new mukhiya aur secret body me palak ki entry. Kai ghatnakram bdi tezi se ghatit hue. Udhar arya apne pack ke sath videsh gya idhr bdi cnfusion create krke. Sb prahari log cnfusiya se gye hai. Akshara meenakshi tejas sb ek hi thaili ke chatte batte nikle.
 

Vk248517

I love Fantasy and Sci-fiction story.
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भाग:–60





नाशिक रात के लगभग 12 से 12.10 बजे के बीच जब पलक के भाई राजदीप के सुहागरात स्वीट की घटना प्रकाश में आयी, पलक का दिमाग शन्न हो गया और उसे धोके की बू आने लगी। पलक समझ चुकी थी, जिस सुहागरात कि सेज को आर्यमणि ने अपना बताया था, दरअसल वो जान बुझकर उसे यहां लेकर आया था। पलक के दिमाग में एक के बाद एक तस्वीर बनती जा रही थी। जिसमें आर्यमणि के साजिश और झूठ का एहसास पलक को होता जा रहा था।


आर्यमणि के ऊपर शक की सुई तो इस बात से ही अटक गयी की वो जान बूझकर मुझे फर्स्ट नाईट में शॉक्ड देने वाला था और पलक को रह-रह कर ये ख्याल आता रहा.. "भाई की सुहागरात कि सेज पर मुझे ही इस्तमाल कर लिया।".. गुस्सा अपने सातवे आसमान पर था लेकिन पलक किसी से अपना गुस्सा कह भी नहीं सकती थी।


धोखा हो चुका था और पलक को समझ में आ चुका था कि आर्यमणि अब नागपुर में नहीं रुकने वाला, कहीं गायब हो रहा होगा। पलक कुछ कर नहीं सकती थी, क्योंकि उसे शक किस बात पर हुआ यह कैसे बताती। 10 मिनट के बाद पलक को बताने की एक कड़ी मिली जब सिग्नल जैमर का किस्सा सामने आया। और एक बार सिग्नल जैमर का किस्सा सामने आया, तब तो पलक का दिमाग और भी ज्यादा घूम गया। क्योंकि बहुत सी योजना के लिये जरूरी दिशा निर्देश तो आर्यमणि के नागपुर पहुंचने और अनंत कीर्ति के पुस्तक खुलने के बाद की थी।


रात के तकरीबन साढ़े 12 बजे पलक के गाल पर तमाचा पड़ा, जिसे देखकर जया, केशव और भूमि अपने भाव जाहिर करते, उसके लिए मुस्कुराकर अफ़सोस कर रहे थे। थप्पड़ पड़ने के कुछ देर बाद पलक ने आर्यमणि को कॉल लगाया और दोनो के बीच एक लंबे बात चित के बाद….


सुकेश:- पलक को कुछ कहने से पहले हमे खुद में भी समीक्षा करनी चाहिए... आर्यमणि अपनी इमेज साफ करके नागपुर से गया है। हम जैसों से धोका हो गया फिर तो पलक की ट्रेनिंग पीरियड है। इस से पहले की वो हमारी पकड़ से बाहर निकले, चारो ओर लोग लगा दो।


उज्जवल:- प्लेन रनवे पर खड़ी हो गयी है, हमे नागपुर चलना चाहिए।


दूल्हा और दुल्हन के साथ कुछ लोगों को छोड़कर सब लोग देर रात नागपुर पहुंचे। रात के 1 बजे तक चारो ओर लोग फैल चुके थे। आर्यमणि को उसके पैक के साथ जबलपुर हाईवे पर देखा गया था, इसलिए रात के २ बजे तक जबलपुर के चप्पे–चप्पे पर पुलिस को ही, तीनो आर्यमणि, रूही और अलबेली को ढूंढने के काम पर लगा दिया गया था। सीक्रेट प्रहरी को ओजल और इवान के विषय में भनक भी नही थी। और शायद इसी दिन के लिये ओजल और इवान की पहचान छिपाकर रखी गयी थी।


२ बिगड़ैल टीनेजर स्पोर्ट कार को उड़ाते हुये जबलपुर में दाखिल हुये। जबलपुर सीमा के पास आर्यमणि, रूही और अलबेली उतर गये। तीनों ही दौड़ लगाते जबलपुर के एक छोटे से प्राइवेट रनवे पर खड़े थे। पीछे से ओजल और इवान भी उसके पास पहुंच गये। उस प्राइवेट रनवे से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलौर, हैदराबाद, चेन्नई और केरल के लिये 7 प्राइवेट प्लेन ने उड़ान भरा। कुछ ही घंटो में पूरा अल्फा पैक कोचीन के डॉकयार्ड पर था। एक मालवाहक बड़ी सी शिप खड़ी थी जिसके अंदर तीनो अपना डेरा जमा चुके थे। लगभग 45 घंटे बाद सुकेश के घर से लूटे समान के साथ पूरा वुल्फ पैक विदेश यात्रा पर रवाना हो चुके थे।


जबलपुर पुलिस उस रात आर्यमणि, रूही और अलबेली को ढूंढते रहे, लेकिन जिन ३ लोगों के ढूंढने का फरमान जारी हुआ था, पुलिस को उनके निशान तक नही मिले। नाशिक से रात के तकरीबन 2.30 बजे सभी लोग नागपुर एयरपोर्ट पर लैंड कर चुके थे। भूमि, जया और केशव को मीनाक्षी ने भूमि के ससुराल ही भेज दिया। राकेश नाईक, जो न जाने कबसे आर्यमणि और उसके परिवार की जासूसी करते आया था, उसे जब सुकेश ने किनारा करते उसके घर भेज दिया, तब बेचारे का दिल ही टूट गया। उसे लगा "इतने साल तक इन लोगों के करीब रहा लेकिन आज मुझे किनारे कर दिया"…


खैर पारिवारिक कहानी को इस वक्त बहुत ज्यादा तावोज्जो देने की हालत में सीक्रेट बॉडी नही थे। वो लोग तो रास्ते से ही अपने हर आदमी से संपर्क कर रहे थे। हर पूछ–ताछ में एक खबर सुनने को आतुर... "आर्यमणि मिला क्या?" जिसका जवाब किसी के पास नही था। सिर पकड़कर बैठने की नौबत तब आ गयी, जब सुकेश अपने घर पहुंचा। पूरा संग्रहालय को ही खाली कर दिया गया था। सुकेश ही अकेला नहीं, बल्कि पूरा सीक्रेट प्रहरी ही बिलबिला गया। अनंत कीर्ति की किताब जितनी जरूरी थी, उस से कहीं ज्यादा जरूरी और बेशकीमती खजाना लूट चुका था।


इनके सैकड़ों वर्षों की मेहनत जैसे लूटकर ले गये थे। तकरीबन 12 सीक्रेट बॉडी प्रहरी सुकेश के घर पर थे और सभी सुकेश का गला दबाकर उसे हवा में लटकाये थे। सबका एक ही बात कहना था, "सुकेश और उज्जवल भारद्वाज ने जो भी सुरक्षा इंतजामात किये वो फिसड्डी साबित हुये।" आर्यमणि उसकी सोच से एक कदम आगे निकला जिसने न सिर्फ अनंत कीर्ति की किताब बल्कि घर से उन कीमती सामानों की लूट ले गया, जिनके जाने से कलेजे में इतनी आग लगी थी कि सुकेश को जान से मारने पर ही तुले थे। सबसे आगे तो अक्षरा ही थी।


जयदेव, बीच बचाव करते.… "आपस में लड़ने का वक्त नहीं है। किनारे हटो।"


सुकेश की पत्नी मीनाक्षी भारद्वाज... "चुतिये को मार ही डालो। मैं कहती रह गयी की ये लड़का आर्यमणि रहश्यमयी है। थर्ड लाइन या सेकंड लाइन सुपीरियर शिकारी ही क्यों... अपनी एक टीम के साथ रुकते है। लेकिन इस चुतिये से बड़ी–बड़ी बातें बनवा लो।"


अक्षरा:– सही कहा मीनाक्षी ने। क्या कहा था इसने... एक तरफ अनंत कीर्ति की किताब खुलेगी, दूसरे ओर इसे सरदार खान के इलाके में मरने भेज देंगे। वहां से बच गया तो थर्ड लाइन सुपीरियर शिकारी इनका इंतजार कर रहे होगे। हरामि ने एक बार भी नही सोचा की कहीं ये लड़का हमारे सारे इंतजाम भेद देगा तब।


तेजस:– ये कैसा इंतजाम किये थे। अनंत कीर्ति की पुस्तक कब गायब हुयि, संताराम जैसे सेकंड लाइन शिकारी की टुकड़ी को पता न चला। इसका मतलब समझते हो। तुम तभी आर्यमणि से हार गये जब उसने किताब को यहां से हटाकर अपनी जगह पर रखा। उसकी जगह पर उसके इंतजाम थे। नाक के नीचे से वो किताब ले गया। अपनी जगह से किताब को तो हटाये ही, साथ में सांताराम और उसकी पूरी टीम को भी हटा दिये। आर्यमणि अपनी जगह के साथ–साथ तुम्हारे जगह में भी सेंध लगा गया।


जयदेव:– पूरी रिपोर्ट आ गयी है। इस घर में चोरी आर्यमणि ने नही बल्कि स्वामी और उसके लोगों ने किया था। यहां सीसी टीवी कॉम्प्रोमाइज्ड हुआ था, लेकिन वो गधा भूल गया की रास्ते में कयि सीसी टीवी लगे थे। आर्यमणि कभी नही भाग पता। अनजाने में स्वामी ने उसकी मदद की है।


सभी 11 सीक्रेट बॉडी के सदस्य टुकटुकी लगाये एक साथ.… "कैसे"


जयदेव:– क्योंकि वो स्वामी था, जो थर्ड लाइन सुपीरियर शिकारी से लड़ा और सभी 8 को गायब कर दिया।


सुकेश:– क्या स्वामी???


जयदेव:– हां स्वामी... उसकी यादों को खंगाला गया। वह जादूगर महान की दंश के सहारे अपने सभी थर्ड लाइन शिकारी को हराया। और जब यह लड़ाई चल रही थी तब उसका एक आदमी वोल्वो चुराकर भाग गया। वोल्वो हमारे कब्जे में है, लेकिन उसके अंदर का समान कहीं गायब है।


सुकेश:– चमरी खींच लो और उनसे समान का पता उगलवाओ...


जयदेव:– पता... हां ये सबसे ज्यादा रोचक है। जो आदमी वोल्वो और समान लेकर भागा उसने 40 लाख रूपये में वोल्वो और उसके अंदर के समान का सौदा कर लिया। वो 40 लाख रूपये लेकर गायब। जिससे उसने सौदा किया उसने वोल्वो को 20 लाख रूपये में बेच दिया और अंदर का समान लेकर गायब।


सुकेश:– हां तो जो समान लेकर गायब हुआ, उस आदमी को पकड़ा या नही।


जयदेव:– शायद उसे पता था कि माल चोरी का था। उसने कयि वैन छोटी सी जगह सिवनी से बुक किये। हर वैन में समान लोड किया गया। नागपुर, जबलपुर, तुमसर, बरघाट, छिंदवाड़ा, बालाघाट, पेंच नेशनल पार्क और ऐसे छोटे–बड़े हर जगह मिलाकर 30 पार्सल वैन भिजवाया। अब तक 10 वैन मिले जिनमे रद्दी के अलावा कोई चीज नहीं मिली। बाकी के 20 वैन भी ट्रेस हो जायेंगे, लेकिन मुझे नही लगता की उनमें भी कुछ मिलने वाला है।


उज्जवल अपने माथे पर हाथ पीटते.… "साला ये किस मकड़जाल में फसे है। उस वर्धराज के पोते को ढूंढे या फिर अपने समान को, जो उस स्वामी की वजह से लापता हो गया। मेरे खून की प्यास बढ़ती जा रही है। सबसे पहले इस कम अक्ल सुकेश को मेरे नजरों के सामने से हटाओ, जिसे हर समय लगता है कि हर योजना इसके हिसाब से चल रहा। और वो चुतीया देवगिरी कहां है, जिसने स्वामी को नागपुर भेजा। क्या हमारी लंका लगाने ही भेजे थे। एक वो हरामजदा वर्धराज का पोता कम था जिसने रीछ स्त्री वाला काम खराब कर दिया जो ये दूसरा पहुंच गया।"


सुकेश:– मैं अपनी गलती की जिम्मेदारी लेता हूं। आज से तुम लोगों जिसे मुखिया चुन लो वो मेरा भी मुखिया होगा।


सभी सदस्य एक साथ.… "जयदेव ही हमारा मुखिया होगा। जयदेव तुम ही कहो"…


जयदेव:– "8 सेकंड लाइन सुपीरियर शिकारी गायब हो गये। हमारे पास 40 अभी लाइन अप लोग है। पुणे में सबके ट्रेनिंग की वयवस्था पहले होगी। 80 थर्ड लाइन को सेकंड लाइन की ट्रेनिंग के लिये भेजना होगा। और बाकियों को मुख्य धारा में लेकर आना होगा, ताकि वो हमारे तौर तरीके और सभ्यता को पूर्ण रूप से समझ सके।"

"आर्यमणि के पीछे नित्या के साथ उसकी पूरी टुकड़ी को लगाओ। आज के बाद नित्या की सजा माफ की जा रही है। तेजस, नित्या से बात करने तुम ही जाओगे। बाकी एक और दिमाग वाला ये कौन था, जो हमारा माल लूटकर ले गया। उसकी तलाश यहां हम सब करेंगे। वैसे यदि कुछ सामान का वो लोग इस्तमाल करे तब तो उसे पकड़ने में काफी आसानी हो जायेगी, वर्ना ढूढना कभी बंद नही करेंगे।"

2 दिन बाद प्रहरी के सिक्रेट बॉडी की मीटिंग जिसमे 13 लोगों ने हिस्सा लिया… 12 कोर सीक्रेट मेंबर और 1 पलक, जिसे भविष्य के खिलाड़ी के रूप में तैयार किया जा रहा था। पलक के जैसे और भी कई मेंबर थे, लेकिन किसी को भी एक दूसरे के बारे में ना तो पता था और ना ही वो किसी से जाहिर कर सकते थे।


उज्जवल:- अपनी समीक्षा दो पलक…


पलक:- मैं कुछ भी समीक्षा देने की हालत में नहीं। आप लोग अपना फैसला सुना दीजिये।


सुकेश:- किसी को और कुछ कहना है..



तेजस:- "पलक हमने तुम्हे उसके पीछे लगाया, इसलिए तुम अकेली दोषी नहीं हो। पुस्तक के विषय में उसने जितनी बातें बतायि, उससे तुम्हे क्या हमे भी यकीन हो गया कि वो पुस्तक खोल लेगा। तुम्हे तो पुस्तक के अंदर के ज्ञान का इतना लालच भी नहीं था, जितना हमे था। पुस्तक को लेकर तुम जितना धोका खयि हो, हम भी उतना ही। बस एक बात बता दो, क्या तुम्हे आर्यमणि से सच में प्यार था या उसमे कोई अलौकिक शक्ति की वजह से तुम उसे अपने साथ रखकर भविष्य में आर्यमणि का इस्तमाल करती?


"प्यार में ना होती तो अपना कौमार्य एक ऐसे लड़के के हाथो भंग करती जिसे सीक्रेट प्रहरी खतरा मानते है। साले ने 2 हफ्ते का पूरा मज़ा लिया ये बात मै किसे बताऊं। उसकी तो.. इतना बड़ा छल कर गया। जान बूझकर उस सेज पर मेरे साथ सेक्स किया ताकि मैं कितनी बड़ी बेवकूफ हूं वो मुझे एहसास करवा सके। साला पुरा मज़ा लेकर भागा है।"… पलक अपने ख्यालों में थी, तभी फिर से तेजस ने पूछा…


पलक:- दोनो ही बातें थी। उसकी शक्ति का इस्तमाल करना दिमाग में तो था ही लेकिन यह भी सत्य है कि दिल से उसे चाहा था मैंने। पर क्या ये बात अब मायने रखती है?



जयदेव:- किसी के दिल टूटने का दर्द हम बांट नहीं सकते लेकिन तुम प्यार में रहकर भी हमारे लिये वफादार थी यही बहुत बड़ी बात है। पलक तुम राम शुक्ल के साथ अभी नाशिक रवाना होगी। वहां के आम प्रहरी में अपनी साख बनाओ। साथ ही साथ कल से तुम्हे वो सब मिलना शुरू हो जाएगा जिसकी तुम हकदार हो। तुम्हारी थर्ड लाइन सुपीरियर शिकारी की ट्रेनिंग।

पलक:– क्या मैं पूछ सकती हूं, बुरी तरह से असफल होने के बाद भी मुझे तरक्की क्यों मिल रही।

जयदेव:– क्योंकि तुम हम में से एक हो। तुम्हारी समीक्षा काफी उपयोगी है। जिंदगी का तुम्हे करीब से अनुभव भी हो चुका है। इसलिए मुझे विश्वास है कि तुम जल्द ही हमारे सभा में सामिल होगी और एक भावी लीडर बनकर उभरोगी।


पलक, जयदेव को आभार प्रकट करती वहां से बाहर निकल गयी। उसके बाहर निकलते ही… सभी लोग एक–एक करके एक ही बात कह रहे थे… "क्या पलक अब भी हमारे तौर तरीके के लायक हुई है? उसे इतनी जल्दी थर्ड लाइन की ट्रेनिंग में भेजना एक गलत फैसला हो सकता है।"


जयदेव:- शांत होकर मीटिंग आगे बढ़ाओ। मै अंत में अपनी बात रखूंगा, फिर कहना।


उज्जवल:- देव पहले ये बताओ कि किस बेवकूफ ने तुमसे कहा था 40% शेयर आर्यमणि के नाम करने।


देवगिरी:- दादा वो ताकत का भूखा स्वामी मेरे पास आया था। मुझे लगा कि वो आर्यमणि से उसकी ताकत का राज पता करने की लिये अपने साथ मिला रहा है। उसके आर्म्स एंड एम्यूनेशन फैक्ट्री को उसने इतनी तेजी से स्वीकृति दिलवाया की मैंने भी आर्य को छलावे वाला एक झुनझुना थमा बैठा। मुझे क्या पता था वो अकाउंट एसेस करेगा, वो भी शादी की रात और साला शातिर इतना है कि सिग्नल जैमर लगा रखा था। मुझे भनक तक नहीं लगने दिया और ना ही बैंक का कोई संदेश आने दिया।


मनीषा शुक्ल (मुक्ता की मां और राजदीप की सास)…. "उसके योजना में परिवार के लोग भी सामिल है। जिस तरह से उसके दोस्त ने वहां के महफिल का ध्यान खींचा, जिस तरह से वो अपने परिवार के गले लग रहा था, मुझे तो शक है वो लोग भी मिले हुये है। यदि ऐसा है तो कहीं ना कहीं परिवार के लोग भी शक के दायरे में है।


मीनाक्षी:- परिवार की बात ना करो मनीषा, क्योंकि पारिवारिक दृष्टिकोण से तो मै भी उन सबके साथ सामिल हुयि। आर्यमणि को तो मै भी बहुत चाहती हूं। हमे अफ़सोस होता है, जब नेक्स्ट जेनरेशन आता है। क्योंकि कुछ अच्छे दिल के लोगो को हम सामिल नहीं कर सकते। थोड़ा दर्द भी होता है जब वो मरते है या अपना राज बचाने के लिये उन्हें मारना पड़ता है।(बिलकुल किसी दैत्य वाली हंसी के साथ)… लेकिन क्या करे हमारे जीने का जायका भी वही है।
Awesome updates🎉👍🎉🎉
 

nain11ster

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ओ हो
मतलब मैदान सज गया है
युद्द भेरी बज गया है
रक्त स्नान को तत्पर धरती को
बलि चढ़ा ने आर्य पहुँचने वाला है
जय पराजय
लाभ हानि
भय साहस
तृप्ति एवं ग्लानि

यही तो शेष है इस युद्ध के पश्चात
Kya baat hai aapne to baton baton me kavita ki rachna kat dali... Ek @navil singh the jo aksar aisi rachna karte the... Maza aa gaya... Dil khush ho gaya...
 

Froog

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Hope u people enjoy your weekend... Baki bich ke sust aur niras dino ke liye aapka host aapka dost nain11ster hai na
नैन भाई के भंडारे में तो हर दिन नये नये तरीके से रायता फैलने का मजा लेते हैं ।
आपके भंडारे में नये नये एडवेंचर्स का मजा है।
 

nain11ster

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इस बार बहुत ही कूल नहीं बल्कि कुल्फी लगा
ऐसा अंत जैसे सायनाइड
प्योर अल्फा का जलवा बहुत कम लगा शायद फन्ने खान के वजह से
Abhi to kuch tha hi nahi... Aage poori bharpai hai naag bro
 

nain11ster

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नैन भाई के भंडारे में तो हर दिन नये नये तरीके से रायता फैलने का मजा लेते हैं ।
आपके भंडारे में नये नये एडवेंचर्स का मजा है।
Thankoooo sooo much Froog bhai... Bus aap logon ka ye lagaav hi hai jo likhne se kabhi bhatkane nahi deta... :hug:
 

Parthh123

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Nain bhai ek bat puchna tha ye prahari samuday ki suruat satvik ashram ke guru ne hi ki thi aur unki hi lkhi pustak jo ek pure heart wala hi open kr sakta hai koi vikrit prahari nhi. Wahi hai na ye annant kriti ki pustak???
 

nain11ster

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हाँ यह हुई ना बात
भाई आर्य अपनी पुरी शक्ति के साथ लड़ा और अपने शत्रुओं को धुल चटा दिआ, भाई बहुत मज़ा आ गया
वैसे दो प्रश्न हैं
आशा है अगले अपडेट में उत्तर मिल जाएगा
अगर अपनी क्लॉ से आर्य शिकारियों की याद मिटा रहा था
तो पैसों की ट्रेंजेक्सन लिंक क्या शिकारियों को याद नहीं दिला देगी
दुसरा प्रश्न
अंतिम सुपर स्पेशल शिकारी को निशांत जिवित क्यूँ छोड़ा
Lekin paison ki len den aur baki sab yaad ko kyon mitayega... Arya to unki yaad se bus Ojal aur Evan ko nikal raha tha... Baki prahari ki sabha me ye sabhi sikari gungaan karenge na ki kaise arya aur uske alfa pack ne sahar ko bachaya...

Kyonki wo superior shikari par mantr ne kaam nahi kiya... Bus Sanyasi shivam ko pata lagana tha ki uske pass aisa kya tha jo mantr ke asar ko hone nahi diya.. isliye experiment ke vaste liye gaye....
 
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