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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–140


डेढ़ महीने बाद पुलिस की एक बड़ी सी उड़न तस्तरी वैन के लेजर वेब किरणों में सभी कैद थे। सभी लोग पोर्ट होकर सीधा वैन की सलाखों के पीछे गये। सलाखों के ऊपर एक बड़ा सा बोर्ड भी टंगा था.... “सलाखों से 1 फिट की दूरी बनाए रखे।”...

वेमपायर पिछले 15 दिनो से भूखे थे इसलिए इतनी हिम्मत बची नही थी कि उठ भी पाते। अल्फा पैक को वैसे भी कहीं भागना नहीं था इसलिए चुपचाप उनके साथ चले जा रहे थे। वैन कई जगहों से होते हुये उन्हे कहीं ले जाकर सीधा ड्राप कर दिया। एक बार फिर सब के सब नीचे गिड़ रहे थे। आंख जब खुली तब सभी लोग किसी अंडरग्राउंड जेल में थे। सर के ऊपर लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर छत था, जो खुलता और बंद होता था।

जैसे ही वो लोग जेल में गिरे लेजर किरणों के वेब में जकर लिये गये और उन्हे ले जाकर कॉफिन से कुछ ही बड़े सेल में पटक दिया गया। हर सेल में एक छोटा बेड, बेड के ऊपर कुछ किताबे, दीवार पर छोटा सा टीवी और कोने में एक छोटा सा कमोड था। जैसे ही आर्यमणि अपने सेल में पहुंचा टीवी पर एक बड़ा सा चेहरा आने लगा.... “मेरा नाम डीवी–कोको–मारुयान–जूनियर–1 है। तुम मुझे कोको कह सकते हो। मैं इस जेल का वार्डन हूं और तुम सब यहां मेरी देख–रेख में हो। 3–3 घंटे की शिफ्ट में तुम लोग माइनिंग करोगे। 1 घंटे का आध्यात्मिक सेशन होगा। 4 घंटे तुम लोग वॉकिंग एरिया में अपने रिस्क पर घूम सकते हो और बाकी के वक्त तुम अपने सेल में रहोगे।”..

आर्यमणि:– मेरे कुछ सवाल है।

जैसे ही आर्यमणि बोला उसके अगले ही पल पूरे सेल के अंदर से घुसे निकले और धमाधाम आर्यमणि को पीट दिया। टीवी पर फिर एक बार वार्डन कोको की आवाज गूंजी.... “और हां यहां तुम्हे चुप रहना का पूरा अधिकार है। जेल के किसी भी अधिकारी से किसी भी प्रकार की बात करने की कोशिश को नियम का उलंघन माना जायेगा और ऐसी सूरत में सजा के तौर पर आपको 8–8 घंटे की शिफ्ट में माइनिंग करनी होगी। पहली बार था इसलिए तुम्हे छोड़ रहा हूं बौने।”

स्क्रीन की आकाशवाणी बंद हो गयी और आर्यमणि खुद से ही बात करते..... “किस मनहूश घड़ी में मैने इनसे मिलने का सोचा।”.... कुछ ही पल में बीते उन एक महीने की कहानी याद आ गयी जब अल्फा पैक अंटार्टिका निर्माण क्षेत्र में पहुंचा था। कुछ दिन की जांच पड़ताल के बाद आर्यमणि ने यही नतीजा निकाला कि... “जमीन के नीचे कोई छिपी दुनिया है और वहां हो सकता है एक विलुप्त प्रजाति, जिसे देखने के दावे आधुनिक वक्त में भी होते रहे है किंतु किसी के पास कोई प्रमाण नहीं।”

पूरा अल्फा पैक ही फिर हिम–मानव और उसकी छिपी दुनिया को देखने के लिये इच्छुक हो गया। कुछ दिन और समय बिताकर कुछ और तथ्य बटोरे गये। पता यह चला की जितने भी टीम अब तक गायब हुई थी, वह निर्माण करने के लिये कुछ न कुछ खुदाई जरूर किये थे। जब तक वहां निर्माण कार्य की शुरवात नही हुई किसी भी प्रकार का हमला नही हुआ था।

तकरीबन महीना दिन तक सारे तथ्यों को ध्यान में रखकर अल्फा पैक ने अंततः हिम–मानवों से मिलने की योजना बना लिया। योजना के अंतर्गत ही चारो ने बर्फ की मोटी सतह पर विस्फोट किया था। हां लेकिन पूर्वानुमान सबका ही पूरी तरह गलत हो गया। अल्फा पैक को लगता था कि हिम–मानव खोह और कंदराओं में छिपकर रहने वाले समुदाय है जो किसी भी सूरत में अपने अस्तित्व को जाहिर नही होने देते।

बाकी सारे तथ्यों का आकलन तो लगभग सही था सिवाय एक के... “हिम–मानव खोह और कंदराओं में रहने वाले लोग है जो आधुनिक सभ्यता से कोसों दूर है।”...हालांकि जब पहली मुलाकात हुई थी और हाथों में ये बड़े–बड़े तलवार लेकर हिम–मानव को हमला करते देखे, फिर कुछ वक्त के लिये आर्यमणि को अपनी थ्योरी पर यकीन हुआ। किंतु यह यकीन ज्यादा देर नहीं टीका। कुछ ही वक्त में पता चल गया की हिम–मानव का समुदाय कितना विकसित है।

पहले तो अजीब से कैद में लगभग डेढ़ महीने बिताये, जहां शायद अल्फा पैक और वेमपायर को परखा गया था। आर्यमणि ने यह भी सह लिया। उसे यकीन था कि जब वह कानूनी प्रक्रिया के लिये अदालत पहुंचेगा तब हिम–मानव समुदाय गंभीरता से उसकी बात सुनेगा। किंतु सारे अरमान मिट्टी में मिल गये क्योंकि बिना किसी सुनवाई के ही सजा हो गयी।

जेल के पहले दिन किसी से कोई काम नही करवाया गया। शाम के 5 बजे सबके सेल खुल गये और हॉल में 4 घंटे घूमने की खुली छूट भी मिली। जिस फ्लोर पर आर्यमणि और बाकियों का सेल था, वहां सभी बौने ही थे। मतलब इंसान थे। अंडाकार बने फ्लोर पर मिलों दूर जहां तक नजर जाये केवल और केवल इंसान ही थे। सभी अपने सेल से एक बार बाहर आये, नीचे हॉल को देखा और वापस अपने सेल में चले गये।

आर्यमणि के ठीक बाजू वाला जो इंसान था, वह उन्ही में से एक था जो पिछले साल अंटार्टिका सर्वे के लिये आया और रहश्मयि तरीके से गायब हो गया था। आर्यमणि अपने दिमाग पर थोड़ा जोड़ डालते.... “ओय सुनो पेड्रो रफ्ता।”.. आर्यमणि 3–4 बार चिल्लाया, कोई सुनवाई नही। आश्चर्य तो यह भी था कि जितने इंसान बाहर निकले थे वो सब एक बार नीचे हॉल को देखने के बाद वापस अपने सेल में घुस चुके थे। सिवाय अल्फा पैक और वेमपायर के, जो पूरा मामला समझना चाह रहे थे। आर्यमणि के आगे जितने भी सेल थी, वहां अल्फा पैक और वेमपायर को रखा गया था।

रूही, आर्यमणि की आवाज सुनकर उसके ओर आयी लेकिन आर्यमणि आंखों के इशारे से उसे चुपचाप हॉल में जाने कहा और खुद उस पेड्रो रफ्ता के सेल के सामने खड़ा हो गया। आर्यमणि जैसे ही खड़ा हुआ बिजली के वेब ने आर्यमणि को जकड़ लिया और सेल के किनारे से कई सारे मुक्के निकालकर आर्यमणि पर धमाधम हमला कर दिया। आर्यमणि मुक्के खाते.... “हेल्लो पेड्रो मैं आर्यमणि हूं। वहीं निर्माण करने आया था जहां से तुम गायब हुये थे।”...

पेड्रो, आर्यमणि को इशारों में समझाया की वह कुछ बोल नहीं सकता। आर्यमणि उसकी मजबूरी समझते.... “देखो मैं नही जानता की तुम किस मजबूरी से नीचे हॉल में नही जा रहे। लेकिन विश्वास मानो, यदि हॉल में अपनी मर्जी से घूमना रिस्क है तो आज ये रिस्क दूसरे उठाएंगे। यदि इस जेल से बाहर निकलना चाहते हो तो नीचे हॉल तक चलो।”...

आर्यमणि को लगातार मुक्के पड़ते रहे। वह फिर भी पेड्रो से बात करता रहा। अपना प्रस्ताव रखने के बाद आर्यमणि कुछ देर और वहां खड़ा होकर मुक्का खाता रहा, लेकिन पेड्रो बाहर आने की हिम्मत नही जुटा पाया। अंत में आर्यमणि उस से एक बार नजर मिलाया और जैसे ही वहां से आगे बढ़ने लगा, पेड्रो भी अपने सेल से निकला और चुपचाप आर्यमणि के आगे बढ़ गया।

दोनो जब सीढ़ियों पर थे तब पेड्रो अपना मुंह खोला.... “संभवतः तुम लोग आज ही इस जेल में आये होगे और नीचे तुम्हारे साथी होंगे।”...

पेड्रो हॉल के उस हिस्से को दिखा रहा था जहां हिम–मानव की भिड़ लगी हुई थी और उस भिड़ के बीच न तो अल्फा पैक और न ही बेमपायर कहीं नजर आ रहे थे। आर्यमणि उस ओर देखते..... “पुराने कैदी, हम नए कैदियों की रैगिंग ले रहे है क्या?”..

पेड्रो:– हां खतरनाक तरीके की रैगिंग जो तब तक झेलनी होगी जब तक हम यहां की जेल में है। यहां से निकलने के बाद किसी बिग–फूट (हिम–मानव का अमेरिकन नाम) के घर पर जिल्लत भरी नौकरी करनी होगी।

आर्यमणि:– अच्छा तुम अदालत गये थे क्या?

पेड्रो:– नही... एक बड़े से टावर पर 4 दिन भूखे–प्यासे रखने के बाद सीधा इस जेल में पटक दिया। यहां महीने दिन की सजा काटने के बाद कोर्ट का ऑर्डर डाकिया लेकर आया था, जिसमे मुझे 5 साल की कैद मिली और उसके बाद सीधा एक पते पर जाना होगा जिसके घर में मुझे नौकर का काम मिला है। वहां साफ लिखा था जेल से निकलने के बाद हम पूरे देश में आजादी से रह सकते हैं, बस अपने जैसे बौने इंसान पैदा नही कर सकते।

आर्यमणि:– हम्मम... और नीचे हॉल की क्या कहानी है?

पेड्रो:– जब तक मुंह बंद रखोगे तब तक बेज्जत करते रहेंगे। यदि कहीं मुंह खुल गया तो बेज्जत करने के साथ–साथ मारते भी है। इनका मारना तब तक नही रुकता जब तक मरने की नौबत नही आ जाती।

दोनो बात करते हुये हॉल के विभिन्न हिस्सों से गुजर रहे थे। जहां से भी गुजरे हिम–मानव उन्हे घूर रहे थे। आर्यमणि भिड़ के बीच से रास्ता बनाते पेड्रो के साथ कुर्सी पर बैठा। बैठने के बाद पेड्रो से एक मिनट की इजाजत लेते..... “रूही इतनी भीड़ क्यों है।”...

“ये लो इन बौनों का मुखिया आ गया। तेरी ये छमिया रूही सबसे पहले स्ट्रिप डांस करेगी। उसके बाद जितनी भी लड़कियां हैं वो एक–एक करके सामने आयेगी। तू इन सबके कपड़े बटोरेगा।”.... भिड़ से एक हिम–मानव बोला और बाकी सब हंसने लगे।

आर्यमणि:– अल्फा पैक मुझे पेड्रो के साथ इत्मीनान से बात करनी है, आसपास की भिड़ खाली करो....

“ए चुतिये तू क्या बोला?”.... कोई हिम–मानव बोला। इधर उसकी आवाज बंद हुई उधर इवान ने हिम मानव के पाऊं पर ऐसा लात जमाया की उसके हाथी समान मोटे पाऊं के हड्डियां टूटने की आवाज सबको सुनाई दी। दर्द बिलबिलाते जैसे ही वह नीचे बैठा, अलबेली अपने दोनो पंजे से उसके थुलथुला पेट के मांस को जकड़ ली और पूरी ताकत से अपने सर के ऊपर उठाकर दूर फेकती.... “मेरे बॉस ने कहा तुम चूतियो को दूर फेकना है।”

“मारो... मारो... मारो... मारो इन बौनों को।”..... भिड़ चिल्लाई... अल्फा पैक दहाड़े और फिर जो ही लात और घुसे की बारिश हुई। साइज में इतने बड़े थे की रूही, अलबेली और इवान उनके लात–हाथ के नीचे से निकलकर लात और घुसे बरसा रहे थे। जहां कहीं भी उनका लात और घुसा पड़ता अंग भंग हो जाता। दर्द से बिलबिलाने की आवाज चारो ओर से आने लगी।

उनका दर्द से बिलबिलाना सुनकर दूसरे फ्लोर के सारे इंसानी कैदी अपने सेल से बाहर आ गये और वहां का नजारा देखकर तेजी से हॉल के ओर दौड़ लगा दिये। हॉल के चारो ओर सिटियां बजने लगी। लोगों की हूटिंग होने लगी। वैसे यहां हिम–मानव कैदियों की कमी नही थी लेकिन अल्फा पैक अपने चैरिटी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे।

आर्यमणि अपने पास निर्जीव समान बैठे सभी वेमपायर को देखते...... “नयोबि तुम्हे और तुम्हारी टीम को क्या हो गया?”...

नयोबि:– हम किस मुंह से माफी मांगे। तुम हम पर भरी थे। तुम सब भी भूखे थे। मांस फाड़कर उन्हे कच्चा चबा जाना तुम्हारा नेचर है। बावजूद इसके हमें जिंदा छोड़ दिये।

आर्यमणि:– सुनो नयोबि, पहली बात तो ये की अल्फा पैक वेजिटेरियन है। दूसरी बात हम तुम्हारे खून की प्यास को समझ सकते थे। अल्फा पैक जानती थी कि तुम जो खून पी रहे उसे तुम अपने लैब में कृत्रिम तरीके से बनाते हो। न की किसी इंसान या जानवर का खून पीते हो। इसलिए चिल मारो और जाकर अल्फा पैक की मदद करो यार। तोड़ो सालों को, और तोड़ने में कोई रहम मत करना... तब तक मैं अपने मेहमान पेड्रो से कुछ बात कर लूं। हां पेड्रो आगे कोई जानकारी...

पेड्रो:– बस इतना ही की ये लोग हमें किसी भी सूरत में अपनी दुनिया से बाहर नही जाने देंगे।

आर्यमणि:– ऐसे कैसे यहां से जाने नही देंगे, वो तुम मुझ पर छोड़ दो। तुम तो बस यहां की जानकारी साझा करो...

पेड्रो:– “हम लोग जहां है वह हीरो की खान है। यहां पर नायब किस्म के हीरे पाये जाते है, जिनका इस्तमाल ये लोग बड़े–बड़े बिल्डिंग बनाने में करते हैं। यूं समझ लो पूरे अंटार्टिका महाद्वीप ही इनका पूरा देश है। इनके पूरे देश में केवल गोमेद नदी के तट से लगे हिस्से से सूरज की रौशनी आती है, और वही रौशनी फिर इन हीरे के जरिए पूरे देश में फैलता है। यूं समझ लो की इन लोगों के पास सूर्य ऊर्जा को फैलाने का कृत्रिम टेक्नोलॉजी है।”

“पूरे देश को 5 हिस्से में बांट दिया गया है। मध्य हिस्सा को पीक राज्य कहते है। क्षेत्रफल में सबसे बड़ा और रोलफेल देश की राजधानी।मध्य भाग के अलावा चार और भाग है, जो ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ और साउथ में बटे है। ईस्ट राज्य को वॉल ईस्ट राज्य पुकारते है। वेस्ट राज्य को डुडम राज्य, नॉर्थ को हिमगिरि और साउथ को ब्रुजानो। यहां कुल 78 करोड़ बिग–फूट आबादी बसती है। यहां एक लाख इंसानी आबादी भी है, लेकिन वो सब अंटार्टिका में रिसर्च करने आये टीम के बंधक है, जिन्हे फिर कभी अपने प्रांत का मुंह देखना नसीब नही होगा।”

“बात यदि बिग–फूट की करे तो बस ये लोग इंसानों के मुकाबले बड़े साइज के है बाकी है ये भी इंसान ही और तकनीक रूप से काफी उन्नत। वैसे बाहुबल और सुरक्षा के लिहाज से भी रोलफेल देश काफी उन्नत है। क्राइम यहां काफी कम है इसलिए पूरे देश में मात्र 26 जेल है, जिसमे सबसे बड़ा जेल यही है। मेरे पास जितनी जानकारी थी वह मैने साझा कर दिया।”

आर्यमणि उसे हैरानी से देखते.... “भाई तू भी मेरी तरह टावर से सीधा जेल आ गया फिर इतनी जानकारी कहां से जुटा लिया।”..

पेड्रो:– मैं सीआईए का एक इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर हूं। मेरी एजेंसी मुझे जानकारी जुटाने के ही पैसे देती है। दरसल साल में 60 दिन बिग–फूट कैदी जेल से बाहर जाते है। उन 60 दिनो में बहुत से पुराने इंसानी कैदीयों से मुलाकात हुई। उनमें से कुछ तो तीसरी या चौथी बार सजा काट रहे थे... बस उन्ही लोगों से सारी जानकारी जुटाई है...

आर्यमणि:– कमाल ही कर दिया। अब जरा बैठ जाओ, और खेल का आनंद लो...

आर्यमणि पेड्रो को छोड़ा और रण में कूदा। अल्फा पैक पहले से ही कइयों की चीख निकाल चुके थे। लेकिन वो कई हिम–मानव इकट्ठा भिड़ के मुकाबले चंद ही थे। आर्यमणि अपनी तेज दहाड़ से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा और उसके बाद तो बड़े–बड़े साइज के वजनी मानव ताश के पत्तों की तरह पहले हवा में उड़े और फिर नीचे जमीन पर बिछ गये।

आर्यमणि उनके मुकाबले साइज में इतना छोटा था की मात्र उनके कमर तक आ रहा था। लेकिन दौड़ते हुये रास्ते में आने वाले हर हिम–मानव को अपने कंधे से इतना तेज धक्का मरता की वह हवा में ऊपर उड़ जाते और कर्राहते हुये नीचे लैंड करते। अगले चार घंटे तक यही खेल चलता रहा। और जब हॉल में घूमने का समय समाप्त हुआ तब लगभग 40 हजार हिम–मानव घायल कर्राह रहे थे। वहां की हालत किसी उजड़े स्थान से कम न था।

जैसे ही समय समाप्त होने की घोषणा हुई। सभी कैदी अपने–अपने सेल में चले गये। सिवाय घायल हिम–मानव और अल्फा पैक के। आर्यमणि अपने पैक को एक नजर देखते..... “जड़ों के बीच से सबको हील करो ताकि इनकी ये फालतू लेजर वाली बेब हमें कहीं भी पोर्ट न कर सके।”

आर्यमणि का हुक्म और अगले ही पल पूरे अल्फा पैक जड़ों में ढंके थे। लगभग 4 किलोमीटर लंबा जेल का वह पूरा हिस्सा था जिसमे चारो ओर जड़ें फैल गयी और फैलने के बाद हर घायल को जकड़ लिया। जैसे–जैसे घायल हील होते जा रहे थे उनके ऊपर से जड़ें हटती जा रही थी। वो लोग जैसे ही खड़े होते सीधा भागकर अपने सेल में पहुंचते।

लगभग एक घंटे तक सबको हील करने के बाद अल्फा पैक भी अपने सेल में थे। अगले दिन सुबह के ठीक 6 बजे सबके सेल खुल गये। एक बार फिर तकनीकी गुणवत्ता का परिचय देते हुये सभी कैदियों को लाइट द्वारा पोर्ट करके सीधा माइनिंग एरिया में भेज दिया गया।

प्रचुर मात्रा में धातु और खनिज के भंडार थे। किंतु वहां न तो किसी भी प्रकार के खनिज और न ही धातु की खुदाई करनी थी। बल्कि माइनिंग एरिया के किसी एक पॉइंट पर पटक दिया गया था। वहां से करीब 8 किलोमीटर का रास्ता तय करने के बाद जहां पहुंचे वहां का नजारा देखकर आंखें चौंधिया गयी। बड़े–बड़े क्रिस्टलनुमा पहाड़ खड़े थे। उन पहाड़ों को ही तोड़कर जमा करना था। अल्फा पैक बड़ी ही तेजी के साथ खुदाई कर रहे थे। चारो अन्य मजदूरों के मुकाबले 10 गुणा ज्यादा तेज गति से काम कर रहे थे।

काम करते हुये 3 घंटे पूरे हो गये लेकिन ये चारो अभी और काम करना चाह रहे थे इसलिए वापस गये ही नही। शिफ्ट जब बदल रही थी इसी बीच सबसे नजरें चुराकर आर्यमणि खुदाई के दौरान चुराये हुये अलग तरह के दिख रहे क्रिस्टल के बड़े टुकड़े को अपने पास से निकाला और पलक जिस हिसाब से सिखाई थी, बिलकुल उसी हिसाब से 2 जोड़ी पत्थर तराशकर सबके एमुलेट में डाल दिया।

रूही:– ये किस प्रकार का पत्थर है, आर्य।

आर्यमणि:– मुझे नही पता की यह किस प्रकार का पत्थर है, लेकिन जिस प्रकार का भी है, है यह दुर्लभ पत्थर। सबके एमुलेट में 2 जोड़ी पत्थर डाल दिया हूं। चलो देखा जाये इन पत्थरों के प्रयोग से क्या नया देखने मिलता है?

आर्यमणि ने जैसे ही शक्ति परीक्षण के लिये कहा अल्फा पैक के सभी सदस्य तैयार हो गये। हर कोई अपने एम्यूलेट को हाथ लगाकर मंत्र पढ़ा और फोकस केवल नये पत्थर ही थे।मंत्र पढ़ने के बाद हर किसी ने सभी विधि कोशिश कर लिया लेकिन कोई भी जान न सके की उन पत्थरों में ऐसा क्या खास था। किसी भी प्रकार की नई चीज उभरकर सामने नही आयी।

खैर वक्त कम था इसलिए बचे हुये लगभग 150 तराशे पत्थर को सबने अपने–अपने एम्यूलेट में छिपाया और काम पर लग गये। अल्फा पैक अपना दूसरा शिफ्ट भी शुरू कर चुके थे। बिना रुके लगातार काम करते रहे और 6 घंटे की ड्यूटी बजाने के बाद लगभग 1 बजे अपने सेल में थे।

रोज की तरह ही शाम को 5 बजे सबके सेल खुले। आज भी कल जैसा ही नजारा था। सभी इंसान बाहर आये एक बार हॉल के देखा और वापस अपने सेल मे। केवल वह सीआईए ऑफिसर पेड्रो ही था जो अल्फा पैक और वेमपायर के साथ नीचे हॉल तक जाने की हम्मत जुटा सका। आज जितने भी हिम–मानव थे इनसे दूरियां बनाकर ही चल रहे थे।

 

nain11ster

Prime
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nain11ster sahab ko pasand nahi nischal hella 😐

Nain sahab ko to bhabhi ji ke hath ka bna saled (सलाद ) pasand nhi jo vo daru ke sath khate hai :D

Ab Aap hi btao daru ke sath rasogulla Kon parosta hai :😂
Abhi jab Nischal aur he'll aayenge tab dekhne ka
 

nain11ster

Prime
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Actually nischal name ki bande ne humare nain11ster sahab ko college life me rg** li hogi murga banaya hoga isliye itni nafrat karte hai nischal se.... 🙄
Fir wo meri 2 kahani me na sirf hero balki super hero kaise hota :D.... Ye bhi to ho sakta hai ki ghanishth mitr ho jiske sath Mai kuch bhi kar sakta hun
 

nain11ster

Prime
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क्या भाई इतने बाद आये हो गायब होकर

ओर आते ही बिस्पोट कर दिया
Visphot ke aage ka shuru ho chuka hai :D
 

nain11ster

Prime
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Ha ye ho bhi sakta hai pr fir nishchal ko Itni power dene ki kya jarurat pad gyi apne Nainu bhaya ko...

Ek aap hi hain jo sare pahlu dimag me rakhte hain....
Ye kya him manav aa gye kya jo antartika me rahte the, arya ki heart beat bhi badh gyi, Ha ye to hona hi tha, jb pahli mulakat Ho or bina koi purv jankari ke aise samne aa jaye...

To Ye suit pahne aadmi Carolin ke sath tha or ab idhar aryamani or group ko khud usi ne recomend kiya hai FBI ko, arya jaha ek cruse ship mang rha tha vahi ruhi ne apni bhartiya hone ka mind blowing praman de diya, 50 milian se 1 milian USD me baat khatm hui...

Arya apni sarto me kaam karne raji hua hai or pahuch gya antartika, 1 km moti parat barf ki tod di tino ke ek santulit prahar ne, Dekhte hai Pahle mulakat hoti hai Ya kuchh or...

Nyobi ne apni galti mani ki unhone arya and team ko bina puri jankari ke hamla kiya tha or uske liye unhone apne kabile ko gumrah kr diya hai abhi ke liye...

Arya ne Pahle hi bta diya tha ki koi bhi apni ankho ke sence ka prayog na kare sirf kaan naak ka hi prayog Kare taki inko sak na ho or aisa hua bhi, sale FBI vale najar rakhe hue the puri team pr...


(Vaise maine kahi Suna tha ki vampair ke khoon me us bande ki bhi yade hoti hai Jiska Unhone khoon piya hota hai, aryamani unki yade to nikal nhi saka pr Dekhte hai vo kya tarkeeb lgata hai unki yado ko janne ki)

Superb bhai jabarjast sandar lajvab amazing update with awesome writing skills Nainu bhaya

Achha hua jo aapne ye vempire ki jankari diya tha... Main thoda research karke isi point par mamla fasaunga.... Warna soch hi Raha tha ki dono ko aapas me bhidaye kaise....

Haan nayobi ne apne samuday ko gumrah Kiya.... Karan simple aur sahi bhi tha.... Galti vempire ki thi... Lekin sajiskarta ab bhi kahin hai wo kya chup rahega... Kya wo kisi vidhi se vempire ke dilon ki aag me hi nahi dalega.... Sochne wali bat hai lekin jab bhi dekhne milega poora hi dekhne milega....

Filhaal aage ke kayi update de diya hun... Ab pratiksha hai aap ki
 

nain11ster

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क्या भाई इतने बाद आये हो गायब होकर

ओर आते ही बिस्पोट कर दिया
Visphot nain ka dusra naam aaj se :D
 
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