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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–177


जब कुछ काम न आया तब बेबस इंसानों की तरह सुकेश आर्यमणि के कदमों में गिड़ा था। रहम की भीख मांगता रहा। शायद दिल अभी उतना पत्थर का नही हुआ था, इसलिए तो आर्यमणि ने अपनी मजबूत पकड़ से मीनाक्षी को आजाद कर दिया। आजाद होते ही मीनाक्षी भी आर्यमणि के पाऊं में गिरी थी, और ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से लाइव रिले हो रहा था, जिसे पृथ्वी पर बसा हर नायजो देख रहा था।

आर्यमणि मुंह छिपाकर अपना आंशु पोंछा और भारी आवाज में कहने लगा.... “ये मेरी रूही, ओजल, इवान और अलबेली का दोषी है। ये महान अल्फा हीलर फेहरिन का दोषी है।

सरदार खान की गलियों के जुल्म मैं भुला नही। ओजल इन्हे भी बाकियों के साथ कांटों पर लिटा दो, और मुझे सुकून क्यों नही मिल रहा? इन सबकी चिंखे क्यों नही निकल रही?

आर्यमणि ने आदेश दिया और अगले ही पल सुकेश और मीनाक्षी भी बाकियों को तरह कांटेदार जड़ों की चिता पर लेटे थे। चीख और पुकार से वह जगह गूंज उठी थी। “मार दो, मुझे मार दो” ऐसी मिन्नतें चारो ओर से हो रही थी। एक मुखिया और 2 नायजो थे जो अब तक अपने पाऊं पर खड़े थे।

ओजल ने चींख का डोज और बढ़ा दिया। हर कांटे कैस्टर ऑयल के जहर से लिप्त थे और हर कोई गला फाड़ रहा था। ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से रिले हो रहा था। कुछ देर के लिये आर्यमणि ने सबके मुंह में जड़ों को ठूंसकर पूरे माहौल को शांत कर दिया। उसके बाद लाइव स्क्रीन के सामने आकर साफ शब्दों में अपना संदेश दिया..... “तुम्हारे सारे नेता यहां किस हाल में मर रहे वो देख लो। हर एलियन का पंजीकरण लिस्ट पलक के पास है। उसकी टीम नागपुर से ऑपरेट कर रही है। जिसका नाम पुकारा जाये अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर सीधा इस प्लेनेट से रवाना हो जाना। बाकी पलक के पुकारने पर जो उपस्थित नही होगा उसे मैं सदा के लिये अनुपस्थित कर दूंगा। चलो सभा यहीं खत्म हुई।”

इतना कहकर आर्यमणि ने उनका लाइन डिस्कनेक्ट कर दिया और पलक से संपर्क किया। पलक और उसकी कोर टीम अंतर्ध्यान होकर पहले ही नागपुर प्रहरी वर्क स्टेशन पहुंच चुकी थी। पलक कनेक्ट होती.... “पूरा कहर का मंजर एक बार फिर सबको याद दिला दिये। आर्य तुमने तो कहा था कि हम बैठकर बात करेंगे, फिर अचानक ये फैसला कैसे ले लिये। 10 करोड़ पंजीकरण को क्या मैं 30 लोगों से देखूं। ऊपर से इतने सारे लोगों को बाहर निकालने के लिये विमान कहां है।”

आर्यमणि:– तुम्हे जितने लोग चाहिए और जिस कॉर्डिनेशन में चाहिए उतने लोग मिल जाएंगे। आराम से लिस्ट वेरिफिकेशन करो। 10 करोड़ नायजो के लिये मेरे पास उस से ज्यादा लोग है। बस जैसा ऋषि शिवम कहे वैसा मान लेना।

पलक:– साथ में ये भी कह दो की तुम्हारे पास 10 करोड़ विमान भी है।

आर्यमणि:– इतना विमान भी होता है क्या? खैर विमान की चिंता तुम क्यों करती हो, उसकी व्यवस्था कारेनाराय करेगा। यहां के पूरे आबादी को वो अपने प्लेनेट पर बसायेगा?

पलक:– भूल गये क्या, उसकी सबसे छोटी बीवी के साथ क्या किये थे?

आर्यमणि:– तुम कुछ भूल रही हो, यहां मैने किन लोगों को चिता पर लिटाया है, और एक जो जीवित मुखिया खड़ा है वह किस प्लेनेट का है।

पलक:– हां यार ये मैं कैसे भुल गयी। चलो फिर इन सबके साथ मैं भी पृथ्वी से चली। एक बात कहूं आर्य...

आर्यमणि उसे बीच में ही रोकते..... “तुम्हे मै खुद गुरियन प्लेनेट तक छोड़ आऊंगा। तुम इनके साथ नही जा रही। अब भावनाओ को काबू करो और करेनाराय से कॉन्टैक्ट करो।”...

बहुत ज्यादा इंतजार नही करना पड़ा। अगले एक मिनट में पलक, करेनाराय को स्क्रीन पर ला चुकी थी। जैसे ही वह स्क्रीन पर आया आंखों से शोले बरसा रहा था। हां जुबान बंद थी क्योंकि उसे पहली मुलाकात अच्छे से याद थी। तभी तो आज उसके स्क्रीन के पीछे अच्छी खासी भीड़ भी दिख रही थी।

कारेनाराय:– तुम जिंदा बच गये?

आर्यमणि:– इसे कहते है अनुशासन में बात करना। चल तुझे पहले मैं कुछ दिखाता हूं, फिर आगे बात करेंगे। ओजल....

इस बार जब ओजल नाम आया, निशांत जोर से चिल्लाते.... “कमीने हर बार ओजल, पैक में मेरा क्या एक ही रोल है। नही रहना मुझे अल्फा पैक में। मै अपस्यु का डेविल ग्रुप ही ज्वाइन कर लेता हूं।”..

आर्यमणि:– अरे माफ कर दे। तू ही ले आ उस नमूने को...

निशांत:– ये हुई न बात...

निशांत, विषपर प्लेनेट के मुखिया को स्क्रीन के सामने ले आया। जैसे ही स्क्रीन पर विषपर प्लेनेट का मुखिया आया, करेनाराय और उसके साथ सभी लोग सर झुकाते... “राजा बोजाज्स आप इनके साथ।”... अब वो राजा बोजाज्स हो या पोजाज्स, आर्यमणि सबके सामने उसे एक कराड़ा थप्पड़ मारते... “करेनाराय, एक बार फिर जरा अपने राजा का अभिवादन करो।”...

करेनाराय:– इस चूतिये को कहां से पकड़ लिये। ये मदरचोद मेरा सौभाग्य पत्थर लेने के लिये 5 बार मेरे गांड़ में डंडा कर चुका था। आर्य... माफ करना तुझे मैं आर्य पुकार सकता हूं ना..

आर्यमणि:– हां कह लो..

करेनाराय:– आर्य, मैने तेरा कुछ नही बिगाड़ा था और न ही इस चुतिया के किसी पचड़े में अपना कोई रोल है। हां मेरे ग्रह पर ये आबादी लाकर ठुस देता है, जिसे मैं स्वीकार करता हूं। इस मदरचोद के चमचे मेरे ग्रह से पृथ्वी नवजात का मांस खाने जाते और मदरचोद मेरा नाम खराब करते। दोस्त तूने मेरी बीवी को मारा वो मैं भूल जाऊंगा बस इसकी गांड़ मार लेना वहां। इस चुतिये के 2 लाख चमचों को तो मैं आज ही साफ कर दूंगा।

आर्यमणि:– कारेनाराय आज तुम्हारी भाषा अपने ही समुदाय के लोगों के लिये अलग है...

करेनाराय:– ये अकेला मदरचोद ही क्या पूरा नायजो है। खुद को शुद्ध खून कहने वाला ये ढीला लन्ड हवसी है।

आर्यमणि:– और तुम नही हो क्या?

करेनाराय:– तू बार बार मेरे पर क्यों आ जाता है। मैने केवल कुछ शादियां की थी। बीवी पुरानी हो गयी थी और नई वाली को पटाकर शादी किया था। कोई जबरदस्ती थोड़े ना किया था। अभी उसकी उम्र ही क्या थी। मार दिया तूने...

आर्यमणि:– अच्छा और वो जो आखरी वक्त कहा था, पृथ्वी के सारे मामले वही देखती है? तो क्या तेरी छोटी बीवी अजूर्म ने बच्चो को नही खाया था। इस मामले में मैने तो तेरा नाम भी सुना है...

करेनाराय:– हां वो अजुर्मी ने घोर पाप तो किया था। लगता है प्रेम मोह में मैं इस बात को नजरंदाज कर गया। या फिर बहुत से मदरचोदो के फितरत में ही बच्चे खाना है इसलिए अब ये बातें आम सी लगती है। किंतु ये इतनी भी आम बात नही। मै पृथ्वी से इसी चक्कर के कारण पीछा छुड़ाया था। पर कोई मुझ पर ये उंगली नही उठा सकता की मैं या मेरे जितने भी अनुयाई है उनमें से किसी ने बच्चे को खाया था। मर्द हूं सीना तान कर सामने से लडूंगा। एक क्षत्रिय परिवार मेरा वंशज था और इंसान मेरे कुटुंब। भुला नहीं मैं अब तक इस बात को।

आर्यमणि:– बातें बहुत हो गयी। अब मैं काम की बात करने जा रहा हूं। पृथ्वी से पूरी नायजो आबादी को हटा रहा। लगभग 10 करोड़ आबादी है। उनके लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– 10 करोड़ में से तो 8 करोड़ इन्ही हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट के चमचे होंगे। इतनी बागी आबादी को मैं कंट्रोल कैसे करूंगा, जबकि इसके मुखिया को तो मैंने अभी–अभी बेज्जत कर दिया। ये मैने क्या कर दिया? अब ये हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट वाले भी मेरे पीछे पड़ जायेंगे।

आर्यमणि:– क्षत्रिय परिवार का फट्टू राजा, तू खुद नही किसी दूसरे प्लेनेट से लड़ सकता है क्या? तुझे कितनी सैन्य सहायता चाहिए..

करेनाराय:– “दूसरे के सैनिक दूसरे के ही होते हैं जैसे ये विषपर का गलिच राजा बोजाज्स। 2 लाख सैनिकों को लगभग 70 साल पहले भेजा था। वह आज हमारे हर मामले में टांग उठाकर माथे पर मूतता है। पूरा शासन मैं देखता हूं लेकिन सैन्य मामले में उनकी न सुनो तो अपने बाप को फोन लगायेगा और वहां का एक चपरासी मुझे धमकाता है कि बात मान लो वरना राजा के कान में बात गयी तो मामला बिगड़ जायेगा।”

“ऐसे ही वाणिज्य हो या फिर अन्य कोई मामले। हर मामले को देखने के लिये इन लोगों ने अपने आदमियों को रखा है। हर किसी को घी से नहला दिया। मखमल के बिस्तर पर सुला दिया। हर सुख सुविधा को दिया फिर भी वफादारी नही बदली।”

आर्यमणि:– कारेनाराय बहुत दिमाग चाट रहा है। महा कैदियों की नगरी से इस लाइन को कनेक्ट करो और वहां तक करेनाराय की आवाज पहुंचाओ...

करेनाराय:– ये नवी लड़की कौन है आर्य... प्रिय मैं आपको नजरंदाज करने की गुस्ताखी कैसे कर सकता हूं? आप बस एक बार मुस्कुरा दे तो मैं अपना राज–पाट सब आपके हवाले कर दूं। इतनी सारी बाला की खूबसूरत महिलाओं से मिल चुका हूं। पर तुम्हारी काया की जो माया है...

ओजल:– बस कर ठरकी, जितनी तुम्हारे ग्रह की आबादी है, उस से कहीं ज्यादा तो ये कैदियों को पाल रही। जरा होश में...

महा:– पतिदेव कनेक्ट कर दी हूं। इस गधे से कह दो दोबारा मेरे लिये ऐसे शब्द कहेगा तो मैं इसे चीड़ दूंगी...

आर्यमणि:– कारेनाराय अगली बार जरा संभलकर। लो देख लो कैदियों को। ये सारे कैदी किसी वक्त के यूनिवर्स ट्रेवलर्स रहे थे। किसी कारणवश ये सब मरने वाले थे और उनकी जान यहां के राजा ने बचाई। बदले में ये लोग उनका काम करते है। तुम्हारी आवाज ये सुन सकते हैं। इन्हे भरोसा दो की तुम इन्हें घर और इज्जत से जीने की आजादी दोगे और बदले में ये तुम्हे अपनी वफादारी देंगे..... दो भरोसा और ले लो वफादारी...

करेनाराय:– ये तो खजाने का पता बता दिया भाई। जिस साम्राज्य के पास इतने कैदी है उनके पास सैनिक कितने होंगे। माफ करना कुछ गुस्ताखी हुई हो तो।

आर्यमणि:– तुम्हारी बकवास वो कैदी सुन रहे है। अपनी बात कहो कारेनाराय।

करेनाराय:– तुम सब ने बहुत ज्यादा कैद झेल लिये। मै वादा करता हूं कि तुम हमारे प्रदेश के स्वतंत्र नागरिक होगे, लेकिन बदले में तुम्हे शासन के प्रति जिम्मेदार और अनुशासित होना होगा। क्योंकि बिना कीमत आजादी नहीं मिलती। राष्ट्र हित में जो जरूरी काम है तुम्हे वही कहूंगा करने। न तो गलत काम करता हूं और न ही गलत काम करने कहूंगा। कहूंगा तो सिर्फ इतना ही की जो भी हमारे राष्ट्र के दुश्मन है और वो जो मुझे हराकर तुमसे एक बार फिर तुम्हारी आजादी छीनना चाहते है, उनके सर धर से अलग कर दो। बस तुम्हारी आजादी की इतनी सी जायज कीमत है। जो भी ये कीमत देना चाहते हो, वो तैयार हो जाये। जल्द ही सबको निकाल लूंगा।

आर्यमणि ने इशारा किया और लाइन डिस्कनेक्ट हो गयी। करेनाराय खुश होते..... “क्या बात है आर्य। साला पानी के अंदर के साम्राज्य में भी तेरा कॉन्टैक्ट। और ये इतने सारे एलियन वहां कैद कैसे हो गये।

आर्यमणि:– हर बात तुम्हे आज ही जाननी है क्या? 15 करोड़ लोगों को उठने के लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– बस एक आखरी सवाल। इस घोंचू राजा बोजाज्स का क्या करने वाले हो?

आर्यमणि:– “ये हमारा कैदी होगा और इसकी बेटी माया को मैं एक दिन का वक्त दूंगा। उस एक दिन में वो जहां से मदद बुला सकती है बुला ले... उस माया और उसकी पूरी मदद को मैं एक साथ जमीन के नीचे गाड़ दूंगा ताकि कोई नायजो दोबारा पृथ्वी पर अपनी बुरी नजर न डाले।”

“जब ये सारा कांड खत्म हो जाएगा, फिर जैसा की मैने पलक से वादा किया था उसे खुद गुरीयन प्लेनेट तक छोड़कर आऊंगा, सो मैं 10 से 15 दिनो में तुमसे भी मिलने पहुंच रहा हूं।”

करेनाराय:– स्वागत है तुम्हारा भेड़िया राजा... तुम आओगे तो लगेगा सुदामा की कुटिया में भगवान कृष्ण पधारे है।

आर्यमणि:– चलो लाइन डियाकनेक्ट करता हूं, अभी बहुत से काम बाकी है।

करेनाराय का लाइन डिस्कनेक्ट हुआ और आर्यमणि ने सीधा माया से संपर्क किया.... “सबको मार डाले।”...

आर्यमणि:– सबको अभी मारा कहां है। अभी तो सब चिता पर लेटे है। देखो पीछे का नजारा...

माया:– दर्द की चिता। इस से अच्छा तो मार ही देते।

आर्यमणि:– मुझे मारने की ज़रूरत नही, 8 घंटे के बाद अपने आप मरना शुरू हो जायेंगे। तू अभी लोकाका आइलैंड पर ही है ना। जहां से भी मदद बुला सकती है बुला ले। तेरा बाप जिंदा है और एक दिन बाद, यानी कल को छोड़ परसो, जहां भी लड़ने की इच्छा हो बता देना। तेरे बाप को लेकर पहुंच जाऊंगा। हां पर तेरे बाप को जिंदा रखने की एक ही शर्त है, अपने दोस्तों को भी साथ लाना। किन्हें वो तो तुम्हे पता ही होगा।

माया:– तू मेरे बाप को रख ले। लोकका आइलैंड का भी सर्वनाश कर दे। मै और मेरे सभी दोस्त, दोस्तों हाई कहो आर्यमणि को...

स्क्रीन के सामने सभी कातिल लाइन लगाकर हाई करने लगे। माया उन सबका चेहरा दिखाने के बाद.... “हम सब विषपर आइलैंड जा रहे। अब मेरे बाप को मार दे या कैद में रख घंटा फर्क नही पड़ता। वैसे भी अपने परिवार में मैं अकेली बची इसलिए जा रही हूं अपना देश संभालने। तू रोज रात को अपनी नई बीवी के साथ घंटा हिलाकर सोचते रहना की मैं अपना बदला कैसे लूं।”

 

Singh r.k.

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भाग:–177


जब कुछ काम न आया तब बेबस इंसानों की तरह सुकेश आर्यमणि के कदमों में गिड़ा था। रहम की भीख मांगता रहा। शायद दिल अभी उतना पत्थर का नही हुआ था, इसलिए तो आर्यमणि ने अपनी मजबूत पकड़ से मीनाक्षी को आजाद कर दिया। आजाद होते ही मीनाक्षी भी आर्यमणि के पाऊं में गिरी थी, और ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से लाइव रिले हो रहा था, जिसे पृथ्वी पर बसा हर नायजो देख रहा था।

आर्यमणि मुंह छिपाकर अपना आंशु पोंछा और भारी आवाज में कहने लगा.... “ये मेरी रूही, ओजल, इवान और अलबेली का दोषी है। ये महान अल्फा हीलर फेहरिन का दोषी है।

सरदार खान की गलियों के जुल्म मैं भुला नही। ओजल इन्हे भी बाकियों के साथ कांटों पर लिटा दो, और मुझे सुकून क्यों नही मिल रहा? इन सबकी चिंखे क्यों नही निकल रही?

आर्यमणि ने आदेश दिया और अगले ही पल सुकेश और मीनाक्षी भी बाकियों को तरह कांटेदार जड़ों की चिता पर लेटे थे। चीख और पुकार से वह जगह गूंज उठी थी। “मार दो, मुझे मार दो” ऐसी मिन्नतें चारो ओर से हो रही थी। एक मुखिया और 2 नायजो थे जो अब तक अपने पाऊं पर खड़े थे।

ओजल ने चींख का डोज और बढ़ा दिया। हर कांटे कैस्टर ऑयल के जहर से लिप्त थे और हर कोई गला फाड़ रहा था। ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से रिले हो रहा था। कुछ देर के लिये आर्यमणि ने सबके मुंह में जड़ों को ठूंसकर पूरे माहौल को शांत कर दिया। उसके बाद लाइव स्क्रीन के सामने आकर साफ शब्दों में अपना संदेश दिया..... “तुम्हारे सारे नेता यहां किस हाल में मर रहे वो देख लो। हर एलियन का पंजीकरण लिस्ट पलक के पास है। उसकी टीम नागपुर से ऑपरेट कर रही है। जिसका नाम पुकारा जाये अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर सीधा इस प्लेनेट से रवाना हो जाना। बाकी पलक के पुकारने पर जो उपस्थित नही होगा उसे मैं सदा के लिये अनुपस्थित कर दूंगा। चलो सभा यहीं खत्म हुई।”

इतना कहकर आर्यमणि ने उनका लाइन डिस्कनेक्ट कर दिया और पलक से संपर्क किया। पलक और उसकी कोर टीम अंतर्ध्यान होकर पहले ही नागपुर प्रहरी वर्क स्टेशन पहुंच चुकी थी। पलक कनेक्ट होती.... “पूरा कहर का मंजर एक बार फिर सबको याद दिला दिये। आर्य तुमने तो कहा था कि हम बैठकर बात करेंगे, फिर अचानक ये फैसला कैसे ले लिये। 10 करोड़ पंजीकरण को क्या मैं 30 लोगों से देखूं। ऊपर से इतने सारे लोगों को बाहर निकालने के लिये विमान कहां है।”

आर्यमणि:– तुम्हे जितने लोग चाहिए और जिस कॉर्डिनेशन में चाहिए उतने लोग मिल जाएंगे। आराम से लिस्ट वेरिफिकेशन करो। 10 करोड़ नायजो के लिये मेरे पास उस से ज्यादा लोग है। बस जैसा ऋषि शिवम कहे वैसा मान लेना।

पलक:– साथ में ये भी कह दो की तुम्हारे पास 10 करोड़ विमान भी है।

आर्यमणि:– इतना विमान भी होता है क्या? खैर विमान की चिंता तुम क्यों करती हो, उसकी व्यवस्था कारेनाराय करेगा। यहां के पूरे आबादी को वो अपने प्लेनेट पर बसायेगा?

पलक:– भूल गये क्या, उसकी सबसे छोटी बीवी के साथ क्या किये थे?

आर्यमणि:– तुम कुछ भूल रही हो, यहां मैने किन लोगों को चिता पर लिटाया है, और एक जो जीवित मुखिया खड़ा है वह किस प्लेनेट का है।

पलक:– हां यार ये मैं कैसे भुल गयी। चलो फिर इन सबके साथ मैं भी पृथ्वी से चली। एक बात कहूं आर्य...

आर्यमणि उसे बीच में ही रोकते..... “तुम्हे मै खुद गुरियन प्लेनेट तक छोड़ आऊंगा। तुम इनके साथ नही जा रही। अब भावनाओ को काबू करो और करेनाराय से कॉन्टैक्ट करो।”...

बहुत ज्यादा इंतजार नही करना पड़ा। अगले एक मिनट में पलक, करेनाराय को स्क्रीन पर ला चुकी थी। जैसे ही वह स्क्रीन पर आया आंखों से शोले बरसा रहा था। हां जुबान बंद थी क्योंकि उसे पहली मुलाकात अच्छे से याद थी। तभी तो आज उसके स्क्रीन के पीछे अच्छी खासी भीड़ भी दिख रही थी।

कारेनाराय:– तुम जिंदा बच गये?

आर्यमणि:– इसे कहते है अनुशासन में बात करना। चल तुझे पहले मैं कुछ दिखाता हूं, फिर आगे बात करेंगे। ओजल....

इस बार जब ओजल नाम आया, निशांत जोर से चिल्लाते.... “कमीने हर बार ओजल, पैक में मेरा क्या एक ही रोल है। नही रहना मुझे अल्फा पैक में। मै अपस्यु का डेविल ग्रुप ही ज्वाइन कर लेता हूं।”..

आर्यमणि:– अरे माफ कर दे। तू ही ले आ उस नमूने को...

निशांत:– ये हुई न बात...

निशांत, विषपर प्लेनेट के मुखिया को स्क्रीन के सामने ले आया। जैसे ही स्क्रीन पर विषपर प्लेनेट का मुखिया आया, करेनाराय और उसके साथ सभी लोग सर झुकाते... “राजा बोजाज्स आप इनके साथ।”... अब वो राजा बोजाज्स हो या पोजाज्स, आर्यमणि सबके सामने उसे एक कराड़ा थप्पड़ मारते... “करेनाराय, एक बार फिर जरा अपने राजा का अभिवादन करो।”...

करेनाराय:– इस चूतिये को कहां से पकड़ लिये। ये मदरचोद मेरा सौभाग्य पत्थर लेने के लिये 5 बार मेरे गांड़ में डंडा कर चुका था। आर्य... माफ करना तुझे मैं आर्य पुकार सकता हूं ना..

आर्यमणि:– हां कह लो..

करेनाराय:– आर्य, मैने तेरा कुछ नही बिगाड़ा था और न ही इस चुतिया के किसी पचड़े में अपना कोई रोल है। हां मेरे ग्रह पर ये आबादी लाकर ठुस देता है, जिसे मैं स्वीकार करता हूं। इस मदरचोद के चमचे मेरे ग्रह से पृथ्वी नवजात का मांस खाने जाते और मदरचोद मेरा नाम खराब करते। दोस्त तूने मेरी बीवी को मारा वो मैं भूल जाऊंगा बस इसकी गांड़ मार लेना वहां। इस चुतिये के 2 लाख चमचों को तो मैं आज ही साफ कर दूंगा।

आर्यमणि:– कारेनाराय आज तुम्हारी भाषा अपने ही समुदाय के लोगों के लिये अलग है...

करेनाराय:– ये अकेला मदरचोद ही क्या पूरा नायजो है। खुद को शुद्ध खून कहने वाला ये ढीला लन्ड हवसी है।

आर्यमणि:– और तुम नही हो क्या?

करेनाराय:– तू बार बार मेरे पर क्यों आ जाता है। मैने केवल कुछ शादियां की थी। बीवी पुरानी हो गयी थी और नई वाली को पटाकर शादी किया था। कोई जबरदस्ती थोड़े ना किया था। अभी उसकी उम्र ही क्या थी। मार दिया तूने...

आर्यमणि:– अच्छा और वो जो आखरी वक्त कहा था, पृथ्वी के सारे मामले वही देखती है? तो क्या तेरी छोटी बीवी अजूर्म ने बच्चो को नही खाया था। इस मामले में मैने तो तेरा नाम भी सुना है...

करेनाराय:– हां वो अजुर्मी ने घोर पाप तो किया था। लगता है प्रेम मोह में मैं इस बात को नजरंदाज कर गया। या फिर बहुत से मदरचोदो के फितरत में ही बच्चे खाना है इसलिए अब ये बातें आम सी लगती है। किंतु ये इतनी भी आम बात नही। मै पृथ्वी से इसी चक्कर के कारण पीछा छुड़ाया था। पर कोई मुझ पर ये उंगली नही उठा सकता की मैं या मेरे जितने भी अनुयाई है उनमें से किसी ने बच्चे को खाया था। मर्द हूं सीना तान कर सामने से लडूंगा। एक क्षत्रिय परिवार मेरा वंशज था और इंसान मेरे कुटुंब। भुला नहीं मैं अब तक इस बात को।

आर्यमणि:– बातें बहुत हो गयी। अब मैं काम की बात करने जा रहा हूं। पृथ्वी से पूरी नायजो आबादी को हटा रहा। लगभग 10 करोड़ आबादी है। उनके लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– 10 करोड़ में से तो 8 करोड़ इन्ही हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट के चमचे होंगे। इतनी बागी आबादी को मैं कंट्रोल कैसे करूंगा, जबकि इसके मुखिया को तो मैंने अभी–अभी बेज्जत कर दिया। ये मैने क्या कर दिया? अब ये हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट वाले भी मेरे पीछे पड़ जायेंगे।

आर्यमणि:– क्षत्रिय परिवार का फट्टू राजा, तू खुद नही किसी दूसरे प्लेनेट से लड़ सकता है क्या? तुझे कितनी सैन्य सहायता चाहिए..

करेनाराय:– “दूसरे के सैनिक दूसरे के ही होते हैं जैसे ये विषपर का गलिच राजा बोजाज्स। 2 लाख सैनिकों को लगभग 70 साल पहले भेजा था। वह आज हमारे हर मामले में टांग उठाकर माथे पर मूतता है। पूरा शासन मैं देखता हूं लेकिन सैन्य मामले में उनकी न सुनो तो अपने बाप को फोन लगायेगा और वहां का एक चपरासी मुझे धमकाता है कि बात मान लो वरना राजा के कान में बात गयी तो मामला बिगड़ जायेगा।”

“ऐसे ही वाणिज्य हो या फिर अन्य कोई मामले। हर मामले को देखने के लिये इन लोगों ने अपने आदमियों को रखा है। हर किसी को घी से नहला दिया। मखमल के बिस्तर पर सुला दिया। हर सुख सुविधा को दिया फिर भी वफादारी नही बदली।”

आर्यमणि:– कारेनाराय बहुत दिमाग चाट रहा है। महा कैदियों की नगरी से इस लाइन को कनेक्ट करो और वहां तक करेनाराय की आवाज पहुंचाओ...

करेनाराय:– ये नवी लड़की कौन है आर्य... प्रिय मैं आपको नजरंदाज करने की गुस्ताखी कैसे कर सकता हूं? आप बस एक बार मुस्कुरा दे तो मैं अपना राज–पाट सब आपके हवाले कर दूं। इतनी सारी बाला की खूबसूरत महिलाओं से मिल चुका हूं। पर तुम्हारी काया की जो माया है...

ओजल:– बस कर ठरकी, जितनी तुम्हारे ग्रह की आबादी है, उस से कहीं ज्यादा तो ये कैदियों को पाल रही। जरा होश में...

महा:– पतिदेव कनेक्ट कर दी हूं। इस गधे से कह दो दोबारा मेरे लिये ऐसे शब्द कहेगा तो मैं इसे चीड़ दूंगी...

आर्यमणि:– कारेनाराय अगली बार जरा संभलकर। लो देख लो कैदियों को। ये सारे कैदी किसी वक्त के यूनिवर्स ट्रेवलर्स रहे थे। किसी कारणवश ये सब मरने वाले थे और उनकी जान यहां के राजा ने बचाई। बदले में ये लोग उनका काम करते है। तुम्हारी आवाज ये सुन सकते हैं। इन्हे भरोसा दो की तुम इन्हें घर और इज्जत से जीने की आजादी दोगे और बदले में ये तुम्हे अपनी वफादारी देंगे..... दो भरोसा और ले लो वफादारी...

करेनाराय:– ये तो खजाने का पता बता दिया भाई। जिस साम्राज्य के पास इतने कैदी है उनके पास सैनिक कितने होंगे। माफ करना कुछ गुस्ताखी हुई हो तो।

आर्यमणि:– तुम्हारी बकवास वो कैदी सुन रहे है। अपनी बात कहो कारेनाराय।

करेनाराय:– तुम सब ने बहुत ज्यादा कैद झेल लिये। मै वादा करता हूं कि तुम हमारे प्रदेश के स्वतंत्र नागरिक होगे, लेकिन बदले में तुम्हे शासन के प्रति जिम्मेदार और अनुशासित होना होगा। क्योंकि बिना कीमत आजादी नहीं मिलती। राष्ट्र हित में जो जरूरी काम है तुम्हे वही कहूंगा करने। न तो गलत काम करता हूं और न ही गलत काम करने कहूंगा। कहूंगा तो सिर्फ इतना ही की जो भी हमारे राष्ट्र के दुश्मन है और वो जो मुझे हराकर तुमसे एक बार फिर तुम्हारी आजादी छीनना चाहते है, उनके सर धर से अलग कर दो। बस तुम्हारी आजादी की इतनी सी जायज कीमत है। जो भी ये कीमत देना चाहते हो, वो तैयार हो जाये। जल्द ही सबको निकाल लूंगा।

आर्यमणि ने इशारा किया और लाइन डिस्कनेक्ट हो गयी। करेनाराय खुश होते..... “क्या बात है आर्य। साला पानी के अंदर के साम्राज्य में भी तेरा कॉन्टैक्ट। और ये इतने सारे एलियन वहां कैद कैसे हो गये।

आर्यमणि:– हर बात तुम्हे आज ही जाननी है क्या? 15 करोड़ लोगों को उठने के लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– बस एक आखरी सवाल। इस घोंचू राजा बोजाज्स का क्या करने वाले हो?

आर्यमणि:– “ये हमारा कैदी होगा और इसकी बेटी माया को मैं एक दिन का वक्त दूंगा। उस एक दिन में वो जहां से मदद बुला सकती है बुला ले... उस माया और उसकी पूरी मदद को मैं एक साथ जमीन के नीचे गाड़ दूंगा ताकि कोई नायजो दोबारा पृथ्वी पर अपनी बुरी नजर न डाले।”

“जब ये सारा कांड खत्म हो जाएगा, फिर जैसा की मैने पलक से वादा किया था उसे खुद गुरीयन प्लेनेट तक छोड़कर आऊंगा, सो मैं 10 से 15 दिनो में तुमसे भी मिलने पहुंच रहा हूं।”

करेनाराय:– स्वागत है तुम्हारा भेड़िया राजा... तुम आओगे तो लगेगा सुदामा की कुटिया में भगवान कृष्ण पधारे है।

आर्यमणि:– चलो लाइन डियाकनेक्ट करता हूं, अभी बहुत से काम बाकी है।

करेनाराय का लाइन डिस्कनेक्ट हुआ और आर्यमणि ने सीधा माया से संपर्क किया.... “सबको मार डाले।”...

आर्यमणि:– सबको अभी मारा कहां है। अभी तो सब चिता पर लेटे है। देखो पीछे का नजारा...

माया:– दर्द की चिता। इस से अच्छा तो मार ही देते।

आर्यमणि:– मुझे मारने की ज़रूरत नही, 8 घंटे के बाद अपने आप मरना शुरू हो जायेंगे। तू अभी लोकाका आइलैंड पर ही है ना। जहां से भी मदद बुला सकती है बुला ले। तेरा बाप जिंदा है और एक दिन बाद, यानी कल को छोड़ परसो, जहां भी लड़ने की इच्छा हो बता देना। तेरे बाप को लेकर पहुंच जाऊंगा। हां पर तेरे बाप को जिंदा रखने की एक ही शर्त है, अपने दोस्तों को भी साथ लाना। किन्हें वो तो तुम्हे पता ही होगा।

माया:– तू मेरे बाप को रख ले। लोकका आइलैंड का भी सर्वनाश कर दे। मै और मेरे सभी दोस्त, दोस्तों हाई कहो आर्यमणि को...

स्क्रीन के सामने सभी कातिल लाइन लगाकर हाई करने लगे। माया उन सबका चेहरा दिखाने के बाद.... “हम सब विषपर आइलैंड जा रहे। अब मेरे बाप को मार दे या कैद में रख घंटा फर्क नही पड़ता। वैसे भी अपने परिवार में मैं अकेली बची इसलिए जा रही हूं अपना देश संभालने। तू रोज रात को अपनी नई बीवी के साथ घंटा हिलाकर सोचते रहना की मैं अपना बदला कैसे लूं।”
Nice update
 
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Parthh123

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Kamini maya ko bhram hai ki arya and party wispar planet nhi ja payegi. Sali kutiya jb waha pahuchkar arya fadega enki tb smjh me ayega. Hahahah. Ekdm bawal update. Sala karenaraya bhi sidha hua pda hai kya bat hai.
 
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Devilrudra

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भाग:–177


जब कुछ काम न आया तब बेबस इंसानों की तरह सुकेश आर्यमणि के कदमों में गिड़ा था। रहम की भीख मांगता रहा। शायद दिल अभी उतना पत्थर का नही हुआ था, इसलिए तो आर्यमणि ने अपनी मजबूत पकड़ से मीनाक्षी को आजाद कर दिया। आजाद होते ही मीनाक्षी भी आर्यमणि के पाऊं में गिरी थी, और ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से लाइव रिले हो रहा था, जिसे पृथ्वी पर बसा हर नायजो देख रहा था।

आर्यमणि मुंह छिपाकर अपना आंशु पोंछा और भारी आवाज में कहने लगा.... “ये मेरी रूही, ओजल, इवान और अलबेली का दोषी है। ये महान अल्फा हीलर फेहरिन का दोषी है।

सरदार खान की गलियों के जुल्म मैं भुला नही। ओजल इन्हे भी बाकियों के साथ कांटों पर लिटा दो, और मुझे सुकून क्यों नही मिल रहा? इन सबकी चिंखे क्यों नही निकल रही?

आर्यमणि ने आदेश दिया और अगले ही पल सुकेश और मीनाक्षी भी बाकियों को तरह कांटेदार जड़ों की चिता पर लेटे थे। चीख और पुकार से वह जगह गूंज उठी थी। “मार दो, मुझे मार दो” ऐसी मिन्नतें चारो ओर से हो रही थी। एक मुखिया और 2 नायजो थे जो अब तक अपने पाऊं पर खड़े थे।

ओजल ने चींख का डोज और बढ़ा दिया। हर कांटे कैस्टर ऑयल के जहर से लिप्त थे और हर कोई गला फाड़ रहा था। ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से रिले हो रहा था। कुछ देर के लिये आर्यमणि ने सबके मुंह में जड़ों को ठूंसकर पूरे माहौल को शांत कर दिया। उसके बाद लाइव स्क्रीन के सामने आकर साफ शब्दों में अपना संदेश दिया..... “तुम्हारे सारे नेता यहां किस हाल में मर रहे वो देख लो। हर एलियन का पंजीकरण लिस्ट पलक के पास है। उसकी टीम नागपुर से ऑपरेट कर रही है। जिसका नाम पुकारा जाये अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर सीधा इस प्लेनेट से रवाना हो जाना। बाकी पलक के पुकारने पर जो उपस्थित नही होगा उसे मैं सदा के लिये अनुपस्थित कर दूंगा। चलो सभा यहीं खत्म हुई।”

इतना कहकर आर्यमणि ने उनका लाइन डिस्कनेक्ट कर दिया और पलक से संपर्क किया। पलक और उसकी कोर टीम अंतर्ध्यान होकर पहले ही नागपुर प्रहरी वर्क स्टेशन पहुंच चुकी थी। पलक कनेक्ट होती.... “पूरा कहर का मंजर एक बार फिर सबको याद दिला दिये। आर्य तुमने तो कहा था कि हम बैठकर बात करेंगे, फिर अचानक ये फैसला कैसे ले लिये। 10 करोड़ पंजीकरण को क्या मैं 30 लोगों से देखूं। ऊपर से इतने सारे लोगों को बाहर निकालने के लिये विमान कहां है।”

आर्यमणि:– तुम्हे जितने लोग चाहिए और जिस कॉर्डिनेशन में चाहिए उतने लोग मिल जाएंगे। आराम से लिस्ट वेरिफिकेशन करो। 10 करोड़ नायजो के लिये मेरे पास उस से ज्यादा लोग है। बस जैसा ऋषि शिवम कहे वैसा मान लेना।

पलक:– साथ में ये भी कह दो की तुम्हारे पास 10 करोड़ विमान भी है।

आर्यमणि:– इतना विमान भी होता है क्या? खैर विमान की चिंता तुम क्यों करती हो, उसकी व्यवस्था कारेनाराय करेगा। यहां के पूरे आबादी को वो अपने प्लेनेट पर बसायेगा?

पलक:– भूल गये क्या, उसकी सबसे छोटी बीवी के साथ क्या किये थे?

आर्यमणि:– तुम कुछ भूल रही हो, यहां मैने किन लोगों को चिता पर लिटाया है, और एक जो जीवित मुखिया खड़ा है वह किस प्लेनेट का है।

पलक:– हां यार ये मैं कैसे भुल गयी। चलो फिर इन सबके साथ मैं भी पृथ्वी से चली। एक बात कहूं आर्य...

आर्यमणि उसे बीच में ही रोकते..... “तुम्हे मै खुद गुरियन प्लेनेट तक छोड़ आऊंगा। तुम इनके साथ नही जा रही। अब भावनाओ को काबू करो और करेनाराय से कॉन्टैक्ट करो।”...

बहुत ज्यादा इंतजार नही करना पड़ा। अगले एक मिनट में पलक, करेनाराय को स्क्रीन पर ला चुकी थी। जैसे ही वह स्क्रीन पर आया आंखों से शोले बरसा रहा था। हां जुबान बंद थी क्योंकि उसे पहली मुलाकात अच्छे से याद थी। तभी तो आज उसके स्क्रीन के पीछे अच्छी खासी भीड़ भी दिख रही थी।

कारेनाराय:– तुम जिंदा बच गये?

आर्यमणि:– इसे कहते है अनुशासन में बात करना। चल तुझे पहले मैं कुछ दिखाता हूं, फिर आगे बात करेंगे। ओजल....

इस बार जब ओजल नाम आया, निशांत जोर से चिल्लाते.... “कमीने हर बार ओजल, पैक में मेरा क्या एक ही रोल है। नही रहना मुझे अल्फा पैक में। मै अपस्यु का डेविल ग्रुप ही ज्वाइन कर लेता हूं।”..

आर्यमणि:– अरे माफ कर दे। तू ही ले आ उस नमूने को...

निशांत:– ये हुई न बात...

निशांत, विषपर प्लेनेट के मुखिया को स्क्रीन के सामने ले आया। जैसे ही स्क्रीन पर विषपर प्लेनेट का मुखिया आया, करेनाराय और उसके साथ सभी लोग सर झुकाते... “राजा बोजाज्स आप इनके साथ।”... अब वो राजा बोजाज्स हो या पोजाज्स, आर्यमणि सबके सामने उसे एक कराड़ा थप्पड़ मारते... “करेनाराय, एक बार फिर जरा अपने राजा का अभिवादन करो।”...

करेनाराय:– इस चूतिये को कहां से पकड़ लिये। ये मदरचोद मेरा सौभाग्य पत्थर लेने के लिये 5 बार मेरे गांड़ में डंडा कर चुका था। आर्य... माफ करना तुझे मैं आर्य पुकार सकता हूं ना..

आर्यमणि:– हां कह लो..

करेनाराय:– आर्य, मैने तेरा कुछ नही बिगाड़ा था और न ही इस चुतिया के किसी पचड़े में अपना कोई रोल है। हां मेरे ग्रह पर ये आबादी लाकर ठुस देता है, जिसे मैं स्वीकार करता हूं। इस मदरचोद के चमचे मेरे ग्रह से पृथ्वी नवजात का मांस खाने जाते और मदरचोद मेरा नाम खराब करते। दोस्त तूने मेरी बीवी को मारा वो मैं भूल जाऊंगा बस इसकी गांड़ मार लेना वहां। इस चुतिये के 2 लाख चमचों को तो मैं आज ही साफ कर दूंगा।

आर्यमणि:– कारेनाराय आज तुम्हारी भाषा अपने ही समुदाय के लोगों के लिये अलग है...

करेनाराय:– ये अकेला मदरचोद ही क्या पूरा नायजो है। खुद को शुद्ध खून कहने वाला ये ढीला लन्ड हवसी है।

आर्यमणि:– और तुम नही हो क्या?

करेनाराय:– तू बार बार मेरे पर क्यों आ जाता है। मैने केवल कुछ शादियां की थी। बीवी पुरानी हो गयी थी और नई वाली को पटाकर शादी किया था। कोई जबरदस्ती थोड़े ना किया था। अभी उसकी उम्र ही क्या थी। मार दिया तूने...

आर्यमणि:– अच्छा और वो जो आखरी वक्त कहा था, पृथ्वी के सारे मामले वही देखती है? तो क्या तेरी छोटी बीवी अजूर्म ने बच्चो को नही खाया था। इस मामले में मैने तो तेरा नाम भी सुना है...

करेनाराय:– हां वो अजुर्मी ने घोर पाप तो किया था। लगता है प्रेम मोह में मैं इस बात को नजरंदाज कर गया। या फिर बहुत से मदरचोदो के फितरत में ही बच्चे खाना है इसलिए अब ये बातें आम सी लगती है। किंतु ये इतनी भी आम बात नही। मै पृथ्वी से इसी चक्कर के कारण पीछा छुड़ाया था। पर कोई मुझ पर ये उंगली नही उठा सकता की मैं या मेरे जितने भी अनुयाई है उनमें से किसी ने बच्चे को खाया था। मर्द हूं सीना तान कर सामने से लडूंगा। एक क्षत्रिय परिवार मेरा वंशज था और इंसान मेरे कुटुंब। भुला नहीं मैं अब तक इस बात को।

आर्यमणि:– बातें बहुत हो गयी। अब मैं काम की बात करने जा रहा हूं। पृथ्वी से पूरी नायजो आबादी को हटा रहा। लगभग 10 करोड़ आबादी है। उनके लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– 10 करोड़ में से तो 8 करोड़ इन्ही हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट के चमचे होंगे। इतनी बागी आबादी को मैं कंट्रोल कैसे करूंगा, जबकि इसके मुखिया को तो मैंने अभी–अभी बेज्जत कर दिया। ये मैने क्या कर दिया? अब ये हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट वाले भी मेरे पीछे पड़ जायेंगे।

आर्यमणि:– क्षत्रिय परिवार का फट्टू राजा, तू खुद नही किसी दूसरे प्लेनेट से लड़ सकता है क्या? तुझे कितनी सैन्य सहायता चाहिए..

करेनाराय:– “दूसरे के सैनिक दूसरे के ही होते हैं जैसे ये विषपर का गलिच राजा बोजाज्स। 2 लाख सैनिकों को लगभग 70 साल पहले भेजा था। वह आज हमारे हर मामले में टांग उठाकर माथे पर मूतता है। पूरा शासन मैं देखता हूं लेकिन सैन्य मामले में उनकी न सुनो तो अपने बाप को फोन लगायेगा और वहां का एक चपरासी मुझे धमकाता है कि बात मान लो वरना राजा के कान में बात गयी तो मामला बिगड़ जायेगा।”

“ऐसे ही वाणिज्य हो या फिर अन्य कोई मामले। हर मामले को देखने के लिये इन लोगों ने अपने आदमियों को रखा है। हर किसी को घी से नहला दिया। मखमल के बिस्तर पर सुला दिया। हर सुख सुविधा को दिया फिर भी वफादारी नही बदली।”

आर्यमणि:– कारेनाराय बहुत दिमाग चाट रहा है। महा कैदियों की नगरी से इस लाइन को कनेक्ट करो और वहां तक करेनाराय की आवाज पहुंचाओ...

करेनाराय:– ये नवी लड़की कौन है आर्य... प्रिय मैं आपको नजरंदाज करने की गुस्ताखी कैसे कर सकता हूं? आप बस एक बार मुस्कुरा दे तो मैं अपना राज–पाट सब आपके हवाले कर दूं। इतनी सारी बाला की खूबसूरत महिलाओं से मिल चुका हूं। पर तुम्हारी काया की जो माया है...

ओजल:– बस कर ठरकी, जितनी तुम्हारे ग्रह की आबादी है, उस से कहीं ज्यादा तो ये कैदियों को पाल रही। जरा होश में...

महा:– पतिदेव कनेक्ट कर दी हूं। इस गधे से कह दो दोबारा मेरे लिये ऐसे शब्द कहेगा तो मैं इसे चीड़ दूंगी...

आर्यमणि:– कारेनाराय अगली बार जरा संभलकर। लो देख लो कैदियों को। ये सारे कैदी किसी वक्त के यूनिवर्स ट्रेवलर्स रहे थे। किसी कारणवश ये सब मरने वाले थे और उनकी जान यहां के राजा ने बचाई। बदले में ये लोग उनका काम करते है। तुम्हारी आवाज ये सुन सकते हैं। इन्हे भरोसा दो की तुम इन्हें घर और इज्जत से जीने की आजादी दोगे और बदले में ये तुम्हे अपनी वफादारी देंगे..... दो भरोसा और ले लो वफादारी...

करेनाराय:– ये तो खजाने का पता बता दिया भाई। जिस साम्राज्य के पास इतने कैदी है उनके पास सैनिक कितने होंगे। माफ करना कुछ गुस्ताखी हुई हो तो।

आर्यमणि:– तुम्हारी बकवास वो कैदी सुन रहे है। अपनी बात कहो कारेनाराय।

करेनाराय:– तुम सब ने बहुत ज्यादा कैद झेल लिये। मै वादा करता हूं कि तुम हमारे प्रदेश के स्वतंत्र नागरिक होगे, लेकिन बदले में तुम्हे शासन के प्रति जिम्मेदार और अनुशासित होना होगा। क्योंकि बिना कीमत आजादी नहीं मिलती। राष्ट्र हित में जो जरूरी काम है तुम्हे वही कहूंगा करने। न तो गलत काम करता हूं और न ही गलत काम करने कहूंगा। कहूंगा तो सिर्फ इतना ही की जो भी हमारे राष्ट्र के दुश्मन है और वो जो मुझे हराकर तुमसे एक बार फिर तुम्हारी आजादी छीनना चाहते है, उनके सर धर से अलग कर दो। बस तुम्हारी आजादी की इतनी सी जायज कीमत है। जो भी ये कीमत देना चाहते हो, वो तैयार हो जाये। जल्द ही सबको निकाल लूंगा।

आर्यमणि ने इशारा किया और लाइन डिस्कनेक्ट हो गयी। करेनाराय खुश होते..... “क्या बात है आर्य। साला पानी के अंदर के साम्राज्य में भी तेरा कॉन्टैक्ट। और ये इतने सारे एलियन वहां कैद कैसे हो गये।

आर्यमणि:– हर बात तुम्हे आज ही जाननी है क्या? 15 करोड़ लोगों को उठने के लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– बस एक आखरी सवाल। इस घोंचू राजा बोजाज्स का क्या करने वाले हो?

आर्यमणि:– “ये हमारा कैदी होगा और इसकी बेटी माया को मैं एक दिन का वक्त दूंगा। उस एक दिन में वो जहां से मदद बुला सकती है बुला ले... उस माया और उसकी पूरी मदद को मैं एक साथ जमीन के नीचे गाड़ दूंगा ताकि कोई नायजो दोबारा पृथ्वी पर अपनी बुरी नजर न डाले।”

“जब ये सारा कांड खत्म हो जाएगा, फिर जैसा की मैने पलक से वादा किया था उसे खुद गुरीयन प्लेनेट तक छोड़कर आऊंगा, सो मैं 10 से 15 दिनो में तुमसे भी मिलने पहुंच रहा हूं।”

करेनाराय:– स्वागत है तुम्हारा भेड़िया राजा... तुम आओगे तो लगेगा सुदामा की कुटिया में भगवान कृष्ण पधारे है।

आर्यमणि:– चलो लाइन डियाकनेक्ट करता हूं, अभी बहुत से काम बाकी है।

करेनाराय का लाइन डिस्कनेक्ट हुआ और आर्यमणि ने सीधा माया से संपर्क किया.... “सबको मार डाले।”...

आर्यमणि:– सबको अभी मारा कहां है। अभी तो सब चिता पर लेटे है। देखो पीछे का नजारा...

माया:– दर्द की चिता। इस से अच्छा तो मार ही देते।

आर्यमणि:– मुझे मारने की ज़रूरत नही, 8 घंटे के बाद अपने आप मरना शुरू हो जायेंगे। तू अभी लोकाका आइलैंड पर ही है ना। जहां से भी मदद बुला सकती है बुला ले। तेरा बाप जिंदा है और एक दिन बाद, यानी कल को छोड़ परसो, जहां भी लड़ने की इच्छा हो बता देना। तेरे बाप को लेकर पहुंच जाऊंगा। हां पर तेरे बाप को जिंदा रखने की एक ही शर्त है, अपने दोस्तों को भी साथ लाना। किन्हें वो तो तुम्हे पता ही होगा।

माया:– तू मेरे बाप को रख ले। लोकका आइलैंड का भी सर्वनाश कर दे। मै और मेरे सभी दोस्त, दोस्तों हाई कहो आर्यमणि को...

स्क्रीन के सामने सभी कातिल लाइन लगाकर हाई करने लगे। माया उन सबका चेहरा दिखाने के बाद.... “हम सब विषपर आइलैंड जा रहे। अब मेरे बाप को मार दे या कैद में रख घंटा फर्क नही पड़ता। वैसे भी अपने परिवार में मैं अकेली बची इसलिए जा रही हूं अपना देश संभालने। तू रोज रात को अपनी नई बीवी के साथ घंटा हिलाकर सोचते रहना की मैं अपना बदला कैसे लूं।”
Nice 👍👍👍
 
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Surya_021

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CFL7897

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करेनाराय bahut chalu nikala ya Yun kah Lijiye ki Waqt ka sataya hua Jo Ek Aise Raja Ka Gulam ban gaya tha Jiski Sainik bahut hi krur the......

Arya Ne is Raja ki bhi madad ki aur Badle Mein Prithvi ke sare nayejo ko Uske planet per basane ki Mang ki..
करेनाराय ne itne sare Baaghi ko sambhalne ke liye Sainya sahayata ki Mang ki Arya se...
Aryan ne bhi vijaydarth ke Rajya mein Bandi sabhi kaidiyon ko uske planet per bhejne Ka Faisla Kiya Jo usko uska Rajya chalane Mein madad Karenge...
Maya To Apne Sathiyon ke sath Bhag gai lagta hai ki vah Kuchh aur Soch rahi hai ya FIR vah sach mein dar gai hai....dekhate hai kya hota hai.

Shandar updaye bhai
 
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111ramjain

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Nice update bro
 

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I love Fantasy and Sci-fiction story.
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भाग:–177


जब कुछ काम न आया तब बेबस इंसानों की तरह सुकेश आर्यमणि के कदमों में गिड़ा था। रहम की भीख मांगता रहा। शायद दिल अभी उतना पत्थर का नही हुआ था, इसलिए तो आर्यमणि ने अपनी मजबूत पकड़ से मीनाक्षी को आजाद कर दिया। आजाद होते ही मीनाक्षी भी आर्यमणि के पाऊं में गिरी थी, और ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से लाइव रिले हो रहा था, जिसे पृथ्वी पर बसा हर नायजो देख रहा था।

आर्यमणि मुंह छिपाकर अपना आंशु पोंछा और भारी आवाज में कहने लगा.... “ये मेरी रूही, ओजल, इवान और अलबेली का दोषी है। ये महान अल्फा हीलर फेहरिन का दोषी है।

सरदार खान की गलियों के जुल्म मैं भुला नही। ओजल इन्हे भी बाकियों के साथ कांटों पर लिटा दो, और मुझे सुकून क्यों नही मिल रहा? इन सबकी चिंखे क्यों नही निकल रही?

आर्यमणि ने आदेश दिया और अगले ही पल सुकेश और मीनाक्षी भी बाकियों को तरह कांटेदार जड़ों की चिता पर लेटे थे। चीख और पुकार से वह जगह गूंज उठी थी। “मार दो, मुझे मार दो” ऐसी मिन्नतें चारो ओर से हो रही थी। एक मुखिया और 2 नायजो थे जो अब तक अपने पाऊं पर खड़े थे।

ओजल ने चींख का डोज और बढ़ा दिया। हर कांटे कैस्टर ऑयल के जहर से लिप्त थे और हर कोई गला फाड़ रहा था। ये पूरा नजारा एलियन के सिक्योर चैनल से रिले हो रहा था। कुछ देर के लिये आर्यमणि ने सबके मुंह में जड़ों को ठूंसकर पूरे माहौल को शांत कर दिया। उसके बाद लाइव स्क्रीन के सामने आकर साफ शब्दों में अपना संदेश दिया..... “तुम्हारे सारे नेता यहां किस हाल में मर रहे वो देख लो। हर एलियन का पंजीकरण लिस्ट पलक के पास है। उसकी टीम नागपुर से ऑपरेट कर रही है। जिसका नाम पुकारा जाये अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर सीधा इस प्लेनेट से रवाना हो जाना। बाकी पलक के पुकारने पर जो उपस्थित नही होगा उसे मैं सदा के लिये अनुपस्थित कर दूंगा। चलो सभा यहीं खत्म हुई।”

इतना कहकर आर्यमणि ने उनका लाइन डिस्कनेक्ट कर दिया और पलक से संपर्क किया। पलक और उसकी कोर टीम अंतर्ध्यान होकर पहले ही नागपुर प्रहरी वर्क स्टेशन पहुंच चुकी थी। पलक कनेक्ट होती.... “पूरा कहर का मंजर एक बार फिर सबको याद दिला दिये। आर्य तुमने तो कहा था कि हम बैठकर बात करेंगे, फिर अचानक ये फैसला कैसे ले लिये। 10 करोड़ पंजीकरण को क्या मैं 30 लोगों से देखूं। ऊपर से इतने सारे लोगों को बाहर निकालने के लिये विमान कहां है।”

आर्यमणि:– तुम्हे जितने लोग चाहिए और जिस कॉर्डिनेशन में चाहिए उतने लोग मिल जाएंगे। आराम से लिस्ट वेरिफिकेशन करो। 10 करोड़ नायजो के लिये मेरे पास उस से ज्यादा लोग है। बस जैसा ऋषि शिवम कहे वैसा मान लेना।

पलक:– साथ में ये भी कह दो की तुम्हारे पास 10 करोड़ विमान भी है।

आर्यमणि:– इतना विमान भी होता है क्या? खैर विमान की चिंता तुम क्यों करती हो, उसकी व्यवस्था कारेनाराय करेगा। यहां के पूरे आबादी को वो अपने प्लेनेट पर बसायेगा?

पलक:– भूल गये क्या, उसकी सबसे छोटी बीवी के साथ क्या किये थे?

आर्यमणि:– तुम कुछ भूल रही हो, यहां मैने किन लोगों को चिता पर लिटाया है, और एक जो जीवित मुखिया खड़ा है वह किस प्लेनेट का है।

पलक:– हां यार ये मैं कैसे भुल गयी। चलो फिर इन सबके साथ मैं भी पृथ्वी से चली। एक बात कहूं आर्य...

आर्यमणि उसे बीच में ही रोकते..... “तुम्हे मै खुद गुरियन प्लेनेट तक छोड़ आऊंगा। तुम इनके साथ नही जा रही। अब भावनाओ को काबू करो और करेनाराय से कॉन्टैक्ट करो।”...

बहुत ज्यादा इंतजार नही करना पड़ा। अगले एक मिनट में पलक, करेनाराय को स्क्रीन पर ला चुकी थी। जैसे ही वह स्क्रीन पर आया आंखों से शोले बरसा रहा था। हां जुबान बंद थी क्योंकि उसे पहली मुलाकात अच्छे से याद थी। तभी तो आज उसके स्क्रीन के पीछे अच्छी खासी भीड़ भी दिख रही थी।

कारेनाराय:– तुम जिंदा बच गये?

आर्यमणि:– इसे कहते है अनुशासन में बात करना। चल तुझे पहले मैं कुछ दिखाता हूं, फिर आगे बात करेंगे। ओजल....

इस बार जब ओजल नाम आया, निशांत जोर से चिल्लाते.... “कमीने हर बार ओजल, पैक में मेरा क्या एक ही रोल है। नही रहना मुझे अल्फा पैक में। मै अपस्यु का डेविल ग्रुप ही ज्वाइन कर लेता हूं।”..

आर्यमणि:– अरे माफ कर दे। तू ही ले आ उस नमूने को...

निशांत:– ये हुई न बात...

निशांत, विषपर प्लेनेट के मुखिया को स्क्रीन के सामने ले आया। जैसे ही स्क्रीन पर विषपर प्लेनेट का मुखिया आया, करेनाराय और उसके साथ सभी लोग सर झुकाते... “राजा बोजाज्स आप इनके साथ।”... अब वो राजा बोजाज्स हो या पोजाज्स, आर्यमणि सबके सामने उसे एक कराड़ा थप्पड़ मारते... “करेनाराय, एक बार फिर जरा अपने राजा का अभिवादन करो।”...

करेनाराय:– इस चूतिये को कहां से पकड़ लिये। ये मदरचोद मेरा सौभाग्य पत्थर लेने के लिये 5 बार मेरे गांड़ में डंडा कर चुका था। आर्य... माफ करना तुझे मैं आर्य पुकार सकता हूं ना..

आर्यमणि:– हां कह लो..

करेनाराय:– आर्य, मैने तेरा कुछ नही बिगाड़ा था और न ही इस चुतिया के किसी पचड़े में अपना कोई रोल है। हां मेरे ग्रह पर ये आबादी लाकर ठुस देता है, जिसे मैं स्वीकार करता हूं। इस मदरचोद के चमचे मेरे ग्रह से पृथ्वी नवजात का मांस खाने जाते और मदरचोद मेरा नाम खराब करते। दोस्त तूने मेरी बीवी को मारा वो मैं भूल जाऊंगा बस इसकी गांड़ मार लेना वहां। इस चुतिये के 2 लाख चमचों को तो मैं आज ही साफ कर दूंगा।

आर्यमणि:– कारेनाराय आज तुम्हारी भाषा अपने ही समुदाय के लोगों के लिये अलग है...

करेनाराय:– ये अकेला मदरचोद ही क्या पूरा नायजो है। खुद को शुद्ध खून कहने वाला ये ढीला लन्ड हवसी है।

आर्यमणि:– और तुम नही हो क्या?

करेनाराय:– तू बार बार मेरे पर क्यों आ जाता है। मैने केवल कुछ शादियां की थी। बीवी पुरानी हो गयी थी और नई वाली को पटाकर शादी किया था। कोई जबरदस्ती थोड़े ना किया था। अभी उसकी उम्र ही क्या थी। मार दिया तूने...

आर्यमणि:– अच्छा और वो जो आखरी वक्त कहा था, पृथ्वी के सारे मामले वही देखती है? तो क्या तेरी छोटी बीवी अजूर्म ने बच्चो को नही खाया था। इस मामले में मैने तो तेरा नाम भी सुना है...

करेनाराय:– हां वो अजुर्मी ने घोर पाप तो किया था। लगता है प्रेम मोह में मैं इस बात को नजरंदाज कर गया। या फिर बहुत से मदरचोदो के फितरत में ही बच्चे खाना है इसलिए अब ये बातें आम सी लगती है। किंतु ये इतनी भी आम बात नही। मै पृथ्वी से इसी चक्कर के कारण पीछा छुड़ाया था। पर कोई मुझ पर ये उंगली नही उठा सकता की मैं या मेरे जितने भी अनुयाई है उनमें से किसी ने बच्चे को खाया था। मर्द हूं सीना तान कर सामने से लडूंगा। एक क्षत्रिय परिवार मेरा वंशज था और इंसान मेरे कुटुंब। भुला नहीं मैं अब तक इस बात को।

आर्यमणि:– बातें बहुत हो गयी। अब मैं काम की बात करने जा रहा हूं। पृथ्वी से पूरी नायजो आबादी को हटा रहा। लगभग 10 करोड़ आबादी है। उनके लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– 10 करोड़ में से तो 8 करोड़ इन्ही हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट के चमचे होंगे। इतनी बागी आबादी को मैं कंट्रोल कैसे करूंगा, जबकि इसके मुखिया को तो मैंने अभी–अभी बेज्जत कर दिया। ये मैने क्या कर दिया? अब ये हुर्रीयेंट और विषपर प्लेनेट वाले भी मेरे पीछे पड़ जायेंगे।

आर्यमणि:– क्षत्रिय परिवार का फट्टू राजा, तू खुद नही किसी दूसरे प्लेनेट से लड़ सकता है क्या? तुझे कितनी सैन्य सहायता चाहिए..

करेनाराय:– “दूसरे के सैनिक दूसरे के ही होते हैं जैसे ये विषपर का गलिच राजा बोजाज्स। 2 लाख सैनिकों को लगभग 70 साल पहले भेजा था। वह आज हमारे हर मामले में टांग उठाकर माथे पर मूतता है। पूरा शासन मैं देखता हूं लेकिन सैन्य मामले में उनकी न सुनो तो अपने बाप को फोन लगायेगा और वहां का एक चपरासी मुझे धमकाता है कि बात मान लो वरना राजा के कान में बात गयी तो मामला बिगड़ जायेगा।”

“ऐसे ही वाणिज्य हो या फिर अन्य कोई मामले। हर मामले को देखने के लिये इन लोगों ने अपने आदमियों को रखा है। हर किसी को घी से नहला दिया। मखमल के बिस्तर पर सुला दिया। हर सुख सुविधा को दिया फिर भी वफादारी नही बदली।”

आर्यमणि:– कारेनाराय बहुत दिमाग चाट रहा है। महा कैदियों की नगरी से इस लाइन को कनेक्ट करो और वहां तक करेनाराय की आवाज पहुंचाओ...

करेनाराय:– ये नवी लड़की कौन है आर्य... प्रिय मैं आपको नजरंदाज करने की गुस्ताखी कैसे कर सकता हूं? आप बस एक बार मुस्कुरा दे तो मैं अपना राज–पाट सब आपके हवाले कर दूं। इतनी सारी बाला की खूबसूरत महिलाओं से मिल चुका हूं। पर तुम्हारी काया की जो माया है...

ओजल:– बस कर ठरकी, जितनी तुम्हारे ग्रह की आबादी है, उस से कहीं ज्यादा तो ये कैदियों को पाल रही। जरा होश में...

महा:– पतिदेव कनेक्ट कर दी हूं। इस गधे से कह दो दोबारा मेरे लिये ऐसे शब्द कहेगा तो मैं इसे चीड़ दूंगी...

आर्यमणि:– कारेनाराय अगली बार जरा संभलकर। लो देख लो कैदियों को। ये सारे कैदी किसी वक्त के यूनिवर्स ट्रेवलर्स रहे थे। किसी कारणवश ये सब मरने वाले थे और उनकी जान यहां के राजा ने बचाई। बदले में ये लोग उनका काम करते है। तुम्हारी आवाज ये सुन सकते हैं। इन्हे भरोसा दो की तुम इन्हें घर और इज्जत से जीने की आजादी दोगे और बदले में ये तुम्हे अपनी वफादारी देंगे..... दो भरोसा और ले लो वफादारी...

करेनाराय:– ये तो खजाने का पता बता दिया भाई। जिस साम्राज्य के पास इतने कैदी है उनके पास सैनिक कितने होंगे। माफ करना कुछ गुस्ताखी हुई हो तो।

आर्यमणि:– तुम्हारी बकवास वो कैदी सुन रहे है। अपनी बात कहो कारेनाराय।

करेनाराय:– तुम सब ने बहुत ज्यादा कैद झेल लिये। मै वादा करता हूं कि तुम हमारे प्रदेश के स्वतंत्र नागरिक होगे, लेकिन बदले में तुम्हे शासन के प्रति जिम्मेदार और अनुशासित होना होगा। क्योंकि बिना कीमत आजादी नहीं मिलती। राष्ट्र हित में जो जरूरी काम है तुम्हे वही कहूंगा करने। न तो गलत काम करता हूं और न ही गलत काम करने कहूंगा। कहूंगा तो सिर्फ इतना ही की जो भी हमारे राष्ट्र के दुश्मन है और वो जो मुझे हराकर तुमसे एक बार फिर तुम्हारी आजादी छीनना चाहते है, उनके सर धर से अलग कर दो। बस तुम्हारी आजादी की इतनी सी जायज कीमत है। जो भी ये कीमत देना चाहते हो, वो तैयार हो जाये। जल्द ही सबको निकाल लूंगा।

आर्यमणि ने इशारा किया और लाइन डिस्कनेक्ट हो गयी। करेनाराय खुश होते..... “क्या बात है आर्य। साला पानी के अंदर के साम्राज्य में भी तेरा कॉन्टैक्ट। और ये इतने सारे एलियन वहां कैद कैसे हो गये।

आर्यमणि:– हर बात तुम्हे आज ही जाननी है क्या? 15 करोड़ लोगों को उठने के लिये विमान भेजो।

करेनाराय:– बस एक आखरी सवाल। इस घोंचू राजा बोजाज्स का क्या करने वाले हो?

आर्यमणि:– “ये हमारा कैदी होगा और इसकी बेटी माया को मैं एक दिन का वक्त दूंगा। उस एक दिन में वो जहां से मदद बुला सकती है बुला ले... उस माया और उसकी पूरी मदद को मैं एक साथ जमीन के नीचे गाड़ दूंगा ताकि कोई नायजो दोबारा पृथ्वी पर अपनी बुरी नजर न डाले।”

“जब ये सारा कांड खत्म हो जाएगा, फिर जैसा की मैने पलक से वादा किया था उसे खुद गुरीयन प्लेनेट तक छोड़कर आऊंगा, सो मैं 10 से 15 दिनो में तुमसे भी मिलने पहुंच रहा हूं।”

करेनाराय:– स्वागत है तुम्हारा भेड़िया राजा... तुम आओगे तो लगेगा सुदामा की कुटिया में भगवान कृष्ण पधारे है।

आर्यमणि:– चलो लाइन डियाकनेक्ट करता हूं, अभी बहुत से काम बाकी है।

करेनाराय का लाइन डिस्कनेक्ट हुआ और आर्यमणि ने सीधा माया से संपर्क किया.... “सबको मार डाले।”...

आर्यमणि:– सबको अभी मारा कहां है। अभी तो सब चिता पर लेटे है। देखो पीछे का नजारा...

माया:– दर्द की चिता। इस से अच्छा तो मार ही देते।

आर्यमणि:– मुझे मारने की ज़रूरत नही, 8 घंटे के बाद अपने आप मरना शुरू हो जायेंगे। तू अभी लोकाका आइलैंड पर ही है ना। जहां से भी मदद बुला सकती है बुला ले। तेरा बाप जिंदा है और एक दिन बाद, यानी कल को छोड़ परसो, जहां भी लड़ने की इच्छा हो बता देना। तेरे बाप को लेकर पहुंच जाऊंगा। हां पर तेरे बाप को जिंदा रखने की एक ही शर्त है, अपने दोस्तों को भी साथ लाना। किन्हें वो तो तुम्हे पता ही होगा।

माया:– तू मेरे बाप को रख ले। लोकका आइलैंड का भी सर्वनाश कर दे। मै और मेरे सभी दोस्त, दोस्तों हाई कहो आर्यमणि को...

स्क्रीन के सामने सभी कातिल लाइन लगाकर हाई करने लगे। माया उन सबका चेहरा दिखाने के बाद.... “हम सब विषपर आइलैंड जा रहे। अब मेरे बाप को मार दे या कैद में रख घंटा फर्क नही पड़ता। वैसे भी अपने परिवार में मैं अकेली बची इसलिए जा रही हूं अपना देश संभालने। तू रोज रात को अपनी नई बीवी के साथ घंटा हिलाकर सोचते रहना की मैं अपना बदला कैसे लूं।”

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