Riky007
उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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On a serious note, I really wish a dictator in India like Kim Jung Unआकाओ की भाषा कब तक बोलोगे?? ये तानाशाही हद है
On a serious note, I really wish a dictator in India like Kim Jung Unआकाओ की भाषा कब तक बोलोगे?? ये तानाशाही हद है
On a serious note, I really wish a dictator in India like Kim Jung Un
मैया बिटवा ने तो और तबाही मचा रखी है, अब तो बिटिया को भी घसीट लाए हैं।I believe in dictatorship more than chemocracy.. at least dictatorship me chije clear hoti h.. what you can do , what not. What you should follow, what not. Idhar ki tarah nahi, ki betikhod aaj idhar 500 mil rahe dharma ke, kal udhar kala diwas manaya jaa raha.. parso udhar kisi ki lash me roti seki jaa rahi
On a serious note, I really wish a dictator in India like Kim Jung Un
MP की लाडली, MH की लाडकी अब दिल्ली में कोनसी.????? आका न बताया नही क्याI believe in dictatorship more than chemocracy.. at least dictatorship me chije clear hoti h.. what you can do , what not. What you should follow, what not. Idhar ki tarah nahi, ki betikhod aaj idhar 500 mil rahe dharma ke, kal udhar kala diwas manaya jaa raha.. parso udhar kisi ki lash me roti seki jaa rahi
किमजोंग बनने के चक्कर में, जल्द ही किमी काटकर (टारजन फिल्म में दूध दर्शन वाली) बनने वाले हैमैया बिटवा ने तो और तबाही मचा रखी है, अब तो बिटिया को भी घसीट लाए हैं।
गजब तमाशा बना रखा है।
मैया बिटवा ने तो और तबाही मचा रखी है, अब तो बिटिया को भी घसीट लाए हैं।
गजब तमाशा बना रखा है।
Usme to Aisa Takia thi naकिमजोंग बनने के चक्कर में, जल्द ही किमी काटकर (टारजन फिल्म में दूध दर्शन वाली) बनने वाले है
फिर तो तुम ही देखो, दोनों के लटक ही रहे होंगे, और तीसरे का टीशर्ट में दिखा नहीं आज तककिमजोंग बनने के चक्कर में, जल्द ही किमी काटकर (टारजन फिल्म में दूध दर्शन वाली) बनने वाले है
बहुत पहले पढ़ा था कि हम भारतीय में ज्यादातर हमेशा एक मसीहा ही ढूंढते है पूरी जिंदगी, और ये लोकतंत्र में नहीं हो सकता। समय के साथ उसकी बात सही लगने लगी है।Are koi bhi ho, our country is not ready for democracy. Ye nahi honge to koi aur hoga apne bachcho ke sath
बहुत पहले पढ़ा था कि हम भारतीय में ज्यादातर हमेशा एक मसीहा ही ढूंढते है पूरी जिंदगी, और ये लोकतंत्र में नहीं हो सकता। समय के साथ उसकी बात सही लगने लगी है।
किसी का दादा नाना आजादी की लड़ाई में नाखून कटवा कर शहीद हुआ, तो पूरा खानदान मसीहा है, तो किसी ने अपनी जाती का उद्धार करने के नाम पर पूरी जाती का C काट दिया तो वो मसीहा है।