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Incest Avatar....... ( Rebirth of A Destroyer )

Mac01

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आप सभी को बता दू की इस कहानी में मै सप्ताह में कम से कम दो अपडेट दूंगा और अधिकतम की कोई सीमा नहीं रहेगी।

इस कहानी मै सेक्स सीन पर ज्यादा फोकस नहीं किया जाएगा ज्यादा फोकस स्टोरी पर ही किया जाएगा। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि कामुक सीन होगा ही नहीं।

इस कहानी में प्यार, नफरत, सस्पेंस, आदि होंगे।
 
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Mac01

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अपडेट - 00
शीर्षक - कहानी की शुरुआत।
आज पूर्णिमा की रात थी लेकिन अंधेरा इतना था कि लोगों को अपने पास वाले ही नहीं दिखाई दे रहे है……. पूरा सड़क सुनसान था कोई भी लोग नहीं थे इस सड़क पर सिवाय एक के को अपने हाथो से ठेला गाड़ी (जिस पर फास्ट फूड बेचा जाता है) को दौड़ते हुए के जा रहा है………………

"आ…. आ………… ह मा देव ये दर्द मेरी जान ले लेगा प्लीज कुछ करिए….. मा………." ठेला गाड़ी पर एक महिला लेती हुई थी जो की उस व्यक्ति की पत्नी थी और वह गर्भवती थी जिसका समय काल अब पूरा ही हो गया है और यह दर्द उसके प्रसव पीड़ा के कारण ही उठ रहा है………………

"बस सावित्री हिम्मत रखो हम अब पहुंचने ही वाले है" वह व्यक्ति जिसको महिला देव नाम से संबोधित कर रही थी वह अपने पत्नी को हिम्मत बांधते हुए बोला और सड़क पर ठेला गाड़ी को दौड़ते जा रहा था उसे सड़क तो दिखाई नहीं दे रहा था पर उस पता था कि यह सड़क सीधे अस्पताल की ओर ही जाएगा वह व्यक्ति हर चौराहे पर धीरे होकर रास्ता देखता की वह सही रास्ते पर है कि नहीं लेकिन बढ़ते समय के साथ ही महिला के प्रसव पीड़ा में बढ़ोतरी होती ही जा रही थी जिसके कारण वह व्यक्ति और भी तेज दौड़ने लगा लेकिन इसी तेजी में उससे एक गलती हो गई वह एक चौराहे से अस्पताल वाला रास्ता छोड़कर जल्दीबाजी में जंगल वाला रास्ता पकड़ लेता है, अचानक सड़क पर एक गढ्ढा आता है जिसमें गाड़ी के टायर पड़ते है एक तेज झटका लगता है और उस पर लेती महिला हवा में उड़ जाती है और वह व्यक्ति का सर ठेला गाड़ी से लगता है और वह व्यक्ति वही बेहोश हो जाता है………………………………..

स्थान - स्वर्ग लोक राज दरबार।

God king:- ये तो अनर्थ हो गया……

god king के मुख से अचानक ही शब्द निकले जिससे दरबार में सन्नाटा पसर गया और कुछ समय बाद…….
Fire god :- क्या हुआ महाराज….. क्या अनर्थ हो गया।
God king :- वही fire god जो नहीं होना चाहिए था…. आप सभी तो जानते ही होंगे कि आज पूर्णिमा की रात The Destroyer के अंश पृथ्वी पर अवतरित होने वाले है लेकिन अभी तक हुए नहीं है जो एक शुभ संकेत कदापि नहीं है…….. दूसरी उनकी होने वाली माता एक दुर्घटना के चपेट में आ गई है……. और हमारी मजबूरी यह है कि हम उनकी सहायता नहीं कर सकते है अगर उनका धरती पर यह अवतार नहीं हुआ तो आने वाले समय में उसका विनाश कौन करेगा……………

Wind god :- महाराज हमें कुछ समझ नहीं आया आप किसका विनाश करने की बात कर रहे है जिसके लिए The Destroyer को धरती पर अवतार लेना पड़ रहा है……….
God king :- wind god की बाते सुनने के बाद king सबके ओर देखते है सभी के चेहरे पर उन्हें कुछ ना समझने का भाव नजर आता है और यह देखकर वे आश्चर्य और सोच में पड़ गए की उस ये सभी कैसे भूल सकते है जिसके डर से इन्हे क्या से क्या हो जाता था।
King को सोच में पड़े देखकर गुरुदेव ने कहा।
गुरुदेव :- महाराज आप ऐसे आश्चर्य चकित ना हो शायद आप भूल रहे है कि उस घटना को सबके स्मृति (याद) से भुला दिया गया है, जिससे सारे gods निर्भीक होकर अपने अपने कार्य को सुचारू रूप से करते रहे। और अब समय आ गया है कि इन सभी की स्मृतियां लौटने की यही आदेश उस समय king of king ने दिया था क्या आप ये भूल गए थे।

गुरुदेव की बातो को सुनकर god king ने कहा ……
"भला ये कैसे भूल सकता हूं गुरुदेव, उनके आदेश का अक्षरसह पालन होगा और अब लगता है कि वह घड़ी आ गई है ।"

"हे प्रभु आपके आदेशानुसार मै अपने कर्तव्य का निर्वहन करने जा रहा हूं यदी हमसे कोई त्रुटि हो जाती है तो हमें क्षमा करे…….." गुरुदेव से बात करने के बाद king god ने अपने हाथ जोड़े बोल और उनके हाथ से एक पीली रोशनी निकली और सभी gods में समा गई और उनकी आंखे बंद हो गई और जब उन्होंने अपनी आंखे सभी ने खोले तो उन आंखों में एक डर नजर आया और उन सभी के शरीर पसीने से भीग गए………..

आखिर ये है कौन जिसको याद करने मात्र से ही सभी के पसीने छूट गए……….. आखिर किसकी बात कर रहे है कि ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को………………

Introduction to the Gods:-

King of king (KK):- इन्हे भाग्य विधाता भी कहा जाता है यही सबके भाग्य में क्या है लिखते है इन्होंने ही सृष्टि के निर्माण किया है। यही हम मनुष्यो को बनाने वाले । इस संसार को बनाने वाले इनका कोई आकर नहीं, कोई रूप नहीं है ये निराकार है और इन्हीं के अभिन्न अंग है इनकी पत्नी जिसको हम प्रकृति (नियति, कुदरत इत्यादि) कहा जाता है। इनके तीन साकार रूप है जिसको पूरा संसार पूजता है।
King of god (kg) :- सभी देवताओं के राजा और स्वर्ग के सिंहासन पर विराजमान।
King of death (kd):- ये है मौत के देवता लेकिन इन्हें धर्म के रक्षक भी कहा जाता है क्योंकि धर्म की रक्षा में एक महत्वपूर्ण योगदान है और इनका न्याय सबके लिए एक समान रहता है वह चाहे king of God हो या फिर कोई साधारण मनुष्य।
King of fire (kf) :- ये आग के देवता है, लेकिन ये अतायधिक सौम्य, उदार, और न्याय प्रिय देवता है इनकी आग धर्म रक्षा के प्रतीक मानी जाती है। और इनके ही द्वारा मनुष्यो द्वारा किए गए पूजा सारे देवताओं को मिलता है।
King of wind (kw ):- ये है हवा के देवता जिनसे हमें प्राणवायु मिलता है।

King of time :- ये समय लोक के राजा है जो सात घोड़ों के रथ पर बना लोक है और यह लोक हमेशा गतिशील ही रहता है जिससे इस संसार का समय भी चलता रहता है इनके रुकने से सब कुछ रुक जाता है।

Gurudev of gods (GG) :- देवताओं के गुरु।

The destroyer इनके बारे में आगे पता चलेगा। क्योंकि ये कोई भगवान नहीं ये एक इंसान है (कहानी आगे पता चलेगा) जिसने धर्म रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दिया और देवत्व को प्राप्त कर लिया इनका स्थान देवताओं में सर्वोच्च है।

नोट :- यहां gods का परिचय देने का कारण ये है कि रीडर्स समझ जाए कि कौन god क्या करते है। क्योंकि असली god का नाम तो ले नहीं सकते है लेकिन फिर भी किसी को आपत्ति हो तो मुझे कॉमेंट करके बताएं।

स्थान :- पृथ्वी पर एक अस्पताल में।

एक व्यक्ति फोन पर बात कर रहा था उसके शरीर पसीने से भीगा हुआ था उसके अंदर इतना डर था कि उसके हाथ इतना हील रहे थे कि ऐसा लग लग रहा था कि उसके हाथ में रखे फोन कभी भी गिर जाएगा। उसने अपने कान पर फोन लगाए हुए थे फोन कि रिंग जा रही थी……………..

……… "हेल्लो बिरजू! क्या हुआ इतनी रात को फोन किया सब ठीक तो है।" दूसरी तरफ से फोन उठाया जाता है और उधर से एक रौबदार आवाज सुनाई देता है जिसको सुनने के बाद वह व्यक्ति जिसका नाम बिरजू था उसने अपने थूक निगलते हुए कहता है।

बिरजू :- ब ..ब ..बड़े मा… मालिक …

……." हा मै ही बोल रहा हूं बिरजू बोलो इतनी रात को फोन करने का कारण मेरा बेटा और बहू स्वास्थ्य तो है ना और……" अभी उधर की बाते पूरी हुई नहीं थी कि बात काटते हुए बिरजू बोलता है……

बिरजू :- अनर्थ हो गया बड़े मालिक…………. हूं हूं हूं…….. (रोने लगा) और यह सुनते ही उधर शान्ति फेल जाती है और दरवाजा खुलने का आवाज आती है……..कुछ देर बाद…..

………" बिरजू क्या अनर्थ हो गया है…. कहीं अर्जुन सिंह"….. बात अधूरा छोड़ देते है

बिरजू:- नहीं मालिक दरअसल……….. पूरी घटना बताता है (यह बता दू की यहा बिरजू देव और सावित्री की बाते कर रहा है अपने मालिक से और ऊपर बड़े मालिक के कथन से आप सभी समझ ही गए होंगे कि ये दोनों उनके बेटा और बहू है)
……बिरजू की बाते सुनने के बाद " क्या ये सब हो गया और तू मुझे अब बता रहा है….. और तू था कहा मैंने तुझसे बोला था कि कोई भी परेशानी हो तो तुरंत देव की मदद करने उसके सामने आ जाना लेकिन तू (गुस्से में गहरी सांसे लेते है) तू…….. कर क्या रहा था"………. उधर से लगभग गुस्से में चिल्लाने की आवाज आती जिसे सुनने के बाद तो बिरजू के पैंट पिल्ला होने से बचा और वह पेशाब भी कर दिया।…………

………"अरे बोलता क्यों नहीं है तू, ये बता कि तू किस अस्पताल में लेकर गया है उन्हें……" उधर से आवाज आती।

बिरजू - जी….. जी…. मै*** **** हॉस्पिटल pvt. Ltd. दिल्ली।

फोन काट जाता है………………..

फोन करने के बाद बिरजू डॉक्टर के पास जाता है जो अभी अभी सावित्री देवी के कमरे से बाहर निकाला था।

बिरजू - डॉ साहब अब कैसी है तबीयत…….

डाॅ० - देखिए अब वे दोनों खतरे से बाहर है और हमने उन्हें नींद की सुई लगाई है तो अभी वे आराम कर रहे है…..लेकिन

लेकिन सुनते ही बिरजू के जान ही हलक में आ जाता है…..
बिरजू - ल…. ल…. लेकिन क्या डॉ……

डॉ० - देखिए घबराइए मत…… बात दरअसल यह है कि महिला को धक्के लगाने से गिरने के कारण महिला को एक हार्ट अटैक था जिसका प्रभाव बच्चे पर भी पड़ा है और बच्चा गर्भ में ही बेहोश हो गया है या फिर कोमा में भी जा सकता है….. पर बच्चा ठीक है……. (यह मैंने ये सभी बाते अपने काल्पनिकता से लिखा है ऐसा होता है कि नहीं मुझे नहीं पता)
डॉ इतना कहने के बाद चला जाता है और बीजू वहीं पर बैठ जाता है और god को धन्यवाद देता है की सभी लोग सुरक्षित है खास तौर पर बच्चा।…………………

तो आखिर य बड़े मालिक है कौन…….. क्या बच्चा डॉ के कहे अनुसार होगा की कोई और बात होगी………. ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को…………….. आज के लिए बस इतना ही मिलते है अब अगले अपडेट पर धन्यवाद………


दोस्तो मेरी जीवन की यह पहली स्टोरी है तो कोई गलती हो तो कृपया उसे अनदेखा करे और हा केवल पढ़कर मत जाइएगा अपना सुझाव भी देना कि यह अपडेट आपको कैसा लगा अगर कोई सुझाव हो तो उसका स्वागत है।…………..


 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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:congrats: for the story Bhai
 

Mac01

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Congratulations for your new thread bhai story start karo
congratulation for new story Mac01

waiting for 1st update
Hinglish me liko

Devanagari mein likhoge? :congrats: for new thread,btw.
:congrats: for the story Bhai
दोस्तो पहला अपडेट पोस्ट कर दिया हूं पढ़िए और अपना review दीजिए............
 
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Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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शीर्षक - कहानी की शुरुआत।
आज पूर्णिमा की रात थी लेकिन अंधेरा इतना था कि लोगों को अपने पास वाले ही नहीं दिखाई दे रहे है……. पूरा सड़क सुनसान था कोई भी लोग नहीं थे इस सड़क पर सिवाय एक के को अपने हाथो से ठेला गाड़ी (जिस पर फास्ट फूड बेचा जाता है) को दौड़ते हुए के जा रहा है………………

"आ…. आ………… ह मा देव ये दर्द मेरी जान ले लेगा प्लीज कुछ करिए….. मा………." ठेला गाड़ी पर एक महिला लेती हुई थी जो की उस व्यक्ति की पत्नी थी और वह गर्भवती थी जिसका समय काल अब पूरा ही हो गया है और यह दर्द उसके प्रसव पीड़ा के कारण ही उठ रहा है………………

"बस सावित्री हिम्मत रखो हम अब पहुंचने ही वाले है" वह व्यक्ति जिसको महिला देव नाम से संबोधित कर रही थी वह अपने पत्नी को हिम्मत बांधते हुए बोला और सड़क पर ठेला गाड़ी को दौड़ते जा रहा था उसे सड़क तो दिखाई नहीं दे रहा था पर उस पता था कि यह सड़क सीधे अस्पताल की ओर ही जाएगा वह व्यक्ति हर चौराहे पर धीरे होकर रास्ता देखता की वह सही रास्ते पर है कि नहीं लेकिन बढ़ते समय के साथ ही महिला के प्रसव पीड़ा में बढ़ोतरी होती ही जा रही थी जिसके कारण वह व्यक्ति और भी तेज दौड़ने लगा लेकिन इसी तेजी में उससे एक गलती हो गई वह एक चौराहे से अस्पताल वाला रास्ता छोड़कर जल्दीबाजी में जंगल वाला रास्ता पकड़ लेता है, अचानक सड़क पर एक गढ्ढा आता है जिसमें गाड़ी के टायर पड़ते है एक तेज झटका लगता है और उस पर लेती महिला हवा में उड़ जाती है और वह व्यक्ति का सर ठेला गाड़ी से लगता है और वह व्यक्ति वही बेहोश हो जाता है………………………………..

स्थान - स्वर्ग लोक राज दरबार।

God king:- ये तो अनर्थ हो गया……

god king के मुख से अचानक ही शब्द निकले जिससे दरबार में सन्नाटा पसर गया और कुछ समय बाद…….
Fire god :- क्या हुआ महाराज….. क्या अनर्थ हो गया।
God king :- वही fire god जो नहीं होना चाहिए था…. आप सभी तो जानते ही होंगे कि आज पूर्णिमा की रात The Destroyer के अंश पृथ्वी पर अवतरित होने वाले है लेकिन अभी तक हुए नहीं है जो एक शुभ संकेत कदापि नहीं है…….. दूसरी उनकी होने वाली माता एक दुर्घटना के चपेट में आ गई है……. और हमारी मजबूरी यह है कि हम उनकी सहायता नहीं कर सकते है अगर उनका धरती पर यह अवतार नहीं हुआ तो आने वाले समय में उसका विनाश कौन करेगा……………

Wind god :- महाराज हमें कुछ समझ नहीं आया आप किसका विनाश करने की बात कर रहे है जिसके लिए The Destroyer को धरती पर अवतार लेना पड़ रहा है……….
God king :- wind god की बाते सुनने के बाद king सबके ओर देखते है सभी के चेहरे पर उन्हें कुछ ना समझने का भाव नजर आता है और यह देखकर वे आश्चर्य और सोच में पड़ गए की उस ये सभी कैसे भूल सकते है जिसके डर से इन्हे क्या से क्या हो जाता था।
King को सोच में पड़े देखकर गुरुदेव ने कहा।
गुरुदेव :- महाराज आप ऐसे आश्चर्य चकित ना हो शायद आप भूल रहे है कि उस घटना को सबके स्मृति (याद) से भुला दिया गया है, जिससे सारे gods निर्भीक होकर अपने अपने कार्य को सुचारू रूप से करते रहे। और अब समय आ गया है कि इन सभी की स्मृतियां लौटने की यही आदेश उस समय king of king ने दिया था क्या आप ये भूल गए थे।

गुरुदेव की बातो को सुनकर god king ने कहा ……
"भला ये कैसे भूल सकता हूं गुरुदेव, उनके आदेश का अक्षरसह पालन होगा और अब लगता है कि वह घड़ी आ गई है ।"

"हे प्रभु आपके आदेशानुसार मै अपने कर्तव्य का निर्वहन करने जा रहा हूं यदी हमसे कोई त्रुटि हो जाती है तो हमें क्षमा करे…….." गुरुदेव से बात करने के बाद king god ने अपने हाथ जोड़े बोल और उनके हाथ से एक पीली रोशनी निकली और सभी gods में समा गई और उनकी आंखे बंद हो गई और जब उन्होंने अपनी आंखे सभी ने खोले तो उन आंखों में एक डर नजर आया और उन सभी के शरीर पसीने से भीग गए………..

आखिर ये है कौन जिसको याद करने मात्र से ही सभी के पसीने छूट गए……….. आखिर किसकी बात कर रहे है कि ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को………………

Introduction to the Gods:-

King of king (KK):- इन्हे भाग्य विधाता भी कहा जाता है यही सबके भाग्य में क्या है लिखते है इन्होंने ही सृष्टि के निर्माण किया है। यही हम मनुष्यो को बनाने वाले । इस संसार को बनाने वाले इनका कोई आकर नहीं, कोई रूप नहीं है ये निराकार है और इन्हीं के अभिन्न अंग है इनकी पत्नी जिसको हम प्रकृति (नियति, कुदरत इत्यादि) कहा जाता है। इनके तीन साकार रूप है जिसको पूरा संसार पूजता है।
King of god (kg) :- सभी देवताओं के राजा और स्वर्ग के सिंहासन पर विराजमान।
King of death (kd):- ये है मौत के देवता लेकिन इन्हें धर्म के रक्षक भी कहा जाता है क्योंकि धर्म की रक्षा में एक महत्वपूर्ण योगदान है और इनका न्याय सबके लिए एक समान रहता है वह चाहे king of God हो या फिर कोई साधारण मनुष्य।
King of fire (kf) :- ये आग के देवता है, लेकिन ये अतायधिक सौम्य, उदार, और न्याय प्रिय देवता है इनकी आग धर्म रक्षा के प्रतीक मानी जाती है। और इनके ही द्वारा मनुष्यो द्वारा किए गए पूजा सारे देवताओं को मिलता है।
King of wind (kw ):- ये है हवा के देवता जिनसे हमें प्राणवायु मिलता है।

King of time :- ये समय लोक के राजा है जो सात घोड़ों के रथ पर बना लोक है और यह लोक हमेशा गतिशील ही रहता है जिससे इस संसार का समय भी चलता रहता है इनके रुकने से सब कुछ रुक जाता है।

Gurudev of gods (GG) :- देवताओं के गुरु।

The destroyer इनके बारे में आगे पता चलेगा। क्योंकि ये कोई भगवान नहीं ये एक इंसान है (कहानी आगे पता चलेगा) जिसने धर्म रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दिया और देवत्व को प्राप्त कर लिया इनका स्थान देवताओं में सर्वोच्च है।

नोट :- यहां gods का परिचय देने का कारण ये है कि रीडर्स समझ जाए कि कौन god क्या करते है। क्योंकि असली god का नाम तो ले नहीं सकते है लेकिन फिर भी किसी को आपत्ति हो तो मुझे कॉमेंट करके बताएं।

स्थान :- पृथ्वी पर एक अस्पताल में।

एक व्यक्ति फोन पर बात कर रहा था उसके शरीर पसीने से भीगा हुआ था उसके अंदर इतना डर था कि उसके हाथ इतना हील रहे थे कि ऐसा लग लग रहा था कि उसके हाथ में रखे फोन कभी भी गिर जाएगा। उसने अपने कान पर फोन लगाए हुए थे फोन कि रिंग जा रही थी……………..

……… "हेल्लो बिरजू! क्या हुआ इतनी रात को फोन किया सब ठीक तो है।" दूसरी तरफ से फोन उठाया जाता है और उधर से एक रौबदार आवाज सुनाई देता है जिसको सुनने के बाद वह व्यक्ति जिसका नाम बिरजू था उसने अपने थूक निगलते हुए कहता है।

बिरजू :- ब ..ब ..बड़े मा… मालिक …

……." हा मै ही बोल रहा हूं बिरजू बोलो इतनी रात को फोन करने का कारण मेरा बेटा और बहू स्वास्थ्य तो है ना और……" अभी उधर की बाते पूरी हुई नहीं थी कि बात काटते हुए बिरजू बोलता है……

बिरजू :- अनर्थ हो गया बड़े मालिक…………. हूं हूं हूं…….. (रोने लगा) और यह सुनते ही उधर शान्ति फेल जाती है और दरवाजा खुलने का आवाज आती है……..कुछ देर बाद…..

………" बिरजू क्या अनर्थ हो गया है…. कहीं अर्जुन सिंह"….. बात अधूरा छोड़ देते है

बिरजू:- नहीं मालिक दरअसल……….. पूरी घटना बताता है (यह बता दू की यहा बिरजू देव और सावित्री की बाते कर रहा है अपने मालिक से और ऊपर बड़े मालिक के कथन से आप सभी समझ ही गए होंगे कि ये दोनों उनके बेटा और बहू है)
……बिरजू की बाते सुनने के बाद " क्या ये सब हो गया और तू मुझे अब बता रहा है….. और तू था कहा मैंने तुझसे बोला था कि कोई भी परेशानी हो तो तुरंत देव की मदद करने उसके सामने आ जाना लेकिन तू (गुस्से में गहरी सांसे लेते है) तू…….. कर क्या रहा था"………. उधर से लगभग गुस्से में चिल्लाने की आवाज आती जिसे सुनने के बाद तो बिरजू के पैंट पिल्ला होने से बचा और वह पेशाब भी कर दिया।…………

………"अरे बोलता क्यों नहीं है तू, ये बता कि तू किस अस्पताल में लेकर गया है उन्हें……" उधर से आवाज आती।

बिरजू - जी….. जी…. मै*** **** हॉस्पिटल pvt. Ltd. दिल्ली।

फोन काट जाता है………………..

फोन करने के बाद बिरजू डॉक्टर के पास जाता है जो अभी अभी सावित्री देवी के कमरे से बाहर निकाला था।

बिरजू - डॉ साहब अब कैसी है तबीयत…….

डाॅ० - देखिए अब वे दोनों खतरे से बाहर है और हमने उन्हें नींद की सुई लगाई है तो अभी वे आराम कर रहे है…..लेकिन

लेकिन सुनते ही बिरजू के जान ही हलक में आ जाता है…..
बिरजू - ल…. ल…. लेकिन क्या डॉ……

डॉ० - देखिए घबराइए मत…… बात दरअसल यह है कि महिला को धक्के लगाने से गिरने के कारण महिला को एक हार्ट अटैक था जिसका प्रभाव बच्चे पर भी पड़ा है और बच्चा गर्भ में ही बेहोश हो गया है या फिर कोमा में भी जा सकता है….. पर बच्चा ठीक है……. (यह मैंने ये सभी बाते अपने काल्पनिकता से लिखा है ऐसा होता है कि नहीं मुझे नहीं पता)
डॉ इतना कहने के बाद चला जाता है और बीजू वहीं पर बैठ जाता है और god को धन्यवाद देता है की सभी लोग सुरक्षित है खास तौर पर बच्चा।…………………

तो आखिर य बड़े मालिक है कौन…….. क्या बच्चा डॉ के कहे अनुसार होगा की कोई और बात होगी………. ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को…………….. आज के लिए बस इतना ही मिलते है अब अगले अपडेट पर धन्यवाद………


दोस्तो मेरी जीवन की यह पहली स्टोरी है तो कोई गलती हो तो कृपया उसे अनदेखा करे और हा केवल पढ़कर मत जाइएगा अपना सुझाव भी देना कि यह अपडेट आपको कैसा लगा अगर कोई सुझाव हो तो उसका स्वागत है।…………..
Suruvat to aapne Bahut hi rahasya purn dhang se ki hai...
Dev or savitri ye dono pati patni hai or pregnant bhi yha ek bacche ka janm hone vala hai pr baat yah hai ki ye dono thela gadi se kyo Chal rhe the, inke pita ne Birju ko inke pichhe kyo lgaya hua tha or ye dev savitri itna Saharan jivan kyo vyatit kr rhe hai Jabki phone pr bate sunne se aisa lagta hai ki Bahut pahuchi hui chij hai unka malik... Vahi god ke planet ko dikhaya gya, jaha pr vo Sabhi bhi chintit hai destroyer ke janm lene se pahle... Superb bhai sandar jabarjast update
 

Naik

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शीर्षक - कहानी की शुरुआत।
आज पूर्णिमा की रात थी लेकिन अंधेरा इतना था कि लोगों को अपने पास वाले ही नहीं दिखाई दे रहे है……. पूरा सड़क सुनसान था कोई भी लोग नहीं थे इस सड़क पर सिवाय एक के को अपने हाथो से ठेला गाड़ी (जिस पर फास्ट फूड बेचा जाता है) को दौड़ते हुए के जा रहा है………………

"आ…. आ………… ह मा देव ये दर्द मेरी जान ले लेगा प्लीज कुछ करिए….. मा………." ठेला गाड़ी पर एक महिला लेती हुई थी जो की उस व्यक्ति की पत्नी थी और वह गर्भवती थी जिसका समय काल अब पूरा ही हो गया है और यह दर्द उसके प्रसव पीड़ा के कारण ही उठ रहा है………………

"बस सावित्री हिम्मत रखो हम अब पहुंचने ही वाले है" वह व्यक्ति जिसको महिला देव नाम से संबोधित कर रही थी वह अपने पत्नी को हिम्मत बांधते हुए बोला और सड़क पर ठेला गाड़ी को दौड़ते जा रहा था उसे सड़क तो दिखाई नहीं दे रहा था पर उस पता था कि यह सड़क सीधे अस्पताल की ओर ही जाएगा वह व्यक्ति हर चौराहे पर धीरे होकर रास्ता देखता की वह सही रास्ते पर है कि नहीं लेकिन बढ़ते समय के साथ ही महिला के प्रसव पीड़ा में बढ़ोतरी होती ही जा रही थी जिसके कारण वह व्यक्ति और भी तेज दौड़ने लगा लेकिन इसी तेजी में उससे एक गलती हो गई वह एक चौराहे से अस्पताल वाला रास्ता छोड़कर जल्दीबाजी में जंगल वाला रास्ता पकड़ लेता है, अचानक सड़क पर एक गढ्ढा आता है जिसमें गाड़ी के टायर पड़ते है एक तेज झटका लगता है और उस पर लेती महिला हवा में उड़ जाती है और वह व्यक्ति का सर ठेला गाड़ी से लगता है और वह व्यक्ति वही बेहोश हो जाता है………………………………..

स्थान - स्वर्ग लोक राज दरबार।

God king:- ये तो अनर्थ हो गया……

god king के मुख से अचानक ही शब्द निकले जिससे दरबार में सन्नाटा पसर गया और कुछ समय बाद…….
Fire god :- क्या हुआ महाराज….. क्या अनर्थ हो गया।
God king :- वही fire god जो नहीं होना चाहिए था…. आप सभी तो जानते ही होंगे कि आज पूर्णिमा की रात The Destroyer के अंश पृथ्वी पर अवतरित होने वाले है लेकिन अभी तक हुए नहीं है जो एक शुभ संकेत कदापि नहीं है…….. दूसरी उनकी होने वाली माता एक दुर्घटना के चपेट में आ गई है……. और हमारी मजबूरी यह है कि हम उनकी सहायता नहीं कर सकते है अगर उनका धरती पर यह अवतार नहीं हुआ तो आने वाले समय में उसका विनाश कौन करेगा……………

Wind god :- महाराज हमें कुछ समझ नहीं आया आप किसका विनाश करने की बात कर रहे है जिसके लिए The Destroyer को धरती पर अवतार लेना पड़ रहा है……….
God king :- wind god की बाते सुनने के बाद king सबके ओर देखते है सभी के चेहरे पर उन्हें कुछ ना समझने का भाव नजर आता है और यह देखकर वे आश्चर्य और सोच में पड़ गए की उस ये सभी कैसे भूल सकते है जिसके डर से इन्हे क्या से क्या हो जाता था।
King को सोच में पड़े देखकर गुरुदेव ने कहा।
गुरुदेव :- महाराज आप ऐसे आश्चर्य चकित ना हो शायद आप भूल रहे है कि उस घटना को सबके स्मृति (याद) से भुला दिया गया है, जिससे सारे gods निर्भीक होकर अपने अपने कार्य को सुचारू रूप से करते रहे। और अब समय आ गया है कि इन सभी की स्मृतियां लौटने की यही आदेश उस समय king of king ने दिया था क्या आप ये भूल गए थे।

गुरुदेव की बातो को सुनकर god king ने कहा ……
"भला ये कैसे भूल सकता हूं गुरुदेव, उनके आदेश का अक्षरसह पालन होगा और अब लगता है कि वह घड़ी आ गई है ।"

"हे प्रभु आपके आदेशानुसार मै अपने कर्तव्य का निर्वहन करने जा रहा हूं यदी हमसे कोई त्रुटि हो जाती है तो हमें क्षमा करे…….." गुरुदेव से बात करने के बाद king god ने अपने हाथ जोड़े बोल और उनके हाथ से एक पीली रोशनी निकली और सभी gods में समा गई और उनकी आंखे बंद हो गई और जब उन्होंने अपनी आंखे सभी ने खोले तो उन आंखों में एक डर नजर आया और उन सभी के शरीर पसीने से भीग गए………..

आखिर ये है कौन जिसको याद करने मात्र से ही सभी के पसीने छूट गए……….. आखिर किसकी बात कर रहे है कि ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को………………

Introduction to the Gods:-

King of king (KK):- इन्हे भाग्य विधाता भी कहा जाता है यही सबके भाग्य में क्या है लिखते है इन्होंने ही सृष्टि के निर्माण किया है। यही हम मनुष्यो को बनाने वाले । इस संसार को बनाने वाले इनका कोई आकर नहीं, कोई रूप नहीं है ये निराकार है और इन्हीं के अभिन्न अंग है इनकी पत्नी जिसको हम प्रकृति (नियति, कुदरत इत्यादि) कहा जाता है। इनके तीन साकार रूप है जिसको पूरा संसार पूजता है।
King of god (kg) :- सभी देवताओं के राजा और स्वर्ग के सिंहासन पर विराजमान।
King of death (kd):- ये है मौत के देवता लेकिन इन्हें धर्म के रक्षक भी कहा जाता है क्योंकि धर्म की रक्षा में एक महत्वपूर्ण योगदान है और इनका न्याय सबके लिए एक समान रहता है वह चाहे king of God हो या फिर कोई साधारण मनुष्य।
King of fire (kf) :- ये आग के देवता है, लेकिन ये अतायधिक सौम्य, उदार, और न्याय प्रिय देवता है इनकी आग धर्म रक्षा के प्रतीक मानी जाती है। और इनके ही द्वारा मनुष्यो द्वारा किए गए पूजा सारे देवताओं को मिलता है।
King of wind (kw ):- ये है हवा के देवता जिनसे हमें प्राणवायु मिलता है।

King of time :- ये समय लोक के राजा है जो सात घोड़ों के रथ पर बना लोक है और यह लोक हमेशा गतिशील ही रहता है जिससे इस संसार का समय भी चलता रहता है इनके रुकने से सब कुछ रुक जाता है।

Gurudev of gods (GG) :- देवताओं के गुरु।

The destroyer इनके बारे में आगे पता चलेगा। क्योंकि ये कोई भगवान नहीं ये एक इंसान है (कहानी आगे पता चलेगा) जिसने धर्म रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दिया और देवत्व को प्राप्त कर लिया इनका स्थान देवताओं में सर्वोच्च है।

नोट :- यहां gods का परिचय देने का कारण ये है कि रीडर्स समझ जाए कि कौन god क्या करते है। क्योंकि असली god का नाम तो ले नहीं सकते है लेकिन फिर भी किसी को आपत्ति हो तो मुझे कॉमेंट करके बताएं।

स्थान :- पृथ्वी पर एक अस्पताल में।

एक व्यक्ति फोन पर बात कर रहा था उसके शरीर पसीने से भीगा हुआ था उसके अंदर इतना डर था कि उसके हाथ इतना हील रहे थे कि ऐसा लग लग रहा था कि उसके हाथ में रखे फोन कभी भी गिर जाएगा। उसने अपने कान पर फोन लगाए हुए थे फोन कि रिंग जा रही थी……………..

……… "हेल्लो बिरजू! क्या हुआ इतनी रात को फोन किया सब ठीक तो है।" दूसरी तरफ से फोन उठाया जाता है और उधर से एक रौबदार आवाज सुनाई देता है जिसको सुनने के बाद वह व्यक्ति जिसका नाम बिरजू था उसने अपने थूक निगलते हुए कहता है।

बिरजू :- ब ..ब ..बड़े मा… मालिक …

……." हा मै ही बोल रहा हूं बिरजू बोलो इतनी रात को फोन करने का कारण मेरा बेटा और बहू स्वास्थ्य तो है ना और……" अभी उधर की बाते पूरी हुई नहीं थी कि बात काटते हुए बिरजू बोलता है……

बिरजू :- अनर्थ हो गया बड़े मालिक…………. हूं हूं हूं…….. (रोने लगा) और यह सुनते ही उधर शान्ति फेल जाती है और दरवाजा खुलने का आवाज आती है……..कुछ देर बाद…..

………" बिरजू क्या अनर्थ हो गया है…. कहीं अर्जुन सिंह"….. बात अधूरा छोड़ देते है

बिरजू:- नहीं मालिक दरअसल……….. पूरी घटना बताता है (यह बता दू की यहा बिरजू देव और सावित्री की बाते कर रहा है अपने मालिक से और ऊपर बड़े मालिक के कथन से आप सभी समझ ही गए होंगे कि ये दोनों उनके बेटा और बहू है)
……बिरजू की बाते सुनने के बाद " क्या ये सब हो गया और तू मुझे अब बता रहा है….. और तू था कहा मैंने तुझसे बोला था कि कोई भी परेशानी हो तो तुरंत देव की मदद करने उसके सामने आ जाना लेकिन तू (गुस्से में गहरी सांसे लेते है) तू…….. कर क्या रहा था"………. उधर से लगभग गुस्से में चिल्लाने की आवाज आती जिसे सुनने के बाद तो बिरजू के पैंट पिल्ला होने से बचा और वह पेशाब भी कर दिया।…………

………"अरे बोलता क्यों नहीं है तू, ये बता कि तू किस अस्पताल में लेकर गया है उन्हें……" उधर से आवाज आती।

बिरजू - जी….. जी…. मै*** **** हॉस्पिटल pvt. Ltd. दिल्ली।

फोन काट जाता है………………..

फोन करने के बाद बिरजू डॉक्टर के पास जाता है जो अभी अभी सावित्री देवी के कमरे से बाहर निकाला था।

बिरजू - डॉ साहब अब कैसी है तबीयत…….

डाॅ० - देखिए अब वे दोनों खतरे से बाहर है और हमने उन्हें नींद की सुई लगाई है तो अभी वे आराम कर रहे है…..लेकिन

लेकिन सुनते ही बिरजू के जान ही हलक में आ जाता है…..
बिरजू - ल…. ल…. लेकिन क्या डॉ……

डॉ० - देखिए घबराइए मत…… बात दरअसल यह है कि महिला को धक्के लगाने से गिरने के कारण महिला को एक हार्ट अटैक था जिसका प्रभाव बच्चे पर भी पड़ा है और बच्चा गर्भ में ही बेहोश हो गया है या फिर कोमा में भी जा सकता है….. पर बच्चा ठीक है……. (यह मैंने ये सभी बाते अपने काल्पनिकता से लिखा है ऐसा होता है कि नहीं मुझे नहीं पता)
डॉ इतना कहने के बाद चला जाता है और बीजू वहीं पर बैठ जाता है और god को धन्यवाद देता है की सभी लोग सुरक्षित है खास तौर पर बच्चा।…………………

तो आखिर य बड़े मालिक है कौन…….. क्या बच्चा डॉ के कहे अनुसार होगा की कोई और बात होगी………. ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को…………….. आज के लिए बस इतना ही मिलते है अब अगले अपडेट पर धन्यवाद………


दोस्तो मेरी जीवन की यह पहली स्टोरी है तो कोई गलती हो तो कृपया उसे अनदेखा करे और हा केवल पढ़कर मत जाइएगा अपना सुझाव भी देना कि यह अपडेट आपको कैसा लगा अगर कोई सुझाव हो तो उसका स्वागत है।…………..
Nayi kahani k liye mubarak baad
Shuruwat tow badhiya tareeke se ki
Dekhte h aage kia
 

L.king

जलना नही मुझसे नही तो मेरी DP देखलो।
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शीर्षक - कहानी की शुरुआत।
आज पूर्णिमा की रात थी लेकिन अंधेरा इतना था कि लोगों को अपने पास वाले ही नहीं दिखाई दे रहे है……. पूरा सड़क सुनसान था कोई भी लोग नहीं थे इस सड़क पर सिवाय एक के को अपने हाथो से ठेला गाड़ी (जिस पर फास्ट फूड बेचा जाता है) को दौड़ते हुए के जा रहा है………………

"आ…. आ………… ह मा देव ये दर्द मेरी जान ले लेगा प्लीज कुछ करिए….. मा………." ठेला गाड़ी पर एक महिला लेती हुई थी जो की उस व्यक्ति की पत्नी थी और वह गर्भवती थी जिसका समय काल अब पूरा ही हो गया है और यह दर्द उसके प्रसव पीड़ा के कारण ही उठ रहा है………………

"बस सावित्री हिम्मत रखो हम अब पहुंचने ही वाले है" वह व्यक्ति जिसको महिला देव नाम से संबोधित कर रही थी वह अपने पत्नी को हिम्मत बांधते हुए बोला और सड़क पर ठेला गाड़ी को दौड़ते जा रहा था उसे सड़क तो दिखाई नहीं दे रहा था पर उस पता था कि यह सड़क सीधे अस्पताल की ओर ही जाएगा वह व्यक्ति हर चौराहे पर धीरे होकर रास्ता देखता की वह सही रास्ते पर है कि नहीं लेकिन बढ़ते समय के साथ ही महिला के प्रसव पीड़ा में बढ़ोतरी होती ही जा रही थी जिसके कारण वह व्यक्ति और भी तेज दौड़ने लगा लेकिन इसी तेजी में उससे एक गलती हो गई वह एक चौराहे से अस्पताल वाला रास्ता छोड़कर जल्दीबाजी में जंगल वाला रास्ता पकड़ लेता है, अचानक सड़क पर एक गढ्ढा आता है जिसमें गाड़ी के टायर पड़ते है एक तेज झटका लगता है और उस पर लेती महिला हवा में उड़ जाती है और वह व्यक्ति का सर ठेला गाड़ी से लगता है और वह व्यक्ति वही बेहोश हो जाता है………………………………..

स्थान - स्वर्ग लोक राज दरबार।

God king:- ये तो अनर्थ हो गया……

god king के मुख से अचानक ही शब्द निकले जिससे दरबार में सन्नाटा पसर गया और कुछ समय बाद…….
Fire god :- क्या हुआ महाराज….. क्या अनर्थ हो गया।
God king :- वही fire god जो नहीं होना चाहिए था…. आप सभी तो जानते ही होंगे कि आज पूर्णिमा की रात The Destroyer के अंश पृथ्वी पर अवतरित होने वाले है लेकिन अभी तक हुए नहीं है जो एक शुभ संकेत कदापि नहीं है…….. दूसरी उनकी होने वाली माता एक दुर्घटना के चपेट में आ गई है……. और हमारी मजबूरी यह है कि हम उनकी सहायता नहीं कर सकते है अगर उनका धरती पर यह अवतार नहीं हुआ तो आने वाले समय में उसका विनाश कौन करेगा……………

Wind god :- महाराज हमें कुछ समझ नहीं आया आप किसका विनाश करने की बात कर रहे है जिसके लिए The Destroyer को धरती पर अवतार लेना पड़ रहा है……….
God king :- wind god की बाते सुनने के बाद king सबके ओर देखते है सभी के चेहरे पर उन्हें कुछ ना समझने का भाव नजर आता है और यह देखकर वे आश्चर्य और सोच में पड़ गए की उस ये सभी कैसे भूल सकते है जिसके डर से इन्हे क्या से क्या हो जाता था।
King को सोच में पड़े देखकर गुरुदेव ने कहा।
गुरुदेव :- महाराज आप ऐसे आश्चर्य चकित ना हो शायद आप भूल रहे है कि उस घटना को सबके स्मृति (याद) से भुला दिया गया है, जिससे सारे gods निर्भीक होकर अपने अपने कार्य को सुचारू रूप से करते रहे। और अब समय आ गया है कि इन सभी की स्मृतियां लौटने की यही आदेश उस समय king of king ने दिया था क्या आप ये भूल गए थे।

गुरुदेव की बातो को सुनकर god king ने कहा ……
"भला ये कैसे भूल सकता हूं गुरुदेव, उनके आदेश का अक्षरसह पालन होगा और अब लगता है कि वह घड़ी आ गई है ।"

"हे प्रभु आपके आदेशानुसार मै अपने कर्तव्य का निर्वहन करने जा रहा हूं यदी हमसे कोई त्रुटि हो जाती है तो हमें क्षमा करे…….." गुरुदेव से बात करने के बाद king god ने अपने हाथ जोड़े बोल और उनके हाथ से एक पीली रोशनी निकली और सभी gods में समा गई और उनकी आंखे बंद हो गई और जब उन्होंने अपनी आंखे सभी ने खोले तो उन आंखों में एक डर नजर आया और उन सभी के शरीर पसीने से भीग गए………..

आखिर ये है कौन जिसको याद करने मात्र से ही सभी के पसीने छूट गए……….. आखिर किसकी बात कर रहे है कि ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को………………

Introduction to the Gods:-

King of king (KK):- इन्हे भाग्य विधाता भी कहा जाता है यही सबके भाग्य में क्या है लिखते है इन्होंने ही सृष्टि के निर्माण किया है। यही हम मनुष्यो को बनाने वाले । इस संसार को बनाने वाले इनका कोई आकर नहीं, कोई रूप नहीं है ये निराकार है और इन्हीं के अभिन्न अंग है इनकी पत्नी जिसको हम प्रकृति (नियति, कुदरत इत्यादि) कहा जाता है। इनके तीन साकार रूप है जिसको पूरा संसार पूजता है।
King of god (kg) :- सभी देवताओं के राजा और स्वर्ग के सिंहासन पर विराजमान।
King of death (kd):- ये है मौत के देवता लेकिन इन्हें धर्म के रक्षक भी कहा जाता है क्योंकि धर्म की रक्षा में एक महत्वपूर्ण योगदान है और इनका न्याय सबके लिए एक समान रहता है वह चाहे king of God हो या फिर कोई साधारण मनुष्य।
King of fire (kf) :- ये आग के देवता है, लेकिन ये अतायधिक सौम्य, उदार, और न्याय प्रिय देवता है इनकी आग धर्म रक्षा के प्रतीक मानी जाती है। और इनके ही द्वारा मनुष्यो द्वारा किए गए पूजा सारे देवताओं को मिलता है।
King of wind (kw ):- ये है हवा के देवता जिनसे हमें प्राणवायु मिलता है।

King of time :- ये समय लोक के राजा है जो सात घोड़ों के रथ पर बना लोक है और यह लोक हमेशा गतिशील ही रहता है जिससे इस संसार का समय भी चलता रहता है इनके रुकने से सब कुछ रुक जाता है।

Gurudev of gods (GG) :- देवताओं के गुरु।

The destroyer इनके बारे में आगे पता चलेगा। क्योंकि ये कोई भगवान नहीं ये एक इंसान है (कहानी आगे पता चलेगा) जिसने धर्म रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दिया और देवत्व को प्राप्त कर लिया इनका स्थान देवताओं में सर्वोच्च है।

नोट :- यहां gods का परिचय देने का कारण ये है कि रीडर्स समझ जाए कि कौन god क्या करते है। क्योंकि असली god का नाम तो ले नहीं सकते है लेकिन फिर भी किसी को आपत्ति हो तो मुझे कॉमेंट करके बताएं।

स्थान :- पृथ्वी पर एक अस्पताल में।

एक व्यक्ति फोन पर बात कर रहा था उसके शरीर पसीने से भीगा हुआ था उसके अंदर इतना डर था कि उसके हाथ इतना हील रहे थे कि ऐसा लग लग रहा था कि उसके हाथ में रखे फोन कभी भी गिर जाएगा। उसने अपने कान पर फोन लगाए हुए थे फोन कि रिंग जा रही थी……………..

……… "हेल्लो बिरजू! क्या हुआ इतनी रात को फोन किया सब ठीक तो है।" दूसरी तरफ से फोन उठाया जाता है और उधर से एक रौबदार आवाज सुनाई देता है जिसको सुनने के बाद वह व्यक्ति जिसका नाम बिरजू था उसने अपने थूक निगलते हुए कहता है।

बिरजू :- ब ..ब ..बड़े मा… मालिक …

……." हा मै ही बोल रहा हूं बिरजू बोलो इतनी रात को फोन करने का कारण मेरा बेटा और बहू स्वास्थ्य तो है ना और……" अभी उधर की बाते पूरी हुई नहीं थी कि बात काटते हुए बिरजू बोलता है……

बिरजू :- अनर्थ हो गया बड़े मालिक…………. हूं हूं हूं…….. (रोने लगा) और यह सुनते ही उधर शान्ति फेल जाती है और दरवाजा खुलने का आवाज आती है……..कुछ देर बाद…..

………" बिरजू क्या अनर्थ हो गया है…. कहीं अर्जुन सिंह"….. बात अधूरा छोड़ देते है

बिरजू:- नहीं मालिक दरअसल……….. पूरी घटना बताता है (यह बता दू की यहा बिरजू देव और सावित्री की बाते कर रहा है अपने मालिक से और ऊपर बड़े मालिक के कथन से आप सभी समझ ही गए होंगे कि ये दोनों उनके बेटा और बहू है)
……बिरजू की बाते सुनने के बाद " क्या ये सब हो गया और तू मुझे अब बता रहा है….. और तू था कहा मैंने तुझसे बोला था कि कोई भी परेशानी हो तो तुरंत देव की मदद करने उसके सामने आ जाना लेकिन तू (गुस्से में गहरी सांसे लेते है) तू…….. कर क्या रहा था"………. उधर से लगभग गुस्से में चिल्लाने की आवाज आती जिसे सुनने के बाद तो बिरजू के पैंट पिल्ला होने से बचा और वह पेशाब भी कर दिया।…………

………"अरे बोलता क्यों नहीं है तू, ये बता कि तू किस अस्पताल में लेकर गया है उन्हें……" उधर से आवाज आती।

बिरजू - जी….. जी…. मै*** **** हॉस्पिटल pvt. Ltd. दिल्ली।

फोन काट जाता है………………..

फोन करने के बाद बिरजू डॉक्टर के पास जाता है जो अभी अभी सावित्री देवी के कमरे से बाहर निकाला था।

बिरजू - डॉ साहब अब कैसी है तबीयत…….

डाॅ० - देखिए अब वे दोनों खतरे से बाहर है और हमने उन्हें नींद की सुई लगाई है तो अभी वे आराम कर रहे है…..लेकिन

लेकिन सुनते ही बिरजू के जान ही हलक में आ जाता है…..
बिरजू - ल…. ल…. लेकिन क्या डॉ……

डॉ० - देखिए घबराइए मत…… बात दरअसल यह है कि महिला को धक्के लगाने से गिरने के कारण महिला को एक हार्ट अटैक था जिसका प्रभाव बच्चे पर भी पड़ा है और बच्चा गर्भ में ही बेहोश हो गया है या फिर कोमा में भी जा सकता है….. पर बच्चा ठीक है……. (यह मैंने ये सभी बाते अपने काल्पनिकता से लिखा है ऐसा होता है कि नहीं मुझे नहीं पता)
डॉ इतना कहने के बाद चला जाता है और बीजू वहीं पर बैठ जाता है और god को धन्यवाद देता है की सभी लोग सुरक्षित है खास तौर पर बच्चा।…………………

तो आखिर य बड़े मालिक है कौन…….. क्या बच्चा डॉ के कहे अनुसार होगा की कोई और बात होगी………. ये जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को…………….. आज के लिए बस इतना ही मिलते है अब अगले अपडेट पर धन्यवाद………


दोस्तो मेरी जीवन की यह पहली स्टोरी है तो कोई गलती हो तो कृपया उसे अनदेखा करे और हा केवल पढ़कर मत जाइएगा अपना सुझाव भी देना कि यह अपडेट आपको कैसा लगा अगर कोई सुझाव हो तो उसका स्वागत है।…………..
Aapko apki khani ke liye hardik badhaiya.................

Kahani ki suruaat bahut hi shandar tha dekhte hai aage kya hota hai.........

Waiting for the next update......................
 
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Sweetkaran

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Congratulations for new thread bro
 
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