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भाई , एक हमारे संजू दत्त साहब है जिन्होने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि उन्होने 308 महिलाओ के साथ डेट किया है । फिर उन्होने कहा शायद औरतें 350 हो सकती है ।
वैसे इस व्यक्ति को कभी भी अच्छा इंसान मैने नही समझा । ऐसे लोग से मै नफरत करता हूं ।
लेकिन मर्द होने के नाते , आप को मर्द की फितरत का भी अवश्य पता होगा ।
" अगर एक मोमबती ताजिंदली जल सकती है तो यकीनन मर्द ताजिंदली एक ही औरत से प्यार कर सकता है ।"
अपवाद के रूप मे मैने हमेशा महात्मा ' राम ' को रखा है । और ऐसे महात्मा बहुत बहुत कम है ।
वेयरवोल्फ भाई के लिए रियल मे अग्नि परीक्षा की घड़ी आ गई है की वो वीर को किस तरह के किरदार के रूप मे आगे प्रस्तुत कर रहे है ।
एक इन्सेस्ट किरदार के रूप मे , एक लेडीज मैन के किरदार के रूप मे ;
" कभी लैला पे अफसूं , कभी शीरी पे फिदा ।
और जो फिर देखो तो , दोनो से सरोकार नही ।। "
वेयरवोल्फ भाई ने शेर की सवारी तो अवश्य कर रखी है ।![]()
संजय दत्त की पहली पत्नी - ऋचा शर्मा ( इस की मौत का जिम्मेदार मै संजय दत्त को मानता हूं )मैंने वीर के मल्टीपल रिलेशन को गलत नहीं कहा, कहानी का एक मुख्य पक्ष ही वीर के सब महिलाओं से संबंध है।
संजू दत्त का ही उदाहरण ले तो भले ही 350 से संबंध बनाए, लेकिन शादी तो एक ही की ना जीवन भर का साथ तो एक ही से निभाया। भले शादी से बाहर भी मुंह मारते रहे हो।
लेकिन वीर का तो मामला ही अलग है, वो रागिनी से प्यार का दावा करता है और इस हादसे के बाद तो पूरे जोर शोर से ये दावा कर रहा है (जो सच है)।
सच ये है कि वीर ने जिस तरह का बचपन देखा, नफ़रत, नकारना, घृणा, नज़रअंदाज़, अत्याचार यही सब देखा है वीर ने ऐसे में वीर को जब अब प्यार मिल रहा है तो वह किसीको खुद से दूर नहीं जाने देना चाहता। लेकिन रागिनी का सवाल अभी भी वहीं रहेगा, की ऐसे रिश्ते का भविष्य क्या है जिसका कोई नाम न हो। बिना नाम के रिश्ते को क्या कहते है आप बेहतर जानते है।
आगे निधि, कायरा, एवा, काव्या, आरोही, तेज भी यही सवाल पूछेंगी तब किस किसको क्या कहेगा। अगर मर्द ताजिंदगी एक औरत से प्यार नहीं कर सकता तो औरत भी सौतन कभी स्वीकार नहीं कर सकती।
यही चुनौती है कि Werewolf ये कैसे कर पाएगा। इस हादसे के बाद रागिनी वीर की जिम्मेदारी भी है, जिसे वह नाकार नहीं सकता।