• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery Best Sex Stories Collected From Net

Rajizexy

Punjabi Doc
Supreme
45,453
47,161
304
Nice story
 

Garm Dudh

Bcmc Rand.DrinkMutvCum
258
346
63
Story -1



Bhabhi ki Chudai ki dastan


भाभी, भैया और मं मुम्बई में रहते थे। मैंउस समय पढ़ता था।
भैया अपने बबजनेस में मस्त रहते थे और खूब कमाते थे। मुझे तब जवानी चढ़ी ही थी, मुझ तो सारी दनुनया ही रंगीली नजर आती थी। जरा जरा सी बात पर लण्ड खडा हो जाता था। छुपछुप कर इन्टरनेट पर नंगी तस्वीरे देखता था और अश्लील पुस्तकेंपढ़ कर मुठ मारता था। घर में बस भाभी ही थी, जजन्हें आजकल मैंबडी वासना भरी नजर से देखता था। उनके शरीर को अपनी गंदी नजर सेननहारता था, भलेही वो मेरी भाभी क्यो ना हो, साली लगती तो एक नम्बर की चुद्दक्कड थी।
क्या मस्त जवान थी, बडी-बडी हहलती हुई चूंचचयां। मुझे लगता था जैसे मेरे ललये ही हहल रही हों। उसके मटकते हुये सुन्दर कसे हुये गोल चूतड मेरा लण्ड एक पल में खडा कर देते थे। जी हां …ये सब मन की बातें हैं… वैसे हदल से मैंबहुत बडा गाण्डू हूाँ …भाभी सामने हों तो मेरी नजरें भी नहीं उठती हैं। बस उन्हें देखकर चूनतयों की तरह लण्ड पकड कर मुठ मार लेता था। चूनतयों तो नहीं पर शायद बडों की इज्जत करना भी
कहते हों।

एक रात को मैं इन्टनेट पर लडककयों की नंगी तस्वीरे देख कर लेटा हुआ लण्ड को दबा रहा था। मझुे इसी में आनन्द आ रहाथा। मुझे अचानक लगा कक दरवाजे से कोई झांक रहा है… मैं

तुरन्त उठ बैठा, मनैं े चैन की सांस ली। भाभी

थी… “भैया, चाय पपयेगा क्या…” भाभी ने दरवाजे से ही पूछा।

“अभी रात को दस बजे…?” “तेरे भैया के ललये बना रही हूाँ…

अभी आये हैंना…” “अच्छा बना दो … ।” भाभी मुस्कराई

और चली गई। मुझे अब शक हो गया कक कहीं भाभी ने देख तो

नहीं ललया। किर सोचा कक मुस्करा कर गई हैतो किर ठीक है…

कोई सीररयस बात नहीं है। कुछ ही देर में भाभी चाय लेकर
आ गई और सामने बैठ गईं। “इन्टरनेट देख ललया… मजा

आया…?” भाभी ने करेदा।


मैंउछल पडा, तो भाभी को सब पता है, तो किर मुठ मारने भी
पता होगा। “हां अ… अह्हह्हह हां भाभी, पर आप…?” “बसचुप
हो जा… चाय पी…” मैंबेचैन सा हो गया था कक अब क्या कराँ ।
सच पूछो तो मेरी गाण्ड फ़टने लगी थी, कहीं भैया को ना कह
दें। “भाभी, भैया को ना कहना कुछ भी…।” “क्या
नहीं कहना… वो बबस्तर वाली बात… चल चाय तो खत्म कर, तेरे
भैया मेरी राह देख रहे होंगे ।” खखलखखला कर हंसते हुएउन्होंने अपने हाथ उठा अंगडाई ली तो मेरे हदल में कई तीर एक
साथ चल गये।
“साला डरपोक… बुद्धू… । ” उसने मुझे ताना मारा… तो मैंऔर
उलझ गया। वो चाय का प्याला ले कर चली गई। दरवाजा बंद
करते हुये बोली- अब किर इन्टनेट चालू कर लो… गुडनाईट…।” मेरे चेहरे पर पसीना छलक आया… यह तो
पक्का है कक भाभी कुछ जानती हैं।दसू रे हदन मैंहदन को कॉलेज सेआया और खाना खा कर बबस्तर
पर लेट गया। आज भाभी के तेवर ठीक नहीं लग रहे थे। बबना
ब्रा का ब्लाऊज, शायद पटैं भी नहीं पहनी थी। कपडे भी अस्त-व्यस्त से पहन रखे थे। खाना परोसते समय उनके झूलते हुये स्तन कयामत ढा रहे थे। पेटीकोट से भी उनके अन्दर के चूतड
और दसू रे अंग झलक रहे थे। यही सोच सोच कर मेरा लण्ड तना
रहा था और मैंउसे दबा दबा कर नीचे बैठा रहा था। पर जजतना
दबाता था वो उतना ही फ़ु
फ़कार उठता था। मनैंे लसफ़म एक ढीली
सी, छोटी सी चड्डी पहन रखी थी। मेरी इसी हालत में भाभी ने
कमरे में प्रवेश ककया, मैं हडबडा उठा। वो मुस्कराते हुये सीधे मेरे
बबस्तर के पास आ गई और मेरे पास में बैठ गई। और मेरा हाथ
लण्ड से हटा हदया।
उस बेचारे क्या कसूर … कडक तो था ही, हाथ हटते ही वो तो
तन्ना कर खडा हो गया। “साला, मादरचोद तूतो हरामी है
एक नम्बर का…” भाभी ने मझुे गाललयााँदी। “भाभी… ये
गाली क्यूाँ दी मुझे…?” मैं गाललयााँ सनुते ही चौंक
गया। “भोसडा के । इतना कडक, और मोटा लण्ड ललये हुये
मुठ मारता है?” उसने मेरा सात इन्च लम्बा लण्ड हाथ में भर
ललया। “भाभी ये क्या कर रही आप… ।” मनैं उनक हाथ हटाने
की भरकस कोलशश की। पर भाभी के हाथों में ताकत थी। मेरा
कडक लण्ड को उन्होंने मसल डाला, किर मेरा लण्ड छोड हदया
और मेरी बांहों को जकड ललया। मुझे लगा भाभी में बहुत ताकत
है। मनैं थोडी सी बेचैनी दशामई। पर भाभी मेरे ऊपर चढ़ बैठी।
“भेन की चूत … लेभाभी की चतू … साला अके ला मुठ मार सकता
है… भाभी तो साली चूनतया है… जो देखती ही रहेगी … भाभी की भोसडी नजर नहीं आई …?” भाभी वासना में कांप रही थी। मेरा
लण्ड मेरी ढीली चड्डी की एक साईड से ननकाल ललया। अचानक
भाभी ने भी अपना पेहटकोट ऊं चा कर ललया। और मेरा लण्ड
अपनी चूत में लगा हदया। “चल मादरचोद… घुसा दे अपना लण्ड…
बोल मेरी चूत मारेगा ना…?” भाभी की छाती धौंकनी की तरह
चलने लगी। इतनी देर में मेरे लण्ड में लमठास भर उठी। मेरी
घबराहट अब कुछ कम हो गई थी। मनैं भाभी की चूंचचयााँदबाते हुये कहा,”रुको तो सही … मेरा बलात्कार करोगी क्या, भैया को
मालूम होगा तो वो ककतने नाराज होंगे ।”
भाभी नरम होते हुए बोली,” उनके रुपयों को मैं क्या चूत में
घुसेडूगी … हरामी साले का खडा ही नहीं होता है, पहले तो खूब
चोदता था अब मुझेदेखतेही मादरचोद करवट बदल कर सो जाता
है… मेरी चूत क्या उसका बाप चोदेगा… अब ना तो वो मेरी गाण्ड
मारता हैऔर ना ही मेरी चतू मारता है… हरामी साला… मुझे देख
कर चोदू
का लण्ड ही खडा नहीं होता है ।””भाभी इतनी गाललयााँ
तो मत ननकालो… मैं हू ना आपकी चूत और गाण्ड चोदनेके ललये।
आओ मेरे लण्ड को चूस लो ।”

भाभी एक दम सामान्य नजर आने लग गई थी अब, उनके मन
की भडास ननकल चुकी थी। मेरा तन्नाया हुआ लण्ड देख कर वो
भूखी शेरनी की तरह लपक ली। उसका चूसना ही क्या कमाल का
था। मेरा लण्ड फ़ूल उठा। उसका मुख बहुत कसावट के साथ मेरे
लौडे को चूस रहा था। मेरे लण्ड को कोई लडकी पहली बार चसू
रही थी। वो लण्ड को काट भी लेती थी। कुछ ही समय में मेरा
शरीर अकड गया और मनैं े कहा,”भाभी, मत चसूो । मेरा माल नकलने वाला है… ।”
“उगल दे मुह में भोंसडी के… ।” उसका कहना भी पूरा नहीं हुआ था कक मेरा लण्ड से वीरय,नीकल पडा।



“आह मां की लौडी… येले… आह… पी लेमेरा रस… भेन दी फ़ुद्दी…
।” मेरा वीयम उसके मुह में भरता चला गया। भाभी नेबडेही स्वाद
लेकर उसे पूरा पी ललया।
भाभी बेशमी से अब बबस्तर पर लेट गई और अपनी चूत उघाड
दी। उसकी भूरी-भूरी सी, गु
लाबी सी चूत खखल उठी।
“चल रे भाभी चोद … चूस ले मेरी फ़ुद्दी… देख कमीनी कैसे तर
हो रही है ।” तडपती हुई सी बोली।
मुझे थोडा अजीब सा तो लगा पर यह मेरा पहला अनुभव था सो
करना ही था। जैसे ही मुख उसकी चूत के पास लाया, एक पवचचत्र
सी शायद चूत की या उसके स्त्राव की भीनी सी महक आई। जीभ
लगाते ही पहले तो उसकी चूत में लगा लसलसापन, चचकना सा
लगा, जो मुझे अच्छा नहीं लगा। पर अभी अभी भाभी ने भी मेरा
वीयम पपया था… सो हहम्मत करके एक बार जीभ से चाट ललया।
भाभी जैसे उछल पडी।
“आह, भैया… मजा आ गया… जरा और कस कर चाट…।”
मुझे लगा कक जैसे भाभी तो मजे की खान हैं… साली को और
रगडो… मनैं उसेकस-कस कर चाटना आरम्भ कर हदया। भाभी ने
मेरे सर के बाल पकड कर मेरा मुख अपने दाने पर रख हदया।


भाभी नेएक बार किर से मुझे कठोरता से जकड. ललया और घोडी बन गई। अपनी भूखी प्यासी गाण्ड को मेरे लौडे
पर कस हदया।
“चल हरामी… लगा जोर … घुसेड दे…तेरी मां की … चल घसुा ना…
।” मेरे हर तरफ़ से जोर लगाने पर भी लण्ड अन्दर नहीं जा रहा
था।
“भोसडी के… थकू
लगा के चोद …नहीं तो तेल लगा के चोद…
वाकई यार नया खखलाडी है।” और भाभी नेअपनेकसे हुये सुन्दर
सेगोल गोल चतू ड मेरे चेहरेके सामनेकर हदये। मनैं थूक ननकाल
कर जीभ को उसकी गाण्ड पर लगा दी और उसे जीभ से फ़ै लाने
लगा। भाभी को जोरदार गुदगुदी हुई।
“भडवे… और कर… जीभ गाण्ड में घुसा दे… हाय हाय हाय रे …
और जीभ घुमा… आह्हह्हह रे… गाण्ड में घुसा दे…बडा नमकीन है रे
तूतो ।” उसकी Cसकाररयााँमुझे मस्त ककये दे रही थी।
“भाभी … ये नमकीन क्या ?” मनैं पूछा तो वो जोर से हंस दी।
“तेरे लौडे की कसम भैया जी … जीभ से गाण्ड मार दे राम …”
मनैंे भी अपनी जीभ को उसकी गाण्ड में घुसा दी और अन्दर
बाहर करने लगा। मनैं े अपनी अपनी एक अगंुली उसकी चूत में
भी घुसा दी। भाभी तडप सी उठी।
“आह मार दे गाण्ड रे… उठा लौडा… मार दे अब…भोसडी के....


मनैं तुरंत अपनी पोजजशन बदली और और उसकी गाण्ड के पीछे
चeपक गया और तन्नाया हु
आ लण्ड उसकी गाण्ड की छेद पर
रख हदया और जोर लगाते ही फ़क से अन्दर उतर गया।
“मदरचोद पेल दे… चोद दे गाण्ड … साली को … मरी भूखी प्यासी
तडप रही थी… चोद दे इस कमीनी को…”
मेरी कमर अब उसे चोदते हु
ये हहलने लगी थी। मेरा लण्ड तेजी
से चलने लगा था। उसकी गाण्ड का छेद अब बन्द नहीं हो रहा
था। जैसेही मैंलण्ड बाहर ननकालता, वो खुला का खु
ला रह जाता।
तभी मैंजल्दी से किर अपना लण्ड घुसेड देता… हां एक थू
क का
लौन्दा जरर उसमें टपका देता था। किर वापस से दनादन चोदने
लगता था। बीच बीच में वो आनन्द के मारे चीख उठती थी। घोडी
बनी भाभी की चूत भी अब चू
ने लग गई थी। उसमें से रनत-रस
बूंद बूंद करके टपकने लगा था। मनैं अपना लन्ड बाहर ननकाल
कर उसकी चूत में घुसेड हदया।
“भोसडी के …धीरे से… मेरी चूत तो अभी तो साल भर से चुदी भी
नहीं है… धीरे कर ।”
“ना भाभी… मत रोको… चलने दो लौडा…। “
” हाय तो रुक जा … नीचे लेट जा… मुझे चोदने दे अब…”


“बात एक ही ना भाभी… चुदना तो चूत को ही है…”
“अरे चल यार… मुझे मेरे हeसाब से चुदने दे…भोसडी तो मेरी है
ना…” उसके स्वर में व्याकुलता थी।


मेरे नीचे लेटते ही वो मुझ पर उछल कर चढ़ गई और खडे लण्ड
पर चूत के पट खोलकर उस पर बैठ गई। चचकनी चूत में लण्ड
गुदगुदी करता हुया पूरा अन्दर तक बैठ गया। उसके मुख से एक
आह ननकल पडी। अब उसने मेरा लण्ड थोडा सा बाहर ननकाला
और किर जोर लगा कर और भी गहराई में उतारने लगी। हर बार
मुझे लण्ड पर एक जोर की लमठास आ जाती थी। उसके माँुह से
एक प्रकार की गुरामहट सी ननकल रही थी जैसे कक कोई भू
खी
शेरनी हो और एक बार में ही पुरा चुद जाना चाहती हो। अब तो
अपनी चूत मेरे लण्ड पर पटकने लगी… मेरा लण्ड लमठास की
कसक से भर उठा। उसके धक्के बढ़तेगयेऔर मेरी हालत पतली
होती गई… मुझे लगा कक मैंबस अब गया… तब गया…। पर तभी
भाभी ने अपने दांत भींच ललये और मेरे लण्ड को जोर से भीतर
रगड हदया और उसकी चूत ने पानी छोड हदया। चूत की रगड
खाते ही मेरी जान ननकल गई और मेरे लण्ड ने चूत में ही अपना
यौवन रस छोड हदया…


उसकी चूत में जैसे बाढ़ आ गई हो। मेरा तो वीयम ननकले ही जा
रहा था… और शायद भाभी की चूत ने भी चुदाई के बाद अपना
रस जोर से छोड हदया था। वो ऊपर चढ़ी अपना रस ननकाल रही
थी और किर मेरे ऊपर लेट गई। सब कुछ किर से एक बार
सामान्य हो गया
“भाभी आपकी चदुाई तो …”
भाभी ने मेरे मखु पर हाथ रख हदया,”अब नहीं … गाललयााँ तो
चुदाई में ही भली लगती है…अब अगली चुदाई में प्यारी-प्यारी
गाललयां देंगे ।”
‘सॉरी, भाभी… हां मैंयह पूछ रहा था कक जब आप को मेरे बारे में
पता था तब आपने पहल क्यों नहीं की?”
“पता तो तुझे भी था… मैंइशारे करती तो तूसमझता ही नहीं
था… किर जब मुझे पक्का पता चल गया कक तेरे मन में मुझे
चोदने की हैऔर तूमेरे नाम की मुठ मारता हैतो किर मेरे से
रहा नहीं गया और तुझ पर चढ़ बैठी और मस्ती से चुदवा ललया।”
“भाभी धन्यवाद आपको … मतलब अब कब चुदाई करेंगें…?”



“तेरी मां की चूत… आज करे सो अब… चल भोसडी के चोद दे
मुझ…े । ” और भाभी किर से मझुे नोचने खसोटने के ललये मुझ
पर चढ़ बैठी और मुझे नीचे दबा ललया और मझुेगाल पर काटने
लगी। मैंलससक उठा और वो एक बार किर से मुझ पर छा गई…
मेरा लण्ड तन्ना उठा… मेरा चेहरा उसने थूक से गीला कर हदया
और मेरे गालों को काटने लगी…। मेरा लण्ड उसकी चूत में किर
से घुस पडा…
यह कहानी आपको कै सी लगी जरर बताएं
Lund ki bhukhi madarchod bhosdiya gandi gaaliya bol kar hi chudati h.
 

Adirshi

Royal कारभार 👑
Staff member
Sr. Moderator
38,085
53,480
304
Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hind section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 
Top