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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

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"Injoy Everything In Limits"
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वेयरवोल्फ और उसके शिकार की अहम जानकारी



वेयरवोल्फ क्या है?

वेयरवोल्फ एक प्रकार का रूप–बदल इंसान होता है जो इंसान से भेड़िया और भेड़िए से इंसान बन सकते हैं। वेयरवोल्फ का जीवन उनके चरित्र का उल्लेख करते हैं। जिनकी मानसिक मनोदशा हिंसक होती है उनमें खून पीने और मांस खाने की तलब उतनी ही ज्यादा होती है।

शेर की तरह ही, एक बार जिन वेयरवॉल्फ को इंसानी मांस और खून मुंह में लग जाता है फिर वह किसी अन्य जानवर का शिकार नही करते। केवल और केवल इंसान का शिकार करते है। भेड़िए की तरह ही वेयरवोल्फ भी झुंड में रहना पसंद करते हैं और उनका झुंड ही उनका परिवार होता है। इनका झुंड की ताकत को ऐसा भी समझा जा सकता है कि एक आम वेयरवोल्फ मुखिया बनने के लिए कितना ही अपने मुखिया पर हमला क्यों न करे, किंतु झुंड का मुखिया कभी पलट कर अपने सदस्य को मारने की कोशिश नही करता। अपने झुंड को बचाने के लिए कोई भी सदस्य किसी भी हद तक जा सकता है। "वूऊऊऊऊऊ" यह एक ऐसा वुल्फ कॉलिंग साउंड है जिसके एक आवाज पर पूरा पैक दौड़ा चला आया। "वूऊऊऊऊऊ" वुल्फ कॉलिंग का वह आवाज भी है जिसे पैक का कोई भी सदस्य कई मिलों दूर से भी सुन सकता है। वहीं जब कोई वेयरवोल्फ बागी होकर झुंड छोड़ता है तब कई बार उनके झुंड के दूसरे वेयरवोल्फ ही उसे मार देते है।


वेयरवोल्फ के रूप, आकर और संरचना.…

इंसानी रूप से जब यह रूप–बदल जीव अपना रूप बदलते है, फिर इनकी लंबाई 7 से 8 फिट तक होती है। इनका चेहरा का आकार बदलकर भेड़िए की तरह दिखने लगता है और उन्ही की तरह इनके 2 बड़े–बड़े, नुकीले दांत दोनो किनारे से निकल आते हैं, जिन्हे फेंग कहते है। किसी भी मांस को यह फेंग फाड़ सकने में सक्षम होते है।


रूप बदलने के बाद जैसे इनके शरीर का आकार लंबा और दैत्यकारी हो जाता है। ठीक उसी के साथ इनकी भुजाएं और पाऊं की लंबाई भी बदल जाती है और पूरे शरीर पर बाल होते है। इनके चौड़े हथेली बड़े से पंजे की तरह दिखते है जिसमे बड़े, मजबूत और धारदार नाखून लगे होते है, जिन्हे क्ला कहते है। एक क्ला की लंबाई 2 इंच से लेकर 6 इंच तक हो सकती है। यह क्ला गेंडे की चमरी को भी आसानी से फाड़ सकती है।

कुछ वेयरवोल्फ पूर्णतः भेड़िया बन जाते हैं जो अपने दोनो पाऊं के जगह 4 पाऊं पर किसी जानवर की तरह खड़े रहते है। इस प्रकार के वेयरवोल्फ को सबसे खतरनाक माना जाता है। इन वेयरवोल्फ की लंबाई 8 से 10 फिट और ऊंचाई से 6 फिट तक होती है। इसे अजय आकार भी माना जाता है जो किसी भी 2 पाऊं पर खड़े वेयरवोल्फ से हार नही सकता।


वेयरवोल्फ के प्रकार.… और उनकी पहचान..

किसी भी झुंड में 2 प्रकार के वेयरवोल्फ होते हैं। सबसे पहले होता है बीटा। किसी भी झुंड में इनकी संख्या ज्यादा होती है और ये काफी आक्रामक प्रवृति के होते है। सबसे पहले शिकार के ओर दौड़ना, खूनी भिडंत करना या किसी भी प्रकार की जंग इन्ही के आक्रमक स्वभाव के वजह से होती है... एक बीटा की पहचान उसकी पीली आंखों से किया जाता है।

इन सभी बीटा को झुंड का मुखिया नियंत्रित करता है, जिन्हे अल्फा कहते है। एक अल्फा काफी हद तक खुद को नियंत्रित रखता है और अपनी मर्जी अनुसार आक्रमक होता है। हां लेकिन किसी एक अल्फा में इतनी ताकत होती है कि वह अकेले ही 20 बीटा का शिकार कर ले। इनकी पहचान इनके लाल आंखों से होती है और हर झुंड का अपना एक अल्फा होता है।

वैसे झुंड में एक हॉफ अल्फा भी होती है। हॉफ अल्फा वह वेयरवोल्फ होते है, जिनमे सारे गुण तो अल्फा के ही होते है, और उनकी आंखें भी लाल ही होती है, परंतु उनमें वह ताकत नही होती जो आम तौर पर एक अल्फा की होनी चाहिए।


बीस्ट वुल्फ या फर्स्ट अल्फा.…

ताकत का नशा वेयरवोल्फ के अंदर भी होता है। हर वेयरवोल्फ ताकत का भूखा होता है और शक्तियां अर्जित करने के लिए उतना ही आक्रमक। एक वेयरवोल्फ, जिस किसी भी दूसरे वेयरवॉल्फ को अपने क्ला (पंजे के बड़े बड़े नाखून) या फेंग से मारता है, फिर उसकी ताकत हासिल कर लेता है। एक लंबे वक्त तक दूसरे अल्फा और बीटा वेयरवोल्फ को मारकर ताकत हासिल करते–करते एक अल्फा बीस्ट अल्फा में बदल जाता है। यह होता एक अल्फा ही है किंतु इसकी चमरी इतनी सख्त हो जाती है जैसे किसी हीरे की चमरी हो। आंख तक को किसी बंदूक की गोली से भेदा नही जा सकता हो।

एक बीस्ट वुल्फ प्रायः 3–4 या उससे अधिक वुल्फ पैक को अपने अंदर रखते है, इसलिए इन्हे फर्स्ट अल्फा भी कहा जाता है। कई अल्फा के ऊपर का एक अल्फा... कुछ पैक फर्स्ट अल्फा के साथ अपनी मर्जी से रहते है तो ज्यादातर पैक को फर्स्ट अल्फा अपने साथ रहने पर मजबूर करता है। जहां अपने झुंड के लिए कोई भी वेयरवोल्फ कुछ भी कर सकता है वहीं फर्स्ट अल्फा या बीस्ट अल्फा थोड़े अलग होते है। यह रहते पैक के साथ ही हैं लेकिन अपने साथ रह रहे कई पैक में से किसी भी अल्फा या बीटा वेयरवोल्फ का शिकार उनके पैक के सामने ही कर लेते है।



वेयरवोल्फ के जानवर नियंत्रण शक्ति (Animal control power) और कुछ खास शक्तियां.....

कोई भी वेयरवोल्फ अपने आंखों से दूसरे जानवर, तथा खुद से निचले स्तर के वेयरवोल्फ को नियंत्रित कर सकता है। जैसे एक अल्फा, अपने बीटा और हॉफ अल्फा को कंट्रोल कर सकता है। वहीं फर्स्ट अल्फा, अल्फा वेयरवोल्फ को कंट्रोल कर सकता है।

हर वेयरवोल्फ में कमाल की सूंघने की शक्ति होती है। गंध की पहचान करने में ये कुत्तों से 100 गुना आगे होते है। वेयरवोल्फ के सूंघने की शक्ति के साथ साथ वह खून में बहने वाले हार्मोंस को महसूस कर किसी के भी भावना को मिलो दूर से महसूस कर सकते हैं। वह किसी के हंसना, रोना, उदास होना इत्यादि भावनाएं।

इन सब के अलावा वेयरवोल्फ हृदय के धड़कन को भी महसूस कर सकते हैं। किसी से बात करते वक्त उसके हृदय की धड़कन में आए परिवर्तन से ये लोग सच और झूठ का भी पता लगा सकते हैं। हां लेकिन यह बात भी सत्य है की ताजा टपकते खून की खुशबू में वेयरवोल्फ का दिमाग इस कदर आकर्षित करता हो, मानो किसी नशेड़ी को महीने दिन बाद उसके नशे के समान का दर्शन हुआ हो। फिर सारे सेंसस बिलकुल गायब। दिमाग या तो अंदर के आकर्षण को काबू करने में लगा रहता है या फिर खुद बेकाबू होकर खून के पास पहुंच जाते हैं और भेड़िया तो हमेशा भूखा ही होता है।


एक वेयरवोल्फ कैसे बनते हैं.…

वेयरवोल्फ बनने के 2 तरीके है। पहले नर और मादा वेयरवोल्फ के मिलन से जो बच्चा पैदा होता है वह वेयरवोल्फ होता है या नही तो किसी अल्फा के बाइट के बीटा वेयरवोल्फ बनता है। हां लेकिन किसी अल्फा द्वारा काटे जाने पर यदि इंसानी शरीर का इम्यून सिस्टम उस बाइट को स्वीकार कर लेता है तभी वह इंसान बीटा वेयरवोल्फ बनता है। यदि किसी इंसान के शरीर का इम्यून सिस्टम बाइट को रिजेक्ट कर देता है तब इंसान वेयरवोल्फ नही बनता अलबत्ता शरीर में कई तरह के केमिकल रिएक्शन के कारण उसकी मौत तक हो सकती है। इसलिए जब भी किसी अल्फा को अपने पैक का विस्तार करना होता है तब वह किसी किशोर अवस्था वाले लड़के या लड़की का चयन करता है जिनका इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग हो।

कुछ अन्य बातें...

१) किसी भी वेयरवोल्फ से उसकी शक्तियां चुराई जा सकती है। एक अल्फा कल बीटा भी हो सकता है।

२) हर वेयरवोल्फ के पास असमान्य रूप से हील होने की क्षमता होती है। बड़ा से बड़ा घाव महज मिनटों में भर जाता है और चोट के निशान भी नही होते।

३) हां लेकिन किसी बीटा को यदि उसका अल्फा चोट देता है फिर वह वेयरवॉल्फ इंसानी क्षमता जैसा सामान्य रूप से ही हिल करता है और उसके निशान हमेशा के लिए रह जाते हैं।

४) जैसे हर वेयरवोल्फ खुद को हिल कर सकता है ठीक उसी प्रकार वह अपनी नब्ज में दूसरों के दर्द और तकलीफ को उतारकर दूसरों को भी हिल कर सकता है। हर किसी वेयरवोल्फ में दूसरों को हिल करने की बहुत ही न्यूनतम क्षमता होती है। हां लेकिन एक ट्रू अल्फा दुनिया का सबसे शानदार हीलर होता है और यदि वो लगातार हिल करके अपने इस गुण को निखरते रहे फिर तो वह क्या न हिल कर दे.…

ट्रु अल्फा:– वेयरवोल्फ की दुनिया में यह नाम काफी दुर्लभ माना जाता है। जहां एक बीटा, भले ही वो 2 वेयरवोल्फ के मिलन से पैदा हुआ बीटा क्यों न हो, अल्फा बनने के लिए या तो कई सारे बीटा को मारते है या फिर उन्हे किसी अल्फा को मारना होता है। वहीं एक ट्रू–अल्फा इन सब से अलग होता है। वह अपनी इच्छा शक्ति से अल्फा बनता है। जो हिल करने के दर्द को लगातार झेलता है। कभी किसी का शिकार नही करता और न ही मांसहारी प्रवृति को अपने ऊपर हावी होने देता। इन्ही सब लागातार परिश्रम और अथक मेहनत के बाद एक ट्रू–अल्फा बनता है जिसकी शक्ति को कोई चुरा नही सकता।

वेयरवोल्फ कड़ी उनके शक्तियों के हिसाब से...

१) फर्स्ट अल्फा या बीस्ट अल्फा
२) ट्रू अल्फा
३) अल्फा
४) वेयरकायोटी (फीमेल फॉक्स शेप शिफ्टर, जो बीटा होती है और इनकी आंखें नीली होती है)
४) हॉफ अल्फा
५) बीटा
६) ओमेगा... (ओमेगा उन वेयरवोल्फ के लिए इस्तमाल होता है जिनका कोई पैक न हो। यह अल्फा या बीटा कोई भी हो सकते हैं। ओमेगा को हमेशा सबसे नीचे माना गया है क्योंकि अकेला वुल्फ सबसे कमजोर होता है, फिर वह अल्फा ही क्यों न हो)


कुछ खास बातें वेयरवोल्फ पैक के.…

वेयरवोल्फ के पैक में होने के एक ही नियम है, वह है ब्लड ओथ... एक अल्फा अपने पैक के सभी वुल्फ से ब्लड ओथ के साथ जुड़ता है। ब्लड पैक से जुड़े वुल्फ अपने मुखिया के ब्लड को, ब्लड ओथ के वक्त महसूस कर सकते है। एक पैक से जुड़े वुल्फ दूसरे पैक में, पैक तोड़ कर जा तो सकता है लेकिन ब्लड ओथ से जुड़े होने के कारण 2 पैक में खूनी भिडंत होनी आम बात है। या कभी–कभी खुशी से जाने भी देते हैं।

वहीं यदि किसी पैक ने दूसरे पैक के मुखिया को मार दिया तब वह हारे हुए पैक का मालिक बन जाता है। उसके बाद जीता हुआ पैक या तो दूसरे पैक के वुल्फ को अपने पैक में सामिल कर ले, या फिर गुलाम बनाकर रखे या फिर चाहे मार ही दे, वह जीते हुए पैक के मुखिया के ऊपर निर्भर करता है।

यदि कोई वुल्फ मरने की स्थिति में हो और उसकी जान कोई और बचाता है, उस परिस्थिति वुल्फ अपने ब्लड ओथ पैक को तोड़ सकता है और जान बचाने के एवज में उसे अपना मुखिया चुन सकता है। २ पैक के बीच शक्ति के वर्चस्व और क्षेत्र को लेकर खूनी भिडंत होनी आम सी बात है।



वेयरवोल्फ को रोकने और मारने के तरीके.....

वेयरवुल्फ मे कुछ बातें असमान्य होती है। कोई भी वेयरवुल्फ कितना भी घायल क्यों ना हो महज चंद मिनट में हील हो जाते है, इसलिए शिकारी उन्हे मारने के लिए खास हथियार का इस्तमाल करते है।

माउंटेन एश या अवरुद्ध भस्म.… हिमालय के क्षेत्र में पाया जानेवाला एक खास फुल जिसका भस्म की रेखा लक्ष्मण रेखा की तरह होती है। माउंटेन एश या अवरुद्ध भस्म 2 अलग दुनिया की दीवार मानी जाती है। अर्थात यदि हम धरती पर है और धरती पर पाए जाने वाले जीव के अलावा कोई अन्य जीव इसके रेखा को पार नही कर सकता है। इसी तरह यदि यह माउंटेन एश या अवरुद्ध भस्म किसी और डायमेंशन या अलग दुनिया में हो तो वहां पृथ्वी का कोई भी जीव इस अवरुद्ध भस्म को पार नही कर सकता।

सुपरनैचुरल के लिए यह माउंटेन एश किसी बुरे सपने की तरह होता है। इसकी रेखा यदि खींच दी गई हो और गलती से कोई सुपरनैचुरल इसकी रेखा को छू भी ले, फिर 4 दिन तक गहरे सदमे में रहता है।


लेथारिया वुलपिना:– वेयरवोल्फ के लिए एक तरह का धीमा जहर जो रक्त कोशिकाओं को तोड़ देता है। यदि समय रहते इलाज नहीं किया गया फिर तो वुल्फ न तो मरते हैं और न ही जीते है बस काली रक्त हर वक्त आंख, कान और नाक से निकलता रहता है। इसके बाद किसी भी वुल्फ को काबू में करना अथवा मारना आसान हो जाता है।

करंट फ्लो:– यूं तो करेंट हर किसी के लिए घातक होता है, लेकिन वेयरवोल्फ जो खुद को हिल कर सकते है, जिन्हे आसानी से नहीं मारा जा सकता, करेंट फ्लो एक विकल्प रहता है।

वोल्फबेन:– ये आम इंसान पर कुछ असर नहीं करती लेकिन यदि यह जहर किसी वुल्फ के सीने तक पहुंच जाता तो उसकी मृत्यु उसी वक़्त हो जाती।

कैनिन मॉडिफाइड वायरस:– कैनिन मॉडिफाइड वायरस को खाने में मिलाकर खिला दिया जाता। कैनिन वायरस कुत्ते में पाया जाना वाला वायरस है, जिसके मॉडिफाइड फॉर्म को एक वुल्फ पर ट्राय किया गया। परिणाम यह हुआ कि ये वायरस शरीर में जाते ही शेप शिफफ्टिंग बंद हो जाता है। लूथरिया वोलापिनी की तरह ही काले रक्त बहने लगते है और एक वुल्फ आम इंसान से ज्यादा कुछ नहीं रहता।


पूर्णिमा, अमावस्या और चंद्रग्रहण:– कोई भी शिकारी वुल्फ का शिकार करने के लिए इन सभी मौकों को भुनता है। जहां एक ओर पूर्णिमा की रात वुल्फ काफी आक्रमक होते है, और उन्हें रक्त और मांस का झांसा देकर फंसाया जा सकता है। वहीं चंद्रग्रहण और अमावस्या तो शिकारियों के लिए लॉटरी से कम नहीं। एक छोटा सा विंडो 10 मिनट से लेकर 1 घंटे के बीच खुलता है, जिसमे हर वेयरवॉल्फ अपनी शक्तियां खोकर आम इंसान की तरह रहता है, और आम इंसान वाले सारे वार कारगर होते हैं।



फिलहाल इतनी जानकारी दी गई है... इसमें जैसे–जैसे कुछ नया आता है, अपडेट होता रहेगा.…

कहानी के प्रमुख पात्र



आर्यमणि का परिवार..
दादा:- वर्धराज कुलकर्णी
पिता:- केशव कुलकर्णी (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) इसके पैतृक पक्ष से कोई भी नहीं।
माता:- जया कुलकर्णी (हाउस वाइफ)

(केशव और जया की लव मैरिज हुई थी)

जया कुलकर्णी की बड़ी बहन और आर्यमणि की मासी:- मीनाक्षी भारद्वाज (हाउस वाइफ)
मौसा:- सुकेश भारद्वाज (काम काज से रिटायर्ड अरबपति)
मौसेरा भाई:- तेजस भारद्वाज (अरबपति)
मौसेरे भाई की पत्नी और आर्य की भाभी:- वैदेही भारद्वाज (एक्टिव सोशल वर्कर)
तेजस और वैदेही का एक बेटा:- मयंक भारद्वाज
उनकी बेटी:- शैली भारद्वाज
मौसेरी बहन:- भूमि देसाई (अरबपति और वर्किंग वूमेन)
मौसेरी बहन का पति और जीजा:- जयदेव देसाई (अरबपति और वर्किंग वूमेन)
जयदेव पवार की बहन:- रिचा देसाई
जयदेव पावर का पिता, और भूमि का ससुर:– विश्वा देसाई

ननिहाल के परिवार के सबसे छोटे सदस्य और मामा:- अरुण जोशी (अरबपति बिजनेसमैन) निवास.. मुंबई
मामी:- प्रीति जोशी (पति के साथ बिजनेस देखती है)
ममेरा भाई:- वंश जोशी (बीबीए, सेकंड ईयर स्टूडेंट)
ममेरी बहन:- निर जोशी (12th स्टूडेंट)

आर्यमणि के प्रारंभिक जीवन के लोग..


आर्यमणि के बचपन के 2 दोस्त..

निशांत और चित्रा:- जुड़वा भाई बहन..
पिता:- राकेश नाईक (पुलिस कमिश्नर, और पुस्तैनी पैसे वाले करोड़पति)
माता:- निलांजना (हाउस वाइफ)

(दोनो की मुलाकात एक फंक्शन में हुई थी, नजरे मिली और राकेश, निलंजना के घर पर शादी का प्रस्ताव भेजा। एक ही समूह से जुड़े होने के कारन इनके मुखिया ने खुशी खुशी दोनो की शादी के लिए मंजूरी दे दी)

मैत्री लोलचे ( आर्यमणि के बचपन का पहला प्यार, एक सुपर नेचुरल)


सुपर नेचुरल कैरेक्टर..

ईडन एक फर्स्ट अल्फा 8 अल्फा पैक के साथ जर्मनी के वुल्फ हाउस में रहती है। जहां आर्यमणि का पहला प्यार मैत्री लोपचे का पैक भी रहता था।

ओशुन (व्हाइट फॉक्स और एक अल्फा की शक्ति से थोड़ी कम शक्तियां).. अपने जैसे इकलौती और ईडन के साथ पैक में रहने वाली।


वैधयन भारद्वाज… लगभग 500 वर्ष पूर्व का नाम एक मजबूत साख जिसके साथ कई लोग जुड़े थे। शुरवात में विशुद्ध ब्राह्मण का एक समूह, जो मिलकर काम करना शुरू किया। ये समूह काफी संगठित और क्षमता वाले थे जिन्होंने गुप्त रूप से प्रशाशनिक सेवा में अपना योगदान दिया और महाराष्ट्र के सबसे अमीर समूह बन गए। तत्काल समय में भी यह समूह एक जुट होकर रहते है और इनकी साख इतनी गहरी है कि कोई भी इनसे उलझता नहीं।

तत्काल समय कि बात करे तो वैधयान वंश के 2 चचेरे भाई बिल्कुल खड़े है, और बाकी अन्य लोग गुमनामी के अंधेरों में चले गए।

दोनो चचेरे भाई में बड़ा भाई था सुकेश भारद्वाज यानी कि आर्यमणि का मौसा। भारद्वाज कुल का एक खड़ा चिराग..

शुकेश से छोटा है उसका चचेरा भाई:- उज्जवल भारद्वाज (रिटायर हेड मास्टर और अरबों की पुरखों की संपत्ति)
उसकी पत्नी:- अक्षरा भारद्वाज
बड़ा लड़का:- कमल भारद्वाज (सॉफ्टवेर इंजिनियर, यूएसए में सैटल)
कमल की पत्नी:- मिली भारद्वाज (सॉफ्टवेर इंजिनियर, यूएस में सैटल)
दूसरा लड़का:- राजदीप भारद्वाज… (नागपुर एसपी)
राजदीप के बाद पहली छोटी बहन… नम्रता (पोस्ट ग्रेजुएट, और पीएचडी करना चाहती है।)
दूसरी छोटी बहन::- पलक भारद्वाज ( इंजिनियरिंग स्टूडेंट)

कुछ और जरूरी पत्र हैं जिनके नाम अभी नही दिख रहे... कहानी के साथ आगे बढ़ते हुए उनका नाम भी अपडेट करता रहूंगा.…
Bahut hi mahatvapurn or suljhate huye pesh kiya hai aapne ye jankari... Superb bhai sandar jabarjast
 

Vk248517

I love Fantasy and Sci-fiction story.
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भाग:–16






आर्यमणि दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुका था। जबसे खबर आयी थी कि भूमि इस शहर में नहीं है, आर्यमणि को उकसाने और किसी तरह मारपीट करने के लिए प्रेरित करने की मुहिम, और भी तेज हो चुकी थी। 2 दिन जब आर्यमणि ने इनके टॉर्चर और उपहास को झेल लिया तब तीसरे दिन इन्होंने उकसाने की अपनी सीमा पार कर दी।


फर्स्ट ईयर के क्लास में आर्यमणि अकेला बैठा था। उसका इतना मज़ाक बनाया जा रहा था कि कोई भी उसके साथ बैठना नहीं चाह रहा था या चाह रही थी। लेकिन इन्हीं सब के बीच एक लड़का जिसका नाम अवध था, उसे बड़ी हमदर्दी थी, वो जाकर आर्यमणि के पास बैठ गया।


अवध चलते क्लास के बीच में उसे छोटे-छोटे नोट्स पर लिख कर देता रहा… "तुम क्यों इनकी बदतमीजियां सह रहे, प्रिंसिपल से कंप्लेंट क्यों नहीं करते।"


आर्यमणि, उसके जवाब में पेपर पर एक स्माइली इमोजी बनाकर लिखा… "तुम्हारे साथ का शुक्रिया दोस्त। लेकिन मेरे साथ रहना तुम्हारे लिए हानिकारक हो जाएगा और जब तुम कंप्लेंट करने जाओगे तब पता चलेगा कि तुम कितने बेबस हो।"..


अवध ने वापस से जवाब लिखा… "इनकी औकात नहीं जो मुझसे उलझ सके। मेरे बाबा यहां के मुख्य जज है।"..


आर्यमणि:- कुछ बुरा हो और विश्वास टूटे तो मुझ पर विश्वास रखना। जल्द ही तुम्हरे दिल पर मै बर्नोल लगाने का काम करूंगा। बेस्ट ऑफ लक।


इतनी बात के बाद आर्यमणि अपने क्लास पर ध्यान देने लगा। क्लास समाप्त हो गई और कुछ देर बाद ही कॉलेज में एक और सनसनी वीडियो वायरल। अवध को किसने नंगा किया, किसी को पता नहीं। पहले एक तस्वीर वायरल हुई जिसमे अवध, आर्यमणि के साथ बैठा है। उसके बाद में अवध के नंगे होने की वीडियो वाइरल हो गई। मामला तूल पकड़ा लेकिन काफी हाथ पाऊं मारने के बावजूद भी मुख्य न्यायधीश कुछ हासिल ना कर पाए। उन लोगों ने सोचा आर्यमणि को इस बात से कुछ तो फर्क पड़ेगा, लेकिन आर्यमणि तो अपने धुन में था।


कैंटीन में चित्रा और निशांत दोनो ही पूरे आक्रोशित थे लेकिन आज भी उनका हाव–भाव देखकर आर्यमणि उसके बीच से कट लिया। चित्रा गुस्से में तमतमाई उसके पास पहुंची और हांथ पकड़कर उसे एक किनारे ले जाते… "आर्य तुम ये कॉलेज छोड़ दो। तुम्हारा इतना मज़ाक उड़ते देख मै कुछ कर दूंगी।"..


आर्यमणि:- चित्रा मै भी शांत नहीं हूं। अब तुम बताओ जब वो जज का बेटा होकर दोषी को नहीं पहचान पाया तो बदला किस से ले। एक काम करो दोषी का पता लगाओ, उसकी जुलूस तो मै धूम-धाम से निकलूंगा।


चित्रा को एक लंबे समय बाद आर्यमणि के ओर से सुकून भरा जवाब मिला था। चित्रा आर्यमणि के गले लगकर वहां से खुशी–खुशी निकली। कहानी एक छोटी सी यहां भी चल रही थी, जब चित्रा गले लग रही थी, पलक उस क्षण अपने अंदर बहुत कुछ महसूस कर रही थी। हां अच्छा तो नहीं ही उसे महसूस हुआ था।


पलक कुछ निष्कर्ष पर पहुंचती उससे पहले ही उसके पास आर्यमणि का संदेश आया…. "तुम्हे देखकर ये दिल धक-धक करने लगता है। तुम मेरा ध्यान हमेशा खींचती हो।"..


पलक:- इसलिए चित्रा को टाईट हग करके अपना ध्यान कहीं और लगा रहे थे।


आर्यमणि:– आपस में झगड़ा करने को बहुत वक़्त मिलेगा, इस वक़्त चित्रा जरूरी है। वो लोग मुझे उकसाने के लिए अब चित्रा को टारगेट करेंगे। तुम हरपल उसके साथ रहना। तुम साथ रहोगी तो वो चित्रा को छू नहीं पाएंगे।


पलक:- जैसा तुम चाहो, लव यू।


देखते–देखते जिल्लत भड़ा ये दूसरा हफ्ता भी गुजर गया। सुक्रवार की रात थी, पलक मोबाइल स्क्रीन खोलकर आर्यमणि की तस्वीर को चूमती हुई टाइप की… "कल मै पुरा दिन तुम्हरे साथ रहना चाहती हूं।"


पलक ने जैसे ही वो मैसेज सेंड किया ठीक उसी वक़्त वैसा ही संदेश आर्य का भी आया। दोनो अपने-अपने स्क्रीन देखकर हंसने लगे। बहुत बहस होने के बाद पलक नागपुर में स्थित एक जगह "अंबा खोरी" जाने के लिए मान गई। केवल इस शर्त पर की वहां भीड़ ना हो। पलक को आर्यमणि के साथ अकेले वक़्त बिताना था और अंबा खोरी आकर्षण का केंद्र था, खासकर छुट्टियों के दिनों में।


इतनी सारी शर्तों के बाद तो आर्यमणि ने लिख ही दिया, वहां फिर कभी चलेंगे जब हम ऑफिशियल होंगे, तब एक एसपी और एक दबंग का हमे सपोर्ट मिलेगा। कल का तुम प्लान कर लो।


पलक:- प्लान तो है लेकिन वो जगह मेरे लिए प्रतिबंधित है।


आर्यमणि:- तुम रानी हो ये क्यों भुल जाती हो। तुम्हारे लिए कोई भी क्षेत्र प्रतिबंधित नहीं है। बिना हिचक बताओ।


पलक:- वाकी वुड चलते है फिर।


दोनो की सहमति बन गई। पलक सुबह से तैयार होने बैठ गई थी। जिंदगी में पहली बार किसी के लिए सज संवर रही थी। साइड से बालों को कर्ली की, अपने चेहरे पर हल्का मेकअप और होंट पर गहरे लाल रंग की लिपस्टिक। हाथ और पाऊं के नाखूनों पर गहरे लाल रंग का नेलपेंट और परिधान गहरे लाल रंग का फॉर्मल जंप सूट। कपड़ों के ऊपर मनमोहक रिझाने वाले परफ्यूम की खुशबू, जो नाक तक पहुंचते ही आंख मूंदकर गहरी श्वांस लेने पर मजबूर कर दे।


लाल और काले के मिश्रण को ध्यान में रख कर अपने लिए लो हिल की काले रंग की संडल और एक काले रंग का आकर्षित करने वाला शोल्डर बैग। इन सबके ऊपर खुले कर्ली बाल के साथ आखों पर बड़ा सा काले रंग का चस्मा डालकर जब वो अपने कमरे के बाहर आयी, हर कोई उसे देखकर भौचक्का रह गया।


नम्रता और राजदीप तो 2 बार अपनी आखों को मिजते रह गए और उसकी मां अक्षरा का मुंह खुला हुआ था।…. "पलक ये नया अवतार, किस से मिलने जा रही है।"..


पलक:- शॉपिंग करने जा रही हूं।


अक्षरा:- सुबह-सुबह इतना बन संवर के शॉपिंग।


पलक:- ओह हां अच्छा याद दिलाया, मै शाम तक लौटूंगी, इसलिए परेशान नहीं होना।


पलक के इस बात पर तो सभी के मुंह खुले रहे गए। पिताजी उज्जवल थोड़े कड़क लहजे में… "सुबह से शाम तक कौन सा शॉपिंग होता है।"..


पलक:- आप सबने जो पूछा वो मैंने बता दिया, किसी को शक हो तो मेरा पीछा कर लीजिएगा, मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगेगा।


राजदीप:- शॉपिंग के लिए पैसे तो ले लो…


पलक:- 2000, 5000, 10000 करके मैंने 3 लाख जमा किए है। घटेंगे तो फोन कर दूंगी दादा। अब मै जा रही हूं।


पलक अपनी बात कहकर वहां से निकल गई। उसके जाते ही अक्षरा… "राजदीप पता लगाओ किसके साथ जा रही है।"..


राजदीप:- "आई, कुछ गलत करने जा रही होती तो झूट बोलती। मैंने तो देखा है कई मामलों में लड़कियां घर से कुछ और पहन कर निकलती है, और सड़क पर कुछ और पहन कर घूमती हैं। उसे विश्वास था कि वो गलत नहीं है, इसलिए तो हम सबको इन डायरेक्टली बताकर निकली है कि वो किसी के साथ घूमने जा रही है। जब उसका इरादा चोरी करने का नहीं है और हम सब जानते है कि वो किसी के साथ घूमने जा रही है, फिर पीछा करके उसे ये क्यों जताना कि अगली बार चोरी से जाना। वैसे भी उसने बोल ही दिया है जिसे शक हो पीछे जाए। वो जा तो रही है किसी लड़के के साथ लेकिन अब जिसे भरोसा नहीं वो जाए पीछे, मै तो नहीं जा रहा।"


नम्रता:- मै भी नहीं जा रही।


उज्जवल:- क्या प्यारी लग रही थी मेरी बेटी। मै तो उसकी खुशियों का गला घोंटने नहीं जा रहा।


अक्षरा:- हां समझ गई, मै ही पागल हूं जो ज्यादा सोच लेती हूं।


इधर आर्यमणि भी तैयार होकर मासी के घर से कुछ दूरी पर आकर खड़ा हो गया था। आज तो वो भी जैसे बिजली गिराने निकला था। फॉर्मल टाईट शर्ट जो उसके पेट से चिपकी थी, सीने से हल्के गठीले उभार को दिखा रही थी। उसके बाजू भी हल्के टाईट ही थे जो उसके बाय शेप को मस्त निखार रहे थे।


नीचे नैरो बॉटम पैंट, हाथो में घड़ी, आखों पर कूल सन ग्लासेस। पूरा पहनावा एक गठीले बदन आकर दे रहा था और उसके ऊपर नजर ठहर जाने वाला उसका आकर्षक चेहरा। वहां से गुजरने वाली हर लड़कियां जो भी उसे एक झलक देखती, दोबारा एक नजर और देखकर ही आगे बढ़ती।


आर्यमणि के सामने कार आकर रुक गई। दोनो कार में सवार होकर निकल गए। थोड़ी ही देर में दोनो वाकी वुड्स में थे। पलक गाड़ी को घूमाकर पीछे के ओर से लाई, जहां से प्रतिबंधित इलाके की ट्रैकिंग शुरू होती थी। वाकी वुड्स के इस क्षेत्र को पिछले कई सालों से ट्रैकिंग के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। यहां न तो कोई आम इंसान और ना ही किसी शिकारी को जाने की अनुमति थी। तकरीबन 1 किलोमीटर की ट्रैकिंग थी, और ऊपर पुरा हरियाली। पलक आर्यमणि का हांथ थामकर, मुस्कुराती हुई कहने लगी… "तो चले मेरे किंग"..


आर्यमणि पलक के कमर में हाथ डालकर उसे गोद में उठाते हुए… "राजा के होते रानी मुश्किलों भरा सफर कैसे तय कर सकती है।"..


पलक, आर्यमणि के कंधे में हाथ डालते… "और मेरे राजा जो इतनी मुश्किलों का सामना करेगा।"…


आर्यमणि, पलक के आखों में देखते हुए…. "जो राजा, अपनी रानी के मुश्किल सफर को आसान नहीं कर सका वो अपनी प्रजा की मुश्किलों को क्या समाधान निकलेगा।"..


पलक, आर्यमणि का चेहरा देखकर हसने लगी। उसे हसते देख आर्यमणि अपनी ललाट उठाकर सवालिया नज़रों से देखा और पलक ना में सिर हिलाते धीमे से कुछ नहीं बोली। 15 मिनट के ट्रैकिंग के बाद दोनो बिल्कुल ऊपर पहुंच गए थे। ऊपर के इलाके को देखती हुई पलक कहने लगी…. "मै जब भी यहां से गुजरती थी, हमेशा इस ओर आने का दिल करता था, लेकिन प्रहरी ने इसे हमारे लिए पूर्णतः प्रतिबंधित कर रखा था।"..


आर्यमणि:- हां मै मेहसूस कर सकता हूं, यहां बहुत सारी विकृतियां है।


पलक:- मै तो यहां कुछ भी तैयारी से नहीं आयी हूं, किसी ने हमला कर दिया तो।


आर्यमणि:- किसी के हमला की चिंता तुम मुझ पर छोड़ दो, और तुम अपनी इक्छाएं बताओ।


पलक:- मेरी कोई इक्छा नहीं है। जिंदगी चल रही है और मै भी साथ चल रही।


आर्यमणि:- हम्मम ! क्या हुआ था।


पलक:- मतलब..


आर्यमणि:- ऐसा क्या हुआ था जिसने तुम्हे नीरस बाना दिया।


पलक:- कुछ भी नहीं आर्य, तुम ज्यादा सोच रहे हो।


आर्यमणि:- तुम मुझसे कह सकती हो। हर वो छोटी सी छोटी बात जो तुम्हे अजीब लगती है।


पलक:- मुझे तुम बहुत अजीब लगते हो आर्य। ये राजा, ये रानी, सुनने में काफी अजीब लगता है। तुमने एक ऐसी लड़की से अपना दिल का हाल बयान किया, जिसका परिवार तुमसे नफरत करता है। खुद को तकलीफ़ में देखकर मज़ा लेना। दूसरे खतरे में है ये तुम सेकंड के फ्रैक्सनल मार्जिन से जान लेते हो और इतने ही देर में प्लान भी कर लेते हो की उसे कैसे मुसीबत से निकालना है। लेकिन खुद पिछले कई दिनों से हंसी के पात्र बने हो उसपर कोई ध्यान नहीं। और भी बहुत कुछ है, जो अजीब है।


आर्यमणि:- मै सच में राजा हूं और इस राजा की तुम रानी, और प्रजा की रक्षा करना मेरा धर्म। इसके अलावा जितनी भी बातें तुम्हे अजीब लगी है उसे किनारे करते हुए सिर्फ इतना बता दो, मुझे चाहती हो या नहीं..


पलक:- तुम्हे चाहती नहीं तो घरवालों को बताकर नहीं आती। मुझसे पूछ रहे थे कहां जा रही हो। मैंने कह दिया शॉपिंग करने और शॉपिंग करके सीधा शाम को लौटूंगी।


आर्यमणि:- फिर..


पलक:- फिर क्या, किसी के घर की लड़की इतना बोलेगी तो घरवालों का क्या रिएक्शन होगा, सभी के मुंह खुले थे। मैं ज्यादा बात नहीं की, सीधा चली आयी।


पलक, आर्यमणि से बात कर रही थी, उसी वक़्त उसके मोबाइल पर संदेश आया.. इधर पलक अपनी बात कह रही थी उधर आर्यमणि ने वो संदेश पढ़ा। संदेश पढ़कर आर्यमणि ने पलक चुप रहने का इशारा किया, और घोस्ट नाम वाली लड़की को कॉल मिलाया..


घोस्ट:- हाय क्या लग रहे हो … दिल चीर दिया जालिम… और तुम्हारे साथ ये लड़की कौन है..


फोन स्पीकर पर था, पलक जब लस्टी आवाज़ में उसकी बातें सुनी, चिढ़कर आर्यमणि को देखने लगी।..


आर्यमणि:- ये लड़की कहकर मुझे गुस्सा ना दिलाओ। तुम्हे भाली भांति पता होगा कि ये कौन है। हां मेरे लिए ये कौन है उसका मै जवाब देता हूं। ये मेरी रानी है। कैसी लगी तुम्हे..


घोस्ट:- दोनो शिकारी लगे मुझे, चाहो तो मिलकर मेरा शिकार कर लो, मै तैयार हूं।


पलक:- तू पता बता मैं अभी आती हूं।


आर्य:- पलक 2 मिनट शांत हो जाओ। घोस्ट क्या हम तुम्हारे इलाके में है।


घोस्ट:- नहीं ये किसी का इलाका नहीं है। एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, हम जैसे वेयरवुल्फ और पलक जैसे शिकारी के लिए।


आर्य:- तुम यहां क्या कर रही हो फिर।


घोस्ट:- तुम वहां ऊपर हो इसलिए संदेश भेजी थी, कुछ विकृति मेहशूस कर रहे हो क्या?


आर्य:- तुम्हारी बातों में भय नजर आ रहा है।


घोस्ट:- हां कह सकते हो। मेरी मां एक अल्फा हीलर थी और उन्ही के कुछ खास गुण मेरे अंदर है। इस जगह पर किसी भयानक जीव के होने के संकेत यहां के हवाओं में है, अपनी रानी को जरा बचकर रखना...


आर्य:- मै इस जगह की जांच कर लूंगा तुम चिंता मत करो। मेरा काम हुआ।


घोस्ट:- हां पर्दे के पीछे के रचयता का करीबी मिल गया है, उसे पकड़ लो तो पूरी कहानी भी साफ हो जाएगी।


आर्य:- कौन है वो..


घोस्ट:- सरदार खान। वो फर्स्ट अल्फा है। और हां तकरीबन 1 हफ्ते बाद सरदार खान और प्रहरी के बीच मीटिंग होगी। मीटिंग के बाद वो अपने 2 अल्फा के साथ जा रहा होगा, तब तुम्हे आसानी होगी उस धर दबोचने में।


आर्यमणि:- चलो जब तुमने मेरे लिए इतनी मेहनत की है तो मैं तुम्हे बता दूं कि रचायता का पता तो मुझे कॉलेज आने से पहले से था। और वैसे भी सोमवार को मै महाकाल की आराधना करूंगा, उस दिन सरदार खान से ना ही मिलूं तो ज्यादा अच्छा है।


घोस्ट:– मतलब तुम्हे यह भी पता था कि कॉलेज में जो भी हो रहा है उसके पीछे सरदार खान के बीटा है।


आर्यमणि:– हाहाहाहाहा... इसमें थोड़ा दिमाग तो तुम भी लगा सकती थी। अच्छा अभी तो वो सब हुआ ही नहीं जो तुम समझ सकती...


घोस्ट:– क्या?


आर्यमणि:– मुझे उकसाने के लिए अब तो खुल्लम खुल्ला चित्रा को निशाना बनाएंगे। चित्रा मतलब प्रहरी के पूर्व मुखिया उज्जवल भारद्वाज की रिश्तेदार। और तो और वो लोग उसी उज्जवल भारद्वाज की छोटी बेटी पलक, जो की एक प्रहरी है, उसके सामने चित्रा को उकसाएंगे.. इसका मतलब समझ रही हो...


घोस्ट:– हाहाहाहा... अब बहुत कुछ समझ में आ रहा है। तो फिर हमे एक्शन देखने कब मिलेगा...


आर्यमणि:– वो तो पहले ही बता दिया, तुमने फिर गौर नही किया... सोमवार के दिन मैं महाकाल का आराधना करूंगा... और उसी दिन तोड़ेंगे सबको... चलो रखता हूं अब...


बात खत्म करके आर्यमणि ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। पलक उसे हैरानी से देखती हुई पूछने लगीं…. "ये वेयरवुल्फ थी।"


आर्यमणि:- हां..


पलक:- पर तुम कैसे एक वेयरवॉल्फ को जानते हो?


आर्यमणि:– क्यों केवल शिकारी ही वेयरवोल्फ को जान सकता है? क्या महान ज्ञानी वर्धराज कुलकर्णी का पोता वेयरवोल्फ को नही जान सकता।


पलक:– हां लेकिन.. मुझे जहां तक पता है...


आर्यमणि:– क्या पता है, खुलकर बताओ...


पलक:– नही छोड़ो, जाने दो... तुम्हे लेकर प्रहरी के बीच कई तरह की धारणाएं मौजूद है...


आर्यमणि:– मुझे सब जानना है...


पलक:– नही, मत पूछो प्लीज...


आर्यमणि:– चलो अब बता भी दो। मैं भी तो जान लूं की महीना दिन भी मुझे नही आए हुए और प्रहरी समाज मेरे बारे में क्या सोचता है?


पलक:– पता नही कैसे बताऊं...


आर्यमणि:– इतना सोच क्यों रही हो सीधा बता दो...


पलक:– प्रहरी के कई उच्च अधिकारी को लगता है कि तुम्हारे दादा वर्घराज कुलकर्णी की सारी सिद्धियां तुम में है। तो कई लोगों का मानना है कि मैत्री लोपचे के प्यार में तुम एक वेयरवोल्फ बन गए थे। पर एक वेयरवोल्फ किसी प्रहरी के यहां कैसे रह सकता है, इसलिए खुद ही वो लोग इस बात का खंडन कर देते है। बाद में इस बात का भी खंडन कर देते हैं कि जब तुम ७–८ साल के थे तब तुम्हारे दादा जी इस दुनिया में नही रहे। फिर उनकी सिद्धि तुम्हारे अंदर कैसे आ सकती है? लेकिन हर किसी को लगता है कि तुम कुछ हो.… उनके लिए तुम किसी रिसर्च सब्जेक्ट की तरह हो, जिसपर कोई नतीजा नहीं निकलता.…
Awesomeness
 
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आर्य मणि की किसी से ऐसी कौन सी दुश्मनी है जो उसे बार बार परेशान किया जा रहा है ?
वो एकाध हफ्ते पहले ही हिन्दुस्तानी सरजमीं पर अपने कदम रखा था और कालेज में सिर्फ एक हफ्ते । मुझे नहीं लगता है किसी प्रहरी को यह पता होगा कि वो अब एक वेयरवोल्फ बन चुका है । और यदि ऐसी घटिया हरकतें प्रहरी नहीं कर रहे हैं तो फिर कौन है ये लोग ?
ऐसा करने का कारण सिर्फ और सिर्फ जर्मनी के दुष्ट वेयरवोल्फ के पास ही हो सकता है । जैसे कि ईडन वेयरवोल्फ एवं उनका कुनबा ।
सरदार खान साहब और उनका परिवार भी वेयरवोल्फ ही है लेकिन ये लोग सिर्फ प्यादे है , असल खेल कोई और ही खेल रहा है ।

भूमि और जयदेव सभी से बीस दिन कहकर दस दिन की छुट्टियों पर किसी ट्रीप पर गए है । जैसा कैरेक्टर अब तक भुमि का देखा है हमने उससे मुझे नहीं लगता वो यूं ही तफरीह के लिए गई है । जरूर कोई तहकिकात करना चाहती है ।

बढ़िया लगा कि आर्य , मैत्री लोपचे के सदमे से बाहर निकल आया और पलक को प्रपोज कर दिया । लेकिन इनकी प्रेम कहानी में बाधाएं बहुत ही है । पारिवारिक मैटर तो है ही , शिकारी और शिकार का भी लफड़ा है । प्रहरी और वेयरवोल्फ का लोचा है ।

हमें यह भी देखना है कि वेयरवोल्फ सेक्सुअल सम्बन्धों में कितने ईमानदार होते हैं ! पलक ही आर्य मणि की रानी बनेगी या अन्य युवतियां भी उसके हरम की शोभा बढ़ाएंगी !

बहुत खूब नैन भाई । शानदार अपडेट था ।
आउटस्टैंडिंग एंड ब्रिलिएंट अपडेट्स ।
 
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Anky@123

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Oh nain bhai it was Awesome update. Har shabd or style sabhi kahaniyo me ek sa hai aur ye aap ki pehchan bhi hai. Mene ek series dekhi thi Arrow, isme ek rahisjada ek gumnam iseland me fas jata hai Aur 5 sal bad laut ker wapis aata hai, duniya ko lagta hai wo keval wahi fasa hoga aur jinda Bach ker aa gaya hai magar wo puri duniya ghum Chuka hota h in 5 salo me aur andar se kuch alag hi ban jata hai...
Kher aarya ke 4 sal Germany me hargiz nahi beete hai ye to samaz aa gaya aur India wo bahut pehle hi aa chuka tha, iske alawa na jane kaha kaha se kya kya Sikh ker aaya hai jo apna khel khelta ja rha hai, sardar Khan ke beeta aur wo khud apne aap ko majbut kerna chate hai aur ye meeting keval upri dikhawa lag rha hai, jo aage pata chalega, prahari samaj aarya ka dushman banega ye bhi Taya hai, somwar ko mahakal ki aradhna ke sath shayed maut ka nanga nach bhi ho,jaha abhi ye dono hai waha jo hai wo pratibandit hai, prahari aur werewolf ke liya matlab jo bhi hai wo inse bad ker hai, dekhte hai wo kya hai aur kab samne aayega. Me aarya ka status janne ke liye betab hu ki aakhir wo kis post tak pehuch chuka hai .......
 

Anky@123

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आर्य मणि की किसी से ऐसी कौन सी दुश्मनी है जो उसे बार बार परेशान किया जा रहा है ?
वो एकाध हफ्ते पहले ही हिन्दुस्तानी सरजमीं पर अपने कदम रखा था और कालेज में सिर्फ एक हफ्ते । मुझे नहीं लगता है किसी प्रहरी को यह पता होगा कि वो अब एक वेयरवोल्फ बन चुका है । और यदि ऐसी घटिया हरकतें प्रहरी नहीं कर रहे हैं तो फिर कौन है ये लोग ?
ऐसा करने का कारण सिर्फ और सिर्फ जर्मनी के दुष्ट वेयरवोल्फ के पास ही हो सकता है । जैसे कि ईडन वेयरवोल्फ एवं उनका कुनबा ।
सरदार खान साहब और उनका परिवार भी वेयरवोल्फ ही है लेकिन ये लोग सिर्फ प्यादे है , असल खेल कोई और ही खेल रहा है ।

भूमि और जयदेव सभी से बीस दिन कहकर दस दिन की छुट्टियों पर किसी ट्रीप पर गए है । जैसा कैरेक्टर अब तक भुमि का देखा है हमने उससे मुझे नहीं लगता वो यूं ही तफरीह के लिए गई है । जरूर कोई तहकिकात करना चाहती है ।

बढ़िया लगा कि आर्य , मैत्री लोपचे के सदमे से बाहर निकल आया और पलक को प्रपोज कर दिया । लेकिन इनकी प्रेम कहानी में बाधाएं बहुत ही है । पारिवारिक मैटर तो है ही , शिकारी और शिकार का भी लफड़ा है । प्रहरी और वेयरवोल्फ का लोचा है ।

हमें यह भी देखना है कि वेयरवोल्फ सेक्सुअल सम्बन्धों में कितने ईमानदार होते हैं ! पलक ही आर्य मणि की रानी बनेगी या अन्य युवतियां भी उसके हरम की शोभा बढ़ाएंगी !

बहुत खूब नैन भाई । शानदार अपडेट था ।
आउटस्टैंडिंग एंड ब्रिलिएंट अपडेट्स ।
Aakhri kuch line se me pura ittefaq rakhta hu ek nar ki kai madaye ho sakti hai
 

Parthh123

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Jordar update nain bhai but bahut bura laga itne mast update wo bhi sirf 1, kuch adhura adhura feel a rha hai. Bhai aisa na kiya kro yar. Overall gajab ka update hai. Suspence open hua but kuch bate hai jo clear ab tk na hui lekin ye sochkar ki aage ki story me sb clear hona hai esliye ignor kiya. Thank you bro for amazing update. Keep writing
 

Mahendra Baranwal

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Kya baat hai
 
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The king

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भाग:–15



अब तो लगभग रोज की ही कहानी होती। कभी किसी लड़की के थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल होता तो कभी उसके पैंट को नीचे भिंगा दिया जाता और उसके गीले होने का वीडियो वायरल होता।


कभी किसी कोने मे 8-10 नकाब पोश आर्यमणि को पिट देते उसका वीडियो वाइरल हो जाता, तो कभी उसके कॉफी के कप में मरा हुआ कॉकरोच मिलता। हर रोज आर्य के बेइज्जती के किस्से वाइरल हो रहे थे। इसी वजह से आर्य और निशांत में बहस भी खूब हो जाती थी। आलम ये था कि आर्य अब तो उन लोगो से भी कटा-कटा सा रहता था।


5 दिन बीत चुके थे। शनिवार की सुबह भूमि पल्थी डालकर हॉल में बैठी हुई थी। उसी वक़्त आर्य बाहर आया और भूमि के गोद में सर रखकर सो गया। भूमि उसके सर में हाथ फेरती हुई पूछने लगी… "और कितने दिन तक चुप रहेगा।"


आर्यमणि:- आपको कॉलेज के बारे में पता चल गया।


भूमि:- मुझे तो पहले दिन से पता था। बस इंतजार में हूं या तो तू मामला सुलझा ले, या मुझसे कहेगा। हालांकि कहता तो तू नहीं ही, क्योंकि मेरा भाई कमजोर नहीं।


आर्यमणि:- आप भी तो कुछ सोचकर रुक गई है। वरना अब तक तो आपने भी तूफान उठा दिया होता।


भूमि:- बहुत शाना कव्वा है। तुझे क्या लगता है अक्षरा काकी है इसके पीछे, या किसी आईपीएस (राजदीप) का दिमाग लगा है।


आर्यमणि:- आईपीएस का दिमाग तो सिक्किम में भी था जिसकी नफरत अक्षरा के बराबर थी, लेकिन कभी उसकी नीयत में नहीं था मुझे परेशान करना। इसमें नागपुर आईपीएस भी नहीं है। हां आप चाहो तो अब अपनी मनसा इस तीर से दाग सकती हो।


भूमि:- कौन सी मनसा।


आर्यमणि:- पलक मुझे भी पसंद है, पहले दिन से।


भूमि अटपटा सा चेहरा बनाती... "पलक तुझे पसंद है... पलक तुझे पसंद है, इस बात पर मैं नाचू या तेरी इस बेतुकी बात पर सिर पीट लूं, समझ में नही आ रहा। हम तो अभी तेरे साथ चल रहे परेशानियों पर बात कर रहे थे, इसमें अचानक पलक को कैसे घुसेड़ दिया, वह भी अपनी पसंद को मेरी मनसा बताकर... इस बात का कोई लॉजिक है...


आर्यमणि:– मैं क्या वकील हूं जो हर बात लॉजिक वाली करूं। मेरी परेशानियों के बीच आपके दिल की इच्छा याद आ गई और मैने कह दिया...


भूमि:– कुछ भी हां... तूने जान बूझकर ऐसे वक्त में पलक की बात शुरू की है, जिसपर मैं कोई रिएक्शन न दे पाऊं ..


आर्यमणि:- आपने ही तो पलक के लिए दिल में अरमान जगाये थे। मैत्री से मेरा ब्रेकअप करवाने के लिए क्या-क्या कहती थी, वो भुल गई क्या?


भूमि:- तू झूठा है, मैत्री और तेरे बीच सच्चा प्रेम था, फिर पलक की कहानी कहां से बीच में आ गई?


आर्यमणि:- पहली बार जब मैंने कॉलेज में उसे देखा था तब मेरा दिल धड़का था, ठीक वैसे ही जैसे पहले कभी धड़कता था। तब मुझे पता नहीं था कि वो वही पलक है, बाद में पता चला।


भूमि:- और पलक अपने आई के वजह से, या उसकी भी पहले से कोई चाहत हो, उसकी वजह से तुम्हे रिजेक्ट कर दी तो?


आर्यमणि:- मैत्री तो पसंद करके गायब हुई, बिना कोई खबर किए। जिंदगी चलती रहती है दीदी। वैसे भी मै एक राजा हूं, और इस राजा ने अपनी रानी तो पसंद कर ली है।


भूमि:- फिर मै कौन हुई..


आर्यमणि:- आप राजमाता शिवगामनी देवी।


भूमि इतनी तेज हंसी की उस हॉल में उसकी हंसी गूंज गई। अपने कमरे से जयदेव निकल कर आया और भूमि को देखते हुए… "ये चमत्कार कैसा, क्या मै सच में अपनी बीवी की खिली सी हंसी सुन रहा हूं।"


भूमि:- बोल तो ऐसे रहे हो जैसे मै हंसती ही नहीं हूं। तुम्हे देखकर मुंह बनाए रहती हूं जय।


जयदेव:- भूमि देसाई की बात को काटने की हिम्मत भला किसमे है? जो आप बोलो वही सत्य है।


भूमि:- मुझे ताने मार रहे हो जय...


जयदेव:- छोड़ो भी !! तुमने अबतक आर्य को बताया या नहीं?


आर्यमणि, उठकर बैठते हुए…. "क्या नहीं बताई।"


भूमि:- हम 10 दिनों के लिए बाहर जा रहे है। लेकिन किसी को बताना मत, लोगो को पता है कि हम 20 दिनों के लिए बाहर जा रहे है।


आर्यमणि:- हम्मम ! ठीक है। मै मासी के पास चला जाऊंगा।


भूमि:- पागल है क्या आई के पास जाएगा तो वो तुझे वहीं रोक लेगी। उन्हें तो बहाना चाहिए बस।


आर्यमणि:- मासी को बुरा लगेगा ना। उन्हें आपके जाने का तो पता ही होगा, उसके बाद भी मै उनके पास नहीं गया तो मेरी खाल खींच लेगी।


भूमि:- हम्मम ! ठीक है, लेकिन वापस आने से एक दिन पहले कॉल कर दूंगी, मै जब आऊं तो तुम मुझे घर में दिखने चाहिए। समझा ना..


आर्यमणि:- हां दीदी मै समझ गया। वैसे निकल कब रही हो।


भूमि:- आज शाम को। बाकी अपना ख्याल रखना। पढ़ाई और घर के अलावा भी जिंदगी है उसपर भी ध्यान देना। समझा..


आर्यमणि:- जी दीदी समझ गया।


शाम को आर्यमणि, भूमि और जयदेव को एयरपोर्ट पर ड्रॉप करके वापस अपनी मासी के घर चला गया। मासी, मौसा और भाभी के साथ आर्यमणि की एक लंबी महफिल लगी। शाम को तकरीबन 8 बजे निशांत का कॉल आ गया… "लाइव लोकेशन सेंड कर दिया है, अच्छे से चकाचक तैयार होकर आना।"


आर्यमणि समझ गया था ये गधा आज डिस्को का प्लान बनाया है। आर्यमणि थोड़े ही देर में वहां पहुंच गया। आर्यमणि डिस्को के पास खड़ा ही हुआ था कि एक तेज चल रही फॊर व्हीलर का दरवाजा अचानक खुल गया और एक बच्चा उसके बाहर। वहां मौजूद हर किसी ने अपनी आखें मूंद ली, और जब आखें खुली तो आर्यमणि जमीन में लेटा हुआ था और वो बच्चा उसके हाथ में।


सभी लोग भागते हुए सड़क पर पहुंचे और दोनो ओर के ट्रैफिक को रोका। जिस कार से बच्चा गिरा था वो कार भी रुक गई। कार के आगे की सीट से दोनो दंपति भागते हुए आए और अपनी बच्ची को सीने से लगाकर चूमने लगे… भावुक आखों से वह पिता, आर्यमणि को देखते हुए अपने दोनो हाथ जोड़ लिया।


आर्यमणि:- आपकी बच्ची सेफ है, आप दोनो जाए यहां से। और हां कार सेंट्रल लॉक ना हो तो बच्चे को अपने बीच ने बिठाया कीजिए।


दोनो दंपत्ति थैंक्स और सॉरी बोलते चलते बने। निशांत जब डिस्को आया तब हुआ ये कि वो अपनी गर्लफ्रेंड हरप्रीत के साथ अंदर चला गया। कुछ देर इंतजार करने के बाद जब आर्यमणि नहीं आया तब चित्रा ने उसे कॉल लगा दिया। लेकिन 4-5 बार कॉल लगाने के बाद भी जब आर्यमणि ने कॉल नहीं पिक किया… "लगता है बाइक पर है, पलक तू माधव के साथ अंदर चली जा मै आर्य को लेकर आती हूं।"


लेकिन पलक उन दोनों को अंदर भेज दी और खुद बाहर उसका इंतजार करने लगी। कुछ देर इंतजार की ही थी उसके बाद ये कांड हो गया। आर्यमणि ने सामने देखा, एक स्टोर थी। वहां घुसा फटाफट अपने फटे कपड़ों को बदला और झटके से वापस आ गया।


पलक, आर्यमणि की इस हरकत पर हंसे बिना रह नहीं पाई। आर्यमणि चुपके से घूमकर आया और अपना फोन निकला ही था कि उसके पास पलक खड़ी होती हुई कहने लगी… "चले क्या?"


आर्यमणि:- मुझे डिस्को बोर लगता है।


पलक:- मुझे इस वक़्त अपनी गर्लफ्रेंड समझो, फिर तुम्हे डिस्को बोर नहीं लगेगा।


आर्यमणि:- सोच लो, पहले 4 पेग का नशा, फिर हाथ कमर पर या कमर के नीचे, स्मूचिंग, हग..।


पलक, मुस्कुराती हुई… "तुम मेरे लिए हार्मफुल नहीं हो सकते ये मुझे विश्वास है।"


आर्यमणि:- कितने देर डिस्को का प्रोग्राम है।


पलक:- पता नहीं, लेकिन 11 या 11:30 तक।


आर्यमणि:- जब मै तुम्हारे लिए हार्मफुल नहीं हूं, तब तो तुम्हे मेरे साथ बाइक पर आने में कोई परेशानी भी नहीं होगी?


पलक:- लेकिन कहीं चित्रा, निशांत या माधव का कॉल आया तो...


आर्यमणि:- कभी झूठ नहीं बोली हो तो आज बोल देना। आर्य आया ही नहीं इसलिए मै चली आयी।


पलक, हंसती हुई उसके बाइक के पीछे बैठ गई। जैसे ही पलक उस बाइक पर बैठी, आर्यमणि ने फुल एक्सीलेटर लिया। पलक झटके के साथ पीछे हुई और खुद को बलैंस करने के लिए जैसे ही आर्यमणि को पकड़ी, तेज झटके के साथ आगे के ओर आर्यमणि से चिपक गई।


तूफानी बाइक का मज़ा लेते हुए आर्यमणि अपने साथ उसे सेमिनरी हिल्स लेकर आया और गाड़ी सीधा कैफेटेरिया में रुकी। गाड़ी जैसे ही रुकी पलक अपनी बढ़ी धड़कने सामान्य करती…. "तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी।"


आर्यमणि:- क्या लोगी, ठंडा या गरम।

पलक:- 2 कोन..


आर्यमणि 2 कोने लिया, एक उसके और एक पलक के हाथ में। दोनो कदम से कदम मिलाते हुए चलने लगे… "एक शिकारी को भी डर लगता है क्या?"


पलक आश्चर्य से आर्यमणि का चेहरा देखती.… "तुम्हे कैसे पता की मैं ट्रेनिंग कर रही हूं?


आर्यमणि:– भूल क्यों जाति हो की मैं भूमि देसाई के घर में रहता हूं। वैसे सवाल अब भी वही है, एक शिकारी को भी डर लगता है क्या?


पलक:- क्यों हम इंसान नहीं है क्या?


आर्यमणि:- नाह, तुम्हारे पास मंत्र और हथियार की विद्या है। आम इंसानों से शक्तिशाली होते हो। दृढ़ निश्चय और हां कई तरह के जादू–टोना भी तुम लोगों को आते हैं। इसलिए एक शिकारी कभी भी आम इंसान नहीं हो सकता, वो भी सुपरनैचुरल है।


पलक:- नयी परिभाषा सुनकर अच्छा लगा। लेकिन फिर भी हुए तो इंसान ही ना, और जब इंसान है तो डर लगा ही रहता है।


आर्यमणि:- बस यही कहानी मेरे साथ कॉलेज में हो रही है। अचानक से किसी चीज को देखता हूं तो डर जाता हूं। 8-10 लोग जब एक साथ आते है तो मै डर जाता हूं। जिस दिन ये डर निकल गया, समझो मेरा भी कॉलेज का इश्यू नहीं रहेगा।


पलक:- डर और तुम्हे। तुम भय को भी भयभीत कर सकते हो। मै तुम्हारी कैपेसिटी आज ही सुबह समझी हूं, जब एक बहस के दौरान तुम्हारी वो वीडियो देखी, जिसमे तुमने अजगर को स्टन गन से बिजली का झटका दिया और फिर उस लेडी को पकड़कर नीच खाई में जा रहे थे।


आर्यमणि कुछ सोचते हुए.… "फिर कॉलेज में चल रही घटनाओं के बारे में तुम्हारे क्या विचार है?


पलक:– क्या कहूं, मैं खुद भ्रम में हूं। मेरा दिल कहता है कि तुम चाहो तो क्या न कर दो, फिर अंदर से उतनी ही मायूस हो जाती हूं जब तुम कुछ करते नही। ऐसा लगता है जैसे तुम अपने आस–पास के लोगों से ही मजे ले रहे। दूसरे लोग तुम्हारे साथ जब गलत करते हैं तब तुम तो एंजॉय कर लेते हो लेकिन कलेजा हम सबका जल जाता है। जी करता है उन कमीनो का बाल पकड़कर खींच दूं और गाल पर तबतक थप्पड़ मारती रहूं जबतक कलेजे की आग ठंडी न हो जाए।


आर्यमणि, पलक के आंखों का गुस्सा और उसके जुबान की ज्वाला को सुनकर मुस्कुरा रहा था। दिल की पूरी भड़ास निकालने के बाद पलक भी कुछ देर गुस्से में कॉलेज के उन्ही घटनाओं के बारे में सोचती रही। लेकिन अचानक ही उसे याद आया की वो तो गुस्से में आर्यमणि के प्रति लगाव की ही कहानी बता गई। और जब यह ख्याल आया, पलक अपनी नजर चुराती चुपचाप कदम बढ़ाने लगी। आर्यमणि चलते-चलते रुक गया। रुककर वो पलक के ठीक सामने आया। उसकी आंखों में देखते हुए…


"इस राजा को एक रानी की जरूरत है, जो उसपर आंख मूंदकर विश्वास करे। इस राजा को अपनी रानी तुम में पहले दिन, पहली झलक से दिख गई थी। इंतजार करना, हाल–ए–दिल जानना, और फिर सही मौके की तलाश करके बोलना, इतना मुझसे नहीं होगा।"

"मेरा दिल बचपन में किसी के लिए धड़का था, लेकिन किसी ने उसका कत्ल कर दिया। हालांकि दिल उसके लिए बहुत तरपा था। पहले वो कई सालो तक गायब हो गई। फिर किसी तरह बातें शुरू हुई तो महीने में कभी एक बार मौका मिलता। और जब वो आखिरी बार मुझे मिली तो ये दुनिया छोड़ चुकी थी। उसके बाद बहुत सी लड़की मिली। तुम्हे देखने के बाद भी मिल रही है। लेकिन ये दिल तुम्हे देखकर हर बार धड़कता है। तो क्या कहती हो, तुम्हे ये राजा पसंद है।"


पलक:- मेरे और अपने घर का माहौल नहीं जानते क्या?


आर्यमणि:- माहौल तो हर वक़्त खराब रहता है। हम यहां बात कर रहे है और कोई हमारे पीछे माहौल खराब करने की साजिश कर रहा होगा। हमारे घर के बीच के खराब माहौल को जाने दो, वो सब मै देख लूंगा, बिना तुम्हे बीच में लाए। तुम मुझे बस ये बता दो, क्या तुम्हे मै पसंद हूं?


पलक:- यदि हां कहूंगी तो क्या तुम मुझे अभी चूम लोगे?


आर्यमणि:- इसपर सोचा नहीं था, लेकिन अब तुमने जब ध्यान दिला ही दिया है तो हां चूम लूंगा।


पलक:- किस्स उधार रही। वो तुम्हारे कॉलेज के मैटर में मेरे कलेजे को शांति मिल जाए, उसके बाद लेना। अभी हां कह देती हूं।


हां बोलते वक़्त की वो कसिस, मुसकुराते चेहरे पर आयी वो हल्की शर्म... उफ्फफफ, पलक तो झलक दिखाकर ही आर्यमणि का दिल लूटकर ले गई। आर्यमणि, पलक के कमर में हाथ डालकर उसे खुद से चिपकाया। उसके बदन कि खुशबू जैसे आर्यमणि के रूह में उतर रही थी। गहरी श्वांस लेते वो इस खुशबू को अपने अंदर कैद कर लेना चाहता था। अद्भुत क्षण थे जिसे आर्यमणि मेहसूस कर रहा था।


लचरती सी आवाज़ में पलक ने दिल की बात भी कह डाली। अपना वो धड़कते अरमान भी बयान कर गई जब उसने आर्यमणि को पहली बार देखकर मेहसूस किया था। आर्यमणि मुस्कुराते हुए उसे और जोर से गले लगाया और थोड़ी देर बाद खुद से अलग करते दोनो हाथो में हाथ डाले चल रहे थे।… "आर्य मुझे बहुत बुरा लगता है जब लोग तुम्हारा मज़ाक उड़ाते है। दिल जल जाता है।"


आर्यमणि:- कुछ दिन और दिल जला लो। मुझ पर हमले करवाकर कोई तुम्हारे भाई राजदीप को मेरे दीदी भूमि और तेजस भैया से भिड़ाने के इरादे से है। जो रिलेशन मीनाक्षी भारद्वाज का अक्षरा भारद्वाज के साथ है, वही रिलेशन इन सबके बीच चाहते है।


पलक चलते–चलते रुक गई….. "तुम्हे इतनी बातें कैसे पता है। जो भी है इनके पीछे क्या उन्हें तेजस दादा और भूमि दीदी का जरा भी डर नहीं।'


आर्यमणि:- वही तो पता लगा रहा हूं।


पलक:- तुम्हारी रानी उन सबकी मृत्यु चाहती है। उनमें से कोई भी जीवित नहीं बचना चाहिए जो हमे अलग करना चाहते है।


आर्यमणि:- हा, हा, हा... सीधा मृत्यु की सजा... खैर जब गुनहगार सामने आएगा तब सजा तय करेंगे, लेकिन फिलहाल हमारे बीच सब कुछ पहले जैसा ही रहेगा।


पलक:- तुम नहीं भी कहते तो भी मै यही करती। क्या अब हम अपनी बातें करे। मुझे अभी तक यकीन नहीं हो रहा तुमने मुझे परपोज किया, मेरे पाऊं अब भी कांप रहे है।


आर्यमणि:- कल से तुम सज संवर कर आना। मेरी रानी को रानी की तरह दिखना चाहिए। हर कोई पलटकर देखने पर विवश हो जाए। लड़के अपने धड़कते अरमानों के साथ तुम्हरे इर्द-गिर्द घूमते रहे।


पलक:- और कोई लड़का मुझे पसंद आ गया तो।


आर्यमणि:- हां तो उसे अपना सेवक बना लेना। रानी के कई सेवक हो सकते है, किन्तु राजा एक ही होगा।


पलक, उसपर हाथ चलाती… "छी, कितनी आसानी से कह गए तुम ये बात। मै तो चित्रा के साथ"…


आर्यमणि:- पलक ये देह एक काया है, जो एक मिथ्या है, और आत्मा अमर। क्या वो औरत चरित्रहीन है जो विवाह के बाद किसी अन्य से गुप्त संबंध बनाती है।


पलक:- ये कौन सी बात लेकर बैठ गए। तुम्हे किसी के साथ ऐसे संबंध बनाने हो तो बना लेना, लेकिन मुझ तक बात नहीं पहुंचने देना। बाकी मुझे इन बातो के लिए कन्विंस मत करो।


आर्यमणि:- माफ करना, मैंने अपनी रानी को परेशान किया। चलो चला जाए, अपनी रानी के लिए कुछ शॉपिंग किया जाए।


पलक:- लेकिन अभी तो कहे थे कि हमे पहले की तरह रहना है। किसी को पता नहीं चले।


आर्यमणि:- हां तो मुंह कवर कर लो ना। लेकिन कल से तुम रानी की तरह सज संवर कर निकलोगी।


पलक ने अपना मुंह पुरा कवर कर लिया और दोनो चल दिए। दोनो बिग सिटी मॉल गए। वहां से पलक के लिए तरह-तरह के परिधान, मेकअप किट, आभूषण, सैंडल यहां तक कि आर्य की जिद की वजह से पलक ने अपने लिए तरह तरह के अंडरगारमेट्स भी खरीदे। कुल 2 लाख 20 हजार का बिल बाना जिसे आर्य ने पेमेंट कर दिया।


दोनो वहां से बाहर निकले.. पलक आर्य के कांधे पर हाथ देती बैठ गई। अपने होंठ को आगे ले जाकर उसके कान के पास गालों को चूमती हुई… "आर्य, मै डिस्को के लिए निकली थी, रास्ते में ये इतना सामान कैसे खरीदी।"


आर्यमणि:- मै जानता हूं मेरी रानी के लिए ये बैग सामने से ले जाना कोई मुश्किल काम नहीं। फिर भी तुम्हारी शरारतें मेरे समझ में आ रही है। बताओ तुम क्या चाहती हो?


पलक:- मै चाहती हूं, तुम मुझे पूरे कॉलेज के सामने परपोज करो, जैसे कोई शूरवीर राजा वीरों के बीच अपनी रानी को स्वयंवर से जीत लेते है। और तब ये रानी अपने राजा को रिझाने के लिए हर वो चीज करेगी जो उसकी ख्वाहिश हो। अभी से यदि सब करने लगे तो विलेन गैंग को शक हो जाएगा ना, और वो पता लगाने की कोशिश में जुट जाएंगे कि ये रानी किस राजा के लिए आज संवर रही है।


आर्यमणि:- अगली बार कार लाऊंगा। एक तो बाइक पर बात करने में परेशानी होती है ऊपर से ऐसे सोच सुनकर जब चूमने को दिल करे तो चूम भी नहीं सकते। दिल जीत लिया मेरा, तभी तुम मेरी रानी हो। ये बैग मेरे पास रहेगा, मै तुम्हे सबके सामने दूंगा।


पलक तभी आर्यमणि को बाइक रोकने बोली, और चौराहे पर उतरकर उससे कहने लगी…. "अब तुम जाओ, दादा को कॉल कर लेती हूं, वो पिकअप करने आ जाएंगे।"


आर्यमणि जाते-जाते उसे गले लगाते चला। गीत गुनगुनाते और मुसकुराते चला। पलक भी मुसकुराते चली और हंसकर जीवन के नए रंग को अपने जहन में समाते चली।
Awesome update bhai
 
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