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Incest BETI KE KHET KII JUTAAI .....

Abhimanyu Roy

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Bahut hi badhiya kahani likhi hai bhai aapne. Bas ek request hai ki jo Ramesh ka Idea tha shaadi tha ka , agar wo ho to bhi Kajri ka Ramesh se aur Sarju ka Payal se Sex mat dikhana.

Otherwise abhi tak ke sabhi updates bahut hi shaandar hain.
 

Rebel.desi

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Bahut hi badhiya kahani likhi hai bhai aapne. Bas ek request hai ki jo Ramesh ka Idea tha shaadi tha ka , agar wo ho to bhi Kajri ka Ramesh se aur Sarju ka Payal se Sex mat dikhana.

Otherwise abhi tak ke sabhi updates bahut hi shaandar hain.
Theek hai Bhai aisa kuch bhi nahin hai kahaani main ....
 
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Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
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Atyant kamuk aur madak update
 

Rebel.desi

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भाई का बहन के प्रति शारीरिक आकर्षण तो प्रकृति का नियम है, ऊपर से अगर बहन के जिस्म पर देवी रति की कृपा हो फिर तो भाई हर दिन अपनी बहन को भोगना चाहेगा। पर ऊपर से अगर बहन सती सावित्री टाइप की हो तो भाई का रोज कटता है।

यही हालत इन दोनों भाई बहन की भी थी। बहन एकदम सीधी और सती सावित्री जैसी और सेक्सी जिस्म की मलिका और भाई उसके हुस्न का दीवाना और हर रोज उसके जिस्म को भोगने के लिए कोशिश करता था,कभी गले से भीच कर गांड दबाता, कभी उसके दूध... बेचारी किसी तरह खुद को छुड़ा कर वंहा से भाग जाती। अपने भाई के द्वारा ऐसा करने पर वह बहुत जल्दी ही गरम हो जाती थी पर वह एक सच्ची पवित्र नारी थी। जो अपनी सील अपने होने वाले पति को देना चाहती थी। इसलिए उसने कभी भी अपने भाई की मंसा पूरी नही होने दी।

पर बेचारी किस्मत की मारी निकली। शादी के बाद इसे पता चला कि इसका पति एक नामर्द और गांडू है। बेचारी कुवारी ही रह गयी अपनी सुहागरात में। अपनी पूरी सुहागरात उसने रोते हुए अपनी ससुराल में बिताई। अगले दिन उसका भाई उसे विदा कराने आया और उसे लेकर ट्रैन से अपने घर चल दिया।

शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। रास्ते में उनकी ट्रैन रुक गयी क्योंकि आगे एक ट्रेन एक्सीडेंट हो गया था। बेचारो के पास रात में और कोई चारा ना था सिवाय वही एक धर्मशाला में रात बिताने के।

आज भाई बहन को अकेले एक छत के नीचे पहली बार रात गुजारने को मिल गयी, जिसका भाई अपनी पूरी जिंदगी से इन्तजार कर रहा था। अपनी बहन के डोरीदार ब्लाउज से उसके जिस्म को देख कर वह गरम हो गया। और बस जाकर पकड़ लिया उसको पीछे से। और फिर... बेचारी बहन आज क्या करती... पहले थोड़ा कसमसाई... थोड़ी आनाकानी की... बोली भाई ये मत करो... ...

पर भाई आज कन्हा मानने वाला था, क्योंकि यंहा कोई और नही था बहन को बचाने वाला। धीरे से उसने पहले उसके ब्लाउज की डोरी खोल कर उसको नंगा कर दिया।। आज बहन भी इतनी गरम हो गयी कि बस उफ्फ्फ भाई उफ्फ भाई मत कर कह कर रह गयी।
और फिर देखते ही देखते दोनों भाई बहन एक दूसरे की बाहों में बिस्तर पर थे। भाई ने बहन की सील खोल ही दी आखिर।
 

Ash123

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भाई का बहन के प्रति शारीरिक आकर्षण तो प्रकृति का नियम है, ऊपर से अगर बहन के जिस्म पर देवी रति की कृपा हो फिर तो भाई हर दिन अपनी बहन को भोगना चाहेगा। पर ऊपर से अगर बहन सती सावित्री टाइप की हो तो भाई का रोज कटता है।

यही हालत इन दोनों भाई बहन की भी थी। बहन एकदम सीधी और सती सावित्री जैसी और सेक्सी जिस्म की मलिका और भाई उसके हुस्न का दीवाना और हर रोज उसके जिस्म को भोगने के लिए कोशिश करता था,कभी गले से भीच कर गांड दबाता, कभी उसके दूध... बेचारी किसी तरह खुद को छुड़ा कर वंहा से भाग जाती। अपने भाई के द्वारा ऐसा करने पर वह बहुत जल्दी ही गरम हो जाती थी पर वह एक सच्ची पवित्र नारी थी। जो अपनी सील अपने होने वाले पति को देना चाहती थी। इसलिए उसने कभी भी अपने भाई की मंसा पूरी नही होने दी।

पर बेचारी किस्मत की मारी निकली। शादी के बाद इसे पता चला कि इसका पति एक नामर्द और गांडू है। बेचारी कुवारी ही रह गयी अपनी सुहागरात में। अपनी पूरी सुहागरात उसने रोते हुए अपनी ससुराल में बिताई। अगले दिन उसका भाई उसे विदा कराने आया और उसे लेकर ट्रैन से अपने घर चल दिया।

शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। रास्ते में उनकी ट्रैन रुक गयी क्योंकि आगे एक ट्रेन एक्सीडेंट हो गया था। बेचारो के पास रात में और कोई चारा ना था सिवाय वही एक धर्मशाला में रात बिताने के।

आज भाई बहन को अकेले एक छत के नीचे पहली बार रात गुजारने को मिल गयी, जिसका भाई अपनी पूरी जिंदगी से इन्तजार कर रहा था। अपनी बहन के डोरीदार ब्लाउज से उसके जिस्म को देख कर वह गरम हो गया। और बस जाकर पकड़ लिया उसको पीछे से। और फिर... बेचारी बहन आज क्या करती... पहले थोड़ा कसमसाई... थोड़ी आनाकानी की... बोली भाई ये मत करो... ...

पर भाई आज कन्हा मानने वाला था, क्योंकि यंहा कोई और नही था बहन को बचाने वाला। धीरे से उसने पहले उसके ब्लाउज की डोरी खोल कर उसको नंगा कर दिया।। आज बहन भी इतनी गरम हो गयी कि बस उफ्फ्फ भाई उफ्फ भाई मत कर कह कर रह गयी।
और फिर देखते ही देखते दोनों भाई बहन एक दूसरे की बाहों में बिस्तर पर थे। भाई ने बहन की सील खोल ही दी आखिर।
Bahi yeh kya likha ha..?
 

Rebel.desi

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Bahi yeh kya likha ha..?
Bhai ye story ka part nahi hai ...bas photo daali hai aur description diya hai uska ....
 
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भाई का बहन के प्रति शारीरिक आकर्षण तो प्रकृति का नियम है, ऊपर से अगर बहन के जिस्म पर देवी रति की कृपा हो फिर तो भाई हर दिन अपनी बहन को भोगना चाहेगा। पर ऊपर से अगर बहन सती सावित्री टाइप की हो तो भाई का रोज कटता है।

यही हालत इन दोनों भाई बहन की भी थी। बहन एकदम सीधी और सती सावित्री जैसी और सेक्सी जिस्म की मलिका और भाई उसके हुस्न का दीवाना और हर रोज उसके जिस्म को भोगने के लिए कोशिश करता था,कभी गले से भीच कर गांड दबाता, कभी उसके दूध... बेचारी किसी तरह खुद को छुड़ा कर वंहा से भाग जाती। अपने भाई के द्वारा ऐसा करने पर वह बहुत जल्दी ही गरम हो जाती थी पर वह एक सच्ची पवित्र नारी थी। जो अपनी सील अपने होने वाले पति को देना चाहती थी। इसलिए उसने कभी भी अपने भाई की मंसा पूरी नही होने दी।

पर बेचारी किस्मत की मारी निकली। शादी के बाद इसे पता चला कि इसका पति एक नामर्द और गांडू है। बेचारी कुवारी ही रह गयी अपनी सुहागरात में। अपनी पूरी सुहागरात उसने रोते हुए अपनी ससुराल में बिताई। अगले दिन उसका भाई उसे विदा कराने आया और उसे लेकर ट्रैन से अपने घर चल दिया।

शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। रास्ते में उनकी ट्रैन रुक गयी क्योंकि आगे एक ट्रेन एक्सीडेंट हो गया था। बेचारो के पास रात में और कोई चारा ना था सिवाय वही एक धर्मशाला में रात बिताने के।

आज भाई बहन को अकेले एक छत के नीचे पहली बार रात गुजारने को मिल गयी, जिसका भाई अपनी पूरी जिंदगी से इन्तजार कर रहा था। अपनी बहन के डोरीदार ब्लाउज से उसके जिस्म को देख कर वह गरम हो गया। और बस जाकर पकड़ लिया उसको पीछे से। और फिर... बेचारी बहन आज क्या करती... पहले थोड़ा कसमसाई... थोड़ी आनाकानी की... बोली भाई ये मत करो... ...

पर भाई आज कन्हा मानने वाला था, क्योंकि यंहा कोई और नही था बहन को बचाने वाला। धीरे से उसने पहले उसके ब्लाउज की डोरी खोल कर उसको नंगा कर दिया।। आज बहन भी इतनी गरम हो गयी कि बस उफ्फ्फ भाई उफ्फ भाई मत कर कह कर रह गयी।
और फिर देखते ही देखते दोनों भाई बहन एक दूसरे की बाहों में बिस्तर पर थे। भाई ने बहन की सील खोल ही दी आखिर।
Aisa hi kuch tum bhi likho bhai
 
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